क्रिसमस डिनर-5

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क्रिसमस तोहफा.
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चुदाई के बाद मीशा थोड़ा लंगड़ा कर चल रही थी और बोली दर्द हो रहा है तो लूसी ने मीशा को दर्द की देसी आयुर्वेदिक दवाई दी और बोली आयुर्वेदिक दवाई है ले लो, इससे दर्द में आराम मिलेगा। लूसी ने वह साड़ी और चोली और मोतियों की माला उसको दिए। मीशा बोली क्या वह-वह चादर ले सकती है जो जिसपे हमारे पहले प्यार की निशानी के तौर पर खून लगा हुआ है तो लूसी ने एक थैले में डाल कर उसको वह चादर दे दी और कार स्टार्ट कर हम हॉस्टल की और चल दिए।

अब आगे

कॉलेज और हॉस्टल मेरे घर के बगल में ही था। 2 मिनट से भी कम समय में हम वहाँ पहुँच गए। हॉस्टल के गेट से कुछ पहले ही मैंने गाडी रोक दी। मीशा में मुझे किस करि और बोली मैं कुछ देर में लौट कर आती हूँ। मैं उसे हलके से लंगड़ा कर हॉस्टल में तोहफे संभाल कर ले जाते हुए देखता रहा।

लगभग आधे घंटे बाद उसका फ़ोन आया "आमी" वार्डन अभी यहाँ पर नहीं है कहीं गयी हुई है। वह शाम तक वापिस आएगी। मैं तभी आ सकुंगी मुझे देर लगेगी। आप प्लीज वापिस चले जाओ। मैंने कहा कोई बात नहीं मैं इंतज़ार कर लेता हूँ तो बोली नहीं आप प्लीज चले जाओ। बाहर काफ़ी ठण्ड है आप प्लीज चले जाओ। मैं आती हूँ कुछ समय बाद।

उसने मुझ से वादा किया कुछ भी हो वह ज़रूर आएगी तो आख़िर कार मैं वापिस आ गया। लूसी और जेन ने पुछा क्या हुआ मीशा नहीं आयी? तो मैंने बोला वार्डन हॉस्टल में नहीं थी। वह कह रही है वह शाम तक आएगी और मैं उसका इंतज़ार करने लगा। मेरे लिए इंतज़ार के पल काटना मुश्किल हो गया था। मुझे उदास देख लूसी ने मुझे किस किया और बोली आप चिंता न करो मैंने उसकी आँखों में सच्चाई देखि है वह ज़रूर आएगी।

मैं बेकरारी से उसका इंतज़ार कर रहा था। शाम को लगभग 6 बजे उसका मैसेज आया वह 10 मिनट में आ रही है। मैंने उसे वापिस मैसेज किया कहाँ हो? मैं आ जाता हूँ लेने तो वह बोली वह बस पहुँच ही रही है।

मैंने लूसी को बताया मीशा का मैसेज आया है वह दस मिनट में आ रही है तुम सच कह रही थी वह आ रही है मैं बहुत खुश और उत्साहित हो गया था। तो मैं घर के गेट के बाहर ही उसका इंतज़ार करने के लिए बेचैनी से घूमने लगा।

ठीक दस मिनट के अंदर ही एक टैक्सी गेट पर आ कर रुकी। वह एक लम्बा नीले रंग का कोट और लॉन्ग बूट पहने हुए एक सूटकेस ले कर आयी और दौड़ कर मुझ से लिपट गयी और किस करते हुए बोली-बोली जानू लो मैं आ गयी अब मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकती। मैंने कहा मेरे लिए भी ये इंतज़ार के पल बहुत भारी थे। गेट पर हे मैंने सवाल दाग दिए वार्डन कब आयी? और कितने दिन की छुट्टी ले कर आयी हो? और पूरी बात बताओ क्या हुआ इतनी देर क्यों लगी? तो मीशा बोली इतने सारे सवाल एक साथ! बताती हूँ सब बताऊंगी। अंदर आ जाऊँ या सब जवाब यही चाहिए।

