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हाई दोस्तों मैं डिम्पी आपके लिए एक नया अंदाज़ का कहानी लेके आयी हूँ I ये मेरी पहली कहानी है, ये एक ट्रांससेक्सुअल कहानी है I
मैंने सोचा क्यूँ न हिंदी में ऐसी कहानी लिखा जाये I उम्मीद है की कहानी आपको अच्छा लगेगा I
मैं एक सहर में अपने बिधवा माँ के साथ रहता था , हमारे साथ गाँव का एक लड़का मजदूरी करने के लिए रहता था , उसका नाम कालू था I मेरा उम्र 19 था और कालू भी मेरा इमार का था I मैं गाँव के स्कूल में सातवीं क्लास में पढता था I मम्मी की उम्र 38 थी I वो गोरी बदन वाली काफी आकर्षक महिला थीं I उनकी कद 5.6" था उनकी बड़ी बड़ी चुचिया, मोती जांघें और उभरी हुई चौड़ी चुतड .. किसी को भी लालच दिखा सकती है I अब कहानी की और आते हैं I
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एक दिन मेरा तबियत अचानक ख़राब होने की वजह से मैं जल्दी घर वापस आया I घर आकार देखा कोई नहीं है, तभी मुझे अन्दर वाले कमरे से कुछ आवाज़ सुनाई दी I मैंने उसी और जाकर देखा तो मेरे होश उड़ गए I मैंने देखा, मम्मी निचे लेती हुई थी उसकी साडी और पेटीकोट जांघ तक सरका हुआ था और कालू मम्मी की खम्बे जैसे मोटी मोटी जांघों पर तेल मालिस कर रहा था I मम्मी अपनी आंख बंद करके सिसकियाँ ले रही थी I
"कुछ आराम मिल रहा है?"
"हां"
"माँ, अगर आप उलटी लेत जाओ तो मैं पीछे से भी तेल लगा दूंगा"
"अच्छा"
"माँ, ये साडी का कोई काम नहीं है, इसे उतार दो"
"नहीं, खोल के घुटनों तक सरका दे"
"अच्छा"
फिर मम्मी पेट के बल लेत गयी
अब कालू मम्मी की दोनो टांगों के बीच में बैठा हुआ था
"माँ कुछ आराम मिल रहा है"
"हम्म"
"माँ एक बात बोलूं"
"हम?"
"आपकी जांघें सोफ़्टी की तरह मुलायम हैं"
मम्मी इस पर कुछ नहीं बोली। कालू धीरे से मम्मी की पेटीकोट को एकदम कमर तक सरका दिया और तेल मम्मी की भारी गांड पर लगाना शुरु कर दिया
"माँ आपकी गांड को छू के ..."
"छू के क्या?"
"कुछ नहीं"
"बता न छू के क्या?"
"आपके चौड़ी चुतड को छू के दिल करता है कि इन्हें छूता और मसलता जाऊं। आपकी जांघें और भारी चुतड बहुत चिकनी हैं। तेल से भी ज़्यादा चिकनी। माँ क्या आपकी कमर भी इतनी ही चिकनी है?"
"तुझे नहीं पता? खुद ही देख ले"
फिर कालू मम्मी के पेट और कमर पर हाथ फेरने लगा
" अब मैं बहुत मोटी होती जा रही हूं, है न?"
"नहीं माँ , आप पहले से ज्यादा सेक्सी लगने लगी हो?"
"क्या लगने लगी हूं?"
"सेक्सी"
"अबे सेक्सी का क्या मतलब होता है?"
"सेक्सी का मतलब होता है कामुक"
"सच्ची, मैं तुझे कामुक लगती हूं?"
"हां, माँ मैने आज तक इतनी चिकनी उभरी हुई चौड़ी गांड नहीं देखी,
क्या मैं आपकी गांड पे किस कर सकता हूं?"
"क्या"
"प्लीज़ माँ , बस एक बार"
"पर किसी को बताना मत"
"बिल्कुल नहीं बताऊंगा"
कालू मम्मी की उभरी चुतड पे किस करने लगा और जीभ से चाटने भी लगा
"अबे कम्बल निकाल दे"
कालू ने कम्बल निकाल दिया
" आपकी गांड के सामने तो अमूल बटर भी बेकार है"
"अच्छा"
"माँ , मैं एक बार आपकी धूनी(नाभि) पे किस करना चाहता हूं"
"नहीं, तूने मेरी गांड पे कहा था और वो मैंने करने दिया और तूने तो उसे चाटा भी है, अब और नहीं"
"प्लीज़ माँ , जब गांड पे कर लिया तो धूनी से क्या फ़र्क पड़ता है?"
"तो आखिर करना क्या चाहता है?"
"मैं तो आपकी जांघों को भी चूमना चाहता हूं, आपकी जांघों की शेप किसी को भी ललचा सकती है, आपकी कच्छी(पैंटी) आपकी कमर पे इतनी अच्छी तरह फ़िट हो रही है के मैं बता नहीं सकता, आपकी जांघें देख कर तो मेरे मुँह में पानी आ रहा है, क्या मैं आपकी जांघों पे भी किस कर सकता हूं?"
