मानव और राकेश 02

Story Info
मानव ने डैडी और उनके दोस्त के साथ थ्रीसम सेक्स किया
6.1k words
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Part 2 of the 2 part series

Updated 12/27/2023
Created 12/25/2023
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पिछली कहानी में आपने पढ़ा की कैसे मैं यानी की मानव अपने डैडी के घर जा कर अपना पहला लंड चूसा और उनसे गांड भी मरवाई

अब आगे

मैं राकेश ओह डैडी से गांड मरवा कर उनकी गोद में सर रखकर लेता हुआ था , वो मेरे बालों में हाथ फिर रहे था और पूछ रहे थे "बोल गांडू कैसा लगा "

"डैडी मुझे बहुत मज़ा आया "

"तू फिर तुम दुबारा मेरे से चुदना पसंद करोगे "

"हाँ डैडी रोज़ रोज़ बार बार , और मैंने उनके लंड के नीचे उनकी गेंदों को चाटना शुरू कर दिया था "

"मेरे गुलाम बनोगे"

हाँ डैडी

तभी दरवाज़े पर चाबी की आवाज़ आयी , दरवाज़ा खुल गया और कोई अंदर आ रहा था , मैं घबरा कर उठने लगा लेकिन डैडी ने मुझे पकड़ लिया

"अरे, मैं घर पर हूँ!" एक गहरी आवाज आयी

तभी एक लंबे आदमी ने कमरे में कदम रखा , उसकी भूरी आँखें हम दोनों पर पड़ी

"अच्छा, अच्छा, क्या हो रहा है यहाँ?" अजनबी ने डैडी से पुछा .

मैं पसीने में भीग गया था, एक बड़े, बालों वाले भालू के पेट पर नंगा होकर उसके बड़े लंड को अपनी हाथ में लिए हुए, उसके लंड की गेंदों को चाटते हुए मैं ज़मीन पर बैठा था और मेरी गांड के छेद में से उसका वीर्य टपक रहा था

डैडी ने मुझे हल्का सा उठाया और मेरी पीठ सहलाकर उन्होंने मेरी गर्दन को चूमा और मेरे कान को अपनी जीभ से चाटकर मुझे सहज करने की कोशिश की . सहज रूप से, मैंने अपने आपको कवर करने की कोशिश की...लेकिन डैडी ने मेरे हाथों को दूर कर दिया,

राकेश ने जवाब नहीं दिया , उस आदमी ने अपना सूटकेस छोड़ दिया और लापरवाही से कमरे के बीच में टहल रहा था

वह राकेश की तुलना में पतला था, लेकिन उम्र में बड़ा था । उसके बाल सफेद थे और उसने पतला चश्मा पहना था . उसने नेवी स्लैक्स और हल्के नीले बटन की एक जोड़ी पहनी हुई थी. वो धीरे-धीरे हमारे पास आया , और मुझे एक अहंकारी मुस्कराहट के साथ देख रहा था .

"तो यह वह लड़का है जिसे तू पूरे हफ्ते इंटरनेट पर छेड़ रहा था , हुह?" उसने नीचे झुक करपूछा, .

मैंने अपनी कमर को ढंकने के लिए अपने पैरों को फिर से भरने की कोशिश की लेकिन उस आदमी ने मेरे घुटनों को पकड़ लिया और उन्हें राकेश के पैरों के खिलाफ वापस धकेल दिया. कितना अजीब था...

मैं कुछ घंटे पहले ही राकेश से मिला था...मुझे उसका असली नाम भी नहीं पता था. उसने अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया और मुझे गांड में भी छोड़ दिया

मैंने भारी सांस ली, न जाने क्या कहना है, मेरी आँखें राकेश के लिए घबरा रही थी , उससे सुरक्षा की उम्मीद कर रही थी .

"उह हह." राकेश ने जवाब किया. "हाँ जसपाल , इसे सच में असली लंड के नशे की लत है, तुम्हें पता है की मेरे से मिलने के पांच मिनट के अंदर इसके मुँह में मेरा लंड था , इसने पहली बार में ही मेरा वीर्य निगल लिया , मैं कभी किसी लड़के को इतनी जल्दी मेरे लंड से प्यार करते नहीं देखा "

मुझे लगा कि जसपाल का हाथ मेरे चेहरे के करीब आ रहा है और उसने राकेश के लंड को उस आधार पर पकड़ लिया

जसपाल "हाँ , क्या यह तेरा पहली लंड था बच्चे?" जसपाल मेरे पास बैठ चूका था और मेरी गांड के छेद पर डैडी के वीर्य को महसूस कर रहा था , उसकी ऊँगली मेरी गांड के छेद को सेहला रही थी

"हाँ उन्ह हाँ ." मैं कामयाब रहा.

