अंतरंग हमसफ़र भाग 086

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कौमार्य भंग
2.9k words
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103
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Part 86 of the 342 part series

Updated 03/31/2024
Created 09/13/2020
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मैने नज़रें उठा कर उसकी तरफ देखा और बोला केएमी आज मैं तुमको इतना और ऐसा मज़ा दूँगा के तुमने कभी स्वप्न में भी नहीं सोचा होगा और एमी को अपनी गोद में खींच लिया। उसकी पीठ मेरी छाती से चिपक गयी और मैने उसकी बगलों से हाथ डालकर उसके दोनों मम्मे अपनी हाथों में ले लिए. जैसे मेरे हाथों में दो टेन्निस बॉल्स आ गयी हों। बड़े-बड़े और टाइट स्तनो को मैने प्यार से उन्हे दबाया और फिर उन्हें अपने हाथों में ऐसे भरा के मेरी उंगलियाँ उनके नीचे, हथेलिया दोनों साइड्स में और दोनों अंगूठे उसके चूचको के थोड़ा ऊपेर थे। उसके दोनों निपल्स संकुचित हो कर अंदर को धन्से हुए थे। मैने अपने दोनों अंगूठे नीचे किए उसके चूचकों पर तो मुझे ऐसा लगा के जैसे दो रूई के फाहे मेरे अंगूठों के नीचे आ गये हों। इतने मुलायम और नरम थे उसके चूचक। मैने अपने अंगूठों और उंगलियों से दोनों मम्मों पर हल्का-सा दबाव बढ़ाया तो उसके दोनों निपल्स तेज़ी से उभर कर बाहर को आ गये और मैने बड़े प्यार से उनको सहलाना शुरू किया। एमी के मुँह से ओह आह्हः आहाये अयाया, ऊउउउउह की आवाज़ें आनी शुरू हो गयीं।

उसने भी दोनों बाहें मेरी पीठ पर लेजाकार मुझे ज़ोरों से कस लिया। ऐसा करने से उसकी उत्तेजना थोड़ी कम हुई और उसने अधखुली आँखो से मेरी तरफ बड़े प्यार से देखा। मेरा लंड उत्तेजना के मारे ऊपेर नीचे होने लगा।

मैं धीरे से उठा और एक तकिया उसके ऊसर एक टॉवल उसकी गांड के नीचे रख दिया और साइड में राखी क्रीम की बॉटल उठा कर थोड़ी-सी क्रीम उसकी चूत में और थोड़ी-सी अपने लंड पर लगा दी। फिर मैने उसकी टाँगें उठा कर ऊपेर कर दी और उनके बीच में आ गया।

कुछ ही देर में योनि के प्रेम रस में लंड पूरी तरह डूब चुका था। उसकी योनि का रस उसकी जांघों पर बहने लगा था जिससे जांघो पर चिपचिपपा-सा महसूस हो रहा था। मैंने लंड को थोड़ा आगे किया और उसकी योनि के पास बैठ गया । मैंने अपने दोनों पैर आपस में सटा लिए थे ताकि एमी को अपने पैर ज्यादा न फैलाने पड़े। मेरे हाथ वापस उसके स्तनों तक आ चुके थे। उसकी उंगलियाँ मेरे लंड को छू रही थी। लंड उसकी योनि और जांघो के बीच की इसी तंग गली में उछल कूद कर रहा था। वह इस गली की चौड़ाई कम ज्यादा करती और लंड खुद उछलने लगता। बीच-बीच में लंड योनि के पास जाता और चुंबन कर फिर उछलने लगता मिलन के बाद लंड का उछलना तेजी से बढ़ जाता।

मिली ने कहा के एमी अब तुम्हें हिम्मत से काम लेना होगा पहले पहल थोड़ा दर्द होगा जो तुम्हे सहना होगा और उसके बाद ही तुम्हे स्वर्ग का आनंद भी मिलेगा और अमीने उसे चूमा और कहा मैं पूरी कोशिश करूँगा के दर्द कम से कम हो ।

