खानदानी निकाह 06

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मेरी बहन सलमा की चुदाई की दास्ताँ.
4.8k words
3.67
162
00

Part 6 of the 67 part series

Updated 01/16/2024
Created 01/21/2022
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मेरा निकाह मेरी कजिन के साथ

भाग 06

सलमा के साथ रिज़वान का निकाह

बहन सलमा की सुहागरात में हुई चुदाई की दास्ताँ

रिज़वान बोला मैंने अब सलमा के पेटीकोट को ऊपर उठा दिया और उसके पेटीकोट के नाड़े में उसका पेंटीकोट मोड़कर फैंसा दिया। फिर मैंने सलमा की पैटी के ऊपर से उसकी चूत को हल्का-सा सहलाया। उसकी टांगों की कंपन में साफ देख रहा था। मैंने उसकी दोनों जांघों को अपने हाथ से पकड़कर घुमा दिया। अब अत की गाण्ड मेरे सामने थी। उसकी लाल रंग की कच्छी में उसके गोरे-गोरे चूतड़ बड़े प्यारे लग रहे थे। फिर मैंने उसकी कच्छी के इलास्टिक में उंगली डालकर कच्छी को आधा नीचे किया। उसके चूतड़ों की दरार में मैंने अपनी उंगली फिरानी शुरू कर दी। चिकने चूतड़ों में उंगली फिसली जा रही थी।

रिज़वान बोला मैंने अब उसकी पेंटी को थोड़ा और उत्तार दिया उसके चूतड़ों को कच्छी से बाहर निकाल दिया और उसके चूतड़ों पर किस करा। फिर मैंने पी से ही उसकी चत के मुँह पर उंगली रख दी। उसकी चूत में जैसे आग निकल रही थी। मैंने अपनी उंगली को जरा-सा अंदर डाला, तो वह सीईईईll कर उठी, मैंने अब उसकी पूरी पैंटी उतार दी।

रिज़वान बोला मैंने सलमा से कहा-"सलमा अब तुम मेरे लण्ड को अपने मुँह में लेकर चूसाl"

सलमा ने अपनी जीभ से मेरे लौड़े को चाटना शुरू कर दिया। मैं पलंग पर लेट गया और मैंने सलमा का अपने पेट पर बैठा लिया। फिर मैंने सलमा की चूत अपने मुँह के पास कर ली। अब हम दोनों 69 पोज में थे। सलमा की चूत आज बिल्कुल चिकनी थी। मैंने उसकी चूत पर अपनी जीभ रख दी। बड़ी मस्त-सी महक मेरी सांसों में समा गई। सलमा मेरा लौड़ा अब अपने मुँह में लेकर चूस रही थी। मैं उसकी चूत को अपनी जीभ से रगड़ रहा था। थोड़ी देर बाद मैंने ऋत को सीधा लिटा दिया और उसकी टांगों के बीच में बैठ गया। मेरा लौड़ा अब पूरी तरह टाइट था और चूत में जाने को बेकरार था।

रिज़वान बोला मैंने अपने लण्ड का सुपाड़ा सलमा की कुँवारी चूत के छोटे से छेद पर रख दिया। सलमा अब लंबी-लंबी साँसे लेने लगी थी। मैंने अपने लौड़े को जरा-सा जोर से दबाया तो थोड़ा-सा लण्ड उसकी चूत में घुसा। सलमा के चेहरे पर दर्द दिखाई दे रहा था। मैं उसको अभी और तड़पा के चोदना चाहता था। मैंने उसकी चूत में अपना लण्ड थोड़ा-सा और घुसा दिया, तो उसकी चीख निकल गईं और लगभग उसी समय मुझे ज़ीनत की भी चीख सुनाई दी l जिसे सुन मेरा जोश बढ़ गया l

अब सलमा की आँखों में आँसू आने लगे। रिज़वान बोला मैंने अबकी बार अपना लौड़ा चूत से सटाकर कसकर शाट मारा, तो मेरा लण्ड उसकी कुँवारी चूत की झिल्ली को चीरता हुआ आधा अंदर चला गया। सलमा ने जोर से एक चीख मारी। मैंने भी उसको रोका नहीं। क्योंकी में यही चाहता था कि सलमा की चीख उसके भाई सलमान को भी को सुनाई देनी चाहिए। मैं जानता था कि वह साथ वाले रूम में मेरी बहन की चीखे निकलवा रहा था। मुझे महसूस हुआ कि मेरे लिंग को सलमा ने अपनी योनी रस ने भिगो दिया था, जिसकी वजह से लिंग आसानी से अन्दर और बाहर हो पा रहा था और अगली बार के धक्के में मैंने थोडा दवाब बड़ा दिया। मेरी साँसे जल्दी-जल्दी आ रही थीं। सलमा ने अपनी टंगे मेरे चूतड़ों से और बाहें मेरे कंधे पर लपेट दी थीं और अपने नितम्बो को ऊपर कि ओर उठा दिया। अन्दर अवरोध महसूस होने लगा था।

