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मैं अपनी पत्नी प्रीती को अपनी अभी तक की अंतरंग हमसफर लड़कियों के साथ मैंने कैसे और कब सम्भोग किया। ये कहानी सुनाते हुए बता रहा था की, किस तरह मेरी फूफरी बहन की पक्की सहेली हुमा की पहली चुदाई जो की मेरे फूफेरे भाई टॉम के साथ होने वाली थी। टॉम को बुखार होने के बाद मेरे साथ तय हो गयी। फिर सब फूफेरे भाई, बहनो और हुमा की बहन रुखसाना तथा मेरी पुरानी चुदाई की साथिनों रूबी, मोना और टीना की मेरी और हुमा की पहली चुदाई को देखने की इच्छा पूरी करने के लिए सब लोग गुप्त तहखाने में बने हाल में ले जाए गए। मैं दुल्हन बनी खूबसूरत और कोमल मखमली जिस्म और संकरी चूत वाली हुमा ने अपना कौमर्य मुझे समर्पित कर दिया उसके बाद मैंने उसे सारी रात चोदा और यह मेरे द्वारा की गई सबसे आनंदभरी चुदाई थी। उसके बाद सब लोग घूमने मथुरा आगरा, भरतपुर और जयपुर चले गए और घर में एक हफ्ते के लिए केवल मैं, हुमा और रोज़ी रह गए। जाते हुए रुखसाना बोली दोनों भरपूर मजे करना। उसके बाद मैं और हुमा एक दूसर के ऊपर भूखे शेरो की तरह टूट पड़े और हुमा को मैंने पहले चोदा और फिर उसके बाद बहुत देर तक चूमते रहे।
उसके बाद मैं फूफा जी के कुछ जरूरी कागज़ लेकर श्रीमती लिली से मिलने गया पर इस कारण से हुमा नाराज हो कर चली गयी । लिली वास्तव में बहुत सुंदर थी और उसका यौवन उसके बदन और उसके गाउन से छलक रहा था। उसके दिव्य रूप, अनिन्द्य सौन्दर्य, विकसित यौवन, तेज। कमरे की साज सज्जा, और उसके वस्त्र सब मुझ में आशा, आनन्द, उत्साह और उमंग भर रहे थे। मैंने लिली की जांघो और उसकी टांगो को चूमा और सहलाया फिर उसकी योनि के ओंठो को चूमा, चूसा और फिर मेरी जीभ ने उसके महीन कड़े भगशेफ की खोज की, मैंने उसे परमानंद में चूसा, और उसने मेरा मुँह अपने चुतरस से भर दिया।
लिली ने लंड को पकड़ लंडमुड से भगनासा को दबाया और योनि के ओंठो पर रगड़ा और अपनी जांघो की फैलाते हुए योनि के प्रवेश द्वार पर लंड को लगाया और उसने अपने नितंबों को असाधारण तेज़ी और ऊर्जा के साथ ऊपर फेंक दिया। मेरा कठोर खड़ा हुआ लंड लिली की टाइट और कुंवारी चूत के छेद में घुस गया और मैंने लिली को आसन बदल कर भी चोदा। मैं पास के कमरे में गया वहां हुमा थीं। हम दोनों एक दूसरे की बांहो जकड़ कर जन्नत के आनंद का मज़ा लिए और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा।
कुछ देर बाद पर्दा हटा कर मैंने लिली के कक्ष में झाँका और मैंने वहाँ बिस्तर पर गहरी नींद में सोई हुई प्यारी परम् सुंदरी लिली को देखा। मैं अपने उत्तेजित और झटकेदार उपकरण के सिर और बिंदु को उसके निचले आधे हिस्से के बिल्कुल सामने ले आया और फिर मैंने एक झटके में ही लंड मुंड को अंदर कर दिया! मेरा लंड एक बार फिर झड़ने के बाद कठोर ही रहा और उसे देख लिली थोड़ा आश्चर्यचकित हुई और मैंने उसने अपने ऊपर आने के लिए उत्साहित किया। हुमा भी घण्टे की आवाज़ से जग गयी थी और मुझे ढूँढते हुए लिली के कमरे में पता नहीं कब आ गयी थी लिली की चुदाई देखने के बाद हुमा भी मेरे साथ चिपक गयी। फिर मैंने हुमा और