एमी ने अधखुली आँखों से मेरी तरफ देखते हुए सहमति में अपनी गर्दन हिला दी। मेरा नाभि प्रदेश बिल्कुल सपाट था। मेरा लंड फिर से कठोर होकर छत की तरफ देख रहा था। उसके अपनी पीठ टिका कर अपना एक पैर उठाकर मुझे अपने दोनों पैरों के बीच ले लिया। अब मेरा लंड उसकी योनि के ओंठो कोचुने वाला था मैंने अपने आप को संतुलित करते हुए अपनी कमर को नीचे करना शुरू किया। जैसे-जैसे मैं नीचे आ रहा था उसकी धड़कन तेज हो रही थी और नीचे आने पर लंड ने उसकी योनि को छू लिया। योनि अब पूरी तरह प्रेम रस में डूबी हुई थी। लंड के भी मुँह पर प्रेम रस लिपटा हुआ था। मैंने लंड का मुँह योनि के मुंह के पास जाने दिया। दोनों ने एक दूसरे का स्पर्श किया। मैंने हाथ से उसके नितम्बो को सहलान शुरू किया ।

मुझसे और बर्दाश्त नहीं हो रहा था मैंने लंड कोयोनि के मुख पर रगड़ना शुरु कर दिया। वह भी अपनी हथेली से लंड को सहारा देकर अपनी योनि को आगे पीछे करने लगी। थोड़ी देर में उसका कंपन भी अतिरेक तक पहुँच गया। उसके पैर तनने लगे थे। मेरी पकड़ स्तनों पर और ज्यादा हो गई थी। कुछ ही पलों में योनि से खुशी के आंसू झर-झर बह रहे थे। मेरा हाथ भी प्रेम रस से सराबोर हो चुका था। योनि और लंड दोनों बहुत संवेदनशील हो गए थे ।

कुछ ही देर में योनि के प्रेम रस में लंड पूरी तरह डूब चुका था। उसकी योनि का रस उसकी जांघों पर बहने लगा था जिससे जांघो पर चिपचिपपा-सा महसूस हो रहा था। मैंने लंड को थोड़ा आगे किया और उसकी योनि के पास बैठ गया । मैंने अपने दोनों पैर आपस में सटा लिए थे ताकि एमी को अपने पैर ज्यादा न फैलाने पड़े। मेरे हाथ वापस उसके स्तनों तक आ चुके थे। उसकी उंगलियाँ मेरे लंड को छू रही थी।

मैने उसकी टाँगें चौड़ी करते हुए अपने लंड को उसकी चूत पर टीका दिया और उस पर रगड़ने लगा और एक दो बार लंड से उसकी भगनासा को छेड़ा। फिर थोड़ा-सा दबाव डाला और मेरे लंड का सुपाड़ा उसकी चूत के मुँह पर लगा दिया मैं अपने एक हाथ के अंगूठे से उसके भग्नासे को दबा रहा था। उसने अपनी टाँगों को मेरी जाँघों के चारों और लपेट दिया, फिर मेरे लंड के लिए एक बेताब, कामुक भूखी ज़रूरत के साथ अपनी कमर उठा दी।

मैं आगे झुक गया और अपने लंड के सिर को उस अत्यधिक उत्तेजित योनि के मांस के संपर्क में लाया। एमी कराह उठी जब उसने महसूस किया कि मेरा लंड अब उसकी चूत के होठों से टकरा रहा है तो वह जोर से कांपने लगी। नेरा लंड कामुकता विकीर्ण कर रहा था और वह पहले से ही उत्तेजित होती, तो भी मेरे लंड के स्पर्श ने उसके होश उड़ा दिए। एमी ने भी किसी भी कुंवारी तरह अपने कौमार्य भंग होने को इतनी आसानी से स्वीकार नहीं किया।

