मेरी चुदाई

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यह सच्ची कहाणी है.
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Sanmom
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नमस्ते! में सीमा 39 साल की एक कॉलेज प्रोफेसर हुं| मेरे पती 2002 मे एक कार दुर्घटना में गुजर गये, उनकी दो पत्निया थी यह मुझे मेरे बच्चे होने के बाद पता चला| मेरे दो बच्चे है एक 19 साल का और एक 17 साल का लेकीन वो अपने दादा के यहाँही रहते है, मुझे वो अपनी बहु नही मानते क्यूंकी में उनकी दुसरी बिवी हुं तो उन्होने मुझे उनकी कुछ जायदाद दी और जिंदगीसे दूर होने को कहा|

में अपने पती से बहोत प्यार करती थी उनकी याद ना आये इसीलिये अब में अमेरिका चली आयी| युनिवर्सिटीमें रिसर्च के काम में लगी थी| रिसर्चमें दाखील होने के लिये एक परीक्षा होती है| तो यह 30 October 2015 की बात है परीक्षा खतम होने को थी एक परिक्षार्थीने मेरे बेंच के नीचे उसकी कॉपी फेंक दी और उसी समय सुपरवायझरने मुझे पकड लिया और मेरा पेपर जमा कर दिया|

मेने उनसे कहा की वह कॉपी मेरी नही है लेकीन वो माने नही|

"सर प्लिज...मेरा पेपर वापीस दे दो"

"नही तुमने कॉपी की है"

"नही सर वो तो किसी और की थी..." बहोत देर हो गयी लेकीन वो माने नही आखिरकार में रोने लगी/आंख भर आयी| वो पेहचान गये लेकीन वक़्त हो गया था|
"सॉरी मिस आप शाम को 7:30 बजे 'प्रिन्स कॉटेज' में आकर पेपर लिखा लेना कल सुबह में पेपर जमा कर युनिव्हर्सिटी ले जानेवाला हुं, जल्दी आना"

में बहोत खुश हो गयी Thanks बोलके निकल गयी| उस दिन कर्वाचौथ था तो में शाम को में नहाके सज-सवर ( लाल रंग का फिट thighs तक का ड्रेस, लाल रंग की बिंदी, लिपस्टिक, चुडियाँ, हाय हिल्स) के वहां चल पडी मेने पेह्ना था मेरी साईज 37" 28" 39" है मुझे फिट रहना पसंद है| लेकीन उस शहर में नयी होने के कारण और वह कॉटेज शहरसे लगबग 20 km दूर अलग रस्ते पे था| में वहां 9:15 बजे पहुंची|

"आप काफी लेट पहुंची madam!,और आप काफी सजसवर के भी आयी है| "

"सॉरी सर ट्राफिक की वजह से देर हो गयी और आज Indian festival है"

"अरे आपको दिलसे बढाई! में नहाने जा रहा हुं आप पेपर लिख लेना" वो 6'2" के गोरे, टाईट कुल्हे, चौडी छाती और काफी नम्र किसम के व्यक्ती थे| उनका नाम 'मार्क' है|

9:45 को मेरा पेपर लिखना खतम हो गया था लेकीन बाहर बारीश शुरू हो चुकी थी|

वो नहाके तावल लपेटके बाहर आये

"पेपर तो हो गया अब क्यो टेन्स हो?"

"सर बाहर तो तेजी से बारीश हो रही है, में घर कैसे जाउंगी?"

"आप चिंता मत किजीये अब आप मेहमान है, में आपको छोड दुंगा"

"नही...वो बहोत दूर है और वैसे भी आपने बहोत मदद की है"

"कोई दिक्कत नही में छोड दुंगा आप चिंता मत करो"

वो कपडे पेह्न के आये हम चल दिये लेकीन 8-9km गाडी बंद पड गयी| बहोत कोशिश के बावजुद वो बंद रही|

"सॉरी सीमा, गाडी बंद हो गयी है"

"इसमे आप क्या कर सकते हो कोई बात नही में चली जाती हुं"

"कैसे? आगे 12-13km जंगल है, आप आज मेरे साथ होटल चलेगी"

में कुछ नही कह पायी, गाडी हुई बातचीतसे हम एक दुसरे को जानने लगे थे| उन्होने अपना कोट उतारकर हमारे सिर पे राख दिया 2-3km के बाद|

"सीमा क्या में पेशाब करने जा सकता हुं?"

