अंतरंग हमसफ़र भाग 013

Story Info
जेन के साथ सेक्स.
2.6k words
5
955
00

Part 13 of the 342 part series

Updated 03/31/2024
Created 09/13/2020
Share this Story

Font Size

Default Font Size

Font Spacing

Default Font Spacing

Font Face

Default Font Face

Reading Theme

Default Theme (White)
You need to Log In or Sign Up to have your customization saved in your Literotica profile.
PUBLIC BETA

Note: You can change font size, font face, and turn on dark mode by clicking the "A" icon tab in the Story Info Box.

You can temporarily switch back to a Classic Literotica® experience during our ongoing public Beta testing. Please consider leaving feedback on issues you experience or suggest improvements.

Click here

"मेरे अंतरंग जीवन की हमसफ़र -12 " में पढ़ा

मेरे होंठ जेन के ओंठो के साथ चिपके रहे, हमारी भुजाओं ने एक दूसरे को कमर के करीब से जकड़ा हुआ था, उसका हाथ मेरे कठोर लंड की ऐंठन को पकडे हुए था, जबकि मेरे दुसरे हाथ की उंगलियां क्लिटोरिस और उसकी योनि के साथ व्यस्त थींl उस समय केवल हमारे चुंबन और हमारी आह की आवाज ही वहां सुनाई दे रही थीl ये तब तक चलता रहा जब तक मेरे द्वारा उसकी चूत की छेड़ छाड़ और उसके चूत के दाने को सहलाने के कारण उसका शरीर हल्का सा थर्र्राया और मेरी उंगलियो ने उसकी योनि से निकलता हुआ गीलापन महसूस किया। और वह तेज तेज साँसे लेती हुई धीमे से मेरे कानो में बोली "ओह! दीपक मजा आ गया! अरे ये मुझे क्या हुआ?" "मुझे माफ़ कीजियेगा मैंने आपका हाथ गीला कर दिया।" वह शर्माते हुए बोलीl "

मैं दीपक आपने मेरी कहानिया "झट शादी पट सुहागरात-1-4" में पढ़ा कैसे मेरी सहयोगी प्रीती दुल्हन बन कर सुहागरात मनाने को तैयार हो गयीl उसके बाद मेरी और मेरे घर की देखभाल करने वाली रोजी और रूबी मिली और मेरी पहली चुदाई के बारे में पूछने लगी, तो मैंने उसे बताया किस तरह मैं रोज़ी और रूबी से मिला, कैसे मेरी और रोजी की पहली चुदाई हुईl उसके बाद कैसे मैंने रूबी को चोदाl फिर हमारे गाँव के प्रवास के आखिरी दिन जंगल में हमने ग्रुप सेक्स और प्रेमिकाओ की अदला बदली का कार्यक्रम बनायाl रोजी ने हमे अपनी सहेली टीना से मिलवाया और टीना की पहली चुदाई कैसे हुईl फिर छोटे योनि के छेद वाली मोना को मैंने चोदाl रात में एकबार फिर सबका एक साथ ग्रुप सेक्स हुआ, और रोजी मेरे साथ शहर आ गयीl उसके बाद मेरी बुआ और उनकी तीन बेटियों लंदन से दिल्ली हमारे घर आयेl मैं मेरी बुआ की सबसे बड़ी बेटी जेन के साथ शाम के समय मैदान में घूमने गया और वहां उससे प्रेम निवेदन किया और रात में रोजी और रूबी के साथ हमारा पहला थ्रीसम हुआl अगले दिन सुबह अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मैं और जेन नाश्ते के बाद घूमने निकले ( मेरे अंतरंग जीवन की हमसफ़र -1 -12)।

अब आगे

ये कह कर मैं चुप हो गया क्योंकि मैं भी उस अनुभव की यादो में खो गया था तो प्रीती बोली आगे क्या हुआ? जेन के साथ आपका मिलन कैसे और कहाँ हुआ.. बताइये प्लीज ।

तो मैं बोला;

थोड़ी ही देर में जेन की उखड़ी हुई साँसे, संयत हो गयी और फिर मैंने उसे समझाया कि जिस परमानंद को उसने अभी महसूस किया था, वह केवल उस खुशी का थोड़ा सा संकेत मात्र था जो मैं उसे दे सकता था, अपने लंड को उसकी योनि में डालकर। मेरी मजेदार प्रेरक वाक्पटुता और उसकी इच्छाओं की गर्माहट ने जल्द ही उसके सभी स्त्री सुलभ डर और दबाव को खत्म कर दिया, और वो मुझे चूमने लगी मेरे लिए इतना इशारा काफी था।