रिज़वान बोला मैंने अपना लण्ड थोड़ा-सा बाहर निकाला और अब मैंने कस के शाट मारा, तो मेरा पूरा लण्ड अब सलमा की चूत में घुस गया था। सलमा की आवाज में दर्द था और वह रोने लगी। मैंने पूरी ताकत के एक धका लगा दिया। "सलमा की टांगो ने भी मेरे चूतड़ों की नीचे की और कस लिया ओह अम्मी" आपा के मुह से निकला। सलमा के स्तन ऊपर की ओर उठ गए और शरीर एंठन में आ गया । जैसे ही मेरा 10 इंची गर्म, आकार में बड़ा लिंग पूरी तरह से गीली हो चुकी योनी में घुस गया। अन्दर और अन्दर वह चलता गया, चूत के लिप्स को खुला रखते हुए क्लिटोरिस को छूता हुआ वह पूरा 10 इंच अन्दर तक चला गया था। आपा की योनी मेरे लिंग के सम्पूर्ण स्पर्श को पाकर व्याकुलता से पगला गयी थी। उधर मेरे हिप्स भी कड़े होकर दवाब दे रहे थे और लिंग अन्दर जा चूका था । सलमा भी दर्द के मारे चिलाने लगी जो पूरी हवेली में गूँज उठी होंगी आहहहहह! रिज़वान आएीी

सलमा बोली-"प्लीज रिज़वान बाहर निकाल लीजिए। मैं मर जाऊँगी, बड़ा दर्द हो रहा हैl" और वह ऊऊऊll आईईईll की आवाजें निकालने लगी।

उउउउउइइइइइइ! ओह्ह्ह्हह! बहुत दर्द हो रहा है प्लीज इसे बाहर निकाल लो मुझे नहीं चुदना तुमसे तुम बहुत जालिम हो यह क्या लोहे की गर्म रॉड घुसा डाली है तुमने मुझ में निकालो इसे न्यूऊओ! प्लीज बहुत दर्द हो रहा है मैं दर्द से मर जाऊँगीl प्लीज! निकालो इसे और सलमा की से आँखों से आंसू की धरा बाह निकली मैं उन आंसूओं को पि गया । मैं बोला मेरी रानी बस इस बार बर्दाश्त कर लो आगे मजा ही मजा हैl

रिज़वान बोला सलमा की चूत बहुत टाइट थी मुझे लगा मेरा लैंड उसमे जैसे फस गया और छील गया है मेरी भी चीखे निकल गयीl हम दोनों एक साथ चिल्ला रहे थे ऊह्ह्हह्ह मर गएl मैंने एक बार फिर पूरी ताकत लगा कर पीठ उठा कर लैंड को बाहर खींचने की कोशिश की लेकिन लण्ड टस से मस नहीं हुआl सलमा की चूत ने मेरा लण्ड जकड लिया था। मैंने बहुत आगे पीछे होने की कोशिश की लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा l फिर मैंने पूरी ताकत से एक और धक्का लगाया और लण्ड पूरा अंदर समां गया और मैं सलमा के ऊपर गिर गयाl फिर में कुछ देर के लिए उसके ऊपर ही पड़ा रहा तो कुछ देर के बाद वह शांत हुईl

फिर सलमा की चूत संचुकन करने लगी और लंड चूसने लगी और मैं झड़ गया और चूत ने जैसे मेरे लंड को चूस-चूस का निचोड़ दिया । ये अनोखा अनुभव मुझे पहली किसी चुदाई में नहीं हुआ था।

रिज़वान बोला भाई उसके बाद तो मेरा मन कर रहा था बस ऐसे ही लंड सलमा के अंदर डाले पडा रहू और मजे लेता रहू ।