"अरे वह गांडू, तुझे और क्या पसंद आया? राकेश का लंड चूसना या इसे अपनी छोटी कुंवारी कमसिन गांड में लेना?

हां बताओ गांडू तुम्हें क्या पसंद आया " डैडी मेरे चेहरे को सेहला रहे थे, उनका हाथ मेरे शरीर की लंबाई को गर्दन से लेकर मेरी पीठ को सेहला रहे थे

मैं अब दोनों के बीच में खड़ा था , पीछे से जसपाल मेरी गांड को मसल रहा था और आगे से डैडी मेरे मम्मों को छेड़ रहे थे

मैंने अपना सिर हिलाया, घबराया और बेदम हो गया क्योंकि दोनों आदमी मेरे शरीर से खेल रहे थे

"उसे बताओ, कुतिया." डैडी ने गुस्से से ने अपने अंगूठे और उंगली के बीच मेरे दाहिने निप्पल को घुमाते हुए आज्ञा दी, . मैं एक लड़की की तरह सिसकार उठा

"उह, मुझे लगता है कि मुझे पसंद है ... मुझे लंड चूसना ज़्यादा पसंद आया?" मैं चीख़ पड़ा

"किसका लंड चूसना पसंद आया कुत्तिया " राकेश गुर्राया .

"आपका लंड , डैडी, मुझे तुम्हारा लंड चूसना पसंद आया " मैं बिलबिलाया

जसपाल और ज़ोर से हँसा, . "और तू उसे 'डैडी' कह रहे हैं? मुझे सब बात समझने दो . इस बूढ़े आदमी ने तेरे को कुछ अपने लंड के पिक्स भेजे, तेरे से ऑनलाइन बात की और तू बस यहाँ आ गया , इस बूढ़े आदमी के वीरयो को अपने मुँह और गांड में भरने के लिए और तू इसे डैडी बुला रहा है "

जसपाल मेरी गांड ज़ोर ज़ोर से मसल रहा था

डैडी ने मेरे होठों को छाता और बोले . "हाँ, हाँ, और ये कहता है ये सीधा है गांडू नहीं है और फिर भी सिर्फ मेरा लंड देखने आया था"

दोनों आदमी हंस रहे थे , उन्होंने मेरे शरीर को मसलना जारी रखा, मेरे गाल लाल हो रहे थे और मेरा लंड इस शर्मिंदगी से एक बटन के आकार तक सिकुड़ गया था.

मैंने अपनी गांड से गर्म वीर्य के रिसाव को महसूस कर रहा था। राकेश की दृढ़ पकड़ ने सुनिश्चित किया हुआ था की मैं हिल न पाऊं, उसका लंड तेज़ी से फिर से कड़क हो रहा था

जसपाल ने मुस्कुराते हुए मेरे गाल को अपने हाथ के पीछे से सहलाया

"ठीक है, तुमने कहा कि तुम्हें लंड चूसना पसंद है. तू अभी भी भूखा लग रहा है गांडू , मैं अभी बहुत लुम्बी दूरी तय कर के आया हूँ और पहले शावर लेना पसंद करूंगा , लेकिंग मैं तुम जैसे लंड के भूखे गांडू को भूखा नहीं देख सकता " जसपाल ने कहा और अपनी पैंट खोलनी शुरू कर दी

डैडी ने मुझे जसपाल की तरफ घुमा दिया और पीछे से मेरे मम्मे पकड़ कर उन्हें दबाना शुरू कर दिया और मेरे गले पर एक चुम्बन दे दिया

डैडी बोले "निश्चित रूप से, मुझे यकीन है कि मेरी रंडी कुत्तिया , मेरा गांडू एक और दौर के लिए तैयार है. बता रंडी मेरे गुलाम मेरे गांडू क्या तू एक और लंड चूसने के लिए तैयार है?"

डर से मैंने अपना सिर हिलाया और राकेश को बड़ी, डरी हुई आँखों से देखा.

