रीना चाची

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रीना चाची
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रीना चाची की फुद्दी आज भी चमक रही थी, उसकी ३ उँगलियाँ जोर जोर से उस गीली फुद्दीमें अंदर बाहर हो रही थी और में हमेशा की तरह मेरा लौड़ा बहार निकाल के सारा जोर लगाके मेरे लौड़े को मुठ दे रहा था. अब तो मेरा ये रोज दोपहर का काम हो चूका था, कॉलेज ख़तम करके में भाग भाग के घर आता था और जल्दी जल्दी खाना खाके घर की छत पर पढाई के बहाने आता था ताकि मुझे रीना चाची की जवानी को आँखों से चोदने का मौका मिल सके. घरवाले मेरे इस आदत को अच्छा समझके मुझसे प्यार देते और में यहाँ रोज ही रीना का गिला भोसड़ा देके मेरे जवान कुंवारे लौड़े से माल निकाल रहा था...

चलो पहले मेरे बारे में बता दूँ, मै मानस उम्र २४ साल इंजीनियरिंग के आखरी साल का विद्यार्थी हु, कसरत कर कर के और खेल खुद में ज्यादा लगाव होने के कारन मेरा बदन चुस्त हो गया है और किसी जवान लड़के के कैसे मेरे अंदर की जवानी भी मेरे लौड़े पे दिखाई दे रही थी. आजकल हर कोई लौंडा अपना लौड़ा कभी ना कभी जरूर नाप लेता है और मैंने भी अपने काले लंड को अच्छेसे नाप के आपको बता रहा हूँ, पुरे साढ़े-साथ इंच का है साला जब देखु तब रीना चाची की जवानी याद होक खड़ा हो जाता है पर दोस्तों से पता चला था की ज्यादा मुठ मरोगे तो लौड़े का आकर छोटा हो जाता है तबसे बस दिन में एक ही बार रीना चाची को देख के पानी निकलता हूँ.

एक दिन दोपहर को खाना खाने के बाद में फिरसे अपनी छत पे आया और पढाई के बहाने में रीना चाची के बेडरूम में झाँकने लगा, अब तो रीना चाची का रोज का काम हो गया था ये, दोपहर को बच्चे स्कुल जाने के बाद चाची अपनी जवानी को रगड़ रगड़ के निकालती और श्याम तक ऐसे ही नंगी सो जाती जब तक उसका पति घर नहीं आता. ४० साल की रीना आज भी मोहल्ले के सारे मर्दों के लौड़े खड़ा करनेवाली चीज थी, थोड़ी सांवली थी पर माँ चुदाने गया सांवलापन यहाँ तो चुत के वांदे है और बहनचोद आपको गोरी औरत चाहिए? चाची का एक एक दूध २-२ किलो का था, गांड तो ऐसे भरी हुई थी की साला कोई उस गांड के निचे आके कही मर ना जाए.

चाची ने अपना गाउन उतरा और पूरी नंगी होक बिस्तर पे लेट गयी, मोबाईल में कुछ देख के उसने अपने हाथ में बड़ी सी मोमबत्ती ले रखी थी, मुझे पक्का यकीं हो गया की चाची भी पोर्न देख रही है, और आज तो चाची का भोसड़ा हमेशा की तरह हाथ से नहीं बल्कि उस मोमबत्ती से चुदने वाला था. हाय रे मोमबत्ती क्या किस्मत है तेरी बहनचोद.... मन के कहते हुए मैंने भी अपना लौड़ा निक्कर के ऊपर से सहलाना चालू किया और उधर रीना ने मोमबत्ती की हल्केसे अपनी फटी पुराणी भोसड़ी में घुसा दिया. धीरे धीरे वो मोमबत्ती को अपने फुद्दी में अंदर बहार करने लगी, उसकी खिड़की बंद होने के कारन मुझे उसकी सिसकिया तो सुनाई नहीं दे रही थी पर उसके चेहरे से पता चल रहा था की रीना की आग आज कुछ ज्यादा ही सुलगी हुई है. मैंने भी उस चूदासी चाची का नंगा बदन देख के अपना लौड़ा बहार निकाला, चाची के हाथ अब और तेज अपना काम कर रहा था और उसकी गांड ऊपर उठने लगी थी. वैसे तो चाची का कमरा और मेरे छत में कोई ज्यादा दुरी नहीं थी पर मुझे उसकी चुत इतनी साफ़ नहीं दिख रही थी. अपनी जवानी का उबलता हुवा पानी अब धीरे धीरे उस मोमबत्ती को गिला करने लगा था की तभी चाची पलटी और कुतिया बन गयी. चुत में घुसाई मोमबत्ती उसने अब अपनी गांड में घुसाई और मोबाईल को बेड के किनारे लगा दिया, उसके दोनों हाथ अब चाची की चुत और गांड को चोदने में व्यस्त हो गए और किसी छिनाल रंडी की तराह चाची हस्तमैथुन का मजा ले रही थी. मैंने भी अपने लौड़े पे थूक लगायी और बिना पलक झपकाए चाची के नंगे बदन को देख के मुठ मारने लगा.

