घर की लाड़ली - चुदक्कड़ परिवार Ch. 05

Story Info
घर के लाड़ली बेटी ने बड़े योजनाबद्ध तरीके से घर को अपने चुदाई.
2k words
2.95
117.9k
1

Part 6 of the 11 part series

Updated 06/09/2023
Created 09/22/2018
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इस कहानी के सारे पात्र १८ वर्ष से ज्यादा आयु के हैं. ये कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है और अगर इसके किसी पात्र या घटना किसी के वास्तविक जीवन से मिलती है तो उसे मात्रा के संयोग माना जायेगा.

यह कहानी मेरी पिछले कहानी "किस्मत का खेल - चुदक्कड़ परिवार" श्रृंखला के अगली कड़ी है, परन्तु अपने आप में एक पूरी कहानी है. आशा करता हूँ की पाठकों को पसंद आएगी.

*****

अध्याय - 5 - माँ-बेटों की चुदाई की तैयारी

अब दोनों थोड़ा आराम करने के मूड से बिस्तर पर पड़ जाती हैं और एक दूसरे को बड़े प्यार से देख रही होती है. अभी भी दोनों एक पैर एक-दूसरे में गुंथे हुए थे और हाथ एक-दूसरे की चूचियों को धीरे-धीरे सहला रहे थे. थोड़ी देर आराम करने के बाद जब दोनों की सांसे थोड़ी धीमी होती है और हांफ कम हो जाता है तो मयूरी बातचीत शुरू करती है:

मयूरी: "माँ... "

शीतल: "हाँ... "

मयूरी: "थैंक्स माँ... मुझे बहुत मजा आया... आपके साथ ये करके... "

शीतल: "मुझे भी बहुत मजा आया बेटा... किसी लड़की या औरत के साथ मेरा भी ये सेक्स का पहले अनुभव था... पर तुम बहुत कमाल की हो... पता है, तुम जिस भी आदमी को पत्नी के रूप में मिलोगी, तुम्हारा ये शरीर पाकर वो आदमी धन्य हो जायेगा... "

मयूरी: "थैंक्स माँ... पर पता नहीं वो दिन कब आएगा जब मुझे कोई आदमी अपने लंड से चोदेगा... आप तो बहुत भाग्यशाली हो माँ जो आपको पापा का लंड रोज़ मिलता है... मैंने आप दोनों को चुदाई करते हुए कई बार देखा है... "

शीतल (आश्चर्य से): "क्या.......? सच में...?"

मयूरी: "हाँ माँ... कई बार तो पापा आपकी गांड भी मारते है... और आप बड़े मजे से अपनी गांड में उनका लंड लेकर उछल-उछल कर चुदवाती हो... सब देखा है मैंने... "

शीतल (हँसते हुए): "तो तेरा मन उस समय क्या करने का होता है?"

मयूरी: "मेरा तो मन करता है की मैं झट से जाकर पापा का लंड अपने मुँह में लेकर पहले तो जोर-जोर से चूस लूँ... फिर अपनी चुत में डालकर खूब चुदुँ..."

शीतल (हैरानी से): "मतलब तुझे अपने बाप से के लंड से चुदने का मन करता है...?"

मयूरी: "मेरा तो मन किसी भी मर्द के लंड से चुदने का करता है माँ... फिर चाहे वो कोई भी हो अपना बाप या कोई और मर्द... और वैसे भी, दुनिया के हर लड़की का पहला प्यार उसका बाप होता है... जैसे दुनिया के हर लड़के का पहला प्यार उसकी माँ होती है... "

शीतल: "हे भगवन... ये तू क्या कह रही है?"

मयूरी: "सच तो कह रही हूँ माँ... "

शीतल: "अच्छा? तुझे कैसे पता....?"

मयूरी: "मैंने आपके दोनों बेटों को आपस में बात करते सुना है... "

शीतल (उत्सुकता से): "क्या सुना है?"

मयूरी: "रहने दो... आप यकीन नहीं करोगे... "

शीतल: "अरे तुम बोलो तो... मैं पक्का यकीन करुँगी... "

मयूरी: "दोनों भाई लोग आपको एक साथ चोदना चाहते है... "

शीतल: "क्या....?"

मयूरी: "हाँ... जैसे मैंने आपको पापा से चुड़ते हुए देखा है वैसे उन दोनों ने भी कई बार देखा है और उन्होंने ने आपको पापा से गांड मरवाते हुए भी देखा है... "

शीतल: "अच्छा?"

