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दशम अध्याय
आनंद की तालाश की यात्रा
भाग 37
सुंदर हाल और मंच का विवरण
मेरी आंखों पर पट्टी बंधने से पहले मुझे एक बड़े दरवाजे के पास ले गयी जो हमारे आगमन पर अपने आप खुल गया, उनकेखुलने पर जो प्रकाश प्रवाहित हुआ मैं उस प्रकाश की बाढ़ से लगभग अंधा हो गया था । उस हाल में-में प्रवेश करते हुए, मैंने भव्यता का एक दृश्य देखा, जो किसी भी परी कथा से उधार लिया गया था। यह ऊँचाई और बड़ी लंबाई का एक बड़ा हाल था, जिसके बाहरी और संगमरमर के विभिन्न रंगों के स्तंभों की पंक्तियाँ थीं; प्रत्येक खंभे के साथ बेहतरीन संगमरमर में मूर्तिकला की कई उत्कृष्ट कृतियाँ खड़ी थीं, जो हर संभव स्थिति में नग्न, अनुग्रह और कामुकता से भरपूर सुंदर महिलाओं को दर्शा रही थीं।
में कलाकृतिया इतने स्वाभाविक थी की वे मांस और रक्त से बनी हुई दीक्षा समारोह की जीवित गवाह लग रही थी, उनके बाल अलग-अलग देशों की महिलाओं द्वारा पहनने के तरीके का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रशंसनीय थे। सबके स्तन गोल और बड़े लग रहे थे और फिर और नीचे, छोटे घुंघराले बाल जो सुंदर जीवन की तरह नीचे लटके हुए योनि के होठों को अलंकृत कर रहे थे, मैं आगे बढ़ने और उन्हें महसूस करने के लिए लगभग ललचा रहा था और महसूस करना चाहता था कि क्या वे जीवित नहीं हैं। उनमे से एक में एक महिला की कलाकृति थी जिसके घुटने थोड़े मुड़े हुए और चौड़े थे, उसकी योनी में लगभग आधा लिंग था। दूसरी कलाकृति के हाथ में लिंग था और एक अन्य के मुँह में आधा लिंग था और अन्य अलग-अलग दृष्टिकोणों और आसनो में कलाकृतिया बिलकुल सजीव लग रही थी।
हॉल के अंत में सुगंधित पानी का एक फव्वारा था, जो कमरे में सुगंधित शीतलता फैला रहा था। दीवारों को, कामुक चित्रों से चित्रित किया गया था, जिनमे हर प्रकार की कामुक मुद्रा और स्थिति में महिलाएँ को पुरुषो के साथ सम्भोग की विभिन्न मुद्राओं में दर्शाया गया था।
केंद्र का मंच बेहतरीन रंगों में चित्रित एक विशाल योनी का प्रतिनिधित्व करता था, जिसके होंठों के बीच जो एक शानदार झूमर से लटके हुए एक बड़ा नक्काशीदार लिंग था लिंग के पास नग्न अप्सराओं का एक घेरा था, ये एक सबसे शानदार नजारा था।
मैंने देखा कि एक कोने में एक युवा पूर्ण स्तन वाली लड़की मैरी (एम्) की आंखों पर पट्टी बाँध रही थी और फिर आंखों पर पट्टी बाँधे हुए मैरी (एम्) ड्रेसिंग रूम की चमकदार रोशनी के सामने घबरायी हुए खड़ी हो गयी लेकिन दांनी का सिर ऊंचा था और उसका शरीर तनावग्रस्त था। काले लबादे में ट्रिम पूर्ण स्तन वाली रेडहेड युवती, डैनी के कंधों पर हल्के से हाथ रखे उसके पीछे खड़ी हुई थी। "अरे बर्टा, मैरी (एम्) के साथ खड़ी वह दूसरी लड़की बिलकुल आपके जैसी दिखती है क्या वह आपकी जुड़वाँ बहन है!" मैंने कहा।
