क्रिसमस डिनर-1

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क्रिसमस पर हुई एक हसीं दास्ताँ की कहानी
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आमिर खान हैदराबाद

आपने मेरी पहले की कहानिया "जन्नत की 72 हूरे , खाला की चुदाई के बाद आपा का हलाला , खड़े लंड की अजीब दास्ताँ, मजो की दुनिया में मेरे अनुभव और लूसी मेरी प्यारी पहली कुंवारी " पढ़ी l

मेरी पिछली कहानी जन्नत की 72 हूरे जारी हैl चुकी क्रिसमस है तो मैं आपको दो साल पहले हुए क्रिसमस पर हुई एक हसीं दास्ताँ पेश कर रहा हूँl ये कहानी तब की है जब मैं लंदन में रह कर अपनी पढाई कर रहा थाl वैसे तो सब बाते अंग्रेज़ी में हुई थी, लेकिन उसे में यहाँ हिन्दी में अनुवाद कर लिख रहा हूँl कोई गलती हो तो उम्मीद है आप माफ़ करेंगेl

मैं क्रिसमस से दिन एक स्थानीय माल में था जहाँ मैं अक्सर जाता रहता था और वही पर मैं मीशा (बदला हुआ नाम) से टकराया था। मीशा मेरे कॉलेज में ही पढ़ती थी मुझ से जूनियर थी l दोनों बस परिचित थे कोई ख़ास बातचीत नहीं होती थी l वह कॉलेज हॉस्टल में ही रहती थीl उसका कुछ दिन पहले ही अपने बॉय फ्रेंड से झगड़ा हो गया था और दोनों का ब्रेकअप हो गया था l मैंने उसके बॉय फ्रेंड को खोने के लिए उसके प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।

उसने मुझ से पुछा तुम क्रिश्मस पर यहाँ कैसे हो तो मैंने कहा कुछ प्रोजेक्ट पूरे करने थे, इसिलए छुट्टियों पर नहीं गया l कुछ सामान चाहिए था तो वह लेने आया हूँ और इत्तेफ़ाक़ से तुम यहाँ मिल गयीl

मैंने उससे पूछा कि वह क्रिसमस के लिए क्या कर रही है और उसने जवाब दिया उसने अपने बॉय फ्रेंड के साथ घूमने का प्लान किया था पर ब्रेकअप होने के कारण वह अब कहीं नहीं जा रही l वह हॉस्टल में अकेली होगी। हमने कुछ और बातचीत की और फिर मैंने उससे पूछा कि क्या वह मेरे घर आना चाहेगी और मेरे साथ क्रिसमस डिनर करेगी।

उसने यह कहते हुए विनम्रता से इनकार कर दिया कि वह मेरे परिवार को परेशान नहीं करना चाहती। मैंने कहा नहीं मेरे घर पर कोई नहीं है l मेरे लोकल गार्डियन और उनका परिवार विदेश घूमने गया है सब लोग छुट्टी पर घूमने गए हैं l मैं साथ नहीं जा रहा था मैं भी अकेला ही हूँगा l तो तुम्हारा साथ अच्छा रहेगा। केवल लूसी (मेरी पहली चुदाई की साथी-लूसी और मेरी पहली चुदाई की कहानी आप मेरी कहानी l में पढ़ सकते हैं) और जेन होगी जो सब इंतज़ाम कर देगी l

मैंने उसको आश्वस्त किया मुझे कोई तकलीफ नहीं होगी बल्कि उसका साथ अच्छा ही लगेगाl तो वह पार्टी और रात के खाने के लिए लगभग 5 बजे आने को तैयार हो गई। उसके बाद मैंने भी अपनी शॉपिंग पूरी की और लूसी को बताया के क्रिसमस की मीशा मेरे साथ डिनर करने वाली है l ।

जो लोग यूरोपियन परम्पराये जानते हैं उसे मालूम है लड़की के साथ डिनर का क्या मतलब हैl तो लूसी मुस्कराती हुई बोली तो आपको क्रिसमस के लिए नयी साथी मिल गयी l मैं सोच रही थी इस क्रिसमस पर केवल हम तीनो ही साथ होंगे l आपको क्रिसमस मुबारक! लूसी की बात सुन कर मुझे मीशा की चुदाई का ख़्याल आने लगा इस से पहले मेरे दिमाग़ में कुछ भी नहीं था और लंड महाराज मीशा की चुदाई के ख़्याल से टनटना गए l