"मैं...मुझे नहीं पता, यह सब इतनी तेजी से हो रहा है. मुझे नहीं पता कि मुझे क्या करना चाहिए..." मैंने निवेदन किया.

""ओह, बकवास, गांडू , तेरी बहन की चूत, तू पहले से ही अपने पेट में मेरा वीर्य ले चूका है ... तू अपनी चूत में भी मेरा वीर्य ले चूका है , अपने वीर्य को चख चूका है , चल अच्छा बच्चा बन और , दूसरा भी ले ले ".

"मेरी योनी? हे भगवान् , ये दो आदमी गंदे जानवर थे. डैडी ने धीरे से मेरी गर्दन की नस पकड़ ली और मुझे सीधा बैठा दिया, उसका लंड मेरे सर पर था

""हाँ, चलो, गांडू . हम सब यहाँ अच्छे लोग हैं. यह वैसे भी तेरे जैसे एक लंड चूसने वाले गांडू के लिए एक हैंड शेक की तरह है." जसपाल ने पहले से ही अपने लंड को बाहर कर दिया था और दोनों पुरुषों ने मेरे सिर पर अपना हाथ रख लिया था और जसपाल ने अपना लंड मेरे चेहरे के आगे कर दिया

उसने अपने सुपाड़ी से मेरे चेहरे पर थप्पड़ मारा

मैंने खुद को जसपाल के लंड को घूरते हुए पाया। जसपाल डैडी की तुलना में पतला था, थोड़ा कम बालों वाला. उसका पेट भी बाहर था और गहरे बालों वाला था , उसका लंड डैडी के लंड से छोटा था लेकिन फिर भी बड़ा और रसदार था.

"आ जाओ. आ जाओ गांडू कुत्ते चल शुरू हो जा " डैडी सोफे पर बैठ गए थे और पीछे से मेरे मम्मे मसलते हुए बोले

"जसपाल के लंड पर अपना मुँह रख . अपनी जीभ बाहर कर गांडू "

मैंने आज्ञा का पालन किया, अपनी जीभ को बाहर निकाल दिया और जसपाल ने अपना लंड मेरे जीभ पर रगड़ना शुरू कर दिया .

उसने अपना लंड वापस खींच लिया और मेरे ऊपरी होंठ से उसके लंड के सुपाड़ी तक मेरे थूक की लार बन गयी

"हाँ यार राकेश , यह गांडू अपनी जीभ पर लंड के साथ प्यारा लग रहा है, है ना? थोड़ा और मुँह खोल गांडू . हाँ यह सही है. बस सुपाड़ा . बस मेरे सुपाड़ी को चूस जैसे तू एक एक बोतल चूस रहा हो . मम्म, हाँ, यही मुझे पसंद है." जसपाल हँसते हुए बोला

डैडी पीछे से मेरे मम्मे मसल रहे थे मेरे निप्पल्स भींच रहे थे और मेरे गले को चाट रहे थे , मेरे शरीर में चीटियां दौड़ रही थीं

मैंने अपने होंठों को जसपाल सूजे हुए लंड के सुपाड़े के चारों ओर लपेटकर धीरे से चूसने लगा , उसका प्री कम मेरी जीभ पर गिरने लगा , मेरे होंठ और जीभ उसके नमकीन सुपाड़े पर घूम रहे थे. मेरे जबड़े में दर्द हो रहा था जसपाल का लौड़ा बहुत मोटा था , मैंने उसके लंड से अपना चेहरा खींच लिया और साथ ही साथ अपने सूखे होंठों को चाट लिया, जितना मैं कर सकता था उन्हें गीला करने की कोशिश कर रहा था ... मेरे होठों से जसपाल के लैंड का स्वाद आ रहा था

जसपाल हंसा "राकेश देखो. यह अपने होंठ चाट रहा है. तुझे लंड पसंद है, गांडू? मेरे लंड का स्वाद ले और बता मेरे लंड का स्वाद कैसा है "

मैंने सिर हिलाया. मैंने किया. उसका लंड सच में स्वादिष्ट था. पूरा दृश्य पूरी तरह से विकृत हो गया था ... मैं अब डैडी की की गोद में बैठा था, जबकि उनका साथी धीरे-धीरे अपने लंड को मेरे होंठों के अंदर-बाहर कर रहा था . यह कुछ जंगली, समलैंगिक पोर्न के दृश्य की तरह था.

