एक नौजवान के कारनामे 149

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नयी रानी के साथ पिक्चर अभी बाकी है ​
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Part 149 of the 278 part series

Updated 04/23/2024
Created 04/20/2021
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पड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे

VOLUME II

नयी भाभी की सुहागरात

CHAPTER-2

PART 13

नयी रानी के साथ पिक्चर अभी बाकी है ​.

जब नीचे से मेरे और जूही के रस का आपस में मिलाप हुआ तो ऊपर से भी हम दोनों के जवान पसीने से भीगे हुए शरीर भी एक दूसरे लिपट गये और फिर जूही चूतड़ ऊपर उठा कर ही लेटी रही। मेरे लंड से चुदवा कर जूही का प्यासा बदन बहुत ही संतुष्ट हो चुका था। इसीलिए अपनी चूत का पानी छोड़ने के बाद जूही अभी तक अपनी बिखरी सांसो को संभालने में लगी हुई थी।

जूही के खूबसूरत चेहरे पर उसके खुले हुए बालों की लटे पड़ी हुई थी और उस के रस भरे होंठ और बड़े-बड़े स्तन मेरे थूक से चमक रहे थे। बिस्तर पर सजे हुए फूल अब फूल बुरी तरह से मसले जा चुके थे और कमर से पास करघनी टूट कर बिखरी पड़ी हुई थी और मितियो के कमर के आस पास फैले हुए थे और कुछ मूर्ति टूट कर उसकी नाभि में चले गए थे। पैरो के पास पायल टूट कर गिरी हुई थी। बालो का गजरा क्षत विक्षत हो चूका था परन्तु बालो में ही लटका हुआ था। हाथो के पास कुछ कांच की चुडियो के टुकड़े थे और कलाईयों पर निशाँ थे एक भुजा का बाजूबंद गायब था । कंठ में पहना हुआ सुवर्ण का हार और मंगल सूत्र एक साइड में पड़े हुए थे मोतियों और मणियों से झडा हुआ गले का हार टूट कर पता नहीं कब बिखर गया था, कान के झुमके गिर गए थे नाक में बड़ी नथ उतर गयी थी और बालो के साथ लटकी हुई थी, माथे पर लाल सिंदूर फैला हुआ-हुआ था। ।

उसके सिर के बालों पर सजी हुई स्वर्ण रत्नावली खुल गयी थी सोने की लड़ी मांग के बीच से हट कर बायीं तरफ को लटकी हुई थी बालों के मध्य में कमलपुष्प की तरह चूड़ामणि भी अपना स्थान छोड़ चुकी थी और वेणी खुल गयी थी और शंक्वाकार सेलड़ी आभूषण नीचे गिरा हुआ था।

चुदाई की मस्ती के दौरान कौन-सा आभूषण कब खुला और कब गिरा अब कुछ ध्यान नहीं था।

जब कि जूही की योनि मेरे मोटे और बड़े लंड की जबर्जस्त चुदाई की वजह से सुर्ख हो कर पहले से ज़्यादा फूल गई थी।

योनि को देख मेरी आँखे बड़ी हो गईं, मानो बाहर ही निकल आने को हो और मेरे दोनों होंठों का साथ छूटते ही मेरा मुँह अपने आप ही खुल गया! जूही के शरीर पर जहाँ तहँ कुछ पुष्पों की पंखुडिया चिपकी हुई थी और कुछ मेरे बाद से भी चिपकी हुई थी।

सामने लेटी हुई अब रानी जूही की चौड़ी खुली जाँघों के मध्य अवस्थित उनकी चूत के होंठ दिखाई पड़ रहें थें हुए उनके बीच उसका छेद जो की अब चूडा हो चुकता और वह मेरे वीर्य और रानी जूही के चूतरस से लबालब भरा हुआ था! नवविवाहिता जूही की चुद चुकी के अनमोल चूत के दर्शन करने का सौभाग्य मिल गया था!