तो मैंने कहा सॉरी! प्लीज अंदर आ जाओ और लूसी ने मीशा का सूटकेस पकड़ा और कहा आओ मीशा अंदर आ जाओ। तुम्हारे इंतज़ार में प्रिंस बहुत बेकरार थे। इतना परेशान इन्हे मैंने कभी नहीं देखा है।

तो जेन चाय बिस्कुट केक ले आयी और लूसी बोली अब आप दोनों के पास समय ही समय है। मीशा को बैठने तो दीजिये। सांस तो लेने दो उसको पहले आप चाय पी लीजिये। पारी बोली ठण्ड बढ़ गयी है। बाहर बहुत ठंडी हवा चल रही है और चिमनी को थोड़ा तेज कर दिया।

फिर हम दोनों ने चाय पीनी शुरू की। मैंने फिर पुछा मीशा बताओ इतनी देर क्यों लगी? तो मीशा बोली एक तो वार्डेन वहाँ नहीं थी और फिर मेरी रूममेट स्टेसी जो मेरी सबसे अच्छी दोस्त भी है ने मुझे पकड़ लिया था। उसने मेरे हाथ में गिफ्ट देख पुछा कहाँ थी कल रात भर? फिर उसने पैकेट छीन कर खोल दिए और साडी और चादर देख कर बोली बधाई! अब तुम कली से फूल बन गयी हो। सच बताओ किस के साथ थी। क्या तुम्हारे बॉय फ्रेंड से तुम्हारी दोस्ती फिर से हो गयी है या फिर कोई और है? तो मैंने उसे तुम्हारे बारे में बताया। तो उसने पूरी कहानी बताने को कहा। तो मैंने उसे पूरी कहानी बताई और ये भी बताया अब बाक़ी की क्रिसमस की छुट्टिया भी मैं तुम्हारे ही साथ रहूंगी और वार्डन से छुट्टिया लेने और अपना कुछ सामान लेने ही आयी हूँ।

तो उसने मेरी पैकिंग करने में मदद करि और वार्डेन के पास जा कर मुझे छुट्टी दिलवाने में भी मदद करि और फिर ज़रूरी शॉपिंग करके मैं तुम्हारे पास दौड़ी चली आयी और हम फिर किस करने लग गए।

तो लूसी ने कहा आप दोनों अपना कोट मुझे दे दीजिये और आराम से हो जाईये। मीशा बोली सच में लूसी आप ने चाय बहुत अच्छी बनाई है। मैंने अपना कोट उतार कर गुलबो को पकड़ा दिया। फिर उसने कहा मेरा सूटकेस देना प्लीज और उसमे से दो पैकेट निकाले और लूसी जेन को दे कर बोली ये तोहफे कबूल कीजिये। तो मैंने कहा मेरा तोहफा कहाँ है मीशा मेरे लिए क्या लायी हो?

पहले तो मीशा थोड़ी झिझकी। खड़ी हुई। फिर मुस्कुराते हुए बोली मैं पूरी तुम्हारी हूँ और अपना लॉन्ग कोट खोलना शुरू कर दिया।

उसने लॉन्ग कोट का बटन खोला तो उसके नीचे मीशा ने एक बहुत सेक्सी छोटी, फ्रिली, लाल रंग की लिंगरी पहनी हुई थी। उसके गोल सुडोल ग्रुत्वकर्षण के सिद्धांत को झुट्लाते हुए स्तन गर्व से बाहर निकल रहे थे हैं,। थोड़ा-थोड़ा करके, अपने शरीर को एक समय में छह इंच प्रकट करती हुई, अपने स्तनों को उजागर करती है। उसकी ब्रा के प्रत्येक तरफ़ से चिपके उसके निपल्स अपने आप को इतनी कामुक प्रदर्शित होने के बारे में सोचने से कड़े होने लगे। उसके धड़ उसकी कमर, उसके पेट चूत के होंठ उसकी जांघें सब उसने धीरे-धीरे एक एक बटन उसने खोला। आख़िर में कोट को मेरे ऊपर फेक कर मुस्कुराने लगी। उसकी लिंगरी उसके स्तनों और चूत को मुश्किल से ढँकती थी और बस उसकी चूत पर रुक जाती थी। उसने काले रंग के ऊँची हील वाले लम्बे बूट पहने हुए थे जिससे उसके चूतड़ बेहद कामुक तरीके से बाहर निकालते हैं।

