विधवा चाची के साथ ठंड की रात

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साल पहले की है।तब मैं 32 साल का था, और बेरोजगार था। मैं काम
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साल पहले की है।तब मैं 32 साल का था, और बेरोजगार था। मैं काम धंधा ढूंढ रहा था। संयोग से एक काम मिला। और मैं प्रशिक्षण में भाग लेने चला गया गोरखपुर। मेरे पिता 4 भाई थे। छोटे वाले चाचा की मौत हो गयी थी।

उनकी पत्नी उमा जो कि 42 साल की थी, बड़े-बड़े चूचों वाली, और गदराई हुई औरत थी, अपने बच्चों के साथ बेतिया में अपने पिता के साथ रहती थी, और शिक्षक के तौर पर काम कर रही थी। उनके साथ मेरी कोई खास बात-चीत और नीयत भी खराब नहीं थी।

लेकिन उनको इस बात की सूचना मिल गयी, कि मैं गोरखपुर में प्रशिक्षण ले रहा था। बस फिर उनका फोन आया। मैंने बात की।

फिर वो कहने लगी: इतना नजदीक होकर आप लोग बताते नहीं है। चाचा नहीं है तो सभी लोग भूल गए?

मैंने कहा: नहीं ऐसा नहीं है।

अंत में वो आने के लिए आग्रह करने लगी। मैंने कहा: प्रशिक्षण हो जाए पूरा, तब ही आ सकेंगे।

फिर शाम को रात को बात-चीत होने लगी।7 दिन बाद 2 दिन की छुट्टी मिली। उनके साथ जब बात-चीत चल रहा थी तभी ये बताया गया, और उमा ने सुन लिया। फिर उन्होंने मुझे उनके घर आने को कहा। उन्होंने वहां से सारे रास्ते की जानकारी वगैरह दी। मैं होटल गया, सामान लिया, ट्रेन में बैठा, और गाड़ी चल पड़ी।

उनका फोन लगातार आ रहा था। वो लगातार अपडेट ले रही थी। ठंड का महीना था। रास्ते में मेरा फ़ोन बंद हो गया। फिर मैं स्टेशन पहुंचा और सोचा उनसे बात कैसे हो। फिर एक रिक्शा चालक ने बताया कि उनका घर जानता था। मैं बैठ गया रिक्शा में, और उनके घर पर पहुंच गया।

दरवाजा बंद था, और लाइट नहीं होने के चलते पूरा अंधेरा था। दरवाजा से काफी बार आवाज देने से वो आई। मुझे देख कर वो चुप-चाप दरवाजा खोलने लगी। मैंने रिक्शा चालक को पैसा देकर विदा किया, और अंदर आ गया। फिर कमरे में बैठ कर जूते खोलने लगा बच्चे सब सो गए थे, और मोमबत्ती जल रही थी। इतने में चाची मेरे पास आई आकर बैठ गई बोली मैं खोल देती हुं आपको काफी ठंड लग गई होगी कंबल ओढ़े रहीए, फिर जुता खोल कर, मेरे पैर को सहलाने लगी मुझे मजा आ रहा था और गर्म एहसास हो रहा था, फिर मुझसे चिपक कर बैठ गई, बहुत ठंड बढ़ गया है।इस ठंड में अपने भी नहीं है, बहुत मजबुरी है बच्चे नहीं रहते तो मैं भी कुछ कर लेती मैंने कहा कोई बात नहीं है हम लोग है। फिर मेरे सीने से लग गई। मैंने भी पकड़ कर आश्वस्त किया। फिर वो अपने अकेलेपन और असुरक्षित महसूस कर रही बात को बताने लगी मेरे सीने से लगे हुए, और इस बीच में मेरे हाथ को चुमती रही, मुझे मजा आने लगा लन्ड भी खड़ा हो रहा था।