मेरे उभरे हुआ लंडमुंड ने उसकी योनि के गर्म छोटे होंठों को अलग कर दिया पहले से ही उसकी योनी अच्छी तरह से चिकनी थी और लंड उसकी योनी के मुंह में फिसल गया। मिली लिली, सपना शबनम और डेज़ी ने तुरंत हमारे पास एक पोजीशन ले ली ताकि वह सब अपनी बहन और सखी की पहली चुदाई के हर विवरण को स्पष्ट देख सके।

जब शबनम ने मेरी जाँघों के बीच देखा और जवान योनी के मुँह में बड़ा-सा औजार घुसते हुए देखा, तो उसे अपनी चूत से एक धधकते झटके का आभास हुआ। पहले मिली फिर हुमा और फिर लिली और सपना की एक-एक बाद एक चुदाई का नजारा देखने के बाद उसने पाया की, उसकी सखियों और बहनों को उसी उत्तम आनंद प्राप्त करते हुए देखना कितना रोमांचक और उत्तेजक था और इसने उसे और भी अधिक दृढ़ कर दिया कि जैसे ही मेरा एमी के साथ प्रथम मिलान पूर्ण होगा उसके बाद जल्द ही उसकी योनी में भी यही लंड वह लेगी।

उधर डेज़ी की उत्तेजना भी बढ़ने लगी थी और उसका हाथ उसके स्तनों पर चला गया था जिसे देख कर हुमा उसकी योनी को छेड़ने लगी थी और उससे बोली डेज़ी बस कुछ देर बाद तुम्हे भी मौका मिलेगा।

मैंने शुरू किया, उस अविश्वसनीय रूप से तंग, गर्म उद्घाटन में लंडमुंड को डुबो दिया और फिर एक छोटे, तेज धक्के के साथ अपने लंड के सिर को उसकी योनी में धकेल दिया मेरे लंड का सुपरा उसकी चूत में घुस गया और वह तड़प उठी।

मैने पूछा के दर्द बहुत ज़्यादा हो रहा है क्या। तो वह बोली के नहीं ज़्यादा तो नहीं पर हो रहा है। और फिर थोड़ा पीछे हटकर मैने एक छोटा पर ज़ोरदार धक्का लगाया तो मैने महसूस किया कि मेरा लंड उसकी कुमारी झिल्ली को टच कर रहा है । अगले हलके धक्के में मेरे लंड के सिर में एमी के हाइमन को चूमा और मैंने अपने लंड के ऊपर उसकी पतली झिल्ली को महसूस किया, मैने देर ना करते हुए एक और धक्का ज़ोर से लगाया। पतली कौमार्य की झिल्ली ण मेरे लंड को रोक नहीं सकी और उसके कुंवारी ऊतक झिल्ली को फाड़ता हुआ मेरा लंड तीन-चौथाई उसकी चूत में समा गया। उईईई!

एमी अचानक दर्द में चिल्लायी और मेरा लंड उसकी योनी में गहराई से फिसल गया; अविश्वसनीय रूप से पूर्ण सनसनी प्रदान करने से पहले उसके हाइमन के विभाजन ने उसके शरीर में तेज दर्द हुआ ।। मेरे बड़े लंड ने उसकी योनि की भीतरी दीवारों को कसकर फैला दिया। चौड़ा सिर उन कोमल दीवारों मेंअपनी लम्बाई के कारण गहरा घुस गया था, जिससे उसके सिस्टम में यौन उत्तेजना के बड़े झटके आए।

माआआ एमी की ज़ोरदार चीख निकली, हवा में उठी हुई उसकी टाँगें काँपने लगीं और उसकी आँखों से आँसू बहने लगे। मेरा लंड अभी भी एक चौथाई बाहर था मैं वहीँ रुक गया और एमी को रट हुए देख मिली ने उसे प्यार से समझाया और कहा के बस थोड़ी देर का ही दर्द और है उसके बाद तो बस मज़ा ही मज़ा और तुम्हे फिर कभी भी दर्द नहीं होगा।

