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Click hereअंतरंग हमसफ़र-20 में पढ़ा:-
"अलका ने महसूस किया कि मैंने लावे से उसकी गर्भाशय को नहला दिया हो और वह शुद्ध कामुकता में कराहने लगी। मैं बिना रुके लगातार पंप करता रहा मुझे लगा मेरे अंडकोषो ने कई बार लावा उगला और लगा जैसे खाली हो गए हो। उसके बाद मुझे मेरे अंडकोष एकदम हलके महसूस होने लगे और अंतिम प्रयास से अपनी छाती के पसीने के साथ उसके ऊपर गिर गया।
जब मेरी उखड़ी हुई साँसे कुछ सामान्य हो गयी और धीरे से लंड को बाहर निकाला। मैं बिस्तर पर लेट गया और अलका को अपनी बाहों में खींच लिया। उसे चूमा, हम दोनों ने बस एक-दूसरे को अपने प्यार में पकड़े रखा और धीरे-धीरे सोते हुए सो गए तभी एक नरम आवाज़ ने हमारे पहले मिलन की तन्द्रा को तोडा। "
मैं दीपक आपने मेरी कहानिया "झट शादी पट सुहागरात-1-4" में पढ़ा कैसे मेरी सहयोगी प्रीती दुल्हन बन कर सुहागरात मनाने को तैयार हो गयीl उसके बाद मेरी और मेरे घर की देखभाल करने वाली रोज़ी और रूबी मिली और मेरी सभी प्रेमिकाओ और उनकी चुदाई के बारे में पूछने लगीl मैंने उसे बताया किस तरह मैं रोज़ी और रूबी से मिला और कैसे मेरी और रोज़ी की पहली चुदाई हुईl फिर उसके बाद रूबी को चोदा और फिर हमारे गाँव के प्रवास के आखिरी दिन जंगल में हमने ग्रुप सेक्स और मेरे फूफेरे भाइयो बॉब और टॉम के साथ प्रेमिकाओ की अदला बदली का कार्यक्रम बनाया l वहाँ रोज़ी की सहेली टीना की पहली चुदाई की। फिर छोटे योनि के छेद वाली मोना को मैंने चोदा। रोज़ी मेरे साथ शहर आ गयी। उसके बाद मेरी बुआ और उनकी तीन बेटियों लंदन से दिल्ली हमारे घर आये।
मेरा दोनों बहनो रोज़ी और रूबी के साथ हमारा पहला थ्रीसम हुआ अगले दिन सुबह मेरी सबसे बड़ी फूफेरी बहन जेन ने जंगल में पेड़ो के नीचे हरी घास के मैदान पर अपना कुंवारापन मुझे समर्पित कर दिया और दूसरी बुआ के बेटी अलका और जेन का रात को मेरे साथ सोने का कार्यक्रम बन गया और फिर मैंने बॉब और जेन के साथ मिल कर अपनी बाक़ी फूफेरी बहनो को भी प्यार मुहब्बत और मजो की हसीं दुनिया में ले जाने का प्लान बनाया उसी रात में अलका मेरे पास आयी और मैं उसका कौमर्य भंग कर दिया और एक दुसरे के बाहो में सो गए (अंतरंग हमसफ़र-1-20) ।
गतांक से आगे:-
फिर मैं आगे कहानी सुनाते हुए बोला प्रीती, हम दोनों एक-दूसरे को प्यार में पकड़े हुए सो गए तभी एक नरम आवाज़ ने हमारे पहले मिलन की तन्द्रा को तोडा।
मैंने आँखे खोली तो सामने जेन खड़ी थी और बोल रही थी दीपक! बहुत-बहुत बधाई! आपने मेरी बहन अलका को बहुत प्यार से चोदा और फिर अलका को भी बधाई दी। अलका शर्मा कर चादर खींच कर ढकने लगी तो जेन बोली मैंने आपकी दोनों की पहली चुदाई पूरी लाइव देखि है अब मुझ से क्या शर्मा रही हो।
तो वह बोली आप कब आयी थी? तो जेन बोली मैं सोई ही नहीं थी मैं तो सोने का नाटक कर रही थी और फिर रोज़ी के साथ मिल के मैंने सब देखा। बहुत सुन्दर नज़ारा था। तो मैंने उठ कर जेन को पकड़ा और किश करते हुए उसके स्तन दबाने लगा।
तो जेन बोली पहले आप का लंड को साफ़ कर लू और उसने एक रुमाल उठाया और मेरा लंड जो अलका के रसो । मेरे वीर्य और उसके कुंवारे लहू में सना हुआ था और साफ़ किया और फिर अलका की चूत को भी साफ़ किया। जब उसने अलका की चूत को छुआ तो वह कराह उठी, तो जेन ने पुछा अलका दर्द हो रहा है क्या? तो अलका ने अपनी गर्दन हिला कर स्वीकृति दी तो रोज़ी ने वही रखी क्रीम जेन को पकड़ा दी जो उसने अलका की चूत के अंदर बाहर लगा दी।