कुछ बार जसपाल ने मुझे सिर के पिछले हिस्से से पकड़ लिया और अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया, मुझे निर्देश दिया कि मैं इसे जितना गीला कर सकता हूँ उतना गीला कर दूं.

"मेरे लौड़े को चाट चाट कर गीला कर गांडू , इसे ऊपर से नीचे तक चाट "

मैं उसके लंड को गेंदों से लेकर सुपाड़े तक नीचे से ऊपर चाट रहा था , मैं उत्साहित हो रहा था

डैडी का मसलना और जसपाल के लंड की गर्मी मेरे अंदर करंट भेज रहे थे , मेरा लंड अकड़ने लगा था , मैं ममम मममम ममममममम की आवाज़ें निकाल रहा था

जसपाल अपनी आँखें बंद कर के आनंद में मेरे से लौड़ा चुसवा रहा था

डैडी मेरे गले को चाटते हुए मेरे कान में फुसफुसाए, "रंडी इसको अपने गले का जादू दिखा, जसपाल को स्वर्ग की सैर करा और इसके लंड को अपने गले में उतार ले "

मैंने अपना मुँह पूरा खोला और जसपाल के लंड को जितना अंदर ले जा सकता था ले गया ,

मंमंफ़फ़फ़फ़ मंमंफ़फ़फ़फ़

तभी डैडी ने मेरे सर पर ज़ोर लगाया और जसपाल का पूरा लौड़ा मेरे गले को चीरता हुआ अंदर घुस गया

"ममममहह मममफ मममफ ग्ल्ल्क ममंग"

"आह फ्क्क्क आह " जसपाल ने अपनी आँखें खोलीं और मेरी और देखा ,

"हे भगवान् , मेरा मोटा मूसल लौड़ा इस के गले के अंदर घुस गया , आह आआआआहहहहह "

डैडी ने मेरे सर को उसके लंड पर दबाये रखा , मेरी आँखों से आंसू आ गए थे, आँखें उबल कर बाहर आ गयीं , कुछ ही सेकंड मेरी सांसें उखाड़ने लगीं

डैडी ने अपनी पकड़ ढीली छोड़ दी , मैंने एक दम से अपना सर पीछे खींच लिया

"हहहा हहहा हहहा अखअखअखअख" मैं हांफ रहा था और खांस रहा था

"देखा जसपाल जो काम बड़ी बड़ी रंडियां नहीं कर पाती , इस गांडू कुत्ते ने कर के दिखा दिया , तेरे मूसल लंड को अपने गले कितनी आसानी से लगा ये गांडू , ये पक्की रंडी है जान " डैडी ने हंस कर बोला

"गांडू" उन्होंने मेरे सर को वापस अपने लंड के पास खींचा और बोले "एक बार दुबारा कर के दिखा "

अपना मुँह खोल,

मैंने अपना मुँह खोल कर जीभ बाहर निकाल दी,

उन्होंने एक थप्पड़ मारा , कुत्तिया पूरा खोल

मैंने जितना हो सकता था उतना खोल दिया और उन्होंने कहा "मेरी और देख "

मैं उन्हें देख रहा था , उन्होंने अपना मूसल मोटा लंड एक झटके में मेरे मुँह में उतार दिया , मेरे गले तक ला कर रुक गए

"जानता हूँ तुझे तकलीफ होने वाली है लेकिन मैं तेरे गले को अपने लंड पर महसूस करना चाहता हूँ, इसलिए धीरे धीरे कर के डालूंगा , टाइम ज़्यादा लगेगा, दम घुटेगा, नाक से सांस लेने की कोशिश करियो "

"यार राकेश ज़रा देखियो ये रंडी अपना मुँह पीछे ना करे , पकड़ ले साले को "

इतना बोल कर जसपाल ने बहुत धीरे धीरे अपने लंड को मेरे गले में उतारना शुरू कर दिया , जैसे ही उनका मोटा सुपाड़ा मेरे गले के छेड़ में घुसा वो रुक गए

"आह तेरे गले का चेद तो कुंवारी लड़कियों की चूत से भी ज़्यादा टाइट है कुत्ते, आआआअह्ह्ह्हह मज़ा आ गया "

मुझे बहुत दर्द हो रहा था मैं चीखना चाह राह था लेकिन मेरी चीख मेरे गले में ही दब गयी