वो रोते हुए बोली दीदी यह क्या कम दर्द है मेरी तो जान ही निकलने वाली थी । मैने प्यार से उसे समझाया के हर लड़की को पहली बार चुदवाने में दर्द सहना ही पड़ता है और मैने तो बहुत प्यार से किया है, पूरा ख्याल रखा है और रुक भी गया हूँ। बहुत ही कम समय में एमी ने महसूस किया कि उसकी कमर के अंदर एक जानी-पहचानी जकड़न बन रही है। कराहती और हांफती हुई एमी ने महसूस किया कि यह उसके पहले के यौन अनुभवों जैसा नहीं था।

उसने महसूस किया कि उसके अंदरूनी हिस्से खिच गए थे और उन्हें जितना संभव हो सके उससे कहीं अधिक कसकर खींचा गया था और उसमे मेरा कड़ा और बड़ा लंड घुसा हुआ था ।

जिसके द्वारा प्रदान की गई संवेदनाएँ बहुत बेहतरऔर अलग महसूस हो रही थी और ऐसी संवेदनाये उसने कभी हस्तमैथुन करते समय, या मेरे साथ चुंबन में संलग्न होने पर महसूस नहीं की थीं। संक्षेप में, एमी ने पाया कि चुदाई का बनुभव बहुत अधिक रोमांचक अनुभव और अलग था। उसे निश्चित रूप से ये अच्छा लगा, लेकिन जिस तरह से मेरे लंड ने उसके पूरे शरीर पर कब्जा कर लिया और उसकी योनी को इतनी शक्तिशाली भावनाओं से भर दिया, उसके लिए वह तैयार नहीं थी।

डेज़ी उसके दुसरे स्तन को चूसने लगी और मिली उसे चूमने लगी इस बीच मेरे हाथ का अंगूठा लगातार उसके भग्नासा से खेल रहा था और दुसरे हाथ से मैं उसका एक स्तन दबाने लगा जिसके कारण उसकी उत्तेजना फिर बढ़ने लगी और धीरे-धीरे । मैने देखा के एमी के चेहरे पर दर्द के भाव नहीं हैं और उनकी जगह उत्तेजना ने ले ली है।

उसने अपनी टांगो को-को मेरी जाँघों के चारों ओर दबाया और संवेदनाओं को बढ़ाने के प्रयास में ऊपर-नीचे नितम्बो को झटके दिए तो मैं धीरे-धीरे अपना लंड अंदर बाहर करने लगा और हर 2-3 धक्कों के बाद अपना लंड थोड़ा-सा और अंदर सरकाने लगा। हाय! "वह चिल्लायी और अपना सिर वापस पीछे फेंक दिया और अपने स्तनों को ऊपर उठा दिया ताकि मैं उसके एक निप्पल को अपने मुंह में ले सकूं।" ओह कुमार! ओह, मुझे चोदो, मुझे चोदो! "

उसके दर्द का स्थान आनंद ने लेना शुरू कर दिया था। उसके चेहरे पर अब एक अर्ध मुस्कान खिल रही थी और आँसुओ में भीगा उसका मुस्कुराता चेहरा, अधकुली मदहोश आँखें मुझे पागल किए दे रहीं थी। पर मैं अपने पर काबू रखेउसे चूमता हुआ प्यार से धक्के लगाता रहा और फिर मेरा लंड पूरा जड़ तक उसकी चूत में समा गया और उसकी बच्चेदानी के मुँह से जा टकराया। ओह्ह्ह एमी कराह उठी और हैरानी से मुझे देखने लगी।