फिर उसकी ड्रेस को नुकसान पहुंचने के डर से, या मेरे हल्के सफ़ेद रंग की पतलून के घुटनों पर घास का हरा दाग लगने के डर से, मैं उसे एक गेट जो वहां था उस पास ले गयाl मैंने उसे गेट के पास खड़े होने के लिए राजी कर लिया और मैं उसके पीछे आ गया। उसने गेट का एक हिस्सा पकड़ते हुए अपना चेहरा अपने हाथों में छिपा लिया, जैसे ही मैंने धीरे से उसकी ड्रेस उसके नितम्बो से ऊपर कर दी, तो मेरे देखने के लिए क्या नजारा मेरे सामने आया थाl मेरा लंड जो पहल ही पेण्ट से बाहर था, उसकी गोल चिकने नितंबों को देखते हुए एक पल में अपने पूरे विकराल रूप में आ गयाl लंड की कठोरता नवीनीकृत हो गई थीl उसकी गांड की दरार को मैंने मह्सूस किया.आअह्ह्ह उसकी सिसकी निकल गयी ।

मैंने उसके नितम्बो के बीच की सफ़ेद सुंदर दरार को सहलाया तो वह कहराने लगी जैसे उसे बहुत राहत मिली हो। मैंने नितम्बो को दबाया क्या नरम और मजबूत नितम्ब थे मैंने दरार को थोडा खोला और उसके मांस को उजागर किया, तो मैं उसकी योनि के मोठे होंठों को देख सकता था, जो दो पंखो जैसे लग रहे थे , जो नीचे की तरफ नरम थेl उसकी सुदृढ़ पुष्ट जाँघे, सुन्दर घुटने उसके प्यारे पैर, लम्बी केले के पेड़ के तने जैसी लम्बी चिकनी टाँगे, सुन्दर लम्बे जूते सब मिला कर, बहुत सुन्दर बना रहा था, जिसे मैं लिख और वर्णन करता हूँ तो आज भी मेरा लंड उत्साहित हो कठोर हो रहा है ।

ये नज़ारा मेरे लंड की सूजन के विकराल होने का कारण बन गया l सबसे खूबसूरत और शानदार दृश्य था। मैं उसके नीचे झुका, और उसके नितम्बो को चूमा, और सब कुछ जहाँ तक मेरी जीभ तक पहुँच सकता थी उसको भी चूमा । यह सब मेरा था, मैं उठ कर खड़ा हुआ और प्रेम सिंघासन का कब्जा लेने के लिए तैयार हो । ऐसे में गोरी चिट्टी जेन को मुँह से गू गू आवाजे निकली वो गाये के रम्भाने जैसी थी।

अपना प्रेम औजार को पकड़ कर प्रेम की गुफा के द्वार के पास लाने ही वाला था की जेन अचानक से चीखी! बचाओ! जेन बेहद परेशान हो गई और डर गयी थी । उसकी गु गु की आवाज सुन कर एक सांड आकर्षित हो कर उसी और आ गया था। उसे एक बहुत बड़ा भयानक सांड अप्रत्याशित रूप से उसके सामने की तरफ दिखाई दिया,और उस सांड की ठंडी नम नाक जेन के माथे से अचानक छूने से मेरी प्यारी जेन उस समय बहुत ज्यादा डर गयी। वह पलटी और सीधी खड़ी हो गयी और मेरे साथ लिपट गयी और उसके कपड़े उसके बदन पर गिर गए, हमारी सारी व्यवस्था एक पल में उलट पलट हो गयी।

जेन चिल्लाते हुए बेहोश होने वाली थी, " दीपक, दीपक! बचाओ मुझे इस भयानक जानवर से बचाओ!" मैंने उस जानवर को देखा और बोला ऐ भागो यहाँ से। ये देख कर ये वो गाय नहीं है जिसकी पुकार सुन कर वो यहाँ आया था. वो आज्ञाकारी सेवक की तरह एक तरफ को चला गया। जेन मुझ से लिपटी हुई थी और बोली प्लीज दीपक यहाँ से चलो मुझे बहुत डर लग रहा है। मैंने जेन को भरोसा दिलाया के गेट बंद है और गेट की इस तरफ हम दोनों बिलकुल सुरक्षित हैं। और फिर खुले और जंगल में प्यार का यही तो रोमांच है। जो इस प्यार को ख़ास बनाता है।