सुहाग की सेज पर पड़ी फूलों की पत्तियाँ इधर उधर बिखरी पड़ी थी और जब कि बिस्तर की चादर चुदाई के पानी से जगह-जगह से भीग कर तर हो चुकी थी।

मैंने बिस्तर पर बिखरी हुए गुलाब के फूल उठा कर कुछ फूल और फूलो की पत्तिया जूही के शरीर और कुछ जूही की योनि के ऊपर बिखेर दी।

जूही अभी तक अपनी टाँगें खोले बिस्तर पर कमर के बल बे सुध पड़ी हुई थी। मेरे लंड ने जूही की फूल जैसे कोमल और टाइट योनि की वाकई में हालत खराब करके रख दी थी और वहाँ का नजारा देख कर स्पष्ट हो रहा था कि यहाँ सुहागरात में जबरदस्त चुदाई का खेल खेला गया है।

अपनी इस गरम चुदाई से दोनों थक गए थे मगर इस के बावजूद मैं जानता था कि "पिक्चर अभी बाकी है।"

थोड़ी देर बाद अपनी सांसो को काबू करते हुए जूही ने अपनी गान्ड के नीचे रखा हुआ पिल्लो को निकाल कर अपनी गर्दन के नीचे रखा और जूही ने अब मेरी तरफ देखा।

ज्यों ही दोनों की अपनी पहली चुदाई के बाद नज़रें मिलीं। तो मैंने बड़े प्यार भरे अंदाज़ में जूही को हल्की से आँख मारी और मेरे प्यार से इस अंदाज़ को देख कर जूही ने शरमाते हुए अपनी आँखे तुरंत बंद कर लीं।

जूही का सारा शृंगार बिगड़ गया था लेकिन अब उसका रूप अलग ही मोहकता लिए हुए था। जूही की आँखे बंद थी और मैंने उसके चेहरे पर संतुष्टि के भाव देखे। तो मैं आगे बढ़ा और उसे चूमने लगा।

मैं फुसफुसाया "अब तो हम दोनों एक जिस्म और एक जान हो चुके हैं, तो फिर ये शरमाना कैसा, आँखें खोल कर मेरी तरफ देखो मेरी जान।" जूही ने धीमे से आखे खोली और मेरी तरफ देखा और मुस्कुरायी और उसकी दृष्टि मेरे लंड पर पड़ी। लंड उस वक्त पूरी तरह से जूही की योनि के रस से भीगा हुआ था और स्खलन के बाद भी बिलकुल ढीला नहीं पड़ा था। बल्कि मेरा विशाल और मोटा लंड वीर्य स्खलन के निकालने के बावजूद पहले से ज़्यादा सख्ती के साथ अकड़ कर आकाश की तरफ देखते हुए तन कर इधर उधर उछल कूद कर रहा था। जूही मेरे लंड को लालची नजरो से देखने लगी क्योंकि उसे तुरंत ये ख्याल आया की उसे इस लंड का संयोग केवल नियोग के द्वारा गर्भधान के लिए प्राप्त हुआ है और इसलिए उसे इस अवसर का पूरा प्रयोग कर लेना चाहिए। मुझे जूही का इस तरह अपने लंड की तरफ लालची नज़र से देखना अच्छा लगा।

मैं धीरे-धीरे जूही के करीब हुआ और-और बड़े प्यार से जूही के बालों में हाथ डाल के उस का चेहरा अपने करीब किया और जूही के होंठो को बहुत ही कस के चूमा।

साथ ही मैंने अपना हाथ जूही की टाँगों के मध्य ले जा कर उसकी गरम योनि पर अपना हाथ कर चूत को ज़ोर से मसला।

"हाई! ऐसे ना दबाइये कुमार पीड़ा! हो रही है हाईई ईईई!" जूही की योनि में लंड से ताज़ा-ताज़ा चुदाई की बाद थोड़ा दर्द महसूस हो रहा था। इसीलिए मेरे हाथ की सख्ती को महसूस कर के जूही चिल्ला उठी और फिर बोली मेरी आदत मत बिगाड़ो कुमार, हमारा ये संगम केवल राज्य को उत्तराधिकारी देने के लिए था। अगर मुझे इसकी आदत लग गयी तो बहुत मुश्किल हो जायेगी।

फिर मैं उसे चूमते हुए बोला। जूही भाभीआप इसकी चिंता न कीजिये, आप बेहद सुन्दर, गोरी और मस्त माल हो। आपको योनि ने मुझे अद्भुत आनंद प्रदान किया है और आपको मालूम नहीं है मेरी क्या हालत है।

" आपके मोटे और बड़े लंड ने मेरी कुंवारी चूत की बुरी हालत कर दी है देखिये कैसे सूज गयी है। जूही ने जवाब दिया।

मैंने पुछा रानी साहिबा! क्या आपको आंनद नहीं आया?