मयूरी: "हाँ... और इसीलिए दोनों आपको एक साथ छोड़ना चाहते है... एक आपकी गांड में और एक आपकी चुत में लंड डालकर आपको चोदना चाहते हैं... "

शीतल: "क्या बात कर रही है?"

मयूरी: "और नहीं तो क्या? और तो और... वो दोनों.... खैर छोड़ो... "

शीतल: "अरे और क्या?"

मयूरी: "छोड़ो न... "

शीतल (उत्सुकता से): "अरे बता ना... और क्या?"

मयूरी: "दोनों आपकी पैंटी और ब्रा को हाथ में लेकर अक्सर मुठ मारा करते है... वो भी एक साथ... "

शीतल: "क्या... तू सच कह रही है?"

मयूरी: "और नहीं तो क्या? आपके दोनों बेटे आपके सब से बड़े आशिक़ हैं... "

शीतल: "मुझे यकीन नहीं होता... मुझे तो आजतक ऐसा नहीं लगा...?"

मयूरी: "मैंने तो पहले ही कहा था की आप यकीन नहीं करोगे...."

शीतल: "अरे वो बात नहीं है... पर उन दोनों ने तेरे सामने मेरे बारे में ऐसी बातें की?"

मयूरी: "हाँ... जब मैं सो जाती हूँ तो वो ऐसी बातें करते है... पर कई बार मैं सो रही होती हूँ और उनको ग़लतफहमी हो जाती है की मैं सो चुकी हूँ और वो अपनी सीक्रेट बातें करने लगते है... मैं तो बस चुपचाप सुनकर मजे लेती हूँ... इसमें उनकी कोई गलती थोड़ी है... आप हो ही इतनी खूबसूरत... एकदम मॉल जैसी... आप तीन जवान बच्चों की माँ हो पर लगती हो पचीस साल की लड़की जैसी... "

शीतल: "अच्छा..."

मयूरी: "अच्छा माँ...?"

शीतल: "हाँ... "

मयूरी: "एक बात पूछूं...?"

शीतल: "हाँ पूछो... "

मयूरी: "आप बुरा तो नहीं मानोगे?"

शीतल: "अरे... तेरे साथ नंगी पड़ी हूँ... अभी तेरी चूत चाटी है... किस बात से डर रही है? बता न... कुछ बुरा नहीं मानूंगी... "

मयूरी: "आप इतने साल से पापा से चुद रही हो? आपका किसी और मर्द के साथ कोई चुदाई वाला रिश्ता रहा है क्या?"

शीतल: "मतलब?"

मयूरी: "मतलब क्या अपने किसी और आदमी का लंड अपने चूत में लिया है कभी?"

शीतल: "नहीं... कभी किसी और मर्द से तो नहीं चुदवाया... पर... "

मयूरी: "पर क्या माँ...?"

शीतल: "तुम्हे बता देती हूँ... कभी कभी मन करता है की किसी और लंड का स्वाद लिया जाये... मतलब किसी और को जी भरके चुमू, उसे प्यार करूँ, उसका लंड चुसू... उस से अपनी चूत चटवा कर खूब मजे लूँ... फिर बहुत देर तक अलग अलग अवस्था में चुदवा कर मजे लूँ... ऐसा नहीं है की तेरे पापा ठीक से नहीं चोदते... वो अब भी किसी बांके जवान लड़के की तरह मस्त चोदू आदमी है... और मुझे हर बार संतुस्ट भी करते हैं... पर एक ही लंड से चुदवाकर थोड़ी बोर हो गई हूँ बस... पर इस उम्र में अगर किसी और मर्द के साथ ऐसा करती हूँ तो बदनामी का बहुत ज्यादा डर रहता है. और साथ साथ में अब परिवार की इज्जत की भी बात होती है... "

मयूरी: "हुम्म्म.... मैं समझ सकती हूँ... "

फिर थोड़ी देर तक कमरे में बिलकुल सन्नाटा सा छाया रहता है. दोनों औरतें कुछ सोचने में लग जाती हैं... की अचानक मयूरी को जैसे कुछ आईडिया सूझता है...

मयूरी: "माँ... एक आईडिया है... "

शीतल: "कैसा आईडिया...?"