मैं शान्ति के साथ उसे गेट के मध्य के पास ले गया, वहां पर लगा हुआ ताला दिखाया और गेट की ग्रिल और ताले को को हिला कर दिखाया के वो मजबूत हैं तो जेन आश्वस्त हो गयी के हम सुरक्षित हैं।

पर फिर भी वह बोली प्लीज यहाँ से चलो मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा है यहाँ। तो मैंने उसे कुछ प्यार भरे चुम्बन किये तो वह कुछ संयत हो गयी और चुम्बन में मेरा साथ देने लगी।

उसने अपनी ड्रेस थोड़ी ठीक की, मैंने भी अपनी पेण्ट थोड़ी ठीक की जिससे मैं चल पाऊ और फिर हमने दोनों ने चलना फिर शुरू किया, और कोई और अनुकूल जगह ढूंढने लगे । जल्द ही एक अनुकूल छायादार स्थान हमने ढूंढ लिया । मैंने कहा क्या यह जगह आपको ठीक लगती है प्रिय जेन तो उसने सहमति में सर हिला दिया। "आओ, प्रिय जेन , मेरे पास बैठ जाओ और मुझे यकीन है, प्रिय उस चौंकाने वाली रुकावट से उबरने और उसकी भरपाई के लिए ये अच्छी जगह है आप बहुत घबरा गयी थी।"

मैंने उसे अपने साथ लायी बोतल जिसमे शराब और ख़ास देसी दवा की कुछ बूंदे मिली हुई थी वह उसे पीने को दी। उसने कुछ घूँट पि तो मैंने भी उसके कुछ घूँट भर लिए।. वैसे दवा कुछ बूंदे मैंने जेन से छुपा कर उसके नाश्ते में भी मिला दी थी ताकि आज वह मेरे साथ खुल कर बेजिझक संसर्ग कर सके। कुछ देर मैं उसकी खूबसूरती की तारीफ करता रहा आपकी बड़ी बड़ी नीली मदमस्त आँखे गुलाबी होंठ सुनहरे रंग के लम्बे बाल, बड़े बड़े गोल गोल बूब्स. नरम चूतड़, पतली कमर, सपाट पेट, पतला छरहरा बदन और फिगर 36 26 36 था. कद 5 फुट 7 इंच था, मीठी कोयल जैसी आवाज़ मुझे मदहोश करती है। बहुत सुन्दर हो आप जब से मैं जवान हुआ हूँ और आप को देखा है तब से आप से बहुत प्यार करता हूँ और आप को पाना चाहता था।आज आप मेरी हो गयी हैं ।

आप बहुत सुन्दर , सबसे गोरी मस्त माल हो . आपको देखकर मैं तो दीवाना हो गया हूँl मैंने हल्की सी आवाज में ' आई लव यू जेन' आपको मालूम नहीं है. मेरे मन आपको देखते हे बेकाबू हो जाता है आपने मेरे दिल दिमाग पर काबू कर लिया हैl मैं उसको बोला आपके गुलाबी नरम गुलाब के पंखुरियों जैसे होठों का रस चूसना शुरू करे तो रूकने का नाम ही न ले।

जिसे सुन कर वह शर्माने लगी और उसका चहेरा लाल हो गया । मैंने पुछा क्या आपको अभी भी डर लग रहा है तो वह बोली नहीं । मैंने फिर उसको अपने से हल्का सा दूर किया हाथो से उसका चेहरा ऊपर किया और होंठो पर एक लम्बी किस की । उसकी आँखे बंद थी मैंने उसके होंठो को छोड कर चेहरा ऊपर किया तो उसने आँखे खोली और मुस्करायी। मैं फिर तो मैंने उसे चूमना शुरू किया। उसके ओंठ बेहद नरम और गीले थे लेकिन इस बार वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी।

फिर एक हाथ उसकी छाती पर ले गया और उसे सहलाते हुए उसके मुलायम बदन को महसूस कर रहा था और उसके गोल गोल बूब्स को सहला दबा रहा था। धीरे धीरे दवा ने भी अपना असर दिखाना शुरू कर दिया और वह भी मेरी छाती पर अपने हाथ फिराने लगी। मैंने उसकी छाती को कस कर दबाया तो वह मुझसे लिपट गयी थी और उसकी 36 साईज की चूचीयां मेरे सीने से दब गयी।