जूही बोली कुमार पहले तो जब आपने शुरू किया तो मजा आया। फिर जब आपने प्रवेश किया तो लगा मुझे बीच से चीर दिया गया है और बहुत दर्द हुआ। फिर आनंद आया। आप बहुत बेदर्द हो आपने मुझे बाहर बेदर्दी से चौदा। मुझे आपके साथ बहुत आनद आया और इसे मैं कभी भी नहीं भूल सकती। मैं इसकी याद में शेष जीवन बिता सकती हूँ।

मैंने जूही को थोड़ा-सा पुचकारा और बोला पहली बार थोड़ी तकलीफ तो होती ही है फिर तुम इतनी प्यारी हो और तुम्हारी योनि भी तो इतनी कसी हुई थी। आपकी गोल-गोल रस भरी चूचियों, भरे-भरे गालों के साथ नशीली आंखें, आपके होंठों की बनावट तो ऐसी है, अगर कोई एक बार इनका रस चूसना शुरू करे, तो रूकने का नाम ही न ले। लेकिन इस सब से बड़ा सत्य तो ये है रानी साहिबा मुझे इतना मजा आया की अब मैं आप से दूर रह ही नहीं पा रहा हूँl

चुत एकदम सूजी हुई थी मैंने प्यार से चुत को सहलाया फिर मैं उसके होंठो को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी फिर मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी।

फिर मैंने भी उसकी जीभ को चूसा। मेरी जीभ जब उसकी जीभ से मिली तो उसका शरीर सिहरने लगा मैंने उनकी चुत को ऊपर से हो चूमा उसके बाद मैं उसके स्तन दबाने लगा और उसका निप्पल मुझे कड़ा-सा महसूस हुआ तो मैंने अपनी उंगलियों से निप्पल को खींचा को जूही कराह उठी आआह मेरे राजा धीरे बहुत दुख रहे हैं। मैंने निप्पल को किस की और फिर उनके ओंठो को चूमा।

अब जो जूही ने ये कहा कुमार हम फिर से करेंगे ना। ये सुन कर मुझ से रुका नहीं गया और मैं उसे पागलो की तरह चूमने लगा। सेक्स में सबसे महत्त्वपूर्ण यही है कि आप इसे दुबारा करना चाहते है बार-बार करना चाहते हैं और ये इस बात का सबसे बड़ा प्रमाण है कि आपको सेक्स पसंद आया और आपने इसका आंनद लिया।

मैंने फिर उनको अपने से हल्का-सा दूर किया, हाथों से उनका चेहरा ऊपर किया और होंठों पर एक लम्बी किस की। उनकी आँखें बंद थी, मैंने उनके होंठों को छोड़ कर चेहरा ऊपर किया तो जूही ने आँखें खोली और मुस्करायी।

मैं फिर मैं उनके ओंठों को चूमने लगा और वह भी मेरा साथ देने लगी। फिर मैंने अपनी जीभ उनके मुँह में डाल दी और वह मेरी जीभ को चूसने लगी। फिर मैंने भी उनकी जीभ को चूसा। मेरी जीभ जब उनकी जीभ से मिली तो उनका शरीर सिहरने लगा।

फिर मैंने अपने होंठ उनके ओंठों से अलग किये हम दोनों मुस्कराये और फिर बेकरारी से लिप किस करने लगे और चूमते-चूमते हमारे मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी और हमारे मुंह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था।

कम से कम 15 मिनट तक लिप किस करता रहा, वह मेरा लिप किस में भरपूर साथ दे रही थी।

हम लोग एक दूसरे को किस करने लगे थे। मैंने जूही की पीठ, कमर पर अपनी उंगलियाँ फेरनी शुरू कर दी थीं। मेरे हाथ उनके कन्धों पर थे और वह मुझको अपनी ओर खींच रही थी और उसी बीच मेरे हाथ भाभी के स्तनों पर पहुँच गये। मेरा हाथ उनके स्तनों को दबा रहा था। जूही की आँखें पूरी तरह से बंद थी। वह मेरे हर प्रयास को अनुभव कर रही थी और उसका पूरा मजा ले रही थी।

