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Click hereदोस्तों मेरा नाम सागर है मेरी उम्र 34 साल है. 3 साल पहले मेरी शादी. शाज़ी.. से हुई थी..शाज़ी की उम्र 30 साल है... शाज़ी दिखने में सिर्फ 24 साल की ही लगती है बहुत ही गोरी और दुबली पतली और 32 के उसके बूब्स और सबसे अच्छी बात की उसकी 36 मोती गांड! वो बहुत सेक्सी है सेक्स के टाइम एकदम बेकाबू हो जाती है और वो सब करती है जो एक आदमी चाहता है अपनी बीबी में
.. में अपना खुद का बिजनिस करता हु हम मिडिल क्लास परिवार से है / में अपनी बीबी से बहुत प्यार करता हु और उस पर पूरा भरोसा करता हु यहाँ मेरे घर में सिर्फ में और शाज़ी रहते है बाकि सब घर वाले मेरे गावं में रहते हैं
एक दिन शाज़ी ने मुझसे कहा की वो घर पर बोर हो जाती है क्यों न कुछ काम करने लगे तो मेने उसे एक प्राइवेट स्कूल में टीचिंग की जॉब दिलवा दी।.. कुछ दिन तक सब ठीक चलता रहा. एक दिन शाज़ि ने मुझसे कहा की उसे अपने एक सर के बर्थडे पार्टी में जाना है जो की एक होटल में है मेने कहा तुम चली जाना में लेने आ जाऊंगा उसने कहा ठीक है / रात दस बजे शाज़ि का फ़ोन आया की मुझे लेने आ जाओ में उसे पहुंचा वहां पार्टी से सब जा चुके थे सिर्फ शाज़ि और उसके सर ही थे उनसे बात चीत करने के बाद में जैसे चलने के लिए मुड़ा तो मुझे कुछ फुसफुसाहट सुनाई दी मेने पीछे मुढ़ के देखा तो सर और शाज़ि एकदूसरे से चिपके खड़े थे और मुझे देखकर एक दम सकपका के दूर हुए जैसे शायद किस कर रहे हो मुझे बहुत बुरा लगा पर मेने कुछ नहीं कहा और हम चल दिए /
उस रात मुझे रातभर नींद नहीं में यही सब सोचता रहा की शाज़िया कही मुझे धोखा तो नहीं दे रही....... कुछ दिन बाद मेने इंटरनेट पर बहुत सर्च किया तब मुझे इक सोफ्टवेयर मिला जो मने शाम को अपनी पत्नी के मोबाइल में चुपके से इंस्टाल कर दिया अब में उसके हर कॉल रिकॉर्डिंग अपने मोबाइल में सुन सकता था मेरा शक सही निकला शाम को मेने उनकी बातचीत सुनी शाज़ी ने ही सर को फोन लगाया और उनकी बहुत बाते हुई और मुझे ये भी मालूम पड़ा की पहले भी उनकी एकबार मुलाकात हो चुकी है चुकी है
मुझे गुस्सा तो बहुत आ रहा था दिल कर रहा था की अभी शाज़ी घर से भगा दू और तलाक दे दू पर में अब इंतज़ार में था की कब शाज़ी को रंगे हाथो पकडू अब मेरे दिमाग में एक स्कीम आई और मेने शाज़ी से कहा की परसों मुझे बिजनेस के काम से मुंबई जाना है शाज़ी ने कहा ठीक है कब तक बापस आओगे मेने कहा दो दिन में उसने कहा ठीक है
अगले दिन मेने बाजार से दो कमरे ख़रीदे और उन्हें अपने दोनों कमरों में छिपा कर फिट कर दिया अब में अपने घर को सीधा अपने मोबाइल पर देख सकता था शाज़ी स्कूल से आई तो में उसे कैम से देख रहा था शाज़ी आकर सीधे बैग रखकर लेट पलंग पर सीधे लेट गई फिर उसने अपना मोबाइल उठाया में तुरंत अपना मोबाइल कनेक्ट किया और उसने कॉल की ये कॉल उसी सर के लिए थी में उनकी पूरी बात सुन सकता था जैसे ही फ़ोन कनेक्ट हुआ
सर... हेलो माय स्वीट हार्ट कैसी हो
शाज़ी... ठीक हु आप कहा हो
सर... अभी घर ही पर ही हु क्यों आजायु क्या
सर... हां! और बताओ क्या हो रहा है
शाज़ी... कुछ नहीं हो रहा मेने ये बताने को फ़ोन किया है की कल मेरे हस्बैंड जा रहे है 2 दिन के लिए मुंबई!
