खानदानी निकाह 04

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मेरा निकाह मेरी कजिन के साथ- रुकसाना के साथ रिज़वान का निकाह​.
2.2k words
4.38
159
00

Part 4 of the 67 part series

Updated 01/16/2024
Created 01/21/2022
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मेरा निकाह मेरी कजिन के साथ

भाग 04

रुकसाना के साथ रिज़वान का निकाह​

(अबतक आप लोगों ने पढ़ा कि सलमान भाई का निकाह ज़ीनत से हुआ और उनकी तीन और कजिन बहनो के साथ हुआ और उनकी बहनो का निकाह उनके कजिन बही रिज़वान के साथ हुआ और सलमान ने ज़ीनत के साथ और रिज़वान ने सलमा के साथ सुहाग रात मनाईl फिर अगले दिन सलमा और ज़ीनत की जोरदार चुदाई हुई और डॉक्टर ने कुछ दिन चुदाई बंद का हुकुम सुना दिया तो मेरे कहने पर रिज़वान ने हमे मेरी सबसे बड़ी बहन रुख़्साना की सुहागरात में हुई चुदाई की दास्ताँ सुनानी शुरू की l

अब आगे ।

रिज़वान ने हमे मेरी सबसे बड़ी बहन रुख़्साना की सुहागरात में हुई चुदाई की दास्ताँ सुनानी शुरू की l

मैंने उसको उठाकर उसकी चूत में अपनी एक उंगली की पंखुरियों को अलग करने की कोशिश की पर वह बहुत टाइट थी... मैंने दो उंगलियों की मदद से चूत की पंखुड़ियों को अलग किया मैंने धीरे-धीरे चुत में ऊँगली घुसानी शुरू की डाल दी, तो वह ज़ोर से चिल्लाई आहह अब लंड डाल दो, अब और इंतज़ार नहीं होता, प्लीज जल्दी करो ना, प्लीज आहहह।

अब में उन्हें ऊँगली से लगातार चोद रहा था और वह ज़ोर से मौन कर रही थी, ये तूने क्या कर दिया? अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है, जल्दी से चोद दो, मेरी चूत में आग लग रही है। अब वह ज़ोर-जोर से हाँफ रही थी और जैसे कोई कई मीलों से दौड़कर आई हो और आहह! एम्म! ओह! आआआआआआअ! डालो ना अंदर जैसी आवाजे निकल रही थी।

फिर मैंने आपा के स्तनों को मसलना शुरू कर दिया। कभी मैं निप्पल को उमेठता तो कभी स्तनों को दबा देता उसके बाद वह सीधी लेट गयी और मैंने चूत को सहलाना शुरू कर दिया। फिर मैंने क्लिटोरिस को भी रगड़ दिया। आपा का बुरा हाल था। उनकी मुह से आहे निकल रही थी। वह मेरी उँगलियों द्वारा चूत पर किये जा रहे घर्षण को मजे से महसूस कर रही थी। हम दोनों ही आउट ऑफ़ कण्ट्रोल हो चुके थे।

अब मैं उसको चोदना चाहता था मैंने अपना लैंड उसकी चूत पर रखा और चूत खोलने की कोशिश की लेकिन वह बहुत टाइट थी मैंने अपने उँगलियों से चूत को खोला और लैंड का गुलाबी सूपड़ा बिच में रख दिया।

फिर रुखसाना से बोला आपा क्या आप तैयार हो?

वह बोली है मैं पूरी तरह से आपकी ही हूँ। मुझे सुहागरात का पूरा सुख चाहिए।

देखो, हो सकता है कि तुम्हे थोडा दर्द हो! पर बाद में अच्छा लगेगा।", मैंने कहा।

"मैं जानती हूँ। बस आप मुझे प्यार करो।" आपा ने बोला।

मैं बोला आपा आप मेरी आँखों में देखो मैंने उनकी छाती पर अपना हाथ फिराना शुरू कर दिया। फिर मैंने धीरे-धीरे अन्दर डालना शुरू किया। फिर धीरे से थोडा पीछे और फिर अन्दर की ओर बढे लेकिन चूत बहुत टाइट थी और आराम से अंदर जा नहीं रहा था, मेरे लिए भी रुकना मुश्किल हो रहा था। फिर मैंने एक कस कर जोर लगाया और लैंड दो इंच अंदर चला गया। आपा चीखने चिलाने लगी । हाअ!, राआआआजा! आईसीईई! चोदो और जोर से चोदो। आज मेरी चूत को फाड़ दो, आज कुछ भी हो जाए लेकिन मेरी चूत फाड़े बगैर मत झड़ना, आआआआ और ज़ोर से, उउउईईईई! माँ, आहहहाँ,

