भाभी समझ कर भैया ने मुझे चोदा

Story Info
भाभी समझ कर भैया ने मुझे चोदा.
1.7k words
3.35
52
00
Story does not have any tags
Share this Story

Font Size

Default Font Size

Font Spacing

Default Font Spacing

Font Face

Default Font Face

Reading Theme

Default Theme (White)
You need to Log In or Sign Up to have your customization saved in your Literotica profile.
PUBLIC BETA

Note: You can change font size, font face, and turn on dark mode by clicking the "A" icon tab in the Story Info Box.

You can temporarily switch back to a Classic Literotica® experience during our ongoing public Beta testing. Please consider leaving feedback on issues you experience or suggest improvements.

Click here

दोस्तो, मेरा नाम आरती राजपूत है। आज की ब्रदर सिस्टर सेक्स कहानी मेरी सच्ची घटना है।

यह बात जून माह की है जब मेरे भैया ने सारी रात मुझे भाभी समझ कर चोदते रहे।

मैं अपने बारे में बता दूं। मेरी उम्र 19 वर्ष है। मेरा बदन पूरा भरा हुआ है। मेरी बूब्स आगे की तरफ तने हुए हैं और मेरी गांड पीछे की तरफ निकली हुई है। मैंने तब तक एक बार भी सेक्स नहीं किया था।

हमारा पूरा परिवार 5 लोगों का है। मम्मी-पापा, मैं, मेरा भाई और उसकी पत्नी रानी।

मेरे भाई के शादी की 2 साल हो चुके हैं। पिछले जून माह में मेरे भाई के शादी की सालगिरह थी। भाभी सालगिरह की शॉपिंग करने के लिए अपने मायके गई हुई थी और वह शाम को आने वाली थी।

मैंने अपने सारे कपड़े धो दिए थे इसीलिए मेरे पास पहनने के लिए और कोई कपड़े नहीं थे। तो मैंने भाभी की लाल रंग की साड़ी और पिंक चोली पहन लिया और मैं किचन में खाना बनाने लगी।

तभी कुछ देर बाद भाभी का कॉल आया कि उनके पिताजी की तबीयत खराब है इसीलिए वे आज नहीं आएंगी। भाभी ने मुझसे कहा- तुम अपने भैया को बता देना, उनका कॉल नहीं लग रहा है।

मैंने खाना बना लिया। और उसके बाद मैं टीवी देख रही थी।

मुझे पता ही नहीं चला मेरी टीवी देखते देखते कब नींद आ गई और मैं भैया के रूम में ही सो गई।

मेरे भैया आए और बोले- क्या बात है रानी, आज तो तुम पहले से ही मूड बनाकर सोई हो। मैं नींद में थी इसीलिए मुझे कुछ समझ में नहीं आया।

भैया पूरी तरह से मुझे अपनी बांहों में पकड़ कर मेरी चूचियों को मसलने लगे और अपने एक हाथ मेरी योनि को सहलाने लगे।

मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं। देखते देखते भैया ने मेरी चोली खोल दी और मेरे 36 के बूब्स को आजाद कर दिया और उनको मुंह में लेकर काटने लगे।

मैं कुछ बोल पाती इससे पहले उन्होंने मेरे दोनों होठों को अपने होठों से जाम कर दिया।

अभी धीरे मेरी शरीर में बिजली जैसी लहर दौड़ने लगी; मेरी योनि में पानी आ गया था। भैया ने मेरी योनि चाटने लगे और अब मैं कामुक सिसकारियां लेने लगी।

फिर उन्होंने अपना लंबा और मोटा लिंग निकाल कर मेरी योनि पर सेट कर दिया। और एक जोरदार झटके में अपना आधा लिंग मेरी योनि में घुसा दिया.

मैं दर्द के कारण चिल्ला उठी। मुझे ऐसा लगा मानो मेरी चूत फट गई हो। मेरा पूरा बदन टूटने लगा और मैं सिसकने लगी।

तभी भैया बोले- क्या रानी, तुम भी बिल्कुल सुहागरात जैसी हरकतें कर रही हो। मैं तुमको इतनी बार चोद चुका हूं फिर भी आज तुम्हारी चूत टाइट क्यों है।

मैं दर्द के कारण कुछ बोल नहीं सकती थी। पर मेरे भैया को क्या पता कि जिसको वे चोद रहे हैं वह उनकी बीवी नहीं बल्कि बहन है।

कुछ देर शांत रहने के बाद फिर भैया ने धीरे-धीरे धक्का लगाना शुरू किया। अब उनका आधा लिंग मेरी योनि में आसानी से जा रहा था।

तभी मुझे कुछ महसूस हुआ कि मेरी योनि से खून निकल रहा है। मुझे पता चल चुका था मेरी सील टूट गई है।

काफी देर संभोग करने के बाद मेरे भैया ने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी गांड चाटने लगे। फिर उन्होंने अपना लिंग तेल लगा कर एक जोरदार झटके में पूरी तरह से मेरी गांड में घुस दिया।

मेरी कामुक सिसकारियां 'आह ओह ओह माई गॉड ... आह उफ़' निकलने लगी। पूरा घर कामुक सिसकारियां से पूछ रहा था से गूंज रहा था।

15 मिनट की लगातार गांड चुदाई के बाद उन्होंने अपना लिंग निकाला और मुझे अपनी बाहों में उठा लिया, नीचे से मेरी योनि में अपना लिंग सेट कर दिया और मुझे ऊपर नीचे करने लगे.

