एक नौजवान के कारनामे 042

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ईशा की माफ़ी की प्राथना​.
1.8k words
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197
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Part 42 of the 278 part series

Updated 04/23/2024
Created 04/20/2021
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

CHAPTER-5

रुपाली-मेरी पड़ोसन

PART-7

ईशा-माफ़ी की प्राथना

मैंने ग़ौर से देखा तो मैंने पहचान लिया जीतू मंदिर के सेवादार का पुत्र था और दसवीं क्लास में तीन साल लगातार फेल होने के बाद उसे स्कूल से निकाल दिया गया था और उसका पिता मेरे पास मंदिर के लिए चंदा लेने आता था और मैं उसके पिता की थोड़ी बहुत मदद कर दिया करता था । जीतू बेरोजगार था और सारा दिन आवारागर्दी करता हुआ इधर उधर घूमता रहता था और उसके पिता ने एक बार उसे कोई नौकरी दिलवाने को भी कहा था l

मैं सोच रहा था कि ईशा जैसी खूबसूरत और बढ़िया लड़की इस फुकरे क़िस्म के लड़के को कैसे मिल गयी फिर सोच रहा था और मुझे लग रहा था जीतू किसी भी हिसाब से ईशा के लिए योग्य नहीं था और अब मुझे इनका मक़सद पता लग हो गया था तो यहाँ रुकने का कोई ज़्यादा औचित्य समझ नहीं आ रहा थाl साथ ही मुझे अपन समय याद आ गया जब मैंने अपनी फूफेरी बहन जेन को भी ऐसे ही पटाया थाl जिसे आप मेरे अंतरंग हमसफ़र कहानी में पढ़ सकते हैंl

उधर बादल गहरे हो रहे थे और रौशनी भी काफ़ी कम हो गयी थी और तेज हवा चलने लगी थी।

मैं असमंजस में था कि मुझे अब क्या करना चाहिए पर मेरा ध्यान बार-बार ईशा की ख़ूबसूरती पर जा रहा था और मुझे वह पका हुआ आम लग रहे थी जिसका रस जीतू चूसने जा रहा थाl (वैसे आम मेरा सबसे पसन्ददीदा फल है) और मैं इस आम को छोड़ना ही नहीं चाहता था l उधर जीतू के हाथ ने ईशा के ड्रेस के टॉप के ऊपर के बटन खोल दिए और उसने उसके स्तनों और चुचकों को ज़ोर से दबाया इससे ईशा हलके से कराह उठी अब मैं इस असमंजस में था कि मैं आगे क्या करून और तभी वहाँ पर एक तेज हवा का झोंका आया और एक पका आम आकर पहले ईशा पर गिरा और फिर मेरे ऊपर आ गिरा l

मैंने आसपास देखा तो मुझे दूर एक पेड़ नज़र आया और हवा के झोंके ने आम के मौसम में एक पका हुआ आम मेरी झोली में डाल दिया थाl मैंने इसे अपने लिए कुदरत का इशारा समझाl आम उसके ऊपर गिरने से ईशा एकदम घबरा गयी और उसकी हलकी-सी चीख निकली और उसने जीतू को दूर झटक दिया और बोली लगता है कोई आ गया है l

इस तरह से ये चीख और रुकावट मेरे लिए भी सन्देश था और मैं अप्रत्याशित रूप से अचानक उस बेच के आसपास की सीमावर्ती झाड़ियों से मैं उठकर उन किशोर प्रेमियों के सामने खड़ा हो गया।

मुझे यु अचानक देख डर के मारे दोनों के खून जम गया। कोमल ईशा के लिए ये बहुत बड़ा झटका था उसने मुझसे नज़र नहीं मिलाई और अपंने चेहरे को अपने हाथों से ढँक दियाl वह उस सीट पर सिकुड़ कर बैठ गयी गई, जो उनके प्रेम सम्बंध की मूक गवाह थी l

वो आम गिरने से अपनी चीख का तेज उच्चारण करने के बाद मुझे देख कर से बहुत डरी हुई थी, अब उसकी आवाज़ ही नहीं निकल रही थी और मेरा सामना करने के लिए बिलकुल भी त्यार नहीं थी और उसे डर लग रहा था कि वह पकड़ी गयी है l

मैंने भी उनके सस्पेंस को बहुत लंबे समय तक निलंबित नहीं रखा। जल्दी से उस दंपति की ओर बढ़ते हुए मैंने हाथ लड़के की बाजू सख्ती से पकड़ लिया और मैंने उन्हें उसकी ड्रेस ठीक करने का निर्देश दिया।

"असभ्य लड़का," मैंने गुस्से के साथ जीतू को कहा तुम दोनों यहाँ क्या कर रहे हो और किस हद तक जा चुके हो? तुम्हारी वासना और जुनून में तुमने इस लड़की के साथ अभद्र व्यवहार किया है? तुमने करने से पहले ये नहीं सोचा जब भी तुम्हारे पिता को तुम्हारे इस आचरण का पता चलेगा तो कैसे तुम अपने पिता के गुस्से का सामना करोगे?

