हम दो सहेलियो कि आत्मकथा

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मेरा लिस्बियन सेक्स ओर दादा जी के साथ मस्ती,ओर बस मे सेक्स.
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हेल्लो दोस्तो मेरा नाम पूजा हे मे कानपुर की रहने वाली हूँ.

मेरे घर पर मेरी मम्मी,पापा ओर छोटा भाई हे मे देखने मे इतनी ज्यादा सुन्दर तो नही हूँ बस नोर्मल हु लेकिन मेरी ब्रा साइज 28 ओर कमर 31 हे मेरे दुध ज्यादा बडे नही हे मेने हाल ही मे 12th पास किया हे मेरे घर पर मुझे सलवार कुर्ता ही पहनना पडता हे लेकिन मेरा बहुत मन करता हे जिन्स टाप shorts dresses stylis braa panty बहुत पसन्द हे लेकिन मेरे घर पर यह सब मना हे पहनना | मेरी दोस्त का नाम प्रिया हे मे जब अपनी दोस्त के घर जाती हु तो वन्हा बहुत पहनती हु खुल कर जीती हु जो मन आय वो पहनो काफ़ी देर तक तो नन्गी ही रह्ती हु मेरी बहुत सी ख्वाहिसे हे की छोटे छोटे कपडे पहनना अपने ब्रा दिखाना दुध दिखाना गान्ड दिखाना लोग देखे ओर गन्दी गन्दी बाते करे रात मे नन्गी हो कर टहलना यह सब बहुत पसन्द हे लेकिन अफ़सोस मे यह घर पह नही कर सकती ओर मेरी दोस्त को भी यह सब पसन्द हे |

येसे ही जिन्दगी कट रही थी 12th हो गया था हम दोनो एक कालेज से ba करने लगे कुछ दिन होने के बाद प्रिया ने कहा कि मे delhi जा रही हु compition कि त्यारी करने ओर वन्हा खुल कर जियुन्गी जिन्दगी मेने कहा मे भी बात करु घर पर कहती हे करो मे तुरन्त घर आई ओर कहा प्रिया delhi जा रही हे त्यारी करने मुझे भी त्यारी करनी हे घर वालो ने मना कर दिया बहुत मनाया खेर पापा मान गय 4-5 दिन बाद प्रिया ओर मे ओर दोनो के मम्मी पापा साथ मे delhi गय ओर एक coaching मे addmision करवा दिया ओर वन्ही पास के हास्ट्ल मे रूम दिला दिया ओर अगले दिन वो चले गय 3-4 दिन मे सब कुछ सही करने के बाद हम लोग बाजार से sexy sexy कपडे ले आय ओर पहनने लगे लेकिन सिर्फ़ रूम मे एक दिन हिम्मत बाध के बहार निकलने कि कोसिस कि तो वारडेन ने मना कर दिया ये कपडे पहन के बाहर नही जा सकते ओर साम को 7 बजे के बाद बाहर जाना मना हे नही तो घर फोन पहुच जायगा हम लोग रुम पर आ गय हम लोग उदास हो गय मोज मस्ती के लिये delhi आय थे यन्हा भी जेल हे हम लोगो ने सोच लिया हास्ट्ल बदल देन्गे अगले दिन से हम लोग रुम देखने लगे coaching से काफ़ी दुर रुम मिल गया बहुत अच्छा रुम था वो घर था उनके यन्हा बस एक कमरा था वही किराय पर दे रहे थे ओर मकान मालिक एक बुडे दादा थे ओर घर पर कोई नही रहता हे हम लोगो ने रुपये दे कर रुम बूक कर लिया ओर अगले दिन सामान ले कर रहने लगी

हम लोग बहुत sexy sexy कपडे पहनते थे कभी मिनी स्केर्ट कभी नेट वाली ब्रा बहुत अच्छा लग रहा था |

