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Click hereमेरा नाम शुभी शर्मा है. में पैंतीस साल की हाउस वाइफ हु. मेरी एक पांच साल की बेटी है. उसका नाम प्रीती है. वैसे तो मेरी लाइफ अच्छी है. मेरे पति जय प्रकाश शर्मा मुझे एक दम रानी की तरह रखते है. लेकिन वो मुझे प्यार नही करते है. क्यूं की वो कुछ कर ही नही सकते. जबसे उनका एक्सी डेंट हो गया. तब से उनका लंड खड़ा नही होता. उनके साथ सोते टाइम ऐसा लगता है जैसे में अपनी भाई या पापा के साथ सो रही हु. वैसे तो सेक्स की मुझे जरुरत नही है. बच्चा तो हो गया मेरा. और धीरे धीरे में अपनी इच्छा ओं को कण्ट्रोल करना सीख चुकी हु.
मेरा भां जा सुमित हमारे शहर में इंजी निय रिंग पड़ने आया. वो वैसे तो मेरे घर के पास रूम लेके रहता है. लेकिन हर सन्डे के दिन हमारे घर में खाना खाने आने लगा. वो मेरे बेटे जैसा था और मुझे बहुत पसंद है. लेकिन मेने नो टिस किया की अब जब हम दोनों की दोस्ती हो गयी तो वो कुछ ज्यादा ही मेरे पीछे पड़ने लगा. वो मुझे देख के हसने लगा. और जोक्स सुना सुना के मुझे हसाने भी लगा. धीरे धीरे हम दोनों फ़्लर्ट करने लगे. हम दोनों एक दुसरे से मेसे जेस करने लगे थे. में उसके साथ दिन भर चैटिंग करने लगी थी.
अब तो हमारे मेसे जेस अश लील होते जा रहे थे. सुमित ने कई बार माफ़ी मांगी लेकिन मेने उससे कहा की हम एडल्ट हो गये है. अब इतना मज़ाक तो चलता है. फिर उसने लड़कियों और औरतों के लंड, चूत, गांड और दूध के मेसे जेस ही करना शुरू कर दिए. फिर एक दिन उसने एक पोर्न विडियो डाल दी. जिसमे एक गोल्डन बालों वाली लड़की को एक बहुत ही पहेल वान जैसा आदमी पीछे से बहुत जोर से चुध रही थी. और उस लड़की के बाल खीच के पकड़े हुए था. और वो घोड़ी बनी हुई बेड पे चुध रही थी. ये देख के तो मेरा पूरा चेहरा गरम और लाल होगया था. और मेरी बॉडी भी काँपने लगी थी. पीने पहली बार पोर्न देखा था. मेने सिर्फ सुना था लेकिन इसमें तो वो पुरे नंगे थे. और मेने पहली बार इतना बड़ा लंड देखा था. मेने कांपते हुए फ़ोन बंद कर दिया. लेकिन पता नही विडियो देखने का मन फिर किआ. और मेने पूरा विडियो देखा. वो लड़की तो उस आदमी का लंड लोलीपोप की तरह चूस रही थी. मुझे तो लगता था लंड गंदी चीज़ है. लेकिन उअका कोई स्वाद होगा ये पता नही था. हमेशा के जैसे सुमित ने मुझे कॉल करके सॉरी कहा और बोला सॉरी मामी दोस्त को भेज रहा था गलती से आपको चला गया. ये तो उसकी चाल थी मुझे बिगाड़ ने की. मेने हमेशा के जैसे यही कहा की हम तो एडल्ट है. ये तो नार्मल है. फिर तो मेसे जेस सिर्फ में ही करती थी. वो तो बस मुझे विडियो ही भेजने लगा. धीरे धीरे में भी फिर से अपनी चूत में ऊँगली करने लगी थी. सुमित ने काफी बुरी तरह मुझे पोर्न के नशे में फंसा दिया था.
में अब सुमित को देख के शर्माने लगी हु. और वो मेरे पति के सामने ही मुझे घुर घुर के देखने लगा है. उसके सामने मे शर्म से भर जाती हु. में उसकी हवस भरी आंखें अपने शरीर पर महसूस कर सकती हु. यहाँ तक की अपनी चूत मे ऊँगली करते समय में पति के बारे मे सोचती थी लेकिन अब मेरे सोच में पति बदल के भांजा बनने लगा. और अब कुछ दिन बाद तो मेने ऊँगली करते टाइम पति को याद करना छोड़ दिया. मे भांजे के लिए ही ऊँगली करने लगी. मुझे लगता रहा था ये गलत नही है. मे सिर्फ सोच रही हु कर नही रही हु.
मेरे पति कुछ दिन से टूर पर गए हुए है. अचानक से घर का सिलिंडर ख़तम हो गया. दोपहर का खाना कैसे बनाउंगी ये सोच के परेशान हो गयी. मेने अपने पति शर्मा जी को फ़ोन लगाया.
