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Click hereआपने मेरी कहानी क्रिसमस भाग 1-3 में पढ़ा किस तरह लंदन में मेरी मुलाकात मीशा से एक माल में क्रिश्मस से पहले हुई और फिर वह मेरे घर डिनर के लिए आयी और कैसे उसकी पहली चुदाई हुई।
पिछली कहानी में आपने पढ़ा
"उसका शरीर फिर कांपने लगा और वह झड़ने लगी और निढाल हो आगे को बेड पर झुक गयी। मैंने धक्के लगाने जारी रखे और फिर वह बोली प्लीज मेरे अंदर ही करना। ... मैं तुम्हारा रस अपने अंदर चाहती हूँ। उसके बाद मैं भी झड़ गया और उसके ऊपर गिर गया और मैं उसके साथ चिपक कर लेट गया। मेरी बाहों में उसे सिर्फ़ उसे पकड़ना बहुत अच्छा लगा। दोनों थक गए थे और फिर वह मुझ से किस करते हुए उसने बोलै आयी लव यू आमिर। मैंने भी उसको कहा लव यू मीशा और वह मेरी बांहों में सो गई और मैं उसकी बाहो में सो गया।"
अब आगे
मेरे और मीशा का पहला सेक्स जो लगभग सुबह 3. बजे तक चला था इसके बाद हम दोनों थक कर एक दुसरे की बाहो में सो गए।
मेरी आँख खुली तो सुबह के 8 बज रहे थे और मीशा मेरे साथ बिस्तर में मेरी बाहो में सो रही थी। मैंने उसे वहाँ इतनी शांति से सोते हुए देखा। क्या खूबसूरत नज़ारा था। मैंने नज़ारे घुमाई तो एक कोने में लूसी और जेन दोनों नंगी एक दुसरे से चिपक कर सो रही थी। कुछ मिनट के लिए मैंने मीशा की नींद को देखा, वह गहरी नींद में थी । तो मैंने जा कर लूसी जेन को चूमा तो वह दोनों उठ गयी और जेन बोली प्रिंस हमारी नींद लग गयी थी। आपने मीशा को बहुत प्यार से चोदा हमने यही बैठ कर सारा नज़ारा देखा। क्या खूबसूरत नज़ारा था! आप दोनों बहुत मजे ले रहे थे। । मीशा सच में बहुत सुन्दर है। आपको इतनी सुन्दर मीशा मिलने पर बहुत बधाई। ...
आप चलिए मैं चाय बना कर लाती हूँ और मैं टॉयलेट जाने के बाद सोई हुई सुंदर मीशा को जगाने बिस्तर पर गया।
मैं बिस्तर पर गया और उसके घुटनों और उसे फिर उसके होठों पर एक नरम चुंबन कर दिया और उसके कान में फुसफुसाया। मेरी स्लीपिंग ब्यूटी तुम्हारा सपनो का राजकुमार यहाँ तुमको जगाने के लिए आया है उठ जाओ मेरी सपनो की रानी। उसने अपनी आँखे खोली और मुस्करायी और अपने बाहे मेरी गर्दन पर लपेट कर मुझे एक चुंबन के लिए नीचे खींचा और हम दोनों के ओंठ जुड़ गए। Good Morning!