लिली की रात भर चुदाई की। अगले दिन लिली बोली अब तुम्हे मेरी दोनों बहने भी चाहती हैं और तुम्हे उन्हें भी चोदना होगा। दीपक मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि मेरी बहनें मिली सबसे बेहतरीन महिला हैं और एमी बहुत कमसिन है। मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रखते हुए उत्तर दिया मैं अपने आप को पूरी तरह से आपको समर्पित करता हूँ और आपकी सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ूंगा और हमने उसकी कार से हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान किया।'
कार में मैं मिली की बगल में बैठा उसे निहार रहा था और यह वास्तव में बहुत सुंदर थी, मैंने उसकी पतली कमर ने अपनी बाहों डाल कर उसे कसकर गले से लगा लिया, उसे चूमा और अपना हाथ उसकी जांघों के बीच में धकेल दिया और मुझे उसकी झांटों के बीच योनि के नंगे होंठ महसूस किये। मैंने मिली को एयरपोर्ट से घर के रास्ते के बीच में ही चोद दिया।
घर में मिली मुझे खींच कर अपने कमरे में ले गयी।अगले कुछ ही पलो में हम दोनों चुंबन करते हुए नग्न हो गए और बिस्तर में एक दुसरे के साथ गुथम गुथा हो गए। उसके बाद तय हुआ एमी के कौमार्य भंग करने का कार्यक्रम कल रात के लिए रखा गया और आज रात मैं लिली और मिली को समर्पित की जायेगी।
अंत में जब तय समय हो गया तो मैं उठा और मिली के कमरे में गया और फिर मिली, लिली और एमी को चुंबन किया। फिर नंगी मिली को अपनी घुटनों पर बिठा कर उसके कांपते हुए ओंठो पर चुंबन किया। फिर मैंने सपना को अपने पास बुलाया और मैंने उसकी पीली नीली पोशाक की टॉप को उसकी कमर तक फाड़ दिया। इसके स्तनों को पकड़ लिया और उन्हें सहलाने लगा।उसकी गर्म गुलाबी योनि को बहुत सहलाया और उसका सौंदर्य निरिक्षण किया और सपना को उसके स्थान की तरफ जाते हुए मैंने उसके नितम्बो के गालों को बारी-बारी से तनावग्रस्त और ढीले होते हुए देखा।
उसके बाद हुमा चुनी गयी और मैंने उसके पकडे निकाले और चुकी वो मुझ से झगड़ कर और नाराज होकर चली गयी तो मुझे लगा उसे दण्डित किया जानना चाहिए। मैंने हुमा को हलकी से सजा दी और उसे माफ़ कर दिया।मिली ने अपने सेक्स ज्ञान का मुझे थोड़ा सा नमूना दिया तो मैंने उसे तुरंत अपना सेक्स गुरु बना लिया।
मिली में मेरा प्रक्षिक्षण शुरू करते हुए अपने होठं मेरे होठ से लगा दिये और किस किया और बोली तुम तो बहुत ही अच्छी किस करते हो दीपक। मैं तो सोच रही थी तुमको किस करने की भी ट्रेनिग देनी पडेगी लेकिन ऐसा लगता इसकी कोई जरूरत नहीं है। फिर वो बोली अब तुम पहले लिली के साथ मजे ले लो फिर तुम्हारा प्रशिक्षण जारी रहेगा। मिली ने मेरे साथ एक लम्बा और गहरा गर्म चुंबन किया और फिर बोली तुम एक हीरे हो जिसे मैं ट्रैन करके पोलिश कर के चमका दूँगी ।फिर लिली ने मेरा लुंगी में से मेरा लंड निकाल लिया और उसे चूसा।