शुभी: शर्मा जी सिलिंडर ख़तम हो गया है.
शर्मा जी: तो नया बुक कर देता हु.
शुभी: बुक तो कर दीजिये लेकिन दोपहर का खाना कैसे पकाऊ.
शर्मा जी: अभी तो में कुछ नही कर पाउँगा इतने दूर से.
शुभी: आप तो कभी कुछ नही कर पाते. किसी और की मदद से करवा लुंगी.
मेने घुस्से में फ़ोन रख दिया.
फिर मेने पड़ोसियों से मदद मांगी. लेकिन आजकल कोई कम पड़ने पर कोई हेल्प नही करता. तब मुझे ध्यान आया सुमित मेरी बात कभी नही टालेगा. और मेरे कॉल करने पर वो आ गया और उसने सिलिंडर बदल के ला दिया.
फिर हम दोनों ने साथ बेठ कर चाय पी. और जब मे किचन मे गयी उसने मेरा पीछा किया. मे अब बर्तन धोने लगी. और फिर मुझे शर्म आ रही थी क्यों की वो मेरी हिलती हुई गांड को देख रहा होगा. लेकिन मेने भी सोचा देखने दो उसने आज मेरा बहुत काम कर दिया. मे हलकी हलकी मुस्कुराने लगी. मेने जान बुझ कर अपनी कमर झुका दी. और जितना हो सके गांड को पीछे कर दिया. ताकि सुमित तो मेरी नाचती हुई गांड और अच्छे से दिखे. लेकिन अज पहली बार मे उसे घर मे अकेली मिल गयी. और मे आदमियों के आगे कमजोर भी हु. और शायद आज यही होना किस्मत मे लिखा है. उसने मेरी नाचती हुई गांड पे हाथ रख दिया. में चाहती तो रोक सकती थी लेकिन उफ़ कितना अच्छा लग रहा है की कोई मेरे साथ खेल रहा है. वो कपड़े के बाहर से ही मेरे पुट्ठों को सहलाने लगा. वैसे तो मे रोक सकती थी लेकिन पता नही क्यों मे उसका हाथ अपने स्किन पर फील करना चाहती थी. और मेने अपना पजामे का नाड़ा खोल दिया. और टाइट लिपटी हुई पजामे को धीरे से नीचे कर दिया.
सुमित: हे भगवान.
इनविटेशन मिलते ही उसने मेरी नीले रंग की पैंटी नीचे खीच दी. में अब आधि नंगी सिंक पे टिकी इन्तेजार कर रही थी की मेरे साथ क्या होने वाला है. और उसने अपना चेरा मेरे गांड में घुसा दिया. और मेरे मल द्वार को चाटने लगा. मेने नल को पकड़ लिया सहारे के लिए. वो तो अंपनी जीभ मेरे छेद मे घुसा देना चाहता था.
शुभी: आह बेटा क्या कर रहे हो वो जगह बहुत गन्दा है.
सुमित: ऊम्फ उम्मफ बहुत टेस्टी है. वाह मज़ा आ गया उम्मफ उम्मफ.
अचानक मुझे मेरी छेद मे गरम लगने लगा. और फिर ऐसा लगा की मेरा छेद फट जायेगा. मुझे बहुत दर्द हो रहा था. क्यूंकि उसने अपना सुखा लंड मेरे छेद में डालने की कोशिश कर रहा था. उसका लंड मुड़ का रहा था लेकिन घुस नही रहा था. उसके विडियो देख कर ही पहली बार लगा की लडकियां आसानी से गांड मे लंड ले लेती है. लेकिन ये इतना पीड़ादायक होगा पता नही था. लेकिन में आज कुछ अपने अन्दर डलवाना चाहती हु. अच्छा हुआ खाने का सन फलावर तेल का डब्बा पास ही में था. मेने एक हाथ नल से हटाया और डब्बा खीच के हमारे पास रख दिया. सुमित ने डब्बा जल्दी खोला और मेरा काफी सारा तेल मेरे गांड पे और अपने लंड पर उड़ेल दिया. मे तेल अपनी अंगो पर गिरते हुए महसूस कर रही हु. मेरा पजामा और पैंटी भी तेल से भर गया. सुमित के कपडे भी तेल तेल हो गए लेकिन हमारे पास उतना चिंता का टाइम नही है.
फिर मे दर्द के साथ साथ अपना छेद खुलता हुआ सा फील कर रही थी. उसकी टोपी मेरी आंत को फेलाकर जगह बना रही थी. कहा से चीज़े बाहर निकलती थी वहा से पहली बार कुछ उल्टा अन्दर घुस रहा था. मेरा दिमाग मेरी मांसपेशियां को नेचुरली उसका लंड बाहर निकालने के लिए धकेल रहा था. लेकिन वो पुरे जोर से अन्दर डालता जा रहा था. ने अंगों की कुश्ती का दबाव और दोनों के चमड़ी का घर्षण एक अजीब सा आनंद देने लगा. मेरी आंतों पर तनाव आता था और तुरंत ही फिर से आराम मिलता था और फिर तनाव बड जाता था. इससे मुझे एक मीठा सा दर्द मिल रहा था.
