अम्मी बनी सास 091

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गर्भवती हुई छोटी और बड़ी बेगम
8.4k words
4.43
166
00

Part 91 of the 92 part series

Updated 06/10/2023
Created 05/04/2021
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शाज़िया ने मुस्कराते हुए अपनी अम्मी से कहा। और प्यार भरे अंदाज में अपनी अम्मी के जिस्म के साथ चिपक गई।

"अच्छा तबीयत खराब होना तो सिर्फ़ एक बहाना है,असल बात ये है ।" रज़िया बीबी भी अपनी बेटी की बात सुन कर मुस्कराई। और फिर शाज़िया को खुदा हाफ़िज़ कह कर ज़ाहिद के साथ कार में आन बैठी।

ज़ाहिद की कार के शीशे टिनटेड थे। इसीलिए ज्यों ही ज़ाहिद ने अपनी कार को पिंडी से बाहर निकाल कर मुर्री हाइवे पर डाला।

तो उस ने अपने काले शीशों का फ़ायदा उठाते हुए अपना एक हाथ फ्रंट सीट पर बैठी अपनी अम्मी की शलवार के उपर से रज़िया बीबी की चूत पर रख दिया।

"शरम करो ज़ाहिद बाहर से कोई देख ले गा बेटा ।"अपने बेटे की इस ना मतवका हरकत से रज़िया बीबी एक दम परेशान हो कर बोली।

"गाड़ी के शीशे काले होने की वजह से बाहर से अंदर नज़र नही आता मेरी जान ।" ज़ाहिद ने रज़िया बीबी को समझाया।

इस के साथ ही ज़ाहिद ने अपनी ज़िप खोली और अपनी अम्मी का हाथ पकड़ कर अपने तने अपने लंड पर रख दिया।

रज़िया बीबी को अपने बेटे के प्यार का ये अंदाज़ बहुत अच्छा लगा। और वो गरम होते हुए चलती कार में ही अपने बेटे की मूठ लगाने लगी। जब कि इस दोरान ज़ाहिद भी अपने हाथ को अपनी अम्मी की फुद्दि के उपर इधर उधर फैरने लगा।

अपनी सारी शादी शुदा ज़िंदगी में ज़ाहिद के मरहूम अब्बू के साथ रज़िया बीबी ने अपने घर से बाहर इस तरह की किसी हरकत का तसव्वुर नही किया था।

मगर आज अपने ही सगे बेटे के साथ दोरान सफ़र मे मस्ती भरी ये हरकत रज़िया बीबी को बहुत अच्छी लग रही थी।

इसीलिए वो पूरे सफ़र के दोरान ज़ाहिद के लंड से हल्की हल्की छेड़ छाड़ करती रही। और ज़ाहिद भी अपनी अम्मी की चूत और मम्मो को अपने हाथ से मसलता और दबाता रहा।

मुरी पहुँचने तक ज़ाहिद ने रज़िया बीबी को और रज़िया बीबी ने ज़ाहिद को अपने अपने हाथों से खूब गरमा दिया था।

हिल पर जा कर ज़ाहिद को अपने काम से फारिग होते शाम के 3 बज गये।

इस दोरान ज़ाहिद और रज़िया बीबी को ज़ोर की भूक लग रही थी। इसीलिए ज़ाहिद के काम से फारिग होते ही दोनो माँ बेटा एक रेस्टोरेंट में खाना खाने बैठ गये।

अभी ज़ाहिद और रज़िया बीबी को खाना ख़ाते थोड़ी देर ही हुई थी। कि इस दोरान अचानक शदीद किसम की बारिश स्टार्ट हो गई।

बदिश स्टार्ट होने की देर थी। कि रेस्टोरेंट में लगे टीवी सेट पर ब्रेकिंग न्यूज़ चलने लगी।

ब्रेकिंग न्यूज़ के मुताबिक मुर्री में होने वाली तेज बदिश की वजह से मिट्टी का एक तोड़ा सड़क पर गिरने से पिंडी वाली रोड ब्लॉक हो गई है।

इस तेज बारिश की वजह से इम्दादी काम में मुश्किल पेश आ रही थी। जिस वजह से बंद रोड का कल दूसरे दिन तक ही खुलने का इम्कान है।

"चलो कर लो गल ।" न्यूज़ सुन कर ज़ाहिद ने अपने सामने बैठ कर खाना खाती हुई अपनी अम्मी रज़िया की तरफ देखा और बोला।

