छोटे लंड का पति

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वो अपने चुतड़ आगे पीछे करते हुए जॉन का साथ देने लगी थी। जॉन भी पूरी ताकत के साथ बहुत जोर के धक्के लगा रहा था। जॉन का आठ इंच लम्बा और खूब मोटा लंड नसरीन की चूत में सटासट अंदर बाहर हो रहा था। उसकी चूत के होंठों ने जॉन के लंड को जकड़ रखा था।

जॉन ने मुझसे पूछा, “भाभी! कैसा लग रहा है। अच्छी तरह से चोद रहा हूँ ना!”

मैंने कहा, “तुम्हारा तो जवाब नही है। तुम तो बेहद अच्छी तरह से नसरीन की चुदाई कर रहे हो। मेरी भी चुदाई इसी तरह करना!”

जॉन ने कहा, “भाभी! अभी आपने पूरी तरह से नसरीन की चुदाई कहाँ देखी है। अब देखो कि मैं नसरीन के साथ क्या करता हूँ।”

पंद्रह मिनट गुजर चुके थे। नसरीन अब तक दो बार झड़ चुकी थी। जॉन ने अपना लंड नसरीन की चूत से बाहर निकाला और नसरीन की गाँड में घुसाने लगा। मैं आँखें फाड़े जॉन के लंड को नसरीन की गाँड में घुसता हुआ देखती रही। थोड़ी ही देर में जॉन का पूरा का पूरा लंड नसरीन की गाँड में समा गया। उसके बाद जॉन ने बहुत बुरी तरह से नसरीन की गाँड मारनी शुरु कर दी। नसरीन भी पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी। नसरीन को चुदवाता हुआ देख कर मेरी चूत गीली हुई जा रही थी। मैं भी अपनी चूत में अंगुली डाल कर अंदर बाहर करने लगी। थोड़ी देर बाद जॉन ने अपना लंड नसरीन की गाँड से बाहर निकाल कर उसकी चूत में डाल दिया और पूरे ताकत के साथ जोर-जोर के धक्के लगाते हुए उसकी चुदाई करने लगा।

जॉन काफी अच्छी तरह से नसरीन की चुदाई कर रहा था और उसकी गाँड मार रहा था। करीब तीस मिनट की चुदाई के बाद जॉन झड़ गया। नसरीन भी दो बार झड़ चुकी थी। लंड का सारा रस नसरीन की चूत में निकाल देने के बाद जॉन ने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला तो नसरीन ने लपक कर उसके लंड को अपने मुँह में ले लिया और उसके लंड को चाट-चाट कर साफ़ करने लगी। उसके बाद नसरीन ने अपने कपड़े पहने और आँख मारते हुए मुझसे बोली, “सोहा! अब तुम सारा दिन जॉन से चुदाई का मज़ा लो...! और जॉन हो सके तो सोहा को एक-दो पैग लगवा दो.. खूब मज़े से चुदवायेगी फिर तुमसे!”

उसके बाद वो घर चली गयी। मेरे ज़हन में बार-बार नसरीन की चुदाई का मंज़र घूम रहा था। जॉन ने नसरीन को खूब अच्छी तरह से चोदा था। जॉन बोला, “भाभी नसरीन सही कह रही है... मैं आप के लिए एक ज़ोरदार पैग बना देता हूँ, फिर आपको चुदवाने में ज्यादा मज़ा आयेगा!”

ये कह कर वो पैग लाने बाहर चला गया। मैंने पहले कईं दफ़ा फ्रांसिस के कहने पर उनके साथ पी थी। जॉन ने मुझे ला कर पैग दिया तो मैंने किसी तरह जल्दी हलक के नीचे उतारा क्योंकि पैग बेहद स्ट्राँग था। पीने के बाद मेरा तो सिर हल्का लगने लगा और मुझ पर मस्ती छाने लगी।

पंद्रह-बीस मिनट के बाद जॉन बोला, “आप मेरा लंड सहलाओ, अब मैं आपकी चुदाई करुँगा। मैं तो जॉन के लंड की दीवानी हो चुकी थी। मैंने उसी वक्त उसके लंड को हाथ में पकड़ लिया और सहलाने लगी। उसने मेरे मम्मों को मसलते हुए मेरे होंठों को चूमना शुरु कर दिया। थोड़ी ही देर में उसका लंड टाइट हो गया। वो बोला, “अब थोड़ी देर तक आप मुँह में लेकर चूसो इसे। इससे मेरा लंड और ज्यादा टाइट हो जायेगा!”