मयूरी: "आईडिया ऐसा है की आप अगर चाहो तो आपको नया लंड भी मिलेगा और किसी को कुछ पता भी नहीं चलेगा... "

शीतल (मुस्कुराते हुए): "अच्छा...? बता चल... क्या आईडिया आया है तेरे दिमाग में... "

मयूरी: "देखो... आपकी बात सही है... अगर आप घर के बाहर किसी भी मर्द से चक्कर चलाते हो तो बदनामी तो होगी... "

शीतल: "बिलकुल सही... यही मैंने भी कहा... तो इसमें आईडिया कहाँ है?"

मयूरी: "अरे पूरी बात तो सुनो...?"

शीतल: "अच्छा बताओ... "

मयूरी: "पर अगर आपको घर में लंड मिल जाये तो बहार किसी को क्या पता चलेगा?"

शीतल: "मतलब...?"

मयूरी: "माँ... आप बहुत भोली हो... देखो... अगर आपको विक्रम भैया और रजत में कोई या दोनों चोदते हैं तो?"

शीतल: "तू पागल है क्या? वो मेरे अपने बेटे हैं... उनको अपने कोख से पैदा किया है मैंने... अपने इन चूचियों से दूध पिलाकर बड़ा किया है मैंने... "

मयूरी: "माँ... आप एक बार पूरी बात तो सुनो... मैं मानती हु ये सारी बात पर इन सब चीज़ों से क्या फर्क पड़ता है... ये सब तो दुनिया को दिखने वाली बात होती है बस... और आपने उन दोनों को इसी चुत से पैदा किया है... अब उन दोनों को इसी चूत को मजे दे कर सेवा करने की बारी है... इन चूचियों का दूध पीकर बड़े हुए हैं दोनों... बड़े होकर फिर से अगर इन चूचिओं से अगर दूध पिएंगे तो क्या नया हो जायेगा... "

शीतल (थोड़ा हकलाते हुए): "त... तू... तुम... "

शीतल के ऐसे हकलाने से मयूरी को अपनी बातों का प्रभाव दिखना शुरू हो जाता है. उसको यकीन हो जाता है की माँ अब अपने बेटो से चुदने को तैयार हो रही है, बस थोड़ा और जोर देने की जरुरत है. वो अपनी एक ऊँगली अपनी माँ के चुत में डाल देती है... जिस से उसकी हवस की आग तो थोड़ी और हवा लगे और वो भड़के.

मयूरी: "माँ... बात को समझो... वो दोनों भी आपको चोदना चाहते हैं... घर की बात घर में रहेगी बस... पापा तो दिन भर बहार रहते है... किसी को कुछ पता नहीं चलेगा कभी... और अगर पापा को पता चल भी गया किसी तरह से तो वो क्या कर सकते है... किसी को बहार बता तो सकते नहीं... वैसे उनको कभी पता ही नहीं चलेगा... कुछ नहीं होगा माँ..."

शीतल: "नहीं मयूरी... तेरे पापा को अगर पता चल गया तो गज़ब हो जायेगा... "

मयूरी: "माँ... अगर उनको पता चल गया तो मैं वडा करती हूँ... की मैं उनको समझा दूंगी... "

शीतल: "कैसे... तू कैसे उनको समझा पायेगी बेटा की उनकी पत्नी अपने खुद के दो बेटों से एक साथ चुदती है...?"

मयूरी (मुस्कुराते हुए): "माँ... मैं आपको कम लगती हूँ क्या? मैं जवान हु और खूबसूरत हूँ... पापा चाहे जो भी हों... हैं तो एक मर्द ही न... अपनी चूचियां जब उनके आँखों के सामने खोल दूंगी ना तो जीभ बाहर निकलकर कुत्ते की तरह मेरी हर बात मानेंगे... अगर अपनी पैंटी खोलकर अपनी जांघें उनकी नाक के करीब रख दूँ ना... तो जो कहूं वो करेंगे... पापा हैं तो क्या... हैं तो एक मर्द ही न... "

शीतल (मुस्कुराते हुए): "मतलब तू अपने पापा को अपनी चूचियों और चुत से मन लेगी...?"

मयूरी: "हाँ... बिलकुल... "

शीतल: "तो एक काम कर... तू अपने पापा को पटाने की कोशिश कर और मैं अपने बेटो को... "

मयूरी: "क्या बात कर रही हो माँ... मतलब आप अपने पति को मेरे हवाले कर रही हो? आपको जलन नहीं हो रही?"

