एक नौजवान के कारनामे 046

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कामुक फिल्म का अंतराल.
1.9k words
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259
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Part 46 of the 278 part series

Updated 04/23/2024
Created 04/20/2021
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

CHAPTER-5

रुपाली-मेरी पड़ोसन

PART-11

अंतराल

किसी तरह से रूपाली भाभी की स्वाभाविक शर्म और डर को दूर हो गया था और जोश के साथ आखिरकार उसने मेरा साथ दिया। इस पर कोई संदेह नहीं हो सकता कि उसके शरीर ने स्थिति अनुसार प्रतिक्रिया की थी और उसने तेज और-और चूर-चूर करने वाला ऑर्गज़्म अनुभव किया था और-और इस बीच मैं सीट पर लौट आया और उसकी बगल में बैठ गया।

तभी हाल के मैनेजर ने कोक और पॉप कॉर्न भिजवा दिया मैंने पॉपकॉर्न का एक पैकेट उसे पेश किया, उसने कुछ लिया और हमने उसे आपस में साझा किया। फिर मैंने कोक का एक घूँट भर पीने के बाद भाभी को दे दिया और उसने भी उसी गिलास से एक घूँट भर कर मुझे वापिस दे दियाl

तभी दूसरा वेटर आइसक्रीम का एक कौन दे गया जिसका आर्डर मैं दे कर आया थाl . मुझे पता था रुपाली भाभी को फ़िल्म देखते हुए आइसक्रीम कौन में आइसक्रीम खाना बहुत पसंद था और वेटर जब चला गया और दरवाज़ा बंद हो गया, तो, 10 मिनट या उसके बाद, जब वह मेरे हाथो से कुछ पॉपकॉर्न ले रही थी, मैंने उसका हाथ पकड़ लिया, उसे ज़ोर से पकड़ लिया। कुछ मिनटों के बाद, माने उसके हाथ को लिया और मेरे मुँह के पास ले गया और उसके हाथो को प्यार से चूमा।

फिर मैंने उसे आइसक्रीम दिखाई तो उसने हाथ आगे बढ़ाया यो मैंने आइसक्रीम को चाटा और मुँह उसके पास ले गया और उसके ओंठो पर किस कर के जैसेउसे सन्देश दिया आइसक्रीम चाहिए तो मेरे ओंठो से लेनी होगी और फिर आइसक्रीम चाट कर उसे पकड़ा दी और उसने भी चाट कर मुझे वापिस दी तो मैं आइसक्रीम का कौन उसकी तरफ़ ले गया तो वह अपने ओंठो को आइसक्रीम के पास ले आयी और आइसक्रीम चाटने लगीl फिर मैं भी दूसरी तरफ़ से आइसक्रीम चाटने लगा ... आइसक्रीम कौन मैंने ही पकड़ा हुआ थाl मैंने चाटते हुए आइसक्रीम कौन नीचे कर दिया और हमारी जीब एक दुसरे की जीभ को चाटने लगी l

अब रूपाली भाभी पहले की तरह इसको लेकर इतनी डरी हुई नहीं थीं। उसने कोई विरोध नहीं किया। हम दोनों ने कुछ देर तक एक दुसरे की जीभ चाहते रहे फिर उसने मेरा हाथ पकड़ कर आइसक्रीम ओंठो के पास ले आयी और हम दोनों ने आइसक्रीम ख़त्म कर दी, इस बीच मैं लगातार उसका हाथ पकड़ कर उसे सहलाता रहा।

मैं फिर से अपनी सीट पर थोड़ा टेढ़ा होकर बैठ गया और मैंने अपने ज़िप फिर खोल दी जिसे उसने देखा तो वह एक बार फिर अपने दिल की धड़कन को महसूस कर सकती थी। अपने दूसरे हाथ से मैंने अपना लंड एक बार फिर से बाहर निकाल लिया जो अब पूरी तरह से खड़ा नहीं हुआ था।