मैंने जॉन के लंड को अपने मुँह में ले लिया और तेजी के साथ चूसने लगी। हल्के नशे की हालत में उसका लंड चूसना मुझे बेहद अच्छा लग रहा था। मैं उसका लंड चूसती रही और वो जोश में आ कर आहें भरते हुए मेरे मम्मों को मसलता रहा। थोड़ी ही देर में उसका लंड पूरी तरह से टाइट हो गया। उसके बाद जॉन मेरी टाँगों के बीच आ गया। उसने मेरी टाँगों को मोड़ कर मेरे कन्धे पर सटा कर दबा दिया। मैं एक दम दोहरी हो गयी और मेरी चूत उपर उठ गयी। मैं इस स्टाइल में फ्रांसिस से कईं दफ़ा चुदवा चुकी थी। इस स्टाइल में चुदवाने पर फ्रांसिस का तीन इंच लम्बा लंड भी मेरी चूत में ज्यादा गहरायी तक घुस जाता था। जॉन का लंड तो फ्रांसिस के लंड से बहुत ज्यादा लम्बा और मोटा था। मैं जानती थी कि मुझे जॉन से चुदवाने में बहुत ज्यादा तकलीफ़ होने वाली है लेकिन मुझे ये भी मालूम था कि मुझे मज़ा भी खूब आयेगा।

जॉन ने अपने लंड का सुपाड़ा मेरी चूत के मुँह पर रखते हुए कहा, “भाभी! आज मैं पहली बार आपकी चुदाई करने जा रहा हूँ। आप चाहे जितना भी चीखोगी या चिल्लाओगी मैं आपकी एक भी नहीं सुनुँगा क्यों कि इसी तरह की चुदाई में औरत को मज़ा आता है और वो अपनी पहली बार की चुदाई को सारी ज़िन्दगी याद करती है। मैं आपकी चूत में पूरा का पूरा लंड घुसाते हुए आपको बहुत बुरी तरह से चोदुँगा!”

मैंने कहा, “जॉन प्लीज़! ऐसा मत करो। मुझे बहुत दर्द होगा। मैं मर जाऊँगी!”

वो बोला, “फिर मुझसे चुदवाने का इरादा छोड़ दो। मैं आपको नहीं चोदूँगा!”

इतना कह कर उसने अपना लंड मेरी चूत के मुँह पर से हटा लिया। मैं ठीक उसी तरह से तड़प उठी जैसे कईं दिनों के भूखे के सामने से खाने की थाली हटा ली गयी हो।

मैंने कहा, “अच्छा बाबा! तुम जैसे चाहो मुझे चोदो। मैं तुम्हें मना नहीं करूँगी!”

वो बोला, “फिर ठीक है!”

उसने अपने लंड का सुपाड़ा फिर से मेरी चूत के मुँह पर रख दिया और अपने पूरे जिस्म का जोर देते हुए एक धक्का मारा। मेरे मुंह से जोर की चीख निकली। मैं दर्द के मारे तड़पने लगी जबकि मैं उसका पूरा लंड अपनी चूत में एक बार अंदर ले चुकी थी। लग रहा था कि कोई गरम लोहा मेरी चूत को चीर कर अंदर घुस गया हो। मेरी चूत का मुँह हद से बहुत ज्यादा फैल गया था। उसने मुझे इस तरह से पकड़ रखा था कि मैं जरा सा भी हिलडुल नहीं पा रही थी। जॉन का लंड इस एक ही धक्के में मेरी चूत में चार इंच तक घुस चुका था। इसके पहले की मैं जॉन को मना कर पाती उसने फिर से एक बेहद जोर का धक्का लगा दिया। मेरा पूरा जिस्म थरथर कांपने लगा। मैं पसीने से नहा गयी। मैं दर्द के मारे जोर-जोर से चिल्लाने लगी। मैंने जॉन से रुक जाने को कहा लेकिन जॉन तो जैसे पागल हो चुका था। वो तो कुछ सुन ही नहीं रहा था। उसका लंड दूसरे धक्के के साथ ही मेरी चूत में और ज्यादा गहरायी तक घुस गया। उसने पूरी ताकत के साथ बेहद जोर का तीसरा धक्का लगाया। इस धक्के के साथ ही उसका पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में घुस गया। पूरा लंड मेरी चात में घुसा देने के बाद जॉन रुक गया मेरे मम्मों को मसलते हुए बोला, “क्यों भाभी! मज़ा आया ना?”

