अंतरंग हमसफ़र - रंगरलिया 03

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साहब आप अपने कपड़े क्यों उतार रहे हैं
1.4k words
3.75
401
00

Part 3 of the 18 part series

Updated 11/08/2023
Created 02/20/2022
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मेरे अंतरंग हमसफ़र-

मेरे दोस्त रजनी के साथ रंगरलिया

UPDATE 03​

'अरे साहब आप अपने कपड़े क्यों उतार रहे हैं?,' नीरा ने मुझ से पूछा।

'मैं अपने कपड़े उतारने के बाद तेरे कोवैसे ही चोदूंगा जैसी फिल्म मैं वह आदमी उस लड़की को चोद रहा है' मैंने जवाब दिया।

जब मैं नंगा हुआ तो मेरा लंड अपनी पूरी शान से बाहर निकल कर उछला। प्रोजेक्शन रूम में तनु ने जोर से सांस ली और कहा, 'माई गॉड रजनी! दीपक केपास एक दुर्जेय हथियार है। वह नीरा को अपने इस लंड से मार डालेगा।'

'चिंता मत करो, मुझे पता है कि दीपक ने नीरा जैसी कई लड़कियों का कौमार्य भंग किया है। सभी सुरक्षित हैं और सबने उसके साथ चुदाई का आनंद लिया है और लेने को लालायित रहती हैं।'

तनु ने अपने आप से धीरे से कहा, 'उसके बड़े लंड से चुदना एक सुखद और ययादगार अनुभव रहेगा।'

मैं नीरा का पीछा कर रहा था, मेरा लंड ऊपर-नीचे उछल रहा था, उसे पकड़ने की कोई कोशिश किए बिना। मैं उसके स्तनों को कूदते हिलते और नाचते हुए देखना चाहता था। उसके स्तन बिलकुल ढलके हुए नहीं थे इसलिए बहुत कम उछाल ले रहे थे । फिर मुझे अचानक इस बात का अहसास हुआ कि उसने ब्रा नहीं पहनी हुई है।

'उसने शायद पैंटी भी नहीं पहनी है और उसकी स्कर्ट के नीचे पूरी तरह से नग्न है,' मैंने सोचा।

'नीरा, तू चुदने की पूरी तय्यारी कर के आई है। तूने ब्रा नहीं पहिनी हुई है। मैं दावा के साथ कहता हूँ की तूने पेंटी भी नहीं पहनी हुई है,' मैं हँसा।

'नहीं, आप गलत हो,' नीरा ने शरमाते हुए जवाब दिया।

तो ठीक है अपनी स्कर्ट उठाओ और मुझे अपनी पैंटी दिखाओ. ' मैंने उसे चुनौती दी।

उसका चेहरा चुकंदर की तरह लाल हो गया लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया। वह स्क्रीन पर लगी देखते हुए मुझसे सफलतापूर्वक बचती रही। वह मदद के लिए चिल्लाने लगी, ' बाबूजी, दीदी, मुझे बचाओ। दीपक साहब मेरी कुंवारी छुट फाड़ना चाहते हैं

मैं एक पलंग से दूसरे पलंग पर उसका पीछा करता रहा और वह मदद के लिए चिल्लाती हुई भागती रही। जैसे शेर अपने शिकार के साथ खेलता है वैसे ही मैं नीरा के साथ खेल रहा था औरमुझे इस खेल में मजा आ रहा था ।

प्रोजेक्शन रूम में तनु ने अधीरता से कहा, 'रजनी ये दीपक इस सेक्सी पटाका लड़की को पकड़ क्यों नहीं रहा, उसे पकड़ कर उसके कपड़े फाड़ दे और अपने बड़े लंड को जल्दी से उसकी कुंवारी योनी में डाल क्यों नहीं रहा है।'

'दीपक ने मुझसे कहा था कि वह उसकी सहमति मिलनेके बाद से ही इस लड़की को चोदेगा। वह उसका रेप नहीं करेगा। शायद यही कारण है,' रजनी ने कहा।