अंतराल समाप्त होने के बाद, कुछ देर विज्ञापन चले हालांकि, वह पहले की तरह नर्वस नहीं थी और पहले से शांत थी। शर्मीलेपन और हिचकिचाहट के कारण अभी भी आपस में कोई शब्द नहीं बोला गया था, लेकिन यह ऐसा था जैसे कोई मूक समझौता हो गया हो। रोशनी मंद हो गई और फ़िल्म फिर से शुरू हो गयी।

मैंने फिर उसके दाहिने हाथ को एक बार फिर से अपने लंड पर रख दिया, इस बार रूपाली भाभी ने मर्जी से और बिना ज़्यादा घबराहट के उसे अपने हाथ में लिया। जैसा कि इंटरवल से पहले हुआ था मुझे अपने लंड पर उसका हाथ ज़माने को मजबूर नहीं करना पड़ा। मेरा लंड जो अभी पूरा कड़क नहीं था, उसने धीरे से पकड़ कर सहलाना शुरू कर दिया। यह उसके छोटे से हाथ के छूने से बहुत अच्छा और अद्भुत लग रहा था और इसबार उसे लंड के ऊपर नीचे हाथ करने में कोई संकोच नहीं था। रूपाली भाभी ने ऐसा करते हुए मंद रोशनी में नीचे देखा की लंड अब कड़क होता जा रहा था और वह अपना छोटे और गोरे हाथ से मेरे काले लंड को सहला रही थी।

मैं उसकी ओर झुक गया, फिर अपना बाया हाथ सीधे उसके स्तनों पर रख दिया और स्तनों को मसलने और उनकी मालिश करने लगा। मेरे हरकते "निश्चित" थी और उनमे कोई कम जल्दबाजी नहीं थी। उसने भी कोई विरोध नहीं किया और मुझे मेरी मनमर्जी करने दी। इससे मेरा जोश बढ़ता जा रहा था। मैं एक बार फिर से मजबूती से उसके स्तनों को मसल रहा था और भाभी को यह अच्छा लग रहा था। मैंने फिर अपना हाथ आगे से थोड़ा नीचे किया और उसके ब्लाउज के अंदर खिसका दिया, मेरा हाथब उसके ब्लाउज के अंदर तक पहुँच गया, मैंने उसके स्तनों को ब्रा के ऊपर से ज़ोर से पकड़ कर दबा दियाl

फिर मैंने उसकी ब्रा को ऊपर की ओर धकेलने की कोशिश की, ताकि स्तन मुक्त हो कर बाहर आ जाये। मुझे इसके लिए थोड़ा संघर्ष करना पड़ा और वह सोच रही थी कि वह इस काम में कैसे मेरी कैसे मदद कर सकती है उसने अपने ब्लाउज की डोरीया हाथ से खोल दी और अपनी बाजुए आगे कर दी मैंने फिर अपना हाथ पूरी तरह से बाहर निकाल लिया और मैंने उसकी चोली को खींच कर उसके बदन से अलग कर दिया फिर अपने दाएँ हाथ से, उसके कंधों को घेर लिया, उसे अपनी ओर खींचा और मैंने उसे कस के गले लगा लिया। यह एक गहरी, गर्म और भावुक आलिंगन था और मैं मेरे दाहिने हाथ से उसे अपनी छाती पर ज़ोर से दबा रहा था।

मैंने उसे अपनी ओर थोड़ा-सा हिलाया, ताकि मैं उसे बेहतर तरीके से गले लगा सकूँ। मैं उसे तंग और कस कर आलिंगन किया और हमारे चेहरे लगभग छू गए थे, तो मैंने उसे गाल पर चूमा और इससे पहले कि वह कुछ प्रतिक्रिया देती, मेरा मुंह उस के मुँह पर था और मैंने उसे पूरी भावना के साथ उसकेओंठो पर चुंबन किया और उसने महसूस किया कि मेरी जीभ उसके मुंह में अपना रास्ता ढूँढ रही थीl

