बहन, मम्मी और फिर बुआ

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वैसे तो मम्मी कई बार मेरे सामने ही पीठ करके कपड़े बदल लेती थीं.. या घर के कामों के दौरान उनके ब्लाउज के गले में से उनके उभारों का दीदार हो जाता था। पर यह सब नाकाफ़ी था.. बल्कि उल्टा इससे तो मेरी आग और भड़क उठती थी। घर के सभी कामों के साथ-साथ मुझे मम्मी के साथ बाज़ार भी जाना पड़ता था।

ऐसे ही एक दिन जब मैं और मम्मी बाज़ार में खरीददारी कर रहे थे.. तो मम्मी की एक सहेली मिल गई और हम तीनों उस बड़े से मॉल में साथ-साथ घूमने लगे।

तभी मम्मी की सहेली एक लेडीज काउन्टर पर रुकी.. और वहाँ बड़े ही खुले तौर से अंडरगार्मेंट्स देखने लगी।

वह मम्मी को भी बोली- तू भी यह इंपोर्टेड ब्रांड यूज किया कर, बड़ा मजा मिलता है।

तब मम्मी बड़ी ही मायूसी से धीरे से बोली- पहन तो लूँ.. लेकिन देखने वाला कौन है.. इसके पापा तो महीने में एक दो बार घर आ जाएं.. वही बहुत है।

तो आंटी एक आँख मार कर बोली- पगली है क्या.. जो इतनी भरी जवानी में इतने हुस्न वाले बदन की होकर फालतू बात करती है.. अरे क्या तेरा पति घर से बाहर साधु का जीवन जी रहा होगा.. अरे वह तो हर रात रंगीन कर रहा होगा और एक तू है कि यहाँ अपनी जवानी को जंग लगा रही है।

आंटी मेरी और इशारा करते हुए बोली- अरे मेरा ऐसा गबरू जवान बेटा हो.. तो मुझे यू बाहर मुँह ही नहीं मारना पड़े..

तब मम्मी ने उसे डांटकर चुप करवाया और मेरी ओर देखने लगीं।

लेकिन मैंने तेज़ी से अपनी गर्दन घुमा ली.. मानो मैंने कुछ सुना ही ना हो.. उसके बाद तो आंटी ने दो-तीन ब्रा को ट्रायल रूम में जाकर ट्राइ किया और मम्मी को अन्दर बुला कर दिखाती रही।

दरवाज़ा खुलने के दौरान एक बार तो मैंने भी आंटी के हुस्न का नज़ारा कर लिया। आंटी ने ज़िद की तो मम्मी ने भी खुद के लिए दो-तीन पेयर अंडरगार्मेंट्स बिना ट्रायल के पसंद कर लिए।

तब आंटी मेरी भी पसंद पूछने लगीं.. तो मम्मी ने उनका हाथ दबा दिया।

मुझे भी वहाँ पर एक पेयर पसंद आया.. लेकिन मम्मी ने उसे साइज़ में बराबर होने पर भी बड़े कट का होने के कारण नहीं खरीदा।

लेकिन बाद मैं मैंने उसे मम्मी की नज़रों से बच कर खरीद लिया और बाकी के सामान में छुपा दिया।

वहीं पास के जेंट्सस काउन्टर को देख कर मम्मी बोलीं- तुझे भी कुछ चाहिए.. तो खरीद ले..।

फिर मेरे द्वारा लॉन्ग अंडरवियर पसंद करने पर आंटी ने उसे हाथ में लेकर पटक दिया और बड़ी ही सेक्सी मुस्कान दे कर बोलीं- तेरे को यह कट साइज़ वी-शेप जॉकी सूट करेगा।

मैंने पहली बार इस तरह का अंडरवियर देखा था.. लेकिन आंटी के दबाव डालने पर मम्मी ने भी लेने की हामी भर दी।

खैर.. घर आते समय मम्मी के दोनों मांसल बोबे.. बार-बार मेरी पीठ को छू रहे थे। इस कारण मैं जानबूझ कर ज़ोर-ज़ोर से बाइक के ब्रेक मार रहा था।

घर आने पर आंटी का फोन आया- मम्मी को कह देना कि जल्दी से अंडरगार्मेंट्स ट्रायल कर लें.. क्योंकि यदि साइज़ का लोचा रहा.. तो एक दिन के बाद रिप्लेस नहीं होंगे।

तब मैंने मम्मी को वैसा ही बोल दिया.. तो मम्मी बोलीं- ठीक है.. पहन कर देख लूँगा

रात मे सोने के पहले मम्मी नहाने गई थीं और मैं हाँल में बैठा टीवी देख रहा था। तभी मम्मी ने बेडरूम से गर्दन निकाल कर आवाज दी- यह तो चेंज करना पड़ेगी.. बहुत ही टाइट है।

तो मैं वहीं से बोला- इस्तेमाल करने पर कुछ तो लूज हो ही जाएगी..

