रेनू की कमसिन चूत

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// कैसे में रेनू की कमसिन चूत का उद्घाटन किया //
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रेनू की कमसिन चूत
प्रेषक : रविराम69 © (मस्तराम मुसाफिर)

Note:
This story has adult and incest contents. Please do not read who are under 18 age or not like incest contents. This is a sex story in hindi font, adult story in hindi font, gandi kahani in hindi font, family sex stories


पटकथा: (कहानी के बारे में) :
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ये कहानी मेरी पड़ोसी रेनू के बारे में है, कैसे में रेनू की कमसिन चूत का उद्घाटन किया
=====================================================


मेरे पड़ोस में रेनू रहती थी / वो 12 मैं पढ़ रही थी / उसकी उमर 18 साल थी, रेनू बहुत सेक्सी थी / उसके बूब्स मुझे बहुत अच्छे लगते थे / भरे भरे मुममे थे उसके, जब वो चलती थी तो उसके कमर की लचक के साथ साथ हिलते थे / वो एकदम हरी-भरी थी / मेरी उसके घरवालों के साथ और उसके साथ अच्छी अक्सर बातें होती रहती थी, क्योंकि उसकी और हमारी छत एक ही थी, बीच में सिर्फ़ 3’ की एक दीवार थी / वो पढ़ाई में कमजोर थी / उसके एग्जाम आने वाले थे, उसकी मम्मी ने मुझसे कहा- रवि , रेनू के एग्जाम शुरू होने वाले हैं, वो पढ़ाई में कमजोर हैं, उसे थोड़ा समय निकाल कर पढ़ा दिया करो / मैंने हां कर दी /

मैं रोज रात को 9 बजे उसके घर उसे पढ़ाने जाता / मेरा कमरा फ़र्स्ट फ़्लोर पर था, उसका भी एक कमरा फ़र्स्ट फ़्लोर पर था, वो बन्द रहता था क्योंकि उसके मम्मी, पापा और उसका छोटा भाई जो 12 साल का था सब ग्राउंड फ़्लोर पर ही रहते थे / दो दिन के बाद मैंने उसकी मम्मी से कहा, “भाभी नीचे हम डिस्टर्ब होते हैं, क्या हम आपके ऊपर वाले कमरे में पढ़ाई कर सकते हैं?”

उन्होंने तुरन्त हां कर दी / मैं रोज़ रात को 9 बजे जाता और रात के 11-12 बजे तक वहाँ पर रुकता था / वो पढ़ाई में बहुत कमजोर थी / उसे अच्छे से कुछ भी याद नहीं होता था, मैंने उसकी मम्मी से कहा तो उन्होने बोला कि अगर नहीं पढ़ती है तो पिटाई कर दिया करो, तो मैंने एक दिन उसे उसकी मम्मी के सामने ही हलका सा एक थप्पड़ मारा, उस दिन मैंने उसे पहली बार छुआ था, उसका गाल एकदम गरम था, थप्पड़ खा कर वो मुस्कराने लगी /

अगले दिन उसने जींस और शर्ट जिसके बटन सामने खुलते थे पहने हुए थी, मैं उसके सामने बैठा कर उसे मैथ्स समझा रहा था, उसके शर्ट का एक बटन टूटा हुआ था, उसका ध्यान पढ़ाई में था और मेरा ध्यान उसके टूटे हुए बटन के पीछे उसके बूब्स पर था, उसकी काली ब्रा और गोरे बूब्स मेरे सामने दिख रहे थे / अचानक उसका ध्यान अपने टूटे हुए बटन पर गया तो वो शरमाई और नीचे जा कर शर्ट बदल कर आई /

मैंने पूछा- क्या हुआ?

तो उसने बोला- आप मुझे अच्छे से पढ़ा नहीं पा रहे थे /

अगले दिन उसने टाइट टी शर्ट पहनी हुई थी जिसमें उसके बूब्स का उभार गजब ढा रहा था / मेरा ध्यान वहीं पर था /

उसने पूछा, “ क्या हुआ रवि? तुम्हारा ध्यान कहाँ है?”