क्रिसमस के दिन लूसी और जेन ने बढ़िया मीट केक और कुछ और खाने की अच्छी हिन्दुस्तानी भोजन बनाया l

शराब की बोतल के साथ वह शाम 4 बजे आ गयी। तो घर लूसी और जेन ने बहुत सुन्दर सजा रखा था और उसने लूसी और जेन की इसके लिए तारीफ करि l हाल के एक हिस्से में लूसी ने पर्दा किया हुआ था l मीशा परदे हटाने लगी तो लूसी बोली मैडम ये आपके लिए सरप्राइज है इसे बाद में देखिएगा l जो वह बड़ी सहजता से मान गयी और फिर उसने बाक़ी घर देखने की इच्छा करि तो मैं उसे पूरा घर देखाने ले गया तो वह प्रभवित हुई और बोली तुम्हारा घर काफ़ी बड़ा और सूंदर है l तो मैंने कहा ये मेरे पुरखो ने ख़रीदा था l

भले ही मैं एक बड़ा शराब पीने वाला नहीं हूँ, फिर भी मैंने विनम्र होने के लिए एक गिलास पी लिया। हम शाम 7 बजे एक कैंडल लाइट डिनर पर बैठ गए। मुझे मानना होगा कि यह एक अद्भुत भोजन था और मीशा की कंपनी आनंदमय थी। हमने अपने जीवन की कहानी के बारे में एक-दूसरे को बताया।

मीशा के बारे में थोड़ा बता दूं। वह लगभग 5' 6 " गोरी ब्लोंड रुस्सियन, बड़ी-बड़ी नीली आँखें, सुंदर पतला शरीर, बड़े-बड़े गोल सुडोल स्तन, पतली कमर, अच्छी गांड और पैर हैं, उसने मुझे बताया कि वह लगभग रोज़ सुबह लगभग एक घंटे तक व्यायाम करती है। उसने सुन्दर कपड़े पहने हुए थे। एक तंग लाल रंग का स्वेटर और घुटने के ऊपर एक लाल स्कर्ट, काले जूते के साथ। 18 के आसपास एक युवा लड़की के लिए वह सब बहुत खूबसूरत था।

हमने रात का खाना समाप्त किया तो लूसी सब बर्तन ले कर चली गयी । तो लूसी एक स्पेशल चॉक्लेट और केसर मेवाओं मिला गर्म दूध बना कर लायी जिसमे ख़ास देशी दवा मिली हुई थी, जिससे कुछ देर में ही काम अग्नि भड़क जाती थी। उस दिन काफ़ी ठण्ड थी। मीशा बाथरूम के लिए गयी तो मैंने गैस की चिमनी चालू कर दी, लूसी जेन ने फ़र्श पर गद्दे कंबल डाल दिए और कुछ संगीत चालू कर दिया। मेरे सिर के नीचे एक तकिया था और चिमनी के सामने कंबल पर रखा था। वह कमरे में आई और मेरे पास एक कुर्सी पर बैठ गई।

कुछ मिनटों के बाद उसने पूछा कि क्या उसके इस्तेमाल के लिए तकिया है? अब इस तकिये को चुदाई के लिए इस्तेमाल करेंगे ये तो मैंने नहीं सोचा था और उसके लिए एक अतिरिक्त तकिया क्यों नहीं रखा ये सोचने लगा मैंने उसको बोला तुम्हारे लिए अतिरिक्त तकिया मंगवा देता हूँ। लेकिन तकिये की बात करते ही उसकी मादक सुंदरता मुझे उसकी चुदाई के बारे में सोचने पर मजबूर कर रही थी। पर वह मेरे साथ ही उस तकिये पर आ गयी और लूसी ने वहाँ और तकिये ला कर रख दिए। लेकिन वह उसी तकिये पर मेरे साथ अपने जूते उतार कर अधलेटी बैठ गयी और उसने मेरा हाथ अपने हाथ में ले लिया और बोली इस शानदार शाम के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया और हम इधर उधर की बाते करने लगे।