मैंने कहा, “तुम बड़े बेरहम हो। तुमने तो मुझे मार ही डाला! धीरे धीरे नहीं घुसा सकते थे क्या?”

वो बोला, “तीन ही धक्के तो लगाये हैं मैंने। इस तरह से लंड घुसाने में जो मज़ा आता है वो मज़ा धीरे-धीरे घुसाने में कहाँ है!”

इतना कहने के बाद जॉन ने धक्के लगाने शुरु कर दिये। मेरी चूत ने उसके लंड को इतनी बुरी तरह से जकड़ रखा था कि चाह कर भी वो तेजी के साथ धक्के नहीं लगा पा रहा था। मुझे नशे और मस्ती के बावजूद भी काफ़ी तेज दर्द हो रहा था और मेरे मुँह से चींखें निकल रही थी। वो धक्के लगाता रहा। धीरे-धीरे मेरी चूत ने उसके लंड को रास्ता देना शुरु कर दिया तो मेरा दर्द कुछ कम होने लगा। मैं दर्द के मारे आहें भरती रही और जॉन धक्के पर धका लगाये जा रहा था। मेरी चूत ने अभी भी उसके लंड को बुरी तरह से जकड़ रखा था इस वजह से जॉन का लंड आसानी से मेरी चूत में अंदर बाहर नहीं हो पा रहा था। वो मुझे धीरे-धीरे चोदता रहा। पाँच मिनट की चुदाई के बाद जब मैं झड़ गयी तो मेरी चूत गीली हो गयी। मेरी चूत ने भी अब जॉन के लंड को थोड़ा सा रास्ता दे दिया था। जॉन ने अपनी रफ़्तार बढ़ानी शुरु कर दी। मेरा दर्द भी अब काफी हद तक कम हो चुका था और मुझे भी मज़ा आने लगा था। जॉन अपनी रफ़्तार बढ़ाता रहा। अब वो पूरे जोश के साथ मुझे चोद रहा था। मैं भी मस्त हो चुकी थी। मैं इसी तरह की चुदाई के लिये इतने दिनों से तड़प रही थी।

पाँच मिनट की चुदाई के बाद मैं फिर से झड़ गयी तो मेरी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी। मेरी चूत का खूब सारा रस जॉन के लंड पर भी लग गया था। मेरी चूत ने भी अब जॉन के लंड से हार मान ली थी और अपना मुंह खोल करके लंड को पूरा रास्ता दे दिया। अब उसका लंड मेरी चूत में सटासट अंदर-बाहर होने लगा था। जॉन की रफ़्तार भी अब काफ़ी तेज हो चुकी थी। सारा बेड जोर-जोर से हिल रहा था । लग रहा था कि जैसे रूम में तूफ़ान आ गया है। मैं भी जोश में आ कर अपने चुतड़ उठाने की कोशिश कर रही थी लेकिन जॉन ने मुझे इतनी बुरी तरह से जकड़ रखा था कि मैं चाह कर भी अपने चुतड़ नहीं उठा पा रही थी। जॉन जब अपना लंड मेरी चूत में अंदर घुसाने लगता तो वो मेरे घुटनों को मेरे कन्धे पर जोर से दबा देता था। ऐसा करने से मेरी चूत बिल्कुल उपर उठ जाती थी और उसका लंड मेरी चूत में पूरी गहरायी तक घुस जाता था। उसके लंड का सुपाड़ा मेरी बच्चेदानी के मुँह का चुम्मा लेते हुए उसे पीछे की तरफ़ धकेल रहा था। मुझे इसमें खूब मज़ा आ रहा था। जॉन मुझे बुरी तरह से चोद रहा था। दस मिनट की चुदाई के बाद मैं तीसरी बार झड़ गयी। मैं पूरे जोश में थी और मेरी जोश भरी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। मैं अब जॉन से कह रही थी, “और... तेज... और... तेज... खूब...। जोर...। जोर... से... चोदो... मुझे...॥ फाड़..डालो... अपनी भाभी की चूत... को...!”

