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Click hereपड़ोसियों के साथ एक नौजवान के कारनामे
VOLUME II- विवाह, और शुद्धिकरन
CHAPTER-5
मधुमास (हनीमून)
PART 13
समूह सेक्स
इधर मैं ज्योत्स्ना को चोदता रहा और इसी तरह प्यार करते और चोदते हुए हम पता नहीं कब ज्योत्स्ना मेरी बाहो में सौ गयी । हमारी चुदाई देखते हुए बिस्तर पर मोना अपने कपड़ों की क़ैद से आज़ाद बिल्कुल नंगी लेटी हुई थी और हुमा उसकी प्यासी चूत पर अपने हाथ को आहिस्ता-आहिस्ता फेर कर प्यार कर रही थी। मोना की फूली हुई गोरी चूत के गुलाबी होंठो से रस की बूंदे टपक रही थीं.।
अलका की गोरी-गोरी टाँगों के दरमियाँ में, किसी भी क़िस्म के बालों के बगैर, और उसके साथ चिपकी हुई रूबी की सॉफ और गुलाब की पंखुड़ियों की तरह से चिपकी हुई चूत की दरार को देख कर मेरे मुँह से लार टपकने लगी।
रीती और रुखसाना एकदूसरे को फ्रेंच किस कर रही थी दोनो की आँखें मजे में बंद थी रीती रुखसाना चुचिओ को दबा रही हैं और रुखसाना उसकी चुचिओ को मसल रही है और किस्सिंग मे खोयी हुई थी हैं और मूह से उउउउउउउन्न्न्न्ह्ह्ह्हजैसी आवाज़ें निकल रही थी ।
टीना और हेमा भी एक दूसरे से खड़ी खड़ी ऐसे लिपटी हुई थी जैसे बहुत पुराने प्रेमी अरसे के बाद मिल रहे हो. एक दूसरे को बेतहाशा डीप टंग सकिंग और पॅशनेट किस कर रही थी और अपनी चूते एक दूसरे से मिलाने के लिए अपनी अपनी गांड आगे पीछे कर रही थी जैसे खड़े खड़े एक दूसरे को चोद रही हो।
ज्योत्सना को सोते हुए देखकर मोना मेरे पास आयी और मैंने मोना को अपनी बाँहों में उठाया और बेड पर लिटा दिया। मैं मोना को पागलो की तरह चूमने लगा.फिर उसके ऊपर लेट कर मैं उसके बूब्स से खेलने लगा और धीरे धीरे उन्हें भींचने लगा। मोना की सिसकरियाँ तेज हो रही थी। मैं उसके निप्पलों को अपने दाँतों से दबाने लगा। कभी जोर से उसके स्तन दबा लेता तो वो उछल पड़ती।
मोना
मोना के होंठो को अपने होंठो में काबू करते ही मेरा हाथ मोना की गुदाज जांघो के बीच में से होता हुआ उस की फूली हुई गरम चूत पर आ कर जम गया।
उसकी बाँहें मेरी पीठ को सहला रही थी और मुझे भींच रही थी। 'ओह कुमार अब और मत तड़पाओ, अब सहा नहीं जाता, जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल दो।प्लीज़! वह गिड़गिड़ाने लगी।
जैसे ही मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रखा और एक ही झटके में अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया। 'ओहहहहह म म म मर गई, उसने तड़पते हुए कहा।
'सॉरी डार्लिंग!, क्या ज्यादा दर्द हो रहा?' यह कहकर मैं अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा। और मैं एक हाथ से रुखसाना और दुसरे से टीना के चूचे सहलाने लगा और हेमा को किश करने लगा l
'ओह बहुत मज़ा आ रहा है, अब और मत तड़पाओ, जोर-जोर से करो, आआआहहहहह... कुमार! हाँ राजा! जोर से चोदते जाओ, ओहहहहहह मेरा पानी निकालने वाला है, हाँ ऐसे हीl वह उत्तेजना में चिल्ला रही थी और अपने कुल्हे उछाल-उछाल कर मेरे धक्कों का साथ दे रही थी।