और क्या तुम्हारे पिता की मंदिर की नौकरी तुम्हारे ऐसे आचरण से बची रहेगी ... उनका पुत्र अगर लड़कियों से ऐसा आचरण करेगा तो उन्हें कौन सेवा में रहने देगा? " तुम तो कुछ कमाते नहीं हो और इसके बाद तुम्हारे परिवार का क्या होगा ये कभी सोचा है तुमने l

हम सब की जिम्मेदारी है लड़किया और स्त्रिया सुरक्षित रहे और जब मैं अपने इस कर्तव्य के पालन करते हुए प्रबंधंन को और तुम्हारे पिताजी को उनके इकलौते बेटे की इस करतूत के बारे में बताऊंगा तो तुमने सोचा है तुम कैसे उनका सामना करोगे और वह तुम्हे जेल भी भिजवा सकते हैंl

अपने इस कर्तव्य के पालनकरते हुए मैं तुम्हारे पिता को उसके इकलौते बेटे के हाथों से हुए कुकृत्यों से अवगत कराऊंगा। "ये बोलकर जीतू को कलाई से पकड़कर, मैं प्रकाश में आया और ख़ुद को उनके सामने प्रकट किया, मेरा निश्चित रूप से सुंदर रौबदार चेहरा, आकर्षक शानदार काली आंखों में भयंकर जोशीला आक्रोश देखकर जीतू घबरा गया। मैंने एक सफ़ेद पोशाक पहनी हुई थी, जिसमें से साफ-सुथरापन केवल मेरी उल्लेखनीय मांसपेशियl और लम्बे शरीर को देख जीतू ने आज़ाद होने की असफल कोशिश की । वह अभी भी असमंजस में था क्योंकि मैंने उसकी कामवासना के भोग को भंग कर दिया था।"

और ईशा तुम्हारे लिए, मैं केवल अपने अत्यंत डरावने आक्रोश को व्यक्त कर सकता हूँ। अपने परिवार और अपने स्वयं के सम्मान के लिए लापरवाह, तुमने इस दुष्ट और अनुमानी लड़के को निषिद्ध काम करने की अनुमति दी है? ट्युमने सोचा है अब तुम्हारे परिवार वाले तुम्हारे साथ अब क्या करेंगे? हो सकता तुम्हे घर से निकाल दे... तुम्हारी पढाई छूट जाए तुम्हारे माता पिता पहले ही नहीं हैं तुम अपने चाचा और मौसी पर आश्रित हो सोचो अब तुम्हारे पास क्या है?

अब तुम्हारा भविष्य मुझे अंधकारमय नज़र आ रहा है तुम्हारी पढाई छूट जायेगी और तुम्हारे इस दुष्कर्म का पता चलने के बाद कोई भी अच्छा युवा लड़का तुम्हे अपनी पत्नी के रूप में भी स्वीकार नहीं करेगा और तुम्हे भीख मांगनी पड़ सकती है और ये नालायक तो ख़ुद ही अभी कुछ नहीं करता है तो तुम्हारा ख़र्चा और भार कैसे उठाएगा, अब तुम्हे भीख मांग कर ही गुज़ारा करना पडेगा और हो सकता है तुम किसी ग़लत हाथ में पड़ जाओ ... नहीं-नहीं ये तुम्हारी जैसी सुन्दर अच्छे घर के लड़की के लिए ये सब बिलकुल उपयुक्त नहीं है ... दुर्भाग्यपूर्ण लड़की ये तुमने क्या किया करने से पहले कुछ तो सोचा होता l

ये सुन कर ईशा उठी और गंभीर रवैये के साथ उसने ख़ुद को मेरे पैरों पर फेंक दिया, उसके साथ ही उसका किशोर प्रेमी भी मेरे पैरो में गिर पड़ा और ईशा अपने युवा प्रेमी के लिए माफी के लिए आंसू बहती हुई प्रार्थना करने लगी ... प्लीज हमे माफ़ कर दो हम से बहुत बड़ी गलती हो गयी है l

"और न कहो," मैंने जारी रखा " इस बातो का अब कोई फायदा नहीं है और इसमें आप अपमान करते हैं और मुझे अपने अपराध में मत जोड़ो मेरा मन तुम्हारे इस दुख के चक्कर में मुझे अपने कर्तव्य में गुमराह करता है, मुझे तुरंत सीधे आपके प्राकृतिक अभिभावकों के पास जाना चाहिए और उन्हें मेरे आपके इस दुष्कर्म जो मुझे अचानक पता चला है उससे तुरंत परिचित करवाना चाहिए चाहिए।

"ओह, डॉक्टर साहब प्लीज हम पर दया कीजिये, मुझ पर दया करो," ईशा ने निवेदन किया, जिसके आँसू अब उसके सुंदर गालों पर बह रहे थे वह गिड़गिड़ा रही थी प्लीज " हमें छोड़ दो, डॉकटर अंकल हम दोनों को छोड़ दो।

तभी जीतू बोला हम प्रायश्चित करने के लिए सर आप जो भी कहेंगे वह करेंगे। मैं कुछ भी करने को तैयार हूँ, मैं कुछ भी त्याग कर सकता हूँ, अगर आप इस प्रिय ईशा को छोड़ दोगे। " मैंने उसे रुकने को कहा।