जॉन भी जोश में आ कर आहें भरता हुआ मुझे बहुत बुरी तरह से चोद रहा था। जॉन ताकतवर था ही। वो बहुत जोरदार के धक्के लगा रहा था। मेरे बदन के सारे जोड़ हिलने लगे थे। रूम में धप-धप और छप-छप की आवाज़ गूँज रही थी। साथ ही साथ पूरा बेड भी जोर जोर से हिल रहा था। पंद्रह मिनट की चुदाई के बाद जब जॉन मेरी चूत में झड़ गया तो मैं भी जॉन के साथ-साथ ही चौथी बार झड़ गयी। उसने मेरी टाँगें छोड़ दीं और अपना लंड मेरी चूत में ही डाले हुए मेरे उपर लेट गया। उसका लंड और मेरी चूत हम दोनों के रस से एक दम भीग चुके थे। ढेर सारा रस बेड की चादर पर भी लग गया था और मेरी जाँघों पर भी। जॉन मेरे उपर ही लेटा रहा। हम दोनों एक दूसरे को चूमते रहे। मैं जॉन की कमर को सहलाती रही। वो मेरे होंठों को चूमता रहा और मेरे मम्मों को मसलता रहा और मुझसे कहने लगा, “आपने भैया से भले ही बहुत बार चुदवाया है लेकिन आपकी चूत मेरे लंड के लिये किसी कुंवारी चूत से कम नहीं है। भैया तो आपको औरत नहीं बना पाये थे लेकिन मैंने आपको अब आधी औरत बना दिया है।!”

मैंने कहा, “आधी कैसे? अब तो तुमने मुझे पूरी तरह से औरत बना दिया है!”

वो बोला, “अभी मैंने आपको पूरी तरह से औरत कहाँ बनाया है? थोड़ी देर बाद मैं आपको पूरी तरह से औरत बना दूँगा!”

मैंने कहा, “वो कैसे?”

वो बोला, “आपने देखा था न कि मैंने नसरीन की गाँड और चूत दोनों को बुरी तरह से चोदा था। अभी तो मैंने सिर्फ आपकी चूत की ही चुदाई की है। जब मैं आपकी गाँड भी मार लूँगा तब आप पूरी तरह से औरत बन जाओगी!”

मैंने कहा, “प्लीज़। ऐसा मत करो। मेरी चूत में पहले से ही बहुत दर्द हो रहा है। अगर तुम आज ही मेरी गाँड भी मार दोगे तो मैं तो बेड पर से उठने के काबिल भी नहीं रह जाऊँगी!”

वो बोला, “तो क्या हुआ! मैं आपको आज पूरी तरह से औरत बना कर ही दम लूँगा!”

पंद्रह मिनट गुजर गये तो जॉन का लंड मेरी चूत में ही फिर से खड़ा होने लगा। जैसे ही उसका लंड खड़ा हुआ उसने फिर से मेरी चुदाई शुरु कर दी। इस बार मुझे बहुत हल्का सा दर्द ही हो रहा था क्योंकि उसने अपना लंड मेरी चूत से बाहर ही नहीं निकाला था। इस बार मुझे भी खूब मज़ा रहा था। जॉन पूरे जोश और ताकत के साथ जोर-जोर के धक्का लगाता हुआ मुझे चोद रहा था। दो मिनट में ही मैं एक दम मस्त हो गयी थी और चुतड़ उठा-उठा कर जॉन से चुदवाने लगी। फिर जॉन ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल लिया। उसका लंड मेरी चूत के रस से एक दम भीगा हुआ था। उसने मुझे डॉगी स्टाइल में कर दिया। उसके बाद उसने अपने लंड का सुपाड़ा मेरी गाँड के छेद पर रख दिया और मेरी कमर को जोर से पकड़ लिया। मैं डर गयी क्योंकि अब मुझे बहुत ज्यादा तकलीफ़ होने वाली थी। उसके बाद उसने एक धक्का मारा तो मेरी तो जान ही निकल गयी। उसके लंड का सुपाड़ा मेरी गाँड को चीरता हुआ अंदर घुस गया। मैं दर्द के मारे जोर-जोर से चीखने लगी। तभी उसने दूसरा धक्का लगा दिया इस बार का धक्का इतने जोर का था कि मैं दर्द के मारे तड़प उठी। मैं बेहद बुरी तरह से चीखने लगी। उसका लंड इस धक्के के साथ ही मेरी गाँड में चार इंच तक घुस गया। मैं रोने लगी। मैंने कहा, “अपना लंड बाहर निकाल लो नहीं तो मैं मर जाऊँगी। बेइंतेहा दर्द हो रहा है। मेरी गाँड फट जायेगी!”