एमी के लिए यह एक नया अहसास था। मैने प्यार से उसे बताया कि क्या हुआ है। उसने अपना सिर हिलाया जैसे वह समझ रही हो। अब मैने अपने दोनों हाथ उसके मम्मों पर रख दिए और उन्हे प्यार से मसलने लगा। कभी पूरे मम्मे को मुट्ठी में भर के हौले से दबाता कभी प्यार से सहलाता कभी निपल को चुटकी में लेकर प्यार से मस्सल देता। एमी की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी। उसने अब नीचे कोमेरे धक्को की ले में हिलाना भी शुरू कर दिया था।

एमी की चूत टाइट थी और उसकी मांसपेशियों का कसाव मेरे लंड पर ऐसा था जैसे किसी मखमली और फिसलन भी गुफा में मेरा लंड फँसा हुआ हो। उसकी चूत ने मेरे लंड को पूरी तरह से जकड़ा हुआ था।

चूत की पहली चुदाई में ऐसे ही कसाव का मज़ा आता है जो मुझे बहुत पसंद है। मेरा लंड इस समय तक एमी की टाइट फिटिंग योनी में पूरी तरह से लिपटा हुआ था। मैंने इसे और भी अधिक डुबाने का प्रयास किया, मिली की उंगलियों ने मेरी गेंदों को धीरे से सहलाया, जो मेरे आनंद को बढ़ा रही थी।

मैने धीरे से अपने लंड को बाहर खींचा और फिर प्यार से उसकी टाइट चूत के अंदर कर दिया और धीरे-धीरे अपनी गति बढ़ाते हुए यही रिपीट करने लगा। एमी की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी। मेरे मजे की तो कोई सीमा ही नहीं थी। मुझे अपना लंड एमी की टाइट चूत के अंदर बाहर करने में जो मजा आ रहा था वह शब्दों में नहीं बताया जा सकता। एमी की टाइट चूत का घर्षण ज्यादा तनी देर तक बर्दाश्त करन कठिन था लेकिन मैं कुछ ही देर पहले स्खलित हुआ था इसलिए मैं जल्दी झड़ने वाला नहीं था इसलिए मैंने चुदाई की गति बढ़ानी शुरू कर दी । उसने पिछले दो दिनों में अपनी बहनो की चुदाई साक्षात देखि थी और उसे अब एहसास हो रहा था कि वास्तविक चुदाई में देखने से बहुत ज्यादा मजा आता है ।

मैंने अपने शरीर को सख्त किया और लड़की को तेजी से चोदने लगा जिसने उसके होठों पर और भी तेज कराह ला दी। मेरा बड़ा लंड उसकी योनी में अंदर बाहर फिसलने लगा और उसने महसूस किया कि मेरी गेंदे उसकी योनि के कोमल होंठों के खिलाफ टकरा रही थी।

एमी अब पूरी तरह से चुदाई का आनंद ले रही थी। उसके चेहरे पर अब दर्द की जगह पूरी तरह मस्ती के भाव थे। अब मैने अपने धक्कों की लंबाई बढ़ा दी और पूरा लंड बाहर निकाल कर अंदर कर रहा था। केवल लंड का सुपरा ही अंदर रह जाता और में लंड को वापिस अंदर धकेल देता। में जब लंड को अंदर डालता तो एमी भी नीचे से गांड उठा कर लंड को अंदर लेने में जल्दी दिखा रही थी। एमी की साँसे भी तेज़ गति से चल रही थी। उसका मुँह आधा खुला हुआ था और वह ओह आह हाय आईईईईई ईईई उउउउइई ईईईई! उउउईईईई माँ, आहहहाँ! की आवाज़ें निकाल रही थी।

मैं उस पर चढ़ कर उसे चूमने लगा। चूमते वक्त हमारे मुँह खुले हुए थे, जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थीं और हमारे मुँह में एक दूसरे का स्वाद घुल रहा था। मैं कम से कम 15 मिनट तक उनके होंठों का किस लेता रहा। साथ में मेरे हाथ उनके मम्मों को दबाने में लगे हुए थे, मैं उसकी चुचियों को बेरहमी से मसलने लगा और वह मादक आवाजें निकालने लगीं-उम्म्ह! अहह! हय! याह!

