मैं और मेरी कामुक मम्मी (भाग-3)

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मम्मी को सिड्यूस करके की चुदाई.....
2.9k words
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4
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Part 3 of the 4 part series

Updated 09/12/2022
Created 07/16/2014
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मैं और मेरी कामुक मम्मी (भाग-3)
(मम्मी को सिड्यूस करके की चुदाई.....)
प्रेषक : रविराम69 © "लॅंडधारी" (मस्तराम मुसाफिर)

Note:
This story has adult and incest contents. Please do not read who are under 18 age or not like incest contents. This is a sex story in hindi font, adult story in hindi font, gandi kahani in hindi font, family sex stories

पटकथा: (कहानी के बारे में) :
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// मम्मी ने मेरा मोटा लंड लेने के लिए क्या क्या किया \\
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Tags:
बहू बूढ़े बहुत चोदा चुचियों छाती चोली पहनी थी चोली काफ़ी टाइट थी और छोटी भी थी चूसने चूत गाल गाँड गाउन होंठ जाँघ जिस्म जांघों उतारने कमली झड़ कमल खूबसूरत किचन कमर क्लीवेज लूँगी, लंड लंबा चौड़ा लंड मज़ा मुलायम माधुरी नाइटी नंगा निपल्स पिताजी पतली रवि ससुर सास टाइट उतारने

कहानी के कुछ अंश
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मैंने अपने बांह से अपनी मम्मी को लपेट लिया था जिस से मम्मी के मुममे मेरे सीने से चिपके हुए थे। चूँकि थोड़ी ही देर पहले मम्मी ने मेरे लंड को चूस कर मेरा माल बाहर निकाला था इसलिए इस बार मेरा लंड जल्दीबाजी में माल निकालने को तैयार नही था। अचानक मेरे लंड को अहसास हुआ की की मम्मी झड़ गयी थी, मम्मी के चूत में गरम गरम पानी निकल रहा है।

मेरा परिचय
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दोस्तो, मेरा नाम रविराम है, दोस्त मुझे 'लॅंडधारी' रवि के नाम से बुलाते हैं। मेरा लंड 9 इंच लम्बा और 2 इंच मोटा है। जब मेरा लंड खड़ा (टाइट) होता है तो ऐसा लगता है जैसे किसी घोड़े या किसी गधे का लंड हो । जिसके अन्दर जाये, उसकी चूत का पानी निकाल कर ही बाहर आता है, और वो लड़की या औरत मेरे इस लंबे, मोटे और पठानी लंड की दीवानी हो जाती है । आज तक मैंने बहुत सी शादीशुदा और कुवांरियों की सील तोड़ी है।

Story : कहानी:
===========

मेरा नाम रवि है और मेरी उम्र 22 साल की है। मई मुंबई में रहता हूँ .मेरे फ्लैट में मै एवं मेरे मम्मी बाप के अलावा कोई नही रहता। एक साल पहले बाइक चलाते वक्त मै गिर गया और मेरे दोनों हथेली में काफ़ी जख्म हो गए। डॉ० ने मेरे दोनों हथेलियों में एक महीने के लिए बेंडेज कर दिया। अब मै अपना कोई काम ख़ुद से नही कर सकता था। सब से अधिक दिक्कत मुझे बाथरूम जाने में हुई। क्यों की मेरी पांचो उँगलियाँ पट्टी से बंधी थी. पहले दिन तो मेरे पापा ने मुझे बाथरूम कराया एवं सफाई भी की। लेकिन अगले ही दिन उन्हें जरूरी काम से जयपुर जाना पड़ गया। अब फ्लैट में मेरी मम्मी और मै ही बच गए। मेरे पापा तो नही जाना चाहते थे लेकिन जब मम्मी ने कहा की वो संभाल लेगी तो वो चले गए। अगले दिन जब मझे बाथरूम जाना था तो समझ में नही आ रहा था की कैसे जाऊं। मैंने कुछ नही कहा।

लगभग दस बजे मेरी मम्मी ने कहा – रवि, तुम बाथरूम नही गए?

मैंने कहा – धोऊंगा कैसे?

मम्मी ने कहा – जब तुम बच्चे थे तो कौन धोता था? आज भी मै धो दूंगी।

पहले तो मै नही माना ।

मम्मी ने गुस्से में आ कर कहा – मुझसे शरमाते हो?