मैं हैरान रह गया। उसे उस लिंगरी में देख कर मुझ से रुका नहीं गया और मैं उसे किश करने के लिए आगे बढ़ा तो उसने मुझे धक्का दे कर सोफे पर दुबारा बिठा दिया और बोली थोड़ा रुको।

वह अपने नितंबों को चिपकाए मेरी बग़ल में खड़ी हो गयी थी। अपने स्तनों को ढंकने के बहाने, लेकिन जानबूझकर उन्हें छुपा कम और दिखा ज़्यादा रही थी। उसके सुडोल गोल स्तन उसकी बाजुओं में छुप नहीं रहे थे। क्या कामुक नज़ारा था। ऐसा लग रहा था मैं किसी नाईट क्लब में कोई सेक्स शो देख रहा था। फिर वह घूम गयी और उसने मेरे सामने अपनी नंगी गांड को बाहर कर मेरे सामने कर दिया।

वह अपने बट की गोलाई पर ज़ोर देने के लिए सोफे पर आगे झुक गयी और अपने पैरों को फैला दिया। उसके पैर उसकी स्पाइक बूट्स में लगभग 1, इंच के और फैलते हैं। , फिर हुए, यह सोचकर कि उसकी चूत शायद पीछे से उठी हुई थी और आगे झुक गयी। , मैंने ग़ौर किया उसकी चूत और गांड का छेद साफ़ नज़र आ रहा था। मैंने उसकी चूत पर हाथ लगाना चाहा तो वह थोड़ा दूर हो गयी और थोड़ा-सा मुड कर ऊँगली ना में हिलाती हुई इशारा करने लगी। तो मेरा हाथ लंड पर चला गया लंड अकड़ाव ले रहा था। मैंने लंड को सहलाया उसे समझाया थोड़ा सब्र करो सब मिलेगा। वह मेरी उत्तेजना की गंध को महसूस कर रही थी। वह एक हाथ से अपने स्तनों की मालिश करना शुरू कर देती है, जबकि उसका दूसरा हाथ उसकी चूत की ओर रेंगने लगा।

वहाँ मौजूद लूसी म्यूजिक चला देती है। , वह संगीत की ताल में बहने लगती है,। वह संगीत की ताल में अपना शरीर हिला रही थी। मैं उसकी चिकनी चूत को देखता हूँ, जो पूरी गीली हो चुकी है। मैंने देखा कि वह कितनी उत्तेजित है। मैं उसकी गांड को गोल-गोल घेरे में लहराते हुए देखता हूँ। उसे ऐसा करते देख मेरी वासना अपने उत्कर्ष पर पहुँच चुकी थी। , मैं बता सकता हूँ कि वह मेरा मोटा, कठोर और लम्बा लौड़ा लेना चाहती थी। मेरा लंड पूरा कड़क हो गया था और दर्द से धड़क रहा था और उपयोग करने की मांग कर रहा था।

मेरे लिए रुकना मुश्किल हो गया था मैंने अपनी ज़िप थोड़ी-सी खोल कर लंड को बाहर निकाल लिया और लंड को सहलाया मैं उसे अभी अपनी बाहो में ले लेना चाहता था। वह मटकती हुई मेरे पास आयी और मेरी छाती पर अपना एक पैर रख दिया और नीचे सरका कर लंड को पैर से दबा दिया। मैंने उसका पैर को पकड़ कर चूमा और उंगलियों को एक-एक कर चूसा फिर मेरी नज़रे उसकी चूत पर टिक गयी। मेरा हाथ उसकी टांगो पर फिसलता हुआ चूत की तरफ़ बढ़ा तो वह थोड़ा पीछे हट गयी और ना का इशारा किया। मुझे बोली अभी तुम्हे कुछ ज़्यादा छूने की इजाज़त नहीं है जितना मिल रहा है बस उतने से सब्र करो। मैंने रूआंसा-सा मुँह बनाया तो वह फिर मेरे पास आयी मुझे चूमा बोली मिलेगा सब मिलेगा बस थोड़ा-सा सब्र करो। मेरे बेबी! फिर वह घूमी और मेरी गॉड में अपने चूतड़ टिका कर मेरे लंड को रगड़ने लगी। मुझे लगा मेरा लंड फट जाएगा और मैंने उसे पकड़ना चाहा तो वह एक दम से लहराई और गांड मटकाते हुए दूर चली गयी। अपने स्तन सहलाने लगी वह मुझे तड़पा रही थी। तो मैंने उसकी और एक फ्लाइंग किश उछाल दी।