सर...ओह रियली फिर तो मज़ा आएगा
शाज़ी... देखेंगे...अभी में रखती हु कल तुम्हे फ़ोन करूंगी
सर...ओके डिअर में इंतज़ार करूँगा आई लव यू
और शाज़ी ने फोन काट दिया...
में समझ गया की मेरे जाते ही इनका खेल शुरू होगा मुझे कही जाना नहीं था वो तो सिर्फ इन्हे पकड़ने के लिए ये प्लान बनाया था दूसरे दिन शाज़ी और सर की कोई बात नहीं हुई शाम को में जाने के लिए तैयार होने लगा 6 बजे स्टेशन की कहकर निकला सीधा एक होटल पहुंचा १ रूम जो मेने पहले से बुक किया था उसमे चला गया अभी सवा सात हुए थे शाज़ी का फ़ोन आया शाज़ी...आप बैठ गए ट्रैन में!मेने कहा हाँ बैठ गया
शाज़ी ओके ठीक है पहुंचकर फोन करना
शाज़ी सिर्फ कन्फर्म कर रही थी की में गया की नहीं अब मेने शाज़ी के फ़ोन और कमरे को कनेक्ट को कनेक्ट किया
शाज़ी ने फ़ोन किया सर को शाज़ी...हेलो
सर... हेलो जानू में तुम्हारे ही फ़ोन का इंतज़ार कर रहा था तुम्हारे हस्बैंड गए?
शाज़ी... हाँ गए आप 9 बजे आजाना
सर...ओके में आता हु
में बराबर कमरे देखता रहा
ठीक 8 ; 50 घंटी बाज़ी
शाज़ी गेट खोलने गई
में कमरे में सब देख रहा था शाज़ी अभी सलवार कुरता पहने हुए थी सर और शाज़ी कमरे में अंदर आये आते ही सर ने शाज़ी को बाहो में भर लिया पर शाज़ी ने उन्हें अपने से दूर किया और पलंग पर बैठा दिया और खुद दूर एक सोफे पर बैठ गई सर एक दम उठकर शाज़ी बहो में लेने लगा तो शाज़ी ने उसे रोक दिया और कहा इतनी जल्दी क्या है सर ज़ी मुझसे अब और इंज़ार नहीं हो रहा
शाज़ी...इंतज़ार में ही तो मज़ा है 10 मिनिट रुको में अभी आती हु और शाज़ी दूसरे कमरे की तरफ चली गई व १० मिनिट बाद शाज़ी कमरे में आई मेने देखा की शाज़ी उसी ट्रांस्पेरेंट्स नाइटी में हो जो मेने उसे एक साल पहले लेकर दी तो में भी उसे देखता रह गया और सर भी कहने लगा वाव मेरी जानू यू आर लुकिंग सो सेक्सी एंड ब्यूटीफुल यार शाज़ी शर्मा के मुस्कुराई और सर ने उसे बाहो में भर लिया पर फिर शाज़ी ने उसे अपने से दूर किया सर शाज़ी माय डार्लिंग मुझे अब और मत तड़पाओ शाज़ी मुस्कुराई और सर के पास आकर बैठ गई तो सर ने को शाज़ी जांघ पर हाथ घुमाया और बोले कि डार्लिंग कितने दिन के बाद मिली हो और आज भी मुझे तड़पा रही हो साज़ी ने बोला कि नहीं यार आज बहुत थक गई तो सर बोला कि चलो में तुम्हारी थकान उतार देता हूँ स ने कहा कि वो कैसे?