फिर मैंने धीरे से उन्हें अपनी बांहों में लिया और उनके ओंठों पर चूमना जारी रखा। अब जूही भाभी सिहरकर मुझसे लिपट गयी थी और उनकी चूचियाँ मेरे सीने से दब गयी थी।

मेरा एक हाथ उनकी होनी पर चला गया तो योनि ने काफी वीर्य अपने अंदर सोख लिया था और बाहर जो भी चिपका हुआ था वह रस और वीर्य भी अब सुख चूका था।

उसका चेहरा शर्म और शर्मिंदगी के साथ चुकंदर की तरह लाल हो गया था। उसका हाथ मेरे लंड पर था और फिर हांफते हुए उसने महसूस किया कि लिंग बढ़ रहा है;। वह मुस्कुराई क्योंकि उसने पूर्णता महसूस की, वह मुस्कुरायी। उसे मालूम था कि राजमाता, महाराज, मेरे पिताजी मेरी माताजी और अन्य रानिया उसे सहवास करते हुए देख रही थी लेकिन अब उसे दर्शकों को कोई परवाह नहीं थी। उसकी अपनी काम इच्छा की पूर्ती ही अब एकमात्र ऐसी चीज थी जो उसके लिए मायने रखती थी।

"कुमार मुझे फिर से चोदो! मेरे साथ पुनः सम्भोग करो। मुझे अपने आलिंगन में ले लो, हाँ! आप इसके और अधिक के लायक हैं। आपको किसी के प्रति अपनी वफादारी साबित करने की ज़रूरत नहीं है। बस मुझे प्यार करो लो, नाह!" वह चिल्लाई।

मै उनकी चुचियों को मसलने लगा और वह मादक आवाजें निकालने लगी, आह उह आह की आवाजें पूरे कमरे में गूंज रही थी, फिर मैंने उनके मोमो को चूसना शुरू कर दिया उनके मोमो कड़क हो गए थे और चुच्चिया कह रही थी हमे जोर से चूसो... मैंने चूचियों को दांतो से काटा तो भाभी कराह उठी आह यह आह भाभी कह रही थी धीरे कुमार धीरे प्यार से चूसो सब तुम्हारा और तुम्हारे आने वाले भतीजे का ही है उसके बूब्स अब लाल हो चुके थे फिर मैंने उनकी नाभि को चूमा अपनी जीभ उनकी नाभि में डाल दी जूही मस्त हो गयी और मेरे सर अपने पेट पर दबाने लगी जूही का पेट एकदम सपाट था कमर पतली और नाजुक मैंने उनके एक-एक अंग को चाट डाला और उनकी चूत पर हाथ फेरने लगा उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिया और मुझसे लिपट गयी, उनका गोरा बदन सुर्ख लाल हो गया था। उनकी चूत एक बार फिर गीली होने लगी मैंने पुछा अब चूत कैसी है उन्हों ने कहा तुम खुद देख लो तुम्हारे लिए तड़प रही है मैंने उनकी चुत को चूमा उनकी खुशबू ने मुझे मदहोश कर दिया।

मैंने उसकी चूत में अपनी एक उंगली डाल दी, चुत सूजी हुई थी और ऊँगली भी बड़ी कठिनता से अंदर गयी तो वह ज़ोर से चिल्लाई आहह अब लंड डाल दो, अब और इंतज़ार नहीं होता, प्लीज जल्दी करो, प्लीज आहहह। फिर जब मैंने उसकी चूत में अपनी उंगली की तो वह मेरे लंड को पकड़ कर ज़ोर से हाथ आगे पीछे करने लगी और ज़ोर से मौन करने लगी। उसकी चूत पूरी डबल रोटी की तरह फूली हुई थी। अब में उन्हें ऊँगली से लगातार चोद रहा था और वह ज़ोर से मौन कर रही थी।