शायद चाची आज कुछ ज्यादा ही गरमाई हुई थी और ऊपर से मोबाईल का विडिओ उसकी भली भांति मदत कर रहा था, गांड को ऊपर निचे करते हुए आख़िरकार चाची का भोसड़ा अपना रस बहाने लगा. धीरे धीरे चाची की गति धीमी होती चली गयी, मेरा ध्यान अब रीना चाची के नंगे बदन को घूरने में लगा हुवा था उसका गदराया हुवा बदन देख के में जोर जोर से लवड़ा हिला रहा था की तभी रीना चाची की नज़र मेरे पे आ गयी और झट से उसने अपने बदन को ढक दिया. मेरे हस्तमैथुन में बाधा आने के कारन मैंने रीना चाची की तरफ देखा तो वो आँखे लाल करते हुए मुझे गुस्से से देखने लगी और मैंने झट से अपना फुला हुवा लौड़ा पैंट में घुसा लिया.

मैंने चुपचाप किताबें निकाली और पढ़ाई करने लगा, कुछ ही देर में मुझे निचे रीना चाची और माँ की बातें सुनाई देने लगी, माँ ने भी मुझे आवाज लगते हुए निचे बुलाया. "आज तो माँ चुद गयी बहनचोद" सोचते हुए में चुपचाप किताबें लेके निचे आ गया, अब तक मेरे लौड़े की भी गांड फैट चुकी थी, बेचारा चुपचाप मुरझाया हुवा निक्कर में सो रहा था. निचे आते ही मेरी नजर रीना चाची पे गयी तो मैंने गर्दन झुका ली और चुक्पा खड़ा रहा, क्यूंकि अगर माँ को बात पता चलती तो आज पापा मेरी ऐसे पिटाई करते की १० दिन तक गांड दर्द देने लगती.

माँ: अरे मनु, जा तो जरा देख चाची के घर कुछ काम है उनको

"हे भगवन तेरा लाख लाख शुक्र है" मन में सोचते हुए मैंने अपने कदम रीना चाची की तरफ बढ़ाये और नजरोंसे ही उनका धन्यवाद किया. रीना चाची का गुस्सा अब भी उनकी आँखों में दिखाई दे रहा था तो मैंने भी बिना कुछ बात करते हुए उनकी घर की तरफ चल दिया।

रीना चाची, शुक्रिया भाभीजी बस ये ऊपर के बर्तन उतारने थे आज हमारा नौकर भी नहीं आया वरना मै आपको तकलीफ नहीं देती

माँ: अरे इसमें कोनसी बड़ी बात है वैसे भी इतना खा पीके सांड हो गया है, इसी बहाने कुछ काम तो करेगा.

माँ ने सांड बोला तो मैंने हलकेसे गर्दन उठके रीना चाची की तरफ देखा तो वो भी मुझे ही देख रही थी और बोली, "हां दिख तो रहा है क्यों रे बड़ा कसरती बदन बना रखा है?"

में: जी चची

रीना चाची: चल जरा मैं भी देखु कितना दम है तुझमे? चलो भाभीजी आती हु बाद में.

रीना चाची मेरे पास आके कड़ी हुई और मुस्कुराते हुए बोली, "चलेगा या यही खड़ा रहेगा अब?"