तब मम्मी ने भी मेरी बात पर हामी भर दी.. कुछ मिनटों के बाद मम्मी फिर बोलीं- अरे बेटा ज़रा तू मदद कर दे.. तो शायद यह हुक लग जाए।

जब मैं उठकर अन्दर बेडरूम में गया तो मम्मी को केवल कमर तक तौलिया में लिपटा पाया। जो कि एक छोटे साइज़ का तौलिया था और वह केवल मम्मी की जाँघों तक ही आ रहा था। उस तौलिया का केवल एक राऊँड ही मम्मी की कमर पर लिपटा था।

मम्मी मेरी ओर पीठ करके ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़ी थीं.. जिसके काँच में मुझे मम्मी का फ्रंट साइड दिखाई पड़ रहा था.. लेकिन मम्मी ने अपना एक हाथ दोनों मम्मों के ऊपर रखा हुआ था जिस कारण मुझे कुछ खास दिखाई नहीं पड़ रहा था।

मम्मी की सफेद मांसल पीठ को देख मेरा लण्ड फिर से तन्ना गया और मैं अपने उत्तेजित लौड़े को दबाने लगा।

तब मम्मी ने एक हाथ से अपनी नई ब्रा को अपनी बाँहों में पहना और मुझे बोलीं- तू पीछे से हुक लगा दे।

मैंने ब्रा के दोनों हुक पकड़े और उन्हें खींच कर लगाने की कोशिश की.. लेकिन वह नहीं लगे।

तब मम्मी बोली- देख.. नहीं लगे.. लगता ही लौटानी ही पड़ेगी।

तब मैंने सामने काँच में देखा कि मम्मी के दोनों उरोज तो बाहर ही लटक रहे हैं.. बिना उन्हें अन्दर करे.. ब्रा बॉडी में फिट नहीं बैठ सकती थी।

तो मैंने मम्मी को बोला- आप ही सही से नहीं पहन रही हो।

तो मम्मी ने फिर से कोशिश की.. लेकिन फिर भी अपने बाहर लटकते हुए उरोजों को ब्रा के कप में नहीं डाला। मेरे अंदाज़ से मम्मी शायद जानबूझ कर ऐसा कर रही थीं.. क्योंकि जो औरत बरसों से ब्रा पहन रही हो.. वो यह ग़लती कर ही नहीं सकती।

तब मम्मी बोलीं- अच्छा तू ही सही तरीके से पहना दे..

मैं तुरंत मम्मी के आगे आया और मैंने उनके दोनों मक्खन के समान बड़े-बड़े उरोजों को हाथों में पकड़ कर काली नुकीली निपल्स को दबाते हुए ब्रा के कप में डाल दिया और फिर आगे से ही पीछे हाथ करके मम्मी की ब्रा के हुक लगा दिए।

इस कारण मम्मी मेरे सीने से चिपक सी गई थीं। मम्मी के बड़े-बड़े बोबे मेरे बदन से छू गए.. जिससे मेरा लण्ड तो पहले से ही तना हुआ था.. उनके बदन से छूने से शायद मम्मी मेरे लौड़े का तनाव जान गईं और मेरी कमर के नीचे चोर निगाहों से देखने लगीं।

मैंने कहा- अब बताओ.. सही फिटिंग तो है..

तो मम्मी बोलीं- हाँ.. बिल्कुल सही है.. इन ब्रांडेड आइटम की तो बात ही कुछ और है..

फिर मैंने कहा- आप पैन्टी भी ट्राई कर लीजिए..

तो मम्मी बोलीं- हाँ.. यह ठीक रहेगा..