उसने पूछा क्या समय है? मैंने सुबह 8: 45 उत्तर दिया। उसने कहा कि मैं पूरी रात यही सो गयी थी।
उसके हिलने से उसके ऊपर पड़ी हुई कम्बल सरक गयी और मेरी निगाहें उसके गोल सुडोल स्तनों पर टिक गईं। उसको बदन पर हमारे रात के कारनामे के गवाह कई निशान थे। इतने में लूसी और जेन चाय ले कर आ गयी। उसने जल्दी से चादर को पकड़ा और अपनी ठुड्डी तक ले गयी और ख़ुद को छिपाने का प्रयास करने लगी। जिससे मुझे हंसी आ गई। मैंने कहा मीशा तुम्हे कल रात मैंने चूमा है चाटा है, चूसा है और अपने शरीर के लगभग हर हिस्से को भोगा है। शायद ही कोई ऐसा हिस्सा है तुम्हारे बदन का जिसे मैंने नहीं देखा है और कोने में गद्दे की तरफ़ इशारा करते हुए बोला मीशा इन दोनों ने भी वहाँ कोने में बैठ कर हमारे चुदाई का सब नज़ारा देखा है।
ये दोनों मेरी पूरी विश्ववास की हैं। इन पर तुम हर चीज़ के लिए पूरा भरोसा कर सकती हो। ... इनके बिना मेरा कोई काम नहीं चलता है। ये तुम्हारा भी पूरा ख़्याल रखेंगी। । तुम्हे जो चाहिए हो इनसे बेझिजक बोल सकती हो और उसने चादर को ढीला छोड़ दिया तो जेन ने एक गाउन मुझे पकड़ा दिया। तो वह मुस्कुरा दी उसने शरमाते हुए कहा कि मुझे लगता है कि तुम सही हो। ये पहले से हो गाउन ले कर आयी हैं इन्हे पूरा अंदाजा है मुझे क्या चाहिए होगा। मैंने गाउन को उसके लिए खोल दिया। उसने अपनी बाहो को उसमे डाल दिया और मुझ से लिपट गयी। ,
फिर हम चारो ने चाय पी। लूसी बोली ।मैं नाश्ता त्यार कर रही हूँ अगर आप बाथरूम जाना चाहती हो तो जा कर फ्रेश हो जाओ। उसने मुझे एक नरम चुंबन दे दिया और कहा कि तुम मेरी आदते खराब कर रहे हैं। मैंने हँसते हुए कहा कि तुम हो ही बिगाड़ने लायक।
उसने मुझसे पूछा कि क्या वह शावर ले सकती है,? मैंने कहा कि ठीक है जब तुम नहाओगी तब तक नाश्ता बन जाएगा। ...वह जानना चाहती थी कि क्या रसोई में उसकी मदद की ज़रूरत तो नहीं है तो लूसी जेन बोली नहीं हम सब कर लेंगी। आप जाओ अपना स्नान करो,। मैंने उसे बताया कि तौलिए टॉवल एक अलमारी में है। वह टॉयलेट में चली गयी। कुछ देर बाद मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए, और बाथरूम में घुस गया, एक तौलिया पकड़ा और साइड में डाल दिया और शॉवर में प्रवेश किया, यह कहते हुए कि टॉयलेट में बहुत जगह है, हमें पानी का संरक्षण करना चाहिए।
मुझे वहाँ देखकर उसकी किलकारी निकल गयी उसने मुझे अपनी और खींच लिया और मुझे एक चुंबन दे दिया, वह शावर में थी फिर उसने मेरे हाथ में साबुन दे दिया मैंने उसे सिर से पाँव तक साबुन लगाया, यौन स्थानों पर मैंने ज़्यादा समय लगाया और उसके यौन अंगो और स्तनों के भरपूर छेड़ छाड़ की।
फिर मैंने गर्म पानी से उसकी चूत को धोया तो वह आह-आह करने लगी बोली आमी तुमने रात को मुझे बड़ी बेदर्दी से मुझे चोदा देखो चूत कैसे सूज गयी हैl मैंने उसकी चूत की गर्म पानी से थोड़ी-सी सिकाई करि तो वह बोली अब कुछ आराम मिला हैl
मैंने शैम्पू लिया और उसके बाल धोए। फिर हैंड शावर से उसके एक-एक अंग तो अपने हाथो से ऊपर से नीचे तक धोया।
फिर उसने कहा अब मेरी बारी है तुम्हे नहलाने की और साबुन पकड़ कर नीचे बैठ कर उसने मेरे पैरों पर साबुन मलना शुरू किया और मेरे लंड तक साबुन लगाया l