हम थोड़ी देर के लिए वहाँ धीमा रोमांटिक संगीत सुन रहे थे और हमारे पैर चिमनी से गर्म हो रहे थे। मैं उसकी तरफ़ देखने के लिए मुड़ा और उसने मेरी आँखों में देखा। मैंने साइड से उठा कर एक बड़ा-सा डिब्बा जिसमे तोहफा जो उसके लिए लाया था उसको दिया तो उसने पुछा इसमें क्या है तो मैंने कहा ख़ुद ही देख लो। उसने जल्दी से तोहफा खोला तो उसमे उसके लिए एक लाल रंग का साडी और चोली थी तो वह बोली ये बहुत सूंदर है पर उसे पहननी नहीं आती है। मैंने कहा अगर वह चाहती है तो लूसी उसे सीखा देगी। तो वह बोली मैं इसमें बहुत सूंदर लगूंगी तो लूसी पास आकर बोली आप आइये मैं पहना देती हूँ और लूसी और जेन उसको ले गयी।

कुछ देर बाद लाल रंग की साडी में लूसी उसको दुल्हन की तरह कुछ गहने पहना कर सजा कर लम्बा घूंघट कर ले आयी उसके हाथ में एक फूलो की माला थी। तो मीशा बोली अमी, मैं कैसी लग रही हूँ? (मेरा लंदन में छोटा नाम 'अमी' है और सब लोग मुझे अमी ही कह कर बुलाते हैं।)

तो मैंने उसका घूंघट हटाने के लिए जैसे ही उसका घूंघट पकड़ा तो उसने हाथ से घूंघट दबा लिए और बोली अमी आप मुझे ऐसे नहीं देख सकते l इसकी रस्म निभानी होगी l तो मैंने लूसी की और देखा लूसी ने उसे सब सीखा दिया था l

लूसी ने मेरे हाथ में एक डिब्बा दिया और मेरे कान में बोली प्रिंस मैंने पूछ लिया है मीशा कुंवारी है उसने कभी पहले सेक्स नहीं किया है। आराम से ख़ूब मजे करिये l (लूसी अब मुझे प्रिंस कह कर ही बुलाती थी) डिब्बे में मोतियों की एक माला थी जो मैंने मीशा को पहना दी l उसके बाद मैंने मीशा का घूंघट उठा दिया l

सुन्दर तो मीशा थी ही। मैं मीशा को देखता ही रह गया दुल्हन के लिबास में वह ग़ज़ब की सुन्दर लग रही थीl.गोरी चिट्टी कमसिन तीखी नैन नक्श मीशा ने कुछ गहनों के इलावा नाक में बड़ी-सी नथ भी पहने हुई थी और वह बहुत शर्मा रही थी उसने मुझ से पुछा मैं कैसी लग रही हूँ? तो मैं कुछ नहीं बोला मैं उसकी खूबसूरती में खो गया था वाह क्या रूप था मैं तो एकदम सन्न देखता रह गयाl

तो मीशा बोली जनाब कहा खो गए कैसी लग रहो हूँ? मैंने कहा बहुत सुन्दर सोचता हूँ अभी तुम से शादी कर लू!

तो फूलो की माला मीशा ने मुझे पहना दी तो जेन और लूसी दोनों ताली मारने लगे और हम दोनों को मुबारकबाद दी l दोनों बोली हम दोनों जाती हैं वैसे तो ज़रूरत का सब सामान यही रखा है फिर भी प्रिंस और मैडम जी कुछ चाहिए हो तो बुला लीजियेगा l. जेन ने सब लाइट बुझा दी केवल चिमनी में जल रही आग से आ रही रौशनी ही थी और उसमे हम दोनों गर्म से गर्मतर हो रहे थे l

मैंने उसे किस करने के लिए पकड़ा और हमारे होंठो ने एक नरम चुंबन में मुलाकात की। ये हमारा पहला चुम्बन था l मीशा में मेरा हाथ पकड़ा और बोली चलो डांस करते है l तो हम दोनों साथ में चिपक कर धीरे-धीरे डांस करने लगे और हमारे होठ एक बार डांस करते हुए जुड़े तो फिर काफ़ी देर तक अलग नहीं हुए l रस्म, दवा, माहौल, शराब और संगीत ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया था l हमारे हाथ एक दुसरे के पूरा जिस्म महसूस करते हुए फिर रहे थे l