अचानक उसका जिस्म थोड़ा थर्राया और उसने मुझे जोर से भींच लिया। 'ऊऊऊऊऊ मेरी चूऊऊत गई...कहकर मोना निढाल हो गई।
हुमा
मैंने अब हुमा के अंदर लंड घुसाया और धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिएl मैं एक हाथ से रीती और दुसरे से अलका के चूचे सहलाने लगा और रूबी को किश करने लगा l
फिर कुछ देर के बाद मैंने महसूस किया कि मेरा लंड पानी से भीग रहा है। अब हुमा भी अपना पानी छोड़ने वाली थी, अब वो नीचे से अपनी कमर उठा-उठाकर चिल्ला रही थी और बडबड़ा रही थी आहहहहहह और चोदो मेरी चूत को, आज मत छोड़ना, इसे भोसड़ा बना देना और फिर कुछ देर के बाद वो बोली हाए मेरे राजा में झड़ने वाली हूँ। और फिर मैंने उसकी गांड पकड़कर अपनी स्पीड बढ़ा दी, तो वो भी कुछ देर के बाद झड़ गई। और निढाल हो गयी. हुमा मेरी छाती से चिपकी हुई थी, रूबी मेरी पीठ से चिपक गयी और मेरी गर्दन पर किस करने लगी मेरी पीठ पर उसके बूब्स अपना नर्म प्यारा सा अहसास करवाने लगी. रुखसाना मेरी बायीं और और मोना दायी और हो गयी. अलका मेरे बाए गाल कान और कंधे को चूसने लगी, हेमा मेरे नितम्बो को सहलाने लगी।
अलका
अब मैंने अलका को खड़ी किया और वह उछली और मेरी बाहों में में आ गयी और मेरे गले में बाहे डाल कर,, गोल-गोल घुमाती हुई, और मुझे बिस्तर पर ले गई, जिस पर वह खुद बैठ गयीl
और मेरे लंड को मुँह में ले कर चूसने लगी l अलका मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी l फिर बिस्तर पर गिरते हुए, उसने मुझे ऊपर खींच लिया । मैंने अपने जल्द ही अपने लंड की पूरी लंबाई उसकी कुदरती और स्वाभाविक नरम और सुस्वाद म्यान में चला दी, और रेल गाडी बना कर चलाता रहा।
इस बीच मैंने उसको ओंठो को खूब चूसा और और उसके स्तनों को बुरी तरह से दबाने के बाद चूमा चाटा और चूसा । मैंने उसको कई बार काटा। इसके बाद दो बार उसने प्रेम के जलाशय की बाढ़ को खोल दिया।
रूबी
अब अलका स्खलित हुई तो रूबी ने मुझे नीचे लेटाया और वो मेरे लंड के ऊपर आ गयी फिर में नीचे और रूबी मेरे ऊपर थी। मेरे तनकर खड़े लंड पर धीरे धीरे अपनी चूत दबाकर लंड को अंदर घुसा रही थी। मैं उसकी संकरी चूत की चमड़ी को अपने लंड की चमड़ी पर रगड़ते हुए मजे का अनुभव कर रहा था ।
वो मेरे लंड पर धीरे से उठती और फिर नीचे बैठ जाती जिसकी वजह से लंड अंदर बाहर हो रहा था और वो खुद अपनी चुदाई मेरे लंड से कर रही थी और बहुत मज़े आ रहे थे । 'आह्ह्ह हह ... उईईई आह्ह आआ ऊओऊऊच ऊउई इम्म्मां ... उम्म्ह्ह्ह ।
रूबी बहुत मस्त लग रही थी। मैंने भी अपने चूतड़ उठा कर उसका साथ दिया। मेरा लंड उनकी चूत के अंदर पूरा समां जाता था तो दोनों के आह निकलती थी। फिर मेरे हाथ उनके बूब्स को मसलने लगे फिर मैं उसकी चूचियों को खींचने लगता था तो रूबी सिहर जाती थी और सिसकने लगती थी । मैंने एक हाथ से रूबी की चूत में और दुसरे हाथ से रीती की चूत में ऊँगली करना शुरू कर दिया ।