मैंने कहा, “मेरा ध्यान तुझमें है / ”

वो शरमाई और बोली- धत /

मेरी हिम्मत बढ़ गई / मैंने हलके से उसके गाल पर चपत लगाया और प्यार से मुस्कराया / जवाब में वो भी मुस्कराई /

मेरी हिम्मत और बढ़ी, मैंने उसके दोनो गालों को पकड़ कर उसके होठों को चूम लिया, उसने दूर हटाते हुए कहा- रवि. मम्मी आ जायेगी /

और हम वापस पढ़ाई में लग गये /

अगले दिन उसके मम्मी, पापा और उसका भाई किसी काम से बाहर गये थे, जाते समय उसकी मम्मी ने मुझसे कहा- रवि , रेनू घर पर अकेली है, तुम रात को हमारे घर पर ही सो जाना / मुझे तो जैसे मन मांगी मुराद मिल गई /

रात को 9 बजे मैं उसके घर गया / वो ग्राउन्ड फ़्लोर पर थी / आज उसने सुन्दर सी काले रंग की नाइटी पहन रखी थी / हम दो घण्टे तक पढ़ते रहे / बाद में वो अपने कमरे में जाकर सो गई, मैं बाहर हाल में सो गया / अचानक वहाँ लाइट चली गई / वो कमरे से बाहर आई और मेरे पास हाल में बेड पर बैठ गई और हम बातें करने लगे /

उसने मुझसे कहा,“रवि , आइ लव यू / ”

मैंने कुछ नहीं बोला और उसे अपनी बाहों में ले लिया / वो चुप रही, उसने कुछ भी नहीं बोला / मैंने उसे चूमना शुरू कर दिया, वो हल्का सा विरोध करती रही, इतने में लाइट आ गई तो मैंने देख उसका चेहरा एकदम लाल हो रहा है और आँखे अपने आप बन्द हो रही हैं /

मैंने धीरे से उसके बूब्स पर हाथ फिराया तो वो एक दम से मुझसे चिपक गई / मैं उसके रसीले होठों को चूमता रहा और हाथों से धीरे धीरे उसके बूब्स को दबाता रहा, वो मदहोश हो गई /

मैं थोड़ा आगे बढ़ा और मैंने उसकी नाइटी धीरे से उतार दी / अब वो मेरे सामने लेमन रंग की ब्रा और पैन्टी में थी, उसकी फ़िगर देख कर मैं अपने होश खो बैठा / मैंने उसके पूरे बदन को चूमना शुरू कर दिया / वो भी मुझे चूमने लगी और मेरे कपड़े उतारने लगी / अब मैं भी सिर्फ़ अन्डरविअर में था / मैं उसे चूमता रहा और उसके पूरे शरीर पर हाथ घुमाता रहा /

उसके स्तन क्या पत्थर की तरह कड़क थे / मैंने अपने हाथ उसके पीछे ले जाकर उसकी ब्रा का हुक खोल दिया, एक झटके से ब्रा उसके हाथ में आ गई और उसके बूब्स आज़ाद हो गये, इससे पहले भी मैंने 3-4 बार सेक्स किया था लेकिन उसका हुस्न देख कर मैं अपने होश खो गया और धीरे से मैंने उसकी चड्डी भी उतार दी / बदले में उसने भी मेरी चड्डी उतार दी /

अब हम दोनों नंगे थे / हम दोनों एक दूसरे को चाटते रहे / मैंने अपना मुँह उसके निप्पल पर लगाया और उसको चूसने लगा उसने मेरे लण्ड को हाथ में ले लिया और उसको सहलाने लगी / मेरा लण्ड लोहे की तरह एक दम कड़क हो गया / मैंने धीरे से अपने लण्ड को उसके मुँह के पास किया तो वो उसे चूमने लगी / मैंने उसे मुँह में लेने को कहा तो वो उसे मुँह में लेकर चूसने लगी /

मेरा बड़ा बुरा हाल हो रहा था, मैंने अपनी उँगली धीरे से उसकी चूत मे डाल दी / उसकी चूत गरम तवे की तरह तप रही थी / मेरी उँगलियां उसकी चूत की गरमी महसूस कर रही थी /