उसका शरीर काम कला के एक मूर्ति की तरह था और मैं कलाकार था जो इस पर काम करने जा रहा था। हमारे चुंबन और गहरे हो गए और दोनों एक दुसरे को बेतहाशा घुमते हुए चूमने, लगे l हम दोनों वास्तव में गर्म हो रहे थे और मुझे तबतक एहसास नहीं हुआ जब तक मेरे पैर लगभग चिमनी में थे। तो ती मीशा ने मुझे रोका और हम चिमनी से दूर चले गए l

नाचते चूमते धीरे-धीरे हमने एक दुसरे के कपड़े तब तक निकाले जब तक हम दोनों नंगे नहीं हो गए। मैंने उसके जिस्म पर सिर्फ़ गहने रहने दिए दोनों ने एक दुसरे को निहारा उसके बाद हम हमारे होठ एक बार फिर डांस करते हुए जुड़े गए। मैं धीरे से उसके स्तन मालिश कर रहा था और उसके निपल्स के छेड रहा था। वह वास्तव में गर्म हो रही थी क्योंकि वह मेरे मुंह में कराह रही थी।

धीरे-धीरे मैं उसके शरीर के नीचे काम करना शुरू किया, धीरे से उसकी गर्दन को चूमा और बहुत धीरे से उसकी गर्दन पर काटा। क्या खूबसूरत गर्दन है उसकी, मेरा मन कर रहा था उसकी गर्दन को मैं पूरी रात पिशाच की तरह उसकी गर्दन को चूसता लेकिन मैं कोई पिशाच तो हूँ नहीं। मैंने उन परफेक्ट सुडोल गोल स्तन जो बिलकुल भी ढले हुए नहीं थे को दबाया। मैंने उसको स्तनों को चूमा चाटा तो उसने निपल्स को ज़ोर से चूसने को कहा। मैंने उसके निप्पलों को अपने मुँह में ले लिया और ज़ोर से चूसा, फिर अपने दाँत निकाले और उसे कुतरने और धीरे-धीरे काटने लगा। फिर मैंने अपनी जीभ का इस्तेमाल किया और उसे धीरे से चाटा।

जब मेरा मुँह उसके स्तन पर काम कर रहा था, मैं अपना हाथ उसकी चूची से नीचे ले गया और उसकी चूतड़ दबाये कर्म नरम गद्देदार चूतड़ थे फिर उसकी चूत पर हाथ फेरा। उसकी चूत सफाचट थी। तो वह बोली आज ही साफ़ करि है तुम्हारे लिए मुझे पता है डिनर साथ करने का क्या मतलब है।

मैंने धीरे से उसकी जाँघों को रगड़ा, वह कराह रही थी और फिर मेरी उंगलियाँ उसकी चूत के बाहरी होंठों पर चली गईं, धीरे से उसे सहलाने लगा क्या नरम मुलायम और अनछुई हुई टाइट चूत थी। उनकी चूत पर हाथ फेरने लगा उसे जैसे करंट-सा लगा और उसने मुझे कस कर पकड़ लिया और मुझसे लिपट गयी, उनका गोरा बदन सुर्ख लाल हो गया था। उनकी चूत गीली होने लगी मैंने पुछा अब चूत कैसी है उन्हों ने कहा तुम ख़ुद देख लो तुम्हारे लिए तड़प रही है मैंने देखा चुत एक दम लाल हो रही थी। मानो मुझे आवाज़ दे रही हो जल्दी चोदो मुझेl उसने धीरे से मेरे कान में फुसफुसाया, मैं इतनी गीली हूँ कि अपनी उंगली मेरे अंदर डाल दोl

मैंने बड़ी मुश्किल से चूत के होंठ खोले उसकी चूत बहुत टाइट थी और अपनी उंगली घुसा दी। वह और ज़ोर से कराह रही थी और उसकी चूत वास्तव में बहुत टाइट और गीली थीl मेरी ऊँगली डालते ही मीशा कराहने लगीl उह आह उह! आमिर ऐसे ही करते रहो बहुत अच्छा लग रहा हैl फिर मैं और ज़ोर से उसके चूत के दाने को छेड़ने लगाl उसकी आहे और तेज हो गयी और वह ज़ोर से उह आह करने लगी।