फिर मैंने उनकी गांड के नीचे का तकिया ठीक किया और उसके दोनों पैरों को फैलाया और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया। अब जब मेरे लंड का सुपड़ा ही उसकी चूत में गया था तो वह ज़ोर से चिल्लाने लगी कि ओह बहुत दर्द हो रहा है, में मर जाउंगी, अपना लंड बाहर निकाल लो, लेकिन मैंने उसे अनसुना करते हुए एक ज़ोर का धक्का लगाया तो वह और ज़ोर से चिल्लाई। फिर मैंने उसके लिप्स पर किस करते हुए उसके मुँह को बंद किया और अपने धक्के लगाता गया। अब वह झटपटा रही थी और अपने बदन को इधर से उधर करने लगी। में धक्के पर धक्के लगाए जा रहा था और अब उसकी आँखों से आसूँ निकल रहे थे। एक जोर का झटका लगाया, एक ही झटके में पूरा लंड उनकी चूत के अंदर चला गया, उनकी आह निकल गयी।

फिर में उसके बूब्स को चूसने लगा था और अपने एक हाथ से उसके बालों और कानों के पास सहलाने लगा था और फिर कुछ देर के बाद मैंने उसके कानों को भी चूमना शुरू कर दिया। फिर मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू किया तो पहले तो वह चिल्लाई, लेकिन फिर कुछ देर के बाद मैंने पूछा कि मज़ा आ रहा है। फिर वह बोली कि हाँ बहुत मज़ा आआआआ रहा है,...हाईईईईई, म्‍म्म्मम और फिर वह जोर-जोर से चिल्लाने लगी। फिर कुछ देर के बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। अब वह पूरी मस्ती में थी और मस्ती में मौन कर रही थी अआह्ह्ह आाइईई और करो, बहुत मजा आ रहा है। अब वह इतनी मस्ती में थी कि पूरा का पूरा शब्द भी नहीं बोल पा रही थी। अब में अपनी स्पीड धीरे-धीरे बढ़ाता जा रहा था हा, राआआजा, आईसीईई, चोदो और जोर से चोदो। आआआआ और ज़ोर से, उउउईईईई माँ, आहह हाँ, अब ऐसे ही वह मौन कर रही थी।

फिर कुछ देर के बाद वह नीचे से अपनी कमर उठा-उठाकर चिल्ला रही थी और बडबड़ा रही थी आहहहहहह और चोदो मेरी चूत को और फिर कुछ देर के बाद वह बोली हाए मेरे राजा में झड़ने वाली हूँ और फिर मैंने उसकी गांड पकड़कर अपनी स्पीड बढ़ा दी, तो वह भी कुछ देर के बाद झड़ गई।

उसका मुँह मेरे मुँह में था और में उसको ज़ोर-ज़ोर से किस करता गया और धक्के लगाते गया। में उसे लगातार धक्के लगा रहा था और फिर में ऐसे ही 15-20 मिनट तक उसको उसी पोज़िशन में चोदता गया। फिर अब उसे भी मज़ा आने लग रहा था, अब वह भी अपने कूल्हे उछाल-उछालकर मुझसे चुदवा रही थी। अब मैंने उसे और ज़ोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया था। फिर थोड़ी देर के बाद वह फिर झड़ गयी और शांत पड़ गयी और निढाल हो कर लेट गयी मैं उनको प्यार से सहलाने लगा और किस करने लगा और बोला भाभी क्या आपको मजा आया दर्द तो नहीं हुआ।

जूही भाभी बोली बहुत मजा आया।

फिर मैंने उसको घोड़ी बना दिया और अब मैंने उसकी चूत में पीछे से लंड को डालकर चोदना शुरू किया मुझे लगा पीछे से लंड ज्यादा अन्दर तक गया और पहले से ज्यादा मजा आया। जूही भाभी भी मस्ती में गांड आगे पीछे कर मेरा साथ देने लगी उनका चिल्लाना बंद हो गया और फिर में उसे लगातार धक्के देकर चोदता रहा। बीच-बीच में पीछे से उनके स्तनों को पकड़ कर दबाता रहा जब मैं उनके स्तनों को दबाता था तो वह मुँह पीछे कर मुझे किस करने को कहती थी और मैं उनके लिप्स चूसने लगता करीब 25 मिनट तक लगातार उसको उस पोज़िशन में चोदा उनकी हालत बुरी थी वह एक बार फिर झड़ चुकी थी।

