पागल के घोड़े जैसे लंड का जलवा

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रेनू ने एक पागल का मोटा और लंबा घोड़े जैसा लन्ड़ लिया.
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पागल के घोड़े जैसे लंड का जलवा

By: raviram69© द्वारा रविराम६९

// कैसे रेनू ने एक पागल का मोटा और लंबा घोड़े जैसा लन्ड़ लिया //

All characters in this story are 18+. This story has adult and incest contents. Please do not read who are under 18 age or not like incest contents. This is a sex story in hindi font, adult story in hindi font, gandi हिंदी में चुदाई की कहानी

मेरा संक्षेप परिचय

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दोस्तो, मेरा नाम रविराम69 है, सभी मेरे मोटे लम्बे और गधे जैसे लंड की वजह से मुझे 'लॅंडधारी' रवि के नाम से बुलाते हैं। कई औरतें मुझे मस्तराम कहते हैं. मेरा लंड 9 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है। जब मेरा लंड खड़ा मेरा लंड उसकी चूत का पानी निकाल कर ही बाहर आता है, और वो लड़की या औरत मेरे इस लंबे, मोटे और पठानी लंड की दीवानी हो जाती है । आज तक मैंने बहुत सी शादीशुदा और कुवांरियों की सील तोड़ी है। मैंने अपनी मम्मी को भी पटाकर चुदाई की है क्योंकि मेरे पापा काम के सिलसिले में ज़्यादातर बहार ही रहते हैं, में बचपन से ही देखता आया हूँ, की मम्मी की चूत कितनी प्यासी है, पापा के कहने पर ही मम्मी हमेशां अपनी चूत की झांटों को अब तो मम्मी मेरे पठानी लैंड की दीवानी है .. जब पापा घर पर नहीं होते तो हम दिन और रात मैं कई कई बार चुदाई कर लेते हैं .. बस या ट्रेन या रिक्शा मैं भी मम्मी मेरे लैंड को (सबसे छुपाकर) हाथ में रखती है और मेरे लैंड को आगे पीछे करती है. मम्मी को मेरे लंड का लम्बाई और मोटाई बहुत बसंद है ..मम्मी को मेरा लैंड पूरा मूंह जब किसी की चूत या गांड में पूरा जड़ तक लंड घुस जाता है तो दोनों को ही चुदाई का आनंद आता है .....(बाकि फिर दोस्तों ) //

अभी कहानी

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लेकिन मेरी कुछ जगह पर मांस ज्यादा होने से मैं बहुत सेक्सी लगती हूँ जैसे मेरे मुम्मे 38DD साइज़ के है और मेरे चूतड़ भी बहार की तरफ को निकले हुए हैं ..मैं सभी कपड़ों में बहुत सेक्सी नज़र आती हूँ ... कपड़ों में भी ऐसा लगता है की मेरा पूरा शरीर नंगा हो ... मेरी शादी 1 साल पहले मोहन के साथ हुई है. मोहन की उमर ३० साल की थी. मोहन के अलावा घर पर कोई नहीं रहता. मैं सेक्स में बहुत रूचि रखती हूँ. मैने अपनी लाइफ के बारे में जो ख्वाब देखे थे वो सभी ख्वाब मोहन से शादी करने के बाद टूट गये //

मोहन का लंड बहुत ही छोटा था और उस से मेरी भूख शांत नहीं होती थी. शादी के बाद जब मैं ससुराल पहुचि तो मैने देखा की एक आदमी एक दम नंगा ही पागलों की तरह हमारे घर के आस पास चक्कर लगता रहता था. दिखने में वो गठीले बदन का शानदार नौजवान था और किसी अछे परिवार का लगता था. उसकी उमर लगभग 26-27 साल की रही होगी. मैने मोहन से उस पागल के बारे में पूछा तो वो बोले ये तो बहुत दीनो से यहीं आस पास ही घूमता रहता है //

मेरे घर के आस पास बहुत सारे जंगली पेड़ और पौधे थे जिस से कोई भी आदमी गेट के बाहर से हमारे घर को आसानी से नहीं देख सकता था. वो जब हमारे घर के आस पास होता तो मैं हमेशा छुप छुप कर उसकी निक्कर से बहार लटकते हुए उसके लंड को देखती रहती थी क्यों की उसका लंड ढीला रहने पर भी लगभग 8" लंबा और बहुत ही मोटा था जैसे कोई खीर या ककड़ी हो. मैने सोचा की काश एक बार मैं उसके लंड को अपने हाथो से पकड़ कर देख सकती. मेरा मन बड़ा ललचाता था.. मैं हमेशा सोचा करती थी की काश मोहन का लंड भी लंबा और मोटा होता क्यों की मोहन का लंड सिर्फ 4" लंबा और बहुत ही पतला था //