फिर मैंने उत्तेजना में उन्हें जकड़कर अपनी बाहों में मसल डाला. तो जेन ने कहा कि दीपक प्लीज धीरे करो बहुत दर्द होता है। फिर मैंने उनके गालों पर अपनी जीभ फैरनी चालू कर दी और फिर उसके होठों को चूमता हुआ, नाक पर अपनी जीभ से चाट लिया। अब जेन भी उत्तेजित हो चुकी थी और सिसकारियां भरती हुई मुझसे लिपटी जा रही थी। अब में उनके चेहरे के मीठे स्वाद को चूसते हुए उनकी गर्दन को चूमने, चाटने लगा था और मेरे ऐसा करते ही वो सिसकारी लेती हुई मुझसे लिपटी जा रही थी। मैं उसका पूरा चेहरा गाल नाक माथा आँखे धीरे धीरे सब चूमते चूमते चाट गया।

अब में जेन की की ड्रेस के ऊपर का हिस्सा खोल कर उसके बूब्स को दबाने लगा था ।. उसके मांसल बूब्स दबाने से वो सिहरने, सिकुड़ने और छटपटाने लगी थी, मैंने उसकी ड्रेस के टॉप को बिलकुल ढीलाकर दिया। उसने उसके नीचे लाल रंग की ब्रा पहन रखी थी । मैंने पहले उसकी ब्रा पर हाथ फिराया और उसके नरम बूब्स को महसूस किया। बहुत शानदार अहसास था!! फिर उसकी लाल ब्रा भी खोल दी तो उसने भी अपनी बाजुए ऊपर कर दी तो मैंने खींच कर ब्रा उतार दी। उफ़फ्फ़! भगवान् ने उसे क्या खूबसूरती से बनाया था! अब मेरा लंड तनकर पूरा खड़ा हो गया था और खुले हुए पोस्ट बॉक्स में से अपने आप ही उत्तेजित होकर बाहर आ गया जैसे वह भी उन शानदार बूब्स की पहली झलक देखना चाहता हो। उसके गुलाबी निपल भी उत्तेजित होकर कड़े हो गए थे।

मैंने महसूस किया उसके अनछुए बूब्स बहुत नरम मुलायम गोल और सुडोल थे। मैंने उसके निप्पल कड़क मह्सूस किये और उसकी छातियों को हाथो से पकड़ लिया और जोर से दबाने लगा। मेरे दबाने से दोनों गोरे बूब्स एक दम लाल हो गए।

मैंने उनके निप्पल्स को पकड़ लिया और मसलने लगा । दोनों बूब्स एक दम नरम मुलायम गोल सुडोल थे । जेन के पिंक गुलाबी निप्पल उत्तेजना से खड़े हो चुके थे । मेरे हाथों ने उनके स्तनों को अपनी हथेलियों में भरा और उन्हें किस करने लगा। मैंने स्तनों को सहलाना शुरू कर दिया। हम दोनों की साँसे तेज तेज चलने लगीl उसके कंधो और बाँहों पर किस करने लगा। मैंने उसके बूब्स को चूमा और निप्पल्स को चूसा।

उसका सुडोल, चिकना, गोरा बदन, मेरी बाहों में था। मैंने उसको अपने गले लगाया और पीठ पर हाथ फिराया उसकी पीठ बहुत चिकनी थी ।

मैंने अपनी शर्ट को खोल दिया और जेन को अपनी छाती से लगा लिया और अपनी बाँहों में जकड लिया। उसके नरम मुलायम बूब्स का मेरी छाती से दबने लगे। मैं अपने आनंद को बयां नहीं कर सकता। मैंने जेन का मुँह चूमा और लिप किस करि. फिर मैं उनके निप्पल के साथ खेल रहे था। मैं उसके स्तनों को देखे जा रहे था और उसका दिल जोर जोर से धड़क रहा था । मैंने एक निप्पल अपने मुह में रखा और उसे चूसने लगा। हे भगवान्! मैं बता नहीं सकता की उस पल क्या अनुभूति हुयी।

