सुल्तान और रफीक में युद्ध 02

Story Info
सुंदरियों का परिचय .
855 words
5
436
00

Part 2 of the 20 part series

Updated 06/10/2023
Created 07/23/2021
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दिल्ली में सुल्तान और रफीक के बीच युद्ध 02

सुंदरियों का परिचय ​

ओह!, ये नजारा देखने के बाद अब परवेज चाहता था कि गुलनाज अपने मज़बूत सफेद पंजाबी पैर उसके नितम्बो के चारों ओर लपेटे और वह-वह अपने ापीरों से उसके नितम्बो के अपनी तरफ़ दबाये । वह सोच रहा था अगर ऐसा हुआ तो उसके शोहर गुलबाज और बादशाह के बाद, वह गुलनाज के साथ आनंद लेने वाला केवल तीसरा साहिब होंगा!

फिर वह सोचने लगा काश वह बाक़ी तीनो सुंदरियों के भी हुस्न का दीदार कर सके तो मज़ा दुगना और चौगुना हो जाएगा तो मानो उसकी प्रार्थना का उत्तर देने के लिए मल्लिका जल्द ही उठ खड़ी हुई और एक गिलास शर्बत लेने के लिए कुंड से बाहर टेबल की और चल दी जहाँ गिलास रखे हुए थे। जैसे ही वह संगमरमर के फ़र्श के पर आयी, परवेज को अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हुआ क्योंकि उसने अद्भुत राजपूतानी सौंदर्य को देखा। बेशल, परवेज मल्लिका के शोहर राज मोहन साहिब को अच्छी तरह से जानता था-, जो बादशाह के दरबार के सबसे प्रमुख राजपूतों में से एक था। वह राजपूतों में से का राजपूताना सल्तनत का सरदार था, ये लोग वे कुशल योद्धा थे जो बादशाह की सेनाओं का एक बड़ा हिस्सा थे और बादसाह के इस्लामी साम्राज्य के लिए बेहद वफादार सेनानी थे।

राजपूत मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले, सूर्य-पूजा का बारीकी से पालन करते थे। वास्तव में, वे बादशाह के प्रति इतने समर्पित थे कि वे बादशाह की सेना में आधे से अधिक घुड़सवार-सेना का अभिन्नं भाग रहे हैं और उन सभी युधो में उन्होंने बादशाह का साथ दिया है जिन्हें खलीफाओं को विद्रोही अलगाववादियों के खिलाफ क्षेत्र की एकता बनाए रखने के लिए लड़ना पड़ा।

और परवेज जानता था कि राजपूत आमतौर पर अपने कीमती और शानदार ओरतों की रखवाली करने में बहुत सावधान रहते थे। लेकिन यहाँ, परवेज को, अल्लाह की इच्छा से, एक नंगी रानी का पूरा दर्शन मिला था! चलते-चलते उन्होंने मल्लिका के शानदार जिस्म का ध्यानपूर्वक अध्ययन किया। वह एक सरू की तरह पंजाबी गुलनाज जितनी ही लंबी थी। हालाँकि, पंजाबी सुंदरी के अलावा उसकी विशिष्ट सुंदरता ये थी, वह यह थी कि वह पतली और नाज़ुक थी। हालाँकि, उसके भारी सफेद स्तन और बड़े उभरे हुए कूल्हे, उसके पतले फिगर पर अप्राकृतिक लग रहे थे। जैसे ही वह मुड़ी, उसे उसकी सुरक्षित शानदार फुद्दी का नजारा देखने को मिला और वह सोचने लगा की उसका मोटा अवधी लंड इस छोटी सुन्दर और नाज़ुक राजस्थानी फुद्दी में कैसे घुसेगा!

उसने सोचा वह इस रानी को अपने लंड के जलवे से अपनी बना लेगा इसके साथ ही उसके अपने लंड को ज़ोर से सहलाया। जबकि अन्य शासको ने जीतने के लिए तलवार और ज़ोर जबरदस्ती का इस्तेमाल किया है वह इस दूसरी तलवार का इस्तेमाल करेगा।

जब मल्लिका वापिस कुंड में आ गयी तो थोड़ी देर बाद, महिमायुक्त नग्न रीमा बेसिन से उठी और फिर एक गिलास शर्बत लेने के लिए मेज पर चली गई। इस यात्रा के दौरान, परवेज को उसके खूबसूरत शरीर की झलक मिली, जिसे आम तौर पर उसके बंगाली बाबू शोहर ही देख सकते थे। बिलकुल शाही दरबारी होने के कारण परवेज रीमा के बंगाली बाबू शोहर को भी जानता था, जो सरकार में मुख्य मुंशी (लेखाकार) के रूप में काम करता था और नौकरशाही में एक बहुत ही प्रमुख पद पर आसीन था, जिसने उसे दिल्ली में बादशाह के दरबार तक पहुँच प्रदान की हुई थी। रीमा ठेठ बंगाली सुंदरी थी। वह अन्य तीन आर्य महिलायो से कद में छोटी थी, लेकिन उसके शरीर के अन्य अंग विशाल आकार के थे। उसके दूधिया-सफेद बंगाली नितंब बड़े पैमाने के थे, जो मुर्शिदाबाद के दो विशाल तरबूजो की तरह उसके शरीर से बाहर निकले हुए थे। जब वह-वह चल रही थी तो परवेज ने बड़े सफेद नितंबो के गालों को हिलते-डुलते और हर क़दम पर कंपन करते हुए देखा।

वास्तव में, उसके नितम्ब इतने बड़े थे कि चलते-चलते वे बग़ल में घूमते थे, उनका विशाल आकार उसे एक सीधी रेखा में भी चलने से रोकता था जिन्हे सहारा देने के लिए स्वाभाविक रूप से मज़बूत जांघों की आवश्यकता थी। इइसी तरह से उसके विशाल दूधिया स्तन भी असामान्य रूप से बड़े थे-वे बंगाली दूध के कंटेनर थे।

यह एक कमाल ही था कि उसकी संकीर्ण कमर उसके विशाल दूधिया स्तनों को संभल पा रही थी और कि उसके जैसे बड़े कूल्हों पर उसकी पतली कमर टिकी हुई थी। उसकी कामुक योनि इतनी बड़ी और मांसल थी कि रीमा की जाँघें उसके कूल्हों के जोड़ को भी नहीं छूती थीं, जिससे उसके जननांगों के लिए एक बड़ा अंतर रह गया था। इस बीच, उसकी टाँगे चिकनी और उसके पैर भी बड़े और प्यारे थे, उसके बड़े पैर की उंगलियाँ बाहर निकली हुई थीं, जिससे उसके लाल रंग के नाखून रसीले और कामुक दिखाई दे रहे थे। उसके छोटे कद के कारण शरीर के बड़े हिस्से सामान्य से भी बड़े लग रहे थे।

परवेज सोच रहा था रीमा उसके प्यारे शरीर के हर हिस्से की पूजा करना कैसे पसंद करेंगी! उसने मन ही मन सोचा, अगर वह कर स्का तो वह उसके अद्भुत जिस्म पर चढ़ जाएगा और पूरे दिन उसकी मीठी बंगाली फुड्डी को चोदने में कितना आनंद आएगा।

जारी रहेगी

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