रिज़वान बोला मेरा लंड सलमा की चूत के अंदर ही था l मैंने चूत पर हाथ लगाया तो वह सूज चुकी थी एक दम सुर्ख लाल हो गयी थी सलमा कहने लगी क्या हुआ, मैंने कहा झड़ने के बाद भी लण्ड बहार नहीं निकल रहा है। सलमा की चूत ने मेरे लंड को जैसे जकड लिया था। सलमा रोने लगी है मर गयी मेरी चूत फाड़ डाली और लण्ड फसा डाला जालिम ने मुझे बर्बाद कर दिया अब तो मैं मर जाऊँगी अब मैं क्या कर्रूँगी? कुछ देर बाद जब मुझे लगा झड़ने के बाद भी मेरा लंड खड़ा है सलमा सुबक रही थी । मैंने उसके होंठों से अपने होंठ सटा कर एक जोरदार धक्का मारा और मेरा लंबा और मोटा लंड पूरा अन्दर चला गया था। इस बार के झटके से उसकी चीख उसके गले में ही रह गई और उसकी आँखों से तेजी से आँसू बहने लगे। उसने चेहरे से ही लग रहा था कि उसे बहुत दर्द हो रहा है। मैंने सलमा को धीरे-धीरे चूमना सहलाना और पुचकारना शुरू कर दिया, मैं बोला मेरी रानी डर मत कुछ नहीं होगा थोड़ा देर में सब ठीक हो जाएगा।

रिज़वान बोला मैंने उसे लिप किश किया मैं उसे लिप किश करता ही रहा वह भी कभी मेरा उप्पर लिप तो कभी लोअर लिप चूसती रही मैंने उसके लिप्स पर काटा उसने मेरे लिप्स को काट कर जवाब दिया, फिर मैं उसके होंठो को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी। फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसा। सलमा मुझे बेकरारी से चूमने चाटने लगी और चूमते-चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। फिर मैंने उसकी चूची सहलानी और दबानी शुरू कर दी वह सिसकारियाँ ले मजे लेने लगी मैंने धीरे-धीरे उसकी चूत पर अपने दूसरी ऊँगली से-से उसके क्लाइटोरिस तो सहलाना शुरू कर दिया सलमा गर्म होने लगी धीरे-धीरे चूत ढीली और गीली होनी शुरू हो गयी फिर मेरे लण्ड पर चूत की कसवत भी कुछ ढीली पड़ गयी इक मिनट रुकने के बाद मैंने धक्का लगाना शुरू किया... फिर कुछ देर में ही वह भी मेरा साथ देने लगी। मुझे जैसे जन्नत का मज़ा आ रहा था। सलमा ने ढेर सारा पानी मेरे लंड पर छोड़ दिया। मैं झड़ने के बाद भी लिप्स किस करता रहा । करीब 30 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों ही साथ में झड़ गए। दो-तीन झटकों बाद मैंने लण्ड निकाल लिया।

हाँ रिज़वान मैंने कहा-तुम दोनों की ये चीख तो मैंने भी सुनी थी पर उस समय मेरा लंड भी ज़ीनत की चूत में थाl

रिज़वान बोला मैंने अब उसकी चूची को मुँह में ले लिया और हल्के-हल्के धक्के मारने लगा। सलमा को अब जरा-सा आराम मिला था जैसे। मैंने उसके होंठों को चसते हुए कहा-"अब कैसा लग रहा है?"

सलमा ने कोई जवाब नहीं दिया।

रिज़वान बोला मैंने उसको कहा-"अपनी जीभ मेरे मुँह में दोl' उसने दे दी। मैं उसकी जीभ को चूसने लगा। फिर मैंने उसको कहा-" अपने दोनों हाथ मेरी कमर पर रख दोll"

रिज़वान बोला उसकी चूड़ियों की खनक सेक्स का मजा दोगुना कर रही थी। उसका नाजुक बदन मेरे जिम से चिपका हुआ था। मैंने उसकी टांगों को थोड़ा और फैला दिया। मैंने अब धक्कों की स्पीड बढ़ा दी। सलमा की अब जोर-जोर से सिसकियाँ निकल रही थी। उसकी चूड़ियाँ में हर धक्के पर खनक उठती थी। उसकी पायजेब और चूड़ियाँ मेरे हर धक्के के साथ लय बना रही थी। फिर मैंने उसके होंठों पर होंठ रख दिए और कस-कस के धक्के मारे। 20-25 धक्कों में मेरा सारा वीर्य उसकी चूत में भर गया। मैं उसके ऊपर ही लेट गया मेरा। लौड़ा झड़ने के बाद भी सलमा की चूत में चिपक कर फंसा हुआ था। फिर धीरे-धीरे लण्ड सिकुड़कर बाहर आने लगा।