"अब क्या हो गा ज़ाहिद ।" रज़िया बीबी ये खबर सुन कर परेशान हो गई, क्यों कि शाज़िया घर में अकेली थी।

"अब हमें शाज़िया को फोन कर के ये बात बताना पड़े गी, और फिर रात इधर ही रुकना पड़े गा ।" ज़ाहिद ने जवाब दिया।

"ठीक है अब इस के अलावा हो भी क्या सकता है ।" रज़िया बीबी ने ज़ाहिद की हां में हां मिला दी।

दोनो माँ बेटा खाने से फारिग हो कर एक करीबी होटेल में आए। और एक रूम ले कर अपने कमरे में चले गये।

कमरे में पहुँच कर ज़ाहिद ने शाज़िया को इतला दी। और उसे शाज़िया को अपने पास बुलाने का कह दिया।

जिस वक्त ज़ाहिद शाज़िया से बात कर रहा था। उसी दोरान रज़िया बीबी के पेट में अचानक मरोड़ (दर्द) हुआ। और उसे ऐसा लगा जैसे वो एक दम से उल्टी (वॉमिटिंग) कर देगी ।

रज़िया बीबी समझी कि शायद रेस्टोरेंट के खाने में कोई ऐसी चीज़ थी। जिस वजह से उस की तबीयत खराब होने लगी है।वो उठी और बाथरूम में जा कर उल्टी करने लगी।

"आप की तबीयत तो ठीक है अम्मी ।" फोन बंद करते ही ज्यों ही ज़ाहिद के कान में अपनी अम्मी की उल्टियो की आवाज़ पड़ी। तो वो दौड़ कर बाथरूम गया और अम्मी से पूछा।

"पता नही क्यों खाना खाते ही उल्टी होने लगी है,अभी ठीक हो जाउन्गी,तुम फिकर ना करो ।" रज़िया बीबी ने जवाब दिया।

रज़िया बीबी समझी कि शायद रेस्टोरेंट के खाने में कोई ऐसी चीज़ थी। जिस वजह से उस की तबीयत खराब होने लगी है।वो उठी और बाथरूम में जा कर उल्टी करने लगी।

"आप की तबीयत तो ठीक है अम्मी ।" फोन बंद करते ही ज्यों ही ज़ाहिद के कान में अपनी अम्मी की उल्टियो की आवाज़ पड़ी। तो वो दौड़ कर बाथरूम गया और अम्मी से पूछा।

"पता नही क्यों खाना खाते ही उल्टी होने लगी है,अभी ठीक हो जाउन्गी,तुम फिकर ना करो ।" रज़िया बीबी ने जवाब दिया।

रज़िया बीबी बाथरूम में मुँह धो कर बाहर आई।मगर काफ़ी देर बिस्तर पर लेटा रहने के बाद भी रज़िया बीबी की तबीयत ठीक नही हुई।

ज़ाहिद इस दोरान कमरे की विंडो के पास खड़ा बाहर होती बारिश का नज़ारा ले रहा था।कि इतने में उस की नज़र होटेल के साथ ही लेडी डॉक्टर के क्लिनिक पर पड़ी।

"ये साथ ही एक क्लिनिक है, चलो जा कर डॉक्टर साहिबा से अपना चेक अप करवा लो अम्मी ।" अपनी अम्मी की हालत पर फिकर मंद होते हुए ज़ाहिद ने कहा।

"लगता है मुझे गॅस है, इसीलिए डॉक्टर के पास जाने की ज़रूरत नही,तुम बस मुझे सेवेन अप पिला दो, में थोड़ी देर में बहतर हो जाऊंगी ।" रज़िया ने ज़ाहिद के सामने ज़िद करते हुए कहा।

"अभी शाम नही हुई, इसीलिए डॉक्टर से दवाई ले लो,रात को तबीयत ज़्यादा खराब हुई तो मसला हो गा अम्मी ।" ज़ाहिद ने अपनी अम्मी को समझाते हुए कहा। और रज़िया बीबी की किसी बात को ना मानते हुए अम्मी को लेडी डॉक्टर के पास ले गया।

डॉक्टर की नर्स ज़ाहिद को वेटिंग रूम में बैठा कर रज़िया बीबी को लेडी डॉक्टर के पास चेक अप के लिए ले गई।

लेडी डॉक्टर ने रज़िया बीबी से उस की बीमारी के मतलक पूछ कर चेक अप से पहले रज़िया बीबी का यूरिन टेस्ट करवा लिया।