मैंने उसे और अधिक उत्तेजित करते हुए, उसकी क्लिट पर काम करना शुरू कर दिया। बहुत जल्दी वह ज़ोर से कराह रही थी, मेरे सिर को कसकर पकड़ लिया उसने मेरा हाथ कस कर पकड़ा और मीशा ने मेरा हाथो पर अपनी टाँगे कस दी और बोली जानू मैं गयी और झड़ गयी उसकी चूत बह रही थी।

वो मेरी बाहो में निढाल को कर गिर गयी और मुझ से लिपट गयी तो मैं उसे किश करने लगाl आगे बढ़ने से पहले मैंने उसे थोड़ा आराम करने दियाl मैंने उसे गद्दे पर लिटा दिया एक तकिया मीशा के सर के नीचे और एक उसकी गांड के नीचे रख कर मैं मीशा से चिपट गयाl

मैंने उसके चूत के होठों को फैलाया मैंने उनकी चुत को चूमा उनकी ख़ुशबू ने मुझे मदहोश कर दिया मैं उनकी चूत को चाटने लगाl चूत के रस में क्या गज़ब का स्वाद था, मीशा बोली बहुत अच्छा लग रहा है बहुत आराम मिल रहा है । फिर उसकी चूत पर अपना मुँह रखते ही वह ज़ोर से चिल्ला उठी आआहह, ओ मम्म्मममम, चाटो ना ज़ोर से, सस्स्सस्स हहा और मचलने लगी और अपनी गांड को इधर उधर घुमाने लगी।

अब वह सिसकारियाँ मारने लग गई थी। अब वह अहाह, आहहह, आहहह कर रही थी। अब उसके ऐसा करने से मेरे लंड में भी सनसनी होने लगी थी। और उसमे अपनी जीभ घुसा दी और उसकी चूत को ऐसे चाटने लगा, जैसे बिल्ली दूध की तश्तरी चाट रही होl बहुत जल्दी वह फिर गर्म हो गयी और जीभ से उसने फिर से चुदवाना शुरू कर दिया। उसने कहा कि मैं फिर से झडने जा रही हूँ और उसने मेरे चेहरे को अपने पानी से भिगो दिया मैं उसे चाटता रहा और उसके सारे रस को चाट गया।

मैंने मीशा को अपने गले लगाया और पीठ पर हाथ फिरा कर पुछा उसकी पीठ बहुत चिकनी थी मैंने पुछा क्या तुम्हे मालूम है इसके बाद में क्या करते है? । उसने अपना सर हाँ में हिलाया और मुझसे और कस का लिपट गयी। मेरे फिसल हाथ कर मीशा की कमर तक पहुँच गए थेl क्या चिकनी नरम और नज्जुक कमर थी मैंने फिर पुछा क्या तुम थकी हुई तो नहीं हो सोना तो नहीं चाहती? उसने न में सर हिलाया । मेरे हाथ फिसल कर उसकी गांड पर पहुँच गए थे मैंने उसकी गांड की दरार को मैंने मह्सूस किया।आअह्ह्ह उसकी सिसकी निकल गयी । मैंने फिर पुछा क्या तुम त्यार हो उसने हाँ में सर हिलाया और धीरे से बोली इस रात का इंतज़ार तो हर लड़की करती है। मीशा मेरे से चुदने को त्यार मैंने फिर मीशा से कहा तुम बहुत सुन्दर हो । तुमको देखकर मैं तो दीवाना हो गया हूँ मैंने हल्की-सी आवाज़ में 'आई लव यू मीशा' तुमको मालूम नहीं है मेरी क्या हालत है। मेरे मन तुमको दुल्हन के लिबास में देखते हे बेकाबू हो गया हैl तुम मेरे दिल की मल्लिक्का होl

मैंने फिर उसको अपने से हल्का-सा दूर किया हाथो से उसका चेहरा ऊपर किया और उसे देखने लगा ।गोरी चिट्टी कमसिन तीखी नैन नक्श उसके ऊपरी ओंठ के दायी और एक छोटा-सा तिल था, जो उसकी खूबसूरती को चार चाँद लगा रहा था और होंठो पर एक लम्बी किस कीl उसकी आँखे बंद थीl मैंने उसके होंठो को छोड कर चेहरा ऊपर किया तो मीशा ने आँखे खोली और मुस्करायीl मैं फिर मैं उसके होंठो को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी। फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसा। मेरी जीभ जब उसकी जीभ से मिली तो उसका शरीर सिहरने लगा।

