झट पट शादी और सुहागरात 01

Story Info
मेरी सहयोगी एक दिन मेरे रूम में आ गयी शादी का जोड़ा लेकर.
2.6k words
3.78
3.5k
00

Part 1 of the 4 part series

Updated 06/10/2023
Created 07/12/2020
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ये मेरे दोस्त दीपक कुमार की कहानी है जो आगे जा कर मेरी कहानी का एक पात्र होने वाला है

पढ़िए उसकी कहानी उसी की जुबानी

मेरा नाम दीपक है. मेरा कद छह फुट है, गोरा रंग है और मजबूत काठी वाला शरीर है.

मैं एक कॉलेज में प्रोफेसर हूँ. मेरे कॉलेज में कई महिला प्रोफेसर भी हैं, जो कि काफी खूबसूरत भी हैं. लेकिन मैं किसी से ज्यादा बात नहीं करता था. सिर्फ अपनी क्लास लेना और खाली समय में लाइब्रेरी में बुक्स पढ़ता रहता था.

मेरे कॉलेज में एक प्रोफेसर प्रीति भी हैं, जो मुझ से काफी बातचीत करने का प्रयास करती थीं और मेरे आस पास मंडराती रहती थीं. मुझे लगता था कि वो मुझे चाहती थीं, लेकिन कभी कह नहीं पाती थीं.

एक बार कॉलेज में पेपर शुरू होने वाले थे. एग्जाम के पहले छुट्टियां चल रही थीं. कॉलेज शहर में बाहर है, मेरा घर कॉलेज के पास ही है. मेरा घर काफी बड़ा है. उन दिनों मेरे माता पिता शहर में दूसरे घर में रहने गए हुए थे. एक दिन मैं सारे कपड़े निकाल कर नहाने जा ही रहा था कि घर के दरवाजे की घंटी बजी.

मैंने तौलिया लपेट कर दरवाजा खोला, तो देखा गेट पर गोरी चिट्टी प्रीति लाल रंग की साड़ी और ब्लाउज में खड़ी हुई थीं. उनके होंठों पर लाल लिपिस्टिक और बालों में लाल गुलाब लगा हुआ था. प्रीति मेम बिल्कुल लाल परी लग रही थीं. उनके हाथ में एक बड़ा सा लेडीज बैग था. सच में आज मुझे वो गजब की सुन्दर लग रही थीं.

उन्हें लाल रंग की साड़ी में देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया और तौलिया तन गया. मैं उसे देखता ही रह गया. मेरे मुँह से बेसाख्ता निकल गया.

'वो आए घर में हमारे,

खुदा की कुदरत है.

कभी हम उनको,

कभी अपने घर को देखते हैं.'

प्रीति मेम शरमाते हुए बोलीं- अन्दर आने को नहीं बोलोगे?

मैंने कहा- सॉरी मेम अन्दर आ जाइए. आज तक आप मुझे इतनी सुन्दर नहीं लगीं. मैं तो बस आपको देखता ही रह गया.

वो खिलखिला कर हंस दीं.

मेम जैसे ही अन्दर आने लगीं, उनके सैंडल की एड़ी मुड़ गयी, उनका पल्लू गिर गया और वह गिरने लगीं.

मैंने लपक कर उन्हें पकड़ा और उन्होंने भी संभलने के लिए मुझे पकड़ लिया. इस पकड़ा पकड़ी में मेरा तौलिया खुल कर नीचे गिर गया और मेरा हाथ कुछ ऐसे पड़ा कि उनके ब्लाउज की डोरियां खुलती चली गईं. प्रीति मेम का ब्लाउज एकदम से नीचे गिर गया. उन्होंने नीचे ब्रा नहीं पहन रखी थी, जिस वजह से उनके गोरे गोरे सुडौल बड़े बड़े मम्मे मेरे सामने फुदकने लगे थे.

हम दोनों एक दूसरे के ऊपर पड़े थे. मैं भी उनके सामने नंगा खड़ा था. मैं नीचे पड़ा था, वह मेरे ऊपर थीं. उनके मम्मे मेरे छाती से लगे हुए थे.

मैंने उन्हें उठाना चाहा, तो वह शर्मा कर मुझसे लिपट गईं.

उन्हें उठाने के लिए मैंने उनकी साड़ी को पकड़ा, तो वह भी खुल गयी. अब वह सिर्फ पेटीकोट में हो गईं.