मैं उनको चूमता रहा और उनके बूब्स को सहलाता रहा फिर मैंने कहा इस बार भाभी आप ऊपर आ जाओ। फिर मैं चौकड़ी मार कर बैठ गया, वह उठी और मेरे सामने आ गयी और फिर आगे बढ़ी। मेरा सिर उसके योनि के स्तर पर था। उसने अब अपनी आँखें बंद कर लीं। उसकी टखनों ने मेरे घुटनों को छुआ क्योंकि मैं टाँगे मोड़ कर क्रॉस लेग्ड बैठा था और मेरे घुटने बाहर की ओर थे। वह मेरे माथे को पकड़ कर करते हुए मेरे ऊपर खड़ी हो गई।

वह अब कांप रही थी। उसे पता था कि उससे क्या उम्मीद की जा रही थी। उसने महसूस किया कि रात की ठंडी हवा उसके सबसे निजी अंगों को सहला रही है। उसका चेहरा लाल था। उसने धीरे से मेरे अपने हाथो को मेरे कंधों पर दबाया, मैं उसका बैठने के लिए इंतजार कर रहा था।

उसने अपने घुटनों को नीचे झुका दिया और जहाँ तक मैं बैठा था उसके स्तर तक नीचे आ गई। मैं अभी भी अडिग बैठा हुआ था। उसने जल्दी से अपनी पलकों हो थोड़ा-सा खोल दिया यह देखने के लिए कि मैं क्या कर रहा हूँ लेकिन उसने पाया की मैं कुछ नहीं कर रहा था।

रानी ने अपने पैरों को मोड़ा और अपने शरीर को नीचे किया। राजमाता अपने गुप्त अवलोकन स्थल से रानी के पैरों को नाटकीय रूप से फैला हुआ देख सकती थीं। मेरी आंखें बंद थीं। जूही को मालूम था कि अगर मैंने आँखें खोल दी होती, तो मैं उसकी योनी की स्पष्ट सामने देख पाता। "

उसने अपने शरीर को नीचे करना जारी रखा। उसने मुझे संतुलन बनाए रखने के लिए पकड़ रखा था। इस बीच मेरा एक हाथ उसकी पीठ पर और दूसरा उसके कंधे पर चला गया था। मेरा हाथ जो निष्क्रिय रूप से कंधे पर था, उससे रानी को धीरे से नीचे को दबाया और फिर धीरे से स्तन की बढ़ा। "

"वह जोर से हांफने लगी क्योंकि उसका योनि क्षेत्र ने मेरे लिंग के सुपांडे की रूपरेखा को सहलाया और उसकी योनि के द्वार को खोल दिया। मेरा लिंग मेरे पैरों के बीच से उठकर एक ऊपर की ओर इशारा करते हुए खड़ा फुफकार रहा था। सहज रूप से, उसने अपने घुटनों को ऊपर उठाया और नितम्बो को नीचे जाने दिया जिससे उसके नितम्बो का तल मेरी गोद में उतर गया। उसे ऐसा लगा था कि वह तलवार पर गिर गई थी और तलवार ने उसके अस्तित्व को चीर दिया था।"

" तेज गति में, उसकी गांड पूरी तरह से मेरी गोद में फिट हो गई थी। उसकी योनि खुली हुई थी और उसका लिंग उसके गर्भ तक घुसा हुआ था। मेरी और उसकी जांघों के कारण कोई रुकावट नहीं आई, जबकि मैं अभी भी क्रॉस लेग्ड बैठा था। उसके पैर उठे और मेरी कमर को पार कर गए थे। उसके हाथ अब मेरे कंधों पर टिके हुए थे।

उसे ऐसा लगा जैसे प्रवेश करने के बाद लिंग का आकार बढ़ गया हो। उसने लंड को सुपाड़ी को फूलते हुए महसूस किया, जो कंपन जो उसके अंदर समाया हुआ था। ऐसा लगता था कि मांस का वह खंभा उस म्यान से बात कर रहा था जिसने उसे घेर लिया था। वह कांप उठी, वह उत्तेजना से संभोग सुख की कगार पर कांप रही थी!