जॉन ने एक झटके से अपना लंड मेरी गाँड से बाहर निकाल कर मेरी चूत में घुसेड़ दिया। उसके बाद उसने मेरी चुदाई शुरु कर दी। मुझे थोड़ी ही देर में फिर से मज़ा आने लगा और मैं गाँड के दर्द को भूल गयी। उसने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल कर एक झटके से मेरी गाँड में डाल दिया। मेरे मुँह से जोर की चीख निकली। उसके बाद उसने जोर का धक्का लगाया। इस धक्के के साथ ही उसका लंड मेरी गाँड में और ज्यादा गहरायी तक घुस गया। मैं जोर से चिल्लायी, “जॉन! मैं मर जाऊँगी।“

वो बोला, “शाँत हो जाओ। क्या आपने आज तक कभी सुना है कि किसी औरत की मौत चुदवाने से या गाँड मरवाने से हुई है!”

मैंने कहा, “नहीं!”

वो बोला, “फिर घबराओ मत... आप मरोगी नहीं... सिर्फ थोड़ा दर्द होगा। उसके बाद तो आप खुद ही रोज-रोज मुझसे गाँड भी मरवाओगी और चूत की चुदाई भी करवाओगी!”

इतना कहने के बाद उसने पूरी ताकत के साथ फिर से एक धक्का मारा। मेरा जिस्म पसीने से लथपथ हो गया। मेरी आँखों के सामने अन्धेरा छाने लगा। मैं दर्द के मारे जोर-जोर से चीखने लगी। जॉन ने मेरे उपर जरा-सा रहम नहीं किया और बहुत जोरदार एक धक्का और लगा दिया। इस धक्के के साथ ही उसका पूरा का पूरा लंड मेरी गाँड में घुस गया। मैं रोने लगी थी और मेरी आँखों से आँसू बह रहे थे। उसने मुझे बिना कोई मौका दिये ही अपना पूरा का पूरा लंड बाहर खींच लिया और फिर एक झटके में वापस मेरी गाँड में घुसेड़ दिया। मैं फिर से चीखी। उसने मेरी चीख पर कोई भी ध्यान नहीं दिया और ना ही मुझ पर कोई रहम किया। उसने ऐसा चार-पाँच बार किया। मेरी गाँड की हालत ए बेहद खराब हो चुकी थी। उसके बाद उसने अपना लंड मेरी चूत में घुसा कर मेरी चुदाई शुरु कर दी। थोड़ी ही देर में मैं फिर से सारा दर्द भूल गयी और मुझे मज़ा आने लगा। जॉन ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और मेरी गाँड में घुसेड़ दिया। मैं फिर से चिल्लायी। लेकिन इस बार जॉन रुका नहीं। उसने तेजी के साथ मेरी गाँड मारनी शुरु कर दी। करीब पाँच मिनट तक मैं चीखती रही। फिर धीरे-धीरे खामोश हो गयी। अब मुझे गाँड मरवाने में भी मज़ा आने लगा था। दस मिनट तक मेरी गाँड मारने के बाद जॉन ने अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया और मेरी चुदाई करने लगा। मैं एक दम मस्त हो चुकी थी और सिसकारियाँ भरने लगी थी। थोड़ी देर बाद जब उसने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकला तो मैंने कहा, “अब तो तुमने मुझे पूरी तरह से औरत बना दिया!”

वो बोला, “अभी कहाँ!”

मैंने कहा, “अब क्या बाकी है?”

वो बोला, “अभी मैंने ठीक से आपकी गाँड कहाँ मारी है। मैं तो अभी आपकी गाँड को ढीला कर रहा था। अगली बार मैं सिर्फ आपकी गाँड मारूँगा और अपने लंड का सारा रस आपकी गाँड में निकाल दूँगा। उसके बाद आप पूरी तरह से औरत बन जाओगी!”