मैंने उन्हें प्यार से उठाया और साड़ी उठा कर ओढ़ा दी. उन्होंने भी मुझे और मेरे खड़े लंड को देखा और शर्मा कर मुझसे दुबारा लिपट गईं. उनकी इस अदा से मुझसे रहा नहीं गया. मैंने उन्हें किस कर दिया.

वह मुझसे थोड़ा दूर हो गईं.

अब प्रीति मेम बोलीं- दीपक ... जब से मैंने तुम्हें देखा है, मैं तुम्हें चाहने लगी हूँ. मैंने कई बार तुम्हें बताना चाहा, पर हिम्मत नहीं हो पायी. मेरे पेरेंट्स मेरी शादी किसी और से करना चाहते हैं, पर मैं तुम्हें बहुत चाहती हूँ, तुमसे प्यार करती हूँ और तुमसे शादी करना चाहती हूँ. आज हिम्मत कर तुम्हें अपने दिल के बात कहने आयी हूँ.

मैं उन्हें देखता रह गया और उनके हाथ को पकड़ कर उनको अपनी ओर खींच लिया. मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ लगा दिए और उन्हें किस करने लगा.

मैं बोला- आप भी मुझे अच्छी तो लगती हो ... पर आज तक मैंने आपको इस नज़र से नहीं देखा था. आप बहुत सुन्दर हो और प्यारी भी हो.

प्रीति मेम मेरे होंठों पर उंगली रखते हुए बोलीं- मुझे आप नहीं तुम कह कर बुलाओ.

मैंने प्रीति को अपनी गोदी में उठा लिया और किस करने लगा.

प्रीति मेम बोलीं- प्लीज जरा रुको.

उन्हें मैंने अन्दर सोफे पर बिठा दिया.

मैंने कहा- प्रीति, तुम बहुत सुन्दर हो ... अब जब मैंने तुम्हें आधी नंगी देख ही लिया है, तो अब तुम शर्म छोड़ कर मुझे प्यार करने दो.

प्रीति मेम बोलीं- मैं शादी से पहले ये सब नहीं करना चाहती. मैं पहला सेक्स सिर्फ अपने पति से करना चाहती हूँ. हालांकि मैं मन ही मन तुम्हें अपना पति मान चुकी हूँ. आज मैंने सिर्फ मर्द के तौर पर तुम्हें नंगा देखा है और तुमने मुझे नंगी देखा है, अगर तुम मुझसे शादी नहीं कर सकते, तो मैं उम्र भर कुंवारी रहूंगी.

मैंने उन्हें चूमा और बोला- मैं भी तुमसे प्यार करता हूँ और तुमसे अभी शादी कर लेता हूँ.

कमरे में से मैंने चाकू उठाया और अपनी उंगली काट कर अपने खून से उनकी मांग भर दी.

मैंने कहा- अब तुम मेरी बीवी हो.

वो मुझे प्यार से देखने लगी. मैंने मेम को पकड़ कर गले लगा लिया. प्रीति मेम मुझसे लिपट गईं और मैं उनके होंठ चूसने लगा. वह भी मेरा साथ देने लगीं.

वो मुझे चूमते हुए बोलीं- आज हमारा पहला मिलन है ... हमारी सुहागरात है.

मैंने कहा- आज का दिन और रात हमारी सुहागदिन और सुहागरात हैं.

इस पल को यादगार बनने के लिए मैं उन्हें कमरे में ले गया, जहां मेरी माँ ने मेरी होने वाली दुल्हन के लिए सब सामान संजो कर रखा हुआ था. दुल्हन का जोड़ा, गहने मेकअप का सामान ... सब कुछ रखा था.

प्रीति मेम से मैंने कहा- तुम भी तैयार हो जाओ ... तब तक मैं कमरा तैयार करता हूँ.

मैं उन्हें अपना कमरा दिखाया.

प्रीति मेम बोलीं- पहले तुम कुछ फूल ला दो, फिर नहा लेना और कमरा मैं तैयार कर दूँगी.

फिर मैं प्रीति मेम को वहीं छोड़ कर कपड़े बदल कर बाजार गया. कुछ फूल, फूल-माला, खाने का सामान और कुछ और चीजें ले आया.