मैंने उसके दुसरे निप्पल को किस किया और उसे भी चूसना शुरू कर दिया। उसने अपना सर उत्तेजना और आनंद के मारे पीछे की और कर लिया। मैंने चूचियों को दांतो से काटा। जेन कराह उठी आह! आह! दीपक!! प्लीज धीरे करो, प्लीज काटो मत।

मै उनकी चुचियों को मसलने लगा, और वो मादक आवाजें निकालने लगी, आह, उह, आह! फिर मैंने उनके मोमो को चूसना शुरू कर दियाl उनके मोमो कड़क हो गए थेl मैंने चूचियों को दांतो से कुतरा तो जेन कराह रही थी, आह1 यह1 आह1

जेन बोली धीरे प्रिय धीरे प्यार से चूसो, खेलो सब तुम्हारा ही हैl उसके बूब्स अब सुर्ख लाल हो चुके थेl

मैं बार बार बाएँ और दायें निप्पल को चूसना जारी करे रहा, जब तक की उसके पूरे शरीर में एक आग सी न लग गयी। पहली बार कोई ऐसा उसके साथ सम्भोग कर रहा था। उसके शरीर में एक उफान सा आया। उसका शरीर अकड़ा और फिर कांपने लगा और वह निढाल सी हो गयी और उसकी चूत को छूआ मुझे योनी में एक बार फिर गीलापन महसूस हुआ।

कुछ देर वह मेरी बाहो में ऐसे ही लेटी रही और हम लिप किश करते रहे । मैं उसके होंठो को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी । फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी। फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसा । मैं जेन को बेकरारी से चूमने लगा। और चूमते चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे, जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। कम से कम 5-10 मिनट तक उसका लिप्स किस लेता रहा ।

जब मुझे लगा जेन की उखड़ी हुई सांस संयत हो गयी है तो फिर मैं उसके बूब्स दबाने लगा, वो भी मेरा साथ देने लगी, मेरी जीभ जब उसकी जीभ से मिली तो उसका शरीर सिहरने लगा । वह बोली आज मार ही डालोगे क्या? मैंने कहा इसके अलावा मैं चाहता हूँ के हमारे प्रेमालाप में उस बैल के कारण आये व्यवधान से हुई निराशा की भरपाई करि जाए और इसके लिए आप अभी और उत्तेजना को प्राप्त करें। "

ये जान कर के कि अब वो समय लगभग आ गया, उसके प्यारे चेहरे पर गर्म लाल खून की धारें बहने लगती है। उसने अपनी आँखें नीचे झुका ली तो मैंने उसे अपनी तरफ खींचा और एक दुसरे को देखते हुए हम कंधे से कंधा मिलाकर गहरी घास पर लेटे रहे और एक दुसरे को एक प्रगाढ़ आलिंगन में चुमबन करने लगे।

" जेन! ओह! जेन!" मैंने हांफते हुए कहा, " मेरी प्यारी जेन मुझे अपनी जीभ की नोक दो ।" जैसे उसे पहले से ही कामना के अनुरूप उपजने वाली रमणीय प्रत्याशा हो की मैं ऐसा ही कुछ करूंगा या मांगूंगा उसने मेरी कामना की पूर्ती करते हुए बिना किसी हिचकिचाहट के, बिना किसी झिझक के, अपनी मखमली जीभ एक गहरी आह के साथ मेरे मुँह में डाल दी। मेरा एक हाथ उसके सिर के नीचे था, और दूसरे के साथ मैंने धीरे से उसके स्कार्फ़ को हटा दिया, और एक तरफ अपने शर्ट को उतार कर फेंक दिया, और इस दौरान उसकी जीभ को चूसता और चूमता रहा।

आगे क्या हुआ ..

ये कहानी जारी रहेगी

Please rate this story
The author would appreciate your feedback.
  • COMMENTS
Anonymous
Our Comments Policy is available in the Lit FAQ
Post as:
Anonymous
Share this Story

Similar Stories

Photo Finish - The Beginning Surprisingly slutty Mom seduces family and friends.in Incest/Taboo
Sun, Surf, Sand or Sex, Sex, Sex? Sister must find a girl for her brother, on a beach vacation.in Incest/Taboo
Dayna's Daddy Ch. 01 Daddy lusts after daughter but gets his mom.in Incest/Taboo
Seduced and Got Fucked by Dad Ch. 01 I seduced my dad and got fucked to satisfaction.in Incest/Taboo
Lucy Loves Her Granny! A student sets out to seduce her grandmother.in Incest/Taboo
More Stories