पैंतालीस मिनट के बाद जॉन का लंड खड़ा हो गया तो उसने मेरी गाँड मारनी शुरु कर दी। पहले तो मुझे काफ़ी दर्द हुआ लेकिन थोड़ी ही देर बाद मेरा सारा दर्द खतम हो गया। जॉन बहुत बुरी तरह से मेरी गाँड मार रहा था। मैं भी अब मस्त हो चुकी थी। मुझे भी अब खूब मज़ा आ रहा था। मैं नहीं जानती थी कि गाँड मरवाने में भी इतना मज़ा आता है। इस दफ़ा उसने मेरी चूत को छुआ तक नहीं सिर्फ मेरी गाँड मारता रहा। उसने लगभग पंद्रह मिनट तक खूब जम कर मेरी गाँड मारी और फिर मेरी गाँड में ही झड़ गया। इस दौरान जोश के मारे मेरी चूत से दो दफ़ा पानी भी निकल चुका था। लंड का सारा रस मेरी गाँड में निकाल देने के बाद जॉन हट गया और मेरे बगल में लेट गया।

मैंने मुसकुराते हुए कहा, “अब तो मैं पूरी तरह से औरत बन गयी हूँ या अभी कुछ और भी बाकी है!”

वो बोला, “नहीं, अब तो मैंने तुम्हें पूरी तरह से औरत बना दिया है!”

सारा दिन जॉन मेरी चुदाई करता रहा और मेरी गाँड मारता रहा। शाम के पाँच बजे फ्रांसिस का फोन आया कि ऑफिस में कुछ काम होने की वजह से वो रात के ग्यारह बजे तक आयेंगे। ये सुन कर जॉन खुश हो गया और मैं भी। रात के ग्यारह बजे तक जॉन ने मुझे पाँच दफ़ा चोदा और तीन मर्तबा मेरी गाँड मारी। मुझे पहली दफ़ा जवानी का असली मज़ा आया था और मैं बिल्कुल मस्त हो गयी थी। रात के ग्यारह बजे फ्रांसिस वापस आ गये। मेरी गाँड और चूत बुरी तरह से सूज गयी थी। मैं बेड पर से उठने के काबिल ही नहीं रह गयी थी। जॉन दरवाज़ा खोलने गया तो मैंने एक चादर ओढ़ ली। दरवाज़ा खोलने के बाद जॉन अपने रूम में चला गया। फ्रांसिस मेरे पास आये। उन्होंने मुझे चादर ओढ़ कर लेटे हुए देखा तो बोले, “क्या हुआ?”

मैंने कहा, “वही जो होना चाहिये था। मैंने आज जॉन से सारा दिन खूब जम कर चुदवाया है। उसने मेरी गाँड भी मारी है। आज मुझे जवानी का असली मज़ा मिला है जो कि तुम मुझे कभी नहीं दे सकते थे!”

वो बोले, “चलो अच्छा ही हुआ। अब तुम्हें सारी ज़िन्दगी जॉन से मज़ा मिलता रहेगा। तुम्हें कहीं इधर-उधर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जॉन से चुदवा कर खुश हो ना?”

मैंने कहा, “हाँ! मैं बेहद खुश हूँ। उसने आज मुझे बेहद अच्छी तरह से चोदा है। मैं जॉन से चुदवाने के बाद पूरी तरह से सैटिसफाइड हूँ!”

तभी फ्रांसिस ने मेरे उपर से चादर खींच ली और मेरी चूत और गाँड को देखने लगे। वो बोले, “तुम्हारी चूत और गाँड की हालत तो एकदम खराब हो गयी है। बेड की चादर भी तुम दोनों के रस से से एक दम भीग कर खराब हो चुकी है!”

मैंने कहा, “हाँ! मैं जानती हूँ। मैं इस चादर को साफ़ नहीं करूँगी। इस से मेरी यादें जुड़ी हुई हैं। मैं इसे सारी ज़िन्दगी अपने पास संभाल कर रखुँगी!”

उसके बाद फ्रांसिस ने भी मेरी चुदाई की। जॉन के लंड ने मेरी चूत को इतना ज्यादा चौड़ा कर दिया था कि मुझे पता ही नहीं चला कि कब उनका लंड मेरी चूत में घुसा और कब बाहर निकल गया। उसके बाद हम सो गये। सुबह को फ्रांसिस के ऑफिस जाने के बाद जॉन ने फिर से मेरी चुदाई शुरु कर दी। उस दिन भी वो कॉलेज नहीं गया। वो सारा दिन मुझे चोदता रहा और मेरी गाँड मारता रहा।