घर आकर मैंने प्रीति मेम को आवाज़ दी, तो वो बोलीं- फूल कमरे में रख दो और नहा कर तैयार हो जाओ. आधे घंटे बाद कमरे में आ जाना.

मैं नहा लिया और अपने नीचे बगलों आदि के सब बाल साफ़ कर लिए. एक माला और गुलाब लेकर आधे घंटे के बाद मैंने कमरे का दरवाजा खोला, तो अन्दर का नज़ारा बदला हुआ था.

अब वो कमरा गुलाब के फूलों से सज़ा था और सेज़ पर प्रीति मेम दुल्हन के लिबास में बैठी थीं. प्रीति ने गुलाबी रंग का लहंगा और ब्लाउज पहना हुआ था. वो पूरी तरह से गहनों से लदी हुई थीं.

मुझे देख प्रीति मेम खड़ी हो गईं. उन्होंने बड़ा सा घूंघट कर रखा था. मैंने प्रीति मेम के सामने होकर अपनी माला प्रीति के गले में डाल दी. प्रीति ने भी अपने हाथ की वरमाला मेरे गले में डाल दी और फिर मेरे पैर छुए.

प्रीति को मैंने उठा कर कहा- प्रीति तुम्हारी जगह मेरे दिल में है.

मैंने उन्हें गले से लगा लिया.

ओए होए ... क्या बताऊं ... प्रीति मेम जो की 23 साल की बला की ख़ूबसूरत थीं. आज मेरी बांहों में थीं. उन्हें देख मेरा लंड बेकाबू हो गया था.

प्रीति मेम का रंग दूध से भी गोरा था, इतना गोरा कि छूने से मैली हो जाए. बड़ी बड़ी काली मदमस्त आंखें, गुलाबी होंठ हल्के भूरे रंग के लम्बे बाल, बड़े बड़े गोल गोल चूचे. नरम चूतड़, पतली कमर, सपाट पेट, पतला छरहरा बदन और फिगर 36-24-36 का था.

उनका कद पांच फुट पांच इंच था. मेम दिखने में एकदम माधुरी दीक्षित जैसी थीं. उनकी आवाज़ मीठी कोयल जैसी. वो सुहाग की सेज पर सजी धजी गहनों और फूलों पर बैठी थीं.

आज प्रीति मेम किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थीं. उन्होंने गुलाबी रंग का लहंगा और ब्लाउज पहना हुआ था और ऊपर लम्बी सी ओढ़नी का घूँघट किया हुआ था. इस रूप में अगर कोई 70 साल का बूढ़ा भी उन्हें देख लेता ... तो उसका भी लंड खड़ा हो जाता.

मेरा 7 इंच का हथियार अपने शिकार के लिए तैयार होने लगा. मैं थोड़ा सा आगे होकर बिस्तर पर बैठ गया और उनके हाथ पर अपना हाथ रख दिया. उनका नरम मुलायम मखमल जैसा था. प्रीति मेम का गर्म हाथ पकड़ते ही मेरा लंड फुफंकार मारने लगा और सनसनाता हुआ पूरा 7 इंच बड़ा हो गया.

प्रीति के दूधिया रंग और उनके गुलाबी कपड़ों के कारण पूरा कमरा तक गुलाबी लगने लगा था. उनकी चमड़ी इतनी नरम मुलायम, नाजुक और मक्खन सी चिकनी थी कि उनकी फूली हुई नसें भी मुझे साफ़ नज़र आ रही थीं.

मैंने एक गुलाब उठा कर उनके हाथों को छू दिया, वो कांप कर सिमटने लगीं.

मैंने कहा- मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ और आपको पाना चाहता हूँ.

उन्होंने मेरी तरफ एक बार देखा और लाज से अपनी नजरें झुका लीं.

मैंने अपनी जेब से निकाल कर एक हार उनको अपनी शादीशुदा जिंदगी के पहले नज़राने के तौर पर दिया.

वो बोलीं- आप ही पहना दीजिए.

इस जरा सी थिरकन से उनके गहने खड़कने लगे ... उनकी झंकार से कमरे में मदहोशी छाने लगी.