चाची अब आगे चलने लगी और मैं उनकी गांड देख के उनके पीछे पीछे चलने लगा, ऊपर निचे बल खाती हुई गांड को संभालना उस पतले गाउन के बस की बात नहीं थी. शायद रीना चाची अंदर से पूरी नंगी थी, इसलिए उनकी गांड आज कुछ ज्यादा ही हिल रही थी. उस मदमस्त गांड को देख के मैं सोच रहा था की कब मैं इन गांड के द्वार खोल के रीना चाची की गांड में अपना लौड़ा घुसा पाउँगा. चलते चलते पता ही नहीं चला कब हम उनके घर में आ गए, रीना चाची अचानक रुकी तो मैं भी पिछेसे जाके उनको टकराया और पहेली बार मेरा बदन उनके बदन से चिपक गया. जैसे ही मैं चाची से टकराया तो मेरा मुँह चाची की पीठ पर दब गया और मेरे हाथ चाची की कमर को पकड़ने लगे ताकि मैं गिरने से बच सकू.

चाची: बेशरम बड़ी जल्दी है तुझे? चुपचाप हाथ हटा वर्ण अभी तेरी माँ से कह दूंगी.

मैं: अरे चाची मैं तो आपको देख के चल रहा था तो ध्यान नहीं रहा सॉरी गलती से हो गया.

रीना चाची की आँखों में आँख मिलाके मैंने कह तो दिया पर उसने भी झट से पूछ लिया, "क्या देख के चल रहा था की तेरा ध्यान हट गया?... " थोड़ा सोचते हुए वो झट से बोल पड़ी, अवववव बेशरम क्या तू मेरे पिछवाड़े में नजर लगाके के चल रहा था क्या?"

मैं बिना कुछ बोले ऐसे ही खड़ा रहा तो चाची मेरे पास आके बोली, "लग रहा है की मेरे बदन को देख के तेरी जवानी सभाल नहीं रही? कुछ तो शर्म किया कर लड़के? तेरे माँ की उम्र की हु मैं".

मैं: अरे चाची सच में गलती से हो गया

रीना चाची: हाँ, और वो जो छत से देख रहा था वो भी गलती से हुवा था क्या? कैसे मुझे देखके हिला रहा था तू? बताऊ क्या तेरे बाप को?

मैं(घबराते हुए चाची के हाथ हाथ लेके): अरे नहीं चाची, एक बार माफ़ करदो फिरसे नहीं करूँगा

चाची: हम्म्म मतलब रोज ही देखता है तू मुझे? कोई बंदी नहीं है क्या तेरी इस सबके लिए?

चाची को खुलके बात करते हुए देख मैंने भी बिना किसी शर्म के बोल दिया, "आपके पास भी तो आपका बंदा है न? फिर आप क्यों करती हो हाथ से?"

चाची अब बुरी तरह से झेंप गयी, मेरे सवाल ने उनको बड़ा सदमा सा लगा तो उन्होंने भी गुस्सा दिखते हुए कहा, "साले मेरे से जबान लड़ाता है? रुक अभी तेरी माँ को बताके आती हु"

मैंने बिना कुछ बोले वही पे खड़ा रहा और उनको घर के बहार जाते देखने लगा, शायद चाची को लगा की मैं उनको रोकने की कोशिश करूँगा और वो मुझे डराएगी पर मैंने कुछ नहीं बोला ये देखके चाची वही पर रुकी और मुझे देखने लगी.

मैं: हाँ चाची जाओ बताओ माँ को, मैं क्या कर रहा था और हा ये भी बता देना की आप रोज दोपहर को नंगी होके आपकी चुत की मालिश करती हो. मैं भी कल पुरे मोह्हले में आपकी वीरगाथा बता दूंगा फिर देखना मेरे छत से आपको पूरा मोह्हला देखने आएगा

मेरे धमकी से चाची बुरी तरह डर गयी, मुझे देखते हुए वो बोली, "अरे नहीं नहीं बेटा मैं तो बस ऐसेही थोड़ा...."

उनको बिच में टोंकते हुए मैं बोला, "थोड़ासा क्या रीना चाची? मुझे डरा रही थी? सुनो चाची अब बच्चा नहीं हूँ मैं की आपके डराने से डर जाऊंगा? और हां मैंने कभी आपको कुछ बोला? या कभी आपका फायदा उठाया?"

रीना चाची चुपचाप सब सुन रही थी, उनको डरने की और उनको थोड़ा खोलने की बारी अब मेरी थी तो मैंने भी पूरा जोर लगाके कहा, "लगता है हम दोनों का हाल एक जैसे ही है पर आप है की मुझे ही बोल लगा रही है?". चाची के पास मेरे कदम बढ़ने लगे और मैंने उनका हाथ पकड़ते हुए कहा, "डरो नहीं चाची, मैं नहीं बताऊंगा किसी को, बस ये नज़ारे मैं रोज देखूंगा, दिखाओगी न आप?"