"नहीं, वह मेरी बहन अल्दा है," बर्टा ने कहा। "वास्तव में वह मुझसे दो साल छोटी है।"
अल्दा ने मैरी (एम्) को आंखों पर पट्टी बाँधकर उस ड्रेसिंग रूम में बैठा दिया और उसने कमरे की रोशनी बंद कर दी और एक पैनल को पीछे खिसका दिया, जिससे एक खिड़की खुल गई जो मंच की तरफ खुल रही थी। बर्टा ने मुझे कहा कि दीक्षा समारोह के दौरान मैरी (एम्) की में आंखों पर पट्टी बंधी रहेंगी और आंखों पर पट्टी का मुख्य कारण उसे समारोह देखने से रोकना नहीं है, बल्कि यह उसकी अन्य इंद्रियों की संवेदनशीलता को बढ़ाने के लिए है, जिससे वह अपने पूरे अनुभव का अधिक आनंद उठा सके।
वो बोली कॉलेज की शिक्षा एक महत्त्वपूर्ण चीज है, लेकिन इसमें कुछ मूलभूत ज्ञान की कमी रह जाती है, जिसे व्यक्ति केवल अनुभव और बड़े होने से ही सीख सकता है, जिनमें स्वयं यौन शिक्षा भी शामिल है। दुर्भाग्य से शिक्षा प्रणाली बच्चों को जीवन से सम्बंधित उचित शिक्षा नहीं दे रही है, और इस मामले की सबसे दुखद सच्चाई यह है कि अधिकांश शिक्षक और माता-पिता इस सम्बंध में कम शिक्षित हैं।
दीक्षा में यह सिखाया जाना शामिल है कि अपने यौन साथी को कैसे खुश किया जाए और कैसे अधिक से अधिक यौन आनद लिया जाए। साधारणतया दीक्षा विपरीत लिंग के सदस्य द्वारा की जाती है। बच्चों को इसमें भाग लकेने की अनुमति नहीं है। पुरुष स्त्रियों या लड़कीयो को और महिलाएँ पुरुषो या लड़को को ये सिखाएंगे कैसे अपनी साथी महिला को खुश किया जाए। एक बार जब आपकी दीक्षा पूरी हो जाती है, तो आपको किसी भी ऐसे सदस्य से सेक्स करने की अनुमति होगी जिसकी दीक्षा पहले हो चुकी है।
तभी एक दरवाजा खुला और उससे लोग उस हाल में दाखिल होने लगे। हर कोई 18 से 25 साल की उम्र का लग रहा था और आरामदायक कपड़े पहने हुए था। आगे की पंक्तियों में 7 पुरुष और 7 महिलाएँ थी। वे सोफे की ओर बढ़े और आगे की पंक्तियों में बैठ गए, उसके बाद 25 से 40 वर्ष के बीच के लोग, जिन्होंनेउनके पीछे की पंक्तियों में अपना स्थान ग्रहण किया। हाल इस तरह से बना हुआ था और आसान ऐसे लखे गए थे की सभी-सभी की नजर मंच के केंद्र पर रहे और उन्हें निर्बाधित नजारा मिलता रहे।
और कुछ देर बाद बी फर्श तक लंबी काली पोशाक पहने हुए मेरे पास, उसने मेरी आंखों पर पट्टी बाँध दी थी और फिर वह मेरे ऊपर झुक गई और मेरे कान में फुसफुसायी, "क्या आप इस विशेष क्लब के सदस्य के रूप में दीक्षा लेने के लिए तैयार हैं?"
