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सातवा अध्याय -मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं
भाग-28
कामुक काशीमीरा इनायत
मेरी बीबी सारा और काशीमीरा इनायत दोनों कश्मीर के कॉलेज में साथ-साथ पढ़ती थी। मोहल्ले और कॉलेज में उनकी जोड़ी बहुत मशहूर थी। दोनों ही बहुत खूबसूरत और छरहरे बदन की थी। बदन के कटाव बड़े ही सैक्सी थे। इनायत की चूचियाँ सारा से भी बड़ी-बड़ी थी लेकिन एक दम टाईट थी।
दोनों अक्सर एक दूसरे के घर जाती थीं।
इनायत का मेरी खाला और सारा के घर जाने का मक्सद एक और भी था... उसका पडोसी अब्दुल। वह इनायत को बहुत अच्छा लगता था। उस समय वह कॉलेज में फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रहा था। बहुत ही हेंडसम और खूबसूरत शख्सियत का मालिक था। इनायत उससे मन ही मन प्यार करने लगी थी। अब्दुल भी इनायत को पसंद करता था। लेकिन मुँह से कभी कहा नहीं। इनायत ने अपना दिल सारा के सामने खोल दिया था। दोनों आपस में लड़कों की बातें भी करती थी।
फिर मेरे मामा का लड़का इमरान अपनी फूफेरी बहन 19 साल की सारा के पीछे पड़ गया। इमरान में हर तरह की बुरी आदतें थी। वह मेरे अमीर मामा की बिगड़ी हुई औलाद था। मामा अच्छे पैसे वाले थे और फूफी बेचारी बेवा थी और ऊपर से चार बेटिया। मामा की अनाप शनाप कमाई थी और इमरान उस कमाई को अपनी अय्याशियों में खर्च कर रहा था। दो साल से फेल हो रहा था। इनायत इमरान की हरकतों के कारण उससे बुरी तरह नफ़रत करती थी। इमरान इनायत पर भी गंदी नज़र रखता था। मगर वह उससे दूर ही रहती थी।
एक दिन सारा और इनायत कुछ कर रही थी। अचानक इमरान वहाँ आ गया। उसने सारा से बात करने की कोशिश की और उसने अपना सिर घुमा लिया और उठ कर बाहर चली गयी इमरान उसके पीछे-पीछे गया। इनायत वहाँ अकेली रह गयी। कुछ देर में इमरान वापिस आ गया और उसने इनायत की बाँहों से पकड़ कर उठा दिया।
"क्या बात है क्यों परेशान कर रहे हो।"
"तू मुझे बहुत अच्छी लगती है।"
इनायत एक दम हकबका गयी। इससे पहले कि वह कुछ संभलती, उसने इनायत के दोनों बूब्स पकड़ कर मसल दिये। इनायत ने एक जबरदस्त चाँटा उसके गाल पर रसीद कर दिया। पाँचों अँगुलियाँ छप गयी थीं गाल पर। वह तिलमिला गया। "कुत्ते मुझे कोई बाजारू लड़की मत समझना जो तेरी बाँहों में आ जाऊँगी" उसे इनायत से ऐसी हरकत की शायद उम्मीद नहीं थी। वह अभी अपने गाल सहलाता हुआ किसी के कदमों की आवाज सुनकर वह वहाँ से भाग गया।
उस दिन इनायत का मूड खराब रहा। उसे बहुत गुस्सा आ रहा था। दोनों बूब्स दबाने से दर्द कर रहे थे। अपने कपड़े उतार कर अपनी गोरी छातियों को देखा तो छातियों पर मसले जाने के नीले-नीले निशान दिख रहे थे।
सारा आयी। "तू इमरान से लड़ पड़ी?" उसने पूछा।
"लड़ पड़ी? मैंने उसे एक जम कर चाँटा मारा। आवारा लोफर"
"अरे क्यों गुस्सा करती है? थोड़ा-सा अगर छेड़ दिया तो इस तरह क्यों बिगड़ रही है। वह तेरा होने वाला जीजा है। रिश्ता ही कुछ ऐसा है कि थोड़ी बहुत छेड़छाड़ तो चलती ही रहती है," उसने कहा।
"थोड़ी छेड़ छाड़... मॉय फ़ुट। देखेगी क्या किया उस तेरे आवारा आशिक ने?" मैंने कहकर अपनी कमीज़ ऊपर करके उसे अपनी छातियाँ दिखायीं। "चचचच कितनी बुरी तरह मसला है तेरे इमरान ने" फिर इनायत ने सारा को चेता दिया "अपने उस आवारा । लोफर आशिक को कह देना मेरे से दूर रहे।"