ज्यों ही रज़िया बीबी बाथरूम से फारिग हो कर दुबारा डॉक्टर के पास आई। तो लेडी डॉक्टर ने रज़िया बीबी को अपने पास पड़े चेकिंग टेबल पर लिटा कर रज़िया बीबी के पेट पर हाथ फेरते हुए अच्छी तरह चेक अप किया।

जितनी देर में डॉक्टर का चेकअप मुकम्मल हुआ। तो इतनी देर में नर्स ने रज़िया बीबी के पेशाब की रिपोर्ट डॉक्टर के टेबल पर आन कर रख दी।

चेक अप के बाद डॉक्टर आ कर अपनी चेयर पर बैठी। और रज़िया बीबी को भी अपनी डेस्क के सामने पड़ी चेयर पर बैठने का कहा।

ज्यों ही रज़िया बीबी डॉक्टर के सामने कुर्सी पर बैठी। तो डॉक्टर ने यूरिन रिपोर्ट पढ़ते हुए रज़िया बीबी के चेहरे की तरफ देखा और मुस्कुराते हुए बोली "ये गॅस की वजह से नही, बल्कि ये माँ बनने वाली उल्टियाँ हैं बीबी, मुबारक हो आप को,आप माँ बनने वाली हैं ।"

"किययययी!, आप ये केसी बातें कर रही हैं डॉक्टर साहिबा। ।" डॉक्टर के मुँह से ये इलफ़ाज़ सुन कर रज़िया बीबी को ऐसे लगा। जैसे उस का सिर पर आसमान ही गिर गया हो।

"में ठीक कह रही हूंन, आप को यकीन क्यों नही आ रहा बीबी। ।" रज़िया बीबी का रिक्षन देख कर डॉक्टर ने दोबारा अपनी बात दोहराई।

"इसीलिए कि मेरी माहवारी (पीरियड्स) तो पिछले कई सालों से नॉर्मल नही, और वैसे भी उमर के इस हिस्से में मेरे लिए माँ बनना केसे और क्यों कर मुमकिन है डॉक्टर साहिबा ।"। रज़िया बीबी को समझ नही आ रही थी। कि वो लेडी डॉक्टर की सुनाई हुई इस आटम बॉम्ब खबर पर कैसे रिएक्ट करे। इसीलिए हैरान होते हुए वो लेडी डॉक्टर से बोली।

"क्या आप के पीरियड्स मुकमल तौर पर बंद हो चुके हैं बीबी। ।" डॉक्टर ने रज़िया बीबी से सवाल किया।

"मुझे एक आध महीने बाद, कभी कभी अपनी शलवार पर स्पॉटिंग लगी हुई नज़र आती है, इसीलिए लगता है कि मेरे पीरियड्स मुकमल तौर पर बंद नही हुए शायद ।" रज़िया बीबी ने डॉक्टर की बात का जवाब दिया।

"वैसे आप कह तो सही रही हैं, कि आप की उमर में माँ बनने के चान्सस बहुत की कम होते हैं, लेकिन चूँकि आप के पीरियड्स अभी पूरी तरह बंद नही हुए, शायद ये ही वजह है कि आप के साथ ये मोजाज़ा (मिराकल) पेश आया है, और इस उमर में भी आप प्रेगनेंट हो गई हैं ।" रज़िया बीबी की बात सुन कर डॉक्टर ने जवाब दिया।

"मगर मेरी उमर इस वक्त 57 साल से उपर है, इस उमर में ये केसे मुमकिन है भला ।" रज़िया बीबी को अभी तक डॉक्टर की बात का यकीन नही आ रहा था। इसीलिए वो सवाल पर सवाल किए जा रही थी।

"आप के शोहर की उमर क्या है ।" डॉक्टर ने फिर पूछा।

"उन की उमररर्ररर, हो गी अंदाज़न 34 साल ।" रज़िया बीबी ने झिझकते हुए जवाब दिया।

"ओह तो आप के शोहर आप से उमर में छोटे हैं ।" रज़िया बीबी के मुँह से ज़ाहिद की उमर सुन कर डॉक्टर थोड़ी हैरान होते हुए बोली।

"जी हां वो मुझ से तकरीबन 22,23 साल छोटे हैं ।" रज़िया बीबी डॉक्टर के सलवाल पर शरमाते हुए बोली।

"इस का मतलब है कि शायद ये आप की दूसरी शादी है ।" रज़िया बीबी की बात सुन कर डॉक्टर भी अब शायद चस्के लेने के मूड में आ गई थी। इसीलिए उस ने रज़िया बीबी से ये सवाल पूछा।