ये सिलसिला लगभग करीब दो महीने तक चला। दो महीने तक मैंने जॉन से खूब मज़ा लिया। नसरीन भी मेरी सहेली बन गयी और अक्सर वो भी जॉन से चुदवाने आ जाती थी और हम तीनों चुदाई का मज़ा लेते। हम दोनों औरतें एक दूसरे की चूत भी चाटती और अपने जिस्म आपस में रगड़ती थीं। नसरीन चुदवाने से पहले हमेशा शराब के एक-दो पैग पीती थी और उसकी सोहबत में मुझे भी ये आदत लग गयी।

उसके बाद जॉन बीस दिनों के लिये कॉलेज के टूर पर चला गया। उसके चले जाने के बाद नसरीन के साथ लेस्बियन चुदाई तो ज़ारी थी लेकिन जॉन के दमदार लंड की कमी बहुत महसूस होती थी। एक दिन जब फ्रांसिस ऑफिस से वापस आये तो उनका चेहरा उदास था।

मैंने पूछा, “क्या हुआ?”

वो बोले, “मेहता को तो जानती हो ना!”

मैंने कहा, “वो तो हमारे बॉस थे। क्या हुआ उनको?”

फ्रांसिस बोले, “उस साले को क्या होगा। आज उसने मुझे अपने चैम्बर में बुलाया और कहने लगा कि पुराना मैनेजर नौकरी छोड़ कर चला गया है। अगर मैं मैनेजर बनना चाहता हूँ तो कहूँ । मैंने उस से कहा कि बनना चाहुँगा तो मेहता बोला कि मैं इसके बदले उसे क्या दूँगा! मैंने उस से कहा कि सारा कुछ उसका ही तो है तो मेहता कहने लगा कि शर्मा भी मैनेजर बनना चाहता है। बदले में वो मुझे एक रात के लिये अपनी बीवी देगा... मैं उसे क्या दूँगा! अगर मैं दो रात के लिये अपनी बीवी उसे दे दूँ तो वो मुझे मैनेजर बना देगा। मैंने तो मेहता से कह दिया कि ऐसा नहीं हो सकता!”

मैंने फ्रांसिस से कहा, “मेहता है ही ऐसा आदमी। वो अपने साथ ऐयाशी करने पर ही कितनों को तरक्की देता है। ऑफिस की कईं औरतें उसके साथ रात गुज़ार हो चुकी हैं। तबस्सुम को तो तुम जानते ही हो। वो मेरी सहेली थी। एक दिन मेहता ने उस से भी यही बात कही थी। उसने उसे अपनी पी-ए बनाने का लालच दिया था। तबस्सुम को ज्यादा पैसों की जरूरत थी इसलिये वो राज़ी हो गयी थी। उसने मेहता के साथ रात गुज़ारी और उसकी पी-ए बन गयी। तीन दिनों तक तबस्सुम ऑफिस नहीं आयी। तीसरे दिन जब तबस्सुम ऑफिस आयी तो मैंने उसका हाल चाल पूछा। तबस्सुम ने मुझे बताया था कि वो मेहता के साथ चुदवाने के बाद चलने फिरने के काबिल नहीं रह गयी थी। मैंने उस से पूछा कि मेहता ने उसके साथ ऐसा क्या कर दिया। उसने मुझे बताया कि मेहता का लंड दस इंच लम्बा और बेहद मोटा था। तब मुझे उसकी बात पर यकीन ही नहीं हुआ था जब मैंने जॉन का लंड देखा तो मुझे पूरा यकीन हो गया है कि तबस्सुम सही कह रही थी। मैं तो जॉन के आठ इंच लम्बे लंड से चुदवाने की आदी हो चुकी हूँ। मेहता का लंड दस इंच लम्बा है। उससे चुदवाने में मुझे और ज्यादा मज़ा आयेगा। जॉन भी टूर पर गया है इस लिये मेरी चूत में खुजली भी हो रही है। तुम भी मैनेजर बन जाओ। इस से तुम्हारी तनख़्वाह दुगुनी हो जायेगी और हमारी जिन्दगी और ज्यादा अच्छी तरह से गुजरेगी। मुझे भी चुदवाने का मौका मिल जायेगा!”

फ्रांसिस बोले, “तुम क्या कह रही हो?”

मैंने कहा, “मैं ठीक ही कह रही हूँ। जॉन से चुदवाने के बाद मेरी चूत काफी खुल चुकी है। मेहता से दो रात चुदवाने से मेरे उपर ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा, बस मेरी चूत थोड़ी से और खुल हो जायेगी। यह बात किसी को पता भी नहीं चलेगी। बस सिर्फ तुम राज़ी हो जाओ। क्या तुम नहीं चाहते कि मुझे जवानी का बेइंतेहा मज़ा मिले!”