आपा अपने अन्दर उस गहरायी में हो रहे उस अनुभव को लेकर बहुत आश्चर्यकित थी। यहाँ तक की वोह मेरे लिंग को अपनी योनी के दीवारों पर महसूस कर रही थी। एक बार फिर मैं पीछे हटा और फिर अन्दर की ओर दवाब दिया। मैंने थोड़ा-सा लैंड पीछे किया उठा और फिरसे धक्का दिया, ज्यादा गहरायी तक नहीं पर लगभग आधा अंदर चला गया था । मुझे पता था कि मेरे लिंग को आपा ने अपनी योनी रस ने भिगो दिया था, जिसकी वजह से लिंग आसानी से अन्दर और बाहर हो पा रहा था और अगली बार के धक्के में मैंने थोडा दवाब बड़ा दिया। मेरी साँसे जल्दी-जल्दी आ रही थीं। आपा ने अपनी बाहें मेरे कंधे पर लपेट दी थीं और अपने नितम्बो को ऊपर कि ओर उठा दिया। अन्दर अवरोध महसूस होने लगा था। लैंड झिल्ली तक पहुँच चूका था मेरा लैंड आपा की हायमन से टकरा रहा था और जब उसने उसे भेदकर आगे बढ़ना चाहा तो आपा चिलाने लगी कि दर्द के मारे मैं मर जाउंगी।

मैंने पूरी ताकत के एक धका लगा दिया "ओह अम्मी" आपा के मुह से निकला। आपा के स्तन ऊपर की ओर उठ गए और शरीर एंठन में आ गया जैसे ही मेरा गर्म, आकार में बड़ा लिंग पूरी तरह से गीली हो चुकी योनी में घुस गया। अन्दर और अन्दर वह चलता गया, चूत के लिप्स को खुला रखते हुए क्लिटोरिस को छूता हुआ वह पूरा 10 इंच अन्दर तक चला गया था। आपा की योनी मेरे लिंग के सम्पूर्ण स्पर्श को पाकर व्याकुलता से पगला गयी थी। उधर मेरे हिप्स भी कड़े होकर दवाब दे रहे थे और लिंग अन्दर जा चूका था । रुखसाना दर्द के मारे चिलाने लगी जो पूरी हवेली में गूँज उठी होंगी आहहहहह! रिज़वान आएीी उउउउउइइइइइइ! ओह्ह्ह्हह! बहुत दर्द हो रहा है प्लीज इसे बाहर निकल लो मुझे नहीं चुदना तुमसे तुम बहुत जालिम हो यह क्या लोहे की गर्म रॉड घुसा डाली है तुमने मुझ में निकालो इसे न्यूऊओ प्लीज बहुत दर्द हो रहा है मैं दर्द से मर जाऊँगी प्लीज निकालो इसे और रुकसाना से आँखों से आंसू निकल आये। रुकसाना की चूत बहुत टाइट थी मुझे लगा मेरा लैंड भी छील गया है मेरी भी चीखे निकल गयी। हम दोनों एक साथ चिल्ला रहे थे ऊह्ह्हह्ह! मर गया।

रुखसाना दर्द के मारे चिलाने लगी, मर गयी!

मैंने एक बार फिर पूरी ताकत लगा कर पीठ उठा कर लैंड को बाहर खींचने की कोशिश की और एक धका और लगाया लुंड फिर पूरा अंदर समां गया और हम दोनों झड़ गये। और मैं आपा के ऊपर गिर गया फिर में कुछ देर के लिए उसके ऊपर ही पड़ा रहा तो कुछ देर के बाद वह शांत हुई।

मेरा लंड आपा की चूत के अंदर ही था। उनकी चूत ने मेरे लंड को जैसे जकड लिया था। कुछ देर बाद जब मुझे लगा झड़ने के बाद भी मेरा लंड खड़ा है। आपा सुबक रही थी। झड़ने के बाद भी लंड खड़ा था और चोदने के लिए त्यारर था। मैंने उन्हें लिप किस करना शुरू कर दिया और काफी देर तक उनको लिप किस करता रहा। फिर उनकी स्तनों को सहलाना और मसलना शुरू कर दिया। आप्पा का चीखना चिलाना बंद हो गया था। वह अब मेरा पूरा साथ दे रही थी।

अब में उसके बूब्स को चूसने लगा था और अपने एक हाथ से उसके बालों और कानों के पास सहलाने लगा था। फिर कुछ देर के बाद मैंने उसके कानों को भी चूमना शुरू कर दिया। तो कुछ देर के बाद वह फिर से गर्म हो गई। मेरा लंड और उनकी चूत दोनों मेरे वीर्य और चुतरस से एक दम चिकने हो चुके थे फिर मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू किया तो पहले तो वह चिल्लाई, लेकिन फिर कुछ देर के बाद मैंने पूछा कि मज़ा आ रहा है?