अगले दिन हम दोनो छोटे छोटे कपडे पहन के बाजार गय हम दोनो की नाभी दिख रही थी सभी लोग घूर घूर के देख रहे थे बहुत अच्छा लगता था येसा लग रहा था यही पटक के चोद देन्गे फिर कुछ देर घुमने के बाद वापस आ गय रुम मे घुसते ही हम दोनो नन्गे हो गय ओर बिस्तर पर लेट गय बिस्तर पर लेटे लेटे कहने लगे यार मजा आ गया फिर मेने मोबाईल पर सेक्स विडियो चालु कि अब हम दोनों बड़े गौर से वीडियो देखते रहे और दो तीन वीडियो देखने के बाद उसने प्रिया ने कमरे का दरवाज़ा बंद किया उसके बाद उसने अपने कपड़े उतारे और मेरे बाजू में बैठके अपनी चूत में ऊँगली करने लगी | मैं बैठे बैठे बस उसकी चूत में ऊँगली करते हुए देख रही थी, तो उसने मेरे हाँथ पकड़ा और अपने दूध पर रखवा लिए और कहा दबाना और मैं उसके दूध दबाती रही | उसके बाद उसने मेरा हाँथ अपनी चूत पे रखवाया और कहा चल ऊँगली कर जैसे वीडियो में वो लड़की रही थी |

तो मे उसके चुत मे उन्गली करने लगी चुत टाइट थी 2 उन्गली भी पुरी नही घुस रही थी, तो उसने कहा चल अच्छा अपने कपड़े उतार और उसने मेरे कपड़े उतार दिए | फिर उसने मेरी चूत मलना शुरू किया फिर उसने मेरे दूध चूसे और अपनी एक ऊँगली मेरी चूत में डाल दी | मुझे चूत में अजीब सा लगा तो मैंने कहा नहीं निकालो उसको, तो उसने कहा रुक थोड़ी देर अच्छा लगेगा और वो अपनी ऊँगली अन्दर बाहर करती गई | थोड़ी देर ऊँगली करने के बाद मेरी चूत से पानी निकलने लगा तो उसने झुककर मेरी चूत चाटना शुरू कर दिया | जब उसने मेरी चूत चाटना शुरू किया, तो मुझे ऐसा लग रहा था कि वो बस ऐसे ही चाटते रहे कभी न रुके | इसी तरह उसने मेरी चूत बहुत देर तक चाटी और फिर मुझसे कहा मज़ा आया | तो मैंने कहा बहुत तो उसने कहा चल अब मेरी चाट तो मेने ऊँगली डाली ओर ऊँगली से चूत चोदने लगी | मैं उसकी चूत को जीभ से रगड़ रगड़ कर चाट रही थी और चूत के होंठों को भी चूस रही थी | मैं भी उसकी चूत बहुत देर तक चाटती रही और उसके बाद हम दोनों अपनी अपनी चूत में ऊँगली करने लगे येसा लग रहा था कोई आय ओर लन्ड डाल दे |

थोड़ी देर ऊँगली करने के बाद उसकी चूत से सफ़ेद सफ़ेद पानी निकला और उसके बाद वो थककर लेट गई और उसके बाद मैंने ऊँगली नहीं की और मैं भी उसके साथ लेट गई और हम दोनों किस करने लगे | फिर हम दोनो नन्गे ही सो गय अगले दिन सुबह मेरी आंख 4:30 पर खुली खिडकी से देखा तो बहुत अन्धेरा था मेने चादर लपेट ली ओर घर की छत पर चली गई चन्द्रमा की हल्की हल्की रोसनी थी ओर आस पास बहुत अन्धेरा था मेने देखा कोई मुझे नही देख रहा मेने चादर हटा दी ओर नन्गी ही छत पर टहेलने लगी ठन्डी ठन्डी हवा मेरे शरीर पर लग रही थी मेरे निप्पल खडे हो गय मेरी चूत पर भी हल्की हल्की ठन्डी लग रही थी बहुत खुला हुआ महसुस कर रही थी मे जल्दी रुम मे गइ ओर प्रिया को जगा दिया उपर चल बहुत अच्छा लग रहा हे वो नही उठ रही थी बहुत मनाया तो कहती हे कपडे तो पहेनने दो मेने कहा येसे ही चलो कहती हे पागल हो क्या कोइ देख लेगा मेने कहा कोई नही हे बहुत अन्धेरा मे हो कर आइ हु तो उस्को मेने चादर ओड कर चलने को कहा तो वो चल दी मेने अपना ब्रस ले लिया मन्जन करने के लिये फिर उपर गय हल्की हल्की ठन्डी ठन्डी हवा चल रही थी फिर हम दोनो चादर लपेट के टहलने लगे मेने देखा आस पास कोई नही हे मेने चादर हटा दी मे पुरी नन्गी टहलने लगी वो गुस्सा करने लगी पहन लो रुम की बात अलग हे कोई देख लेगा तो क्या कहेगा मेने कहा कोई नही देख रहा हे ओर देखेगा तो यही कहेगा देखो 2 रन्डी नन्गी टहल रही हे मे हसने लगी तो प्रिया कहती हे तु सच मे रन्डी हे... मेने धिरे से एक झटके मे उसका चादर घसीट लिया वो भी नन्गी हो गई वो तुरन्त बैठ गई कहती हे चादर दो मुझे सरम आ रही हे कोई देख लेगा मे दुर भाग गई बहुत मुस्किल मे आई फिर मेने कहा देख अच्छा लग रहा हे ना अपने दुध ओर चूत को थोडी बहार कि हवा दो जब तक होस्ट्ल मे हे जो चाहो कर लो घर गय तो कुछ नही कर पायेन्गे फिर वो भी मेरे साथ नन्गी टहलने लगी फिर वन्ही नन्गे ही मन्जन किया ओर निचे रुम मे आ गय |