वो मेरे लण्ड को चूसती रही और मेरी उँगलियां उसकी चूत के साथ खेलती रही / अब वो चुदवाने के लिये एकदम तैयार थी / उसकी चूत मेरी उँगलियों की हरकत से पानी से भर गई और गीली हो गई / मैं अपना मुँह उसकी चूत पर ले गया और उसकी जाँघों और उसकी चूत को चूमने लगा / वो जोर जोर से पाँव हिलाने लगी / आअहह . रवि, मेरे राजा, मज़ा आ रहा है / मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में डाल दी और उसके पानी को पीने लगा / वो एक दम मदहोश हो गई और मेरे लण्ड को दाँत चुभाते हुये और जोर से चूसने लगी /

थोड़ी देर में उसकी चूत ने और पानी छोड़ दिया / मैं उसे पीता रहा / कुँवारी चूत का पानी पीने का मेरा यह पहला मौका था और उसके मुँह में मेरे लण्ड ने भी ढेर सारा पानी छोड़ दिया जो सीधे उसके गले मे गया / उसने बड़े प्यार से मेरा पूरा पानी पी लिया और एक भी बून्द बाहर नहीं गिरने दी, और मेरे लण्ड को चूसना जारी रखा / 3-4 मिनट में मेरा लण्ड वापस तन गया / उसकी हरकतों से मुझे लगने लगा कि वो चुदाई के लिये बहुत आतुर है /

मैंने उसे बेड पर सीधा लिटाया और उसकी गाँड के नीचे एक तकिया लगाया जिससे उसकी चूत ऊपर आ गई / मैं अपने लण्ड को उसकी चूत पर फिराने लगा / उसकी चूत तन्दूर की तरह गरम थी /

उसने कहा कि उसने कभी चुदवाया नहीं है / वो बोली, रवि इतना मोटा लंड मेरी चूत में कैसे जाएगा / मैंने कहा- थोड़ा सा दर्द होगा, लेकिन बाद मे मज़ा आयेगा /

मैंने अपने लण्ड और उसकी चूत पर क्रीम लगाई और अपना लण्ड धीरे से उसकी चूत में घुसाने लगा / उसकी चूत बहुत टाइट थी /

मेरे लण्ड का सुपाड़ा उसके अन्दर जाते ही वो जोर से बोली,“ र वि , बहुत दर्द हो रहा है / ” मैं वहीं पर रूक गया और उसकी चूचियों को सहलाने लगा और उसके होठों को चूमने लगा / थोड़ी देर मे रेनू जोश में आ गई और अपने चूतड़ उठाने लगी / मैंने ऊपर से थोड़ा जोर लगाया, मेरा लण्ड उसकी चूत में ३ इन्च घुस गया / वो जोर से चिल्लाने लगी और पसीने में नहा गई, मुझसे कहने लगी,“ र वि, प्लीज / बाहर निकालो / ”

मैंने उससे बोला- पहली बार में थोड़ा दर्द होता है / और उसे चूमने लगा /

कुछ देर बाद वो शान्त हो गई /

मैंने उससे बोला- अपना मुँह बन्द रखना, मेरी जान / मैं अभी अपना पूरा लण्ड तेरी चूत में डालूंगा /

उसने जोश मे आकर कहा- अगर मैं चीखूं भी तो भी तुम नहीं रुकना /

मैं धीरे धीरे अपने लण्ड को उसकी चूत में 3-4 इन्च में अन्दर बाहर करने लगा / उसे भी मज़ा आने लगा और वो मुझसे ज्यादा चिपकने लगी / अचानक मैंने एक जोर का झटका दिया और अपना पूरा 8 इन्च का लण्ड उसकी चूत में घुसेड़ दिया / वो बहुत जोर से चीखी और जोर से तड़पने लगी / आअहह, रवि, मार गयी, लगता है मेरी चूत फट गयी है /

मैं वहीं पर रूक गया / उसकी चूत में से खून निकलने लगा था / वो जोर जोर से रोने लगी, मैंने उसे प्यार से समझाया कि मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में चल गया है / रेनू, अभी थोड़ा सा दर्द होगा लेकिन बाद मे जो मज़ा आयेगा वो पूरा दर्द भुला देगा /

मैंने उसके लाख कहने पर भी अपना लण्ड उसकी चूत से नहीं निकाला /

पाँच मिनट तक मैं सिर्फ़ उसके बूब्स को चूसता रहा और उसके पूरे शरीर पर हाथ फ़िराता रहा / धीरे धीरे उसका दर्द कम हुआ और उसे जोश आने लगा / वो मुझसे चिपक गई और अपने चूतड़ उठाने लगी / उसकी चूत मेरे लण्ड को कभी जकड़ती और कभी ढीला छोड़ती / मैं इशारा समझ गया और मैंने धीरे धीरे अपने लण्ड को उसकी चूत में अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया /

