मामी - चलती बस में भोली मामी की चुदाई

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भोली-भाली मामी ने मेरे घोड़े जैसे लंड से प्यास बुझाई.
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मामी_चलती बस में भोली मामी की चुदाई


Hindisexstories by Dr.mastram ©
डॉक्टर मस्तराम // "लॅंडधारी" (मस्तराम - मुसाफिर)


सूचना / General Information / Adult Contents
==================================
All Characters in this story are above 18 years old/ This story has adult and incest/taboo contents. Please do not read who are under 18 age or not like incest contents/ This is a sex story in hindi font, adult story in hindi font, gandi kahani in hindi font, family sex stories in hindi fonts,

इस कहानी के सभी पात्र 18 साल से ऊपर की उम्र के हैं / अगर किसी को पारिवारिक चुदाई की कहानियों के प्रति लगाव नहीं है तो कृपया इसे पढना छोड़ सकते हैं //

मेरे बारे में
========
दोस्तों ! मेरा नाम मस्तराम है और मुझे बचपन से ही कामुक कहानियां पढने और लिखने का बहुत शौक है, मुझे पारिवारिक कामुक कहानियां बहुत पसंद हैं जैसे मम्मी की चुदाई, पापा का मोटा लंड, गधे जैसा रवि भैय्या का लंड, रवि ने दिया मम्मी को घोड़े जैसा लंड, मम्मी की चूत फाड़ दी, बहिन की चूत का भुरता बनाया इत्यादी/

दोस्तो, मेरा नाम रविराम69 है, दोस्त मुझे 'लॅंडधारी' रवि के नाम से बुलाते हैं। कई औरतें मुझे मस्तराम कहते हैं. मेरा लंड 9 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है। जब मेरा लंड खड़ा (टाइट) होता है तो ऐसा लगता है जैसे किसी घोड़े का लैंड या किसी गधे का लंड उसकी चूत का पानी निकाल कर ही बाहर आता है, और वो लड़की या औरत मेरे इस लंबे, मोटे और पठानी लंड की दीवानी हो जाती है । आज तक मैंने बहुत सी शादीशुदा और कुवांरियों की सील तोड़ी है। मैंने अपनी मम्मी को भी पटाकर चुदाई की है क्योंकि मेरे पापा काम के सिलसिले में ज़्यादातर बहार ही रहते हैं, में बछ्पन से ही देखता आया हूँ, की मम्मी की चूत कितनी प्यासी है, पापा के कहने पर ही मम्मी हमेशां अपनी चूत की झांटों को साफ़ कर के रखती है, अब तो मम्मी मेरे पठानी लैंड की दीवानी है .. जब पापा घर पर नहीं होते तो हम दिन और रात मैं कई कई बार चुदाई कर लेते हैं .. बस या ट्रेन या रिक्शा मैं भी मम्मी मेरे लैंड को (सबसे छुपाकर) हाथ में रखती है और मेरे लैंड को आगे पीछे करती है. मम्मी को मेरे लैंड का लम्बाई और मोटाई बहुत बसंद है ..मम्मी को मेरा लैंड पूरा मूंह मैं ले कर चूसना और चूत में डालकर रखना बहुत पसंद है .. /////
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Tags:
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अंधेरी रात, ससुर जी, लंबा-मोटा केला, मेरा फिगर, 38dd-30-36, मेरी कमर पर, चूत और गांड को, लंड पर बैठकर, कुत्ते की तरह चोदो, दोनो चूंचियों, मछली फँसेगी, सेक्सी फिल्म है, अपने लंड पर, कविता की चूत

पटकथा: (कहानी के बारे में) :
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\\ थोड़ी देर मालिश करने पे वो बहुत गरम हो चुका था क्यूँकि उसके पायजामे के ऊपर से उसका तना हुआ लंड दिखाई देने लगा था फ़िर भी मैं चुप चाप मालिश करती रही //
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कहानी
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मेरा नाम रवि है, मैं 19 साल का हूँ.. स्टूडेंट हूँ, मैं इंदौर में अपने मामा के घर रहता हूँ।

आज मैं जो आपको कहानी सुनाने जा रहा हूँ वो 100% एकदम सही है.. यह घटना अभी कुछ 2 महीने पहले की ही है।

मेरे घर में एक पूजा थी.. तो मुझे पूजा में शामिल होने के लिए अपने घर जबलपुर जाना था। दिन में मॉम का फोन आ गया था कि मामी को भी ले आना।

मैंने मामाजी को बोला- मॉम बोल रही हैं कि मामी जी को साथ ले आना।

मामा जी बोले- ठीक है 2 दिन में वापिस आ जाना..