रुखसाना मुहे चूमने लगी मैंने रुखसाना को चूमते हुए और एक हाथ से रूबी और दुसरे हाथ से रीती की चूत में ऊँगली करते हुए और रुखसाना लिप किस करते हुए रूबी को चोद रहा था । रुखसाना मुझे बेकरारी से चूमने लगी । और चूमते चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे. जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी. इस बीच मैंने रूबी की जम कर चुदाई की ।
उसके बाद रूबी मेरे ऊपर झुक गयी और हम लिप किस करते हुए लय से चोदने में लग गए। फिर थोड़ी देर के बाद वो भी झड़ गयी ।
रीती
मैं फुसफुसाया, "रीती आओ, मेरी गोद में बैठो।"
उसकी चूत इतनी गीली, नम और फिसलन भरी थी कि जिस पल वो मेरी गोद में बैठी, मैंने अपनी कमर घुमाई तो मेरा लंड आसानी से फिसल गया, और उसकी चूत के छेद में पक्क की आवाज के साथ घुस गया। फिर मैंने मेरे कूल्हों को ऊपर-नीचे किया गया, और गति बढ़ाते हुए... फिर से धीमा करने से पहले; मेरे हथेलियों ने उसके स्तन सहला दिए । "ओह रीती....." और वो भी ऊपर नीचे होते हुए चुदाई की ताल मिलाने लगी.. हमारे होंठ जुड़े हुए थे मेरा एक हाथ उसके स्तन दबा रहा था और दूसरा हाथ उसके पीठ को सहला रहा था और चुत के अंदर लंड हलचल मचा रहा था.. उधर रीती के दोनों हाथ मेरी गर्दन के हार बने हुए मेरे कंधो पर थे,, ऐसे ही कुछ देर चला मेरा लंड उसकी चूत के छेद के अंदर गहराई तक समा गया था। वो लगातार मेरी गोद में उछल रही थी और बड़े लंड को अपनी चूत के अंदर दबा रही थी। जब वह अपने बट को ऊपर उठा रही थी, मेरा विशाल लंड उसकी चूत में घुसा हुआ था और वो अपने नितंब ऊपर नीचे कर रही थी, तो मैंने अपने लंड को ऊपर की ओर पूरी ताकत से धक्का दे रहा था जिसके परिणामस्वरूप हवा चूत के रस के साथ मिश्रित होकर फच फच की मधुर ध्वनि पैदा कर रही थी ।
वो अपने कामोन्माद के चरम पर पहुंची और कांपने लगी । उसका शरीर अकड़ा और वो मेरी गर्दन से लिपट गयी और उसका ऊपर नीचे होना रुक गया और उसके गर्म लावे के प्रवाह से मेरा लंड पूरा भीग गया।
रुखसाना
फिर मैंने रुखसाना को खड़ा कर दिया और मेरा दाहिना पैर उसकी तरफ बढ़ा, उसके पैरों को अलग कर दिया। रुखसाना ने उत्तेजना के कारण अपने होंठों को काटते हुए मेरे पैर की उंगलियों को दबाया। और मैंने उसकी योनि में खड़े खड़े ही लंड घुसा दिया और फिर ऐसे ही कुछ धक्के और लगाए "आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह" उसने जोर से कराहते हुए कहा, मेरी ठुड्डी को ऊपर खींच, हमारी जीभ आपस में लड़ गयी । मेरी उंगलियों ने उसके कूल्हे मसल दिए। मैंने स्पीड बढ़ाई तो वो बोली "धीरे प्लीज धीरे करो... 'रुखसाना ने अपना मुँह मेरे मुँह अपना मुँह रखते हुए पहले फुसफुसायी, और उसी समय मैंने अपने लंड को उसकी योनि से बाहर निकाल दिया । मैं उसके दोनों स्तनों को सहला रहा था, और साथ ही साथ उसके कठोर निप्पलों को मसल रहा था। कभी-कभी, मैं अपने दांतों से निपल्स को कुतर देता तो उसकी कराह निकल जाती थी । जब मैं उसके ओंठो को किस की तो मैं उसके होठों की कोमल पंखुड़ियों को कभी-कभी काट रहा था, और फिर मैंने