फिर मैंने अपने होंठ उसके होंठो से अलग किये हम दोनों मुस्कराये और फिर बेकरारी से लिप्प किस करने लगे और चूमते-चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। कम से कम 15 मिनट तक उसका लिप्स किस लेता रहा वह मेरा लिप किस में भरपूर साथ दे रही थीl

और उनके होटों के ऊपर वाले काले तिल को अपने दाँतों में बुरी तरह दबोच लिया और चूसने लगा। मीशा को दर्द हो रहा था मगर मीशा मुझ से भी ज़्यादा प्यासी थी, उसे दर्द में भी मज़ा आ रहा था। हम लोग एक दुसरे को किस करने लगे थे। मैंने मीशा की मेरी पींठ, कमर पर अपनी उंगलियाँ फेरनी शुरू कर दी थीं। मेरे हाथ उनके कन्धों पर थे और वह मुझको अपनी और धकेल रही थी।

मैंने महसूस किया की मीशा की जीभ मेरे होंठों में से मेरे मुह में अन्दर जाना चाह रही थी। मेरे होंठों को खोलती हुयी जीभ मेरे मुह में चली गयी और उसी बीच मेरे हाथ मीशा की पीठ कमर पर होते हुए उनके स्तनों पर पहुँच गया। मेरा हाथ उसको स्तनों को दबा रहा था। मीशा की आँखें पूरी तरह से बंद थी। वह मेरे हर प्रयास को अनुभव कर रही थी और उसका पूरा मज़ा ले रही थी।

lमेरा लंड तो फुफकारने लगा l मैंने धीरे से उसकी गोरी पेशानी चुम ली । उसकी नशीली नीली आंखें मुझे नशे में कर रही थी। फिर मैंने उसकी दोनों नशीली आँखों पर एक चूमा दिया। फिर उसकी नाक को चूमा तो वह सिहर उठी l फिर मैंने उसके गालो पर चुम्बन किया वह हलके-हलके खुलने और मुस्कराने लगी मैंने फिर उसके गालो को चाटा। बहुत मोठा स्वाद था फिर मैंने ऊपरी होंठ पर किस किया और उसको धीरे-धीरे चूसा आअह्ह्ह उसकी सिसकी निकल गयी और उसका शरीर सिहरने लगा, फिर मैंने निचला होंठ चूमा और चूसा।

फिर मैं उसके होंठो को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी और चूमते-चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। कम से कम 15 मिनट तक उसका लिप्स किस लेता रहा वह मेरा लिप किस में भरपूर साथ दे रही थी फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी। फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसा मेरी जीभ जब उसकी जीभ से मिली तो उसका शरीर सिहरने लगा। मीशा मुझसे कस कर लिपट गयीl मेरे हाथ अब उसके मोमो पर जा चुके थे मैंने गोल-गोल बूब्स को पहले सहलाया फिर दबाया। मैंने महसूस किया उसके बूब्स बहुत नरम मुलायम गोल और सुडोल थेl तभी मेरा हाथ को उसके निप्पल कड़क मह्सूस हुए मैंने उसके बूब्स को चूमा और निप्पल्स को चूसाl

मीशा बोली प्लीज इन गहनों को उतारने दो चुभ रहे हैं और उसके गले में पहने गहनों को उतार दिया। जहाँ-जहाँ के गहने उतरे मैंने वहाँ किस किया। बिच-बिच में मैं उसकी मदहोश आँखों में देखता था तो वह मुस्करा देती थी मेरे एक हाथ उसकी पीठ पर था l मेरा लंड फटने को था मैंने मीशा को एक बार फिर से अपनी बाहों में भर लिया और हम दोनों एक दुसरे की आँखों में देखने लगेl

और उसकी बूब्स को हाथो से पकड़ लिया और ज़ोर से दबाने लगा दोनों गोल सुडोल बूब्स एक दम लाल हो गए l फिर मैंने उनके निप्पल्स को पकड़ लिया और मसलने लगा दोनों बूब्स एक दम नरम मुलायम गोल सुडोल थे मीशा के चुचुक (निप्पल) उत्तेजना से खड़े हो चुके थे। मेरे हाथों ने उनके स्तनों को अपनी हथेलियों में भरा और उसे किस करने लगा । मैंने स्तनों को सहलाना शुरू कर दिया। हम दोनों की साँसे तेज-तेज चलने लगी।