मुझे उनसे चुदवाने में बिल्कुल भी मज़ा नहीं आता था. वो पागल रात को हमारे कॉंपाउंड में आ जाता था और पूरी रात घर के मैं दरवाज़े के पास बैठा रहता था. ये उन दिनों की बात है जब मोहन 15 दीनो के लिए बंगलौर चले गये. उनके जाने के दूसरे दिन रात के 8 बजे के आस पास वो पागल हमारे घर के दरवाजे के पास आ कर बैठ गया. जब वो रात को आ कर एक कोने में बैठ जाता तो वो फिर सुबह ही वहाँ से वापस जाता था.

तो उसने अपना सिर हां में हिला दिया. मैं खाना ले आई और जब वो खाना खा चुका तो उसने इशारे से पानी मैं उसके बगल में बैठ गयी. मैं तो उसके लंड को अपने हाथ में लेकर देखना चाहती थी. मैं ये भी देखना चाहती थी की उसका लंड खड़ा होने के बाद कितना लंबा और मोटा हो जाता है.

मैने अपना हाथ उसके जांघों पर रख दिया. वो कुच्छ नहीं बोला तो मैं अपना हाथ उसके जाँघ पर फिरने लगी. वो फिर भी कुच्छ नहीं बोला तो मैने अपना हाथ धीरे धीरे उसके लंड की तरफ बढ़ा दिया. वो फिर भी कुच्छ नहीं बोला. अब मेरी उंगलियाँ उसके लंड को टच कर रही थी. मेरे बदन में सुरसुरी सी होने लगी तो मैने अपनी उंगली उसके मेरी चूत भी अब पानी छोड़ने लगी.

जब वो फिर भी कुच्छ नहीं बोला तो मैने अपने हाथों से उसके लंड को पकड़ लिया. मैं धीरे धीरे उसका लंड सहलाने लगी तो वो मुझे घूर घूर कर देखने लगा. उसकी आँखों में भी सेक्स की प्यास एक दम सॉफ दिख रही थी. थोड़ी ही देर में उसका धीरे धीरे से लंड खड़ा होने लगा. उसका लंड टाइट होने के बाद लगभग 10" से भी ज्यादा लंबा और बहुत ही ज़्यादा मोटा हो गया. ऐसा लग रहा था जैसे मेरे सामने किसी घोड़े का लंड या किसी गधे का लंड ऊपर नीचे सलामी मार रहा हो.

मैं उसके लंड के साइज़ को देखकर जोश के मारे पागल सी होने लगी और थोड़ी ही देर में मेरी चूत एक दम गीली हो गयी. मुझे अब ग़लत या सही का कोई होश नहीं रह गया था. मैने सोचा अगर मैं इस पागल से चुदवा लूं तो मुझे कोई कुच्छ भी नहीं कह सकेगा. अगर मुझसे कोई कुच्छ कहेगा तो कह दूँगी की इस पागल ने मेरे साथ ज़बरदस्ती किया है. मैने सोच लिया की आज मैं इस पागल के लम्बे और मोटे लंड से चुदवा कर रहूंगी भले ही मेरी चूत का हाल कुच्छ भी हो. मैं उस पागल का हाथ पकड़ कर घर के अंदर ले गयी.

उसे देख कर लग रहा था जैसे उसने कभी नहाया ही ना हो. मैं उसे बातरूम में ले गयी और उसे एक साबुन देते हुए नहाने को कहा. मैं खड़ी रही और वो नहाने लगा. जोश के मारे मेरी चूत फिर से पानी छोड़ने लगी. नहाने के बाद उसका गोरा बदन एकदम निखर आया. उसका लंड भी बहुत गोरा था. जब वो नहा चुका तो मैं उसे नंगे ही बेडरूम में ले गयी. मैने उसे बेड पर बिठा दिया.

उसने अपना सिर हां में हिला दिया. मैने सोचा की ये तो और अच्च्ची बात है कि ये गूंगा है और किसी से कुछ भी नहीं कहेगा. मैं बेड पर उसके बगल में बैठ गयी. मैने उसके लंड को अपने हाथों में भर कर फिर से सहलाना शुरू कर दिया तो थोड़ी ही देर में उसका लंड खड़ा हो कर एक दम टाइट हो कर सलामी मरने लगा.