मैंने उन्हें हार पहनाया, फिर धीरे से उनका घूंघट उठा दिया. मेरी बीवी बन चुकी प्रीति मेम दूध जैसी गोरी चिट्टी लाल गुलाबी होंठ वाली हूर थीं. उनकी नाक पर बड़ी सी नथ एक गजब का खुमार जगा रही थी. मांग में टीका (बिंदिया), बालों में गजरा, उनका मासूम सा चेहरा नीचे को झुका हुआ था. ढेर सारे गहनों से और फूलों से लदीं प्रीति मेम अप्सरा सी लग रही थीं.

उनको इतनी सुन्दर दुल्हन के रूप में देख कर मेरे मुँह से निकल गया- वाह ... तुम तो बला की क़यामत हो मेरी जान.

मैंने धीरे से उनके चेहरे को ऊपर किया. प्रीति की आंखें लाज से बंद थीं. उन्होंने आंखें खोलीं और हल्के से मुस्करा दीं.

इधर मुझे लगता है कि प्रीति मेम, जिनका मैं सम्मान करता था और उन्हें सम्मानसूचक शब्दों से ही सम्बोधित कर रहा था, अब मेरी बीवी बन कर मेरे साथ सुहागरात मना रही थीं. इसलिए अब मुझे उन्हें अपनी भार्या यानि पत्नी के रूप में ही सम्बोधित करना चाहिए.

मैंने बड़े प्यार से प्रीति से पूछा- क्या मैं तुम्हें किस कर सकता हूँ?

प्रीति को शर्म आने लगी.

मैंने उसके होंठों पर एक नर्म सा चुम्बन ले लिया और प्रीति के चेहरे को अपने हाथों में लेकर उसके गाल पर किस कर दिया.

प्रीति लजाते हुए बोली- मैं जब से जवान हुई थी, इस दिन का तब से इंतज़ार कर रही थी.

वो ये कह कर शर्माते हुए सिमट कर मुझसे लिपट गयी.

मैंने प्रीति को अपने गले से लगा लिया और उसकी पीठ पर हाथ फिराने लगा. उसकी पीठ बहुत नरम मुलायम और चिकनी थी. उसने बैकलेस चोली पहनी हुई थी, जो सिर्फ दो डोरियों से बंधी हुई थी. पहले की तरह उसने अभी भी ब्रा नहीं पहनी हुई थी. मेरे हाथ उसकी पीठ से फिसल कर कमर तक पहुँच गए थे. उसकी नंगी कमर एकदम रेशम सी चिकनी, नरम और नाजुक कमर थी.

अब मैंने उसकी ओढ़नी को उसके सीने से हटा दिया और उसे मदमस्त निगाहों से निहारने लगा. मेरे इस तरह से देखने से प्रीति को शर्म आने लगी और वो पलट गयी. उसने अपनी पीठ मेरी तरफ कर दी.

मैं आगे बढ़ गया और उसे अपनी मजबूत फौलाद जैसी बांहों में कस कर जकड़ लिया. मैंने अपने होंठ प्रीति की गर्दन पर रखे और उस पर किस करने लगा. उसके शरीर से पसीने और लेडीज परफ्यूम की महक आ रही थी, जो मुझे मदहोश कर रही थी.

मैंने प्रीति के गले पर किस करते हुए अपना मुँह प्रीति के कान के पास किया और कान में कहा- आय लव यू जान ... तू बहुत अच्छी लग रही है ... आज मैं अपनी दुल्हन को प्यार करूंगा और तेरी सील तोड़ दूँगा.

मेरी ऐसी बातों से प्रीति पागल हो गयी, उसकी गर्म बांहों में मेरा शरीर जल रहा था.

मैंने प्रीति को अपनी तरफ किया और अपने होंठों को प्रीति के होंठ पर रख दिए और उन्हें चूसने लगा. मैं बहुत जोश में था और प्रीति के होंठों पर ही टूट पड़ा.

प्रीति के सफ़ेद बड़े-बड़े खरबूजे देख कर मेरी तो जुबान रुक गई. प्रीति ने गहरे गले का चोलीनुमा ब्लाउज पहना हुआ था, इसमें से उसकी आधी चुचियां और क्लीवेज झाँक रही थी.

जैसे ही उसकी ओढ़नी सरकी, मैं प्रीति की आधी नंगी चूची को देख कर मस्त होने लगा. मेरा लंड टाइट हो गया.

मैं प्रीति की जांघें और नंगी चूची को टच करने की कोशिश करने लगा. प्रीति को भी एक्साइटमेंट होने लगा. प्रीति भी मेरे सामने ढीली पड़ने लगी.