"जीिइईईई! डॉक्टर साहिबा ।" रज़िया बीबी ने शरम से सर झुकाते हुए जवाब दिया।

"ओह्ह्ह्ह!, जब आप का शोहर इतना जवान हैं,तो फिर आप को अपने हमला होने पर हैरत क्यों हो रही है ।" रज़िया बीबी के मुँह से ज़ाहिद की उमर के बारे में सुन कर डॉक्टर मुस्कुराइ। और उस ने शरारती अंदाज़ में रज़िया बीबी को फिर छेड़ा।

"मुझे कुछ समझ नही आ रहा, आप कहना क्या चाहती हैं डॉक्टर साहिबा ।" रज़िया बीबी ने डॉक्टर के मज़ाक को नज़र अंदाज़ करते हुए डॉक्टर से तफ़सील जानने की कॉसिश की।

इस के बावजूद कि ज़ाहिद से अपनी जिन्सी ताल्लुक़ात कायम करने के बाद रज़िया बीबी की ये दिली ख्वाहिश थी। कि काश वो अपने ही बेटे के बच्चे की माँ बन सके।

लेकिन आज जब उसे अचानक ये खबर मिल गई थी। कि वो ज़ाहिद के बच्चे की माँ बनने जा रही है। तो डॉक्टर के बार बार इसरार के बावजूद रज़िया बीबी का दिल इस बात को मानने पर तैयार नही हो रहा था।

"असल में बात ये है कि आप के मुक़ाबले में आप से ज़्यादा जवान होने की वजह से, आप के शोहर के स्पर्म काफ़ी ताक़त वर हैं,इसीलिए लगता है कि ज्यों ही आप के शोहर का पानी आप की बच्चा दानी में गया, तो आप को आप की कोख ने आप के जवान खाविंद के गाढ़े वीर्य को फॉरन अपने अंदर कबूल कर लिया, और इस कबोलियत का नतीजा अब आप की प्रेग्नेन्सी की शकल में आप के सामने है ।" रज़िया बीबी को तफ़सील से सारी बात समझाते हुए डॉक्टर बोली।

"में तो समझी थी कि 30,35 साल की उमर के बाद औरतों के माँ बनने के चान्सस काफ़ी कम हो जाते हैं,मगर आज पता चला कि मेरी उमर की औरत भी कभी माँ बन सकती है ।" वैसे तो लेडी डॉक्टर के मुँह से सारी बात तफ़सील से सुन कर रज़िया बीबी के दिल में खुशी के लड्डू फूट पड़े।

मगर शरम के मारे वो अपनी इस खुशी का इज़हार लेडी डॉक्टर से नही करना चाहती थी।

इसीलिए अपने जज़्बात पर बा मुश्किल काबू पाते हुए रज़िया बीबी आहिस्ता से बोली।

"सच पूछें तो मेरी सारी प्रॅक्टीस के दोरान, आप एक रेयर केस हैं जिन के साथ ये मामला हुआ है, अब आप प्रेगनेंट तो हो गई हैं, अब मेरा आप को मशवरा है कि आप कुछ अरसा अपने शोहर से परहेज करो, वरना आप की प्रेग्नेन्सी में कॉंप्लिकेशन्स हो सकती हैं ।"

शाज़िया की तरह रज़िया बीबी को चुदाई से परहेज का कह कर लेडी डॉक्टर ने रज़िया बीबी को भी कुछ हिफाज़ती टिप्स देने के साथ साथ ताक़त की चन्द टॅब्लेट्स लिख कर फारिग कर दिया।

पहले पहल तो रज़िया बीबी को डॉक्टर की बात सुनने के बाद चन्द लम्हे वाकई ही यकीन नही आया था। कि उस के साथ ये अन होनी भी हो सकती है।

मगर ज्यूँ ज्यूँ डॉक्टर उसे यकीन दिलाती गई कि वाकई ही उस के पेट में एक बच्चा पल रहा है। त्यु त्यु ये बात सुनते हुए रज़िया बीबी की फुद्दि में ज़ाहिद के हाथों की लगाई हुई आग अपना ज़ोर पकड़ती गई।

फिर जिस वक्त रज़िया बीबी ने लेडी डॉक्टर के कमरे से बाहर कदम रखे। तो अपने बेटे के बेटे को अपनी कोख में पालने के तसव्वुर से रज़िया बीबी के पूरे जिस्म में खुशी की एक लहर दौड़ गई।