मैं अपना लंड सहलाने लगा। वह फिर लहराई और उसने अपनी ब्रा को थोड़ा सरकाया और अपना एक निप्पल नंगा कर मुझे दिखाया। फिर निप्पल मेरे मुँह के पास ले आयी। मैंने उसे किस किया और चूसने के लिए मुँह खोला और बाल आगे कर उस मम्मे को छुपा लिया और फिर पीछे हट गयी।

मैं आंखें फाड़-फाड़ उसे घूरना लगा। फिर उसने अपनी एक चिकनी टांग ऊपर उठा दी और धक-धक डांस करते हुए छातियाँ ऊपर नीचे करने लगी। फिर उसने उस निप्पल को वापिस ढक दिया और दुसरे निप्पल को नंगा कर मेरे मुँह के पास ले आयी। तो मैंने उसे किस कर रुक गया तो वह पीछे नहीं हटी तो मैंने उसे मुँह में लिया और चूसने लगा। वह फिर पीछे हट कर फिर घूम कर अपनी नंगी पीठ दिखाने लगी। अगले ही पल घूम कर अपने छातिया नंगी करके मम्मों को मुझे दिखते हुए सहलाने लगी और-और कूल्हे ऊपर करके ऐसे उछालने लगी, जैसे लंड को और अन्दर लेने के लिए मरी जा रही हो।

फिर दोनों मम्मे दिखाने लगी। फिर जल्दी-जल्दी उलटने पलटने लगी। मैंने उसे उसके सुनहरे बालों से उसके चेहरे ले लेकर पाँव तक ऊपर से नीचे देखा। उसका सारा बदन संगीत पर थिरक रहा था।

उसकी भी अब यही हालत थी वह भी मेरी बाहो में समा जाना चाहती थी। वह पलटी रुकी ऐसा लग रहा था कि वह कामाग्नि में जल रही है। मेरा भी यही हाल था। मेरी आँखे मीशा पर जमी हुई थी। वह अपने मम्मों और चूत को हाथ से सहला रही थी। उसकी भी कामाग्नि भड़कने लगी थी। अब मीशा ने मुझे फ्लाइंग किस दी और आँख मारी मुस्काई और ऊँगली से इशारा कर मुझे अपने पास बुलाया।

मैं उठा लपका तो वह फिर पीछे घूम गयी। मैंने उसे अपनी बाहो में ले लिया। मैं इतनी ज़ोर से लपका था कि हम दोनों दिवार के साथ जा लगे और मैंने उसे दिवार के साथ और दबा दिया। जिससे वह अब मुझ से दूर न जा सके और उसके स्तनों पीछे से को दबा दिया। उसके मुँह से निकला आह! और उसके मुँह को घुमाया और उसे किस कर दिया। उसने भी किस करके जवाब दिया और हमारी किस गहरी और गहरी होती गयी l बेशक हम दोनों के दिमाग़ पर सेक्स सवार था।

मैंने उसे फिर से दीवार पर दबाया,। इस बार उसके स्तनों के साथ। , मेरा लंड उसकी गांड के साथ लग गया। वह मेरे लंड की कठोरता को महसूस करती सीधी घूम गयी। हमारा चुंबन तेज गहरा और गीला हो गया। और वह फिर से मुस्कान, खेल-खेल में, इरादे के साथ मुझे सीधे आँख में देखते हुए, मेरा खड़ा लंड पकड़ कर बोली, " चलो, अब बिस्तर में चलते है।