फिर वह बोली कि हाँ बहुत मज़ा आआआआ रहा है।.हाईईईईई!, म्म्म्मम! और फिर वह जोर-जोर से चिल्लाने लगी। फिर कुछ देर के बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। अब वह पूरी मस्ती में थी और मस्ती में मौन कर रही थी अआह्ह्ह! आाइईई! और करो, बहुत मजा आ रहा है।

अब वह इतनी मस्ती में थी कि पूरा का पूरा शब्द भी नहीं बोल पा रही थी। अब में अपनी स्पीड धीरे-धीरे बढ़ाता जा रहा था हाअ, मेरे शहंशाह मेरे नवाब राआआआजा, आईसीईई!, चोदो! और जोर से चोदो। आज मेरी चूत को फाड़ दो, आज कुछ भी हो जाए लेकिन मेरी चूत फाड़े बगैर मत झड़ना, आआआआ! और ज़ोर से, उउउईईईई! मममम! आहह! हाँ! अब ऐसे ही वह मौन कर रही थी।

फिर कुछ देर के बाद मैंने महसूस किया कि मेरा लंड पानी से भीग रहा है। अब वह भी अपना पानी छोड़ने वाली थी, अब वह नीचे से अपनी कमर उठा-उठाकर चिल्ला रही थी और बडबड़ा रही थी । मआहहहहहह! और चोदो मेरी चूत को, आज मत छोड़ना, इसे भोसड़ा बना देना और फिर कुछ देर के बाद वह बोली हाए! मेरे राजा में झड़ने वाली हूँ और फिर मैंने उसकी गांड पकड़कर अपनी स्पीड बढ़ा दी, तो वह भी कुछ देर के बाद झड़ गई।

फिर वह अचानक से चिल्ला भी नहीं सकी, क्योंकि उसका मुँह मेरे मुँह में था और में उसको ज़ोर-ज़ोर से किस करता गया और धक्के लगाते गया। तभी वह बोली कि आज फाड़ डाल मेरी चूत को, वह तुम्हारे जैसा ही लंड मांगती है। फिर वह कुछ नहीं बोली। अब में उसे लगातार धक्के लगा रहा था और फिर में ऐसे ही 15-20 मिनट तक उसको उसी पोज़िशन में चोदता गया। फिर अब उसे भी मज़ा आने लग रहा था, अब वह भी अपने कूल्हे उछाल-उछालकर मुझसे चुदवा रही थी।

अब मैंने उसे और ज़ोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया था। फिर थोड़ी देर के बाद वह फिर झड़ गयी और शांत पड़ गयी। सच कहो आपा बहुत मादक लग रही थी। उनके रेशमी सुनहरी बाल चारो तरफ फ़ैल गए थे ।आपा उन्हें पीछे करते हुए मेरी छाती पर अपने हाथ रख देती थी। कभी मुझे बहो में जकड कर, अपने और खींचती थी कभी मेरे हिप पर रथ रख कर दबा कर कहती थी और जोर से! और जोर से चोदो!

मैंने भी अपने चूतड़ उठा कर उनका साथ दिया।मेरा लंड उनकी चूत के अंदर पूरा समां जाता था तो दोनों के आह निकलती थी ।फिर मेरे हाथ उनके बूब्स को मसलने लगे । फिर मैं उनकी चूचियों को खींचने लगता था, तो आपा सिहर जाती थी और सिसकने लगती थी। उसके बाद मैं आपा के ऊपर झुक गया और हम लिप किस करते हुए लय से चोदने में लग गए. मैं आपा को बेकरारी से चूमने लगा और चूमते-चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे, जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी। फिर मैंने रुकसाना आपा की जम कर चुदाई की और उनको जन्नत की सैर कराइ। फिर थोड़ी देर के बाद वह फिर झड़ गयी। आपा तीन बार झड़ने के बाद निढाल हो रही थी। मैंने धके लगाने चालू रखे आपा फिर गर्म हो जाती थी और चौथी बार हम दोनों एक साथ झड़ गए हम दोनों जन्नत में थे।

फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला तो वह वीर्य आपा के चूतरस और खून से भीगा हुआ था। बेड शीट खून से सन्न चुकी थी। मैंने फिर रुकसाना को लिप किश दी और उनके बदन को सहलाया। उनके चुचो को दबाया और चूत पर हाथ फेरा और बोला आप तो जानती हो पहली बार थोड़ा दर्द होता है और खून भी आता है उसके बाद तो मजा है मजा है ।

आपा बोली पर क्या कोई ऐसे भी चोदता है जैसे आपने मुझे चोदा? आप बड़े जालिम हो! अम्मी आपने मुझे किस निर्दय जालिम कसाई से व्याह दिया। बहुत बेदर्दी से चोदता है? फिर मैंने उनको प्यार से चूमा तो कहने लगी मेरा शौहर बड़ा प्यारा कसाई है जिसने मुझे जन्नत की सैर कराइ । अब तो मैं रोज़ ऐसे ही ऐश करूंगी।

फिर हम दोनों उठ कर वाशरूम चले गए और अपने अंगो को धोया। फिर मैंने उनके सारे बदन और चूत पर क्रीम लगाई। उन्होंने मेरे लंड को किश कर थैंक यू बोला और मेरे लंड पर क्रीम लगाई। उनका स्पर्श पा कर लंड एक बार फिर जागने लगा। फिर हम बिस्तर पर वापिस आ गए तो आपा बोली चूत में अभी भी दर्द हो रहा है।

मैंने कहा मुझे देखने दीजिये। मैंने चूत पर किश किया और चाटने लगा तो रुकसाना बोली आअह्ह्ह! आराम मिल रहा है। बहुत अच्छा लग रहा है। प्लीज! और चाटो मैंने उन्हें दस मिनट तक चाटा और चूसा और आपा फिर झड़ गयी । मैंने उन्हें किश किया सुबह के 5 बज गए थे। हम दोनों एक दूसे से चिपट कर सो गए.।

कुछ देर बाद 6 बजे जब मैं जगा तो वह मेरे सीने से लग कर सो रही थी। सोती हुई बहुत प्यारी लग रही थी। मैंने उन्हें किश किया तो वह जग गयी। मैंने उनकी चूत को सहलाया और पुछा अब कैसा लग रहा है तो वह शर्मा गयी और महजसे लिपट गयी। मेरे लंड खड़ा हो चूका था । मैंने उनका हाथ अपने लंड पर रखा तो मानो दोनों को करंट लगा और लंड एकदम तन गया। मैंने उन्हें एक बार फिर चोदा और हम सो गए।

फिर उठ कर मैं अपने आये हुए रिश्तेदारों से मिलने गया तो हम दोनों को शर्म आ रही थी क्योंकि लव बिट्स और किस्सेस के निशान रुकसाना के शरीर और चेहरे पर नज़र आ रहे थे। उसके ओंठ सूज गए थे और क्योंकि वह सारी रात चुदी थी इसलिए ठीक से चल भी नहीं पा रही थी ।

रिज़वान बोला इस तरह मेरा और रुकसाना का पहला मिलन हुआ।

जब हम अपनी बात ख़त्म कर चुके तो रुकसाना अंदर आ गयी और पूछने लगी क्या चल रहा है?

मैंने कहा रिज़वान भाई तुम्हारे साथ अपनी सुहागरात की कहानी सुना रहे थे। तो रुकसाना बोली मुझे भी सलमान तुम्हारी और ज़ीनत आपा की सुहागरात की दास्ताँ बताओ।

फिर मैंने फिर कहा रुकसाना आपा कुछ कीजिये डॉक्टर ने ३ दिन ज़ीनत की चुदाई के लिए मना किया है। मेरी चार बीविया होने के बावजूद आज रात तो सूखा ही सोना पड़ेगा। क्योंकि रुक्सर के साथ तो मेरी सुहागरात में अभी एक महीने का टाइम है।

रुकसाना बोली इसीलिए तो तुम से पहले ही कहा था आराम से करना। ज़ीनत आपा कहाँ भागी जा रही हैं पर तुम को सब्र कहाँ? कर दी दन दना दन अब सब्र रखोl

मैं उनके हाथ जोड़ने लगा आपा कुछ करो! मैं मर जाऊँगा।

जारी रहेगी

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