मैंने मीशा को अपनी छाती से लगा लिया और अपनी बाँहों में जकड लिया उसके नरम मुलायम बूब्स का मेरी छाती से दबने लगे मैं अपने आनंद को बयाँ नहीं कर सकता, मैंने मीशा का मुँह चूमा और लिप किस करि। फिर मैं उनके निप्पल के साथ खेल रहे था । मैं उसके स्तनों को देखे जा रहे था और उसका दिल ज़ोर जोर से धड़क रहा था। मैंने एक निप्पल अपने मुह में रखा और उसे चूसने लगा । अल्लाह ।नहीं बता सकता की उस पल क्या अनुभूति हुयी। फिर उसने दुसरे निप्पल को किस किया और उसे भी चूसना शुरू कर दिया। उसने अपना सर उत्तेजना और आनंद के मारे पीछे की और कर लिया थी। मैंने चूचियों को दांतो से काटा मीशा कराह उठीl

मै उनकी चुचियों को मसलने लगा और वह मादक आवाजें निकालने लगी, आह उह आह की आवाजें पूरे कमरे में गूंज रही थी, फिर मैंने उनके मोमो को चूसना शुरू कर दियाl मोमो कड़क हो गए थे और चुच्चिया कह रही थी हमे ज़ोर से चूसो l मैंने चूचियों को दांतो से काटा मीशा कराह उठी, आह यह आह मीशा कह रही थी प्यार से चूसो जानू सब तुम्हारा ही है उसके बूब्स अब लाल हो चुके थेl

मैं बार-बार बाएँ और दायें निप्पल को चूसना जारी करे रखा जब तक की उसके पूरे शरीर में एक आग-सी न लग गयी। फिर मैंने दोनों बूब्स को दबाया जीसे उसके निप्पल आप में मिल गए और उन दोनों को मैं एक साथ चूसने लगा मीशा एकदम से गनगना गयी मैंने उसकी बाजू ऊपर करि और उसकी कांख को चाटने लगा वह बोली आह क्यों तड़पा रहे हो अब चोद भी दो नl

मैं उसकी कमर पर किस करने लगा और फिर मैंने उनकी नाभि को चूमा अपनी जीभ उनकी नाभि में डाल दीl मीशा एकदम मस्त हो गयी और मेरे सर अपने पेट पर दबाने लगीl मीशा का पेट एकदम सपाट था, कमर पतली और नाज़ुकl मैंने उनके एक-एक अंग को चाट डाला और उनकी चूत पर हाथ फेरने लगाl उसे जैसे करंट-सा लगा और उसने मुझे कस कर पकड़ लिया और मुझसे लिपट गयी, उनका गोरा बदन सुर्ख लाल हो गया था।

मीशा की सफाचट चूत थोड़े गुलाबी रंग की थी और गीलेपन की कुछ बूंदे साफ़ दिख रही थीl मीशा की कमसिन कमर बल खा रही थी l मेरी हालात भी ख़राब हो चली थीl

अब मीशा मेरे सामने बिलकुल नंगी थी उसका एक-एक अंग बहुत सुन्दर है वह बोली ये कमरघनी भी निकाल दो चुभ रही है तो मैंने कमरघनी निकाल दी l अब मीशा सिर्फ़ उनके नाक में नथ थी, फिर बोली प्लीज ये नथ भी निकाल दोl मैंने कहा बस थोड़ी देर और नथ भी उतार दूंगा पर सील तोड़ने के बाद l वह हाथो से अपना मुँह छुपाने लगी फिर बोली प्लीज तड़पाओ मत जल्दी करो किसका इंतज़ार कर रहे होl