" जैसे ही उसके अंदर कंपन पैदा हुआ, उसने अपने कूल्हों को हिलाया। वह घुड़सवारी करना चाहती थी।

फिर में उनके नीचे और भाभी मेरे ऊपर थी। मेरे तनकर खड़े लंड पर धीरे-धीरे अपनी चूत दबाकर लंड को अंदर घुसा रही थी। में उसकी चूत की चमड़ी को अपने लंड की चमड़ी पर रगड़ते हुए देख रहा था और मुझे उस समय बहुत मज़ा आ रहा था। वह मेरे लंड पर धीरे से उठती और फिर नीचे बैठ जाती जिसकी वजह से लंड अंदर बाहर हो रहा था और वह खुद अपनी चुदाई मेरे लंड से कर रही थी और बहुत मज़े कर रही थी। भाभी बहुत मादक लग रही थे उनके रेशमी सुनहरी बाल चारो तरफ फ़ैल गए थे जूही उन्हें पीछे करते हुए मेरी छाती पर अपने हाथ रख देती थी।

" वह शक्तिशाली कंधों को पकड़ कर एक जोर की प्रतीक्षा कर रही थी जिसे वह लगातार ऊपर और नीचे ले जाकर मुझे प्रेरित करती थी। मैंने भी अपने चूतड़ उठा कर उनका साथ दिया... जब मेरा लंड उनकी चूत के अंदर पूरा समां जाता था तो दोनों की आह निकलती थी।

उसके गीले होंठ एक चुंबन के लिए अलग हो गए थे और उसने अपने होंठो को मेरे होंठों पर लगाया और हमारी जीभ आपस में गुथम गुथा हो गयी। उसके बाद जूही मेरे ऊपर झुक गयी और हम लिप किस करते हुए लय से चोदने में लग गए. उसके स्तन मेरी छाती को दबा रहे थे। उसका योनि की दीवारें, इस प्रकार खुली हुई, मेरे बड़े लिंग से अलग फैल गईं।

। फिर मेरे हाथ उनके बूब्स को मसलने लगे फिर मैं उनकी चूचियों को खींचने लगता था तो जूही सिहर जाती थी और सिसकने लगती थी। मैं जूही को बेकरारी से चूमने लगा और चूमते-चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी फिर मैंने जूही भाभी की जम कर चुदाई की। फिर थोड़ी देर के बाद वह फिर झड़ गयी और उसने लिंग को अपना पानी पिलाया,। उसने एक अप्रत्याशित लेकिन अपरिहार्य यौन उत्कर्ष महसूस किया।

उसने अपने पैरों को मेरी पीठ के चारों ओर बंद कर दिया। उसकी बाहें मेरे कंधो के चारों ओर चली गईं और उसके हाथ मेरी गर्दन के चारों ओर लपेटे गए। उसने मेरे लिंग पर नियंत्रण के लिए अपने गहराई को छोड़कर खुद को ऊपर उठाया। वह जानती थी कि कैसे चुदाई करवानी है वह योनि और लिंग के बीच बातचीत नहीं बल्कि द्वंद्व चाहती थी। वह चोदना चाहती थी। वह चाहती थी की मैं एक बार फिर स्खलित होकर अपने वीर्य से उसकी योनि भर दू।

जूही ने आनद की तालाश में अपनी योनि को लंड पर घुमाया और आनंद की तलाश की।

वह बहुत खुश हो गयी जब मेरे हाथों ने उसके नितम्बो को पकड़ लिया और मेरी उंगलियों ने उसकी गांड के मांस को सहलाया। उसने विजय को अपनी पहुँच के भीतर महसूस कीया। लेकिन उसकी खुशी अल्पकालीन थी क्योंकि मैंने उसे मजबूती से पकड़ रखा था, जिससे वह हिलने-डुलने में असमर्थ हो गई। ' महसूस करो। अनुभव करो और देखो, "मैंने उसे आज्ञा दी, अब मैंने अपनी का उपयोग किया और जो उसे अनुभव हुई और साथ में दिखाई दे रही थी, मेरी शक्ति स्पष्ट थी और वह अवज्ञा करने में असमर्थ महसूस कर रही थी।"

वह खुश थी कि लिंग बड़ा हो रहा है। उसके अंदर दबाव बढ़ रहा था। वह इसलिए भी खुश थी कि यह उसमे प्रवेश करने के बाद ही बढ़ रहा था। उसे मेरा लिंग जितना बड़ा लग रहा था उसे अंदर लेने का विचार डरावना था। वह मेरे साथ चिपकी हुई यह सुनिश्चित कर रही थी कि अगर वह हिल नहीं सकती, तो कम से कम वह मेरे साथ चिपक तो सकती है।