मेरी तेज तेज सिसकारियां निकल रही थी क्योंकि अबकी बार उनका लंबा लंड पूरी तरह से मेरी योनि में जा रहा था।

कुछ देर बाद मेरी योनि से पच पच की आवाजें निकलने लगी। लगभग 5 मिनट बाद मेरा शरीर ढीला पड़ गया क्योंकि मैं झड़ चुकी थी।

परंतु भैया नहीं रुके और वह मुझे ऊपर नीचे करते रहे। उनका काला नाग मेरी योनि में सीधा वार कर रहा था।

फिर उन्होंने मुझे बेड पर पटक दिया, वे मेरी चूचियों को मसलने और पीने लगे।

तब उन्होंने अपना काला लंड मेरे मुंह के सामने लाकर मुझे मुंह में लेने के लिए बोलने लगे।

मैंने इंकार कर दिया। तभी भैया बोले- अरे रानी, एक बार तो ले लो. तुम तो बड़ी चाव से लेती हो मेरा लंड मुंह में ... आज क्या हुआ है तुम्हें?

मुझे मजबूरन भैया का लिंग अपने मुंह में लेना पड़ा। उनका लिंग मेरे मुंह में जाते ही मेरा पूरा मुंह भर गया और मुझे नमकीन जैसे स्वाद आने लगी।

वे मेरा बाल पकड़कर मेरे मुंह को आगे पीछे कर रहे थे और अपना पूरा लंड मेरे मुंह में देने की कोशिश कर रहे थे जिसके कारण मेरी खांसी निकलने लगी।

फिर उन्होंने कुछ देर मेरे बूब्स के साथ खेला और उनको पिया।

इसके बाद भैया मेरी योनि को चाटने लगे। मुझे बहुत गुदगुदी हो रही थी जब वह अपनी जीभ से मेरी उन्हीं को चाट रहे थे।

एक बार फिर उनका लिंग खड़ा हुआ और उन्होंने मेरी एक टांग हवा में ऊपर उठाकर एक जोरदार झटके में अपना पूरा लिंग मेरी योनि में घुसा दिया। मेरी चीख निकल गई।

और अब भैया नीचे से गांड उठा उठा कर चोद रहे थे। मेरी चीख के साथ-साथ आंख से आंसू निकलने लगे।

फिर कुछ देर बाद मुझे मजा आने लगा और मैं सिसकारियां लेने लगी। अब मुझे पता चला कि मेरी भाभी इतना खुश क्यों रहती हैं.

अब तक तो मैंने सिर्फ अपनी सहेलियों से सुना था कि चुदाई में मजा आता है। पर आज पहली बार महसूस कर रही थी।

लगभग आधे घंटे बाद भैया मेरी चूत में झड़ गए और फिर मेरी योनि को चाटने लगे। फिर मेरे बूब्स को दबाया और चाटा और सो गए।

इसके बाद मैं वहां से उठी और जाकर बाथरूम में फ्रेश हो गई‌ और अपने रूम में सो गई।

जब मैं सुबह उठी तो मेरी योनि लाल हो चुकी थी और फूल गई थी और मुझे चलने में भी काफी दर्द हो रहा था।

भाभी आ चुकी थी। मैंने ब्रदर सिस्टर सेक्स की सारी वार्ता अपनी भाभी को बताई।

मेरी भाभी बोली- कोई बात नहीं, इसमें आपकी कोई गलती नहीं है।

भाभी ने मुझे कुछ दवाइयां लाकर दी और बोली- ये खा लेना, कल तक ठीक हो जाओगी।

फिर मेरे भैया उठे और भाभी को किचन में जाकर पकड़ लिया और बोले- सच में रानी, तुमने रात को बिल्कुल सुहागरात वाला मजा दिया। मेरी भाभी उनको बोली- और मेरा जो आपने कचूमर बनाया उसका क्या?

फिर भैया उनको किस करके बाथरूम में नहाने चले गए।

दोपहर को भाभी मेरे रूम में आई और बोली- अब कैसा महसूस हो रहा है? मैंने कहा- ठीक ... पहले से ठीक हूं।

फिर भाभी बोली- अच्छा बताओ, मजा तो आया होगा ना? मैंने कहा- क्या भाभी आप भी!