"जी हां"

रात के 11:45 बजे होंगे

वो बायी तरफ वाली झाडी में पेशाब करने गये, में वहां अकेली थी और तभी दायी झाडीसे एक शराबी आया और ताजूब की बात है वो हिंदी में बात कर रहा था " ओ...हो..क्या मदमस्त गोरी चिकनी गांड है, तेरे लाल ओठ तो मेरा लुंड चुस्ने के लिये ही बने है..."

उसने मेरे हाथ पकडे तो मेने उसे धक्का दिया उसने मुझे 2-3 थप्पड मारे और मुझे रस्ते किनारे जबरण उठा के फेक दिया में घबरा गयी चील्लाने लगी उसने अपने दोनो हाथ सीधे मेरे ड्रेस के नीचे डाले और Panty खीचने की कोशिश की, में हाथ-पैर हिला राही थी तभी उसने मेरी panty फाड डाली जो मेरी जांघ में फसी थी|

"कितना आसान होता है तुम्हारी जैसो को चोदना साली कुछ पेह्नती ही नही" उसने मेरी बायी टांग जोरसे फैला दी और सीधे मेरे उपर लेट गया

तभी वहां से मार्क आये उन्होने उसे पकडा और २-३ झापड लगा दिये लेकीन तभी वह हाथसे छुटकर भाग निकला.

में मार्क के गले लगके रोने लगी, "सीमा...शांत हो जाओ सीमा अब में आ गया हुं"

"अगर आज आप ना होते तो, तो वह मेरा रेप और खून कर डालता"

"नही डीअर ऐसा कुछ नही होगा"

मेरा ड्रेस मेरी चूत के उपर अटक गया था और मेरी चूत दिख राही थी लेकीन मेरा ध्यान ही नही था| मार्कने इशारेसे उसे ठीक करने कहा|

अब हम हॉटेल की और निकल पडे, जैसेही होटल ही लाईट्स दिखने लगी मेरा ड्रेस नीचे फट चुका है यह मेने और मार्कने देखा उसने उसी वक़्त अपना सर पे रखा कोट मुझे पेहना दिया|

होटल में पुरा स्टाफ मुझे घुर रह था| क्युंकी में मेरे sandals वही पे छोड के आयी थी|

@रूम 1 बजे

"आपका ड्रेस फट चुका है आप मेरा T-shirt पेहन लो और आप मेरा towel भी इस्तमाल कर सकती है|" भिगने से ठंड लाग रही थी तो AC बंद कर दिया था|

मेने उनका सफेद टीशर्ट पेहन लिया अब में सिर्फ टीशर्ट और उनके टॉवेल में थी तभी उनकी आवाज आयी

"अरे में मेरी bag गाडी में ही भूल आया"

"तो अब क्या?"
"शायद वही गिले कपडे पेहन के सोना पडेगा"

" नही आपको सर्दी लाग जायेगी"

"लेकीन और कर भी क्या सकते है?"
"आप टॉवेल लपेट लो"

"आपको कोई ऐतराज तो नही होगा?"

"आपने मेरी जान बचायी है, यह तो बहोत मामुली है"

मेने टॉवेल उन्हे दे दिया

थोडी देर बाद

"आपका बाया पैर सुझ रहा है इसे मालिश कर दु?"
"नही रहने दो"

"अरे शर्माओ नही ये ज्यादा सुझ जायेगा" उन्होने ज्यादा अनुरोध किया तो में मान गयी|

उन्होने तेल मेरी पैर के उंगलीसे लेकर जांघतक लगाया और मसलने लगे| में दर्द से कऱ्हा उठी, आंख में आसू थे और फिर रोने लगी " सॉरी मेने ज्यादा दुखाया?"
"नही..."

"तो?"
"अगर आज आप ना होते तो मेरा क्या होता? और अभी जिस तरह मेरी मदद कर रहे हो उससे मुझे मेरे पती याद आये"
"कुछ नही होता तुम्हे डीअर...एक बात बोलू?"

"प्लीज"

"शादी कर लो"

"किससे? कौन करेगा मुझसे शादी?"
"कौन करेगा? लाईन लाग जायेगी" इस पर में हसने लगी |

"लेकीन तुम उससे शादी करो जो तुम्हारा खयाल रखे, तुम्हे दुनियाकी सारी खुशी दे और तुम्हारा रक्षण करे, तुम्हे प्यार करे"

"मेरा रक्षण तो सिर्फ आप ही कर सकते हो..."

