एक नौजवान के कारनामे 100

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समलैंगिक कजिन बहने.
1.8k words
3.67
163
00

Part 100 of the 278 part series

Updated 04/23/2024
Created 04/20/2021
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

विवाह

CHAPTER-1

PART 30

समलैंगिक कजिन बहने

नीता रीता के साथ अंतरंगता साझा करना चाहती थी और सिर्फ शारीरिक सुख से कहीं आगे निकल जाना चाहती थी। बेशक, नीता यौन उत्तेजना के लिए रीता की मन और शरीर की प्रतिक्रिया से मोहित हो गई थी। एक सेकंड बाद, नीता की जीभ रीता की चूत के होंठों पर आ गई, जिससे उसे अपनी दोस्त के शरीर के सबसे अंतरंग हिस्से का पहला स्वाद मिला। उसकी जीभ ने उसकी योनि के आंतरिक होंठों को सहलाया और नीता ने योनि के उभरे हुए नुकीले सिरे को ओंठो से पकड़ लिया। वह एक वासनापूर्ण प्रेमी की तरह थी-कि वह रीता के नीचे और भी नीचे झुक गई, जिसने अपने खुले होंठों के बीच सांस भरते हुए योनि को चूसा। शुद्ध परमानंद से रीता की आंखें बंद हो गयी और गर्दन आनंद के कारण उसके सिर के पिछले हिस्से में लुढ़क गईं।

रीता कराह उठी, "आह्ह्ह्ह।" और उसकी गहरी कराह, उस शांत कमरे में गूँजने लगी जिसे सुन नीता की उत्तेजना बढ़ गई। उसने अपनी उँगलियों से भगशेफ को थोड़ा और जोर से रगड़ा, जिससे रीता के कूल्हे हिल गए। फिर उसने अपनी उँगलियों से रीता के योनी के होठों को फैलाया और उस कली पर अपनी जीभ तब तक चलाई, जब तक कि रीता फिर से कराह नहीं उठी, नीता ने उसके साथ जो किया उस ने रीता को रोमांचित कर दिया।

नीता ने धीरे से रीता की भगशेफ को चूस लिया उसके शरीर का एक अत्यधिक संवेदनशील हिस्सा जिसे किसी के होंठ ने कभी छुआ नहीं था। लेकिन रीता ने खुद को स्थिर किया। उसकी आँखें बंद थी और रीता ने अपनी भगशेफ पर चुंबन को अनुभव करते हुए पर ध्यान केंद्रित किया की उसे कैसा महसूस होता है।

नीता को चूसते हुए कुछ क्षण बीत चुके थे, नीता ने रीता की इस नई अद्भुत अनुभूति में आत्मसात होने दिया। फिर रीता ने महसूस किया कि नीता की ठंडी, कोमल उंगलियाँ उसकी लेबिया को लंबे, धीमे स्ट्रोक में रगड़ रही हैं। वह पहले से ही गीली थी। जब नीता की उंगलियों की युक्तियों ने उसके भगशेफ को गोलाकार गति में मालिश किया, सही मात्रा में दबाव के साथ, अजीब लगने और अयोग्यता के सभी विचार उसके दिमाग से भाग गए-यौन इच्छाओं द्वारा प्रतिस्थापित करने वाली ऐसी संवेदनाओ को उसने पहले इससे पहले कभी भी अनुभव नहीं किया था।

चूमने से कुछ अजीब से सेक्सी इच्छाये और बलवती हो रही थी और यौन पूर्ति के लिए तड़प बढ़ गयी थी जो केवल चुंबन की मांग से बहुत अधिक और लग थी और रीता अब कराहने लगी थी... ओह्ह आह उहह हाय हाई करती हुई वह कराह रही थी।

उनकी ऐसी कामुक हरकते देखते हुए मेरा लंड लोहे हो रोड की तरह सख्त हो गया था और अब मैं धीरे-धीरे अपने बड़े लंड की मालिश कर रहा था, मैं स्खलन के मूड में नहीं था, बस मैं उन दो लड़कियों के नग्न शरीर की हरकते देखते हुए आनंद ले रहा था।

नीता ने अपनी उँगलियाँ रीता के भगशेफ के खिलाफ दबा दी और तेजी से रगड़ी, जिससे रीता हांफने लगी। उसके पैर की उंगलियाँ नीता के शरीर में मुड़ गईं और उसकी नब्ज तेज हो गई। इस डर से कहीं उसकी कराहे सुन कोई आ ना जाए रीता ने अपने निचले होंठ पर थोड़ा-सा दांत से दबाया और ओंठो को बंद करने का सफल प्रयास किया लेकिन आनद की लहरो के साथ कराह निकली पर इस बार थोड़ी धीमी ध्वनि के साथ तो रीता ने अपने हाथ से अपने मुँह को बंद करने का प्रयास किया। उधर नीता के हाथ रीता की भीतरी जांघों पर गए और उन्हें फैलाकर अपनी उंगलियों ने उसके कूल्हों के चारों फिराया।