फ्रांसिस सोच में पड़ गये। थोड़ी देर बाद वो बोले, “मैं कल मेहता से बात करूँगा!”

दूसरे दिन जब फ्रांसिस ऑफिस से वापस आये तो उनका चेहरा उदास था। मैंने पूछा, “अब क्या हुआ। क्या मेहता राज़ी नहीं हुआ?”

वो बोले, “अब वो चार दिन के लिये हम बिस्तर होने को कह रहा है। ऑफिस में दो लोग और अपनी बीवी उसे देने के लिये तैयार हैं!”

मैंने कहा, “तुम अभी उसे फोन करके कह दो। नहीं तो जितना ज्यादा देर करोगे मुझे उतने ही ज्यादा दिन उसके पास रहना पड़ेगा!”

फ्रांसिस ने मेहता को फोन किया।

मेहता ने फ्रांसिस से कहा, “अभी नहीं। अभी मैं और इंतज़ार करुँगा । हो सकता है कि कोई मुझे अपनी बीवी और ज्यादा दिनों के लिये देने के लिये तैयार हो जाये!”

फ्रांसिस ने फोन रख दिया। वो उदास हो गये। मैंने कहा, “तुम मैनेजर बनना चाहते हो या नहीं!”

वो बोले, “बनना तो चाहता हूँ लेकिन मेहता मान जाये तब ना!”

मैंने कहा, “तुम उसे दोबारा फोन कर के कह दो कि तुम हर कीमत पर मैनेजर बनना चाहते हो। वो चाहे जितने दिनों के लिये मुझे अपने पास रख ले। मैं जानती हूँ कि वो बहुत अय्याश आदमी है। वो मुझे एक हफ़्ते से ज्यादा अपने पास नहीं रखेगा क्यों कि उसे हमेशा नयी-नयी औरतें चाहिये!”

फ्रांसिस ने मेहता को फोन किया। मेहता तैयार हो गया। लेकिन उसने कहा कि मुझे आज ही जाना होगा। मैंने फ्रांसिस से कहा, “तुम मुझे उसके घर छोड़ दो। जॉन तो यहाँ है नहीं। उसे कुछ भी पता नहीं चलना चाहिये!”

फ्रांसिस मुझे मेहता के घर छोड़ कर वापस चले आये। मेहता मुझे बेहद सैक्सी हाई हील के सैंडल पकड़ाते हुए बोला, “कपड़े उतार दो। अब तुम्हें दस दिनों तक सिर्फ ये सैंडल पहनने हैं!”

मैंने कहा, “ठीक है सर!”

तबस्सुम ने मुझे मेहता के बारे में सब कुछ बता दिया था कि उसने मेहता को कैसे खुश किया था। मैं मेहता को तबस्सुम से भी ज्यादा खुश करना चाहती थी। मैंने मेहता को शराब पिलायी और उसे खूब जोश दिलाया और उसके साथ-साथ खुद भी पीकर मस्त हो गोयी। मेहता बहुत खुश हो गया। उसने अपने कपड़े उतारे तो मैं उसका लंड देखती ही रह गयी। उसका लंड जॉन के लंड से भी ज्यादा लम्बा और मोटा था। मैं समझ गयी कि मुझे फिर से दिक्कत होने वाली है लेकिन मैं ये भी जानती थी कि मुझे मज़ा भी खूब आयेगा। मेहता ने मेरी चूत में अपना लंड घुसाना शुरु किया तो मुझे दर्द होने लगा। मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी। धीरे-धीरे उसका लंड मेरी चूत में आठ इंच तक घुस गया। उसके बाद जब मेहता अपना लंड और ज्यादा अंदर घुसाने लगा तो मेरे मुँह से चीख निकलने लगी। दर्द के मारे मेरा बुरा हाल हो रहा था। मेहता मेरे चेहरे को देख रहा था। पूरा लंड घुसाने के बाद उसने मुझे चोदना शुरु किया। थोड़ी देर तक मैं दर्द के मारे चीखती रही फिर धीरे-धीरे नॉर्मल हो गयी। मुझे मज़ा आने लगा तो मैंने मेहता को खूब जोश दिला दिला कर चुदवाना शुरु कर दिया। मैंने उसके लंड की खूब तारीफ़ की।