मैंने हुमा, लिली, सपना और मिली जो की पूरी तरह से नग्न थी उन चारो को अगले आदेश तक फिल्मफेयर अवार्ड ट्रॉफी की डांसिंग लेडी की मुद्रा में खड़े रहने के लिए कहा। "घट कंचुकी" मैंने लिली के सामने आकर उसके गुलाब के फूल जैसा मुँह और चेरी जैसे ओंठो को किस किया मानो मैं किसी बेहद खूबसूरत बुत को प्यार कर रहा हूँ। उसके बाद मैंने लिली को चोदा। एमी और बाकी तीनो कुंवारी लड़कियों ने पहली बार चुदाई साक्षात देखी थी। फिर मैंने लंड की साफ़ किया और कुछ खा पि कर ऊर्जा प्राप्त करअगले सत्र की तयारी की और मैं तरोताजा महसूस कर रहा था।
फिर मैंने हुमा को घोडी बना कर पीछे से चोदा और उसके बाद लंड बाहर निकाल कर लड़कियों को पुरुष का स्खलन कैसे होता है दिखाया।फिर मिली ने ऊँगली और मेरे लंड के जादू का अनुभव किया । फिर मिली ने मुझे सपना की पहली चुदाई के लिए अपने कमरे में बुलाया। उसके बाद मैंने सपना की पहली चुदाई करके उसका कौमार्य भंग किया । उसके बाद जब सब सोने चले गए तो सपना चुपके से मेरेकमरे में मेरे पास आयी और मेरे से लिपट गयी
अंतरंग हमसफ़र भाग 78 से उद्धृत :
"सपना की आँखे बंद थी और आधी मूर्छा आधी नींद की हालत में वह मुझसे लिपट गई और मुझे अपनी बाँहों में खींच लिया। वह अभी भी पूरी तरह से नग्न थी, जैसे ही मैंने लड़की के होठों पर चुंबन किया और उसे अपनी बाहों में निचोड़ लिया, वह जाग गई और महसूस किया कि उसे ऐसे दबाने वाला उसका साथी उसका प्रेमी है जिसने उसका कौमार्य भनग किया है, वह मेरे करीब आ गई और एक बार फिर उसकी बाधित नींद में जाने के लिए तैयार हो गई।
मैंने उसकी पतली नग्न कमर के चारों ओर अपनी बाहों को धीरे से घुमाया, चिकने, लोचदार, नंगे मांस की अनुभूति में और उसके दिव्य रूप को अपनी जलती हुई नग्नता के करीब से दबाते हुए, मैंने उसके चेरी जैसे होठों पर जोश से चूमा। इन तूफानी दुलारों के कारण, सपना ने अपनेी आँखों को खोल दिया, और मेरी वासना को भांपते हुए, मेरे कुचलने वाले आलिंगन से बचने के लिए बिस्तर पर बेचैनी से पीछे होने की कमजोर कोशिश की। उसका पहली बार चुदाई करवाने का जुनून पहले ही तृप्त हो चुका था और इसके अलावा, उसे अपना कौमार्य खोने का दर्दनाक अनुभव याद था और अब भी उसकी योनि का घाव कुछ कच्चा था और हमारे पहले संभोग के दौरान प्राप्त खिंचाव और घर्षण से योनि दर्द से धड़क रही थी और फटे ऊतक अभी भी काफी दर्द कर रहे थे।
"नहीं, नहीं, अब आप सोना मत," मैं बोला। "मुझे अपनी प्यारी प्रेमिका को महसूस करने और दुलार करने की अनुमति दी जानी चाहिए। मैं जानना चाहता हूँ कि आप कितनी बुरी तरह घायल हुई हैं। जिस तरह से आपने पहले संभोग के दौरान दर्द महसूस किया था, तो मुझे उम्मीद थी आप काफी देर तक नींद में रहेंगी लेकिन आप खुशी से गर्म और गुलाबी-गाल के साथ बहुत प्यारी लग रही हैं। आओ, मैं देखता हूँ कि कितना नुकसान हुआ है!" मैंने अपना एक हाथ उसकी कमर पर से हटाकर उसकी जाँघों के बीच में सरका दिया ।"
अब आगे
मैंने काँपते हुए मांस को अलग कर दिया; फिर, उसके नग्न पेट के निचले हिस्से पर, उसके रेशमी योनि क्षेत्र के ऊपर अपना हाथ चलाते हुए, मैंने धीरे से उसकी योनि के होंठों को विभाजित किया और एक तेजतर्रार तर्जनी को ओंठो भीतर डाला।