फिर सारा ने उसे बताया इमरान ने सारा से निकाह करने की जिद पकड़ ली है और मामू उसकी अम्मी के पास रिश्ता ले कर आये थे वैसे तो उन्हें भी इमरान की बुरी आदतों का इल्म था और चाहती थी की सारा का निकाह उनकी बहन के लड़के आमिर यानी मेरे साथ हो पर मैं अभी लंदन में पढ़ाई कर रहा था और फिर भाई के सामने वह मना नहीं कर पायी और इमरान की जिद के आगे वह झुक गयी और फिर कुछ दिनों बाद सारा का निकाह इमरान से हो गया और फिर लेकिन शादी के बाद पता चला उसका लंड बहुत छोटा था और वह सारा को चोद ही नहीं पाता था। इसी कारण दोनों में झगड़ा हुआ और इमरान ने गुस्से में सारा को तलाक दे दिया।
कुछ दिनों बाद सारा का निकाह मुझ से हुआ और उसने मेरे बड़े मोटे और काले लंड के साथ चुदाई के किस्से अपनी सहेली इनायत को सुनाये और इनायत को भी एक बड़े काले लंड से चुदाई करवाने की तेज इच्छा हुई। फिर इनायत का निकाह भी उसकी मुहब्बत अब्दुल अज़ीज़ से हो गया
गोरी और प्यारी कश्मीरी इनायत अब अब्दुल अजीज की बेगम हो गयी लेकिन उसने पाया की उसके शौहर का लंड पतला और छोटा है तो उसे बड़े निराशा हुई। अब्दुल अज़ीज़ को पोर्न फिल्मे देखने का बहुत शौक था और इसके कारण इनायत में एक बार फिर एक बड़े काले लंड से चुदाई करवाने की तेज इच्छा जाग गयी ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने साथ में बहुत सारी कामुक फिल्में देखीं और साथ-साथ बहुत सारी अश्लील किताबें (किताबें) पढ़ीं।
सारा से इनायत की अक्सर बात होती रहती थी और उसमे वह अक्सर अपनी चुदाई की बाते भी शेयर करती थी और इसके कारण भी इनायत में काले लंड से चुदने की इच्छा भड़कने लगी थी।
स्वाभाविक रूप से, वह दोनों भारतीयों पोर्न फिल्मे भी देखने लगे और उनमे दक्षिण भारतीय और खासकर हैदराबादी पोर्न फिल्मे शीघ्र ही उसकी पसंदीदा बन गयी, क्योंकि इन फिल्मो में नायक ज्यादातर बड़े लंड वाले हैदराबादी पुरुष होते थे और नायिकाएँ गोरी दक्षिण भारतीय और दक्कनी नायिकाएँ होती थी। फिर एक दिन उन्होंने एक कश्मीरी पोर्न फिल्म देखि जिसमे एक दूधिया गोरी कश्मीरी सुंदर लड़की को एक छोटे लंड वाला कश्मीरी लड़का चुदाई करके खुश करने की कोशिश कर रहा था और इसी कारण से इनायत को पंजाबी या अन्य देसी पोर्नोग्राफी भी पसंद नहीं थी। उसके पसंदीदा हैदराबादी दृश्य बन गए जिनमे बड़ा काला लंड तंग सफेद देसी फुदियों को फैलाते हैं।
जिस दिन वह-वह दोनों कोई ऐसी पोर्न फिल्म देखते थे जिसमे नायक हैदराबादी होता था उस रात इनायत जम कर अपनी चुदाई करवाती थी इस कारण अब्दुल ढूँढ कर नयी से नयी हैदराबादी पोर्न फिल्मे लाता था और अब्दुल को हमेशा उम्मीद थी कि उसकी प्यारी कश्मीरी बीबी इनायत ऐसे दृश्यों को केवल कल्पनाओं में रखेगी और वह दोनों ऐसे ही अपने सेक्स का मजा लेते रहेंगे और उनके जीवन पर इनका कभी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। हालाँकि, उसने जल्द ही पाया कि इनायत हैदरबादी पुरुषों के प्रति अधिक से अधिक जुनूनी होती जा रही थी और जैसे-जैसे द्रविड़ पुरुषों में उसकी गहरी दिलचस्पी बढ़ती गई, कश्मीरी और अन्य आर्य पुरुषों के लिए उसका ध्यान उतनी ही तेज़ी से कम होता गया। जल्द ही उसने पाया कि वह एक पसीने से तर दक्षिण भारतीय साथी को एक गोरी भारतीय नायिका के साथ चुदाई करते हुए देखने के बाद ही चरमोत्कर्ष पर पहुँच पा रही थी।
जारी रहेगी