नीता की जीभ ने रीता की भगशेफ को फिर से फड़फड़ाया, उसके कूल्हों को हाथ से झटका दिया और चुप रहने के उसके सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद रीता के-के होंठों से एक तेज कराह निकली।

रीता की प्रतिक्रिया से प्रोत्साहित होकर, नीता की जीभ तितली के पंखों की तरह रीता की जांघो के बीच अति संवेदनशील कली पर तेजी से फड़फड़ाने लगी। नीता वही पर टिकी रही, जिससे रीता अपनी सीट पर बैठ गई। इतना अद्भुत रीता को कभी नहीं लगा था। खूबसूरत, इतना मोहक। नीता को भी इसमें मजा आ रहा था और इससे नीता की भी और करने की चाहत बढ़ गयी। जैसे ही रीता ने अपने योनि प्रदेश को नीता के मुंह से और मजबूती से दबाया तो उसके कूल्हे सोफे से उठ गए। बदले में, नीता अपनी जीभ से उसके भगशेफ पर थोड़ा और दबाव डालते हुए उसे चाट गईऔर फिर ओंठ लगा कर नीता ने रीता के सूजे हुए मोती को चूस लिया और रीता को अपनी योनी में मानो एक अजीब गर्म चिंगारी का अहसास हुआ।

फिर नीता ने अपने हाथों से रीता के स्तनों को फिर से दबाया और फिर अपने अंगूठे को सख्त निपल्स पर घुमाया, तो रीता को लगा कि अब वह आंनद से मर जाएगी। नीता ने साथ में रीता के क्लिट को अपनी जीभ से छेड़ा, फिर धीरे से अपने मुंह में चूसा और उसके हाथ बारी-बारी से उसके स्तनों को गूंथते हुए और निपल्स से टकराते हुए, रीता ने अपने पूरे बदन में उत्तेजना की लहर महसूस की।

नीता ने उसके कान में कहा, "तुम नीता के लिए आओगी, है ना?"

अपनी टांगो के बीच में लाल-गर्म सनसनी होने से रीता हांफने लगी। रीता ने आँखे खोल कर नीता को देखा पर जल्दी के एक अजीब से नशे के कारण उसकी आँखें बंद हो गईं। नीता अपनी निगाहों में रीता के चेहरे पर आ रही इतनी सारी भावनाएँ पढ़ रही थी-और रीता भी आँखे बंद किये हुए अपनी ऐसी कच्ची और वास्तविक भावनाएँ में उलझी हुई पूछ बैठी, "नीता क्या आप वास्तव में यही चाहती हैं?" और अपनी आँखे थोड़ी-सी खोली।

नीता ने सिर हिलाया। वह जल्दी से हिली, एक हाथ को रीता की पीठ और सोफे के बीच में फँसा दिया ताकि वह अपनेी हथेली को स्तन पर रख सके जबकि नीता ने अपना दूसरा हाथ रीता की योनि के ओंठो को और फैलाने के लिए नीचे खिसकाया।

"मैं चाहती हूँ कि तुम मेरे लिए आओ," नीता फुसफुसायी और अपने होठों के बीच से रीता की भगशेफ को मुक्त किया, उसने धीरे-धीरे रीता की चूत में एक उंगली डाली, उसके भगशेफ को ढँक दिया और अधिक दबाव के साथ उसकी मालिश की।

ओह! " नीरता के ऐसा करते ही रीता ने अपने भीतर गहरी कामुक संवेदनाओं का एक और विस्फोट महसूस किया क्योंकि अभी तक जिनसे वह अनजान थी ऐसी अविश्वसनीय रूप से गर्म-गर्म भावनाएँ उसके अंदर एक साथ एकत्रित और प्रज्वलित हो गयी थी। उसकी आँखें फिर से बंद हो गईं और उसने खुद को अपने कजिन और सबसे प्यारी सहेली को सौंप दिया, जिससे वह अब इस शानदार मजे का-का पूरा अनुभव ले सके।

फिर नीता ने रीता की चूत में दूसरी उँगली डाली और उसकी भगशेफ को अंगूठी से रगड़ा और दुसरे हाथ से स्तनों की मालिश की, जिससे रीता उसके साथ मजबूत अर्ध-आलिंगन में लिपट गई। रीता को अब हर तरफ झुनझुनी महसूस हुई और उसकी त्वचा एक ऐसे यौन बुखार से तपने लगी जिसे उसने पहले कभी नहीं अनुभव किया था। नीता की उँगलियाँ रीता की योनि के अंदर और बाहर होने लगी।