अपने एक हाथ से उनके बालों और कानों के पास सहलाने लगा था। फिर कुछ ही देर के बाद मैंने उनके कानों को भी चूमना शुरू कर दिया। मादक आवाजें पूरे कमरे में गूंज रही थीं फिर मैंने मम्मों को चूसना शुरू कर दिया। वह ज़ोर-जोर से हाँफ रही थीं आहह! एम्म! ओह! आआअ!

मैंने धक्के तेज किएऔर मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। वह पूरी मस्ती में थीं, मस्ती में सिसकारियाँ ले रही थीं-अआहह आआइईई! और करो! बहुत मजा आ रहा है। आअ! ओह्ह्ह आह्हः! आईसीईई! चोदो और जोर से चोदो! आआह और ज़ोर से! उउईईई! आहह! " वह ऐसे ही गर्म आहें और कराहें निकाल रही थीं। वह नीचे से अपनी कमर उठा-उठाकर चिल्ला रही थीं और बड़बड़ा रही थीं-आहहह! और चोदो मेरी चूत को! मैंने उनकी गांड पकड़कर अपनी स्पीड बढ़ा दी, तो वह भी कुछ देर के बाद झड़ गईं। मैं उसे ज़ोर-ज़ोर से किस करता गया और धक्के लगाते गया। एमी ने आखिरी बार मेरे लंड पर अपनी योनि की मांसपेशिया कस ली और वह और भी अधिक जोर से झड़ने लगी। उसका चरमोत्कर्ष एक नए स्तर तक बढ़ गया और इस नए कसाव ने मेरी बड़ी गेंदों में जमा हुए शुक्राणुओं को स्खलन की और बढ़ा दिया।

मैं एक सुंदर युवा लड़की की चुदाई कर रहा था जो अपनी बहनो से भी अधिक उत्साह से मुझसे छुड़वा रही थी। मेरी गेंदों पर मिली की उँगलियाँ स्खलन के लिए आवश्यक टॉनिक साबित हुईं। एमी की योनि के नादर मेरी पिचकारी के पहले विस्फोट ने एमी को आश्चर्यचकित कर दिया। भले ही उसकी युवा योनी जोर से धड़क रही थी, क्योंकि ऑर्गैस्टिक आनंद की लहरें बाहर की ओर उठ रही थीं, उसने स्पष्ट रूप से महसूस किया कि मेरा लंड बड़ा और मोटा हो गया था और फिर एक मोटी, गर्म तेज वीर्य की धार बाहर निकली और उसके योनि के संवेदनशील मांस और बच्चे दानी से टकरा गयी।

साथ ही हुए उसके एक और संभोग ने उसे एक पल के लिए पंगु बना दिया और फिर उसकी योनि संकुचन करने लगी और मेरे लंड से निकले वीर्य की के प्रचुर मात्रा और भीषण जीवन ने उसे कामोन्माद आश्चर्य की ऊंचाइयों तक पहुँचाया और उसके शरीर को यौन प्रतिक्रिया के चमत्कार अनुभव करने के लिए प्रेरित किया। बेतहाशा कराहते हुए, एमी ने नई ऊर्जा के साथ खुद की योनि को मेरी कमर के खिलाफ तब तक चिपका दिया जब तक मेरे लंड ने उसकी योनी में वीर्य की आखिरी बूंद फेंकी और फिर मैं उसके कांपते शरीर पर पड़ा रहा, तो उसने स्वादिष्ट संतुष्टि की एक धीमी, फुसफुसाती आह दी। "वाह, दीदी सही थी!" ये अध्भुत था और हमारे ओंठ जुड़ गए!

कहानी जारी रहेगी

दीपक कुमार

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