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आठवा अध्याय
हवेली नवनिर्माण
भाग 21
सम्भोग आनंद
जैसे कि उसके सामने घुटने टेके उसे अब मेरा लंड सचमुच बहुत बड़ा लग रहा था। यह उसकी पतली कमर पर उछला, जबकि मेरी गेंदें थोड़ी-सी झूल रही थी और मेरी गेंदे जब उसकी योनि के ओंठो पर छुई तो ठंड उसकी नाभि से भी ऊपर उसके पेट को सपर्श कर रहा था... वह इस स्पर्श से कांप गयी । उफ़ इतना बड़ा ।। उसने खुद को अनजाने में प्रत्याशा और डर में हांफते हुए पाया, और वह उछल पड़ी और मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर सिसकारी भरने लगी और बड़बडाने लगी कि जानू में कब से तुम्हारा इंतज़ार कर रही थी, मेरी प्यास तुमने आज और भड़का दी है और मेरे बालों को कसकर पकड़कर मेरे होठों को चूसने लगी।
फिर मैंने उनको चूमते हुए और बूब्स दबाते हुए उसे चूमा तो उसने इस बीच मेरा अपनी चूत के मुँह पर सेट किया और मैं उनको चूमता चाटता रहा। अब उनकी सुगंध से मेरा लंड जो कि अब 1O इंच लंबा और पूरा मोटा हो गया था, फंनफना कर सैम की चूत में घुसने की कोशिश करने लगा था। चूत टाइट थी और बहुत सालो से नहीं चुदी थी । उसने लंड चूत के ोंथी से रगड़ा और ऊपर नीचे किया किसके कारण वह खुद ही सस्स्सस्स हहा और मचलने लगी और अपनी गांड को इधर उधर घुमाने लगी। अब वह सिसकारियाँ मारने लग गई थी। अब वह अहाह, आहहह, आहहह कर रही थी। अब उसके ऐसा करने से मेरे लंड में भी सनसनी होने लगी थी। वह मेरे लंड को पकड़कर चूत के ओंठो पर सहलाने लगी।
वह वहाँ अपने चेहरे पर एक अद्भुत मुस्कान के साथ लेटी हुई थी और मुझसे भीख माँग रही थी कि मैं उस पर लेट जाऊँ और मेरे बड़े कठोर लंड को उसके छेद में डाल दूं। उसकी चमकीली त्वचा के संपर्क में आते ही मेरा शरीर खुशी से झूम उठा।
जल्दी से चोद दो, मेरी चूत में आग लग रही है। अब वह ज़ोर-जोर से ऐसे हाँफ रही थी और जैसे मीलों से दौड़कर आई हो और आहह, एम्म, ओह, आआआआआआअ, डालो ना अंदर जैसी आवाजे निकल रही थी। मैंने उसके दोनों पैरों को फैलाया और अपना लंड उसकी चूत के छेद पर लगा कर हल्का-सा धक्का दे दिया। मेरे लंड का सुपड़ा ही उसकी चूत में गया था तो वह ज़ोर से चिल्लाने लगी। वह अब महसूस कर रही थी की मेरा लंड उसकी आंतरिक योनि की गहराई से काट रहा है जबकि बही लंड सिर्फ ऊपर ही अंदर फसा था। उसकी चूत लगातार रस छोड़ रही थी। मैंने अपने लंड को उस शहद के बर्तन में निर्देशित किया और हल्का-सा ढाका आगे को दिया तो उसने महसूस किया कि उसका मशरूम का सिरा उसके खुले घाव के बीच फिसल रहा है।
सैम की चीख निकल पड़ी, ओह्ह जानू आह्हः आईईईईईईईई दर्द उउउउइईईईईई बहुत दर्द हो रहा है और फिर उसकी हथेलियों को अपनी हथेली से दबाते हुए मैंने उसकी चूत पर एक ज़ोर का शॉट मारा और मेरा लंड 2 इंच अंदर घुस गया। अब दर्द से दोहरी सैम ओह्ह है मर गयी कहकर चीखने लगी और छटपटाने लगी थी। फिर मैंने उसकी चीखों की परवाह किए बिना एक ज़ोर का धक्का और मारा तो मेरा फनफनाता हुआ लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ 5 इंच अंदर घुस गया।
मैं धीरे से उन्हें सहलाने लगा और चूमने लगा और अपना लंड 2 इंच बाहर निकालकर फिर से एक ज़ोर का शॉट मारा तो मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ चूत की जड़ में समा गया। वह दर्द के कारन रो थी । "बस इतना ही, बेबी," मैंने उससे सहम कर कहा।