वो अचानक खड़ी हुई और अपना गाउन उतार दी। अन्दर उसने पेंटी और ब्रा पहन रखी थी। झटके में अपना ब्रा उतार दी और बोली – यही वो मुममे है जिस से तुने ढाई साल तक दूध पिया है। तू कहाँ से आया वो देखना चाहता है? कहते हुए मम्मी ने अपनी पेंटी भी उतार दी और अपने चूत की तरफ़ इशारा करते हुए बोली- इसी से तू निकला है। देख, मुझे शर्म नही आती और तुझे कैसी शर्म? जब मै तुम्हारे सामने नंगी हो सकती हूँ तो तुम्हे क्यों आती है?

मै हक्का बक्का हो कर मम्मी को देख रहा था। वो पूरी तरह से नंगी मेरे सामने खड़ी थी। बड़े बड़े मुममे और बड़ा सा चूत काले काले घने बालों से ढके हुए मेरे सामने थे। थोड़ी देर मै शांत रहा एवं नजरें झुका कर बोला- आई ऍम सोरी मम्मी। अब मै आपसे नही शर्माऊंगा आप प्लीज़ कपड़े पहन लें।

मम्मी ने अपने सारे कपड़े पहन लिए और मुझे बाथरूम ले कर गई। वहां मम्मी ने मेरे सारे कपड़े उतरे और मुझे नंगा कर दिया और टोइलेट सीट पर बैठ जाने को कहा और बोली- जब हो जाएगा तो मुझे बोलना। अब मुझे मम्मी के सामने नंगा होने में कोई शर्म नही आ रही थी। थोड़ी देर में जब मैंने पैखाना कर लिया तो मैंने मम्मी को आवाज़ लगाई। वो बाथरूम में आई और मुझे नल के पास ला कर अपने हाथो से मेरे गांड की सफाई उसी तरह की जिस तरह मेरे बचपन में वो मेरी गांड धोती थी।

मेरी सफाई करने के बाद मेरे सारे कपड़े पहना कर मुझे बाहर भेज दिया और ख़ुद बाथरूम में स्नान करने लगी। मै बाहर आ कर काफ़ी हल्का महसूस कर रहा था। अब मै खुश था। अगले दिन जब मै बाथरूम गया और पैखाना करने के बाद मम्मी को आवाज़ लगाई तो मम्मी अन्दर आ कर अपना गाउन उतार दी।

बोली – रवि, तेरे धोने के कारण पानी पड़ने से गन्दा हो जाता है। वो सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में रहते हुए मेरी गांड की सफाई की। अब यह क्रम रोज़ का हो गया। 3-4 दिनों के बाद पापा का फ़ोन आया कि उन्हें यहाँ 22-25 दिन और लग सकता है। 5 दिन के बाद मै सो कर उठा तो देखा की रात में सोने में ही नाईट फाल हो गया (मेरे लंड से माल निकल गया ) था। मै बहूत असहज महसूस कर रहा था। क्यों कि आजकल मेरे सारे कपड़े मेरी मम्मी ही साफ़ करती थी। फ़िर सोचा, मम्मी पूछेगी तो बता दूँगा। जब बाथरूम में मम्मी मेरे कपड़े उतार रही थी तो मेरे अंडरवियर में मेरा वीर्य देखा । बोली- ये क्या है?

मैंने नजरे झुका के कह दिया- वो, रात को कुछ हो गया होगा।

मम्मी समझ गई और थोड़ा मुस्कुरा के बोली- अरे रवि, अब तू जवान हो रहा है। चल कोई बात नही मै साफ़ कर दूँगी।

कह के वो बाहर चली गई। जब मै पैखाना कर रहा था तो मेरी मुठ मारने की काफ़ी इच्छा होने लगी। क्यों कि पिछले कई दिन से मैंने मुठ नही मारी थी। लेकिन मन मसोस के रह गया। क्योँ की मेरे हाथ पट्टियों से बंधे थे। लेकिन मेरे लंड में कडापन आ गया जो ख़तम ही नही हो रहा था। किसी तरह से वो थोड़ा मुरझाया तो मैंने मम्मी को आवाज़ दी। मम्मी जब मेरी गांड की सफाई करने लगी तो मेरा लंड खड़ा हो गया।

मम्मी ने मुझे अंडरवियर पहनाते हुए मेरे लंड को देखा। लेकिन कुछ बोली नही। मै किसी तरह से बाहर चला आया। अगले दिन मेरे लंड की हालत एक दम ख़राब हो गई थी। यह बिना मुठ मारे शांत ही नही हो रहा था। मन कर रहा था की किस तरह से मुठ मारूं। जब मेरे कपड़े मम्मी ने उतारे तो ये तन के खड़ा हो गया। मै झट से दूसरी और घूम गया ताकि मम्मी मेरे खड़े लंड को ना देख पाये। लेकिन मम्मी ने देख लिया था।