"ग्ल्ल्क ममंग ग्ल्ल्क ममंग" बस इतना ही निकल पाया मेरे मुँह से

उन्होंने बहुत धीरे धीरे अपने लंड को मेरे गले में घुसाया , अभी तक जब भी गले में लंड गया था बहुत तेज़ी से गया था लेकिन इस बार की बात कुछ अलग थी , बहुत अजीब और बहुत अच्छा लग रहा था , उनके हर धक्के से उनका लंड मेरे अंदर धीरे धीरे अपनी जगह बना रहा था , मेरे शरीर में गर्मी भर गयी थी ,

डैडी ने पीछे से एक हाथ से मेरे गले को पकड़ा हुआ था और दुसरे हाथ से मेरे मम्मे निचोड़ रहे थे , जसपाल करीब आधा मिनट लिया था सारे लंड को मेरे गले में घुसाने के लिए , मुझे लगा था मेरी सांस रुक गयी है , मैं घबराने लगा था

मेरा लंड झटके खाये जा रहा था , और जैसे ही उनकी झांटें मेरे नाक में घुसीं , मेरे लंड ने वीर्य की पिचकारी छोड़ दी

राकेश ने मुझे झड़ते हुए महसूस किया और जसपाल जी से बोले "देख यारा कभी ऐसी रंडी या ऐसा गांडू देखा है जो सिर्फ लंड चूसने से ही झड़ जाए , इसे कहते हैं असली गांडू, असली रंडी, असली लंड का प्यासा "

"हाँ यार आआअह्ह्ह्ह बहुत ही प्यारा गाला है इस गांडू का" जसपाल जी बोले

जसपाल जी ने अपने लंड को मेरे गले में से एक झटके में निकाल लिया और उसी के साथ बहुत सारा थूक भी मेरे मुँह में से निकल आया

उन्होंने अपने लंड पर लगे सारे थूक को मेरे चेहरे पर मल दिया

"क्यों गांडू मज़ा आया , कैसा लगा अपने गले में मेरे लंड का एहसास "

"आह आअह्ह्ह " मैं हांफ रहा था , जी बहुत अच्छा , बस आपका बहुत मोटा है

जसपाल जी हँसे , "गांडू तू बहुत प्यारा है रे, बहुत प्यारी और गर्म रंडी है तू , चल एक बार और करते हैं "

उन्होंने फिर से मेरे बालों को पकड़ा और अपना लंड मेरे खुले हुए मुँह में डालने लगे, "मेरी तरफ देख गांडू, मैं तेरी आँखों के बदलते हुए भावों को देखना चाहता हूँ जब मेरा लंड तेरे गले में घुसेगा "

मैं उन्हें देख रहा था , मैं महसूस कर रहा था की उनका मोटा लंड मेरे मुँह में फिसल कर मेरे गले में घुस रहा है , उनका मोटा सुपाड़ा मेरे गले के दरवाज़े पर ज़ोर लगा रहा था और इस बार बिना ज़्यादा दर्द किये वो मेरे दरवाज़े को खोल कर मेरे गले में घुस गया ,

"आह देख मेरे सुपाड़ा तेरे गले में अपना उभार बना रहा है , अभी भी एक इंच लंड तेरे मुँह के बाहर है", जसपाल जी बोले और उन्होंने अपना सुपाड़ा मेरे गले में से निकाल लिया ,

"अपनी नाक से सांस ले गांडू",

मैं उबकाई को रोक रहा था और अपनी नाक से सांस लेने की कोशिश करने लगा

जसपाल जी ने फिर से अपने सुपाड़े को मेरे गले में धकेल दिया , करीब आधा मिनट मेरे गले में रखा और फिर सुपाड़े को बाहर निकाल लिया , मैं सांस लेने में परेशानी महसूस कर रहा था लेकिन मेरे शरीर में चीटियां दौड़ रही थीं , मेरा लंड प्री कम की नदियाँ बहा रहा था

अब की बार जसपाल जी ने पूरा लंड मेरे गले में उतार दिया और मेरे सर को भींच लिया

"आआह्ह्ह्हह गांडू बहुत टाइट गला है तेरा किसी भी कुंवारी चूत से भी टाइट, अब मैं तेरे गले की चुदाई करने वाला हूँ "

