खानदानी निकाह 24

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तीसरी बेगम की चुदाई​
1.2k words
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Part 24 of the 67 part series

Updated 01/16/2024
Created 01/21/2022
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मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

भाग 24

तीसरी बेगम की चुदाई​

मैं झड़ने के बाद भी उसे किस करता रहा। करीब 30 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों ही साथ में झड़ चुके थे। लेकिन हम दोनों साथ में चिपक कर लेटे रहे l कुछ ही देर में मैंने खुद को अर्शी के बदन से खुद को उठा लिया, उसका सिर पीछे की ओर लुढ़का हुआ था, उसकी आँखें बंद थीं, मुश्किल से साँस ले रही थी। हालाँकि, उसका दिल तेजी से धड़क रहा था पर वह उस चरमसुख को अनुभव कर रही थी जिससे वह अभी-अभी गुज़री थी। मैंने चादर को देखा, तो उस पर खून लगा हुआ थाl मैंने उसे फिर से चूमा तो वह मुस्कुराने लगी और मुझसे चिपक गई.

अर्शी की ऐसी जबरदस्त चुदाई के बाद, अर्शी का भी सारा दम ही निकल गया और मैं हांफती हुयी तेज-तेज सांस लेती हुए, निढाल अर्शी की बगल में गिर गयाl भयंकर उत्तेजना के साथ चमकते हुए, मेरी आँखें अर्शी को ही निहार रही थीl वह भी तेज-तेज साँसे ले रही थे और उसके साथ ही उसके स्तन और निप्पल ऊपर नीचे हो रहे थेl जिन्हे देख कर मेरे लंड जो की अर्शी की चूत में ही था और झड़ने के बाद आधा ढीला हुआ था, फिर से खड़ा हो गया l मैंने उसकी चूत के गहरे और संकीर्ण मार्ग में अपना जो लंड घुसा कर रास्ता बनाया था, उसे मेरे रस ने चिकना कर दिया था।

वह धीरे-धीरे यही और लंगड़ाती हुई चुपचाप बाथरूम में चली गई मैं उसके साथ चला गया उसने शावर चला का खुद की धोया और धीरे से अपना हाथ मेरे शरीर के सामने घुमाया और हल्के से मेरे लंड को पकड़ लिया। मेरा लंड उसके हाथ में बड़ा और सख्त हो गया। वह मेरे से चिपक गयी और जैसे-जैसे वह अपना हाथ लंड पर आगे-पीछे करती रही और उसके सख्त निप्पल मेरी छाती पर दब गए हैं। उसने मेरी गर्दन के पिछले हिस्से को पकड़ा और मेरे मुंह को अपनी ओर खींच मुझे लंबा और जोर से चूमने लगी है। धीरे-धीरे अपनी जीभ को मेरे मुंह में डालने से पहले उसने मेरे ओंठो को चूसा। मैं अपने बालों में उसके हाथों को महसूस कर सकता था, वह हल्के से मेरे सिर को तब तक अपने पास खींच रही थी जब तक कि उसके ओंठ और जीभ लगभग पूरी तरह से मेरे मुँह में नहीं थे, उसने मेरे मुँह पर लगा अपने सह और रस का स्वाद चखा जो मेरे मुँह म तब लगा था जब मैंने उसकी चूत का रस चाटा था। उसने घुटनों पर बैठने से पहले मेरे नीचे के होंठ को हल्का-सा काटा। फिर उसने नीचे बैठ कर अपना गर्म, गीला मुँह खोला और मेरे लंड के सिरे को चाटा। मेरा एक हाथ उसके मुंह को आगे-पीछे करने में मदद कर रहा था और मैं वहा तब के किनारे पर बैठ गया और अपना दूसरा हाथ उसके पैरों के बीच घुमाया। । मैंने दो अंगुलियों को उसकी चूत में फिराया उसने नीचे झुककर मेरी उंगलियों से अपनी नमकीन मिठास चूस ली।

हमने तौलिया ले कर एक दुसरे को सुखाया और वापिस कमरे में आ गए हम बेडरूम में गए, अर्शी बिस्तर पर लेट गयी, उसने अपनी आँखें बंद कर लीं।

अर्शी लंगडाते हुए चल रही थी, मैंने अर्शी से पुछा। कैसी लगी तुम्हे पहली चुदाई? तो वह बोली बहुत दर्द हुआ लेकिन मुझे गर्व है कि इसको तुमने एक धक्के में ही फाड़ दिया फिर मजा भी बहुत आया। फिर वह बोली आपको नमकीन और कमसिन का मज़ा आया?