इसका नतीजा ये हुआ ही हम दोनों बहुत जबरदस्त उत्तेजक चुम्बन करने लगे मेरी जीभ उसके मुँह में चली गयी और उसकी जीभ को छेड़ने और खेलना लगी कभी मेरी जीभ उसकी जीभ को दबती थी कभी उसकी जीभ धक्का देती और अपनी जीभ से मेरी जीभ को दबाती। मैंने अपनी जीभ उसके मुंह में गहरी घुसेड़ दी और उसे उसके मुंह में भर दिया उसकी जीभ भी जब मेरे ओंठो में प्रतिक्रिया के तौर पर आयी तो फिर मैं उसकी जीभ को चूसने लगा। (यह पागल हो गयी क्योंकि उसके पति ने भी पहले कभी उसे इस तरह से नहीं चूमा था, ये उसी ने मुझे बाद में बताया था) ।

रुपाली भाभी भी मुझे उसी तरह से वापिस किस किया, उसने भी मेरे मुंह में उसकी जीभ डालने की कोशिश की, मैंने उसकी जीभ के अपने मुँह में प्रवेश करते ही उसकी जीभ को चूसा। हमने ये गहरा फ्रैंच चुंबन जारी रखा और हम दोनों इसका कुछ समय के लिए पूरा आनंद लेते रहे। हमारी लार एक दुसरे के मुँह में बह रही थी l

फिर मैं उसके कान में फुसफुसाया, "रूपाली भाभी, लव यू, आई लव यू डार्लिंग" और उसी तरह से जुनून की गर्मी में, रूपाली भाभी ने भी कहा "आई लव यू; आई लव यू, काका।"

जब हम आपस में जीभ लड़ाते हुए गीला चुंबन कर रहे थे, तब मैं अपने दाहिने हाथ को उसकी चोली के अंदर लेजाकर एक बार फिर से ब्लाउज के अंदर उसके स्तनों को ज़ोर से दबाने लगा। मैंने उसके एक स्तन को ब्रा के आंशिक रूप से बाहर निकालने में कामयाब हो गया और उसके निप्पल को सहलाने लगा । मुझे उसके नरम स्तन दबा कर बहुत अच्छा लगा रहा था तब मैं अपना हाथ उसकी बाजु उसके पेट को सहलाते हुए फिर अपनी साड़ी की गाँठ को सहलाने लगा।

फिर मैं अपना हाथ उसकी पीठ पर ले गया, फिर बहुत चतुराई से मैंने उसकी ब्रा का पट्टा खोल दिया। फिर, मैं उसकी नंगी पीठ को सहला रहा था। हम अभी भी गहरी चुंबन कर रहे थे, मेरे हाथ उसके स्तन पर वापस चले गएl

मैंने उसके ढीले ब्हो चुके ब्रा को ऊपर की तरफ़ सरकाया, जिससे उसके दोनों स्तन आज़ाद हो गए और मं उन्हें पूरी गंभीरता से दबाने लगा । उसके मुक्त स्तनों के साथ अब मैं जो भी करना चाहता था वह कर सकता था। वह मेरी ओर झुकी हुई थी, मैं उसके पल्लू को उसके कंधों से खींचने लगा। वह भी थोड़ा शिफ्ट हो गई ताकि मैं उसके ब्लाउज और ब्रा को हटा सकूँ और वह अपने नग्न स्तनों पर एयर-कंडीशनर की ठंडी हवा महसूस कर सके। उसके बाद उसका पालू और चोली और ब्रा हट गयी और सिनेमाहॉल की मद्धिम रोशनी मेंरुपाली भाभी के स्तन पूरी तरह से उजागर थे और मेरा बड़ा हाथ उसे मजे से दबा रहा था।