जसपाल जी ने अपना लंड को मेरे गले से उतना निकाला की उनका सुपाड़ा मेरे गले के दरवाज़े को खोल सके और फिर पूरा अंदर दाल दिया , फिर बाहर और फिर अंदर

"ग्ल्ल्क ममंग ग्ल्ल्क ममंग ग्ल्ल्क ममंग ग्ल्ल्क ममंग ग्ल्ल्क ममंग ग्ल्ल्क ममंग"

मेरी आँखे आंसू निकाल रही थीं , मेरा लंड प्री कम बहा रहा था और मैं बस गू गू गू कर रहा था

"आआह आआह्ह्ह मेरे गांडू मेरी रंडी मेरी कुत्तिया मैं झड़ने वाला हूँ "

उनके झटके मेरे गले में तेज़ हो गए , उनका लंड मेरे गले में फूलने लगा

"आअह्ह्ह्हह आआअह्ह्ह्हह ले ले गांडू रंडी मेरा अमृत पी ले , आआअह्ह्ह्हह "

वो गुर्राए और उनके लंड ने मेरे गले के अंदर ही अपना वीर्य उगलना शुरू कर दिया जो सीधा मेरे गले से पेट में जा रहा था , उन्होंने मुझ को कस के पकड़ रखा था ,

जब उनका झड़ना बंद हो गया तो उन्होंने मेरे गले में से लंड निकाल लिया

आअह्ह्ह आअह्ह्ह मैं हांफ रहा था और अपनी साँसों को काबू करने की कोशिश करने लगा

"मैंने बताया था ना " डैडी हंस पड़े

"यह एक गांडू है और टॉप की रंडी और कुत्तिया है। पहले से ही इसके अंदर मैंने दो बार वीर्य गिरा दिया है और मैं तीसरे राउंड के लिए तैयार हूं। "

डैडी ने मुझे अपनी और खींचा और मुझे अपने घुटनों पर धकेल दिया। उसने मेरी चमकदार आँखों के सामने अपना लंड लहराया.

"मेरी बारी कुत्ते . तुझे पता है कि क्या करना है, गांडू . डैडी को खुश कर। "

एक आज्ञाकारी कुत्ते की तरह, मैं डैडी के गोल-मटोल लंड पर लपका, उसे अपने मुँह में डाल लिया और एक बार फिर मैंने उसे प्यार से चूसा और अपनी जीभ उसके सुपाड़े पर घुमाने लगा .

""मैं दो बार झड़ चूका हूँ रंडी, मेरी गेंदों को लोड करने के लिए मेहनत कर " डैडी चिल्लाये

मैंने सिर हिलाया और उनके लंड को पकड़ कर मैंने उसे ऊपर से लेकर नीचे तक चाटना शुरू कर दिया

डैडी ने मेरे हाथ खींच लिए , "हाथ मत लगाना रंडी, सिर्फ मुँह और जीभ का इस्तेमाल कर "

"जसपाल यह हाथ बहुत चलाता है यार, ज़रा इसके हाथ तो बाँध "

मैं डर गया लेकिन कुछ नहीं बोला बस उनके सुपाड़े को अपने मुँह में लेकर उसे जीभ से चाट रहा था

जसपाल जी उठे और रस्सी ले आये , उन्होंने मेरे हाथों को उठाया और मेरे गले के पीछे ले जाकर बाँध दिया , मैं अब और भी बेबस था

जसपाल जी ने एक कदम पीछे ले लिया और सोफे पर गिर गए , पैर फैल गए और मुझे लाउंज कुर्सी पर डैडी के लंड को चूसते हुए देखने लगे

"अपने घुटने पर आ जा गांडू, मेरी बॉल्स की सेवा कर , उन्हें चाट और चूस "

मैं अपने घुटनों पर बैठ गया, उन्होंने अपनी टांगें खोल दी , और मैं एक कुत्ते की तरह उनकी बॉल्स को चाटने लगा, पूरी जीभ बाहर निकाल कर मैं चाट रहा था

डैडी आनंद में आ गए और बोले "हाँ कुत्ते ऐसे ही चाट, चाट अपने मालिक की बॉल्स"

जसपाल जी उठे और अपनी पैंट की जेब से अपना फ़ोन निकाल कर ले आये , वो अब मेरा अपने डैडी की बॉल्स को चाटने का वीडियो बना रहे थे