मामा जी की शादी अभी 3 महीने पहले ही हुई थी.. मामाजी की उम्र 26 के करीब थी मैं मामाजी के साथ ही रहता था और मामी मेरी अच्छी दोस्त बन गई थीं। लेकिन मैंने उन्हें कभी बुरी नज़र से नहीं देखा था।

हम बस स्टैंड पहुँचे.. मामाजी हम दोनों को छोड़ने आए थे। मामाजी ने एक डबल बर्थ बुक करा दी और हम बस में बैठ गए। बस 7:30 पर इंदौर से निकल गई और सुबह 7 बजे जबलपुर पहुँचना था।

रास्ते भर मैं और मामी बात करते रहे मामी ने सफ़ेद रंग का सूट पहन रखा था और अभी नई शादी हुई थी तो मामी एकदम मस्त लग रही थीं। उनके गाल भरे-भरे थे और बहुत खूबसूरत थीं। उन्हें देख कर ऐसा लगता था कि मानो कोई परी हों। हम बात करते रहे.. इस वक्त गर्मी का मौसम था.. तो गर्मी लग रही थी। मामी बोलीं- रवि गर्मी बहुत है.. एक काम करो.. तुम थोड़ी देर के लिए नीचे उतर जाओ.. मैं गाउन पहन लेती हूँ..

मैं नीचे उतर गया और मामी ने थोड़ी देर बाद आवाज दी.. तो फिर ऊपर चला गया। मामी को देखकर मैं परेशान हो गया.. वो क्रीम रंग की गाउन पहने हुए थीं क्योंकि गाउन बहुत पतली था और बदन साफ-साफ दिख रहा था। मामी यही गाउन घर पर भी पहनती थीं लेकिन अन्दर ब्लाउज पहनती थीं, मामी ने अन्दर ब्रा भी नहीं पहनी थी.. बस चुनरी ओढ़ रखी थी.. गाउन में ब्रा भी नहीं थी.. तो मामी के मम्मे साफ दिख रहे थे, मैं कुछ नहीं बोला।

हम बात करते रहे.. मामी लेट गईं और मैं फोन में ब्लू-फिल्म देखने लगा.. क्योंकि मामी सो चुकी थीं।

अब मामी की चुन्नी भी खिसक गई.. पूरा बदन दिख रहा था, मामी की पैन्टी पूरी साफ-साफ दिख रही थी, मम्मे कुछ ज़्यादा बड़े नहीं थे.. मुश्किल से एक सेब के बराबर होंगे तो लटक नहीं रहे थे.. एकदम उठे हुए थे। उनके मम्मों की नोक साफ गाउन के ऊपर से दिख रही थी।

मामी सो रही थीं.. उन्हें देख-देख कर मेरा दिमाग खराब हो रहा था और मैं ब्लू-फिल्म भी देख रहा था। मैंने मोबाइल बंद कर दिया और लेट गया। मामी मेरी तरफ करवट लिए हुई थीं तो मुझे उनके मम्मे गले के नीचे से साफ दिख रहे थे।

अब मैंने मामी को चोदने का प्लान बना लिया.. लेकिन मन में डर था.. क्योंकि मैंने कभी ऐसा नहीं सोचा था। मेरा लण्ड खड़ा था.. अब मैंने अपना पैन्ट उतारकर साइड में रख दिया और अंडरवियर में ही लेट गया और सो गया। मुझे नींद नहीं आ रही थी.. क्योंकि मामी की लाल रंग की पैन्टी दिख रही थी।

अब मैंने सोचा कि कुछ करते हैं। मैंने धीरे से मामी के ऊपर हाथ रखा.. तो मामी ने करवट लेकर दूसरी तरफ मुँह कर लिया। मैं तो डर ही गया कि मामी शायद जान चुकी हैं।

मैं थोड़ी देर लेट गया और नींद तो आ नहीं रही थी सो मैंने धीरे से अपने पैर से मामी के गाउन को ऊपर करने लगा। मेरी थोड़ी सी कोशिश से ही गाउन मामी के घुटनों तक आ गया और मैं उनसे चिपक कर लेट गया।

मामी ने कुछ भी ऐतराज नहीं किया.. तो मैंने मामी के गाउन को हाथ से कमर के ऊपर तक ले आया। मामी अब भी कुछ नहीं बोलीं। अब मामी की गोरी-गोरी गांड उनकी लाल रंग की पैन्टी में से साफ दिख रही थी।

