नचनिया भाग 01

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युवा लड़की और जमींदार के बीच की कहानी.
873 words
4.5
207
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इस कहानी का पहला भाग जानने के लिए पाठक मेरी बायोग्राफी में **एक शर्त**कहानी को पढ़ने की कृपा करें।

जिन पाठकों को हमारी कहानी की पूर्व के बारे में पता नहीं है, उनके लिए कहानी को आगे ले जाने से पहले कहानी के पात्रों के बारे में और कहानी की पूर्व की स्थिति के बारे में जानना आवश्यक है।

हमारी कहानी की नायिका जूही के बारे में जानते हैं । उसके पूर्व ठाकुर के बारे में कुछ समझ लेते हैं। हिंदी भाषी बोलचाल वाले क्षेत्रों के पाठक आराम से ठाकुर के बारे में समझते होंगे, क्योंकि हिंदी फिल्मों में ठाकुर का चित्रण स्पष्ट वर्णित है। ठाकुर अर्थात गांव का जमीदार, जो कि,आमतौर पर क्रूर होता था। हमारी कहानी का ठाकुर कौन है?

उसकी उम्र लगभग 65 वर्ष के ऊपर है....

वह एक बूढ़ा और क्रूर व्यक्ति है जिसके सत्ता ग्रामीण इलाके में भरपूर चलती है। आप यह कह सकते हैं कि उसकी आज्ञा के बिना पत्ता भी नहीं मिलता। वह धनी भी है और गांव के गरीब बेचारे लोगों पर एक शासक की तरह व्यवहार करता है। एक बड़े से महल नुमा आवास में निवास करता है।

हमारी कहानी की नायिका जूही का परिचय क्या है?जूही को आप एक ग्रामीण नाट्य अभिनेत्री कह सकते हैं।

वह बहुत ही सुंदर है,लेकिन उसके अंदर ग्रामीण बाला की तरह अल्हड़पन है। वह इस गांव की नहीं है। वह इस गांव के अलग-अलग क्षेत्रों में धार्मिक चरित्रों पर आधारित नाट्य मंडलियों में अभिनय करती है और सुंदर नृत्य करती है। धार्मिक मंडलियों में वह धार्मिक चरित्र को अभिनीत करती है। एक अनाथ लड़की है जो कि अपनी मां के साथ रहती है और इसी प्रकार अपना जीवन यापन करती है।

उसकी आयु 22 वर्ष की है।

मित्रों अब कहानी का मुख्य भाग शुरू होता है जब जूही का इस बुड्ढे ठाकुर से किस प्रकार मिलन होता है?

जूही की मां अपनी बेटी को अलग-अलग मंडलियो में नृत्य के लिए भेजा करती थी। हालांकि जूही अपनी मां की सगी बेटी नहीं थी, लेकिन फिर भी वह बूढ़ी औरत को अपनी मां की तरह आदर और सम्मान देती थी।

जूही की माता लालची औरत थी जो जूही को एक वस्तु की तरह इस्तेमाल करना चाहती थी जिससे वह धन कमा सके!

जूही उसके इरादों को पहचानती थी लेकिन फिर भी वह उसे अपनी मां की तरह मान देती थी ।

जूही की मां, जूही के लिए बाजार ही सजा देती, लेकिन जूही ने अपने आप को धार्मिक मंडलियों में और रंगमंच पर अभिनय करने में सीमित रखा और इसी से उनके घर का जीवन यापन चलता था।

†**"******** ********* ********* ******* **"* * * * *

जूही चकित सी थी।

गिफ्ट के रूप में ----- ठाकुर का तोहफा!

मोटी औरत मुस्कुराई।

"जी बेबी जी। देखती नहीं, किस प्रकार सजाकर आपको भेंट किया गया है।ठाकुर साहब की खास भेंट--उनके खास मेहमान के लिए।कितनी सुंदर कच्छी(पैंटी)है।"

जूही उर्फ नायिका राधा रानी के चेहरे पर आश्चर्य और प्रश्नों की मिश्रित आकृति थी।लहंगा चोली तक तो ठीक,लेकिन ये ••पैंटी••!वो भी एक सुंदर संदूक में।गिफ्ट पैक के साथ।ऐसा कौन देता है भला?

प्रश्नों के उत्तर देने वाला कोई नहीं था।

तभी मोटी बुढ़िया का स्वर गूंजा---

" बेबी जी। साहब जी का आदेश है कि आप तुरंत कपड़े बदल रही मेरे सामने ही नए वस्त्र पहने।"

जूही (राधा) का ध्यान भंग हुआ।

"हां! कपड़े तो बदलने हैं।"

जूही बोली।

*अब तुम जाओ।मै कपड़े बदल लेती हूं।फिर ये पहन लूंगी।चोली शायद डोरी वाली है।तुम्हे बांधना पड़ेगा।*

"नहीं बेबी जी।साहिब जी का आदेश है कि आप मेरे सामने कपडे बदलेंगी और मुझे उनके आदेश का पालन करना होगा।"

क्षमा करें।"

मोटी औरत ने नम्र स्वर में निवेदन किया।

"कैसे? तुम्हारे सामने! मै कैसे कपडे बदल सकती हूं।"

जूही उर्फ राधा रानी की आपत्ति हुई।

"राजकुमारी जी। मै एक औरत हूं।इसलिए आपको कोई दिक्कत नहीं होगी। एक बात।"

मोटी औरत ने कहा।

फिर रुक कर बोली। --

"दूसरी बात ये कि ठाकुर साहब जैसे हमारे मालिक हैं और उनकी हर बात हमारे लिए ज़रूरी है, वैसे आपके लिए तो हमसे सौ गुनी ज़रूरी है।"

आवाज़ में चेतावनी और सलाह थी। जूही (राधा) ने महसूस किया।

जूही का असमंजस देख कर मोटी औरत ने कहा---

"सामने एक पर्दा है,राजकुमारी साहिबा।आप वहां जा कर साड़ी बदल कर ठाकुर साहब के दिए इस लहंगा चोली को पहन सकती हैं।"

जूही मान गई।उसने लहंगा चोली वाला पैकेट उठाया।

फिर "पैंटी* वाला बॉक्स उठाया।

"नहीं! राजकुमारी जी! ये बॉक्स मेरे पास रहने दें।आप केवल लहंगा चोली को लेकर कोने में जाएं और तैयार हो।"

जूही उर्फ हमारे भविष्य की हीरोइन राधा (जूही) भड़क उठी।एक तो ये राजकुमारी भी कह रही है फिर आदेश दे रही है। इसको सबक सिखाने का समय है।

"तुम मुझे आदेश मत दो"

"क्यों? अभी तो तुम कह रही थी कि ये पैंटी तुम्हारे मालिक का मुझे तोहफा है तो अब मना क्यों कर रही हो?"

जूही ने मोटी औरत से कहा।

"बॉक्स मुझे दो ताकि पैंटी निकाल के लहंगा चोली के साथ पहन लू।

जूही ने बल पूर्वक कहा।

धार्मिक मंडली की अभिनेत्री,कुशल लोक गायक,सुंदर नृत्यांगना जूही --जो अगर बॉम्बे सिनेमा में होती तो जूही - फेमस एक्ट्रेस की तरह लोकप्रिय होती! फैंस होते! धन वान होती! आज एक बूढ़े ठाकुर के महल में गिफ्ट के रूप में,हरे रंग की कच्छी (panty), लेती हुई सोच रही थी कि --

''क्या ठाकुर मेरे को नग्न देखना चाहता है"?

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