मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं 12

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बेकरारी का सबब.
1.4k words
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Part 13 of the 47 part series

Updated 10/30/2023
Created 09/04/2021
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मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएँ

भाग-12

बेकरारी का सबब

लूसी जेन के पैरो में गिर गयी तो जेन मुझे और लूसी को देख कर एक दम चौंक गयी मिस जेन और डायना की आँखे भी गीली थी और मिस जेन लूसी को बोली क्या हुआ लूसी तुम रो क्यों रही हो?

लूसी बोली मिस जेन अगर मुझ से कोई गलती हुई तो-तो आप मुझे सजा दो मैंने सब सुन लिया है बताओ आप इतनी निराश क्यों हो?

मैं भी बोला मिस जेन बताईये प्लीज क्या बात है आपको मेरी किस बात से दुःख पहुँचा है। प्लीज मुझे माफ़ कर दीजिये।

मिस जेन बोली नहीं ऐसी कोई बात नहीं है तुम दोनों ने कोई-कोई भूल नहीं की है।

तो मैं बोला फिर क्या बात है?

मैंने और लूसी ने आपकी और डायना की बात सुनी है वह कह रही थी "कि आप अपनी जवानी को यूँ ही बर्बाद मत करो और अब अपनी जवानी का रस अपने प्रेमी आमिर को चखा दो।" और आपने कहा।

"मुझे अपनी जवानी की प्यास बुझाने के लिए किसी की मदद की कोई ज़रूरत नहीं है" और फिर उस दिन आप ने मुझ से स्पष्ट कहा था इन सभी वर्ष ये सभी प्रतिष्ठा के चकर में खो गए, बर्बाद हो गए मेरी जवानी के वह वर्ष l मेरा पूरा कमबख्त जीवन! बिना किसी पुरुष के सेक्स के। आमिर! वह भी जब आप जैसा पुरुष जो मेरी तरफ़ आकर्षित है, मेरे इतना करीब था! "

और फिर आपने ही कर्म तय किया था कि सबसे पहले लूसी की पहली चुदाई होगी और फिर आपकी और फिर आख़िर में डायना। तो अब क्या हुआ आप इतनी निराश क्यों हो गयी है? कुआ मैंने अभी लूसी की दुबारा चुदाई कर दी है इसलिए तो आप मुझ से निराश नहीं ही गयी है?

उधर लूसी और डायना दोनों रो रही थी और आंसू बहा रही थी। तो डायना और लूसी बोली मिस जेन प्लीज बताओ क्या बात है? आप को हक़ है हमे डांटे का रोकने का या फिर सजा देने का। आप जानती हो हम दोनों आपको कितना मानती है।

मिस जेन की आँखों में आंसू थे और वह बोली मेरी प्यारी लूसी और जेन तुम दोनों लड़कियाँ यह अच्छी तरह जानती हो कि मैं तुम दोनों से कितना प्यार करती हूँ और मैं तुम्हारी भलाई के लिए हमेशा कुछ भी करने को तैयार हूँ और आमिर अगर तुम्हारी जगह कोई और पुरुष या लड़का होता तो मैं शायद उसके साथ सेक्स करने से पहले सू बार सोचती औऔर फिर उसके बाद भी मना कर देती। लेकिन आप जानते हो मैं आपको बहुत पसंद करती हूँ और मैं ये भी जानती हूँ की आप भी मुझे पसंद करते हो।

तो फिर अब क्या हुआ आपने क्यों अपना विचार बदल लिया?

तो मिस जेन बोली आमिर मुझे नहीं पता मैं इसे कैसे कहूँ आप मेरे बारे में पता नहीं क्या सोचोगे?

मैं बोला मिस जेन आप ज्यादा मत सोचो कोई कुछ नहीं सोचेगा आप बिंदास बोलो यहाँ सब आपके अपने ही हैं।

मिस जेन वह क्या है? मैं थोड़ा घबरा रही हूँ नहीं-नहीं थोड़ा डर रही हूँ। मुझे आपके लम्बे लंड् से दर लग रहा है आप जानते हो मैं कुंवारी हूँ और मैं बहुत डर गयी हूँ। कल रात में मुझे लुसी को चोदते हुए देखकर मेरी कामेच्छा इच्छा बहुत बढ़ गई थी। लूसी की हांफने और उन्मादी खुशी के कराहों ने मेरे युवा शरीर को उत्तेजना से हिला दिया था और अब मैं उस बड़ी, मांसल चुभन पर अपनी बारी आने का इंतजार नहीं कर पा रही थी, जिसने लुसी की गर्म छोटी योनी के अंदर जाने पर ऐसे चमत्कार किए थे।

फिर नहाते समय जब मैंने आपके लंड को छुआ और उसका माप लिया तो मुझे एहसास हुआ की मेरी तर्जनी से बड़ा कुछ भी कभी कुछ भी मेरी योनी के अंदर नहीं गया था और आपके विशाल लंड की लंबाई और परिधि इतनी बड़ी है ये कैसे मेरे अंदर जाएगा और फिर कल जब आपने लूसी का कौमार्य भंग किया था तो लूसी को बहुत दर्द हुआ था उसे याद करके मैं बहुत डर गयी थी इसलिए, मैंने डायना को बोला था मुझे सेक्स नहीं करना है।