रिज़वान बोला सलमा तेज-तेज सांसें ले रही थी। उसकी चूचियाँ अब ऊपर-नीचे हो रही थी। मैंने उसकी टांगों को अपनी टांगों में फंसा लिया था। मेरे हाथ जब उसकी गाण्ड पर लगे तो कुछ गीला-गीला-सा लगा। मैंने देखा तो उसके सफेद चादर पर खून के धब्बे साफ दिख रहे थे। वह मुस्कुराने लगी और मुझसे चिपक गई।

रिज़वान बोला मैंने उसको कहा-"अपने पेटीकोट से मेरा लण्ड पॉछ दो और अपनी चूत भी इसी से साफ कर लोl" उसने ऐसा ही किया। हम दोनों लिपटकर लेटे रहे।

रिज़वान बोला लगभग पांच मिनट बाद हम उठे फिर हम दोनों से साथ में बाथ लिया और मैंने सलमा को उठा कर गोद में बिठा लिया और थोड़ी देर में ही दूसरा राउंड भी स्टार्ट हो गया।

रिज़वान बोलता रहा मैं सलमा से बोला-अपनी चूचियों से मेरे चेहरे पर मसाज करl सलमा ने अपनी चूचियाँ पकड़ कर मेरे क्लीन शेव चेहरे पर रगड़ना शुरू कर दिया। मेरा लण्ड ठीक मेरी चूत के नीचे था, तभी मैंने सलमा की कमर पकड़ कर एक जोरदार धक्का माराl वह उछल पड़ीl तब तक मगर मेरा टोपा चूत में फंस चुका था।

मेरा लंड इस समय लोहे की सलाख जैसा सख्त और गर्म था और सलमा उस पर-पर बैठी हुई थी। मैंने जोर लगाया तो सलमा चिल्ला पड़ी। मैंने उसे खिलौने की तरह उठाया और खड़े हो कर एक और झटका दिया।

सलमा बोली प्लीज आराम से करो नहीं तो मैं मर जाऊँगी, इतना अधिक दर्द मुझे कभी नहीं हुआ था, सलमा बेहोश-सी होने लगी। पता नाहीउ मुझे क्या हुआ था एक तो सलमा का हुस्न गोरा रंग खूबसूरती और फिर तुम्हारे कमरे से आ रही आवाज़े मेरे जोश को बढ़ा रही थी l

फिर मैं सलमा को गोद में ले कर बैठ गया और वह मेरे होंठ चूसने लगी, लगभग दो मिनट तक हम ऐसे ही बैठे रहे, दो मिनट बाद सलमा को थोड़ा आराम मिलाl तो मैं फिर बोला-सलमा बेगम अपनी चूत को ऊपर-नीचे करोl

सलमा रोते-रोते अपनी चूत को ऊपर-नीचे करने लगी, बीस-पच्चीस बार ऊपर-नीचे करने के बाद मुझे अच्छा लगने लगा। मैं सलमा को ही देख रहे था और बोला-जब दर्द ख़त्म हो जाए तो बताना।

सलमा बोली-अब दर्द हल्का हो गया है।

बस यह सुनते ही मैंने सलमा कमर पकड़ कर उसे थोड़ा ऊपर उठाया और नीचे से जोर-जोर से धक्के लगाने लगा।

सलमा के बड़े-बड़े कोमल मम्मे किसी फुटबॉल की तरह उछाल मार रहे थे और मेरे, मुँह से टकरा कर मुँह की मालिश लकर रहे थे और उसकी चूत भी अब गीली हो गई थी।

फिर मैं बोला-चल सलमा अब पहले अपनी चूत पूँछ और फिर कुतिया बन जा।

सलमा उठी तो मैंने एक रूमाल से उसकी चूत पूँछी और बोलै अब जब रगड़ कर अंदर जाएगा तो देख कितना मजा आएगा और मेरे ऊपर से उठ कर हाथ-पैरों के बल झुक गई। मैंने पीछे आकर लण्ड को चूत पर रख कर जोर से झटका मारा और एक ही बार में पूरा लण्ड अन्दर डाल दिया।

सलमा अब किसी कुतिया की तरह चुद रही थी और लंड जब शुकी हुई चूत को रगड़ता हुआ अंदर बाहर हो रहा था तो सच बहुत मजा आया और फिर सलमा जल्द ही झड़ गयी।