"हाँ, जब से मैंने क्लब के बारे में सुना है, तब से तैयार हूँ क्योंकि मुझे पता था कि मैं यहाँ पर असाधारण सेक्स के लिए आया था, आखिर एक निजी सेक्स क्लब के लिए तो फिर किसलिए हैं।"
"मैं मैरी (एम्) के बारे में थोड़ा चिंतित हूँ," मैंने कहा। "वह इस तरह एक क्लब में शामिल होने के लिए सांसारिक ( सहज और त्यार ) नहीं लगती।"
" मैरी (एम्) के बारे में चिंता मत करो," बेर्टा ने कहा। "उसने अब तक एक बहुत ही सुरक्षित जीवन व्यतीत किया है, वह निश्चित रूप से कुंवारी है। मैंने उसके प्रायोजक का साक्षात्कार लिया है, जो उसका मंगेतर भी है और पाया कि वह अभी भी काफी शर्मीली है, लेकिन वह एक बार उत्तेजित हो जाने पर वह अच्छी तरह से एक अच्छे रोमांस का पूरा आनंद लेगी। हालांकि, उसकी अनुभवहीनता के कारण, वह केवल एक सीमित दीक्षा ही लेगी।"
और तुम, प्रिय, एक अन्य ही प्रकार के हो। इस शाम के कार्यक्रम की योजना बनाने के एक भाग के रूप में, जब आप भोजन कर रहे थे तब मैंने वारेन को फोन किया और आपके इतिहास पर कुछ गहराई से चर्चा की। मेरा विश्वास करो, उस चर्चा के आधार पर, सौभाग्य से, आप पूर्ण उपचार प्राप्त करेंगे, " उसने हँसते हुए कहा।
मेरे इतने पास खड़े होकर मैं बर्टा की गर्म सांसों को अपनी गर्दन पर और उसके दृढ़ स्तनों को अपनी पीठ में दबाते हुए महसूस कर सकता था। उसके दृढ़ 36B स्तन उसकी छाती पर ऊँचे उठे हुए थे; गुरुत्वाकर्षण की ताकतों के सामने झुकने के संकेत के बिना गर्व से खड़े हुए थे। उन स्तनों पर रास्पबेरी आकार के लाल-भूरे रंग के निपल्स थे, जो सीधे उसकी गर्म योनि से जुड़े हुए लग रहे थे।
तब मेरे बहुत करीब खड़ी बेर्टा ने अपनी आलिंगन में मुझे भरा और अपना हाथ मेरी शर्ट में सरका दिया, धीरे से मेरी छाती को सहलाते हुए निप्पल के ऊपर एक नख को खुरच कर मेरे शरीर में ए उत्तेजना की एक कंपकंपी पैदा कर दी। प्रतिक्रिया में मेरी भीतरी जांघों की मांसपेशियाँ कांपने लगीं, मेरे बदन में उसने शॉकवेव्स भेजीं और मेरे लिंग को प्रत्याशा में झुनझुनी हुई।
उसने मेरी कमीज़ और फिर मेरी पतलून के बटन खोल दिए और उन्हें और मेरे जांघिया को नीचे धकेल दिया और मेरे खड़े लंड को पकड़ लिया और फुसफुसायी दीपक! तुम इतने बड़े हो। "मैंने इन दीक्षाओं को सौ बार देखा है और इसमें भाग लिया है, लेकिन मुझे यह स्वीकार करना होगा कि मैंने इससे बड़ा लंड नहीं देखा है और यह मुझे बहुत उत्तेजित भी कर रहा है"। उसने फिर मुझे एक गाउन दिया और बोली आपको समरोह की पोशाक अपनानी होगी, जो कि एक बड़ा-सा सफ़ेद रंग का ड्रेसिंग-गाउन था। मैंने वह गाउन पहन लिया ।
"हम अब तैयार हैं, क्या आप कृपया मेरा अनुसरण करेंगे।" मैं अपनी परिचारिका के पीछे उस बड़े कमरे में गया, जिसकी परिधि के चारों ओर सोफे थे जिन पर क्लब के सदस्य विराजमान थे, एक छोर पर एक बार था और जो केंद्र में थोड़ा उठा हुआ कालीन और गद्दा था जो की मंच जैसा प्रतीत होता था और फिर वह मुझे स्टेज के बीच में ले गई।
ऊपर पहुँच कर उसने एक छिपे हुए स्विच को दबाया और एक छिपे हुए माइक के कारण दर्शकों की बुदबुदाहट भी स्पष्ट हो आई और सब शांत हो गए ।
बर्टा ने मंच के केंद्र में कदम रखा और कहा " दीक्षा यहाँ होगी, मैं बस आपको क्लब के नियम और परम्परा के अनुसार याद दिलाना चाहती हूँ कि एक बार जब यह शुरू हो जाएगा तो आपको इसके खत्म होने तक आपको जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। क्लब के गणमान्य विशिष्ट सदस्य उपस्थिति में हैं और दीक्षा के दौरान वे यह निर्धारित करने के लिए आपका मूल्यांकन करेंगे कि आपको क्लब में स्वीकार किया जाएगा या नहीं।
"यदि अभी भी आप अपना मन बदलना चाहते हैं तो यह आपके लिए अंतिम अवसर है, कृपया मुझे अभी अपना उत्तर दें।"
मैंने बर्टा का हाथ पकड़ा और उसे दबाया और दृढ़ता से कहा, "मैं रहना चाहता हूँ"।
कहानी जारी रहेगी