मैने सोचा ये तो पागल है. अगर मैं इस से चोदने के लिए कहा तो कहीं ये ज़बरदस्ती अपना पूरा का पूरा लंड एक झटके से ही मेरी चूत में ना घुसा दे नहीं तो मेरी चूत तो फॅट जाएगी. मैने उसे बेड पर लिटा दिया और अपने सारे कपड़े उतार दिए. वो मेरे गोरे बदन को घूर घूर कर देखने लगा. मैने उसके बगल में बैठ गयी और उसके लंड के सुपाडे पर अपनी जीभ फिरने लगी.

वो जोश में आ कर आहें भरने लगा और अपने लंड के झटके मेरे मूह पर मरने लगा. थोड़ी देर बाद मैने उस से पुछा कि मेरी चूत को चाटोगे तो उसने अपना सिर हां में हिला दिया. मैंने उसको बिस्तर पर पीठ के बल लिटा दिया ये व्ही बिस्तर था जिस पर मैं मोहन के साथ सुहागरात मना चुकी थी और रोज़ उसके साथ सेक्स करती थी.

मैंने भी अपनी सलवार कमीज़ उतार दी नीचे मैंने काली ब्रा और पेंटी पहनी थी ... वो पागल मुझे घूर घूर कर देख रहा था .. फिर मैंने अपनी ब्रा और पेंटी भी उतार दी .. मेरे मोटे मोटे मुम्मे पागल की नज़रों के सामने थे .. मैं पागल के उपर 69 की पोज़िशन में लेट गयी मेरे भारी भारी मुम्मे पागल के पेट पर दब रहे थे. मैने उसका लंड अपने मूह में ले कर धीरे धीरे से चूसना शुरू कर दिया.

वो अपनी उंगलियों से मेरी भगनासा को मसालते हुए बड़े प्यार से मेरी चूत को चाटने लगा. मैं समझ गयी की वो किसी औरत को चोदने का पुराना खिलाड़ी है. थोड़ी देर तक मेरी चूत को चाटने के बाद उसने अपनी बीच की उंगली मेरी चूत में घुसा दी और मेरी चूत के ग-स्पॉट को रगड़ने लगा. मेरे सारे बदन में आग सी लगने लगी और मैने उसके लंड को तेज़ी के साथ गपा-गप चूसना शुरू कर दिया. वो मेरे जी-स्पॉट को रगड़ता रहा और मैं जोश से पागल सी होने लगी. फिर 2 मिंट में ही मैं झाड़ गयी. उसके बाद मैं उसके उपर से हट गयी और ढेर सारी क्रीम लाकर उसके लंड पर लगा दी और थोड़ी क्रीम अपनी चूत में भी लगा ली.

क्रीम लगाने के बाद मैं फिर से उसके उपर आ गयी. जैसे ही मैने उसके लंड के सुपाडे को अपनी चूत की च्छेद पर रखा तो उसने मेरा सिर पकड़ कर अपनी तरफ खीच लिया और बड़े प्यार से मुझे चूमने-चाटने लगा. उसके होंठ एक दम गरम थे. मेरे सारे बदन में सिहरन सी दौड़ गयी. थोड़ी देर तक मैने अपनी चूत को उसके लंड के सुपाडे पर रगड़ा.

फिर उसके बाद मैने अपनी चूत को उसके लंड पर थोड़ा सा दबा दिया तो मेरे मूह से हल्की सी चीख निकल गयी और उसके लंड का सुपाडा मेरी चूत में घुस गया और मेरी चूत चारों तरफ से फ़ैल गयी थी क्योंकि पागल का लंड बहुत मोटा और लम्बा था. मुझे दर्द होने लगा तो मैने उसके लंड का सुपाडा अपनी चूत से बाहर निकल दिया और अपनी चूत को फिर से उसके लंड पर रगड़ना शुरू कर दिया. वो बड़े प्यार से मेरी पीठ को सहलाता हुआ मुझे चूमने लगा.