तो वो बोले कि बस तुम पूछो मत में आज तुम्हारी सारी थकान उतार दूँगा अब सर ने उसे बाहों में भर लिया और चूमना शुरू कर दिया और बेड पर लेटा दिया और उसके ऊपर आ गये और बातें करने लगे। तो शबी ने कहा अच्छा बताओ किस किस तरह से मेरी थकन दूर करोगे तो वो बोले कि क्या सचमुच थक गयी हो? तो शाज़ी बोली कि हाँ यार!सर वोला तो अभी देखती चलो फिर सर ने शाज़ी को सीधा लिटा दिया और उसे पैरो चूमना स्टार्ट किया फिर सर ने धीरे धीरे घुटनों तक हाथ लगाया और फिर उसे बातों में उलझाए रखा और घुटनों से ऊपर उसकी जांघ पर हाथ घुमाना शुरू किया तो शाज़ी की आँखे बंद कर ली गई अब सर ने उसकी नाइटी कमर तक ऊपर कर दी और उसके पैर और उसकी जाँघे को चूमने लगा इससे शाज़ी और गरम हो गई और सर की सिर पैर हाथ फिरने लगी और नीचे दवाने लगी
में.... ये सब देखकर सोचने लगा की वह देखो क्या बात है मेरी बीबी मेरे ही घर पर दुसरे से चुदवा रही है और में यहाँ सब दख रहा हु
अब सर ने शाज़ी को उठाया और उसकी नाइटी उतरने लगा शाज़ी भी बहुत उत्तेजित हो चुकी थी सर ने उसकी नाइटी उतर दी अब मेरी प्यारी शाज़ी सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी मेने नीले रंग की ब्रा पेंटी में शाज़ी एकदम मस्त सेक्सी लग रही थी उसका गोरा बदन नीले रंग की वजह से बहुत खिल रहा था
अब शाज़ी के मम्मे बाहर आने को बेताब से हो रहे थे। अब सर बेतहाशा शाज़ी को चूमने लगा उसके गाल पर उसके गले पर शाज़ी भी गरम हो चुकी थी उसने सर का सिर पकड़ केर उसके होंठो होंठ रख दिए और वो एक दूसरे के होंठो को चूमने लगे और सर के हाथ मेरी वाइफ के बूब्स दवाने और मसलने लगे मुझे लग रहा था की शाज़ी अब झड़ने वाली है बो भी सर के होंठो को और ज्यादा चूमने लगी इसी बीच सर ने शाज़ी का हाथ अपने लंड पर रख दिया शाज़ी पेण्ट के ऊपर से ही सर के लंड को सहलाने लगी अब सर ने शाज़ी की ब्रा के हुक खोल दिए अब शाज़ी के बूब्स बहार आ चुके थे सर उन्हें देखकर एकदम पागल हो गया और बबेतहाश उन्हें चूसने लगा शाज़ी मुँह से सीकरी निकलने लगी और सर उसके बूब्स चूसता रहा अब शाज़ी ने कहा सर अब जल्दी घुसा दो रहा नहीं जा रहा सर- इतने जल्दी मेरी डार्लिंग शाज़ी शाज़ी उसके लन्ड पर हाथ फेर रही थी सर उसके बूब्स चूस रहा और पेंटी के अंदर हाथ डालकर उसकी छूट को सहला रहा था शाज़ी की सिसकारियां बढ़ती जा रही थी