वो बोली – आज तुम पैखाना करने के बाद नहा कर ही बाहर जाना. हड़बड़ी में मै तुझे ठीक से नहला भी नही पाती हूँ।

जब मैंने मम्मी को आवाज़ लगाई तो वो आई और नल पे मेरा गांड साफ़ करने के बाद

बोली- रवि, नहा भी लो ना।

मम्मी सिर्फ़ पेंटी और ब्रा पहन रखी थी। ब्रा में मम्मी के मुममे उभरे हुए और बहुत ही आकर्षक लग रहे थे । मेरा लंड एकदम टाईट हुआ जा रहा था। मम्मी ने मेरे शरीर पर पानी डाल कर मेरे बदन को रगड़ना शुरू किया तो मेरे लंड को छू कर कहा इतना टाईट क्यों कर रखा है इसे?

मैंने कहा- तुम नही समझोगी।

मम्मी को तुरंत गुस्सा आया गया और बोली- अभी भी मुझसे शर्माता है। कह कर अपने ब्रा और पेंटी को खोल दिया॥ अब हम दोनों बिलकूल नंगे बाथरूम में खड़े थे।

मम्मी ने मेरे लंड को पकड़ के कहा – बता क्या बात है?

अब इस स्थिति में कुछ भी छुपाने लायक नही था।

मैंने कहा कि पिछले कई दिनों से मुठ नही मारा है इसलिए ये टाईट हो गया है।

मम्मी बोली- पहले बोलना चाहिए था ना? ला मै मार देती हूँ ।

मैंने कहा- तुम , लेकिन …… ???।

मम्मी ने मेरी बात बीच में ही काटते हुए कहा – जब तेरी गांड धो सकती हूँ तो तेरी मुठ क्यों नही मार सकती।

मैंने कहा – ठीक है।

मम्मी ने मेरे लंड पर नारियल तेल लगाया और इसे सहलाने लगी। मेरा लंड और भी लंबा और मोटा हो गया। मेरा लंड टाइट होते के बात नौ इंच का हो जाता है । मम्मी के मुममे और चूत को सामने देख मुझे काफ़ी गर्मी चढ़ गई। मम्मी ने मेरे लंड को अपने दोनों हाथों में भर कर मुठ मारना शुरू कर दिया। पहली बार कोई अन्य मेरे लंड का इस तरह से मुठ मार रहा था। 20-25 बार ही मम्मी ने मेरे लंड को आगे- पीछे किया होगा की मेरे लंड ने माल की पिचकारी छोड़ दी जो सीधे मम्मी के पेट पर जा कर गिरी। मै सिसकारी मारने लगा। अब जा कर मेरा लंड शांत हुआ। मम्मी ने अच्छी तरह नहलाया और बाथरूम के बाहर भेज दिया। अब मै काफ़ी शांत था। सारा दिन सामान्य स्थिति में गुजर गया।

इतना होने के बावजूद मेरे लिए मम्मी के लिए कोई ग़लत भावना नही आई थी। अगले दिन सुबह मम्मी ने मुझे पैखाना के बाद फिर से नहलाने लगी। मम्मी ने अपने सारे कपड़े उतार रखे थे। लेकिन मेरे लंड में उनके मुममे और चूत को देख कर कोई तनाव नही था। साबुन लगाने के क्रम में मम्मी मेरे लंड पर विशेष रूप से सहलाने लगी। जिससे मेरे लंड में हल्का तनाव आ गया और मेरा लंड खड़ा होने लगा था ।

मम्मी बोली- आज मुठ नही मारना है?

मै बोला- वैसे तो जरूरत नही है लेकिन अगर तुम्हे दिक्कत नही हो तो मार दो।

मम्मी ने कहा – आज तेरी मुठ मै दूसरे तरीके से मारूंगी।

मै बोला – ठीक है। मम्मी नीचे बैठ गई और मेरे लंड को अपने मुह में भर लिए और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी।

मैंने कहा- मम्मी ये क्या कर रही हो?