शुभी: आउच आः लग लग रही है बेटा आह बहुत दर्द हो रहा है.
सुमित: मामी बहुत मज़ा आरहा है आपके अन्दर. ओह ओह आप बहुत ब्यूटीफुल हो.
सुभी: आह आह ओओह ओओह.
सुमित: आह आह आह आह
शुभी: आह आह और नही ले पा रही हु आह आह आह.
सुमित: लेते रहो न प्लीज आह आह आह आह.
शुभी: कितना करोगे बेटा.
सुमित: बस ऐसे ही आपके अन्दर रहना चाहता हु.
और बस जल्दी ही वो स्थिर हो गया मेरे जीतना अन्दर डाल सकता था डाल दिया. और वो हल्का झटका ले रहा था. वो अपनई गोटियाँ मेरे अन्दर खली कर रहा था.
सुमित: ओह मामी मे स्वर्ग मे हु.
शुभी: आह आह आह हुम्फ हुम्फ हुम्फ आह आह आह.
वो खाली करने के बाद भी वैसे ही थोड़ी देर तक अपना वजन मेरे ऊपर दाल के पड़ा रहा. मे उसका लंड का नरम होना और फिसल के बाहर निकलना फील कर रही थी.
होश आते साथ ही मेने ये रियलाइज किया की मेने अपने पति को भांजे के साथ धोखा दिया. मे रोने लगी.
सुमित: रोओ नही.
शुभी: मेने अपने पति को धोखा दिया. और तुम भी तो मेरे बेटे जैसे हो.
सुमित ने मुझे अपनी बाँहों में ले लिया.
सुमित: अपने कुछ गलत नही किया. मेरी भी इच्छा थी. मे आपसे से बहोत दिनों से लव कर रहा हु.
शुभी: नही अपने उम्र की लड़की ढूंढ लो. मस्ती मे होश खो बेठी मे. और बिगड़ भी गयी तुम्हारे विडियोज देखकर.
सुमित: मे आपको कभी छोड़ कर नही जाऊंगा. आई लव यु.
शुभी: नही ये ठीक नही है. उम्फ्फ़.
मेरे मुह को उसने अपने मुह से धक दिया. और में कुछ नही बोल पाई. उसने मुझे होंठ पर चूम लिया. और मेने भी अपने होंठ खोल दिए. हम दोनों एक दुसरे का मुह चूसने लगे. मेरी ठुक उसके मुह मे और उसकी थूक मेरे मुह मे जाने लगे. मेरे मुह का स्वाद ही बदल गया.
मेने तो थोड़ी मर्यादा रखते हुए एक हाथ उसके सर पर और एक हाथ उसके पीठ पर रखा था. लेकिन उसने तो एक हाथ से मेरे एक पुट्ठे को पकड़ लिया. और जोर जोर से दबाने लगा. लेकिन मुझे आराम मिलने लगा इसलिए उसे नही रोका. लेकिन दुसरा हाथ उसने हम दोनों के बीच में डाल दिया और मेरा एक थन दबा के पकड़ लिया. मेने जल्दी से चुम्बन तोड़ा.
शुभी: आउच मेरा सीना दुख रहा है. छोड़ो बेटा.
सुमित: मामी आपके दूध बहुत शानदार है थोडा पकडूँगा फिर छोड़ दूंगा.
शुभी: मुझे अच्छा नही लग रहा. थन का शेप भी ख़राब हो जायेगा. आह आउच तुम बहुत जोर से दबा रहे हो बेटा.
सुमित: वाह बहुत सॉफ्ट है. मुझे और दबाना है.
शुभी: आउच आउच बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है बेटा. मेरे पुट्ठे दबा लो दूध छोड़ दो प्लीज.
मेरे बहुत गिड़गिडा़ने के बाद उसने छोड़ दिया और मेरे पुट्ठे मसलने लगा और हम फिर से अपने चुम्बन में खो गये. अब अच लग रहा था. मेरे पुट्ठों की बढ़िया मालिश हो रही थी.
ऐसे ही दस मिनट तक रहे और साँस नाक से लेते रहे. जब अलग हुए तो देखा की हमने बहुत गन्दगी फेलाई है.
शुभी: पूरी तेल तेल हो गयी हु बेटा. में नहा लेती हु.
बोलकर बाथरूम चली गयी बस कपड़े उतारे ही थे की. मेरा दिल जोर जोर से धड़क रहा था. मुझे विश्वास नही हो रहा था की मे कुछ ऐसा भी कर सकती हु. मेरी आंखें आसुओं से भरे हुए है. और आसू रुक ही नही रहे है.
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