हम दोनो ने नहाया ओर त्यार होने लगे कोचिन्ग के लिये 7:30 से क्लास थी हम दोनो कपडे पहन रहे थे प्रिया के दुध बहुत बडे हे उसको 34 ब्रा आती हे ओर मेरा शरीर तो थोडा बडा लेकिन दुध छोटे हे 30 ब्रा आती हे मेने उससे कहा आज स्कर्ट पहन के चलते हे हम दोनो ने स्कर्ट पहन लिया स्कर्ट घुटनो तक थी ओर हम दोनो क्लास चल दिये क्लास मे ज्यादा बच्चे नही थे हम दोनो आगे जाकर बैठ गय कुछ देर बाते करते रहे.. मेने दिमाग मे सोचा क्यू ना आज पैन्टी उतार दें मेने प्रिया से कहा मे बाथरुम हो कर आ रही हूँ ओर मे चली गई ओर पैन्टी निकाल के ब्रा मे रख ली ओर आ गई ओर बैग मे कुछ देखने के बहाने बैग को सिने से लगाया ओर चुप चाप पैन्टी रख दी ओर बैठ गई अभी तक आय नही थे तो मेने प्रिया से कहा प्रिया यार मेरी चुत मे खुजली हो रही हे चुदवाने का मन कर रहा हे तो प्रिया कहती हे तु तो रन्डी बन गई हे जा स्टेज पर चूत फ़ैला के लेट जा सभी चोद देन्गे आकर मेने कहा नही यार मुझे तुमसे चुदवाना हे तुम चोदो प्रिया कहती हे मेरे पास लन्ड नही हे तो मेने कहा उन्गली से तो हसने लगी ओर कहती हे रुम पर करेन्गे मेने कहा नही अभी करो मेने धिरे से उसका हाथ अपनी जान्घ पर रख दिया कहती हे पागल हो तुम |