"तो क्या करोगी मुझसे शादी?"
में उठ कर मार्कसे गले लग गयी क्योंकी वह भी मुझे पसंद थे|

फिर में अपनेआपको रोक ना पायी मेने उन्हे स्मूच किया

उन्होने मुझे वैसेही अपनी मर्दानी बाहोमें उठा लिया और मेरा टीशर्ट उतार दिया अब में पेह्ली बार अपने पती के सिवा किसी और मर्द के सामने नही बाहोमें बिलकुल नंगी थी|

मुझे एकदम से मेरे कॉलेज student, मेरे बच्चे याद आये में रुक गयी |

"नही मार्क मेरे बच्चोंका क्या होगा?"

"में उन्हे संभालुंगा"

मेने उनकी बाहोमें से उनका टॉवेल गिरा दिया

उन्होने मुझे बेडपर लेटा दिया और वो मुझपे चढे| उनका भरा हुआ शरीर, उनके चौडे और मजबूत कंधे, उनकी छोटे कुल्हे, उनका बडा लंड!, उनके शरीरके बाल-उनसे निकलता पसीना और उसकी खुशबूसे में पागल हो रही थी| में उन्हे दिलसे चाहने लगी थी|

अब वो मेरे उपर थे| मेरे ब्राऊन बाल, मेरा गोरा बदन, मेरे लाल अंगारोसे ओठ, हाथ में चुडियाँ, बडे बुब्स, पतली कमर, और क्लिन शेव चूत जिसकी ओठ गुलाब की पंखुडीकी तरह फुल चुके थे|

में टांग फैला चुकी थी| उन्होने अपने हाथ की हतेली से मेरे हाथ हतेली पकड ली और अपना तगडा लंड मेरी चूत में घुसाया में चील्लायी, मेंरे आसू निकल आये क्योंकी बहोत दिनो बाद में सेक्स कर रही थी| वो रुक गये |

"मार्क आप चालू रखो"

"sure?"

"हां"

फिर मार्क उपरनीचे होने लगा उसकी मसकुलर बॉडी मुझे पसंद है| में सिर्फ टांगे फैलाये उनके बगल की खुशबू का मजा ले रही थी| वो मुझे किस किये जा रहे थे|

हम दोनो पसीने से भीग चुके थे, वो AC चालू कर रहे थे मेने उन्हे मना किया और कहा के "मुझे तुम्हारी खुशबू पसंद है" वो खुश हो गये

उन्होने फिरसे धक्के देना शुरू किया| में एक नाजूक कली की तरह नीचे और वो मेरी चूत मसल रहे थे|

जब झडने का समय आया तो वो मुझसे और नजदीक हो गये और में उनकी, छाती, UNDERARMS, चांटने लगी, वो भी मुझे पागलोकी तरह किस करने लगे|

"हनी, कहा छोडू?" उसने तेजीसे पुछां|

"FILL MY PUSSY DEAR..."

उसने धक्के बढा दिये और एक वक़्त हम दोनो एकदुसरे से लिपट गये |

उसने अपना गरम फव्वारा मेरी चूत के अंदर डाल दिया में स्वर्ग सुख में थी, मेरी चूत उनके रससे भरकर बह रही थी|

थोडी देर हम वैसेही लेटे रहे बाद में रातभर हमने अलग-अलग पोज से सेक्स किया और अभी भी कर रहे है|

Thanks to my man MARK & my beautiful friend SANDRA.

अरे रिसर्च के बरे तो बताना भूल ही गयी, अगर आपको MASTBURATION के बाद पिंपल्स होते है तो अपने लंड से आपका वीर्य पुरी तरह से निचोड ले क्योंकी यह बचा वीर्य आपके पिंपल्स के लिये जिम्मेदार होता है| आशा है आपको यह 'रिअल स्टोरी' पसंद आयी होगी|

Sanmom
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3 Comments
ilovealliloveallalmost 5 years ago
Very good story

Honey, I liked it. You are sincere and genuine. God bless you.

Pramod_MumbaiPramod_Mumbaiover 7 years ago
Nice Hindi short sory

Nice story - Is this real story? as you have mentioned.

AnonymousAnonymousalmost 8 years ago
Superb story-Wrong Tags

Story is good but Tags are wrong.

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