लेकिन मैं बिस्तर पर जाने तक को भी तैयार नहीं था। मेरे लिए इतना सब्र जो मैंने अब तक किया था वह काफ़ी ज़्यादा था। मैंने उसके वापिस अपनी आगोश में दबोच लिया। वह कुछ नहीं बोली।

मैं अपनी उँगलियों को उसकी गर्दन से नीचे उसकी त्वचा के ऊपर उसकी लिंगरी तक ले गया। मेरी छाती उसकी छाती को दबा रही थी। वह धीरे-धीरे पीछे हटी पर उसने कभी भी अपनी आँखें मुझसे नहीं हटाई। उसकी पीठ दीवार से लगी हुई थी।

फिर मेरे-मेरे हाथ उसके सिर के दोनों तरफ़ आते हैं और मैं उसके ऊपर झुक गया। मैं उसके होंठों को चाटते हुए प्यार से उसके माथे पर मीठी किस कर के बोला "तुम ही मेरा गिफ्ट हो" वह बोली "क्या?" और उसने धीरे से अपने हाथ मेरी छाती पर रख दिए।

"तुम मुझ पर अब भी विश्वास नहीं करती?" मैं कुड़ाकुड़ा कर बोला। मैं उसके मुँह को अपने मुँह से सहलाने लगा। उसके हाथ मेरी गर्दन के आसपास और उसका मुंह मेरे मुँह से चिपक गया। उसकी जीभ मेरे निचले होंठ के खिलाफ फड़फड़ा रही थी और मेरे मुंह में अंदर बाहर होने लगी। मैंने खड़े-खड़े ही अपने ऊपरी शरीर का भार उसके बदन पर डाल दिया और उसको हाथो को अपने बालों में महसूस किया। मैंने अपनी जाँघों को उसकी टांगो के बीच घुसा दिया और मेरे लंड ने उसके बदन की गर्मी को महसूस किया। वह बहुत गर्म थी।

उसने मेरे मुँह में अपनी जीभ घुसेड़ दी और मेरी जांघ के दूर धीरे-धीरे सरकने लगी। उसके हाथ मेरी गर्दन से फिसले और मेरी शर्ट के बटन को खोलना शुरू कर दिया। बटन भी थोड़ा नखरा दिखाने लगे। तो उसने ज़ोर से खींचा तो एक-एक करके सारे बटन टूट कर फ़र्श पर गिर गए और कमीज के अंदर हाथ डालकर मेरी छाती पर हाथ फेरा। उसने सारे बटनों को खोल दिए यु कहिये तोड़ दिए।

उसकी उँगलियाँ सहलाते हुए मेरे निप्पलों पर हाथ फेरने लगी और फिर मेरी कमीज़ को मेरी पैंट से बाहर निकालने लगी। उसने मेरा मुँह अपने मुँह दूर करके बोली। "इसे उतार दो।" और कमीज को उसने मेरे कंधों को झटकने का प्रयास किया तो मैंने अपनी बाहें नीची कर लीं, जिससे मेरी कमीज फ़र्श पर आ गई।

मेरा मुंह को अपनी सुन्दर सुराहीदार गर्दन को चुम और चूस रहा था। वह धीरे-धीरे मेरे कान को चाटने और चूसने लग गयी। फिर उसने मेरी-मेरी बेल्ट को खोला और मेरी पैंट के बटन को, धीरे-धीरे खोला और ज़िप को पूरा नीचे तक सरका दिया "हे भगवान।" कह कर वह मेरे अंडरवियर के अंदर अपने हाथों को स्लाइड कर और मेरे अंडरवियर और मेरी पैंट को एक साथ मेरे कूल्हों से नीचे कर दिया।

"तुम्हे कुछ चाहिए बेबी?" मैं उसके कान में फुसफुसाया। क्योंकि मेरे हाथ उसके स्तनों पर थे और उसके खड़े निप्पलों को छेड़ने का प्रयास कर रहे थे। मैंने उसकी लिंगरी को उतारने का असफल प्रयास किया और फिर उसके हाथों को मेरे लंड पर महसूस किया। उसकी उंगलियाँ हल्के से मेरे लंड के चारों धीरे से सहलाकर लिपट रही थीं।