थोड़ी देर बाद जब मेरा दर्द कुच्छ कम हुआ तो मैने अपनी चूत के मूंह को अपने दोनों हाथों से खोल कर उसके लंड के सुपाडे पर फिर से थोड़ा सा दबा दिया. उसके लंड का सुपाडा फिर से मेरी चूत में घुस गया लेकिन इस बार मुझे ज़्यादा दर्द नहीं हुआ क्योंकि मेरी चूत भी अब बहुत पानी छोड़ चुकी थी. मैने अपनी चूत को जैसे ही थोड़ा सा और दबाया तो मेरे मूह से चीख निकल पड़ी.

अब उसका लंड मेरी चूत में लगभग २-३ इंच अंदर तक घुस चुका था. मेरी टाँगें थर थर काँपने लगी. मेरी धड़कन बहुत तेज चलने लगी. लग रहा था की जैसे कोई गरम लोहा मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर घुस रहा हो. मैं रुक गयी. थोड़ी देर बाद मैने धीरे धीरे अपनी चूत को उसके लंड पर उपर नीचे करना शुरू कर दिया. जब मेरा दर्द फिर से कुच्छ कम हुआ तो मैने थोड़ा सा ज़ोर और लगा दिया.

मैं फिर से चीख उठी और उसका भारी लंड मेरी चूत में 4" तक घुस गया. मैने फिर से अपनी चूत में उसके लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. थोड़ी देर बाद जब मेरा दर्द कुच्छ कम हुआ तो उसने मुझसे लेट जाने का इशारा किया. मैं जोश से पागल हुई जा रही थी और उसके इशारे के बाद मैं उसके उपर से हट गयी और बेड पर लेट गयी. मैने सोचा अब जो होगा देखा जाएगा. उसने मेरे चूतड़ के नीचे 2 तकिये रख दिए जिस के कारण मेरी चूत ऊपर की तरफ उठ गई और मेरी चूत उस पागल के सामने एकदम सामने आ गयी. फिर वो मेरी टाँगों के बीच आ गया और उसने मेरी गीली चूत के बीच अपने लंड का सुपाडा रख दिया और मेरी टाँगों को पकड़ कर दोनों तरफ फैला दिया.

मैं डर रही थी की वो कहीं ज़बरदस्ती ही अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में एकदम से ना घुसेड दे. उसने धीरे धीरे अपना लंड मेरी चूत के अंदर दबाना शुरू किया. उसका लंड धीरे धीरे मेरी चूत में घुसने लगा. जैसे ही उसका लंड लगभग 5 इंच तक मेरी चूत में घुसा तो मैं चीखने चिल्लाने लगी और वो रुक गया. उसने अपने होंठ मेरे होठों पर रख दिए और मेरे बड़े बड़े मुम्मे मसालते हुए धीरे धीरे अपना लंड मेरी चूत के अंदर बाहर करने लगा. अब मैं समझ गयी की वो ज़बरदस्ती अपना लंड मेरी चूत में नहीं घुसाएगा.

थोड़ी देर बाद जब मैं झड गयी तो मेरी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी उसका हलब्बी और बहशी लौड़ा मेरी चूत में फचाफच अंदर बहार हो रहा था उसने अपनी स्पीड बहुत तेज कर दी. थोड़ी देर बाद उसने एक जोरदार धक्का लगा दिया तो मेरे मूह से आ निकल पड़ी और उसका लंड और ज़्यादा गहराई तक मेरी चूत में घुस गया. वो फिर से धीरे धीरे धक्के लगाने लगा. उसका लंड अब तक मेरी चूत के अंदर लगभग 6 इंच तक घुस चुका था. वो मुझे धीरे धीरे छोड़ता रहा तो थोड़ी देर बाद मेरा दर्द जाता रहा और मुझे मज़ा आने लगा.

दस मिंट तक चुदवाने के बाद मैं फिर से झाड़ गयी. मेरे झड़ने के बाद उसने फिर से अपनी स्पीड बढ़ा दी. मुझे अब बहुत ही मज़ा आ रहा था. मैने अपना चूतड़ उठना शुरू कर दिया था. मैं उसके हर धक्के के साथ अपने चूतड़ उठा कर ताल से ताल मिला रही थी .. मुझे चूतड़ उठा उठा कर चुद्वाता हुआ देखकर वो रुक गया और उसने धीरे धीरे अपना लंड मेरी चूत के अंदर और ज़्यादा गहराई तक घुसना शुरू कर दिया.