मेरे स्पर्श पर सपना कराह उठी, लेकिन मुझे रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। जैसे ही मेरी चुभती हुई उंगली उसके फांक में ऊपर की ओर उठी, अंतत: फटे हुए हिस्से पर आकर, उसने दर्द की एक छोटी सी चीख दी और खुद को मेरी ऊँगली से दूर खींचने का प्रयास किया। मैंने उसके चीख को सुन कर अपनी उंगली वापस ले ली और सके स्तनों और पेट के साथ खिलवाड़ करके, अपनी उंगलियों के बीच नरम सफेदचिकनी त्वचा को सहलाया और उसके मुस्तैद प्रहरी जैसे निपल्स को तब तक सहलाया जब तक कि कठोर और खड़े नहीं हो गए, जैसे कि वो स्त्री आकर्षण के आक्रमणकारी के खिलाफ युद्ध करने के लिए त्यार ।
इन स्पर्शों और दुलार ने मुझ पर भी प्रभाव डाला; मेरे अंदर के जोशीले आदमी ने अब महसूस किया कि मेरी भावनाएँ एक उभरती हुई अवस्था में उठ रही है. मेरी छड़ी कड़ी होने लगी थी और अपनी सतह पर मजबूती से खड़ी थीं, अत्यधिक इरेक्शन की स्थिति में थीं; सूजा हुआ सिर और विशाल लंबाई सपना की नंगी जाँघों से ऐंठने वाले झटके में टकराती है। उसे अपने पास रखते हुए, मैंने अपने बोल्ड हाथों को सुंदर लड़की के फिगर के ऊपर बेतरतीब ढंग से घूमने दिया।
हम दोनों कंधे से कंधा मिलाकर लेट गए, मेरा बायां हाथ उसके चारों ओर घूम रहा था, जबकि मेरा दाहिना हाथ उसके स्तनों के साथ थोड़ा सा खेलकर उसकी योनी के ऊपर चला गया।फिर मैंने उसका हाथ थाम लिया और धीरे से उसे अपने लंड पर ले गया, जो अभी भी आधा कड़ा था।
"नीचे जाओ और उस वस्तु को महसूस करो जो इस हंगामे का कारण है," मैंने उससे कहा। मेरी नब्ज अब तेजी धड़क रही थी । "इसे मेरे लिए दबाओ और वैसे ही छलांग लगाओ जैसे तुमने पहले किया था। अब आओ।"
एक प्यारी सी मुस्कान के साथ वह उसके साथ खेलने लगी, कभी उसे सहलाने, कभी दुलार करने, मेरी गेंदों को महसूस करने लगी और जाहिर तौर पर प्रसन्न थी। कहने की जरूरत नहीं है कि उसकी छेड़छाड़ से मेरे अंग में जीवन लौटने के लक्षण दिखने लगे और जल्द ही यह फिर से कड़ा हो गया ।
'अरे कुमार! आप फिर से तैयार हो!' उसने लंड से खेलना जारी रखा. 'हाँ जान! आपका धन्यवाद!' मैं कृतज्ञता के साथ उसे चुंबन कर बोला 'और तुम?' तो सपना शरमा गई, फिर कामुकता से उसका बदन कांपने लगा क्योंकि मेरी उंगली उसकी योनी के गर्म और नम अंदरूनी हिस्से में फिसल गई - अब जवाब की कोई आवश्यक नहीं थी क्योंकि उसकी योनि की नमी, उसके बदन का कम्पन उसकी तत्परता दर्शा रही थी । मेरा लंड अब पूरी इरेक्शन में था । मैं फुसफुसाया, ' अब इसे आप अपने अंदर डाल लो प्रिय!' उसने हैरानी से मेरी ओर देखा। मैं फिर फुसफुसाया, 'मेरे ऊपर आओ और पैर फैलाओ, प्रिय! ठीक है, अब इसे पकड़ लो और इसे अपनी योनी में डाल दो!' सपना ने पहले तो झिझकते हुए मेरी बात मानी, लेकिन जब उसने मेरे प्रचंड लंड को अंदर लेने के लिए मेरे अपर हो कर नीचे होना शुरू किया तो उसने मेरी इस चाल को समझ लिया और लंड को योनि के द्वार पर लगा कर पूरी ताकत से मेरे ऊपर बैठ गयी।
"अद्भुत, सपना, अद्भुत!" मैंने फुसफुसाया, अपने ज्वलंत चेहरे को उसके निप्पल-कठोर स्तन में दबा दिया