जिस की वजह से एक तरफ रज़िया बीबी की आँखों से खुशी के आँसू भी जारी हुए। तो दूसरी तरफ नीचे से रज़िया बीबी की चूत ने अपने मुँह खोल कर अपना गरम पानी से उस की शलवार को भी भिगोना शुरू कर दिया था।

फिर जिस वक्त रज़िया बीबी ने लेडी डॉक्टर के कमरे से बाहर कदम रखे। तो अपने बेटे के बेटे को अपनी कोख में पालने के तसव्वुर से रज़िया बीबी के पूरे जिस्म में खुशी की एक लहर दौड़ गई।

जिस की वजह से एक तरफ रज़िया बीबी की आँखों से खुशी के आँसू भी जारी हुए। तो दूसरी तरफ नीचे से रज़िया बीबी की चूत ने अपने मुँह खोल कर अपना गरम पानी से उस की शलवार को भी भिगोना शुरू कर दिया था।

"सब ठीक है ना ।" क्लिनिक के वेटिंग रूम में बैठे ज़ाहिद ने रज़िया बीबी को अपनी तरफ आता देख कर जल्दी से पूछा।

"सब ठीक है, बल्कि कुछ ज़्यादा ही ठीक हो गया है ज़ाहिद ।" रज़िया बीबी ने ज़ाहिद की बात का जवाब दिया। और अपने बेटे की आँखों में आँखे डाल कर मुस्कुराने लगी।

"क्या डॉक्टर साहिबा ने क़रून के ख़ज़ाने का पता बता दिया है, जो इतना मुस्करा रही है आप ।" ज़ाहिद अपनी अम्मी के चेहरे पर एक अजीब किस्म की खुशी और मुस्कुराहट को देख कर बेताबी से पूछने लगा।

"बस यूँ ही समझ लो, चलो होटेल के कमरे में जा कर तफ़सील से सारी बात बताती हूँ ।" रज़िया बीबी ने ज़ाहिद की बात का जवाब दिया। और एक अदा के साथ अपनी भारी गान्ड मटकाती हुई अपने होटेल की तरफ चल पड़ी।

होटेल की तरफ कदम बढ़ाते हुए अब रज़िया बीबी को उस का वज़न और पेट एक दम बढ़ने की असल वजह समझ आने लगी थी। और ये ऐसी वजह थी। जिस ने रज़िया बीबी की गरम चूत को मज़ीद गरमा कर रख दिया था।

क्लिनिक से होटेल के दरमियाँ फासला तो कुछ ज़्यादा नही था।मगर इस के बावजूद दोनो माँ बेटे को इस वक्त ऐसा लग रहा था कि वक्त की रफ़्तार जैसे थम सी गई हो।

ज़ाहिद चाहता था कि जल्द अज जल्द कमरे में पहुँच कर वो अपनी अम्मी से उन की इस खुशी की वजह जान सके।

जब कि रज़िया बीबी का दिल चाह रहा था। कि वो उड़ कर कमरे में जाए और अपने सरताज बेटे की बाहों में सिमट कर उसे अपने माँ बनने की खुस खबरी सुनाए।

लेकिन इस वक्त ज़ाहिद और रज़िया बीबी को अपने कदम ना जाने क्यों बहुत भारी लगने लग गये थे।और क्लिनिक से होटेल का ये मुक्तिसार सा रास्ता उन दोनो को पुले सेरात का सफ़र लग रहा था।

कमरे में जाते ही ज़ाहिद ने बेसबरी से अपनी अम्मी को अपनी बाहों में भरा। और अपनी अम्मी की भारी छातियों पर अपना मुँह मारते हुए बोला।

"अब बताओ किस बात की खुशी चढ़ी हुई हैं तुम्हें बेगम ।"।

"छोड़ो ना, मुझे ये बात बताने में शरम आ रही है ज़ाहिद ।"रज़िया बीबी ने शरमाते हुए अपने आप को ज़ाहिद की बाहों से आज़ाद करवाया। और एक दम अपनी पीठ अपने जानू बेटे ज़ाहिद की तरफ करते हुए कहा।

ज़ाहिद समेत 5 बच्चो की माँ बनने के बावजूद आज रज़िया बीबी यूँ शर्मा रही थी।

जैसे वो ज़िंदगी में पहली बार माँ बनने की खबर अपने शोहर को सुनाने वाली हो

"उफ! बता भी दो ना,इतना शरमाना ठीक नही मेरी जान ।" कहते हुए ज़ाहिद ने पीछे से अपनी अम्मी के वजूद को दोबारा अपनी बाहों में कसा।

