मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएं 33

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डबल गेम
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Part 34 of the 47 part series

Updated 10/30/2023
Created 09/04/2021
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मजे-लूट लो जितने मिले

सातवा अध्याय-मेरी बेगमे और मेरी महबूबाएँ

भाग-33

डबल गेम

मैने जो किया वो मुझे नहीं करना चाहिए था लेकिन मुझे ये हरगिज पसंद नहीं था क्योंकि वह मुझसे सता रही थी और उत्तेजित कर रही थी ।

तो, मैं अपने हाथ उसके बगल में ले गया और उसके स्तन को पकड़ लिया, स्तन को दबाया और उसके निप्पल को मरोड़ दिया। "अगर मैं पूरी रात आपके साथ ऐसा करूं तो आपको कैसा लगेगा?"

उसने मुझे बेहतर पहुँच देने के लिए अपना हाथ उठाया और कहा, "वादा करो, वादा करो तुम ये करोगे " और ठिठक कर हँस पड़ी।

तभी सारा और अब्दुल वापस कमरे में आ गए। किसी के देखने से पहले मैंने जल्दी से अपना हाथ हटा लिया, लेकिन उन्होंने पूछा कि तुम दोनों किस बात पर हंस रहे हो।

इनायत बोली, "ओह, हम सिर्फ आज रात के लिए हमारी रणनीति बना रहे थे, और उसने कंधे के ऊपर से मेरी ओर देखा और मुझे आँख मार दी ।

स्वाभाविक रूप से उन्होंने मान लिया कि वह खेल के बारे में बात कर रही थी और मैं सोचने लगा कि वह ये सब कहाँ तक करेगी। मैंने महसूस किया की जब मैंने उसके निप्पल को मरोड़ा तो वह बहुत सख्त था। वह मेरे साथ जो भी कर रही थी उससे वह उत्तेजित थी।

अब वह और अधिक दबाव और अधिक हलचल के साथ अपनी गांड को मेरे लंड में घिस रही थी। मैं इसे अब और नहीं सह पा रहा था। मैंने फैसला किया कि मुझे अब बस प्रवाह के साथ बहना है, तो मैंने सोचा आमिर साहब मजे मिल रहे हैं तो लूट लो और आज रात वह एक समय में दो गेम खेलने वाली अकेली नहीं होगी।

तो, मैंने भी आगे हो कर अपना खड़ा हुआ लंड उसकी गांड पर पीसना शुरू कर दिया। मेरे कूल्हों को घुमाना और उसकी गांड पर दबाना शुरू कर दिया मेरी हरकते किसी और के लिए देखना संभव नहीं था क्योंकि वह बिलकुल मेरे आगे बैठी हुई थी और अब मुझे ये करना अच्छा लगा। मैंने अपने एक हाथ को उसके नितम्बो पर इस तरह से रखा कि उसके नितम्ब मेरे हाथ पर आगये और मेरा हाथ उसकी गांड की दरार में चला गया और अपने दुसरे हाथ उसके स्तनों के पास रख दिया और मैं उसे हिलने के लिए प्रोत्साहित करने लगा। उसने मेरे हाथो को महसूस किया और अपनी चुनरी इस तरह से ओढ़ ली के मेरे हाथ छुप गए और मुझे उसके नितम्ब और चूचिया दबाने की छूट मिल गयी ।

यह खेल में जो कुछ हो रहा था, उसके अनुरूप था खेल काफी लम्बा चला था और कोई भी टीम किसी हिसाब से कम नहीं थी और कुछ ही देर में इनायत बोली "यहाँ गर्मी हो रही है। मेरी पीठ दर्द हो रही है । मुझे खिड़की खोलने दो"।

"जब तक ये खेल खत्म नहीं हो जाता आप कहीं नहीं जाएंगी" अब्दुल बोला।

मैं बोला। "इनायत खेल लगभग खत्म होने वाला है।" और हम जीत सकते हैं तुम इन्हे बहाना बनाने का कोई मौका मत दो और तुम्हे दर्द हो रहा है तो मैं मालिश कर देता हूँ और मैंने अपना हाथ उसके कंधों पर रखा और मैं उसके कंधों की मालिश करने लगा। ऐसा होना असामान्य नहीं था क्योंकि मैं ालक्से सारा की मालिश करता था जब भी वह पीठ में तनाव के बारे में बताती थी इसलिए हमारे ऐसा करने से उन्हें कोई शक नहीं हुआ या उन दोनों ने इसे नजरंअदाज किया। हम दोनों भी नाटक कर रहे थे और शायद अब्दुल और सारा दोनों मेरी और इनायत की हरकतों को नजर नदाज करने का नाटक कर रहे थे ।