जल्द ही उसने योनी में लंड को जकड़ लिया, फिर वो अपने ओंठ धीरे से मेरे ओंठो के पास लायी और मुझे चूमा और बड़बड़ाते हुए कहा, 'ओह,! कितना स्वर्गीय!' जैसे कि कुछ कामुक हरकते करते हुए वो मेरे ऊपर शानदार ढंग से बैठ गयी उसकी आँखें खुशी से चमक उठीं क्योंकि मेरी बाहें उसके चारों ओर गईं और उसे मैंने आलिंगन में कैद कर लिया।
जहां तक मेरी बात है, मैं आनंद के सातवें आसमान में था, जब मैं सपना के नीचे लेटा था, उसकी नम, गर्म और धड़कती हुई योनी में अपनी लंड को घुसा कर उसके सुंदर धड़कते नग्न शरीर को अपनी बाहों में जकड़ा हुआ था। उसके भरे हुए बड़े स्तन मेरी छाती पर चिपके हुए थे, हमारी आँखें सीधे एक-दूसरे की ओर देख रही थीं, उसके पके होंठ मेरे ऊपर के ओंठो पर टिके हुए चुंबन कर रहे और हमारी सांसें आपस में मिल गई थीं।
हमने अपने आपसी उत्साह में लंबे भावुक और गर्म चुंबनों का आदान-प्रदान किया । हम दोनों उस पल की उत्कृष्ट संवेदनाओं में लीन थे और हमारे ओंठ आपस में जुड़े हुए थे इसलिए हम थोड़ी देर के लिए चुप हो गए, । 'कुमार! अब क्या मुझे कुछ करना है?' कुछ देर बाद सपना फुसफुसायी । 'अभी कुछ नहीं, प्रिय,' मैंने धीरे से उत्तर दिया- 'जैसे तुम हो वैसे ही रहो और मुझ पर कुछ पल आराम करो, लेट जाओ, प्रिय, और मुझे आपके बदन के स्पर्श का आनंद लेने दो। हम मीठी-मीठी बातें करेंगे, कुछ देर तक समय समय पर एक-दूसरे को चखेंगे, फिर जब हम अब और इंतजार नहीं कर पाएंगे तो आपको... मुझे ऐसे ही चोदना होगा-इस बार सारा काम आपको करना होगा!
' 'ओह, कुमार. वो खुशी से बड़बड़ाई, उसकी आँखें फिर से चमक उठीं - और अनजाने में वह अपने आप को उत्तेजित करने लगी। जल्दी से मैंने अपने हाथों को उसकी पीठ के नीचे तक पहुँचाया और उसके शानदार मोटे मांसल नितंबों को पकड़कर मैंने उसकी हरकतों की जाँच की, फुसफुसाते हुए, 'स्थिर रो, सपना! लेट जाओ, प्रिय-इस तरह तुम हम दोनों के इस मिलान को छोटा कर दोगी!-इस पल के आनंद को लम्बा करो और जब हम इसका लम्बे समय तक आनद लेंगे तो हमारा मजा और भी बढ़ जाएगा ।
'ओह, कुमार! मैं खुद को रोक नहीं सकती वो लगभग बेहोशी में बड़बड़ाई, फिर अचानक उसकी सांस तेज चलने लगी, उसकी आँखें आधी बंद हो गईं और उसके अंदर एक कम्पन उठा जिससे वो कांपने लगी। वो स्वयं ही अपने चार्म पर पहुंची और जब मैंने उसके नितम्बो को कोमलता से थपथपाया। फिर उसने अपनी नम आँखें मेरी ओर उठाईं, और फुसफुसाते हुए मुझे उत्साह से चूमने लगी 'ओह, कुमार वह बहुत अच्छा था! अब मैं चुप रहूँगी, एक अच्छी लड़की बनूँगी औरआपकी बात मानूंगी!' और फिर से उसने स्वेच्छा से मेरे साथ चिपक गयी । मैंने अपने हाथों को उसके नीचे से उसके स्तनों पर स्थाले गया और उसके स्तनों को प्यार से सहलाया क्योंकि वे मेरे सेने पर टिके हुए थे, और फिर हम थोड़ी देर के लिए चुप हो गए।
कुछ देर बाद वह मेरे कान में फुसफुसायी, कुमार आपका आज क्या कार्यक्रम है? मुझे लगता है आज आपको एमी के पास जाना चाहिए!
क्या उसने तुमसे कुछ कहा है?
'नहीं,! 'सपना ने उत्तर दिया, 'लेकिन मुझे यकीन है कि वह चाहती है कि आप... उसे चोदें, प्रिय! पहले लिली औअर फिर मिली और फिर मुझे आपकी बाँहों में देखकर वो बहुत उत्तेजित हो गयी है -तुम्हें उसके सवाल सुनने चाहिए थे जब हम मेरे कमरे में थे.
कहानी जारी रहेगी