उसका लंड बहुत ही धीरे धीरे मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर घुसता जा रहा था. जैसे ही उसका लंड मेरी चूत के अंदर थोड़ा और घुसा तो मैं फिर से तड़पने लगी लेकिन इस बार मैं चीखी नहीं. दर्द के मारे मैने अपने होंठ जकड़ लिए. वो अपना घोड़े जैसा लंड धीरे धीरे मेरी चूत में घुसता रहा. जब उसका लंड मेरी चूत में लगभग सात इंच तक घुस गया तो मैं दर्द से तड़प उठी और मेरे मूह से जोरदार चीख निकल ही गयी. मेरी चीख निकलते ही वो रुक गया. थोड़ी देर तक रुकने के बाद उसने फिर से धीरे धीरे मेरी चुदाई शुरू कर दी.

थोड़ी देर बाद जब मेरा दर्द फिर से कुच्छ कम हो गया तो उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी और मुझे तेज़ी के साथ चोदने फचा फच चोदे ही जा रहा था ... मैं जोश के मारे पागल सी हुई जा रही थी और जल्दी से जल्दी उसका पूरा का पूरा लंड अपनी चूत के अंदर लेना चाहती थी. लगभग 10 मीं तक छुड़वाने के बाद मैं फिर से झड़ गयी. मेरे झड़ जाने के बाद उसने फिर से अपना लंड मेरी चूत में धीरे धीरे घुसना शुरू कर दिया. मेरी चूत अब तक एक दम गीली हो चुकी थी इस लिए इस बार उसका लंड आसानी से मेरी चूत के अंदर धीरे धीरे घुसता जा रहा था.

मैने अपने होंठ मजे के कारण ज़ोर से जकड़ रखे थे. उसका लंड मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर घुसता ही जा रहा था. थोड़ी देर बाद जब उसका लंड मेरी चूत में लगभग 9 इंच तक घुस गया तो मैं तड़प उठी और मेरे मूह से फिर एक चीख निकल पड़ी. इस बार वो रुका नहीं. उसने अपना लंड आधे से ज़्यादा मेरी चूत से बाहर खीचा वापस बहुत ही जोरदार धक्के के साथ मेरी चूत में पूरा का पूरा अंदर जड़ तक घुसेड दिया. मेरे मूह से बहुत ही जोरदार चीख निकली. उसने 10-12 बहुत ही जोरदार धक्के लगा दिए तो उसका पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में घुस गया.

पूरा लंड मेरी चूत में घुसा देने के बाद उसने मेरी चुदाई शुरू कर दी. मैं दर्द के मारे चीखती रही लेकिन मैने उसे माना नहीं किया. थोड़ी देर बाद मेरा दर्द एक दम कम हो गया तो मैने चूतड़ उठा उठा कर उसका साथ देना शुरू कर दिया. उसने अपनी स्पीड और तेज कर दी. लगभग 10 मिंट तक चुदवाने के बाद मैं फिर से झाड़ गयी. उसने अपनी स्पीड और भी तेज कर दी. वो मुझे तेज़ी के साथ छोड़ता रहा और मैं एक दम मस्त हो कर उस से चुदवा रही थी. अब वो इतने ज़ोर ज़ोर के धक्के लगा रहा था की उसका हर धक्का मुझ पर भारी पड़ रहा था. उसके हर धक्के के साथ मेरे बदन के सारे जोड़ हिल रहे थे और मेरे मुम्मे हर थक्के के साथ ऊपर नीचे हो रहे थे.

मेरी चूत में अब ज़्यादा दर्द नहीं हो रहा था. मुझे छुड़वाने में आज जो मज़ा पहली पहली बार मिल रहा था उसके आयेज ये दर्द कुच्छ भी नहीं था. लगभग 15 मिंट और चुदवाने के बाद जब मैं झड़ गयी तो उसने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकल लिया. मैं उस से पुछा , अब क्या हुआ तो उसने इशारे से मुझे डॉगी स्टाइल में होने को कहा. मैं डॉगी स्टाइल में हो गयी. वो मेरे पीछे आ गया और उसने धीरे धीरे अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में घुसा दिया.

इस बार मुझे ज़्यादा दर्द नहीं हुआ. उसके बाद उसने मेरी कमर को पकड़ कर मेरी चुदाई शुरू कर दी. इस बार वो बहुत ही तेज़ी के साथ मुझे चोद रहा था. उसके हर धक्के के साथ मेरी गांड पर भी पड़ रहा था...सारा बेड ज़ोर ज़ोर से हिल रहा था. मेरी जोश भारी सिसकारियाँ रूम में गूज़ रही थी और वो जाम कर मेरी चुदाई कर रहा था. थोड़ी देर बाद उसने मेरी कमर को छोड़ दिए और अपने दोनो हाथों से मेरे दोनो मुम्मे दबाते हुए और मेरे निपल्स को मसालते हुए मुझे चोदने लगा. मैं एक दम मस्त हो चुकी थी. अब तक मुझे चुदवाते हुए लगभग 45 मिंट हो चुके थे और वो था की झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था.