मेने कहा येसे ही हाथ रखे रहने दो अच्छा लग रहा हे उसने कहा ठिक हे ओर उसने हाथ नही हटाया मेने आस पास देखा कोइ हमे नही देख रहा था ओर सबसे आगे हम दोनो बैठे थे मे तुरन्त उसका हाथ पकडा ओर स्कर्ट के अन्दर डाल दिया उसने जेसे ही मेरी चुट को छुआ वो तुरन्त आस पास उन्गली फ़िराने लगी की पैन्टी कहा उसने उन्गली से पुरी जान्ग देख ली पैन्टी नही मिली वो कहती पैन्टी कहा हे तेरी मेने कहा बैग मे कहती हे पागल नन्गी बैठी हो ओर स्कर्ट भी घुटने तक हे ओर आगे बैठी हो सर ने देख लिया तो पुरी चुत दिखेगी मेने कहा यही तो चाहती हूँ कोई मुझे नन्गा देखे... कहती हे सच मे बेसरम हो फिर उसने हाथ हटा लिया ओर मे टान्गे फ़ैला के बैठ गई मेने प्रिया से कहा तु भी पैन्टी उतार दे बहुत अच्छा लग रहा हे कहती हे नही बेसरम तु ही कर ये काम तब तक सर आ गय ओर मे टान्गे चिपका क्र बैठ गई ओर क्लास सुरु हो गई मेरी हिम्मत ही नही टान्गे खोलने कि फिर 11 बजे क्लास खत्म हुई ओर हम लोग रुम के लिये निकल दिये रास्ते मे येसा लग रहा था कि मे नन्गी हूँ ओर सभी मुझे देख रहे हे अगर तेज़ हवा चल जाय तो मे पुरी नन्गी हो जाउ ओर मे रुम पर पहुची जेसे हि गेट खोला रुम का तुरन्त स्कर्ट उतारी टी शर्ट उतारी ओर ब्रा उतारी पुरी नन्गी हो गई तुरन्त प्रिया को चिपका लिया मेने कहा जल्दी से मेरी चुत शान्त कर दे वो कहती हे रुक जा कपडे तो उतारने दे अपने.. मेने जल्दी जल्दी उसके कपडे उतार दिये ओर वो पुरी नन्गी हो गई उसके दुध बहुत बडे हे मेरे बहुत छोटे से अगर ब्रा न पहनू तो कोई दिक्कत नहीं सिर्फ़ टी शर्ट मे भी दुध थोडे थोडे दिखते हे... फिर हम दोनो बिस्तर पर गिर गये फिर मे प्रिया के उपर लेट गई फिर उसने अपनी टांगो को चोड़ा कर दिया, जिससे मेरी चूत उसकी चूत के ऊपर आ गई और उसने मेरे चूतड़ों पर अपनी टाँग लपेट ली, जिससे मेरी चूत उसकी चूत से बिल्कुल चिपक गई और में उसके निचले होंठ को अपने दोनों होठों के बीच दबा कर चूसने लगी.

फिर ऐसा ही मैंने उसके ऊपरी होंठ के साथ किया और जब में थक गई तो प्रिया ने आगे बड़कर मेरे होंठ चूसने शुरू कर दिए. फिर में नीचे अपनी कमर उठा उठाकर अपनी चूत को प्रिया की चूत पर मारने लगी, जैसे में एक आदमी हूँ और उसे चोद रही हूँ. काफ़ी देर तक हम एक दूसरे को स्मूच करते रहे और फिर नंगे ही सो गये और पूरी दोपहर कब निकल गई मुझे पता ही नहीं चला. शाम को जब में उठी तो प्रिया कांच के आगे अपने बाल काट रही थी, वो उस समय भी नंगी थी. मैंने उठते ही उसे देखा और बोली, हाय हाय, किसके लिए बाल बना रही है तो वो मुस्कुराते हुए बोली कि तेरे लिए मेरी जान. में भी मुस्कुरा दी और फिर मैंने उससे पूछा टाईम क्या हो रहा है? तो वो बोली शाम के 5 बज रहे है. मैंने कहा ऑहहहहहह हम पूरी दोपहर सो रहे थे, वो बोली में नहीं तू सो रही थी.

में तो 1 घंटे बाद ही उठ गई थी तो मैंने पूछा कि तूने मुझे क्यों नहीं उठाया? तो वो बोली तू सोती हुई इतनी प्यारी लग रही थी कि मैंने तुझे उठाया नहीं. फिर मैंने कहा कि अच्छा, खूबसूरत और में? मुझे तुझ पर विश्वास नहीं है तो वो बोली तो मत मान. फिर मैंने कहा अच्छा उसे छोड़ यह बता तू इतनी देर पहले उठ गई थी तो तूने अभी तक कपड़े क्यों नहीं पहने तो वो बोली पहने थे, लेकिन अभी जब में वापस रूम में आई तो ऊतार दिए मैंने कहा क्यों? और इतनी देर तूने किया क्या?

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