मैं इनायत के करीब आया और अब मेरे लिए रुकना बहुत मुश्किल हो चूका था मैंने अपने हाथों को उसकी पीठ के नीचे खिसकाया हूँ और दिखावा किया कि मैं उसकी पीठ की मालिश कर रहा हूँ और उसके नितम्बों और गांड को हाथो से दबाने लगा फिर मैंने अपने हाथों को बगल में घुमाया और उसके स्तन के किनारे को छेड़ने लगा। वह वास्तव में आगे झुकी और अपने हाथों को अपने घुटनों पर रख लिया जिससे मुझे-मुझे किसी का ध्यान आकर्षित किये बिना अपने हाथों को थोड़ा और आगे ले जाने की मौका मिला और मैं अपने हाथ उसके निप्पलों तक ले गया और नीचे दूसरा हाथ उसकी गांड के दरार में ले गया।

मैंने देखा कि उसकी सांस थोड़ी उथली हो गयी थी क्योंकि नीचे मेरी उंगलिया उसकी सलवार में से होते हुए उसकी पेंटी के अंदर घुस कर उसकी गीली चूत तक पहुँच गयी थी और दुसरे हाथ से उसके निप्पल दबाने लगा, अब उसकी सांसें थोड़ी उखड़ रही थी। वह अकड़ी और झड़ गयी और तभी हम एक मुश्किल राउंड जीते तो वह ऐसे उछली जैसे वह मेरे लंड की सवारी कर रही हो और उसने मेरे लंड को दबा दिया।

फिर खेल खत्म हो गया और हम इस बारे में बात करने लगे कि कौन से टीम बेहतर थी। "इनायत ने कहा है कि मुझे लगता है कि दोनों हम एक अच्छी टीम हैं और आज हम एक साथ थे इसीलिए इतना मजा आया, है ना, आमिर?"

निश्चित रूप से, मेरा और सारा का सक्रिय यौन जीवन था और दोनों लगभग हर रात सेक्स करते थे । हर कोई आपस में बात कर रहा था और यह तय हो गया है कि अब सोना चाहिए क्योंकि रात काफी बीत चुकी थी। अब्दुल और सारा सोने के लिए सीढ़ियों से बेडरूम में जा रहे थे। इनायत सीधी हो रही थी। मैं बोला कि मुझे बाथरूम जाना है। हाल के पास का अतिथि स्नान कक्ष अपेक्षाकृत छोटा है और मैं उसमे चला गया मैंने दरवाजा खुलने की उन आवाज सुनते ही मैंने अपना चेहरा धोना और तौलिये से सुखाना समाप्त किया।

मुझे लगा की शायद सारा कुछ भूल गई है, इसलिए मैं बोला, "प्रिये क्या हुआ।" यह कहते हुए मैं मुड़ा और देखा तो वहाँ इनायत खड़ी थी।

"ठीक है, कुछ ख़ास नहीं आमिर!, मैं सिर्फ आपको शुभरात्रि कहना चाहती थी और एक दिलचस्प शाम के लिए धन्यवाद," वह बोली।

"इनायत, आप वास्तव में सीमाएँ लांघ रही हो। आपको इसे रोकने की जरूरत है।"

"ओह,। हमने अभी तक कुछ नहीं किया है। लेकिन मैं आपके पैरों के बीच उस बड़े सांप पर एक नज़र देखने की उम्मीद कर रही थी। हमेशा सारा को मुझसे बेहतर क्यों मिलता है? मुझे लगता है कि उसके बड़े स्तन, ऊँचा लम्बा कद और उसकी फिल्मस्टार कटरीना जैसी सुंदरता सभी मर्दो को अपनी ओर आकर्षित करती हैं।" और फिर मैं आपकी प्यारी बीवी की सबसे गहरी दोस्त हूँ इतना तो मुझे आपकी आधी घरवाली होने के कारण हक है और फिर मैं भी उससे कम सुंदर नहीं हूँ।

उसकी आक्रामकता और इस तथ्य के कारण कि हम छोटे बाथरूम के कारण एक दूर को लगभग छू रहे थे, मेरा लंड फिर से कड़ा होने लगा। इसलिए, मैं बोला "इनायत कोई हमे इस हालत में पकड़ ले उससे पहले हमे जाना होगा।"

जारी रहेगी

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