मम्मी बोली- देख तो सही।

मम्मी ने मेरे लंड को इस तरह से चूसना चालू किया मानो वो वो कोई लोलीपोप हो। मुझे अत्यधिक आनंद आ रहा था। मेरे लंड पूरे आकार में खड़ा था। मम्मी ने मेरे लंड को चूसना जारी रखा। 2-3 मिनट के बाद मेरे लंड से माल निकलने लगा। मेरा पूरा लंड लोहे की तरह से सख़्त हो चुका था ।

मैंने कहा- मम्मी अब मेरे माल निकलने वाला है। छोड़ दो इसे।

लेकिन वो मेरे लंड को और कस के पकड़ ली और अपने मुह में अन्दर तक ठूस ली। मेरे लंड से माल निकलने लगा और मम्मी सारे माल को पीती रही। कुछ माल मम्मी के मुह से बाहर भी आ रहा था। मै मस्त हो रहा था। जब कुछ शांत हुआ तो मम्मी ने मेरी लंड को अपने मुह के कैद से आज़ादी दी ।

वो खड़ी हो गई और बोली- कैसा लगा रवि बेटा?

मैंने कहा- बहुत अच्छा लगा।

मम्मी ने कहा- रवि, आज मेरी भी इच्छा पूरी कर दे। जिस जगह से तेरा पूरा शरीर निकला है आज तुझे अपने शरीर का एक भाग फिर से डालना है।

मै समझ गया की मम्मी क्या चाहतो है। मम्मी मेरा मोटा और लंबा तगड़ा लंड देख कर मस्त हो चुकी थी, शायद मम्मी की छूट में खुजली शुरू हो चुकी थी।

मै बोला – ठीक है।

मम्मी बाथरूम के ज़मीन पर लेट गई और मुझे अपने बदन पर लेट जाने को कहा। मै उनके शरीर पर लेट गया। मम्मी की जिन मुममे को मैंने 16-17 साल पहले चूस चूस कर छोड़ दिया था आज फिर से उन स्तनों को अपने मुह में लिया। और उन्हें चूसने लगा। काफ़ी देर तक चूसने के बाद मैंने उनके बदन को चूमना आरम्भ किया। चुमते चुमते उनके चूत को भी अपने मुह से चुसना शुरू कर दिया। मम्मी की मुह से हलकी हलकी सिसकारी निकल रही थी।

बोली – बेटा, अब ना तरसाओ, और फिर से उसी चूत में अपना लंड डाल के अपने ऊपर का क़र्ज़ मिटाओ जिस चूत से तू आज से 19 साल पहले निकला था।

मेरा लंड अब पूरी तरह टाईट था।

मैंने कहा -किधर और कैसे डालना है मुझे पता नही है।

मम्मी ने अपनी दोनों पैरो को खोल दिया। एवं अपने उँगलियों को अपनी चूत में घुसाया और

बोली- देख, इसी में डालना है।

मैं मम्मी की चूत को गौर से देखा। मम्मी की चूत घने बालों से ढकी थी। अन्दर एक छेद दिख रहा था। मुझे यकीन नही हो रहा था की इसी छेद से मै बाहर आया था।

मम्मी बोली- क्या सोचने लगा।

मैंने कहा- इतने से छेद में मेरा इतना मोटा और लंबा लंड जाएगा?

मम्मी बोली- अरे इस छेद से तो तू निकला है तेरे लंड की क्या बिसात। चल डाल।

मैंने मम्मी की जाँघों को थोड़ा और चौड़ा किया। लेकिन मेरा लंड मेरे काबू के बाहर हो रहा था। वो लहराते हुए बांस की तरह इधर उधर बाग़ रहा था। किसी तरह मम्मी के योनी पर मैंने अपना लंड रखा। जब उसे अन्दर डालने की कोसिस की तो लंड से निकला चिकने की वजह से वो आगे फिसल गया। मम्मी ने मेरे लंड को अपने हाथो से पकड़ा और अपनी चूत की द्वार पर रख दिया बोली- अब डाल।

मैंने सावधानीपूर्वक अपने लंड को मम्मी की चूत में प्रवेश करा दिया। सचमुच मम्मी की चूत बहूत ही गहरी और मुलायम थी। तभी तो मेरे सारे लंड को अन्दर लेने के बाद भी वो आनंदित हो रही थी। मैंने अपना पूरा लंड मम्मी की चूत में डाल दिया। अब मेरी मम्मी के चूत के बाल और मेरे लंड के बाल आपस में उलझ गए थे। मैंने थोड़ी सी अपनी लंड को बहार निकाला और फिर अन्दर धकेला। लेकिन मम्मी में चेहरे पर दर्द का भाव नही आया। मुझे अब कोई फिक्र नही थी। मैंने अब अपनी स्पीड बढा दी । अब मै मम्मी के चूत में जोर लगा लगा के कस के लंड के धक्के मरने लगा। मेरे धक्के से मम्मी को थोड़ी तकलीफ होने लगी।