फिर उसने खड़ी होकर मेरी छाती और पीठ पर साबुन लगाया सर पर शैम्पू लगाया और मुझे ऊपर से नीचे तक मुझे हैंड शावर के पानी से धो दिया जब वह मेरा लंड धो रही थी तब भी वह मेरी आँखों में देख रही थी बेशक उसकी इस तरह से छूने और उसकी प्यासी नज़रो से लंड खड़ा हो रहा था जिसे खड़ा होते देख वह मुस्कराने लगीl
लंड धोने के बाद उसने मेरे लंड पर हाथ फेरना शुरू कर दिया जो अभी भी पूरी तरह से खड़ा नहीं हुआ था। वह अपने घुटने पर बैठ गई और मेरे लंड को पकड़ लिया और सीधे मेरी आँखों में देखा और कहा, मैंने ये कल पहली बार किया था। मुझे उम्मीद है कि अब मैं इसे ठीक से कर पाऊँगी। उसने मेरे लंड को चाटना और लंडमुंड की सिर को चूमने से शुरू कर दिया और मेरे लंड के छेड़ पर अपनी झीभ की चोंच बना कर घुसाने की कोशिश करि।
मेरी आनंद के मारे कराह निकल गयी आह मीशा उह हम्म बहुत अच्छा लग रहा है। उसने फिर लैंड के चारो तरफ़ अपनी जीभ घुमाई और उसने फाइनली मेरे लंड को पूरा मुँह में ले लिया और कुछ बार झटके मारते हुए लंड को पूरा निगलने की कोशिश की। उसे एक दो बार सांस लेने में दिक्कत हुई तो उसने लंड मुँह से निकाल सांस लिया और दुबारा फिर उसने तेजी से चूसना शुरू कर दिया,।
उसके इस तरह चूसने बहुत जल्द ही मैं महसूस कर रहा था कि मेरे अंडकोषों में उबाल आ रहा था। ...मैंने कहा मीशा मेरा जल्दी ही होने वाला है। वह कुछ नहीं बोली वह बस मुझे और ज़ोर से चूसने लगी। मैंने ज़ोर से कई पिचकारियाँ मारी जो उसके गले तक गयी होगी। उसने उठकर मुझे एक चुंबन किया और मेरे वीर्य जो उसके मुँह में था उसका एक गोला बना कर मेरे मुँह में डाल दिया। मैंने उस गोले को अपने मुँह में इधर-उधर घुमाया और फिर उसे वापस उसके मुँह में डाल दिया। फिर मीशा ने उस गोले को निगल लिया।
मैंने पानी बंद कर दिया और हमने एक दूसरे को सुखा दिया। हम बैडरूम में आ गए और उसको किस करने लगा। उसने मुझे एक बड़ा चुंबन किया और कल रात के लिए धन्यवाद दिया ने कहा यह बहुत अच्छा था। तुम्हारे साथ मेरा पहला सेक्स बहुत अच्छा था। बहुत मज़ा आया तुम्हारे साथ। तुमने मुझे लड़की से औरत बना दिया। तभी वह लूसी हमे ढूँढती हुई वह आ गयी प्रिंस आप यहाँ है! आप फिर शुरू हो गए।. तो मैंने कहा क्या करू लूसी ये मीशा है ही इतनी प्यारी और सेक्सी के मुझसे रुका नहीं जा रहा। मेरी उंगली ने उसकी चूत को रगड़ना शुरू कर दिया।
तो लूसी बोली नाश्ता त्यार है आप दोनों पहले नाश्ता कर लीजिये। हम दोनों ने गाउन पहना और नाश्ते की टेबल पर आ गए। फिर उसने कहा कि नाश्ता देखो। उसमे से बहुत बढ़िया ख़ुशबू आ रही है। नाश्ते में आमलेट, टोस्ट, ताजे फ्रूट, संतरे का जूस और कॉफी थे। वह नाश्ते के लिए कांटा और छुरी उठाने लगी तो मैंने कहा रुको मैं तुम्हे खिलाऊंगा। मैंने उसे अपने हाथो से नाश्ता करवाया तो वह बोली तुम सच में मुझे बिगाड़ रहे हो। तो उसने वह नाश्ते का कौर वापिस मेरे मुँह में डाल दिया। हमने इस तरह एक दुसरे को खिलाते हुए नाश्ता किया वह बहुत स्वादिष्ट था। कुछ लूसी के हाथो का कमाल था और कुछ प्यार का।