मैंने उसका दाया हाथ पकड़ा और उसको मेरा कठोर लिंग पकडा. दियाl अब मेरा 8 इंची लम्बा 3 इंची मोटा लंड तनकर पूरा 90 डिग्री का हो गया था। और वह मेरे लंड पकड़कर सहलाने लगी और अपनी उँगलियों में लपेट लिया। वह बोली जानू तुम्हारा लंड तो बहुत बड़ा है और मेरा छेद छोटा-सा है क्या ये मेरे अंदर जा पायेगा ।ये मेरी चूत फाड् तो नहीं देगा मैं बोला नहीं इसी से तो हम दोनों के प्यार के मजे मिलिंगे। मैंने उसे उसे प्यार करने को कहा पहले तो वह घबराई फिर मेरे कहने पर लंड पर एक मीठी किस करि। फिर मेरे हिप्स भी हरकत करने लगे थे।

उसके बाद मैंने मीशा को खड़ा किया और उन पर्दो के पास ले गया जो उसने पहले हटाने चाहे थेl मैंने डोरी खींच कर पर्दा हटा दिया और उसको पीछे एक बेड लगा हुआ थाl जिसे लूसी ने फूलो से सजा कर सुहाग की सेज बना रखा था l मीशा सजा हुआ बेड देख बोली ओह कितना रोमांटिक है l

मैंने मीशा को बेड पर लिटाया तो देखा बेड पर कोई तकिया नहीं था तो मैं बोलै मीशा मैं अभी तकिये ले कर आया l मैं कुछ तकिये उठा लाया और एक तकिया मीशा के सर के नीचे और एक उसकी गांड के नीचे रख कर मैं मीशा से चिपट गयाl मेरा लंड उसकी चुत ढूंढ़ने लगा और उसकी छाती मेरी छाती से दबने लगी और मैं उसे लिप किस करने लगाl मेरे हाथ उनके पीठ और चूतड़ दबाने लगे उसके बाद मैंने मीशा को इस तरह लिटा दिया कि मेरी छाती के मीशा की पीठ लगने लगी । मैंने अपने दोनों हाथों में उनके स्तन दबा लिl. हम दोनों पूरी तरह से नंगे थे और एक दुसरे के शरीर कि महसूस कर रहे थे। मेरा लंड उनकी चूतड़ों की दरार में घुसने लगाl

मैंने उसको अपनी तरफ़ घुमा कर उसकी चूत में अपनी एक उंगली की पंखुरियों को अलग करने की कोशिश की पर वह बहुत टाइट थी l मैंने दो उंगलियों की मदद से चूत की पंखुड़ियों को अलग किया मैंने धीरे-धीरे चुत में ऊँगली घुसानी शुरू की डाल दी, तो वह ज़ोर से चिल्लाई आहह अब लंड डाल दो, अब और इंतज़ार नहीं होता, प्लीज जल्दी करो ना, प्लीज आहहह तड़पाओ मत अब चोद दो न।

अब में उसे ऊँगली से लगातार चोद रहा था और वह ज़ोर से मौन कर रही थीlअब मुझसे रहा नहीं जा रहा हैl जल्दी से चोद दो, मेरी चूत में आग लग रही है। अब वह ज़ोर-जोर से हाँफ रही थी आहह, एम्म, ओह, आआआआआआअ, डालो ना अंदर जैसी आवाजे निकल रही थी।

फिर मैंने मीशा के स्तनों को मसलना शुरू कर दिया। कभी मैं निप्पल को उमेठता तो कभी स्तनों को दबा देता उसके बाद वह सीधी लेट गयी और मैंने चूत को सहलाना शुरू कर दिया। फिर मैंने क्लिटोरिस को भी रगड़ दिया। मीशा का बुरा हाल था। उनकी मुह से आहे निकल रही थी। वह मेरी उँगलियों द्वारा चूत पर किये जा रहे घर्षण को मजे से महसूस कर रही थी। हम दोनों ही आउट ऑफ़ कण्ट्रोल हो चुके थे।

वो मुझसे विनती करने लगी कि तुम्हारे लंड अब अंदर लेना है, मैं तुम्हें अपने अंदर महसूस करना चाहती हूँ, हम दोनों को शुरू हुए इतना समय हो गया है। अभी करो, अभी करो!

अब मैं भी उसको चोदना चाहता था मैंने अपना लैंड उसकी चूत पर रखा और चूत खोलने की कोशिश की लेकिन वह बहुत टाइट थी मैंने अपने उँगलियों से चूत को खोला और लैंड का गुलाबी सूपड़ा बिच में रख दियाl

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