अलका बोली दीपक अब आप जेन से प्यार करो। तो जेन थोड़ा हिचकी तो अलका बोली मैंने भी आप दोनों की चुदाई देखि थी। उसी को देख कर मेरी अन्तर्वासना भड़क गयी और मैंने भी आज ही अच्छा मौका देखते हुए दीपक से आज ही चुदने का मन बना लिया।
तो मैंने पुछा तुमने सब देखा। तो वह बोली जब मेरी माँ का आपसे बात करने के लिए फ़ोन आया तो मैं आपको ढूँढने यहाँ आयी तो पता चला आप जेन के साथ जंगल में घूमने गए हो। तो मैं वहाँ भी गयी तो वहाँ मैंने आपको जेन को नंगी करते हुए देखा तो मैं भी वही छूप कर सार नज़ारा देखती रही। फिर जब आप लोग वापिस आने लगे तो मैं चुपचाप वापिस आ गयी और आपसे मिल का माँ से फ़ोन पर बात करवाई।
अब न तो किसी से कोई पर्दा था न डर तो मैंने जेन को दबोच लिया और उसकी नाईट ड्रेस एक झटके में उतार डाली। जेन बोली अरे आराम से, ये क्या हो गया है आपको। तो मैंने बोलै यहाँ मेरे कमरे में आराम करने थोड़ी आयी हो। आराम करना था तो अपने कमरे में करती यहाँ तो रात भर मेहनत करनी पड़ती है । और हम चारो हस पड़े।
मैं जेन के एकदम गोल-गोल सुडोल बड़े-बड़े मम्मे, की तरफ़ लपका, उसने मुझे रोक दिया।
वो बोली-दीपक थोड़ा रुको, सब तुम्हारा ही है।।
मैंने उसे देख कर मुस्काराते हुए उसके होंठों पर एक जोरदार किस कर दी।
मैंने उसके खुले बालों को पीछे किया और मैं उसे किस करते हुए । मेरे हाथ उसके मम्मों को सहलाते हुए उसके चुचकों के खींचते हुए उसे अपने पास खींच लिया और उसकी चूचियाँ दबाने लगा।
फिर मैं उसकी चूचियों को चूसने में लग गया। मैंने 5 मिनट तक चूचियों को ख़ूब चूसा, मेरा लंड और कड़क हो गया था।
मैंने उसे बिस्तर पर लिटा लिया और उसकी योनि पर हाथ फ़ेरा, उसने भी मेरा लंड पकड़ कर सहलाया। मैंने जेन की योनि में उंगली करना शुरू कर दिया और जेन जो हमारी लाइव चुदाई देख कर पहले ही-सा गरम थी और उसकी चूत भी गीली थी और चुदवाने के लिए त्यार थी।
मैं घुटनो के बल बैठ गया और धीरे से अपना 8 इंच लम्बा लंड को जेन की चूत के छेद पर टिका कर।
मैंने धीरे से धक्का लगाया और पूरा लंड एक ही झटके में पूरा अंदर डाल दिया। हालाँकि उसकी चूत सूजी हुई थी पर गीली होने के कारण लंड पूरा अंदर चला गया। वह बोली प्लीज थोड़ा आराम से करो। अभी मैं भी चुदाई में नई ही हूँ, मैंने धीरे-धीरे शॉट लगाने शुरू किए। सूजने के कारण उसकी योनि थोड़ी कस गई थी। मेरा मोटा लम्बा लंड अटक-अटक कर जा रहा था। मुझे अब ज़्यादा ताकत लगा कर उसकी चूत में डालना पड़ रहा था।
हर धक्के पर उसके मुँह से हल्की-हल्की चीख निकल रही थी-'आआहहह आह, ज़ोर से करो, और ज़ोर से' और फिर मैंने स्पीड बढ़ा दी।
मैंने अलका की तरफ़ देखा उसकी की हालत भी खराब हो रही थी। उसके मुँह से अजीब-अजीब आवाजें निकाल रही थी। उसे देख कर मेरी रफ़्तार में बेतहाशा तेजी आ गई। चुदाई से जेन भी अपने उत्कर्ष पर पहुँच रही थी। फिर जो जेन पहले कह रही थी धीरे करो वही बोलने लगे और ज़ोर से और ज़ोर लगा कर चोदो बहुत मज़ा आ रहा है।
आठ-दस धक्कों के बाद मेरे लंड की पिचकारी छूटी और मैंने जेन की चूत में अपना लावा भरता चला गया। मैं हैरान था जो अंडकोष थोड़ी देर पहले लग रहा था खाली हो गए हो उनमे इतना लावा इतनी जल्दी कहाँ से आ गया! ये ही नयी-नयी जवानी का कमाल था।
