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रोकै रुके न थिरकती रह प्यासी रट आय
अबै रहै चुद चूत जो लंड खड़ा मिल जाय
इधर लपकता लंड पिय होय हाल-बेहाल
धाय चूत फाड़ै करै चोद-चोद कर लाल
अवसर मिलै न चूत को रिसन लंड के संग
लंड तरसता चूत को दूनौ दुक्ख प्रचंड
हाय पिया हा प्रियतमा रट-रट रोवैं अंग
इक-दूजे को ख्वाब में कस लिपटाए संग
अंगुरी बुर में मचलती घुटै मुत्ठ में लंड
जौ न होय चोदन-चुदन भिड़ इक-दूजे संग
उचक उठा कस ठोकता ज्यों-ज्यों प्यारा लंड
लरज लपक ले लीलती चूत मगन आनंद
ठन्न ठुमकता लंड पिय लपक लहर बम लाल
चहै चूत संग भिड़ करै चोद फाड़ बेहाल
रार छिड़ी जमकर मची फच्चा-फच्च अखंड
लंड मापता चूत को चूत मापती लंड
चोट लंड देता मगर भिड़ी चूत भरपूर
दिये चुनौती लंड कह ‘हो हिम्मत कर चूर’
पीछे हट मैदान से या हो जा तैयार
आज मिटा छोड़ूं तुझे लीलूं बारंबार
उधर लंड राजा कहे ‘डरा न रानी आज
छितराती चिथड़े करा मिटा चूत की खाज
चुदवाती रह आज तू लिये ‘गपा-गप’ स्वाद
रखे चुदी बुर लंड यह जनम-जनम तक याद”
उधर चूत आहें भरे हुई धन्य मैं आज
लगे छिपाए लंड बुर रखूं सदा आबाद
आह झर रही मैं पिया चुदी चूत है पस्त
ला चूमूं मैं अब पिया धर मुख लौड़ा मस्त
चुद-चुद हुई बिहाल बुर लागी तबहूँ आग
भडकी ज्वाल चुदै मिटै जागै तबहीं भाग
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