रीना चाची डरते हुए बोली, "ये क्या बोल रहा है मनु तू? मैं कैसे ये सब खुलके तेरे सामने? कहते हुए भी शर्म आ रही है"

मैं: देखो चाची, मेरे जगह कोई दूसरा होता तो अब तक आपकी वीडियो बनाके नेट पे दाल दिया होता पर मुझे आपकी फ़िक्र है, मैं कभी आपको बदनाम नहीं होने दूंगा पर आपकी भी तो जिम्मेदारी है की आप मेरी मदत करो? और वैसे भी मैं कब बोल रहा हु की मुझे आपको चोदना है?

"चोदना" शब्द सुनते ही चाची मुझे आँखे फाड् के देखने लगी, मेरा हाथ अब भी उनके हाथ को पकड़ रखा था और शायद हमारे ऐसे खुलके बोलने का परिणाम उनकी फुद्दी के अंदर हो रहा था. मैं अब उनका हाथ सहलाना चालू किया और उनकी आँखों में देखते हुए उनके उत्तर की प्रतीक्षा करने लगा, मेरे हाथ से अपना हाथ निकालने की उन्होंने जरा भी कोशिश नहीं की उल्टा मेरे तरफ देखते हुए बोली, "पर सिर्फ देख के क्या होगा तेरा? और मेरा भी?"

मैं: क्या मतलब चाची? मैं समझा नहीं खुलके बोलो, देखो अब हम दोनों एक दूसरे के राजदार है तो छुपाने का कोई फायदा नहीं...

रीना चाची: सिर्फ देख के और हिलाके मजा आ जायेगा तुझे? कोई लड़की नहीं है क्या तेरे पास?

मैं: लड़की होती तो उसको ही चोदता ना चाची, आपको नंगी देखने से मेरा क्या फायदा? और वैसे आपके पास वो है पर आपको भी तो कोई फायदा नहीं उसका, क्यों सही कहा ना?

रीना चाची ने अपना हाथ छुड़वाया और घर का दरवाजा बंद करते हुए बोली, "चल अंदर कमरे में कुछ बात करनी है"

मुझे समझ आ रहा था की उनको क्या बात करनी है और हाथ आते मौके को मैं गवाना नहीं चाहता था, जैसे ही चाची कमरे की तरफ चलने लगी तो मैं वही उनकी गांड देखते हुए खड़ा रहा. मुझे देख के चाची बोली, "बस देखता ही रहेगा क्या? चल अंदर आजा जल्दीं" और अंदर जाके वो एक खुर्सी पर बैठ गयी, मैंने भी कमरे के अंदर जाते ही उनके सामने खड़ा हो गया और चाची की चूँचिया ऊपर से घूरने लगा. चाची ने मुझे उनके चूँचे घूरते हुयव देखा और मेरा हाथ पकड़के मुझे निचे बिठाया, मेरा चेहरा हाथ में लेके बोली, "क्या तू मजे देगा मुझे? मैं सच में बहोत तड़प रही हु मनु पर इसके अलावा कर भी क्या सकती हु?" रीना की आवाज में एक अजीब सी गुज़ारिश थी, उसके तन की प्यास उसके आवाज से साफ़ पता चल रही थी और मेरे ऊपर उनके विश्वास ने शायद उनके मुँह से ऐसी बात भी खुलके सामने आ गयी

रीना चाची के हाथ हाथ में लेके मेने कहा, "चाची अब तो में तेरा ही हूँ, तुझे हर तरह से खुश रखूँगा और हाँ अब तुझे कभी हाथ से नहीं करना पड़ेगा". रीना चाची ने झट से मेरे ओठों पर अपने यह रख के मुझे किस किया और बोली, "आज से तू ही मेरा सुहाग है मनु, तू जो बोलेगा जैसे बोलेगा में वही करुँगी पर मेरा भरोसा मत तोडना वरना मैं कही मुँह दिखने लायक नहीं रहूंगी".