उसके मुँह के छिद्र के अंदर अपनी जीभ को गहराई से दबाया। मैंने दांतों के नीचे उसके पूरे मुँह को गहराई तक चूसा और उसकी जीभ को भी चूसा। उसने भी मेरी जीभ को चूस कर पूरा साथ दिया । हमारी दोनों गर्म जीभों ने एक बड़ी मात्रा में लार का उत्सर्जन किया, जिसे हमने अपने मुंह में ले लिया। मिश्रित लार दोनों के लिए स्वादिष्ट था, और हमारे दोनों के मुंह इस लार से भरे हुए थे, जो धीरे-धीरे हमारे मुंह के कोने से बाहर टपक रहा था, और हमने समय को बर्बाद किए बिना, दोनों ने तुरंत लार को निगल दिया। यह एक मिनट से अधिक समय तक चलता रहा। तभी फिर जब वह अपने उत्कर्ष पर पहुँची तो उसका बदन काम्पा फिर उसका जिस्म अकड़ा और वह झड़ गयी और मेरा लंड उसके रस से भीग गया।
टीना
"ओह्ह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह्ह ह्ह्ह्ह... नूओऊओओ," मैंने टीना को कुत्ते की शैली में चोदन शुरू कर दिया । और अब मैंने उसकी चूत में पीछे से लंड को डालकर चोदना शुरू किया मुझे लगा पीछे से लंड ज्यादा अन्दर तक गया और पहले से ज्यादा मजा आया. टीना भी मस्ती में गांड आगे पीछे कर मेरा साथ देने लगी और फिर में उसे लगातार धक्के देकर चोदता रहा। बीच बीच में पीछे से उनके मोमो पकड़ कर दबाता रहा जब मैं उनके मोमे दबाता था तो वह मुँह पीछे कर मुझे किस करने को कहती थी और मैं उनके लिप्स चूसने लगता करीब 25 मिनट तक लगातार उसको उस पोज़िशन में चोदा उनकी हालत बुरी थी वह कई बार झड़ चुकी थी. फिर टीना निढाल हो कर लेट गयी मैं उनको प्यार से सहलाने लगा
हेमा
फिर मैं हेमा के उसके दोनों स्तनों को सहला रहा था, और साथ ही साथ उसके कठोर निप्पलों को मसल रहा था। हेमा मेरे ऊपर आ गयी और अपनी कमर और नितंब ऊपर-नीचे करते हुए, तेज आवाज के साथ चोद रही थी, मैं उसकी चूत के अंदर के बड़े लंड को एक लय के साथ ध्वनि के साथ लय मिला कर चोद रहा था मनो दोनों मधुर संगीत पर पानी ताल मिला रहे थे ।
उधर मैं लयबद्ध तरीके से धक्के लगाए जा रहा था। साथ ही साथ हेमा को चूमता भी जा रहा था। जल्द ही हेमा की साँसे उखड़ने लगी और देह थिरकने लगी। उसकी योनि में उबाल आने लगा। वो छटपटाने लगी और उसकी योनि से कामरस छूट गया।हेमा ने मेरे होंठों को अपने मुँह में ले लिया, और स्खलन के साथ ही हेमा की आहें निकलने लगी - वो स्खलन का पूरा आनंद ले रही थी।
यह एक मिनट से अधिक समय तक चलता रहा। मुझे पता था कि हेमा को एक भारी ओर्गास्म हुआ था मुझे लगा कि मेरा लंड सब लड़कियों के योनि रस से भीगने के बाद और चिकना हो गया है।
रोजी
मैं अपनी पहली प्रियतमा रोजी के पास गया और मैंने उसे किश किया और चाटने लगा और दोनों एक दुसरे के साथ चिपक गए और लिप किस करने में लग गए. हम एक-दूसरे की बांहों में समा गए और कुछ मिनटों के लिए वहीं पड़े रहे। कुछ देर बाद मैंने उसके शरीर को छेड़ना शुरू कर दिया हम दोनों ने एक दुसरे को प्यार के साथ चूमा। जब तक हम चूमा चाटी कर रहे थे मेरे हाथ उसके स्तन और निपल्स को दबा और प्यार से सहला रहे थेl मैं किस करता