इस तरह नाश्ता कब ख़तम हुआ और कब हम किश करने लगा पता ही नहीं चला। मैंने उसके गाउन को कब खोल दिया और उसने मेरे गाउन को कब खोल दिया कुछ पता नहीं चला और दोनों जन्मजात नंगे हो गए थे और एक दुसरे को पागलो की तरह चूमते किस करते हुए एक हाथ से मैं उसके स्तनों और निप्पलों से खेल रहा था और दूसरा हाथ उसकी चूत पर चला गया। जल्द ही मैंने अपनी उंगलियों को उसकी चूत में डाल दिया,। मेरे चूमने और किश करने से उसकी चूत गीली हो गयी थी। उसके रस वास्तव में बह रहे थे। मैंने उसकी तरफ़ देखा और उसके चेहरे पर चमक और आँखों में वासना थी।
। जेन ने फ़र्श पर लगे गद्दो को ठीक कर दिया था और चादर बदल दी थी और तह कर के वही साइड में राखी हुई थी। मैंने उसके हाथ पकड़े और हम अपने बिस्तर पर चले गए। मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया, गांड के नीचे तकिये लगाए और मैं उसके घुटनों के बीच झुक गया। वह लेट गयी और अपने पैर मेरे लिए फैला दिए,। मैंने पहले जीभ से चूत पर किस किया। मैंने चूत के बाहरी होंठों को पहले चाटा, क्योंकि वे बहुत अच्छे और चिकने लगे। फिर मैंने अपने होंठ उनके ऊपर रख दिए और उनके रस को चूसने की कोशिश की। मैंने फिर उसके होंठों को खोला और अपनी जीभ को उसकी चूत पर टिका दिया और मैंने उसे धीरे से चाटा, उसकी चूत को चाटने और चूत पूरी मेहनत से चूसने लगा।
वह मुझसे कह रही थी बहुत अच्छा लग रहा है वह मुझे बता रही थी यहाँ चाटो यहाँ चाटो ज़ोर से चूसो, ज़ोर से चूसो। अचानक वह चिल्लाई आह ओह ओओओ भगवान मैं झडने वाली हूँ और उसने अपने पैरों को मेरे सिर पर लॉक कर दिया,। उसके कूल्हे ऊपर उठे, पूरा बदन काम्पा और मेरा मुँह उसके ढेर सारे चुतरस से भर गया।
कुछ देर बाद जब उसकी उखड़ी साँसे कुछ नियंत्रित हो गयी तो उसने मुझे ऊपर खींच लिया और मेरा लंड पकड़ कर चूत खोल कर उसके ऊपर रखा और बोली आओ मुझे चोदो, मैंने हल्का से धक्का दिया तो उसने भी अपने चुतर आगे सरका दिए और लंड आधा अंदर चला गया। मैंने अगला धक्का थोड़ा ज़ोर से दिया तो पूरा का पूरा लंड उसकी गीली चूत में समा गया। मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाए तो वह बोली ज़ोर से लगाओ और ज़ोर से और ज़ोर से। मेरी चूत का असली इलाज़ तो तुम्हारी चुदाई ही है। उसकी आवाज़ सुन कर मेरा जोश बढ़ गया और मैंने धक्को की गति को तेज कर दिया।
फिर कुछ देर बाद मैंने लंड बाहर खींचा और साइड में लेट गया और वह मेरे ऊपर चढ़ गई, मुझे किस किया और मेरे लंड पर उसने सवारी की। और इस बीच मेरे हाथ उसके निप्पल और स्तनों से खेलते रहे। कुछ देर बाद मैं उठ कर बैठ गया और वह मेरी गोदी में हो गयी और उसने अपने पैर मेरे चूतड़ों पर कस दिए और मेरे पैर उसके चूतड़ों के नीचे थे। हम दोनों लंड चूत में घुसा कर किश करने लगे। बीच-बीच में मीशा ऊपर नीचे हो जाती थी और मैं भी चूतड़ उठा कर धक्के लगा देता था।
मैंने उसे कहा अब वह मेरी टांगो की तरफ़ अपना मुँह कर के सवारी करे। इस तरह मैं उसकी चूत के अंदर आते जाते अपने लंड को देख सकता हूँ। मैं लेट गया वह उठी और घूम कर फिर लंड को अंदर ले कर सवारी करने लगी। क्या पतली कमर सुन्दर चिकनी पीठ थी। उसपर मैंने अपने हाथ फेरे। जब मैं हाथ फेर रहा था तो उसने अपने बाल आगे कर लिए। सच में क्या नज़ारा था।