फिर मेरे शर्ट के अंदर हाथ डाल कर सीने को सहलाने लगी अब तक लंड तनकर खड़ा हो गया था, फिर मुझसे पूछी अच्छा नहीं लग रहा है। मैंने कहा ठीक है। अब मुझे अपना हाथ दी मैं भी अब रियल में बहक गया और धीरे-धीरे चुम्बन करने लगा चाची बोली आप मेरा साथ देंगे न मैंने कहा बिल्कुल। इतने में चाची ने मुझे बेहद कसकर चुमना शुरु कर दी मैं भी अब उनके गालों को चूमने लगा। चाची बोली राज आज मुझे इतना प्यार दो की पुरानी बात भुला दी और आपकी शारदा बन जाऊं। मैंने गालों को चुमते चूमते उनके होंठों को चूसने लगा और धीरे-धीरे एक दूसरे का जीभ से चाटने लगे। शारदा ने धीरे-धीरे मेरे शर्ट बनियान और जांघिया भी उतार दिय, मेरे लंड को अपने हाथों में पकड़ कर मुझे पागलों कि तरह चूसने लगी मैं भी उनका नाईटी खोल दिया, जिसके नीचे ब्रा नहीं होने से उनके बड़े बड़े चुची मेरे सामने चमकने लगा, फिर साया का डोरी खोल दिया, और उनके बड़े बड़े चुचियों को दबाने लगा और उनके होंठों को चूसने और बड़े बड़े चुचियों को दबाने लगा लन्ड मेरा उनके बुर को छुने लगा, बेहद आनंद आ रहा था।

मैंने खड़ा हो कर उन्हें कस कर पकड़ लिया, और उनकी चूची चूसने लगा। उनकी चूची को 5 मिनट चूसने के बाद मैंने बिछावन पर लिटा दिया।

तब वो बोली: अब बुर चाटो।

चाची बोली- मैं बहुत सालों से प्यासी हूँ मेरी चूत रेगिस्तान की तरह तप रही है कई सालों से इस बंजर जमीन में पानी की बूंदे नहीं पड़ी। आज मेरी प्यास को बुझा दो, बहुत दिनों से चूत में आग लगी हुई है. इसको चोद कर शांत कर दो अब। मेरी गर्म प्यासी चूत की ज्वाला बुझा दो।

ये सुन कर मैं चाची के नंगे जिस्म पर टूट पड़ा. कभी उनके चुची को चूसने लगा तो कभी उनको जोर से दबाने लगा. वो भी मस्ती में सिसकारियां भरने लगी. और aahhhhaaaahhhb aaaahhhhhh aaahhhhhhh uuufffffff, uuhffffffffff जैसी आवाजे निकालने लगी।

15 मिनट तक यही चलता रहा. मैं चाची के चूची को मसलकर लाल कर दिया. फिर मैं उनके पूरे बदन को चूमते हुए नीचे जाने लगा. उनकी नाभि को चूमा और उसमें अपनी गीली जुबान से काफी देर चाटा। फिर मैं नीचे उनकी बुर पर पहुंच गया।

उनकी जांघों के बीच में चाची की खुशबूदार बुर को सूंघा. फिर मैंने अपने मुँह को चाची की चूत पर रख दिया. उनके बदन में करंट सा दौड़ गया. मैं जीभ डाल कर चाची की बुर को चाटने लगा। मैं पूरा जुबान अंदर तक डाल रहा था।

चाची ने मेरे मुंह को अपनी जांघों के बीच में दबा दिया. मैं भी पूरे जोश में चाची की बुर को चाटता रहा. उनकी चूत में जीभ को अंदर डाल डाल कर जीभ से बुर को चोदता रहा. कभी उँगलियों से तो कभी जुबान से चोदता रहा। करीब दस मिनट चाटते-चाटते चाची पूरा जोश में आ गई और कहने लगी: मेरे राजा, बहुत दिनों से प्यासी हूं। प्यास बुझा दो। चोद डालो आज मेरी इस चूत को। फिर मैंने अपना लन्ड शारदा के बुर में डाल दिया और कसकर धक्का लगाया पुरा लंड बुर में घुस गया धीरे-धीरे लंड को अंदर-बाहर करने लगा ।चाची के मुंह से तड़प भरी सिसकारियां निकलने लगीं- आह्हहहहहहहहहहहहहहह आहहहहहहहहहठहहहहहहह अब और मत तड़पाओ मेरे राजा। मेरी चूत लंड की बहुत भूखी है। उसे अपने लंड से फाड़ डालो। मेरी चूत की धज्जियां उड़ा डालो। मेरी चूत में अपना ये लंड दे दो. जल्दी से चोद दो. अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है मेरे हमदम। चोद दो मुझे।

मैंने एक करारा धक्का चाची की चूत में मारा और अपना लंड उनकी बुर में घुसा दिया. मेरा लंड आधा ही अंदर जा पाया. चाची आज तक सिर्फ चाचा के लंड से ही चुदी थी।

मुंह से दर्द भरी आहें सुनकर मैं और ज्यादा जोश में आ गया. मैंने एक धक्का और मार दिया. उस धक्के में मैंने पूरा लंड चाची की बुर में घुसेड़ दिया.