थोड़ी देर मैं उसे भी मज़ा आने लगा और वो भी हिल हिल कर चुदाइ का मज़ा लेने लगी / 15 मिनट तक मैं उसे चोदता रहा / इतनी देर मे उसकी चूत गीली हो गई और उसका दर्द कम हो गया, और वो बहुत मज़े लेकर चुदवाने लगी /

करीब 15 मिनट के बाद मैंने उसे कहा- मैं झड़ने वाला हूँ /

मैंने उसे कस के पकड़ा, जिससे उसके मुंह से आवाज न निकले उसके होंठ अपने होठों में मजबूती से दबा लिये और सरपट घोड़ा दौड़ा दिया / मैं पूरे जोश में आ चुका था और मैं अपना लण्ड पूरा बाहर निकाल कर एक धक्के से पूरा घुसा देता, पूरी फूर्ती से / मेरा लंड रेनू की चूत में धच-धच-धच अंदर बाहर हो रहा था /

अब वो बुरी तरह छूटने के लिये दम लगा रही थी और मैं उसे उतना ही मजबूती से पकड़ रहा था / झटके पर झटके / धक्के पर धक्के /

एक दो मिनट में उसकी चूत बुरी तरह से मेरे लण्ड को रोकने की कोशिश कर रही थी / और मुझे साफ़ पता चला जैसे कि उसकी चूत ने एक जोर से पिचकारी मेरे लण्ड पर छोड़ दी / अब मैंने रफ़्तार और धक्के की ताकत बढ़ा दी और बड़े दम लगाने पर मैं भी चरम आनन्द पर पहुँच गया / ऐसा लगा जैसे मेरे लण्ड से कोई टँकी खुल गई हो और मैंने बहुत सारा पानी उसकी चूत में भर दिया /

करीब 10 मिनट तक उसके ऊपर लेटा रहा / हम दोनों की सांस की आवाज से पूरा कमरा गूँज रहा था / उसके बाद हम दोनो उठे और बाथरूम में जाकर उसकी चूत और अपने लण्ड को धो कर साफ़ किया और वापस आकर बेड पर बैठ गये /

मेरा लण्ड इतनी देर में वापस तन कर खड़ा हो गया / उसे तना देखकर वो बोली- अब नहीं रवि , अभी दो घण्टे सो लेते हैं, उसके बाद करेंगे /

मैंने कहा- ठीक है /

हमने अपने कपड़े पहन लिये और सोने लगे / लेकिन आंखो में नींद कहाँ /

करीब एक घण्टे बाद मैंने उसके और अपने कपड़े फिर उतार दिये / उसने कहा कि प्यार से करना क्योंकि अभी थोड़ा थोड़ा दर्द हो रहा है / मैंने उसके बदन को दबाना शुरू कर दिया, बच्चों की तरह उसका दूध पीने लगा तो वह कसमसा उठी / और उसने भी मुझे चूमना शूरू कर दिया और खुद-ब-खुद 69 की पोजीशन में आ गये / वो मेरे लण्ड को चूस रही थी और मैं उसकी चूत को / फिर मैं काम शास्त्र में बताये एक एक आसन से उसे चोदने लगा और एक ही रात में कली को खिला कर फ़ूल बना दिया था /

फिर तो हम दोनों को जब भी मौका मिलता वो मुझसे चुदवाती थी / करीब एक साल तक मैं उसे चोदता रहा, उसके बाद उसके पापा की बदली हो गई / उसके बाद से आज तक उससे मेरी मुलाकात नहीं हुई है / वो मेरे जीवन सबसे हसीन कली थी जिसे फूल बनाने का जिम्मा खुदा ने मुझे इनाम में दिया था / उस से मोबाइल पर बातचूट हो जाती है / वो आज भी मेरे लंबे तगड़े 8" लंड को याद कर के अपनी चूत में उंगली करके अपनी चूत की आग शांत करती है.. काश उसका साथ एक बार फिर से मिल जाए, बस इसी मौके की तलाश में हूँ /

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