कुछ देर तक वह रोई । फिर दर्द से सुबक कर रोयी । फिर करहि और जब दर्द कम हो गया और वह शरमा गयी जब उसने महसूस किया कि मेरा लिंग अब पूरा उसके अंदर है । फिर वह बोली आपने ठीक किया और आप ठीक कर रहे हैं। आपका बहुत बड़ा है। आपका लंड बेशक मेरे पति से बड़ा है। या मुझे अपने पूर्व पति से बड़ा है मुझे वास्तव में यही कहना चाहिए। यह मेरे सामने आए किसी भी आदमी की चुभन से बड़ा है। अद्भुत। बस अद्भुत! " अच्छा हुआ इस प्रवेश क्रिया को आपने अपने नियंत्रण में ले कर पूरा कर दिया ।
"मामी... ओह माफ़ करना सैम, यह अच्छा लगता है। इतना गर्म... इतना गीला..." जैसे ही मैंने लंड आगे की ओर दबाया तो सैम की आँखें बंद हो गयी, धीरे-धीरे मैंने अपना विशाल लिंग उसके अंदर बाहर किया और एक और धक्का मार कर पूरा लंड अंदर पैबस्त कर दिया तो मेरे अंडकोष उसकी योनि के ओंठो से चिपक गए और उसे लगा जैसे मेरा लंड उसके गले तक पहुँच गया है। उसने अपनी पीठ को झुकाया और खुशी से फुसफुसायीऔर, महसूस किया कि मेरे लिंग का हर स्वादिष्ट इंच उसमें घुस रहा है।
उसकी योनी की मांसपेशियाँ और झिल्लियाँ मेरे किशोर कठोर लंड से चिपकी हुई अनगिनत छोटी उंगलियों की तरह मालिश कर रही थीं। मेरी संवेदनाये बहुत कामुक हो गयी थी और ये सोच कर की अब मेरा लंड असल में आंटी सैम की ख़ूबसूरत योनी के अंदर था! मुझे विश्वास नहीं हो रहा था। फिर मैंने उसकी कराह सुनी और महसूस किया कि मेरी बाजुओं की मांसपेशियाँ उसकी छाती को और मेरी टाँगे उसकी जांघों को कस रही हैं।
मेरा गाल उसके स्तनों से दबा हुआ था। मैंने महसूस किया कि सैम के नाखून मेरी पीठ के ऊपर और नीचे दौड़ रहे हैं और वहाँ लाल निशान छोड़ रहे हैं।
"अब अंदर और बाहर करो," उसने मुझ से उससे आग्रह किया। "मेरे अंदर अपने बदन के उस खूबसूरत टुकड़े को स्लैम करें। फिर से। फिर से। हाँ, हाँ, हाँ! जोर से करो।
मैंने ने एक बार, दो बार, तीन बार लंड बाहर निकाला और फिर उसे अंदर पटक दिया। गहरा और गहरा, संवेदनाएँ गुणा के हिसाब से बढ़ रही थी, बेहतर और अधिक तीव्र होती जा रही थी, उत्तेजना ने उसके पूरे शरीर को ढँक लिया था। वह सोच रही थी क्या मैं वास्तव में पहली बार चुदाई कर रहा था!
"ओह!" उसने भींचे हुए दांतों के बीच कहा। मैं आगे गिर पड़ा, मानो किसी ने अचानक पीछे से किसी ने मुझे धक्का दे दिया हो। जानू करते रहो " वह कराह उठी ाइर वह मेरे लंड की मोटाई अपनी योनि के अंदर महसूस कर रही थी। क्या यह संभव था कि मेरा लंड अभी भी उसके अंदर मोटा और लंबा होता जा रहा था? उसे निश्चित रूप से ऐसा लगा! उसने अपने पैरों को मेरी पतली युवा गांड के चारों ओर लपेट लिया, यह जानते हुए कि उसके प्रेमी भांजे के रूप में मैं बार-बार उसके अंदर आने में सक्षम था और वह वही चाहती थी।
वो मुझे खुश करना चाहती थी। उसने मेरे चारों ओर अपनी बाहों को लपेटकर मुझे कसकर पकड़ लिया और उसकी खुशी के विलापों को सुनकर मैंने उसे चूमा और फिर हम चूमते हुए चुदाई करते रहे। उसके गदराये हुए और नरम अंगो को सहलाने और गले लगाने और चुम्बन करने से-मैं भी उत्तेजित था जो इस बात से स्पष्ट था कि मैं भी सैम की तरह ही भारी सांस ले रहा था और उसके ओंठ चूस रहा था। साथ ही वह अपने अंदर मेरे कठोर लंड को अंदर बाहर होते हुए महसूस कर रही थी!