अब चाची को अपनी बुर में मेरा लन्ड बच्चेदानी तक महसूस हो रहा था. अब मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी। और चाची की चूत को चोदने लगा. चाची को दर्द तो हो रहा था लेकिन वो बच्चो के उठ जाने के डर से ज्यादा जोर से नहीं आवाज कर रही थी.

चाची के मुंह से अब धीरे धीरे आवाजें आने लगीं- आह्हहहहहहहहहहहहहह... आहहहहहहहहहहहहहहह... ओहहहहहहहहहहहहह... आईसीई ईईईकीईईई... आह्हहहहहहहहहहहहहहह... आराम से राजा आराम से चोदो।... ऊन्हहदहठहजहदहठहज... हाह्हहहहहहहहहहहहहह... धीरे से, उफ्फफ़फ़फ़फ़...ऐसा करते हुए चाची मेरे लंड से चुदने लगी.

कुछ ही देर में चाची शेरनी की तरह गुर्राने लगी।. अब वो सिसकारते हुए कह रही थी- आह्हहहहहहहहहहहहहह... और तेज मेरे राजा और तेज चोदो। जीवन में आज पहली बार असली मर्द मिला है। ये लंड मुझे जवानी में क्यों नहीं मिला। चोदो चोदो मेरे राजा आह्हhhhhhhhhhhh और तेज... करो... जोर से...chodoo आह्हहहहहहहठहहज... अम्म mmmhhhhhहहहह... हाय बहुत मजा आ रहा है जान चोदो पूरा जोर लगा के चोदो जान चोदो।...बहुत मजा आ रहा है. आधा घंटा के बाद शारदा मेरा अब गिर रहा है साथ में माल गिराओ मैं पुरे जोर जोर से धक्का लगाने लगा लन्ड इतने में माल छोड़ दिया शारदा ने पुरे कसकर मुझे पकड़ ली और दोनों ने एक साथ माल छोड़ दिया और कसकर शारदा मुझे अपने ऊपर पकड़ कर लेटे रही हम-दोनों एक दूसरे के ऊपर 5 मिनट तक सोएं रहे।

पुरा माल शारदा के बुर में डाल दिया फिर शारदा ने धीरे-धीरे चुम्बन लेकर बोली आइए पेशाब कर लिया जाए। मैंने धीरे-धीरे लंड को बुर में से बाहर निकल कर बिन कपड़े के पेशाब करने चले गए। दोनों पेशाब करने के उपरांत उठे एक दूसरे से नजर मिली इतने में शारदा ने मुझे बेहद कसकर पकड़ कर चूमने लगी मैंने भी पुरा साथ दिया कुछ देर तक हम दोनों ने एक दूसरे को चूमते सहलाते रहे मेरा लन्ड शारदा के बुर में धक्का देने लगा बड़ा मज़ा आ रहा था, शारदा ने धीरे-धीरे अपने पैरों को फैला दिया मैंने लन्ड को उनके बुर में डाल कर कसकर चूमने लगा और पीछे से सहलाने लगा शारदा कुछ देर में पुरे जोश में आ गयी मैं तो पूरे जोश में था ही वहीं खड़े खड़े चोदने लगा लन्ड फिसल रहा था बुर में चिकनाई के चलते फिर मैंने शारदा को गोद में उठा कर बिस्तर पर लिटा दिया और कसकर अपना लन्ड बुर में डाल दिया और धीरे-धीरे लंड को अंदर-बाहर करने लगा, बुर और लंड का यह मिलन हम दोनों को लेकर बेहद आनंद दे रहा था, साथ ही फच्च फच्च का आवाज आ रहा था।

मुझे बेहद आंनद आ रहा था लग रहा था कि मैं किसी और दुनिया में पहुंच गया हूं। शारदा आनंद में आकर कह रही ऐसे ही मेरे राजा आज रात भर चोदो इतना चोदो कि पुरा बुर माल से भर जाए।10 मिनट तक लगातार मैं लंड को अंदर-बाहर बुर में करता रहा शारदा और मेरा जोश बढ़ता रहा। फिर मैंने रफ्तार बढ़ा दिया और शारदा ने नीचे से धक्का लगाने लगी, कहने लगी अब मैं गिरने वाली हुं मैं भी धक्का कसकर कर दिया और हम दोनों ने एक साथ मिल छोड़ दिया। मैं शारदा के ऊपर ही लेटा रहा.

उन 2 दिन की छुट्टियों में मैंने चाची को बहुत चोदा, और वो भी बिना कुछ बोले हर पोजिशन में मुझसे चुदती रही, बिल्कुल एक अच्छी बीवी की तरह।

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