"चोदो मुझे" वह फुसफुसाइ और मेरे लंड मुंड पर उसने हाथ फेरते हुए कहा और अपने-अपने अंगूठे को चूसने लगी। मैंने उसके लिंगरी को खोल दिया। , खोल क्या लगभग फाड़ कर उतार दिया। मैं उसके स्तनों को अपने हाथों में मसलने लगा और दीवार से सटा दिया। उसकी सांस फूल रही थी जैसे कई मील दौड़ कर आयी हो।

मैंने उसके एक टांग को ऊपर उठाया। तो उसने अपने हाथों को मेरे कंधों पर लपेट लिया। मैंने दूसरा पेअर भी दुसरे हाथ से ऊपर कर दिया। उसने अपने दोनों पैरों को मेरे कूल्हों के चारों ओर लपेट दिया और मेरी गॉड में हो गयी और उसके स्तन मेरी छाती के साथ दब गए। मैंने उसे और ऊपर उठाया और उसका एक पैर अपने कंधे पर कर दिया और फिर दूसरा पैर भी कंधे पर कर किया। वह भी उचक कर मेरे कंधो पर सवार हो गयी। मुझे वह बिलकुल हलकी लगी। उसक बजन फूल जैसा लगा और उसकी पीठ दीवार से सटी हुई थी। उसने हाथो को भी दीवार से टिका दिया और अब उसकी चूत मेरे मुँह के सामने थी। । मेरे हाथ उसके बूब्स पर चले गए और मैं उनको दबाने लगा और निप्पलों से खेलने लगा। अपना मुँह उसकी चूत से लगा उसको चाटने लगा। वह ओह्ह! आह! करने लगी बहुत जल्द ही वह अपने चर्म पर पहुँच गयी। उसका शरीर काम्पा और मेरा मुँह चुतरस से भर गया जिसे मैं पूरा चाट गया।

हमारे साँसे कुछ ज़्यादा तेज हो गयी थी। वह धीरे-धीरे आहिस्ता होने लगी और वह लम्बे गहरे सांस लेती मेरे खन्धो पर हाथ रख धीरे-धीरे नीचे उतर कर खड़ी हो गयी। मैं उसे किस करने लगा। उसकी कान और गर्दन पर किस करि तो वह बहुत जल्द ही दुबारा गर्म हो गयी थी। । मेरा लंड पकड़ कर अपनी टाँगे खोल कर चूत पर लगा कर बोली प्लीज मुझे चोदो। मेरा हाथ भी उसकी टांगो के बीच-बीच पहुँच गया। अपना लंड अपने हाथ में लेकर उसकी गीली गर्म चूत के अंदर मार्गदर्शन करने लगा। लंड को उसकी चूत के मुँह पर कुछ बार रगड़ा। वह एकदम गीली थी। मैंने अपने घुटनो को तोडा-सा मोड़ कर एडजस्ट किया। एक हाथ से लंड चूत के छेद पर लगाया और तो वह अपने दोनों हाथो से मेरे कूल्हों को अपनी और दबाने लगी।

मैंने खड़े-खड़े वैसे ही अपने कूल्हे का दबाब उसकी चूत पर बढ़ा दिया और लंड आधे से ज़्यादा अंदर घुस गया। उसके मुँह से निकला आह! तो उसने भी अपने कूल्हे मेरे तऱफ दबा दिए। जैसे ही मैं अपने कूल्हों को आगे बढ़ाया मैं उसकी आँखों में देखने लगा और लंड पूरा अंदर समा गया। मैंने कुछ धक्के लगाए तो वह भी उसी ताल में अपने चूतड़ आगे पीछे करने लगी और उसके हाथ मेरी गर्दन पर आ गए मेरे हाथ उसकी स्तनों से खेलने लगे।