मैंने एक हाथ से उसकी कमर पकड़ ली और दुसरे हाथ से उसके स्तन दबाये और मैंने धीरे से उसके ओंठो को अपने होठों में ले लिया। मैंनेअपना हाथ उसके नितम्ब पर ले गया और नितम्ब को दबा कर उसे और अधिक पास खींचने की कोशिश करने लगा और कुछ ही समय में मेरे पूरे शरीर का भार उस पर था। इस हरकत ने उसे और भी उत्तेजित कर दिया और उसने मेरा चेहरा अपनी हथेलियों में पकड़ लिया और मुझे जोश से चूमने लगी। सबसे अच्छी बात यह थी कि हम दोनों को मन चूमने का था और इससे मेरा काम आसान हो गया।
उसके स्तन स्पष्ट उत्तेजना में अधिक कड़े हो कर बढ़ गए थे। मैंने उसके कूल्हों को कसना शुरू कर दिया है ताकि मेरा लंड और गहरे तक अंदर जा सके । मैं पूरी तरह से रोमांचित और ऊर्जावान हो गया था और उसकी लार को चखने के लिए अपनी जीभ को उसके मुंह में गहराई में डालना शुरू कर दिया।
फिर मैंने उसके लिप्स पर किस करते हुए अपनी जीभ उसके मुँह में डाली और उसके मुँह को बंद किया और अपने धक्के लगाता गया। अब वह झटपटा रही थी और अपने बदन को इधर से उधर करने लगी, में धक्के पर धक्के लगाए जा रहा था और अब उसकी आँखों से आसूँ निकल रहे थे। एक जोर का झटका लगाया, एक ही झटके में पूरा लंड बाहर निकाल कर पूरा उनकी चूत के अंदर घुसा दिया, उसकी तेज आह निकल गयी और वह काम्पटी हुई झड़ गयी ।
फिर में कुछ देर के लिए उसके ऊपर ही पड़ा रहा तो कुछ देर के बाद वह शांत हुई अब में उसके बूब्स को चूसने लगा था और अपने एक हाथ से उसके बालों और कानों के पास सहलाने लगा था और फिर कुछ देर के बाद मैंने उसके कानों को भी चूमना शुरू कर दिया तो कुछ देर के बाद वह फिर से गर्म हो गई। फिर मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू किया और उससे पुछा कि मज़ा आ रहा है। वह बोली कि हाँ बहुत मज़ा आआआआ रहा है।
।हाईईईईई, म्म्म्मम और फिर वह जोर-जोर से कराहने लगी। तभी बारिश की आवाज आने लगी और मैंने बारिश की ले में धक्के मारने शुरू कर दिए । फिर कुछ देर के बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। अब वह मस्ती में कराह रही थी अआह्ह्ह आाइईई और करो, ते ज करो बहुत मजा आ रहा है। हाअ, राआआआजा, आईसीईई, चोदो और जोर से चोदो। आआआआ और ज़ोर से, उउउईईईई आहह हाँ, अब ऐसे ही वह कराह रही थी।
वहाँ हम एक-दूसरे की बाँहों में लिपटे हुए थे, हमारे शरीर ऊपर-नीचे झूल रहे थे। जब मैंने उसे छड़ी की तरह थपथपाया तो हमारी हर हरकत एक दुसरे के लिए मजे का सबब थी।
हमने उसके होंठ चूसते हुए चुदाई जारी रखी और उसने खुशी से मेरी गर्दन पर काट दीया। हम बार-बार धक्का-मुक्की करते रहे। वह मेरे लंड के द्वारा चूत के अंदर किये जा रहे घर्षण को मजे से महसूस कर रही थी। हम दोनों ही आउट ऑफ़ कण्ट्रोल हो चुके थे। मैंने धके लगाने चालू रखे सैम और अब मैं भी ऐसे कांप रहा था, मानो हमे अचानक तेज बुखार हो गया हो। अब मैं उसे वह खुशी देना चाहता था जिसके लिए वह इतने साल से तरस रही थी। फिर हम दोनों एक साथ झड़ गए हम दोनों जन्नत में थे। वे उत्सर्जन हमारे लिए गर्मियों में ठंडी हवा की तरह थे।