मैं बोला मिस जेन आपने हो तो मुझे सेक्स का ज्ञान देते हुए बताया था स्त्री की योनिद्वार अत्यधिक सिकुड़ी हुई होती है। इसमें पहली बार लिंग का प्रवेश करना आसान नहीं होता, बल्कि इसे आसान बनाना पड़ता है। जब पहली बार सेक्स क्रिया के दौरान पुरुष स्त्री की योनि में अपने लिंग को प्रवेश करता है तो उसे कुछ दर्द होता है लेकिन यह दर्द कुछ देर बाद उसी तरह से गायब हो जाता है जिस तरह से फूल को प्राप्त कर लेने पर कांटे का दर्द दूर हो जाता है। इसके बाद वह प्यार के साथ सहवास, सम्भोग का सुख प्राप्त करने लगती है।

मैंने तुरंत जेन को अपनी बाहो में भर लिया और इससे पहले मैं कुछ बोलता लूसी बोली मिस जेन आपको जो दर्द कल मुझे हुआ वह तो याद रहा लेकिन आप ने इस पर ध्यान नहीं दिया की कल रात के पहले सम्भोग के बाद मैंने और आमिर ने दुबारा सेक्स का कितना आनद लिया और फिर आज सुबह भी हमने दुबारा सम्भोग किया और क्या आपको लगता है अब मुझे कोई दर्द है?

आप डर की मन से निकाल दो मुझे देखो मैं आपके सामने हूँ और बहुत खुश हुँब की मैंने अपनी पहली चुड़ै आमिर से करवाई है और हम दोनों ने कल और आज कई बार सेक्स के दौरान जन्नत के आनंद के लुत्फ़ उठाया है और इंशाल्लाह आप भी इस मजे का पूरा लुत्फ़ ले।

मैंने आमीन! कहा और बोला मिस जेन मैं आपके साथ बहुत आराम से करूँगा। लूसी के साथ कल रात मैंने पहली बार सेक्स किया था मैं भी थोड़ा ज्यादा ही रोमांचित, उत्सुक और उत्तेजित था, रोमांच, कौतुक, उत्सुकता, भय और घबराहट मुझे भी थी की मैं पता नहीं ठीक से कर पाऊँगा या नहीं इसलिए हो सकता है मैंने लूसी को कुछ ज्यादा दर्द दे दिया हो लेकिन अब मैं बहुत धीरे-धीरे और आराम से करूँगा आप बिलकुल चिंता मत करो।

और फिर पहले लूसी को चूमा लुसी एक बार फिर शरमा गयी और मुझे प्यार से वापस चूमने लगी।

और फिर डायना को चुंबन किया और आखिर में मैंने जेन के ओंठो पर एक नरम-सा चुम्बन ले लिया। वह शर्मा कर सिमट कर मुझ से लिपट गयी और मैं जेन को बहुत देर तक चुंबन करता रहा। उसके बाद जेन ने मुझे पकड़ कर वापिस मेरे होंठो को किस किया और मेरे सर को जकड़ के अपने मुंह से मुंह लगा दिया और वह मेरा ऊपर का ओंठ चूसने लगी। मैं अपने होंठों को जेन के होंठों पर रख कर चूसने लगा, कभी ऊपर के, तो कभी नीचे के होंठ को चूसने लगा।

मैंने अपना मुंह थोड़ा-सा खोला और जेन की जीभ मेरे मुंह में चली गयील मैं जेन की जीभ चूसने लगा तो वह मेरे साथ लिपट गयीl उसका बदन मेरे बदन से चिपक गया; उसके दूध मेरी छाती में दब गए थे l जेन के हाथ भी मेरे बदन पर फिर रहे थेl और वह मेरी जीभ को चूसने लगीl फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसाl जेन मुझे बेकरारी से चूमने लगी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। कम से कम 15 मिनट तक वह मेरे लबों को चूमती चुस्ती रही। फिर रुक कर सांस लेनी लगी। इस बीच लूसी और डायना भी हम दोनों के साथ लिप्त गयी थी मेरी एक तरफ लूसी थी जो आधी मुझ से और आधी जेन से लिपटी हुई थी एक तरफ डायना थी जो आधी मुझ से और आधी जेन से लिपटी हुई थी और सामने जेन थी जो हम तीनो से लिपटी हुई थी। दोनों लूसी और डायना मेरे को और जेन को बारी-बारी चुम रही थी।

फिर जेन बोली अब मैंने दृढ़ निश्चय किया है कि मैं अपनी छोटी से योनि के होठों के बीच आपके लंड को लूंगी और उन सभी मनभावन भावनाओं का अनुभव करुँगी जिन्हे मेरी प्यारी लूसी ने बनुभव किया है। मैं अब पूरी तरह से और पूरी तरह से सिर्फ़ तुम्हारी हूँ, आमिर, 'जेन ने धीरे से कहा, "इसमें आप मेरा पूरा साथ देना और मुझे आपसे सम्भोग का पूरा सुख लेना है।" उसकी आँखें प्यार से भरी हुई थी-' मैं ताउम्र तुम्हारी रहूंगी। मैं हमेशा तुम्हारी प्रेमिका बनकर खुश रहूँगी। इसलिए आप मुझे वही सुख दे जो आपने लूसी को दिया है और जैसे आपको अच्छा लगा वैसे करें! ' और वह प्यार और भरोसे से मुस्कराई।

लूसी ने पुछा तो आप ड्रेस का चयन कर लो फिर हम आपको त्यार कर देते हैं। जेन बोली ठीक है पहले सब लोग कुछ नाश्ता कर लो।

जारी रहेगी

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