अब रीता का शरीर इस तरह से हिल गया जो उसके लिए पूरी तरह से अपरिचित था, नीता की कामुक हरकतों और उसके माध्यम से आने वाली पागल-दुष्ट संवेदनाओं का जवाब रीता का शरीर अपने आप दे रहा था। रीता को लगा अब उसका अपने शरीर पर कोई नियंत्रण नहीं रहा है। नीता के स्ट्रोक से उसके कूल्हे भी उसी लय में आगे पीछे हुए। जब नीता ने गति बढ़ाई, तो रीता के शरीर ने अपने आप प्रितिक्रिया देते हुए अगुवाई की, अपने कूल्हों को पीसकर उसका साथ दिया।

आअह्हह्ह्ह्ह रीता के होठों से एक कराह निकली और उसके भीतर का तनाव बढ़ गया था, वह रिहाई के लिए तरस रही थी, लेकिन उस पल की सुंदरता के आगे झुकने को तैयार नहीं थी।

"वेरी गुड।" रीता बोली।

नीता की जीभ ने अनजाने में नीता की योनि के एक संवेदनशील स्थान पर प्रहार किया तो, एक एरोजेनस ज़ोन का खुलासाहुआ जिसके बारे में दोनों कुछ नहीं जानती थी। रीता कराह उठी और अपना सिर बगल की ओर झुका लिया और उसने सांस भरते हुए मांग की, "और।"

रीता की पीठ पूरी तरह झुक गयी और उसके कूल्हे उसके दिल की धड़कन और उसकी नब्ज की धड़कन के साथ सिकुड़ गए। नीता की मोती उंगली, उसकी योनि में सरक गई और इस आक्रमण से रीता रो पड़ी। नीता का अंगूठा रीता के भगशेफ को रगड़ रहा था और नीता की पतली-पतली उंगलीया रीता की योनि की भीतरी दीवारों को सहला रही थी, जो रीता की उत्तेजना के बढ़ने के साथ-साथ जकड़ती और छूटती थी, रीता जानती थी कि इस गर्म और तेज कामुक भावनाओं का अधिक समय तक आनंद लेना असंभव था। रीता की कोमल कराहे और तेज हो गयी। उसका शरीर कांपने लगा और उसकी उँगलियाँ नीता के बालों की लटों में कस गईं। सनसनी की तीव्रता तेजी से बढ़ी।

"ओह, यह अच्छा है," रीता बड़बड़ायी। "मैं आने वाली हूँ। ऐसा करते रहो," उसने कहा। "मैं बहुत करीब हूँ।"

नीता ने रीता की भगशेफ को चूसा और रीता के कूल्हे झुक गए और उसकी आंतरिक मांसपेशियाँ जकड़ गईं और कांपता हुआ रीता का बदन अकड़ने लगा। चरमोत्कर्ष पर रीता ने नीता की उंगलियों को छोड़ दिया।

"ओह हाँ!" वह चिल्लाई।

उसकी टांगो के बीच ऊर्जा का तेज गोला था और जब नीता की जीभ उसकी चूत के अंदर उस अति-प्रतिक्रियाशील स्थान पर फड़फड़ायी, तो उग्र संवेदनाएँ भड़क उठीं।

जैसे ही नीता की उंगली गहरी गई तो रीता ने उसे कस कर निचोड़ लिया, उसके कूल्हे फिर से सोफे से उठ गए।

"हे भगवान, हाँ," वह कराह रही थी क्योंकि उसके अंदर की हर नस थरथरा रही थी और उसका शरीर सिर से पैर तक काँप रहा था। उसने अपने निचले होंठ पर थोड़ा-सा दांत से दबाया और अपनी आँखें बंद रखीं और उसकी योनि में फिर जैसे बाढ़ आ आयी। उसने अपने उत्कर्ष के हर सेकंड का स्वाद चखा, पहली कभी भी वह इतना आनंदित नहीं हुई थी। नीता का मुँह और उंगलिया रीट्रा के चुतरस से भर गयी, जिसे नीता धीरे-धीरे चाट गयी।

जब नीता की ऊँगली धीरे-धीरे उसकी धड़कती हुई योनी से बाहर निकली, तो रीता विरोध करने लगी, रीता अपने साथ साझा किए गए अंतरंग सम्बंध को छोड़ने के लिए तैयार नहीं थी।

वह धीरे से मुस्कुराई और बड़बड़ाई, "ये बहुत शानदार था।"

जैसे ही नीता बगल में बैठी और रीता को अपनी ओर खींच लिया, उसकी पलकें खुल गईं और दोनों एक दुसरे को चुम्बन करने लगी और मैं थोड़ा साइड में होकर छुप गया।

तभी बिल्ली के चलने की आवाज आयी तो दोनों ने जल्दी से इधर उधर देखा तो रीता बोली अँधेरा हो रहा है कोई आ न आजाये जल्दी से कपडे पहन लो।

दोनों ने जल्दी के कपडे पहन लिए पर फिर रीता ने कमरे से बाहर झाँक कर देखा कोई नजर नहीं आया तो वापिस आ कर नीता को किस करने लगी। अभी भी दोनों का मन नहीं भरा था। दोनों कपडे पहन कर भी किश करती रही।

जारी रहेगी

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