'तब हम यहाँ पूरी रात इंतजार नहीं कर सकते हैं कि वह उसे चोदें। मुझे लगता है कि हमें उसकी मदद करनी होगी। चलो अपने कपड़े उतारो। तुम पहले जाओ, मैं बाद में चलूंगी,' तनु ने योजना को अपने ऊपर लेते हुए कहा।

जब नीरा ने दरवाजा खुलने की आवाज को सुना तो उसने सोचा कि मदद आ गई है और दरवाजे की तरफ भागी। दरवाजे के आधे रास्ते में उसने देखा कि रजनी पूरी तरह से नग्न छत की ओर इशारा करते हुए, अपने सीधे लंड को पकडे हुए प्रवेश कर रहा है। धीरे से रोते हुए वह सुरखा के लिए वापस भाग गई।

हम दोनों हंस पड़े। रजनी ने कहा, ' नीरा, आज तेरी चुदाई तौ होनी ही है। प्यार से मान जा।

जवाब देने के बजाय वह फिर मदद के लिए चिल्लाई, ' दीदी, मुझे बचाओ। बाबूजी भी मुझसे चुदवाने के लिए कह रहे हैं।

उसके रोने के जवाब में तनु चिल्लाई, 'नीरा, मैं अभी आती हूँ। घबराओ मत सब ठीक हो जाएगा।'

इससे उसे अपना कौमार्य बचाने की उम्मीद हुई और उसने राहत की सांस ली।

तनु की आवाज सुनकर मैं हैरान रह गया। 'रजनी, क्या चल रहा है? तनु को तो हमारी योजना के बारे में कुछ भी नहीं मालूम था,' मैंने पूछा।

'आप सही कह रहे हैं लेकिन जब मैंने नीरा को नीचे सभागार में जाने के लिए बोलै तो उसे शक हुआ। मैं उससे झूठ नहीं बोलना चाहता था और मैंने सब कुछ कबूल कर लिया। चिंता मत करो सब नियंत्रण में है,' रजनी ने उत्तर दिया, 'तनु तुम्हारे लंड के आकार पर मोहित है। मुझे लगता है कि वह तुमसे चुदवाना चाहती है।'

इससे पहले कि मैं कुछ कहता तनु अपने बर्थडे सूट में ऑडिटोरियम में दाखिल हुई। जब नीरा ने देखा कि तनु भी नग्न है, तो वह पीछे हट गई और रोने लगी।

'दीदी, आप भी इनके साथ मिली हुई हो,' उसने रोते हुए कहा।

उस दिन मैंने तनु को पहली बार नग्न देखा। उनके स्तन दिखने में जितने बड़े थे, उससे कहीं ज्यादा बड़े थे। वे बहुत कम या बिना शिथिलता के कठोर थे। उनके हल्के भूरे रंग के निप्पल जो गुलाबी लगते थे सख्त और तने हुए थे। उसके पूरे शरीर पर किसी भी तरह का एक भी धब्बा नहीं था। उसकी योनी उसके चेहरे की तरह सुंदर थी। उसकी योनि पूरी तरह से बालों से रहित थी और एक अच्छी तरह से विकसित और सीधा कठोर भगशेफ उसकी योनी होंठों के बीच दिखाई दे रहा था।

इस नजारे ने मेरे लंड को पहले से सख्त और थोड़ा और बड़ा कर दिया। मेरे लंड से प्री-कम की एक बूंद निकली। मेरा लंड अब तनु को चोदने के लिए उत्सुक हो गया। इस समय अगर मुझे नीरा की कुंवारी चुत और तनु की परिपक्व योनी के बीच चुनाव दिया जाता तो मैं निसंकोच तनु की चुदाई के लिए चुनता।

बिना कोई जवाब दिए तनु सीधे नीरा के पास गई और उसे आगोश में लेकर उसे गले से लगा लिया। नीरा शांत हो गई और रोना बंद कर दिया। तनु ने उसके आंसू पोंछे और धीरे से बोली, 'डरने की कोई बात नहीं है। यह दिन हर लड़की के जीवन में आता है। आपको बहादुर बनना होगा। चुदाई में एक लड़की को अपनी योनि रगड़ने से कहीं अधिक आनंद का अनुभव होता है।' और हमसब नंगो के बीच में तुम इतने कपडे क्यों पहने हुए हो?