उस रात मैंने सलमा को ऐसे ही दो बार और चोदा और उस सूखी चुदाई से चूत बिलकुल सूज गयी थीl

रिज़वान बोला अगले दिन जब बड़ो ने हमे बुला कर डांटा और कहा कल रात जो चीखने चिल्लाने की आवाज़ आयी थी जो भी करो नज़ाकत को देख कर करो l तो मेरा मन किया कह दू ये सब शुरू तो सलमान ने किया था l ज़ीनत आपा के कमरे से आ रही आवाज़ों और चीखे ने ही मेरा जोश बढ़ाया था l कई बार तो जब ज़ीनत आपा सलमान से कहती थी और जोर से तो मुझे लगता था सलमा मुझे जोर से करने को कह रही है और मैं शुरू हो जाता थाl

रिज़वान बोला मैं जानता था कि हम जो भी कर रहे हैं, वह सलमान तुम्हे और ज़ीनत आपा दोनों को सब पता चल रहा है क्योंकि हमारे सुहागरात वाले रूम बिलकुल एकदूसरे के साथ जुड़े हुए थे और मुझे भी तुम्हारी आवाज़े साफ़ सुनाई दे रही थी। मैंने रूम में जाकर पहली सलमा को किस किया उसके कपडे निकाले और सलमा को लण्ड पकड़ा दिया और कहा-"अब चूसोl"

सलमा मेरे लौड़े को चूसने लगी। दो मिनट में मेरा लौड़ा टनटना का पूरा तैयार हो गया। सलमा पलंग पर जाकर लेट गई और अपनी दोनों टांगों को फैला दिया। मुझे देखकर हँसी आ गई।

मैंने उसको कहा-"मैं अब तुमको आगे से नहीं पीछे से चोदूंगाl"

सलमा सुनकर घबरा गई। हाथ जोड़कर बाली-"प्लीज! आप वहाँ मत करिए मैंने सुना है वह बड़ा दर्द होता है l"

मैंने कहा-"सुनो। मैं तमको जैसा कहें वैसा करोl मेरा मूड खराब मत करो समझी?"

मैंने जब गुस्से से कहा तो वह डर गईं।

मैंने उसको कहा-"चलो एक काम करो, कोई तेल लेकर आओl"

उसने कहा-"सामने खिड़की के पास से उठा लीजिएl"

मैंने सलमा को कहा-"तुम घोड़ी बन जाओl"

मुझे याद आया मेरे दोस्तों ने कहा था बीवी अपनी ही है आराम से करना l तभी दोनों को पूरा मजा आएगा मैंने उसकी पीठ को चूमाl

उसने एक बार फिर मिन्नत की तो मुझे तरस आ गया और मैंने कहा अच्छा फिर लेट गया और बोला चलो मेरा लंड चूसो l और मैं उसका सर पकड़ कर अपने लन्ड पर रगड़ने लगा।

सलमा ने जोर लगाने की कोशिश कीl मगर मेरे आगे उसकी एक न चली उसके होंठ न चाहते हुए भी मेरे लन्ड पर फिर रहे थे। मुझे अच्छा लगा रहा था और मेरा लंड अकड़ रहा थाl

एक मिनट बाद सलमा को भी अच्छा लगने लगा, और उसने भी जोर लगाना बंद कर दिया।

तभी मैंने उसके बाल जोर से खींचे तो उसका मुँह खुल गया। जैसे ही मुँह खुला वैसे ही मैंने अपना लण्ड अन्दर करके उसका सर अपने लण्ड पर दबा लिया।

मेरे लण्ड ने मुँह में अपना आकार बढ़ाना शुरू कर दियाl सलमा छटपटा उठीl गूँ-गूँ करती हुई हाथ-पांव पटकने लगीl मगर मैंने उसे नहीं छोड़ा!

मेरा लण्ड मुँह से होते हुए गले तक चला गया है। सलमा की आँखों से आंसुओं की धार निकल पड़ी। वह मेरी जाँघों पर पंजे मार रही थीl नाखून गड़ा रही थीl मगर मुझ पर इसका कोई असर न हुआ। उल्टा मैंने उसका सर जोर से दबा दिया।

सलमा ने हाथ जोड़ लिए और मुझे लण्ड निकालने के लिए विनती वाली नजरों से देखा।

मैं सलमा से बोला l जैसे बोलूँगाl वैसे ही करेगी न?