शीतल: "जलन कैसी... तू कितने दिन तक मेरे पति को चोद पायेगी... दो या तीन साल... फिर तो तेरी शादी हो जाएगी... तू जाएगी अपने पति के घर... और मेरा पति फिर से सिर्फ मेरा... और बदले में मुझे दो-दो नए लंड मिलेंगे... जीवन भर के लिए... "

मयूरी: "बात तो एकदम पत्ते की है माँ... क्या सोच है आपकी... "

और दोनों नंगी माँ-बेटी जोर से खिलखिला कर हंसने लगती है... फिर शीतल अपना अगला सवाल करती है...

शीतल: "अच्छा एक बात बता?"

मयूरी: "हाँ.. माँ.. "

शीतल: "मुझे अपने बेटों को पटाने के लिए, उनका लंड अपनी चुत में डलवाने के लिए करना क्या होगा?"

मयूरी: "आपको कुछ नहीं करना माँ... वो दोनों तो पटे-पटाये हुए हैं... वो दोनों तो पहले से ही आपके लिए पागल हैं... आपको बस उनको अपने इस कामुक शरीर से आमंत्रण देना है को वो आएं और इसका भोग करें... "

शीतल: "और ये कैसे होगा...?"

मयूरी: "आप ना बस उनको अपनी इन प्यारी-प्यारी चूचिओं के दर्शन कराओ, अपनी इस गांड के दर्शन कराओ और अपने शरीर को उनके शरीर से सटाओ और उनको एहसास कराओ की आप भी अपना ये शरीर उनके हवाले करना चाहती हैं... और आप तो माँ हैं... आपके लिए ये कोई बड़ी बात नहीं है... माँ का प्यार दिखने के बहाने मेहबूबा बन जाओ बस... "

और दोनों फिर खिलखिलाकर हंस पड़ती हैं... अगले एक घंटे में दोनों फिर से एक दूसरे के साथ कई बार सेक्स करती हैं और फिर कपडे पहन कर तैयार हो जाती है क्यूँ की विक्रम के घर आने का वक्त हो चला था.

मयूरी इस बात का पूरा ध्यान रखती है की शीतल को अभी पता ना चले की वो अपने दोनों भाइयों से पहले से ही चुद रही है और अपने दोनों भाइयों को ये पता ना चले की उसका अपनी माँ के साथ लेस्बियन सेक्स का रिश्ता स्थापित हो चूका है और वो उनकी माँ को अपने बेटों से चुदवाने के लिए तैयार कर रही है. मयूरी चाहती थी की शीतल को पूरी तरह से ये लगे की उसने अपने बेटों के लंड का शिकार खुद किया है और विक्रम और रजत को ये लगे की वो अपनी माँ की चुत तक खुद अपने बल-बुते पर पहुंचे हैं. वो अपने आप को इन सारी बातों से अलग रखना चाहती थी. पर सत्य तो ये था की वो खुद ही इस पूरी कहानी की रचयिता थी.

-- कहानी अभी जारी है

लेखक से:

ये मेरी जिंदगी की पहली रचना "चुड़क्कड़ परिवार" श्रृंखला की अगली कड़ी है. मैं सेक्स और चुदाई के कहानियो का बचपन से शौक़ीन रहा हूँ. विशेष रूप से रिश्तो में चुदाई की कहानियों का बड़ा प्रशंसनीय रहा हूँ. मुझे अपनी इस श्रृंखला की ये कड़ी को लिखने में बहुत वक्त लग गया, पर ये बहुत ही रोमांच से भरी हुई कहानी तैयार हुई है. मेरी पाठकों से आग्रह है की आपको ये कहानी कैसी लगी, आप अपनी राय मुझे मेरे ईमेल आईडी पर जरूर दें ताकि मैं इसकी दूसरी कड़ी भी लिख पाऊँ.

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Anonymous
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2 Comments
AnonymousAnonymousalmost 5 years ago

I love your deep seduction writings.l really appreciate your love towards the aunties. I request you to please write the another seduction story or very seductive story of seducing innocent mom through massaging and then spiritual thinking and world's reality of giving pleasure to home members by real physical love then getting dirty and hard fucking and chilling moments at the end. Bro i have great trust on you ..you can only write these type of great seduction stories. Use saree petticoat pantyline visibility and deep seductive thoughts.

Love you whoever is the writer

s h a n k g o r e 1 2 3 @ g m a i l . c o m

AnonymousAnonymousover 5 years ago
This is amazing

I started loving Mayuri after reading this series.

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