मैं खड़े-खड़े ही उसको चोदने लगा और हमारे ओंठ जुड़ गए और जीभ आपस में लड़ने लगी। मैंने कुछ देर बाद उसकी बायीं टांग को अपने दाए हाथ से ऊपर किया और धक्के लगाना चालू रखा। उसने दुबारा अपने हाथ मेरे गले में दाल कर अपना बजन मेरे ऊपर दाल दिया। मैंने उसकी दूसरी टांग भी ऊपर उठा दी और घूम गया और अब मैं दीवार के साथ था और वह मेरी गोद में थी।

मैंने ऊपर उचक-उचक कर कुछ धक्के लगाए। फिर अपने दोनों हाथ उसके कुछ्लो के नीचे ले गया और उसको अपने लंड के ऊपर नीचे करने लगा। सच बड़ा मज़ा आया। उसके हाथ मेरी गर्दन के पीछे ख़ुद को बैलेंस कर रहे थे। मैं तेजी से ज़ोर लगा कर अपने लंड के आस पास उसकी गीली चूत के एहसास को मह्सूस कर रहा था। मैं उसके स्तनों को हर बार ज़ोर से उछलता हुआ देखता हूँ। महसूस करता हूँ कि उसकी चूत मेरे लंड के चारों से पूरा कस रही है। कुछ देर में वह हांपने लगी तो मैंने उसे नीछे कर दिया पहले एक टांग फिर दूसरी टांग नीचे कर दी। घूमा उसे दीवार से चिपकाया और दुबारा धक्के लगान चालू कर दिए।

" मैंने उसके खुले मुँह में अपनी जीभ घुसेड़ दी। जैसे ही मैं अपने कूल्हों को एक धीमी लय में आगे पीछे करना शुरू करता हूँ, वह कराह उड़ती है। आह और ज़ोर से करो तो मैंने एक धक्का ज़्यादा ज़ोर से लगाया तो फट-फट की आवाज़ आयी। तो वह बोली ऐसे ही ज़ोर से करो उसने अपना चेहरा मेरी गर्दन में दबा दिया और मेरी गर्दन पर धीरे से काटा। उसने मेरे कान को चाटा।

"ऐसे ही मुझे चोदो और ज़ोर से चोदो। प्लीज।" उसकी ऐसी आवाज़ पर अमिन अपनी स्पीड बढ़ा देता हूँ बस ऐसे ही करते रहो और मेरे हाथो जो उसके बूब्स पर थे उन अपने हाथ रख कर वह अपने बूब्स दबाने लगी। वह अपने कुह्ले भी मेरे ले से ले मिला कर आगे पीछे का रही थी।

"बस ऐसे ही। ओह गॉड बेबी" वह चीखी। यह जानकर कि वह करीब है। "आओ जानेमन।" मैंने काना फूसी की। आह ओह्ह मैं कराहता हूँ और जोर-जोर से उसकी दीवार के साथ लगा कर उसे धक्के मारने लगता हूँ। "ऊओह यस्स्स्स्स्सस्सस्सस्सस्स। ।" वह ख़ुद को मेरे चारों ओर लपेट देती है और अपने कूल्हों को मेरे तरफ़ धकेल देती है।

और वह बार-बार आंखें बंद कर लेती है। मैं ज़ोर से धक्के लगाना जारी रखता हूँ। फिर दोनों से जिस्मो में उबाल आया और दोने एक साथ झड़ गए और एक दुसरे से चिपक गए।

मैंने अपने धक्को को धीमा कर दिया और उसे दीवार के साथ लगा कर आराम करने दिया। मैंने उसके गालोंपर एक किस करि तो आँखें खोलकर मुस्कुराती है। वह अपने कूल्हों को थोड़ा हिलाती है, मुझे अपनी आँखें बंद करके देखती है। "मैं तुम्हें अपना उपहार देने के लिए बहुत खुश हूँ।" वह फुसफुसाते हुए बोली और मैं हंसते हुए उसकी गांड पर एक हलकी से चपत लगा कर उसे लेकर बिस्तर पर लेट जाता हूँ।

मेरी कहानी जारी रहेगी क्योंकि अभी मीशा के साथ छुट्टिया शरू ही हुई हैं

आपका आमिर खान हैदराबाद

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