हुआ उसके स्तन से उसकी गर्दन तक फिर उसके कानों तक और फिर उसके होंठों को चूमा चाटा और किश किया। फिर मैंने उसके स्तन और निप्पलों को चाटता और चूसने लगा । वह भी इतनी साड़ी चुदाई देखने के बाद उत्तेजित थी उसे निप्पल और स्तन कड़े थे मैं हाथ चूत पर ले गया तो मैंने पाया की उसकी चूत भी गीली थी। मेने उसकी टांगो को खोला ओर उसकी लाजवाब चूत अपनी ज़बान से उसकी चाटने लगा ओर अपनी ज़बान उसकी नर्म ओर गर्म चूत मे डाल दी ओर हाआआ.. म्म्म्म म ओर वो मेरे सर को अपने हाथो से अपनी चूत पर दबाने लगी ओर पागल होकर हाआआआआ चुऊस मेरी चूत को इसका सारा रस पी लो हाअ उफफफफफ ओर उसकी चूत ने सारा पानी मेरी मुह मे निकाल दिया। जिसे मैंने मुँह में भर लिया फिर मे खड़ा हुआ ओर अपनी ज़बान उसके मुह मे डाल दी ओर वो भी अपनी चूत के पानी का मज़ा मेरी ज़बान चुस कर लेने लगी मेने उसकी ज़बान चूसी ओर खुब एक दुसरे को खूब चुमा चाटा।
फिर मैंने उसकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया और उसके दोनों पैरों को फैलाया, मैंने एक बार लंड पकड़ कर उसकी योनि के दाने पर रगड़ा और अपना लंड का सूपड़ा उसकी चूत में डाल दिया। अब जब मेरे लंड का सुपड़ा ही उसकी चूत में गया था और मैं उसके लिप्स पर किस करते हुए अपने धक्के लगाता गया। फिर मैंने धीरे-धीरे धक्के की स्पीड बढ़ानी शुरू कर दी वो बोली कि हाँ बहुत मज़ा आआआआ रहा है, तुम्हारी चुदाई जबरदस्त है..हाईईईईई, म्म्म्मम अआह्ह्ह आाआइईई और करो, बहुत मजा आ रहा में अपनी स्पीड धीरे-धीरे बढ़ाता जा रहा था हाआअ, राआआआआजा, आईसीईई, चोदो और जोर से चोदो। आआआआ और ज़ोर से, उउउईईईई माँ, आहह हाँ, अब ऐसे ही वो कराह रही थी।
फिर कुछ देर के बाद मैंने महसूस किया किउसकी चूत मेरे लंड को कस रही थी मैं तेज तेज धक्के लगाते गया। उसकी चूत संकुस हाँ करने लगी और मैं भी लंड पर हो रहे इस संकुचन के कारण खुद पर काबू नहीं रख पाया। उसके स्तनों को जोर से सहलाते हुए फिर मसलते हुए और उसके होंठों को जोर से काटते हुए, मैंने कराहते हुए कहा, "रुप्प्पाआआ, मैं तुम्हें बहुत प्यार.... कर.... हूं... ओह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह।"
ज्योत्स्ना
तब तक ज्योत्स्ना भी जग गयी थी और हमारी चुदाई देखते हुए उत्तेजना से भारी भारी साँसे लेने लगी जिससे उसके शानदार स्तन ऊपर नीचे होने लगे और उसका ऐसा कामुक भावनाआओ को भड़काने वाल रूप मेरे सामंने था उसके भरे, मुलायम और चिकनी टाँगे मुझे ललचा रही थी । रीती उठी और उसे ज्योत्स्ना की हर्बल तेल से मालिश की और रूबी उसे बाद ज्योत्स्ना को चूमने लगी उसे बाद हुमा ज्योत्स्ना के एक स्तन को और रुखसाना उसके दुसरे स्तन को चूसने लगी. हेमा ज्योत्स्ना की चूत के दाने से खेलने लगी और मोना हेमा के स्तन चूसने लगी. अलका रुखसाना की चूत में ऊँगली कर रही थी और टीना अलका को चूमने लगी. और हेमा टीना की चूत में मुँह घुसा कर उसका रस चाटने लगी. इस एक साथ हमले का नतीजा ये हुआ की लगभग सभी लड़किया एक साथ झड़ गयी.