मैं उसे अपने सीने में चिपका कर उसकी गांड को सहलाने लगा. साथ ही मैंने प्रीति की चोली के अन्दर हाथ डाल दिया और बारी बारी से उसकी दोनों मस्त चूचियों को दबा दिया. प्रीति की मदभरी सीत्कार निकल गई.

मैंने बिना कुछ कहे प्रीति को उठा कर अपनी गोद में घसीटा और उसके लिपस्टिक से रंगे होंठ बिना लिपस्टिक के कर दिए.

प्रीति भी वासना में पागल सी हो गई थी. वो अपने हाथ मेरी गर्दन पर फिराने लगी. मैंने प्रीति की ढलकी हुई ओढ़नी को पूरी तरह से हटा दिया और चोली की डोरियों की खींच कर तोड़ ही डाला.

वह मुझे पागलों की तरह किस करने लगी और मैं भी उसका पूरा पूरा साथ देने लगा था. मैं उसके बड़े बड़े सफ़ेद मम्मे देख कर पागल हो गया था. उसके मम्मे उत्तेजना से एकदम लाल होने लगे थे. मम्मों के ऊपर घमंड से अकड़े हुए उसके चूचुक गुलाबी रंग के थे.

मैंने एक हाथ से उसका एक दूध पकड़ कर जोर से दबा दिया. वह सिसकार उठी- अहहह अम्म्म ऊऊऊ मम्मम ...

प्रीति कहने लगी कि आह ... सनम और जोर से दबाओ.

मैंने उसकी इस बात को सुनकर चोली की टूटी पड़ी डोरियों को खींच कर अलग किया और उसका लहंगा भी उतार डाला.

एक एक करके उसके सारे जेवर जल्दी जल्दी उतार डाले. हम दोनों को पता भी नहीं चला कि मैंने कब प्रीति को नंगी कर दिया. मैंने उसकी सिर्फ नथ रहने दी ... नथ मुझे उकसाने लगती है. सिर्फ नथ में प्रीति बहुत सेक्सी लग रही थी.

फिर मैं उसके होंठों को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी. मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी. मैंने भी उसकी जीभ को चूसा. मैं प्रीति को बेकरारी से चूमने लगा. चूमते हुए हमारे मुँह पूरे खुले हुए थे, जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थीं. हमारे मुँह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था.

कम से कम 15 मिनट तक मैं उसका लिप किस लेता रहा. मुझे इस वक्त उसके तन पर किसी अन्य अंग को छूने या सहलाने का होश ही नहीं था.

फिर अचानक प्रीति ने मेरा हाथ पकड़ा. मैंने अपना हाथ न जाने कौन सी अदृश्य ताकत से उठा दिया और उसके मम्मों को दबाने लगा. इस हरकत से मुझे महसूस हुआ कि जबकि मेरा हाथ उसके मम्मों की तरफ जरा भी ध्यान नहीं दे रहा था, तो अचानक प्रीति के हाथ के स्पर्श मात्र से मैं कैसे उसके मन की बात समझ कर उसके मम्मों को मसलने लगा. शायद ये ही प्यार होता है.

मैं उसके चूचों को बड़ी नजाकत से मसल रहा था. वो भी मेरा साथ देने लगी. मेरी जीभ अब भी उसकी जीभ से मिली हुई थी. अचानक उसका शरीर सिहरने लगा और वह झड़ने लगी.

प्रीति तो मेरे होंठों में ही गुम थी कि अचानक से एक 'चटाक..' से प्रीति के चूतड़ों में एक चपत सी महसूस हुई.

प्रीति ने बिलबिला कर मेरे होंठ छोड़ दिए और मेरी तरफ सवालिया निगाहों से देखा.

मैं मुस्कराते हुए बोला- माफ़ कर देना ... तुम्हें देख कर मुझे कुछ भी होश नहीं रहता.

प्रीति भी मुस्कुरा उठी और कहा- कोई बात नहीं ... मैं सब सहन कर लूँगी.

मुझे आशा है कि आज मेरी बीवी के साथ मेरी इस सुहागमिलन की घड़ी में आपको मजा आ रहा होगा. ये मेरी सच्ची चुदाई की कहानी है,

कहानी जारी रहेगी

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