उसके बोल सुनके मेरा दिल पिघल गया, मैंने अब चाची को खड़ा किया और उनको अपनी बाँहों में लेके बोला, "अगर मैं तेरा सुहाग हु तो कैसे में तेरा भरोसा तोडूंगा मेरी चाची?". मेरे पीठ पर मुक्का मरते हुए बोली, "अब भी चाची ही हूँ क्या मैं तेरी? तू भी मुझे बस रीना ही बुलाया कर पर अकेले ने सबके सामने चाची, समझा मेरे शेर?"

"रीना, आय लव यु मेरी जान" कहते हुए मैंने चाची को जोर से मेरी बाँहों में कस लिया और उनकी बड़ी सी गांड को सहलाते हुए उसके भरे हुए बदन का मजा लेने लगा. रीना की चूँचियाँ भी बड़ी बड़ी थी जो मेरे सीने में मुझे अपने होने का एहसास दिला रही थी, मेरे लौड़े ने भी अब अपना एहसास दिलाना चालू किया जो रीना चाची की फुद्दी के आसपास मंडरा रहा था.

शायद अब चाची को भी मेरे लौड़े का आभास अपनी गीली चुत के पास होने लगा था, मेरे "आय लव यु" का कोई जवाब न देते हुए उसने अपना मुखड़ा मेरे छाती से निकाला और मेरे ओंठों को चूमने लगी, उसकी तरफ से हुए हमले का मैंने भी बराबर जवाब देना चालू किया. मेरी और रीना चाची की जबान एक दूसरे से आज पहेली बार मिल रही थी, मिलने की ख़ुशी इतनी ज्यादा थी की हमारी थूक भी एक दूसरे के मुँह में बहने लगी. रीना चाची को चूमते हुए मैंने अब उनका गाउन ऊपर उठाना चालू किया, धीरे धीरे गाउन को उनकी गांड तक लेते हुए मैंने झट से उनकी गांड को जोर से फैलाया तो मुझे पता चला की चाची की गांड पूरी तरह नंगी है...

मेरे बालों में हाथ सहलाते हुए रीना चाची पूरी ताकत से अपनी जीभ मेरे मुँह में देने लगी, उसके फुले हुए चूँचे मेरे सीने पे बुरी तरह से पीसने लगे थे और मेरे हाथ उनकी गांड को फैलते हुए उंगलियां उस गांड दरार में घुसाने लगा था. जैसे ही मेरी ऊँगली रीना चाची को अपनी गांड के छेद पे महसूस हुई तो पहेली बार उसकी सिसकी निकल गली, किस करना बंद करके वो मेरी तरफ देखने लगी और बोली, "लगता है तुझे भी मेरी गांड ही पसंद है? घुसा दे अब जल्दी ऊँगली को मेरी गांड में, सुबह से खुजला रही है साली रंडी"

रीना की मुँह से गंदी बोल सुनके मुझे में जोश भर गया और मेने मेरे ऊँगली को अब रीना चाची के छेद में घुसाया, ऊँगली के घुसते ही रीना चाची ने फिरसे मुझे किस करना चालू किया और मेरे पैंट के ऊपर से मेरे लौड़े को सहलाने लगी. किस करते हुए चाची ने मेरी पतलून का नाडा ढ़ीला किया और मेरे अंडरवेर में हाथ घुसके मेरे लौड़े को सहलाने लगी, चाची का दूसरा हाथ अब मेरी अंडरवेर को निचे खिसकाने लगा और अगले ही पल मेरे काले लौड़े को चाची ने नंगा कर दिया. चाची के दोनों हाथ अब मेरे लौड़े के इर्दगिर्द घूमने लगे, मानों मेरे लौड़े को बिना देखे ही वो उसका आकार जानना चाह रही हो, कभी मेरे लौड़े का सूपड़ा तो कभी मेरे टट्टों को सहलाते हुए चाची मुझे जमके अपने मुँह के लार का स्वाद दे रही थी.