मैं आगे हुए और ज्योत्स्ना को चूमने लगा और फिर ज्योत्स्ना के ऊपर लेट गया ।वो मेरे से चिपक गयी अपनी बायीं बाजू उसकी कमर में डाल कर अपने ओंठो से उसके ओंठो को भावुक और लम्बे चुंबन में दबाया. मेरी गर्म सांस उसके गालो को छू रही थी और और अपने दोनों हाथो से ज्योत्स्ना के स्तनों को एक साथ लाकर दबाने लगा जिससे भाभी कामुक आनंद में कराहने लगी.. आह!
मैंने दाए हाथ से लंड को पकड़ा और योनि के द्वार पर लगाया और दबाया और ज्योत्स्ना की नाजुक योनि में प्रवेश करने के लिए के लिए धक्का दिया । पर लंड अंदर नहीं गया. फिर मैंने ढेर सारा थूक अपने हाथ में लेकर पहले अपने लंड पर लगाया फिर ज्योत्सना की गीली चूत पर लगाया। थूक से सना अपना खड़ा लंड चूत के मुँह पर रखा और धीरे से कमर को आगे बढ़ा कर अपना सुपाड़ा चूत में घुसा दिया और उस के ऊपर चुपचाप पड़ा रहा। थोड़ी देर के बाद जब वो नीचे से अपनी कमर हिलाने लगी तो मैंने धीरे-धीरे अपना लंड चूत में डालना शुरु किया।
मेरा लंड ज्योत्स्ना की योनि की गुलाबी सिलवटों और छोटे छिद्र में दो इंच अंदर चला गया और ज्योत्स्ना उत्तेजना के रोष में पागल हो गयी मैंने दुबारा जोर लगाया और लंड आगे बढ़ गया मैंने उसके कंधों को पकड़ कर नीचे को दबाया और एक जोरदार शॉट मारा और लंड जड़ तक ज्योत्स्ना की योनि के अंदर चला गया।
आह! ज्योत्स्ना की हलकी सी आन्नद भरी कराह निकली क्योंकि उसने अपने अंदर मेरे लंड को महसूस किया। मैंने ज्योत्स्ना की एक चूची को अपने मुँह में लेकर जीभ से सहलाना शुरु कर दिया और दूसरी चूची को हाथ से सहलाना शुरु कर दिया। थोड़ी देर बाद ज्योत्स्ना ने नीचे से अपनी कमर को ऊपर नीचे करना शुरु किया।
तभी रोजी ज्योत्स्ना के पास गयीऔर उसकी दायी चूची को सहलाना शुरू कर दिया
इसके बाद मैंने बार-बार लंड को योनि के अंदर पहले धीरे धीरे आगे पीछे किया और फिर तेजी के साथ चुदाई शुरू कर दी । मैंने 8-10 काफ़ी जोरदार धक्के लगाये और मेरे लंड से मेरा वीर्य ज्योत्स्ना की चूत में गिरा और समा गया। मेरे झड़ने के साथ ही साथ ज्योत्स्ना की चूत ने भी पानी छोड़ दिया और उसने अपने बाँहों और टाँगों से मेरे को जकड़ लिया। मैं हाँफते हुए ज्योत्स्ना के ऊपर गिर गया और थोड़ी देर तक हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे से चिपके रहे। हम एक दूसरे की बाहों में बह गए और फिर अगली सुबह हम एक साथ उठे।
तो दोस्तों ये कहानी जारी रहेगी। आगे क्या हुआ? ये अगले CHAPTER- 5 मधुमास (हनीमून)-भाग 14 में पढ़िए ।
आप आपने कमैंट्स और अनुभव भेजते रहिये इससे और बेहतर कहानी लिखने को प्रोत्साहन मिलता है ।
आपका दीपक