मैं फिर नीचे झुका और उसके स्तनों को चाटना शुरू किया, फिर अपनी जीभ से निप्पल को झटका दिया और फिर उसे जैसे बच्चे चूसते हैं वैसे ही चूसने लगा।

रूपाली भाभी ने अभी भी धीरे से मेरे लंड को पकडा हुआ था जो उसके कोमल स्पर्शों के कारण उसके पिछले वैभव को पुनः प्राप्त कर चुका था और वह अब पूरी तरह से खड़ा और कड़ा हो गया था। लंड उसके हाथ में धड़क रहा था और उसे मेरा लंड बहुत सख्त और शक्तिशाली लगा। मैं फिर अपनी सीट पर थोड़ा-सा शिफ्ट हुआ और मैंने अपनी पतलून खोल कर उसे अंडरवियर के सहित मेरे चूतड़ों के नीचे तक धक्का दिया और अपने पैर फैला दिए। रूपाली भाभी मेरी नागि जाँघे देख सकती थी, मैंने अब उसका हाथ थाम लिया, उसे अपने नंगे धड़ जांघो पर और मेरी गेंद पर निर्देशित किया l

अपनी जिज्ञासा से, उसने मेरी गेंदों पर अपना हाथ घुमाया और उन्हें अपने हाथ में ले लिया। मेरी एक आह निकली और मेरे पैरों और चौड़े हो गए ... रूपाली भाभी अब शायद ही फ़िल्मी परदे पर देख रही थी... मंद रोशनी में, वह मुझे अपने स्तनों को चूसते हुए देख रही थी और वास्तव में मेरे मुँह को एक स्तन से दूसरे स्तन तक निर्देशित कर रही थी, फिर वह भी नीचे मेरे बड़े लंड की देखनते हुए अपना हाथ लंड पर ऊपर नीचे करने लगी। अब हम दोनों अपनी अलग दुनिया में थे। मैंने फिर से उसे गले लगाया, उसकी गर्दन और उसके कंधों के आसपास मेरी बांह को डाल दिया, और मेरी तरफ़ उसके चेहरे को खींच लिया और उसको पूरी शिद्दत से फिर से चूमने लगा वह भी मेरी गर्दन के चारों ओर उसकी बाहों डालमेरे जीभ से खेलने लगी, और मेरा चुंबन का समान जुनून के साथ जवाब देने लगी।

हमारे गहरी फ्रेंच चुंबन और आपस में उलझी हुई जीभ के बीच मैंने उसके पेट पर अपना हाथ लगा कर मैं उसकी कमर पर साड़ी की गाँठ को ढीला करने की कोशिश करने लगा।

"हे भगवान! रूपाली भाभी, आप सभी महिलाएँ वास्तव में जानती हैं कि कैसे एक आदमी को तंग और परेशान करना हैl इस साड़ी गाँठ को खोलने में कितना समय लगेगा?" मैंने आगे बढ़ने के निश्चय के साथ बोलाl

रूपाली भाभी मुस्कुराई और मुझे उकसाया, "प्रयास से ही अच्छे नतीजे मिलते है।"

फिर मैंने उसकी कमर पर साड़ी की गाँठ खोली, उसके पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और उसकी पैंटी के अंदर हाथ फेरते हुए उसकी योनि को एक बार फिर से सहलाया। मेरी हरकतों में कोई जल्दबाज़ी नहीं थी और मैंने उसकी चूत के होंठों को अलग किया, धीरे से उसके नम छूट में अपनी मध्यमा उंगली डाली। एक छोटी-सी आह उसके होंठों से निकली उसे, यह अच्छा लग रहा था और मैं अब धीरे-धीरे उंगली अंदर-बाहर करने लगा।

वह नहीं चाहती थी कि मैं रुक जाऊँ, लेकिन मैंने अचानक अपना हाथ हटा लियाl

कहानी जारी रहेगी

दीपक कुमार

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