मैं भी पूरी शिद्दत से चाची की गांड मेरे ऊँगली से चोदने में लगा हुवा था की तभी चाची ने मुझे जोर से धक्का देते हुए उनके बिस्तर पर गिरा दिया, अपनी गाउन का कपडा निचे से उठाके उन्होंने एक ही झटके में अपना गाउन निकालके सामने वाले खुर्सी पर फेंक दिया. रीना चाची ४५-४६ साल की औरत थी, चरबी से बदन फूल चूका था, उम्र के साथ सीने के उभार थोड़े लटक चुके थे पर आज भी उनकी गोलाईंया किसी मर्द के लौड़े में आग लगाने की शमता रखते है. फुले हुए पेट के निचे झांटो का नामोनिशान नहीं था, उनकी गीली भोसड़ी का खुलेआम दर्शन देते हुए वो मेरे पास आयी और झट से मेरे सामने घुटनो पर बैठ गयी

मेरे पतलून और अंडरवेर निकाल के उन्होंने उसी खुर्सी पे उनको फेंक दिया और मेरे लौड़े को हाथ में लेके सहलाने लगी, मेरे पेट पे पहला चुम्बन देते हुए उन्होंने झट से मेरा लौड़ा अपने मुँह में लिया और अपनी जबान से मेरे लौड़े का सूपड़ा चाटने लगी. जिंदगी में पहली बार किसी औरत ने मेरे लौड़े को मुँह में लिया था, २४ साल का मेरा लौड़ा आज रीना चाची किसी बाजारू रंडी की तरह चूस रही थी, उनके मुँह की लार अब मेरे लौड़े के आजुबाजु जमा होने लगी थी और में उस चुसाई का आनंद लेते हुए सिसकिया भरने लगा. मेरे हाथ अब खुद ब खुद रीना चाची के सर की तरफ बढ़े और मेने उनका मुँह और मेरे लौड़े पे दबाना चालू किया.

मैं: आअह्हह्ह्ह्ह चाची साली रांड, चूस बेहेन की लौड़ी, मजा आ रहा है चाची ऐसे ही चूस मेरी रांड

इतना बोलते ही चाची ने मेरा लौड़ा मुँह से बहार निकाला और बोली, "हाँ मेरी जान ऐसे ही गाली दे मुझे, रंडी जैसे हालत कर दे मेरी, इज्जत लूट में मेरी आज मेरे राजा अब देख मैं कैसे तुझे खुश करती हूँ" और फिरसे उसने मेरे लौड़े को और टट्टों को मुँह में लेके चूसना चालू कर दिया. मैंने भी अपनी गांड को ऊपर उठाते हुए उनका मुँह चोदना चालू किया, रीना के बाल को मुट्ठी में पकड़के में उसका मुँह जोर जोर से मेरे लौड़े के ऊपर पीटने लगा, "आआह्ह्ह्हह रीना रांड, साली चुदासी कुतिया खा जाएगी क्या बहनचोद मेरे लौड़े को?"

रीना चाची बिना कुछ बोले चुपचाप मेरे लौड़े से निकलते प्री-कम का मजा लेने लगी, उसके मुँह से पुच-पुच सप्लरररररर्र सप्लरररररर्र जैसे आवाजे आ रही थी और शायद उसको भी मेरे लंड का स्वाद अच्छा लगने लगा था. पर मुझे डर था की कही मैं चाची को बिना चोदे ही झड़ ना जाऊं, तो मैंने चाची के बाल को खींचते हुए उनका मुँह मेरे लौड़े से हटाया और उनको बिस्तर पे लाके धकेल दिया. "बस कर बेहेन की लौड़ी अब क्या मेरे लौड़े को बिना चोदे ही झड़ायेगी क्या कुतिया, चल टाँगे खोल और दिखा तेरा भोसड़ा"

चाची ने बिना समय गवाएं अपनी दोनों टाँगे खोली और अपनी भोसड़ी पे हाथ घूमते हुए बोली, "ले मेरे कुत्ते देख ले तेरे चाची का भोसड़ा भड़वे... दिखा कितना दम है तेरे लौड़े में, चोद चोद के रांड बना दे मुझे"

मैं: "ऐसे कैसे तुझे चोद दूँ मेरी जान, अपहेले तो मुझे तेरे इस फुद्दी का पानी तो पीला फिर देख कैसे तेरी चुदाई करता हूँ" चाची के सामने बैठते हुए मेने अब अपना मुँह सीधा चाची की गीली भोसड़ी पर लगाया और जबान बाहर निकालके मैं उनकी फुद्दी को चूसने लगा.