और फिर पीछे से अपनी अम्मी की कमीज़ की ज़िप को खोलते हुए रज़िया बीबी की कमीज़ को उस के बदन से उतारना शुरू कर दिया।

"वो असल में बात ये है कि में तुम्हारे बच्चे की माँ बनने वाली हूँ ज़ाहिद्द् ।" ज्यों ही ज़ाहिद ने अपनी अम्मी की कमीज़ को उतार कर उसे होटेल के बिस्तर पर फैंका। तो रज़िया बीबी ने अपने शोहर बेटे को ये खुश खबरी सुना दी।

"किय? ।" इस दफ़ा ज़ाहिद के हैरान होने की बारी थी।

"हां मेरे पेट में,तुम्हारा बच्चा पल रहा है मेरे लाल ।" रज़िया बीबी ने ज़ाहिद के मोटे लंड पर अपनी भारी गान्ड को रगड़ते हुए कहा।

"आप तो कहती थी कि आप अब माँ नही बन सकतीं, तो फिर ये केसे मुमकिन है अम्मी जान ।" रज़िया बीबी की तरह ज़ाहिद को भी इस बात का यकीन नही हो रहा था। मगर इस के बावजूद अपनी अम्मी के मुँह से ये खबर सुन कर ज़ाहिद का लंड टाइट हो कर छत पर जा लगा था।

रज़िया बीबी ने मुस्कराते हुए अपने आप को ज़ाहिद की बाहों से निकाला। और बिस्तर पर चढ़ कर अपनी शलवार भी उतार दी।

अपनी शलवार को अपने जिस्म से अलग करने के दोरान रज़िया बीबी ने आहिस्ता आहिस्ता डॉक्टर की पूरी बात अपने बेटे ज़ाहिद के गोसे गुज़र कर दी।

अपनी शलवार और कमीज़ उतारने के बावजूद रज़िया बीबी अभी तक पूरी नंगी नही हुई थी। क्यों कि रज़िया बीबी के मोटे मम्मे और गरम चूत उस के अंडरवेअर और ब्रेज़ियर में अभी तक क़ैद थे।

"उफफ! इस का मतलब है कि मेरी अपनी सग़ी बहन शाज़िया के साथ साथ मेरी सग़ी अम्मी भी मेरे बच्चे की माँ बने गी आब्ब्ब्ब्ब्बबब!" अपनी अम्मी की सारी बात सुन कर ज़ाहिद की खुशी की इंतिहा ना रही और वो एक दम बोला।

इस के साथ ही मस्ती में आते हुए ज़ाहिद ने अपने सारे कपड़े भी उतार फैंके और सिर्फ़ अंडरवेअर में ही मलबूस हो कर अपनी अम्मी के साथ बिस्तर पर लेट गया।

"हां ना सिर्फ़ शाज़िया की तरह अब में भी तुम्हारे बच्चे की माँ बनूँगी,बल्कि तुम्हारे बच्चे को अपनी कोख से जनम दे कर शाज़िया की तरह में भी तुम्हारी असली बीवी का दर्जा पा लूँगी मेरे सरताज ।" ज़ाहिद की बात सुन कर रज़िया बीबी ने भी जोश में जवाब दिया।

"हाईईईई! मुझे अपने इस हमला पेट का दीदार तो करवाओ, जहाँ मेरे लंड के बीज से बनने वाला, मेरा बच्चा परवरिश पाएगा मेरी जान ।" अपनी अम्मी के पीछे बिस्तर पर लेटते ही ज़ाहिद ने जोश से अपनी अम्मी के उभरे हुए मोटे नंगे पेट पर हाथ फेरते हुए कहा।

"हां क्यों अच्छी तरह से दीदार करो,मेरी इस कोख का जहाँ तुम्हारे प्यार की निशानी जनम ले रही है मेरे जानू ।" रज़िया बीबी भी ज़ाहिद की गरम जोशी देखते हुए मस्ती में आई। और उस ने भी ज़ाहिद की मस्ती भरी बात का उसी अंदाज में जवाब दिया।

"उफफफफफफफफफ्फ़! सिर्फ़ देखने से तो अब मेरा दिल नही भरे गा, इसीलिए बेहतर हो गा,कि में तुम्हारे बदन को चूम कर, तुम्हारे प्यार भरे इस तोहफे का शुकरिया अदा करूँ, मेरी छोटी ज़ोज़ा जान ।"अपनी अम्मी के जिस्म के पीछे बिस्तर पर लेटते हुए ज़ाहिद ने रज़िया बीबी की लंबी और गुदाज रान को हाथ से पकड़ कर हवा में उठाया।