कुछ ही सेकंड बाद उसने महसूस किया मेरे लंड ने उसकी रिसती हुई योनि को अंदर ज़ोर-ज़ोर से रगड़-रगड़ कर झकझोर कर रख दिया था और जब मैंने स्खलन किया तो उसकी चूत की गुफा को अपने वीर्य से भर दिया। मैंने अपना बीज उसकी योनि की मांसपेशियों में गिरा दिया, जो मेरे मरोड़ते लंड पर सक्शन कप की तरह काम कर रही थी। मैं कराह रहा था और मेरे हाथ सेम के हाथो को पकडे हुए थे। मैंने इस तरह के एकाग्र आनंद को पहले कभी नहीं अनुभव किया था। यह ऐसा था जैसे मेरे पूरे शरीर को सीधे बिजली के आउटलेट में प्लग कर दिया गया हो। चुदाई संवेदनाओं की तीव्र लहर के बाद आन्नद की लहर मुझ पर छा गई।
जैसे ही मेरा वीर्य सामन्था की योनी को भर रहा था उसने अपने नथुनों से तेजी से सांस ली और मेरे हर शॉट के साथ आह ओह्ह्ह कर रही थी।
"सैम," वह एक बच्चे की तरह उसकी बाहों में लिपटे हुए, फिर मैंने आनंद से आह भरी। "ओह्ह्ह्ह, सैम!" सहज रूप से, उसने मेरे लंड को अपने अंदर दबा लिया, उसकी चूत की सिलवटों के माध्यम से, लंड उसके चूत रस और मेरे वीर्य के मिश्रण में भीग गया । यह हमारे बेतहाशा सपनों से परे खुशी थी!
वह मेरे शरीर में मोमबत्ती के मोम की तरह पिघल रही थी और चाहती थी कि यह भावना हमेशा बनी रहे। मेरा लंड अभी भी कठोर था वह नरम मक्खन केबीच में एक चाकू की तरह उसकी योनी में आगे पीछे हो रहा था । स्खलन करते हुए मेरी कराह निकली, मेरी आंखें कसकर बंद हो गईं। मेरी छाती की मांसपेशियाँ कस गईं और मैंने सामंथा को अपने अंदर समा लिया स्खलन करते समय किसी को इतना जंगली होते हुए समानता ने पहले किसी को नहीं देखा था। उसे लगा की ये मेरा पहला क्लाइमेक्स था।
सामंथा को पता था कि इस अनुभव की कोई तुलना नहीं थी!
उसकी योनि मेरे सख्त लिंग से कड़ी चोट के कारण सूज गई थी और वह मेरे वीर्य के सुखदायक प्रभाव से प्रभावित हुई थी और उसे बेहतर महसूस हुआ था । जब में स्खलन कर रहा था तो उसे लगा मेरा स्खलन बहुत ज्यादा था और शायद मैं कभी स्खलन बंद नहीं करूंगा! । उसकी चूत ने मेरे जिस्म से निकली मेरे वीर्य उत्सर्जन की हर स्वादिष्ट बूंद को संकुचन करते हुए मेरे लंड को चूस लिया।
मैं पसीने से नहाया हुआ था और वापस बिस्तर पर गिर गया,। सैम सोच रही थी कि उसने मुझे दीक्षा दी है। उसने अभी मेरा कौमार्य लिया है। मेरा लंड अभी भी उसके अंदर था और सख्त था, लंड सीधे उसके क्लिट बटन को रगड़ रहा था। कंपकंपी उसकी रीढ़ की हड्डी के ऊपर और नीचे दौड़रही थी। वह एक बार फिर खुद स्खलन करने के बहुत करीब थी और उसकी उंगलिया उसके घने सुनहरे बालों में कंघी कर रही थी ।
थोड़ी देर बाद मैंने उसे अपने पास खींच लिया और उसके लाल होंठों को चूमा जो लाल-गर्म अम्बरों की तरह थे। वहाँ हम एक दूसरे को गले लगाते हुए लेटे और वह मेरे लंड के साथ खेल रही थी जो नरम हो रहा था। फिर वह मेरे होठों को चूमने लगी और मेरी जीभ चूसने लगी।
कहानी जारी रहेगी