चाची को शायद आज पहेली बार चुत चुसवाने का मौका मिल रहा था तो उसने भी मेरे सर को अपनी फुद्दी हुए कहा, "चूस ले मेरी जान, आज तो तू मेरे उस नामर्द पति से ज्यादा मजे दे रहा है, आआह्ह्हह्ह्ह्ह धीरेरेरेरेरेरेईई कर भोसड़ीके". चाची की गाली और उनकी गुजारिश नजरअंदाज करते हुए मैं उनकी फुद्दी पे टूट पड़ा और मेरी जीभ ४ इंच तक उनके भोसड़े में पेल के उस भोसड़े का पानी चाटने लगा. रीना की जाँघे मांसल थी, उसका पूरा बदन इतना गदराया हुवा था की जहा भी हाथ रखो वह मसलने का मन करता था. मैंने उनकी मांसल जांघों को मेरे हाथों में दबोच दिया और जोर जोर से उनकी जाँघे मसलते हुए उनके चुत का पानी चूसने लगा.

रीना को चुसवाने का आनंद और मसलने की पीड़ा दोनों एक साथ एहसास करवाते हुए मैंने अब मेरे हाथ की २ उंगलिया चाची के भोसड़े में घुसा दी, चुत का दाना उभर के मेरे सामने आया और मैंने झट से उसको अपने मुँह में लेके चूसना चालू कर दिया. मेरे इस दोहरे हमले को शायद रीना चाची बर्दाश न कर सकी, मेरे मुँह को फुद्दी पर जोर से दबाते हुए उसने पानी गांड को ऊपर उठता और बिना कुछ बोले जोर जोर से गुर्राने लगी. रीना चाची की धड़कन तेज चल रही थी, उसकी भोसड़ी आज मेरे मुँह पे अपना पानी छोड़ के कुछ ज्यादा ही खुल चुकी थी, फुद्दी के अंदर का लाल-गुलाबी रंग का भाग मुझे आसानी से दिखाई दे रहा था.

पूरी तरह झड़ने के बाद रीना चाची अपनी आँखे बंद करके झड़ने का मजा ले रही थी, साँसों पर काबू करने की कोशिश कर रही थी पर मुझे तो आज इसको ऐसे पेलना था की फिर ये कभी मुझे मना न कर सके. चाची को आराम करने का मौका देने का मेरा जरा भी इरादा नहीं था, सोती हुई रीना चाची के बाल को अब मैंने मेरे मुट्ठी में भर लिए और उनका सर मेरे लौड़े की तरह खींचते हुए मैं बोला, "यहाँ क्या सोने के लिए बुलाया है रंडी चाची? चल बहनचोद, ले चूस चूस के गिला कर दे तेरे यार का लौड़ा फिर देख कैसे तुझे बजरी रंडी की तरह चोदुँगा आज"

रीना चाची का मुँह अब मेरे लौड़े के पास आया तो मैंने खुद अपने दूसरे हाथ से मेरा लौड़ा पकड़ के रीना चाची के मुँह में ठूंस दिया, रीना चाची बिस्तर पर एक कुटिया की तरह बैठ के मेरे लौड़े से अपना मुँह चुदवा रही थी. बिस्तर के सामने लगे हुए शीशे में मुझे रीना चाची की गांड दिखाई दे रही थी, मेरा एक हाथ तो उसके बाल पकड़ने में बिज्जी था पर मेरा दूसरे हाथ का इस्तेमाल करते हुए मैंने रीना चाची की गांड पर जोर जोर से थप्पड़ मरना चालू किया, उनको गाली देते हुए उनका मुँह और जोर जोर से चोदने लगा...

मैं: "ले रीना रंडी, चूस तेरे यार का लौड़ा, साली किसी दिन तुझे ऐसे ही बिच सड़क पर नंगी करके चोदुँगा मेरे लौड़े से फिर देख कैसे तुझे सारा मोह्हला रंडी बनाके चोदेगा तेरे उस नामर्द पति के सामने"

रीना के मुँह में लौड़ा ठुँसा होने के कारण वो कुछ बोल नहीं पा रही थी, उसके मुँह से बस गव्क गव्ककककक गव्ककककक चॉककककक चॉककककक जैसी आवाजे निकल रही थी. चाची के मुँह से निकलती हुई लार मेरे लौड़े समेत मेरे टट्टों को भी गिला कर छुई थी, मेरे मरने की वजह से चाची की गांड लाल हो चुकी थी, बिखरे हुए बाल और नंगी चाची को देखके कोई भी ये बता सकता था की ये रंडी अभी अभी बुरी तरह से चुदवाके आयी है. कुछ १० मिनिट तक मेने मेरे लौड़े को अच्छे से धार करवाई और फिर से रीना चाची को बिस्तर पे ढके के उनके ऊपर आ गया...