और पीछे से अपनी अम्मी के मोटे नंगे हमला पेट पर अपनी गरम ज़ुबान फेरते हुए कहा।

"हाईईईईईईईईईईईईई! में क्या बताऊ कि आज तुम्हारे बच्चे की माँ बनने की ये खबर सुन कर मेरी चूत की क्या हालत हुई है मेरे बच्चे,मगर चाहने के बावजूद में अब तुम से अपनी फुद्दि नही मरवा सकती ज़ाहिद ।" ज्यों ही ज़ाहिद के गरम होंठो ने रज़िया बीबी के नंगे पेट को छुआ। तो मज़े की शिद्दत से रज़िया बीबी सिसकते हुए बोली।

"उउफफफफफफफफफफ्फ़! ये खबर सुन कर तो खुशी और जोश के मारे मेरा लंड फटने वाला है,और आप कह रही है कि में आप को अब चोद नही सकता,मगर क्यों?।" ये बात कहते हुए ज़ाहिद ने बिस्तर पर लेटी रज़िया बीबी को बेड पर बैठा कर पहले रज़िया बीबी के ब्रेज़ियर और पैंटी को उस के बदन से अलग किया।

और साथ ही अपना अंडरवेअर भी उतार कर पूरा नंगा होते हुए पीछे से अपनी अम्मी के नंगे वजूद को फिर अपनी बाहों में भर लिया।

"शाज़िया की तरह मुझे भी डॉक्टर ने चुदाई से कुछ महीने परहेज का कहा है,इसीलिए में अब तुम से एक दो महीने नही चुदवा सकती मेरी जान ।" ज़ाहिद के दिल और लंड पर बिजलियाँ गिराने वाली ये खबर सुनाते हुए रज़िया बीबी अपने मुँह को मोडते हुए पीछे को झुकी।और अपने बेटे ज़ाहिद के मुँह में मुँह डाल कर उस की ज़ुबान से ज़ुबान लहराते हुए बोली।

"हाईईईईईईईईईईईईईई! आप ने ये खुशी की खबर सुना कर तो मेरे लंड को पागल कर दिया है,इसीलिए आज कुछ भी हो जाए, में एक दफ़ा तो आप की फुद्दि मार कर ही रहूं गा अम्मी जान ।"

ज़ाहिद भी अपनी अम्मी की ज़ुबान से ज़ुबान टच करते हुए अपने हाथ को अपनी अम्मी के मोटे फुद्दे पर लाया। और अपनी अम्मी के गुदाज लबों और चूत के मोटे दाने को अपने हाथ की उंगलियों से मसल्ते हुए बोला।

इस से पहले कि काम बिगड़ जाए। रज़िया बीबी ने एक आध दफ़ा अपने वजूद को ज़ाहिद की बाहों से छुड़ाने की कॉसिश की थी।

मगर रज़िया बीबी अपने बेटे के हाथों की मस्ती और उस के जवान जिस्म की गर्मी की बदोलत आहिस्ता आहिस्ता अपने होशो हवास खोने लगी थी।

इसीलिए जब ज़ाहिद के होंठो और हाथों की मस्तियाँ रज़िया बीबी के लिए ना काबले बर्दाश्त हो गईं। तो डॉक्टर की कही हुई सारी बातों को नज़र अंदाज करते हुए रज़िया बीबी चिल्ला उठी "आआओ और अपनी माँ के पेट में पालने वाले अपने बच्चे को मेरी चूत के रास्ते प्यार करो ज़ाहिद्द्द्द्द्द्दद्ड! ।" ये बात कहते हुए रज़िया बीबी होटेल के बेड पर कमर के बल लेट गई।

"हाईईईईईईईईईईईईईईई! में कितना ख़ुसनसीब हूँ कि ना सिर्फ़ अपनी सग़ी बहन बल्कि अपनी सग़ी अम्मी को भी अपने लंड से प्रेगनेंट कर चुका हूऊऊऊऊं ।" रज़िया बीबी के बिस्तर पर लेटते ही ज़ाहिद ने कहा।

और फिर अपनी अम्मी की लंबी टाँगों के दरमियाँ बिस्तर पर लेट कर ज़ाहिद ने अपनी अम्मी रज़िया बीबी की मोटी फुद्दि में अपना मुँह डाल दिया।