सलमा ने तुरंत आँखों से हामी भरी। मैंने सलमा का सर छोड़ दियाl

सलमा बिस्तर पर गिर पड़ी और एक दमे के मरीज की तरह हांफ रही थी।

इतने में मैं बोला हाँl अब सलमा पूरी कुतिया लग रही है।

फिर मैं उसके दोनों हाथ फैला कर उनके ऊपर अपने घुटने रख कर सलमा के सीने पर बैठ गया और कहा-अब इस लण्ड को चाटो।

मेरा हलब्बी लण्ड देख कर सलमा की आँखें फ़ैल गईं।

मेरा करीब आठ इंच लंबा और तीन इंच मोटा कालाl लौकी जैसा लण्ड, सलमा मुँह पर रखा हुआ था।

सलमा लण्ड देख के हक्की-बक्की थी।

मैं बोला-चाट इसे जल्दी नहीं तो फिर मुँह में डालू क्या।

सलमा ने जल्दी से जीभ निकाल कर लण्ड चाटना शुरू कर दिया।

मैं बोला-हाँl अब पूरी कुतिया बनी।

सलमा रोती जा रही थी और लंड चाटती जा रही थी, उसके दोनों हाथ मेरे पैरों के नीचे दबे हुए थे।

बीच बीच में मैं लण्ड को पकड़ कर सलमा के चेहरे पर मार देता था, उसके गोरे गालों पर मेरा भारी लण्ड मुक्के की तरह पड़ रहा था।

फिर मैंने कहा अब खड़ी हो जाओ और अपने पैरो को ढीला कर दिया और उसे पकड़ कर किश किया और उसके स्तनों को मसल दिया l

फिर मैंने सलमा को कहा-"अब तुम मेरे ऊपर आ जाओ और मेरे लण्ड पर अपनी चूत रखकर बैठ जाओl" ये सोच कर के गांड बची लाखो पाए सलमा फट से मेरे ऊपर आ गई। उसने अपने नाजुक हाथ से मेरा लौड़ा पकड़ा और अपनी चूत के मुंह पर लगा दियाl

और हल्का-सा दबाया। मैं तो इसी माके की इंतजार में था। जैसी ही सलमा ने अपनी चूत को मेरे लण्ड पर दबाया, मैंने नीचे से जोर का धक्का मारा।

सलमा को शायद इसकी उम्मीद नहीं थी, इसलिए उसने एक जार की चौख मारी-"उईईई मर गईl" मैंने उसकी कमर को कस के पकड़ रखा था। वह उठ नहीं पाई। एक मिनट तक लण्ड पूरा उसकी चूत में घुसा रहा।

फिर मैंने उसकी गाण्ड के नीचे हाथ रखकर उसको ऊपर उठाया और कहा-" अब मेरे लौड़े पर उछल-उछलकर इसको अपनी चूत में अंदर-बाहर करती रहोll

सलमा ने हल्के-हल्के ऊपर-नीचे होना शुरू कर दिया।

मैंने सलमा में कहा-"अगर हर बार में पूरा लण्ड अंदर नहीं लिया तो मैं नीचे से फिर धक्का मारूंगाl"

सुनते ही सलमा ने कहा-"नहीं नहीं प्लीजll आप मत करनाl"

में मुश्कुरा पड़ा। मैं जानता था अब वह सही से लौड़ा खायेगी। फिर मैंने सलमा से कहा-"मेरे मुँह में अपने हाथ से पकड़कर अपनी चूची चुसवाओl"

उसने मेरे मुँह में अपनी चूची लगा दी। मैं उसकी चूची चूसने लगा। अब मेरा लण्ड सलमा की चूत में फिसल-फिसल के जा रहा था। क्योंकी सलमा की चूत अब पानी छोड़ रही थी। फिर सलमा की चूत संचुकन करने लगी । ये अनोखा अनुभव मुझे पहली किसी चुदाई में नहीं हुआ था।

सलमा ने कहा-"अब आप मेरे ऊपर आ जाइएl"

मैंने कहा-"ऐसे नहीं, पहले तुम मुझे कहाँ की-' प्लीज मेरे ऊपर आकर मेरी चूत मारोl"

सुनकर सलमा शर्मा गईं। मैंने जरा जोर से खा सलमा!