चुकी हम दोनों एक-एक बार झड़ चुके थे तो ये वाला सम्भोग लम्बा हो गया था। वह बोली कि मुझे अब कुत्ते की शैली में चोदो। और नीचे उतर कर अपने पोजीशन ले ली। मैं भी उसके पीछे आ गया और उसके चूतड़ों को पकड़ा, लंड चूत पर लगाया और अंदर धक्का दे दिया। दो तीन धक्को में लंड अंदर चला गया और फिर मैंने उसकी दबा के चुदाई की,। बीच-बीच में मैंने उसकी सेक्सी गांड को भी सहला देता था और जल्द ही हम दोनों एक साथ झड़ गए। मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और ठुड्डी तक कम्बल खींच कर उसमे घुस गए। और एक दुसरे की बाहो में सो गए।
जब मेरी आँख खुली तो मैंने देखा मीशा बिस्तर पर नहीं थी। मैंने इधर उधर देखा तो मीशा अपने कपडे पहन रही थी। वह थोड़ा-सा लंगड़ा रही थी। मैंने कहा तुम लंगड़ा क्यों रही हो ठीक तो हो। आराम कर लो। तो वह बोली नीचे थोड़ा-सा दर्द है। तो मैंने पुछा मीशा कहाँ जा रही हो तो वह बोली मुझे हॉस्टल जाना ही होगा।
तो मैंने कहा तुम यही क्यों नहीं रुक जाती कॉलेज में तो छुट्टिया हैं और तुम मान भी गयी थी कल यहाँ रुकने को। तो मीशा बोली मैं हॉस्टल से सिर्फ़ एक छुट्टी ही ले कर आयी थी। अब मुझे हॉस्टल जाना ही होगा। तो मैंने कहा फ़ोन कर दो। तो वह बोली नहीं वार्डन से एप्लीकेशन लिख कर छुट्टी लेनी पड़ेगी, हॉस्टल के रूल्स बहुत सख्त है। तो मैंने कहा मैं कुछ करता हूँ तुम्हे हॉस्टल से छुट्टी दिलवा देता हूँ। ...तो बोली नहीं ऐसा बिलकुल मत करना सब को पता लग जाएगा मैं तुम्हारे साथ हूँ। और फिर मुझे अपने कपडे भी लाने हैं मैं यही कपडे पूरी छुट्टिया नहीं पहन सकती। मैं उठा और मेरी बाहों में ले लिया मीशा को गले और उसके होठों पर एक नरम चुंबन दे दिया। उसने मुझे वापस चूमा और मैंने उससे पूछा कि क्या वह ठीक था। उसने कहा कि वह ठीक महसूस कर रही है, लेकिन नीचे और पीछे थोड़ा-सा दर्द है। मैंने कहा कि मुझे खेद है मेरा मतलब उसे चोट पहुँचाना नहीं था। उसने जवाब दिया कि उसे बहुत मज़ा आया मेरे साथ और अब मैं भी तुम्हारे बिना नहीं रह पाऊँगी। तो मैंने उसे कहा तो ठीक है हॉस्टल छोड़ कर हमेशा के लिए यहीं आ जाओ। वह कुछ नहीं बोली।
तो मैंने कहा ठीक है मैं तुम्हे अपनी कार में ले कर चलता हूँ। तुम छुट्टी और कपडे ले कर आ जाना तो थोड़ी न नुकुर के बाद वह मान गयी और बोली तो फिर तुम अपनी कार हॉस्टल से दूर हो रोकना। इतने में लूसी आ गयी और बोली लंच त्यार है आप दोनों लंच कर लीजिये। फिर ही जाना।
लूसी ने मीशा को दर्द की देसी आयुर्वेदिक दवाई दी और बोली आयुर्वेदिक दवाई है ले लो, इससे दर्द में आराम मिलेगा।
तो हम दोनों ने लंच किया। लूसी ने वह साड़ी और चोली और मोतियों की माला उसको दिए। मीशा बोली क्या वह-वह चादर ले सकती है जो जिसपे हमारे पहले प्यार की निशानी के तौर पर खून लगा हुआ है तो लूसी ने एक थैले में डाल कर उसको वह चादर दे दी और कार स्टार्ट कर हम हॉस्टल की और चल दिए।
क्रिसमस डिनर की कहानी जारी रहेगी आपके मेल और कमैंट्स का इंतज़ार रहेगाl
आपका
आमिर