मैं जेन के ऊपर लेट गया और जेन की तरफ़ देखा तो उसके चेहरे पर सन्तुष्टि के भाव थे और कुछ देर में मेरी साँसे सामान्य हो गयी। मैंने महसूस किया अलका मेरी पीठ से आकर चिपक गयी थी। अलका मेरी पीठ पर बेतहाशा किस करे जा रही थी। मैंने अलका को खींचा पलटा और उसे बिस्तर पर लिटा कर किस किया।
"कृपया, मुझे और चाहिए, मुझे फिर से चोदो" अलका ने विनती की।
तभी जेन बोली दीपक किसका इंतज़ार कर रहे हो, अलका को फिर से चोदो।
मैंने उसके चूतड़ को देखने के लिए उसे घुमाया। उसके चूतड़ निश्चित तौर पर बेहद सेक्सी चूतड़ थे जिन्हे मैंने अभी तक देखा था, यहाँ तक कि पोर्न स्टार्स को भी उससे जलन होगी।
उसने फिर कहा हम फिर से करेंगे न।
उसकी प्यार भरी गुहार सुन कर मेरा लंड जाग गया और उसने मेरा सर पकड़ा और मेरे ओंठो से अपने ओंठ लगा कर किस करने लगी और फिर अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल कर सुपड-सुपड कर चाटने लगी। फिर उसका हाथ मेरे लंड पर पहुँचा तब तक लंड अपनी कठोरता प्राप्त कर के पूरा लम्बा हो गया था और उसने हाथ नीचे सरका कर लंड को पकड़ा और हाथ ऊपर नीचे किया। । फिर थोड़ा सरक कर चूत को लंड के नज़दीक ला कर लंड को योनि पर रगड़ा और छेद पर ठिका कर उसने अपने चूतड़ उठा कर अंदर लेने की कोशिश करने लगी।
मैंने चूचियों को चूसा और चूसा और मैं देख सकता था कि वह मूड में है। फिर मेरे हाथ उसके स्तनों से खेल रहे थे और उसके निप्पलों को उमेठ रहे थे। अलका गिड़गिड़ाने लगी-प्लीज अब मत तड़पाओ, जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल दो प्लीज़!
फिर वह डरते हुए बोली-प्लीज धीरे-धीरे डालना, मैंने देखा था तुमने कैसे बेदर्दी से जेन को अभी चोदा है।
अलका तो चूमते हुए धीरे से अपने लंड को उसकी गीली चूत में डाल दिया। दो झटको में पूरा लंड अंदर चला गया और उसके गर्भशय से टकराया उसकी चूत नयी और टाइट थी और उसे चूत में थोड़ा दर्द महसूस हो रहा था। मैं अपने लंड को अच्छी तरह से और धीरे से चूत के अन्दर-बाहर कर रहा था। चूत अंदर से बहुत गर्म थी और मेरा लंड उसे महसूस कर रहा था।
हर बार मेरे लंड को उसकी चूत में धकेलने से उसकी मांसपेशियों में कसाव आ जाता था और इसलिए मुझे और भी रोमांच हो रहा था। मैंने फिर धीरे-धीरे स्पीड बढ़ानी शुरू कर दी। तो वह बोलने लगी मुझे चोदो, मुझे कस के चोदो प्लीज, मुझे ज़ोर से चोदो।
मुझे मज़ा आ रहा था वह भी सच में मज़ा ले रही थी। मैंने ज़ोर से धक्के देने शुरू कर दिए उसके चिल्लाने की मुझे जोश आने लगा। कुछ देर बाद उसने नीचे से अपने नितम्ब उठा कर एक दो झटके दिए और मुझे कस कर पकड़ लिया। I
वह अपनी चूत को ऊपर की तरफ़ उठा रही थी। मेरे धक्के बदस्तूर पूरी ताकत के साथ जारी थे। वह एक बिंदु पर पहुँच रही थी, जहाँ वह नियंत्रित नहीं कर सकती थी। वह बोली ज़ोर से चोदते जाओ।
अचानक उसका जिस्म थोड़ा थर्राया और उसने मुझे ज़ोर से भींच लिया दीपक मैं गयी गई।
ये कहकर वह निढाल हो गई। मैंने भी उसे दबोचा और कस कर धक्के लगाते रहा और फिर अलका के अन्दर अपना वीर्य की पिचकारियाँ मारी।
उसके बाद मैंने उन दोनों के सामने एक बार रोज़ी को भी चोदा और फिर चारो चिपक कर सो गए।
सुबह मेरी आँख खुली तो अलका मेरे पास खड़ी थी। उसने मुझे किश किया और जो नज़राना मैंने उसे दिया था, उसे देते हुए बोली इसे आप ही मेरी तरफ़ से संभाल कर रखियेगा। ये मैं किसी को नहीं दिखा नहीं सकती किसी ने पुछा कहाँ से आया, तो क्या जवाब दूँगी और उसे बेड के किनारे पड़े स्टूल पर रख दिया।
आगे क्या हुआ...ये कहानी जारी रहेगीl