"पता नहीं तूने मुझ में ऐसा क्या देख लिया है, तुने मुझे जो समझा है , मैं वैसे नहीं हूँ I मेरी असलियत देखेगा तो तेरे होश उड़ जायेंगे हम दोनो जो भी करेंगे सिर्फ़ आज करेंगे और आज के बाद कभी इसको डिस्कस भी नहीं करेंगे, प्रोमिस?"
"प्रोमिस.....माँ, मैं आपकी पेटीकोट निकाल दूं?"
"हम्मम्मम...निकाल दे"
अब मम्मी बिना पेटीकोट के थी। जब मैंने ध्यान से मम्मी की पैंटी को देखा जो काफी फूली हुई थी ऐसा लगता था मानो कोई मर्द पैंटी पहना हो I फिर कालू मम्मी की धूनी को चाटने लगा। मम्मी ने अपनी आंखें बंद कर ली। फिर उसने मम्मी की जांघों को दबाने, चूमने और चाटने लगा।फिर जैसे ही एक चुम्मा पैंटी के ऊपर से दिया तो एकदम चौंक गया I
उसने मम्मी की तरफ देखा तो मम्मी मुस्कराते हुए कहा " मैंने तुझे पहले कहा था न " I चल मैं तुझे मेरी बदन की पूरी सैर कराती हूँ, कहने के साथ मम्मी खडी हो गयी I मम्मी कालू की और मुंह करके खडी हो गयी फिर कालू धीरे से मम्मी की पैंटी को उसकी बदन से अलग कर दिया, अब मम्मी एकदम नंगी हो गयी I मुझे मम्मी की भारी भरकम चुतड साफ दिखाई दे रहा था , तभी मम्मी मुड़ी तो जो चीज़ मैंने देखा एकदम आश्चर्य चकित रह गया I मम्मी की बुर के जगह एक 6 इंच का मुरझा हुआ मोटा लंड अंडे के समान अंडकोष के साथ उभरी हुई थी I सरे काले घने बालों से भारी हुई थी I मुझे तो आश्चर्य कास कोई ठिकाना न रहा, मम्मी औरत है या मर्द , मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था I फिर मैंने अन्दर का नज़ारा देखने लगा I मम्मी अपनी लंड को पकड़ का मुठ मरते हुए कालू को बोली " अबे देख क्या रहा है, पहले कभी औरत का लंड देखा नहीं क्या ? "I
मम्मी के इतना कहने कहते ही कालू निकाल मम्मी की लंड पकड़ ली और चुसना शुरु
कर दिया। मम्मी सिसकने लगी "ईईएस्सशह्हह्हह्ह...आआआह्हह्हह..। बहुत आनन्द आ रहा है। मेरी लंड पे तेरी जीभका स्पर्श कमाल का मज़ा दे रहा है" कालू कुछ देर तक मम्मी की लंड चुसता रहा।
"बस, सबसे पहले मैं एक औरत हूँ और बाद में मैं एक मर्द, और एक औरत की लंड कहां घुसेगा" मम्मी कही I
"लेकिन...."
"क्या माँ, जब मैंने आपकी लंड चाट ली तो क्या तुझे चोद नहीं सकते "
"चोद मतलब?"
"मतलब आपकी लंड मेरा गांड में "
"तू मेरी लंड चाहे कितनी ही चाट ले, मुझे चटवाने में ही मज़ा आ रहा है"
"माँ चुदाई में जो आनंद है वो और किसी चीज़ में नहीं"
"तू जानता नहीं मेरी लंड इस वक्त बुर की भूखी है। पर बुर मिलता कहाँ है "
"नहीं माँ, मैं शीघ्र ही आपके लिए बुर छोड़ने का बंदोबस्त कर दूंगा "
"प्रोमिस"
"प्रोमिस"
"तो अपनी माँ की बेकरार लंड को ठंडा कर दे न, मेरी लंड की गर्मी बुझा दे न"
कालू अब मम्मी की लंड को मुठी में पकड़कर आगे पीछे करना शुरु कर दिया , अब मम्मी की लंड लगभग 8 इंच का हो गया और सुपाडा फूल कर लाल हो गया I मम्मी अब कालू की सर को पकड़ ली और जोर जोर से अपनी चौड़ी भारी गांड उछलती हुई अपनी लंड उसकी मुंह में पेल रही थी I
मम्मी सिसकने लगी "ईईएस्सशह्हह्हह्ह...आआआह्हह्हह..। 3 मिनट तक कालू के मुंह में छोड़ने के बाद मम्मी अपनी लंड बाहर निकल ली और दो तिन आखिरी सॉट मरते हुए कालू के मुंह में तेज फौबारे के साथ बीर्य उड़ेल दी , मम्मी हांफ रही थी और लंड अपनी लंड को धीरे धीरे मसल रही थी I
आगे है ....
Mujhe bhi Koi aise lund wali mummy milegi
Jiska lund me shant kar saku or Wo mere Lund ka maza ley
Or mere Girlfriend ko chode mere sath milkar
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