मैंने कहा तुमने सच कहा था कि ज़ीनत तो मीठी है और जूनि के साथ कमसिन और खट्टी मीठी का मजा आया लेकिन दोनों चिल्लाती बहुत हैं। अर्शी तुम गजब हौसले वाली हो। नमकीन और कमसिन का मजा तो तुम्हारे साथ ही आया और तुम मेरे बड़े लंड की चुदाई को आधे घंटे तक झेल गयी और तुम्हारी पहली चुदाई ने मेरा भी दम निकाल दिया।

ऐसे ही प्यार और मस्ती भरी बाते करते-करते मैंने उसके बदन पर हाथ फेरा और उसे चूमा और अपने अंगूठे और तर्जनी से उसकी जांघों के अंदरूनी हिस्से पर चुटकी ली। इस विधि का उपयोग करके मैंने उसे अपने पैरों को चौड़ा खोलने के लिए मजबूर किया। मुस्कुराते हुए, मैंने अपनी उंगली को उसके बहुत संवेदनशील सूजी हुए चूत के होंठों पर थपथपाया और अंदर डालने की कोशिश की चूत जबरदस्त चुदाई के कारण सूज गयी थी और बड़ी मुश्किल से मेरी ऊँगली थोड़ी-सी चूत में घुसी और उसकी सिसकारी निकल गयी और जिस्म कांप गया मैंने काम जारी रखा एक दम से उसने मेरा लंड पाकर लिए और दबा लिए।

अर्शी मुझे चूमने लगी उसके चेहरे पर वहशहत थी आँखें सुर्ख अंगारा हो रही थी ।। । एक दम वह आगे हुई और मेरे गले लग गयी और मुझे भींच लिया। मुझे अपने सीने पर उसके नरम-नरम रास मलाई जैसे बूब्स महसूस हुए, उसके बदन से आग निकल रही थी और जिस्म से मोगरे की हलकी-हलकी मस्त खुशबु आ रही थी जो मुझ पर नशा तारी किये जा रहा था। फिर मैंने भी उसके मखमली होंठों को अपने होंठों मैं दबा लिए और उसका शहद पीने लगा। वह भी भरपूर साथ देने लगी और जानवरों की तरह मेरे होंठ चूसने लगी। मैंने अपना हाथ उसकी चूत पर फेरा तो उसकी सिसकारी निकल गयी। आह! उह,

उसने एक हाथ से मेरा लंड पकड़ लिया और अपने सॉफ्ट हाथों से उसे सहलाने लगी। मेरा लंड फूल कर खीरा बन गया और उसके हाथ से बाहिर निकलने की कोशिश करने लगा। अब उसने दूसरा हाथ भी शामिल कर लिया और कभी मेरे लंड को और कभी मेरे अंडो को सहलाने लगी मैं भी उसकी फुद्दी पर ऊँगली चलने लगा जो की चुदाई के कारण बिलकुल सूज गयी थी और बिलकुल बंद थी।

मैं उसे लिए हुए बिस्तर पर लेट गया और हैवी किसिंग शुरू कर दी 15 मिनट किसिंग करने के बाद मैं दूर हुआ और आज स्पीड ब्रेकर को तोड़ने के बाद जो नयी-नयी सड़क बनी थी उस पर मुझे-मुझे अपनी बड़ी स्पोर्ट्स कार को फुल स्पीड से भागना था।

बिस्तर पर सीढ़ी लेटते हुए अर्शी ने अपनी बाँहें खोल दीं और मुझे अपने ऊपर आने का इशारा किआ उस का बदन काँप रहा था। मैं घुटनो के बल बैठ गया और उसकी चूत मैं ऊँगली डाली तो उसने मस्त कराह भरी उसकी सिसकीआं मुझे सब समझा रही थी। ।मैंने ऊँगली बाहर निकाली तो वह लैस दर पानी से भीगी हुई थी मैंने उसे चाटा तो नमकीन और स्ट्रांग टेस्ट महसूस हुआ। मैंने अपना मुँह उसकी रस भरी चूत पर रख दिया। मैंने पीछे दो तीन दिन चुदाई नहीं की थी इसलिए जब ऐसा नमकीन रसदार माल मिला तो मैं बोहोत अरसे बाद गोश्त खाने वाले की तरह हड्डी भी चूस के फेंकना चाह रहा था। मैंने उसे पकड़ लिया और दबा दिया और अपनी लम्बी ज़ुबान निकल कर उसकी चूत की लाइन पर फेरी तो वह मज़े से अपना सर इधर उधर करने लगी और अपने आप को मेरे रहमो करम पर छोड़ दिया...मैंने ज़ुबान को चूत के सुराख मैं घुसना शुरू कर दिया और फिर उसकी चूत के उभरे हुए और जूसी लिप्स को मुँह मैं दबा लिए और चूसना शुरू कर दिया।

उसके कुछ भी बोलने से पहले मैंने उसकी चूत पर जीभ फिरा दी। वह मीठे मजे के साथ कराह उठी। उत्सुकता से मैंने अपनी जीभ से, चूत के ओंठो को छेड़ते हुए चूत का मोटा दाना खोजा। उसके-उसके सबसे संवेदनशील तंत्रिका के ऊपर मेरे स्पर्श ने उसके कंपा दिया।

कहानी जारी रहेगी

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