वो मुझे एक दम आँधी की तरह चोदता रहा. लगभग 1 घंटे के बाद उसने रुक रुक कर ज़ोर ज़ोर के धक्के लगाने उस पागल का गधे जैसा लम्बा मोटा लंड पूरा का पूरा मेरी चूत की जड़ तक अंदर और बहार आ जा रहा था .. मैं समझ गयी की अब वो भी झड़ने की कगार है. मैं भी फिर से झड़ने ही वाली थी. 2 मिंट में ही मैं झड़ गयी और मेरे साथ ही साथ वो भी झड़ गया. उसके लंड से ढेर सारा जूस निकला जैसे की वो बहुत दिन बाद झड़ा हो. मेरी चूत पूरी उसके लंड के अमृत से भर गयी थी ... लंड का सारा का सारा पानी मेरी चूत में निकल देने के बाद वो एक तरफ लेट गया और लेट गया.

मैने उसके लंड को चाट चाट कर सॉफ कर दिया. आज ज़िंदगी में पहली बार मुझे चुदवाने में बहुत ही मज़ा आया था और मैने भी एक दम मस्त हो कर उस से चुदवाया. उसका ढीला लंड अभी भी मेरे पति के लंड से बड़ा दिखाई दे रहा था ... वो भी मुझे चोदने के बाद बहुत ही खुश दिख रहा था और लग रहा था की जैसे बरसों बाद उसके लंड की प्यास बुझी हो. लगभग 1 घंटे तक हम दोनो लेटे रहे और एक दूसरे के बदन को सहलाते हुए होठों को चूमते रहे.

उसके बाद मैने उसका लंड फिर से चूसना शुरू कर दिया तो 2 मिंट में ही उसका लंड फिर से खड़ा हो गया और घोड़े के लंड जैसे ऊपर नीचे झटके मारने लगा. इस बार मैने उस से डॉगी स्टाइल में ही चुदवाया. मेरी चूत पहली बार की चुदाई में सूज गयी थी इस लिए मुझे फिर से थोड़ा थोड़ा दर्द होने लगा लेकिन थोड़ी देर बाद मुझे बहुत ज़्यादा मज़ा आया. उस ने भी इस बार मेरी जम कर चुदाई की. इस बार उसने मुझे लगभग डेढ़ घंटे तक बहुत ही बुरी तरह से छोड़ा और फिर झड़ गया. इस बार की चुदाई के दौरान मैं 4 बार झड़ गयी थी. झड़ जाने के बाद उसने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और मेरी चूत को चाटने लगा जब उसने मेरी चूत को चाट चाट कर एक दम सॉफ कर दिया तो उसने अपना लंड मेरे मूह के पास कर दिया. मैने भी उसके लंड को बड़े प्यार से चाटा और चाट चाट कर एक दम सॉफ कर दिया.

मैने उस से कहा, आज तुमसे छुड़वाने में मुझे जो मज़ा आया है मैं उसे कभी भी नही भूल पाऊँगी. तुमसे चुदवाने में मेरी चूत में बहुत दर्द हो रहा है लेकिन मुझे तुमसे चुदवाने में जो मज़ा आया है उसके आगे ये दर्द कुच्छ भी नहीं है. वो चुप चाप उठा और किचन में चला गया. थोड़ी देर बाद वो पानी गरम कर के ले आया और उसने बड़े प्यार से मेरी चूत की खूब सिकाई की. 15-20 मिंट की सिकाई के बाद मेरी चूत का सारा दर्द जाता रहा. उसके बाद वो मेरी बगल में लेट गया...

~~~ समाप्त ~~~

दोस्तो, कैसे लगी ये कहानी आपको,

कहानी पड़ने के बाद अपना विचार ज़रुरू दीजिएगा ...

रविराम69 at रीडिफ़ मेल डॉट कॉम

आपके जवाब के इंतेज़ार में ..

आपका अपना

रविराम69 (c) "लॅंडधारी" (मस्तराम - मुसाफिर)

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