तभी हलकी-हलकी बारिश की बूंदे पड़नी शुरू हो गयी तब स्वाभाविक रूप से कठोर और दृढ़ तरीके और दया के लहजे में मैं बोला। "बहुत हो गया," मैंने कहा, " मुझे तुम्हारे लिए सजा निर्धारण करने के लिए समय चाहिए और इसके लिए मुझे धरम शास्त्रों को पढ़ना होगा ईशा तुम कल मेरे पास दोपहर 2 बजे अपने पुराने घर के पास आ जाओ वहीँ मैं तुम्हारी सजा के बारे में कुछ भी कहूंगा। मैं आपसे उम्मीद करूंगा आप वहाँ समय पर आ जाएंगी।

और जीतू आप के लिए, मैं अपने फैसले को आरक्षित रखूंगा और सभी कार्रवाई, अगले दिन शाम 6 बजे तक निलंबित रहेगी और उस समय मैं उम्मीद करता हूँ आप वह आ जाएंगे और उम्मीद है आप ख़ुद के लिए भी तब तक कोई सजा सोच लेंगे। उस पर विचार करके आगे का फ़ैसला लेंगे । उन्दोनो ने मेरा धन्यवाद दिया और मैंने उन्हें ना आने पर फिर चेतावनी दी।

फिर पहले मैंने ईशा को जाने को बोला और उसके बाद लगभग 15 मिनट के बाद मैंने जीतू को जाने दिया "और उनके कहा कल जब तक हम फिर से नहीं मिलते हैं तब तक के लिए आपका रहस्य मेरे साथ सुरक्षित है, ," और फिर घर लौट आया।

जब मैं वापस घर पहुँचा तो रूपाली मेरा इंतज़ार कर रही थी और मेरे साथ ही उसने मेरे घर में चाय का कप लेकर प्रवेश किया और कहा, "काका क्या आप तैयार नहीं हैं? मैं पहले से ही तैयार हूँ। मुझे बस अपनी साड़ी बदलनी है। आज हम दोनों को फ़िल्म देखने जाना है। आपको याद होगा पिछले हफ्ते हम फ़िल्म देखने नहीं जा पाए थे क्योंकि आप अपने दोस्त से मिलने गए थे।" मुझे याद आया कि मैंने पिछले हफ्ते गोरा रूसी एना को कैसे चोदा था।

"ओह ... हाँ ... हाँ, 10 मिनट के भीतर, मैं तैयार कर आता हूँ तब तक आप भी त्यार हो जाओ," मैंने कहा। मैंने सिनेमाघर जाने के लिए अपने चालक सोनू को गाडी त्यार करने को कहा।

जींस और टी-शर्ट में डालने के बाद, मैं बाहर आया और रूपाली के दरवाजे पर दस्तक दी। रूपाली मेरा इंतज़ार कर रही थी और वह बाहर आ गई। उसे देखने के बाद, भगवान! मेरी आँखें चकाचौंध हो गईं, आज तो मैं उसकी सुंदरता देखकर दंग रह गया।

उसने एक मैचिंग पारदर्शी ब्लाउज के साथ गुलाबी साड़ी पहनी थी जहाँ से उसकी ब्रा की पट्टियाँ और कप साफ़ दिखाई दे रहे थे। साडी का पल्लू उसके कंधे पर अलग रखा हुआ था, उसकी पतली कमर से पूरी तरह से उसकी नाभि उजागर थी पतली कमर के सुडौल शरीर के साथ आकर्षक त्वचा के साथ उसकी चमकदार गोरी त्वचा उसकी साड़ी के रंग के साथ अद्भुत रूप से मेल खा रही थी। उसकी गढ़ी हुई आकृति पतली थी। उसके पास एक गोरा रंग मेल खाते मेकअप और साडी के रंग के कारण गुलाबी रंग का लग रहा था।

उसके चेहरे पर मखमली पलकें, पतली सुन्दर नाक और उसके प्यारे और मीठे होठों पर हल्के गुलाबी रंग के लिपस्टिक लगी हुई थी जहाँ से उसके सफ़ेद दाँत चमक रहे थे। उसके नाखूनों को लाल रंग से रंगा गया था। उसके खुले काले लंबे बाल उसकी कमर पर गिर रहे थे। माथे पर एक गहरी सिंदूर की लकीर के साथ, उसकी बड़ी, मछली जैसी बड़ी-बड़ी आँखें बड़ी सुंदर थीं। कौन-सा आदमी उन गहरी काली आँखों के सागर में खो जाना पसंद नहीं करेगा? उसकी आँखों में एक नज़र डालने से ही व्यक्ति को पता चल जाएगा कि वह ही उसके सपनो की रानी है। वह आँखें मेरे लिए कुछ ज़्यादा ही बोल रही थीं। मेरे लिए उसकी सुंदरता उसकी बड़ी सुंदर आँखों की रहस्यमय अभिव्यक्ति में थी। मैं उसकी आँखों में खो गया l

कहानी जारी रहेगी

दीपक कुमार

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