जब तनु नीरा से बात कर रही थी, इस बीच उसने नीरा के ब्लाउज को खोल दिया और उसके स्तनों को धीरे से दबाया।

नीरा कराहने लगी।

हम नीरा के छोटे सख्त स्तन देख रहे थे, नीरा के निप्पल ऐसे खड़े थे जैसे दो बंदूकें हमारी ओर इशारा कर रही हों। तनु ने उसका ब्लाउज उतार दिया और उसकी स्कर्ट के बन्धन खोल दिए। स्कर्ट उसके पैरों के चारों ओर फर्श पर गिर गई, जिससे उसकी कुंवारी योनी हमारी दृष्टि में आ गई। जैसा कि मैंने अनुमान लगाया कि उसने पेंटी नहीं पहनी हुई थी।

सहज भाव से नीरा ने अपनी योनी के सामने अपना हाथ हमारी निगाहों से छिपाने के लिए रख दिया। तनु ने हाथ हटाते हुए कहा, ' अपनी चूत को क्यों छुपा रही हो। ये बहुत ही प्यारी है। देखने दे इनहैं।

नीरा की योनी पर एक भी बाल नहीं था। उसके योनी होठों को आपस में कसकर चिपके हुए थे। नन्ही-सी भगशेफ, उत्तेजना से सख्त और सीधी, उसके योनी के होठों से झाँक रही थी। तनु ने अपनी उंगलियों से नीरा के क्लिट को हल्के से दबाया। खुशी का एक छोटी-सी कराह नीरा के मुह से निकल गयी।

कुछ मिनटों तक योनी को सहलाने के बाद, तनु ने घोषणा की, 'नीरा, अब तेरी चूत चुदाई के लिए तैयार हो गई है' और उसे बिस्तर की ओर ले जाकर लेटा दिया।

फिर उसकी टांगों को मोड़कर अलग करते हुए बोली, 'लड़कों, देखो नीरा का प्यारा-सा योनि का छेद, जबकि यह अभी भी छोटा है ।।'

नीरा की चुदाई का छेद वाकई बहुत छोटा था। उसे देखने से लग रहा था कि मेरी छोटी उंगली भी उसमें प्रवेश नहीं करेगी। तनु लड़की के बगल में बैठ गई, फिर भी अपनी उंगली को योनी के होठों के बीच धीरे-धीरे घुमा रही थी। नीरा अपनी आँखें बंद करके लेट गई, हांफ रही थी और थोड़ा कांप रही थी, अपनी कुंवारी योनी लंड के हमले की प्रतीक्षा कर रही थी।

'दीपक, वहा खड़े-खड़े क्या देख रहे हो? यहाँ आओ और नीरा का कौमार्य भंग करो आओ इसकी योनि फाड़ दो' तनु ने कहा।

इन आदेशों को सुनकर नीरा ने अपनी आँखें खोलीं। ' नहीं दीदी, दीपक साहब नहीं। उन का लौड़ा बहुत बड़ा है। बाबूजी से कहो वह मेरी चूत फाड़े, नीरा ने उत्तेजित स्वर में विनती की और उठने लगी।

तनु ने उसे बिस्तर पर पीछे धकेल दिया और हंस पड़ी, ' पगली, बेवकूफ लड़की, अगर बाबूजी ने ही तेरी चूत फाड़नी होती तो वह तेरी चूत उसी दिन न फाड़ देते जिस दिन तू यहाँ काम करने आई थी। नहीं ये काम दीपक साह्ब ही करेंगे।

कहानी जारी रहेगी

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