सलमा ने हल्के से कहा-"मेरी जान मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे चोदोl"

मैंने कहा-"ऐसे नहीं, जोर में बोलो साथ वाले कमरे में सलमान को सुनाई देना चाहिए l"

सलमा ने अब जोर से कहा-"मेरी जान मेरे ऊपर चढ़कर मुझे चोदोl"

ये सुनकर मेरा जोश और बढ़ गया। मैंने सलमा को नीचे कर दिया और उसकी चूत में अपना लण्ड अंदर-बाहर करने लगा। मैंने सलमा से कहा-"अब तुम भी नीचे से अपनी चूत को उठा-उठाकर चुदवाओ l"

सलाम को अब मजा आ रहा था। वह अब नीचे से अपनी चूत उठा रही थी। ऐसा करने में उसकी चूत दो बार झड़ गई। उसने अपनी आँखों को बंद कर लिया और उसके चेहरा पर स्माइल दिखने लगी। 5 मिनट ऐसे ही चलता रहा। सलमा ने मेरी पीठ पर अपने नाख़ून गड़ा दिए थे। चुदाई में इसका पता नहीं चला। पर अब इसका एहसास होने लगा था। मैं सलमा के ऊपर से उठने लगा, पर उसने मुझे अपनी बाहों में कसकर दबा लिया।

सलमा की चूत फिर संचुकन करने लगी और लंड चूसने लगी और मैं झड़ गया। फिर मैंने अपना सारा जोर लगाकर 10-15 शाट में सलमा की चूत में माल झाड़ दिया। और चूत ने जैसे मेरे लंड को चूस-चूस का निचोड़ दिया।

मैंने कहा-"क्या हुआ?"

सलमा ने कहा-"प्लीजll ऐसे ही लेटे रहिए ना l"

फिर सलमा ने कहा देखो मेरी चूत की तुमने क्या हालत कर दी है और मुझे अब नींद भी आ रही हैll मैंने अपने मोबाइल में 5 बजे का अलार्म लगा दिया और सलमा से कहा-"अलार्म बजते ही मेरा लौड़ा मुँह में लेकर चसना शुरू कर देना। पांच बजे का अलार्म लगया है अगर पहले उठ जाओ तो चूस कर मेरा लौड़ा खड़ा करोगी तो मैं उठ जाऊँगा समझी या नहीं?"

सलमा ने सिर हिला दिया।

मैं भी रात भर का जगा हुआ था और नींद मुझे भी आ रही थी और मैंने तुम्हारे कमरे से भी कोई आवाज नहीं आ रही थीl मुझे लगा आज तुम भी सो गए हो तो मैंने सोचा थोड़ा आराम कर लेते हैं।

मैं सलमा को अपनी बांहों में भरकर लेट गया। फिर मुझे नींद आने लगी। सुबह लगभग 3-4 बजे तुम्हारे कमरे से भी ज़ीनत आपा की आहों की आवाज आनी शुरू हो गयी थीl मैं जाग गया आँख खोली तो पता चल गया की मेरे लौड़े को सलमा चूस रही हैं। पर आँखें बंद करके लेटा रहा। सलमा मुझे हिलते देखा तो जोर से चूसने लगीl ऐसें चुप्पा लगवाने में मुझे बड़ा मजा आ रहा था।

फिर मैंने अपनी आँखों को खोला और सलमा को कहा-जो काम रात में अधूरा रह गया था उसे अब पूरा करते हैंl

सलमा समझ गयी मेरा इरादा और सुनकर घबरा गई। हाथ जोड़कर बाली-"प्लीजll आप वहाँ मत करिए बड़ा दर्द होगा l"

मैंने कहा-"सलमा। मैं तमको जैसा कहें वैसा करोl मेरा दिमाग खराब हो जाएगा तो उसकी जिम्मेदार तुम होगी?"

मैंने जब गुस्से से कहा तो वह डर गईं।

मैंने उसको कहा-"चलो तेल पकड़ाओ l"

उसने चुपचाप तेल की शीशी मुझे दे दी l

मैंने तेल की शीशी ली और सलमा को कहा-"तुम घोड़ी बन जाओl"

वो घोड़ी बन गई। मैंने खूब सारा तेल उसके चूतड़ों पर डाल दिया। तेल की धार उसके चूतड़ों की दशा में होती हुई उसकी गाण्ड तक जा रही थी। मैंने अपनी उंगली उसकी गाण्ड में घुसा दी। सलमा ने अपनी गाण्ड आगे कर दी।

मैंने उसको कहा-"अगर अब तेरी गाण्ड एक इंच भी हिली तो मैं बिना तेल के ही गाण्ड मार दूँगा l"

सुनकर सलमा बोली-"नहीं-नहीं अब नहीं हिलाऊँगीl"