फिर मम्मी ने मेरे सामने ही बैग में से नई पैन्टी निकाली और झुक कर पैरों में डाल ली और उसे जाँघों पर चढ़ाने लगीं.. और जब वह मम्मी के मोटे चूतड़ों तक पहुँच गई.. तो मम्मी ने तौलिया उतार फेंका..। अभी पैन्टी पूरी तरह नहीं पहन पाने के कारण मम्मी के मांसल चूतड़ों की दरार भी साफ दिखाई पड़ रही थी। तब मम्मी ने पैन्टी में उंगली डाल कर सही तरीके से पहन ली और मेरी ओर मुँह करके बोलीं- बता.. मैं कैसी दिख रही हूँ?

तो मैं बोला- बहुत बढ़िया..बहुत मस्त लग रही हो मम्मी

इसी तरह मम्मी ने बाकी की दोनों ब्रा पैन्टी भी मेरे सामने ही ट्रायल कीं.. जिस कारण मैं मम्मी को काफ़ी देर तक अपने सामने अधनंगी देख चुका था और मम्मी के बदन को छू भी चुका था।

लेकिन मेरे बदन की आग बढ़ती ही जा रही थी.. तभी मम्मी बोलीं- तू भी अपना अंडरवियर ट्राई कर ले..

मैं तो इसी का इन्तज़ार कर रहा था.. मैंने तुरंत ही अपने कपड़े खोले और कमर पर वहीं मम्मी वाला तौलिया बांध कर अंडरवियर पहन लिया। तौलिया हटते ही मैं भी अपने लण्ड के उठाव को देख कर चौंक गया.. क्योंकि इस कट साइज़ जॉकी में मेरे लंड का तनाव और साइज़ बिलकुल साफ़ दिखाई पड़ रहा था।

मम्मी की निगाहें भी मेरे लंड पर से हट ही नहीं रही थीं.. जिस कारण मुझे शर्म सी महसूस होने लगी।

तभी अचानक मम्मी को बैग में से वह दूसरा ब्रा पैन्टी का सैट दिखाई पड़ गया और मम्मी ने उसे बाहर निकालते हुए हँसकर पूछा- यह किस के लिए लाया है रे शैतान?

तो मैंने धीरे से कहा- तुम्हारे लिए.. और कौन है जिसके लिए यह मैं लाता.. मुझे यह रंग बहुत पसंद आया था।

तब मम्मी भी बोलीं- हाँ.. रंग तो मुझे भी बहुत पसंद था.. लेकिन इसके कट बहुत ज़्यादा हैं।

तो मैंने कहा- चलो इसका भी ट्रायल करते हैं।

मेरे बोलते ही मम्मी ने अपनी पहनी हुई ब्रा उतार फेंकी और अपने बड़े-बड़े मांसल कबूतरों को उस नई ब्रा में कैद करने की कोशिश करने लगीं। इस ब्रा का कप तो नाम मात्र का था। मम्मी के मोटे-मोटे मुम्मे उसमें समा ही नहीं रहे थे और मम्मी की नुकीली काली चूचियाँ बार-बार बाहर को आ रही थीं।

मैंने कहा- इन्हें बाहर ही रहने दो.. अब पैन्टी ट्राई करो।

इतो मम्मी पर्दे की आड़ लेकर के नई पैन्टी को पहन कर मेरे सामने आ गईं।

इस पैन्टी को देख कर मैं पागल हो गया.. क्योंकि इसमें से मम्मी के मांसल चूतड़ पूरी तरह से बाहर आ रहे थे और पैन्टी के पीछे का हिस्सा मम्मी की मोटी गाण्ड में धंस चुका था।

जब मम्मी आगे को पलटीं.. तो मेरे ऊपर तो मानो क़यामत ही बरस पड़ी। पैन्टी का सामने का हिस्सा भी मम्मी की मोटी फैली हुई चूत की फांकों में फंस चुका था और मम्मी की चूत के दोनों होंठ बाहर आ रहे थे। साइड से भूरे रंग के बालों के बीच अपनी जन्मस्थली देख कर मैं भी चौंक पड़ा.. लेकिन मम्मी ने बड़ी बेशर्मी से अपने चूतड़ों को बिस्तर पर टिका कर अपनी दोनों जाँघें चौड़ी कर दीं और मुझे पास बुलाकर बड़े ही कामुक अंदाज में बोलीं- अब बता.. यह कैसी है?