सर बराबर उसके बूब्स और चूत से खेल रहा था एकाएक शाज़ी ने सर का सिर पकड़ा और उसके मुँह में अपनी जवान डालकर उसे चूसने लगी चूसने के बात उसने सर को छोड़ दिया सर उसे चूमता रहा और उसके मस्त सेक्सी बूब्स मसलता रहा अब सर ने शाज़ी की ने पेंटी की दोनों साईड की लेस खोल दी शाज़ी अब बिल्कुल नंगी थी और उसका नंगा बदन कहर ढा रहा था सर ने शाज़ी को और शाज़ी उलटी छाती के बल लेट गयी। अब सर ने शाज़ी की पीठ पे से उसे चूमना शुरू किया चूमते चूमते वो शाज़ी गांड तक आगे और उसके हिप्स को चूमता रह और उन्हें हाथो से मसलता रहा एकाएक शाज़ी कड़ी हो गई और सर को भी खड़ा कर दिया हुई और सर को खड़ा करके उसकी टी-शर्ट निकाल दी
फिर उसकी सेंडो बनियान भी उतर दी और सर के सीने पर किश करने लगी में समझ गया की शाज़ी गरम हो चुकी है और झड़ने वाली है अब सर ने शाज़ी को सीधा लिटा दिया और अपनी जुबान उसकी चूत पर घुमाने लगा और उसे चाटने लगा शाज़ी ने कसकर उसका सर पकड़ लिया और दवाने लगी वो पूरी तरह अकड़ गई और पानी छोड़ दिया सर बोलै अरे शाज़ी तुम तो इतने जल्दी झड़ गई अभी तो शुरुआत ही हुई है वो दोनों पलंग पर बैठ गए अब सर ने शाज़ी को बाहो में भर लिया शाज़ी ने भी सर को बाहों दबोच लिया और एक दूसरे को किश करने लगे सर शाज़ी के बूब्स को मुँह में लेकर चूसने लगा अब शाज़ी फिर से धीरे धीरे गरम होने लगी
शाज़ी ने सर के लंड पर हाथ फेरते हुए बोला देखो कितने गुस्से में है ये पता नहीं आज अपनी दोस्त के साथ क्या करेगा
अब शाज़ी ने सर को चूमना शुरू किया उसके सीने पर फिर पेट पर कभी सर के हाथो पर बढ़ते बढ़ते उसके पेण्ट खोलने लगी जो उससे नहीं खुला तो सर ने खुद ही पेण्ट का बटन खोल दिया शाज़ी ने पूरा पेण्ट नीचे उतर दिया सर ने पैरों से ही पेण्ट को दूर कर दिया अब सर भी केवल अंडरवियर में था में नोटिस किया की सर का लन्ड एक दम तन के खड़ा था और बहार आने को बेताब था मेने अंदाज़ लगाया की वो मेरे लन्ड से तो बड़ा ही था अब शाज़ी उसके लन्ड को अंडरवियर के ऊपर से ही सहलाने लगी थी
सर - शाज़ी प्लीज आज़ाद कर दो इसे!