एक बार फिर लिंग ने अपने मांस की परिपूर्णता में स्पंदन और-और कंपन करना शुरू कर दिया। लुंड अपने शीर्ष पर एक गुब्बारे की तरह फूला हुआ था, ऐसा लगा जैसे लंड के हर बिंदु पर हर कोशिका योनि की दीवार पर हर कोशिका को सहला रही हो। मैंने रोजी के साथ अपने पहले सम्भोग के दौरान मानसिक सम्भोग का अनुभव किया था। किन्तु ये उससे भी आगे का अनुभव था और ये उसी अंगूठी की शक्तियों का कमाल था।

जूही बोली कि वह मेरे लिंग को अपने गर्भ में महसूस कर सकती थी। ऐसा लगता था जैसे लाखों हाथ उसकी योनि की दीवारों पर एक लाख ड्रम की ताल से धड़क रहे थे। ड्रम की सतह, खाल फैली हुई, कंपन कर रही थी और हाथों से गूंज रही थी कि उन पर पिटाई कर रहे थे। योनि की धड़कती सुरंग की मामंसपेशिया दृढ़ता से लिंग को पकड़ रही थी। वह मुस्कुराई क्योंकि उसने महसूस किया कि उसकी योनि लिंग के साथ संकुचन करते हुए कंपन कर रही है।

अब लिंग और योनि एक हो एक गति से स्पंदन कर रहे थे।

"मैं," उसने हांफते हुए कहा, "मैं कगार पर हूँ। ओह! आह! कुमार! मैं नहीं चाहती कि यह खत्म हो! नहीं! नहीं! नहीं! नहीं!" उसने भीख मांगी। दोनों एक-दूसरे से लिपट कर ऊपर नीचे हुए जिसमे प्रत्येक ढ़ाके के साथ दोनों 'नहीं' बोले। प्रत्येक 'नहीं' एक आक्षेप था।

अब यह अपरिहार्य था। रानी जूही ने अपने प्रेमी को सांत्वना दी। उसने मेरे बालों में अपनी उँगलियाँ दौड़ाईं और कहा, "श! श! इट्स ओके," उसने अपनी एड़ियों को एक साथ पकड़े हुए मुझे शांत किया। मैंने उसके स्तनों के बीच हाथ फेर दिया और उसकी छाती को पकड़ लिया।

"पीछे लेट जाओ! वापस लेट जाओ!" राजमाता से आग्रह किया। "कुमार उसे भर दो," सास ने प्रसन्नता व्यक्त की।

मैंनेउसके स्तनों को उसकी निर्दयता से पकड़ लिया और उसके शरीर को सहारा देकर लिटा दिया।

"लो सम्भालो!" मैं चिल्लाया, "मैं आ गया! मेरे प्रिय! मेरी जूही! मेरी रानी! याआआह!"

"हाँ, हाँ, हाँ, मुझे भर दो, मुझे अपना प्यार दो" जूही ने कहा, उसकी आँखों से आँसू बह रहे थे। उसके हाथ मेरी पीठ सहलाते हुए मेरे बालों में दौड़े।

मैंने एक बार फिर पूरी ताकत लगा कर नितम्ब उठा कर लैंड को बाहर खींचने की कोशिश की और एक धका और लगाया लुंड फिर पूरा अंदर समां गया और फिर हम दोनों एक साथ झड़ गये।

तभी भाई महाराज ने राजमाता को सम्बोधन करते हुए बधाई दी और फिर भाई महाराज के पीछे-पीछे पिताजी माँ, महारानी और अन्य रानियों ने राजमाता और भाई महाराज को बधाई दी की गर्भधान का प्रथम प्रयास संपन्न हो गया है और फिर राजमाता बोली इस बधाई की सबसे पहली पात्र तो रानी जूही और कुमार हैं।

अब ये सुन कर एक बार फिर जूही ने शर्मा कर खुद को मेरे बदन में छुपा लिया। कुछ देर बाद मैं जूही से अलग हुआ और मैंने जूही की तरफ देखा तो सम्भोग से मिले आनंद और योनि की प्यास बुझाने की वजह से जूही का चेहरा एक अलग ही मस्ती के कारण से चमक रहा था और फिर मैं उसके साथ चिपक कर लेट गया और दोनों चुंबन करने लगे और फिर पता नहीं दोनों कब सो गए।

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