भाभी बोली- देखो कोई बात नहीं, अब तुम भी जवान हो चुकी हो और तुमको भी इसकी जरूरत है। और हमारी राजपूत खानदान की तो जानती ही हो अगर बाहर गए तो नाम बदनाम हो जाएगा इसीलिए घर का घर में रह जाए तो अच्छा है।

मैंने कहा- भाभी, भैया का काफी मोटा है और लंबा बिल्कुल गंदी फिल्मों की तरह। आप कैसे बर्दाश्त करती होंगी? भाभी ने हंसते हुए जवाब दिया- जैसे तुमने किया था! मैं शरमा गई और अपनी आंखें नीचे कर ली।

भाभी बोली- देखो आरती, तुम्हारा जब भी मन हो तुम मुझसे बोल देना, मैं पूरा इंतजाम कर दूंगी. तुम डरना मत, तुम्हारे भैया को कुछ नहीं पता चलने दूंगी।

लगभग दो-तीन दिन बाद मेरा दर्द ठीक हो गया था। उसी रात भाभी आई और बोली- देखो आरती, आज मेरा पीरियड है। तुम्हारे भैया संभोग की जिद पकड़ कर बैठे हैं। मैंने उनको कुछ समझाया और वह नहीं मान रहे हैं अब तुम ही कुछ कर सकती हो।

मैं भाभी का इशारा समझ चुकी थी। अंदर से तो मेरा भी मन था पर मैंने भाभी को कहा- नहीं भाभी, मैं ऐसा नहीं करूंगी।

फिर भाभी मुझ से रिक्वेस्ट करने लगी और मैंने हां कह लिया। प्लान के मुताबिक खाना खाने के बाद भाभी नाइटी पहन कर मेरे रूम में आई, अपनी नाइटी मुझे पहना कर भैया के पास भेज दिया।

मैं जब गई तो मैंने देखा भैया बेड पर लेटे हुए थे और अपना लंड हिला रहे थे। कमरे की लाइट बंद थी इसीलिए वह मुझे पहचान नहीं पाए।

मेरे बेड पर जाते ही उन्होंने मुझे पकड़ लिया और मेरी नाइटी उतार कर मेरी चोली और पेंटी भी खोल दी।

वे मुझे ऊपर से नीचे तक चाटने लगे। उन्होंने अपना मोटा लिंग मेरे योनि में सेट किया और धक्का लगाने लगे।

मेरी सिसकारियां निकल रही थी और भैया मेरी बूब्स को भी दबा रहे थे। फिर उन्होंने पोजीशन बदल बदल कर मुझे रात में देर तक चोदते रहे।

मुझे घोड़ी बनाकर मेरी गांड चोदी और मुझे बेड पर लेटा कर मेरी योनि चोदी!

बीच-बीच में वे मेरी बूब्स को मसलते और उनको पीते और कभी-कभी अपना औजार मेरे मुंह में देकर हिलाने लगते।

आज की चुदाई में मुझे भरपूर मजा आया था क्योंकि अब मुझे दर्द नहीं हो रहा था बल्कि हवस मिटाने के लिए मजा आ रहा था।

2 बजे मैं अपने रूम में गई और भाभी को जगा कर उनको बोल दिया- जाओ अपने रूम में!

आधा घंटा बाद फिर भाभी ने मुझे बुलाया और बोली- तुम्हारे भैया फिर तैयार हो चुके हैं। मैं गई रूम में!

भैया ने मुझे बाहों में पकड़ लिया, मुझे बेड पर पटक कर मेरे शरीर को ऊपर से नीचे तक चाटने लगे। मेरी योनि में जीभ से अपने चाट रहे थे और उंगली से मेरी योनि में अंदर बाहर कर रहे थे।

वे लगभग 10 मिनट तक ऐसे करते रहे। उसी बीच में मैं झड़ी भी और भैया ने मेरा सारा पानी पी लिया।

और फिर भैया अपना औजार मेरी योनि में सेट करके जोरदार धक्का लगाने लगे। पच पच की आवाज से और मेरी सिसकारियों से पूरा कमरा गूंज रहा था।

लगभग आधे घंटे की लगातार संभोग के बाद मेरे भैया थक कर सो गए। और मैं गई जाकर भाभी को भेज दिया।

अब लगभग एक महीना हो चुका है और मैं सप्ताह में एक बार अपने भैया से जरूर चुदाने जाती हूं। ब्रदर सिस्टर सेक्स के कारण मेरा शरीर अब पहले से और ज्यादा खिल चुका है। मेरे चेहरे की रौनक बढ़ चुकी है। मेरा बदन पहले से ज्यादा गजरेला और भरा बदन हो चुका है। मेरी बूब्स और गांड पहले से ज्यादा बड़े हो चुके हैं। मैं देखने में बिल्कुल अपनी भाभी की तरह लगने लगी हूं।

दोस्तो, आप लोगों को क्या लगता है। क्या मुझे भैया को सच्चाई बता देनी चाहिए।

Please rate this story
The author would appreciate your feedback.
  • COMMENTS
Anonymous
Our Comments Policy is available in the Lit FAQ
Post as:
Anonymous
Share this Story