शाज़ी सर के पेट को चूमटी तो कभी लैंड को सहलाती
सर - तो तोड़ दो ये शर्म की दीवारे जानू
अब शाज़ी नीच बैठे बैठे ही मुस्कुराई और धीरे धीरे सर का अंडरवियर नीचे सरकाने लगी जैसे उसका लैंड बहार निकला मेने देखा की वो करीब सात आठ इंच लम्बा और तगड़ा था अब शाज़ी ने पूराअंडरवियर निकल कर एक तरफ रख दिया अब दोनों पुरे नंगे थे अब शाज़ी उसका काला मोटा तगड़ा लंड पकड़ा.. और वो उसे पकड़कर हिलाने लगी
मुझे ऐसे दिख रहा था जैसे कि मेरे सामने मेरी बीवी की ब्लू फिल्म चल रही हो और में अपनी प्यारी बीवी को दूसरे से चुदवाते देख रहा था
मुझे साफ़ दिख रहा था कि शाज़ी बहुत गर्म हो चुकी थी, वो बार-बार सर का लंड जोर-जोर से सहला रही थी।
अब सर ने अपना लुंड शाज़ी के होंठो पर रख दिया और इशारे में उससे अंदर लेने को कहा पर
और शाज़ी ने लंड को किस करना शुरु कर दिया और खुद ही लंड मुँह में लेकर चूसना लगी आगे पीछे करने लगी नीचे से ऊपर तक जुबान से चाटने लगी
अब सर उसके बूब्स चुस्ता हुआ उसके पेट को किस करने लगा फिर और टाँगे टंगे दूर करके उसकी छूट पर अपनी जुबान फेरने लगा
अब शाज़ी ने उसे खींच कर उसे अपने से चिपका लिया और वो दोनों फिर एक दूसरे को किश करने लगे
फिर मैं देखने लगा तो मेरी बीबी ने उस पकड़ कर उसकी होठो पर किस करने लगी | वो भी उसकी होठो को चूसने लगा | वो उसकी होठो को चूसने के साथ में उसके बूब्स को हाथ से पकड कर मसल रहा था और वो उसके लंड को सहलाती हुई दबा रही थी वो उसके एक दूध को मुंह में रख कर चूस रहा था और दुसरे को हाथ में पकड कर दबा रहा था | वो ऊ आ आ आ आ... सी सी सी सी... उ उ उ उ उ... उई उई उई उई... की सिसिकियाँ लेती हुई मछली की तरह तडप रही थी | फिर सर उसके निप्पल को मुंह से पकड कर खीच खीच कर चूसने लगा तो वो तडपने लगी और बिस्तर को कस के पकड लिया वो उसके बूब्स को ऐसे ही चूसता रहा कुछ देर तक ऐसे ही उसकी चूत को चाटता रहा फिर अब सर का लंड भी टाइट था खूंटे की तरह
अब सर उठा और शाज़ी को सीधा लेटकर
फिर उसकी टांगो को थोडा सा फैला कर उसकी चूत के मुंह पर अपने लंड को रखने के बाद धीरे धीरे अन्दर घुसाने लगा उसकी चूत गीली होने की वजह से लंड उसकी चूत में आधा घुस गया और वो उई उई उई अह अह.... उई उई ऊ ऊ उ.. उह उह.. हाँ हाँ.. मई उई उई.. ह ह ह ह...... करती हुई चुदने लगी | सर उसकी चूत में जोर जोर के धक्को के साथ अन्दर बाहर करते हुए चोद रहा था और शाज़ी मस्त होकर अपने बूब्स को मसलती हुई चुद रही थी | वो उसकी चूत में तेज स्पीड के साथ अन्दर बाहर करते हुए चोद रहा था | वो उसकी चूत में ऐसे ही कुछ देर तक अन्दर बाहर करते हुए चोदता रहा और फिर उसी चूत से अपने लंड को निकाल कर उसे घोड़ी बना दिया और वो घोड़ी बन गयी फिर उसकी चूत में पीछे से लंड को डाल कर जोर जोर से अन्दर बाहर करने लगा वो मस्त होकर चुद रही थी | सर उसकी कमर को पकड़ कर मस्त धक्को के साथ अपने लंड को अन्दर बाहर करते हए चोद रहा था और वो अपनी चूत को आगे पीछे करती हुई चुद रही थी | कुछ ही देर में सर ने धक्को की स्पीड इतनी तेज कर दी की वहां पर धक्को की आवाज और सिसिकियाँ की आवाज के सिवा और किसी चीज की आवाज सुनाई ही नही दे रही थी |शाज़ी भी आगे पीछे होकर झटके ले रही थी करीब बीस मिनिट के बाद सर ने अपने माल शाज़ी की छूट में ही छोड़ दिया कुछ देर ऐसे ही लेते रहने के बाद वो दोनों उठे और अपने अपने कपड़े पहनने लगे
ये मेरी सच्ची कहानी है आगे की कहानी अगली बार पोस्ट करूँगा अपनी राय और सुझाव दोस्तों