अब मेरा दिमाग खराब हो गया। मैंने अपना लण्ड निकाला और मामी की पैन्टी में लगा कर सोने का नाटक करने लगा। बस झटके से चल रही थी.. तो दोनों हिल रहे थे। मामी को भी मेरा लण्ड महसूस होने लगा.. पर वो कुछ बोल नहीं रही थीं।

रात हो चुकी थी.. सब लोग सो रहे थे। तो मेरी हिम्मत और बढ़ गई और मैंने मामी की पैन्टी धीरे से नीची को खिसका दी और घुटनों तक कर दी।
मामी खुद शुरु हो गई

इतने में मामी उठ गईं.. मेरा तो दम निकल गया। मैं सोने का नाटक करने लगा। मामी ने देखा कि मेरा लण्ड खड़ा है और उनकी पैन्टी भी नीचे है.. लेकिन वो फिर से सो गईं।
अब मुझे डर लग रहा था लेकिन लण्ड खड़ा था। फिर मेरी हिम्मत ही नहीं हुई कि मामी को हाथ लगाऊँ। मैं वैसे ही लेटा रहा.. करीब 10 मिनट बाद मामी ने मेरी तरफ करवट ले ली और मेरा लण्ड हाथ में पकड़ लिया।

मेरी जान निकल गई.. मामी भी चुदना चाहती थीं। मेरा लौड़ा 8 इंच का था.. लेकिन मोटा बहुत था.. जो मामी के हाथ में नहीं बन रहा था।

मामी धीरे से बोलीं- रवि .. इतना मोटा लण्ड मैंने पहली बार देखा है..

मैं कुछ नहीं बोला और लेटा रहा। मामी मेरे लण्ड को सहलाने लगीं। अब मैं पूरे जोश में आ गया था लेकिन सकुचा रहा था। मामी ने मुँह में लण्ड लेने की कोशिश की लेकिन मोटा होने के कारण उनके मुँह में नहीं जा रहा था।

मामी मेरे ऊपर आकर बैठ गईं और बोलीं- रवि अब नाटक नहीं करो.. मुझे तुम्हारा लण्ड बहुत अच्छा लगा। तुम मेरा साथ दो..

मामी के बोलने पर मैं जाग गया मामी मेरे ऊपर चढ़ी थीं.. लेकिन लण्ड चूत में जा ही नहीं रहा था।

करीब 3-4 मिनट हो गए.. लंड मामी की चूत में नहीं गया.. फिर मामी ने अपने मुँह से थूक निकाल कर मेरे लण्ड पर मला और जब अब उन्होंने लंड पर बैठ कर दबाव बनाया तो लण्ड एकदम से अन्दर चला गया। मामी चिल्लाईं और झट से उन्होंने चूत से लंड को बाहर निकाल दिया।

मैंने बोला- क्या हुआ?

तो मामी ने बोला- रवि मुझसे सहन नहीं होगा तुम्हारा लण्ड बहुत मोटा है।

लेकिन मेरा लण्ड अभी तना हुआ था, मैंने मामी को बोला- तुम नीचे आ जाओ।

फिर मामी मेरे लौड़े के नीचे आ गईं और मैंने धीरे-धीरे मामी की चूत में लण्ड डाल दिया।

मामी को दिक्कत हो रही थी.. इसलिए मैं धीरे-धीरे हिल रहा था। थोड़ी देर बाद मामी पानी-पानी हो गईं और अब लण्ड आराम से मामी की चूत में शंटिंग कर रहा था।

करीब 7-8 मिनट बाद मैंने मामी की चूत में अपना माल झड़ा दिया। मामी को भी मज़ा आ गया और बोलीं- तुम तो लड़कियों को मार डालोगे और कोई भी लड़की तुम्हारा लण्ड देखकर आराम से चुदवाने को तैयार हो जाएगी।

बस के सफ़र के बाद हम घर पहुँच गए और दूसरे दिन फिर बस से ही उसी तरह आए और इस बार मैं मामी को 3 बार चोदा।

इसके बाद तो जब भी मामा जी घर पर नहीं होते.. तो मामी को खूब चोदता था।

यह मेरी मामी और मेरी चुदाई की एकदम सच्ची दास्तान है..
~~~ समाप्त ~~~

दोस्तो, कैसे लगी ये कहानी आपको ,

कहानी पड़ने के बाद अपना विचार ज़रुरू दीजिएगा ///

आपके जवाब के इंतेज़ार में ///

आपका अपना

डॉक्टर मस्तराम // "लॅंडधारी" (मस्तराम - मुसाफिर)
At dr.mastram69 at rediffmail dot com

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