मैंने जब देखा तो घबरा गया और मैंने चाटना बंद कर दिया

"क्या हुए कुत्ते , चाटना क्यों बंद कर दिया " डैडी गुस्से में बोले

डैडी "वो वो वीडियो "

जसपाल जी हँसे और बोले "गांडू घबरा मत ये वीडियो हम किसी को नहीं दिखाएंगे , यह वीडियो तो इस बात की गारंटी है की तू हमारा गुलाम बन कर रहेगा। हम जब चाहेंगे तू आएगा और हमें खुश करेगा , चल अपने डैडी की बॉल्स चाट अब "

मैं आगे कुछ नहीं बोला और वापिस डैडी की गेंदों को चाटने लगा, उन्हें मुँह में लेकर चूसता और फिर चाट लेता , करीब तीन मिनट हो गए थे मुझे ऐसा करते हुए उनकी गेंदें और उनके ऊपर कर बाल सारे गीले हो गए थे और मेरी थूक से चमक रहे थे

अचानक मैं अपना मुँह उनकी गेंदों के नीचे ले जाकर चाटने लगा, मालिक ने अपनी टांगें उठा लीं और अपनी गांड मेरे मुँह के आगे कर दी,

"आअह्ह्ह्हह गांडू कुत्ते बहुत अच्छे चल अब मेरी गांड को चाट , अच्छे से जीभ पूरी बाहर निकाल और मेरी गांड के चेद को चाट और चूस "

मैं पहले तो हिचकिचाया और फिर अपने मुँह से मैंने डैडी की गांड के चेद पर हमला बोल दिया , मैं उसे चाट रहा था , उसे अपने होठों के बीच में लेकर चूसने लगा

"आह्ह्ह्हह गांडू मज़ा आअह्ह्ह्हह गया , बस ऐसे ही चाट और चूस रंडी आअह्ह्ह्ह, ऐसे तो कोई रंडी भी नहीं चाटती है आह्हः हाय्य आआह्ह्ह्ह "

मैं अंदर ही अंदर खुश था क्योंकि डैडी को मज़ा आ रहा था , मैं पूरे जोश में उनकी गांड के चेद को चूसने और चाटने लगा , उनकी गांड की दरार पर पूरा ऊपर से नीचे तक चाटता और फिर चेद को मुँह में लेकर चूसने लगता और कभी जीभ से उनकी गांड के चेद को छेड़ता

जसपाल जी "हाय राकेश मैंने ज़िन्दगी में कभी किसी को ऐसे गांड चाटते हुए माफ़ करना गांड खाते हुए नहीं देखा। ये तो पूरी रंडी है किसी वैश्या से भी अच्छी , मेरा लंड फिर से खड़ा हो रहा है यार "

डैडी "हाँ यार जसपाल मुझे तो लगता है हमारी लाटरी लग गयी है इसे पाकर , ये तो वाकई में कमाल की रंडी कुत्तिया है "

मैं चुप चाप उनकी बातें सुन रहा था और बड़े ही जोश से डैडी की गांड को चूस और चाट रहा था , अजीब से प्यारा सा स्वाद था उनकी गांड का , उस स्वाद से मेरी भी उत्तेजना बढ़ रही थी और मेरे लंड से प्री कम का बहाव और तेज़ हो गया था

करीब पांच मिनट तक अपनी गांड चटवाने के बाद डैडी ने अपने पैर नीचे कर लिए और मेरे मुँह अपने लंड पर लगा दिए , चल गांडू मेरे लंड को चूस

डैडी मैं हाथ नीचे कर लूँ प्लीज बहुत दुःख रहा है

डैडी मुस्कुराये और बोले "कर ले , गांडू कर ले , हमारा मकसद तुम्हें खुश करके तुमसे अपनी ख़ुशी लेने का है "

"सच बता तुझे मज़ा आया या नहीं "

मैं शरारती बन कर बोला "इसका जवाब तो आपको मेरे लंड से निकलने वाले प्री कम का तालाब दे सकता है "

डैडी ने नीचे देखा उनका मुँह खुला का खुला रह गया "हे भगवान् , जसपाल यार इस रंडी का प्री कम तो देख साला आज तक इतना प्री कम नहीं देखा मैंने "