बोली- बेटा धीरे धीरे डाल ना।

लेकिन अब मुझे इस बात का गर्व हो गया था की मै भी आपको ऐसे चोद सकता हूँ की आपको दर्द होने लगे।

मम्मी ने जब देखा की मै नही मान रहा हूँ तो वो मुस्कुरा कर अपने दोनों पैरों को और भी ज्यादा खोल दिया। शायद इस से उनका दर्द कुछ कम हो गया। मै मम्मी के चूत में ज़ोर ज़ोर से धक्के पे धक्के मार रहा था और वो हर धक्के पर हाए… …… हाए… …… .कर रही थी। मैंने अपने बांह से अपनी मम्मी को लपेट लिया था जिस से मम्मी के मुममे मेरे सीने से चिपके हुए थे। चूँकि थोड़ी ही देर पहले मम्मी ने मेरे लंड को चूस कर मेरा माल बाहर निकाला था इसलिए इस बार मेरा लंड जल्दीबाजी में माल निकालने को तैयार नही था। अचानक मेरे लंड को अहसास हुआ की की मम्मी झड़ गयी थी, मम्मी के चूत में गरम गरम पानी निकल रहा है।

मैंने मम्मी को देखा वो आँखे बंद कर ना जाने किस आनंदलोक में उड़ रही थी। काफ़ी देर मम्मी को चोदने के बाद भी मेरे लंड से माल नही निकलने लगा तो मम्मी ने कहा ला मै तेरा माल निकलवा देती हूँ. मैंने लंड को बाहर कर लिया और मम्मी ने उसे अपने मुह में ले कर फिर से चूसने लगी। थोड़ी ही देर में मुझे लगा की अब शायद माल फिर जमा हो गया है।

मैंने मम्मी को कहा -ला रवि, अब हो जाएगा।

मैंने फिर से अपने लंड को मम्मी के चूत के पास ले गया। मम्मी का चूत का मुह अभी भी फैला हुआ ही था। इसलिए मुझे अपना लंड उसमे डालने में कोई परेशानी नही हुई। अब मै अधिक तेजी से मम्मी के चूत को चोदना शुरू किया। 10 मिनट के बाद ही मेरे लंड से माल की धारा फूटने वाली थी।

मैंने मम्मी को कहा- अब निकलने वाला है। कहाँ निकालूँ?

मम्मी बोली- चूत में ही माल गिरा दे।

मम्मी के कहते कहते मेरे लंड से माल का फव्वारा निकल के मम्मी के चूत में समाने लगा। पता नही कितना गहरी थी मम्मी की चूत। सारा का सारा माल चूत के अन्दर में कहाँ चला गया पता भी नही चला। एक बूंद भी बाहर नही आई। मै निढाल हो कर मम्मी के मुममे पर अपना मुह रख के लेट गया।

थोड़ी देर के बाद मम्मी ने ही मुझे सहायता दे कर उठाया। वो समझती थी की 22 साल के लड़के से दो बार माल तुरंत तुरंत निकलवाया जाए तो क्या हाल होगा बेचारे का। वो भी पहला अनुभव में। उस दिन के बाद से मम्मी और मेरे बीच जो शारीरिक रिश्ता बना है वो आज भी मेरे पिता की नजरों से छिप के बदस्तूर जारी है।

हर 1-2 दिन के बाद मम्मी मेरे कमरे में आकर मेरे साथ सेक्स करती है। या तो जब मेरा मन होता है तो मम्मी को उनके बेडरूम में जा कर चोद आता हूँ। कई बार तो मम्मी मेरे पिता से सेक्स करने के बाद बिना अपने चूत से पापा का माल साफ़ किए नंगे बदन ही मेरे रूम में आ जाती है । और उसी में मुझे चोदने को कहती है।

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समाप्त

दोस्तो, कैसे लगी ये कहानी आपको ,

कहानी पड़ने के बाद अपना विचार ज़रुरू दीजिएगा ...

आपके जवाब के इंतेज़ार में ...

आपका अपना

रविराम69 (c) "लॅंडधारी" (मस्तराम - मुसाफिर) at raviram69atrediffmaildotcom

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