अपनी अम्मी की चूत को अपने मुँह में भरने के साथ ही ज़ाहिद ने अपने एक हाथ को आगे बढ़ा कर अपनी अम्मी का एक भारी मम्मा अपने हाथ में लिया। और रज़िया बीबी के निपल को अपने हाथ से रगड़ते हुए एक बार फिर अपनी अम्मी की गरम छूट को दीवाना वार अपनी ज़ुबान से चाटने में मसरूफ़ हो गया।

"हा!, " ज़ाहिद का मुँह अपनी चूत पर पड़ते ही रज़िया बीबी एक बार फिर मचल उठी।

"उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़1 अपनी अम्मी की फुद्दि को चूसो, हाईईईईईईईईईईई!मेरी चूत के दाने को चातूऊऊऊऊओ1, "हाई! बेटा, शाबाश मेरे लाल,चूम लो मेरी चूत,चाट लो अपनी माँ की चूत, उफफफफफ्फ़1 तुम्हारे मुँह की गर्मी से तो मेरी चूत खिल उठी है, चूसो और खााआआअ! जाओ मेरी हमला फुद्दि को मेरी जनंननननननननणणन्!"रज़िया बीबी अपने बेटे की गरम ज़ुबान के आगे हार मानते हुए इतनी गरम हो गई कि वो बिस्तर से अपनी गान्ड उपर उठा उठा कर ज़ाहिद के मुँह पर इतने ज़ोर ज़ोर से अपनी चूत मारने लगी।

जैसे ज़ाहिद अपनी अम्मी की गरम चूत को चाट नही रहा हो। बल्कि रज़िया बीबी अपनी गीली चूत से खुद अपने जवान बेटे के मुँह को चोद रही हो।

अपनी अम्मी के गरम जोशी के इस अंदाज़ को देख कर ज़ाहिद के लंड में गर्मी की शिद्दत लम्हा ब लम्हा बढ़ने लगी।

ज़ाहिद इस वक्त अपने होंठो और अपनी गरम ज़ुबान से रज़िया बीबी की चूत का सारा हिस्सा चाट रहा था।

अपनी अम्मी की चूत चाटने के दोरान ज़ाहिद कभी कभी अपनी अम्मी की गान्ड में भी अपनी ज़ुबान डालता। तो मज़े की शिद्दत से रज़िया बीबी का जिस्म बिस्तर से उछल उछल जाता था।

कुछ देर अपने बेटे से अपनी चूत चटवाने के बाद रज़िया बीबी से सबर ना हुआ और वो बोली। ।"बसस्स्स्सस्स! अब डाल दो अपना लंड मेरी चूत में, और मेरी प्रेग्नेन्सी को मज़ीद पक्का कर दो बएटााआआआआअ!"

अपनी अम्मी की बात सुन कर ज़ाहिद रज़िया बीबी की टाँगों के दरमियाँ अपने मोटे लंड को रगड़ते हुए रज़िया बीबी के उपर चढ़ गया।

और अपनी अम्मी के मुँह में अपना मुँह डाल कर अपने लंड को रज़िया बीबी की चूत के होंठो के दरमियाँ रगड़ने लगा।

ज्यों ही ज़ाहिद का मोटा लंड रज़िया बीबी की चूत के होंठो से छुआ। तो रज़िया बीबी ने अपने हाथ से ज़ाहिद के लंड को पकड़ कर अपने बेटे के मोटे लंड की टोपी को अपनी हमला फुद्दि में डाल दिया।

झटका लगते ही ज़ाहिद का लंड तेज़ी से यूँ उस की अम्मी की चूत की गहराई में फिसलता चला गया। जैसे मुर्री की पहाड़ी की चोटी से फैंका हुआ कोई पत्थर वादी की तह में तेज़ी से गिरता चला जाता है।

ज्यों ही रज़िया बीबी को अपने बेटे का लंड अपनी चूत के मोटे होंठो को खोल कर अंदर आता हुआ महसूस हुआ। तो मज़े के अहसास से रज़िया बीबी ने अपने निचले होंठ को अपने दाँतों में दबा लिया।

"हाईईईईईईईईईईईई! चोद चोद कर मेरी चूत में जनम लेने वाले अपने इस बच्चे को बता दो, कि तुम ही उस के बाप हो ज़ाहिद ।" ज्यों ही ज़ाहिद ने अपना लंड अपनी अम्मी की चूत की गहराई में जड तक डाला। तो रज़िया बीबी ने अपना सिर तकिया के उपर से उठा कर अपने और ज़ाहिद के जिस्म के दरमियाँ देखा।

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