मैं शर्मा गया , जसपाल ने भी हंसकर बोला "साले तू तो बड़ा गरम है , चल अब तेरी गर्मी निकालने का समय आ गया है , घोड़ी बन जा और अपने डैडी के लंड के साथ अपने मुँह से खेल तब तक मैं तेरी गांड मारता हूँ "

मैं घोड़ी बन गया और डैडी के लंड के मोटे सुपाड़े से खेलने लगा , कभी उसको जीभ से चाटता , कभी उसे अपने मुँह में लेकर चूसता और कभी उसे हल्का सा काट लेता ,

"आआअह्ह्ह्ह रंडी खेल मेरे लंड से, आआह्ह्ह्ह बहुत अच्छे मेरी जान" डैडी ने सिसकारी ली

तभी जसपाल जी मेरे पीछे आ गए और मेरी गांड से अपना लंड सटा दिया

उनके सुपाड़े को मैंने अपनी गांड के छेद पर महसूस किया और पीछे मुड़ कर बोला प्लीज धीरे से डालना , आपका बहुत मोटा है

जसपाल जी बोले "यह तो प्यार का दर्द है मेरी रंडी यह दर्द तो सभी गांडुओं को झेलना पड़ता है।"

डैडी बोले "गांड मरवाने का असली मजा तो इसी दर्द में है. मारने वाले को भी तभी मजा आता है जब वो पूरी ताकत से गांड के छल्ले के पार अपना लंड पेलता है , और मरवाने वाले को भी बहुत मज़ा आता है "

उसने मेरी गांड पर थूक लगा दिया .

डैडी ने मेरे मुँह में लौड़ा ठूस दिया, उन्हें पता था की क्या होने वाला था और मैं चिल्लाने वाला था

मेरी गांड को दोनों हाथों से दबोच कर जसपाल ने जोरदार झटका मेरी गांड पर दिया। जसपाल जी का लौड़ा मेरी गांड के छल्ले में रगड़ता हुआ घुस गया ।

"ग्ल्ल्क ममंग ग्ल्ल्क ममंग ग्ल्ल्क ममंग ग्ल्ल्क ममंग ग्ल्ल्क ममंग ग्ल्ल्क ममंग" मेरी चीखें मेरे गले में डैडी के लौड़े पर घुंट कर रह गयीं

मेरी आँखों से आंसू निकल आये थे . पर बेरहम जसपाल जी मेरी गांड में लौड़ा फंसाये मस्ती में खड़े थे

मैंने अपने मुँह से डैडी का लंड बाहर निकाला और उनसे विनती की " नहीं नहीं बस इनको बोलो एक बार निकाल ले ,"

" निकाल तो लेगा ही लेकिन तबियत से तेरी गांड मारने के बाद ,तू क्या सोच रहा है तेरी गांड में लण्ड छोड़ के चला जाएगा। " डैडी मेरी और देख कर गुस्से से बोले,

"चल काम पर लग जा, लौड़ा अपने मुँह में लेले और चूस मुझे " उन्होंने मेरा सर पकड़ कर मेरे मुँह अपना लंड घुसा दिया

"देख क्या रहा है जसपाल , यह एक पैदाइशी गांडू है पूरी रंडी है .पेलो हचक के। खाली सुपाड़ा घुसा के छोड़ दिए हो। पेल दो जड़ तक अपना मोटा मूसल । बहुत दरद होगा गांडू को लेकिन गांड मारने ,मराने का यही तो मजा है।"

जसपाल जी बोले "हाँ यार बड़ा प्यारा गांडू है , इसके जैसी छम्मक छल्लो रंडी को तो दर्द के साथ चोदना चाहिए, इससे मुझे भी मज़ा आयेगा और इसे भी . मेरी रंडी अब मैं तेरी गांड फाड़ूंगा "

जब एक बार जसपाल जी का सुपाड़ा गांड के छल्ले को पार कर जाता तो फिर से वो एक बार उसे खींचकर बाहर निकालते , और दरेरते ,रगड़ते ,घिसटते ।

जब उनके लंड का सुपाड़ा बाहर निकलता मेरी चीख भी डैडी के लंड पर खो जाती

मंमंफ़फ़फ़फ़ मंमंफ़फ़फ़फ़ मेरे गले से बस यही आवाज़ें आ रहीं थी

वो बाहर निकालते और बड़ी बेरहमी से दुगनी ताकत से वो अपना भयानक मोटा सुपाड़ा मेरी गांड के छल्ले के पार ढकेल देते।

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