फिर मैंने उसकी गाण्ड में उंगली पेल दी। अब उसकी गाण्ड हिल नहीं रही थी, बस वह अपनी गाण्ड को सिकोड़ रही थी। दो-तीन मिनट मैं उसकी गाण्ड में उंगली चलाता रहा। फिर मैंने अपनी दूसरी उंगली भी उसकी गाण्ड में पेल दी। अब सलमा को दर्द होने लगा और वह रोने लगी। मैंने उसको कुछ कहा नहीं, अपना काम करता रहा। जब मैंने देखा इसकी गाण्ड अब लौड़ा लेने को तैयार हैं तब मैंने उसको पलंग के कार्जर में घोड़ी बना दिया और मैं नीचे खड़ा होकर उसकी गाण्ड पर अपना लौड़ा अइजस्ट करने लगा।

फिर मैंने उसकी गाण्ड में उंगली पेल दी। अब उसकी गाण्ड हिल नहीं रही थी, बस वह अपनी गाण्ड को सिकोड़ रही थी। दो-तीन मिनट मैं उसकी गाण्ड में उंगली चलाता रहा। फिर मैंने अपनी दूसरी उंगली भी उसकी गाण्ड में पेल दी। अब सलमा को दर्द होने लगा और वह रोने लगी। मैंने उसको कुछ कहा नहीं, अपना काम करता रहा। जब मैंने देखा इसकी गाण्ड अब लौड़ा लेने को तैयार हैं तब मैंने उसको पलंग के कोने में घोड़ी बना दिया और मैं नीचे खड़ा होकर उसकी गाण्ड पर अपना लौड़ा अइजस्ट करने लगा।

सही कौन बनाकर मैंने उसको कहा-"में अब लौड़ा पेलने जा रहा हैl"

उसने फिर से रोना शरू कर दिया और बोली-"प्लीज मान जाइए नाl"

मैंने कहा-"चुपचाप घोड़ी बनी रह, नहीं तो कुतिया बनाकर चोदूंगाl"

फिर मैंने अपना लण्ड उसकी गाण्ड में जैसी ही डाला वह उछल पड़ी और मेरे पैरों में गिर के रोने लगी। मैंने उसको गुस्स से कहा-"प्यार से गाण्ड मरवा लें, नहीं तो तेरी अम्मी और भाई को अभी यही बुलाता है। उनके सामने ही तेरी गाण्ड मार्रूंगा l"

से सुनकर वह सिहर कर रह गई और चुपके से फिर से घोड़ी बन गई।

फिर मैंने सलमा के पेट के नीचे एक तकिये लगाए र उसके दोनों पैरों को फैलाया और अपना लंड उसकी गांड में डाल दिया। मेरा सुपाड़ा अब उसकी गाण्ड के छेद में चला गया था।

मैंने उसको कहा-"तू अपनी गाण्ड को पीछे की तरफ जोर लगाकर धकेलl" मैं जानता था वह ऐसा नहीं कर पाएगी पर में देखना चाहता था कि वह करती है या नहीं?

उसने करने की कोशिश की और फच की आवाज हुई और खून निकला और एक ही धक्के अब मेरा पूरा लण्ड उसकी गाण्ड में था। l बेचारी पाऊँ पटकती रही और मैंने उसे अपने हांथो से जकड रखा था l मेरी हर चोट पर उसकी एक जोर की चीख निकल रही थी। मैं उसकी चीखों की परवाह करें बिना उसकी गाण्ड में अपना लण्ड पेले जा रहा था। में उसे लगातार धक्के देकर चोदता रहा।

सलमा इस बीच-"उईईई! उईईई! बस करो, मर गयी l" करती जा रही थी।

करीब 20-25 मिनट बाद मुझे लगा की मैं अब झड़ने वाला हूँ, तो मैंने कस के धक्के मारने शुरू कर दिए। उसकी-चीखें और तेज हो गई। मैंने कस के एक शाट मारा और मैं उसकी गाण्ड में झड़ गया। उसकी गाण्ड में मैंने अपना लण्ड ऐसे ही पड़ा रहने दिया। मेरे लण्ड को उसकी गाण्ड ने अभी तक कस के दबाया हुआ था। सलमा अभी तक अपनी गाण्ड को आगे पीछे किये जा रही थी। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरे लण्ड की मालिश हो रही हो। अब मैंने अपना लण्ड बाहर खींचा तो फुच्च की आवाज के साथ मेरा लौड़ा बाहर आ गया और खून की धारा बह निकलीl

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