मैं: "चल मेरी रांड, पकड़ मेरा लौड़ा और घुसा दे तेरे इस रंडी फुद्दी में, आज तेरी सारी गरमी निकलता हूँ मेरे लौड़े से"

रीना चाची ने मेरे लौड़े को पकड़ के अपनी चुत पे रखा और बोली, "चोद ले मुझे मेरे सांड, आज रंडी बना दे बहनचोद फाड़ दे मेरा भोसड़ा तेरे इस काले लौड़े से"

जैसे ही चाची ने मेरे लौड़े को अपनी फुद्दी के ऊपर रखा तो मैंने जोर का धक्का देते हुए अपना लौड़ा चाची के अंदर घुसाने की कोशिश की पर शायद चाची ने ठीक से मेरे लौड़े का सूपड़ा फुद्दी के छेद पे सेट नहीं किया था. मेरा लौड़ा फिसल के चाची की भोसड़ी के दाने को रगड़ता हुआ उनके पेट की तरह निकल गया, और रीना चाची जोर से सिसकी, "आअह्हह्ह्ह्ह मादरचोद धीरे घिस कुत्ते". लौड़ा अंदर घुसाने के लिए अब मैंने ही मेरे लौड़े को पकड़ा कर उस दाने पर घिसते हुए बोला, "तेरे माँ की चुत साली रंडी, सही से नहीं कर सकती क्या मादरचोद? अब ले देख तेरे दाने को रगड़ रगड़ के कैसे लाल करता हूँ"

जैसे ही मैंने मेरे लौड़े से चाची का दाना रगड़ना चालू किया तो मेरे निचे लेती हुई चाची का बदन फ़िरसे मचलने लगा, अपनी कमर को ऊपर निचे लरते हुए चाची फिरसे सिसकने लगी, "आअह्हह्ह्ह्ह मनु धीरे कर भोसड़ीके आअह्हह्ह्ह्हह लग रही है मेरे यार, घुसा दे अब अंदर जल्दी से चोद ले मुहे लूट ले मेरी जवानी". चाची की बातों को अनसुना करके में कुछ देर तो चाची का दाना रगड़ने लगा और जब चाची उस रगडन का मजा लेने में मदहोश थी तो मैंने अचानक एक ही झटके में मेरा पूरा ७ इंच का लौड़ा उनके अंदर पेल दिया....

"अअअअअ माँ मररररर गईइइइइइ साले कुत्तेईईई" रीना चाची की चींख निकल गयी, बिस्तर पर मेरे निचे से छुटकारा पाने की कोशी करते हुए रीना चाची ने मुझे धकेलना चालू किया। मुझे पता था की ये साली रांड नखरे जरूर करेगी इस लिए मैंने पहले ही चाची की टांग मेरे कंधे पे राखी थी, उनके हाथ मेरे हाथ में दबा लिए थे और मेरे बदन का सारा वजन मैंने चाची के गुदाज भरे हुए बदन पे लाद दिया था. चाची कुछ देर तो मेरे से छूटने की कोशिश करती रही पर अगले ही पल उसको समझ में आ गया की अब बचना नामुमकिन है, आँखे खोल के मुझे देखते हुए बोली, "साले कुत्ते, तेरे माँ की चुत है क्या जो ऐसे पेल रहा है? धीरे नहीं कर सकता?"

मेरा मुँह अब मैंने चाची की तरफ बढ़ाया और उनके ओंठो को काटते हुए फिर से उनको पीड़ा देना चालू किया, चाची की आँखों से पानी निकला तो मैंने उनका ओंठ काटना बंद करके कहा, "क्यों मेरी रांड चाची, लगता है आज पहेली बार किसी सांड से पाला पड़ा है तेरा? साली तेरे जैसे औरत को तो हर कोई ऐसे ही चोदेगा बेहेन की लौड़ी, ले अब मेरे लौड़े का मजा". इतना कहते ही मैंने फिरसे अपना लौड़ा लगभग पूरा बाहर निकाला और फिरसे उसी तेजी के साथ उनकी भोसड़ी में ठूंस दिया, लगातार ७-८ बार मैंने ऐसे ही तेज तेज धक्के रीना चाची के फुद्दी में दिया और उनकी गीली भोसड़ी को मेरे लौड़े का परिचय करवाया.

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