मैंने कहा- मम्मी यह चटख रंग आप पर बहुत खुल रहा है.. और मैं तो कहूँगा कि आप घर में ऐसे ही रंग के इसी प्रकार के कपड़े पहना करो। आपको ब्लड प्रेशर की बीमारी के कारण कैसी भी गर्मी सहन नहीं करना चाहिए। इन कपड़ों में तो आराम रहता ही होगा।

तब मम्मी बोलीं- हाँ.. मैं भी यही चाहती हूँ कि मैं कुछ खुले कपड़े पहनूँ.. और यदि तुझे कोई परेशानी ना हो तो मैं आज से ही ऐसे ही रहूँगी।

'अँधा क्या चाहता.. दो आँखें..'

लेकिन मैं कुछ नहीं बोला.. तभी मम्मी बोलीं- यह पैन्टी कुछ अन्दर की ओर घुस सी रही है.. तू ज़रा देख तो क्या परेशानी है?

मैंने तुरंत ही अपनी उंगलियों से मम्मी की चूत की फांकों में से पैन्टी को बाहर किया और मम्मी की चूत के बालों को पैन्टी के अन्दर डालने की कोशिश की।

तभी मम्मी अपनी चूत को फैलाए ही बिस्तर पर पसर गईं और अपने मम्मों को हाथों से सहलाने लगीं।

मैं तुरंत ही मम्मी के सीने से सट कर लेट गया और मम्मी के निप्पलों को पकड़ कर सहलाने लगा।

तभी मम्मी ने मेरे लंड को टटोला और उसे दबाने लगीं.. मैंने भी बिना देर किए.. मम्मी के उरोजों को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। कुछ ही मिनटों में मम्मी ज़ोर-ज़ोर से सिसयाने लगीं- चोद दे मुझे.. अपनी माँ की चूत चोद दे.. मादरचोद बन जा.. फाड़ डाल मेरी चूत.. इसका भोसड़ा बना दे..

यह सब सुन कर मैं और जोश में आ गया और मैंने अपना लपलपाता हुआ लंड मम्मी की चूत में पेल दिया।

इसके बाद तो जो यह सिलसिला चला.. उसने कभी रुकने का नाम भी नहीं लिया।

बाद में जब हमारे सभी राज एक-दूसरे को मालूम चल गए तो मम्मी के साथ मेरी बहन और बुआ भी इस हसीन खेल में शामिल होने लगीं और मैं इन सभी की कामाग्नि बारी-बारी से शांत करने लगा।

~~~ समाप्त ~~~

दोस्तो, कैसे लगी ये कहानी आपको,

कहानी पड़ने के बाद अपना विचार ज़रुरू दीजिएगा ...

मेरी इ मेल है

आपके जवाब के इंतेज़ार में ...

आपका अपना

रविराम69 (c) "लॅंडधारी" (मस्तराम - मुसाफिर)

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16 Comments
AnonymousAnonymous3 months ago

Wow amazing story

Mujhe Audi story read Kar k Kuch zyada hi hot feeling aati hai

Family Sex Safe bhi aur enjoying bhi

AnonymousAnonymous4 months ago

Rajstha झालावाड खानपुर मे जो भी औरत हो कॉल कर सकते है सभी गुप्त रहेगा ९८८७५६७०४७

AnonymousAnonymous5 months ago

Tum ko likhna to aata nahi, fir kyon likhhte rahte ho? Rajeshwari

shang40shang40about 4 years ago
बुआ की हरकत

मेरी बुआ ने मुझे अपना बनाकर चुदासी बना दिया.

हुआ ये की जब बझार जाते तब पीछे से चिपकती थी.

AnonymousAnonymousabout 4 years ago
Full enjoy

Koi bhabhi ya ldki chudvana chahti h Jaipur m to call kre 8949884408

AnonymousAnonymousover 4 years ago
Pratapgarh ki koi bhabhi ya aunty ko maze lena hai to call me09795760143

Pratapgarh ki koi bhabhi ya aunty ko maze lena hai to call me09795760143

AnonymousAnonymousover 4 years ago
I,m a call boy 9354847599

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form New Delhi

Any leady call me

AnonymousAnonymousover 4 years ago
Mjh b chodni h

Hum dono milkar tmhr maa Behan or bua ko chode ek sath sabhi log bahut maje aayenge bhai

AnonymousAnonymousover 4 years ago
Hi

Hi

AnonymousAnonymousalmost 5 years ago
Codna hai

Bhai apni bahan ko mujse cudvade tu 9105448810 hai call kar le na

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