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Click hereउन्होंने कहा कि वो दुबई पहुँच गए हैं, फिर कंचन से पूछा कि क्या तुम राजू के साथ बंगलौर घूमी या नहीं।
कंचन ने मुस्कुराते हुए मेरी ओर देखा और फोन पर कहा- उसे फुर्सत ही नहीं मिलती है। जब आप आयेंगे तभी मैं आपके साथ घूमूंगी। तब तक आपका इंतज़ार करती हूँ।
फोन रख कर उसने बगल से सिगरेट उठाई और जला कर कश लेते हुए कहा- क्यों भैया? तब तक तुम मुझे जन्नत की सैर करवाओगे न?
मैंने हँसते हुए अपने लंड के धक्के उसके चूत में तेज किया और कहा- क्यों नहीं कंचन डार्लिंग ! लेकिन तू हैं बड़ी कमीनी चीज !
कंचन ने भी मेरे लंड के धक्के पर कराहते हुए मुस्कुरा कर कहा- तू भी तो कम हरामी नहीं है, पक्का बहनचोद है तू ! मैंने कहा- पक्की रंडी है तू साली ! एकदम सही पहचाना मुझे ! तुझ पर तो मेरी तभी से नजर थी जब से तू फ्रॉक पहन के घूमा करती थी। अब जाकर मौका मिला है तुझे चोदने का।
कंचन- हाय मेरे हरामी राजा, पहले क्यों नहीं बताया, इतने दिन तक तुझे प्यासा तो ना रहना पड़ता।
मैंने कहा- सब्र का फल मीठा होता है मेरी जान !
तब तक मेरे लंड का माल उसके चूत में निकल चुका था, अब मैं उसके बदन पर निढाल सा पड़ा था और वो सिगरेट के कश ले रही थी।
और फिर अगले 6 दिन तक हम दोनों में से कोई कमरे के बाहर भी नहीं निकला जब तक कि जीजा जी दुबई से वापस नहीं आ गए।
समाप्त
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