रवि, मेरा सौतेला बेटा

Story Info
कैसे जसमीत नें अपने बेटे रवि का मोटा लंड लिया
4.8k words
49.2k
6
0
Share this Story

Font Size

Default Font Size

Font Spacing

Default Font Spacing

Font Face

Default Font Face

Reading Theme

Default Theme (White)
You need to Log In or Sign Up to have your customization saved in your Literotica profile.
PUBLIC BETA

Note: You can change font size, font face, and turn on dark mode by clicking the "A" icon tab in the Story Info Box.

You can temporarily switch back to a Classic Literotica® experience during our ongoing public Beta testing. Please consider leaving feedback on issues you experience or suggest improvements.

Click here
raviram69
raviram69
236 Followers

रवि, मेरा सौतेला बेटा
प्रेषक : रविराम69 © "लॅंडधारी" (मस्तराम मुसाफिर)

Note:
All characters in this story are 18+. This story has adult and incest contents. Please do not read who are under 18 age or not like incest contents. This is a sex story in hindi font, adult story in hindi font, gandi kahani in hindi font, family sex stories


पटकथा: (कहानी के बारे में) :
=====================================
कैसे जसमीत नें अपने बेटे रवि का मोटा लंड लिया
=====================================

Tags:
बहू बूढ़े बहुत चोदा चुचियों छाती चोली पहनी थी चोली काफ़ी टाइट थी और छोटी भी थी चूसने चूत गाल गाँड गाउन होंठ जाँघ जिस्म जांघों उतारने कमली झड़ कमल खूबसूरत किचन कमर क्लीवेज लूँगी, लंड लंबा चौड़ा लंड मज़ा मुलायम माधुरी नाइटी नंगा निपल्स पिताजी पतली रवि ससुर सास टाइट उतारने

Story : कहानी:
===========
मेरा नाम जसमीत कौर है, मैं 37 साल की होशियारपुर पंजाब से हूँ। मेरे परिवार में चार सदस्य हैं, मेरे पति प्रताप 44 वर्ष के हैं, मेरी उनसे शादी जब हुई तब वे विधुर थे और इस तरह में उनकी दूसरी बीवी हूँ। पहली बीवी से उनके दो बच्चे हैं जो अब मेरी संतान कहलाये पर उनसे मेरा खून का कोई रिश्ता नहीं है।

मेरी बेटी पायल और मेरा बेटा रवि। मैं अपने बारे में आपको बताना चाहती हूँ।

मेरे पति बैंक में क्लर्क हैं, पायल बी.कॉम. प्रथम वर्ष में है और रवि 12वीं क्लास में साइन्स से पढ़ाई कर रहा है। हम सभी बहुत प्रसन्नता से रहते हैं और एक दूसरे का बहुत ख़याल रखते हैं।

मैं BA पास हूँ। हर माँ की तरह मैं भी चाहती हूँ कि मेरे बच्चे, चाहे वे मेरे पेट से नहीं जन्मे फ़िर भी, पढ़ लिख कर अच्छी नौकरी पायें !

मुझे लगता है कि पायल को तो अच्छी नौकरी मिल जाएगी और वो अपने ससुराल चली जाएगी लेकिन मुझे रवि की चिंता होती है क्योंकि वो स्टडी में अपनी बहन की तरह ध्यान नहीं देता है, जबकि वो भी बहुत इंटेलिजेंट है, लेकिन कुछ समय से उसका स्टडी से बिल्कुल ध्यान हट गया है।

मुझे लगता है कि किशोर-वय में अक्सर ध्यान यहाँ-वहाँ चला जाता है, इसीलिए मैं उसे बहुत समझाती हूँ कि पढ़ाई पर ध्यान दो। वो पढ़ाई भी करता है और पास हो जाता है। लेकिन वो ज़्यादातर अपना समय अपने स्कूल के दोस्तों के साथ बिताता है और मुझे चिंता रहती है क्योंकि वो मुझसे हमेशा आगे की स्टडी के लिए बंगलौर जाने की बात अभी से करता है।

मैं परेशान हो जाती हूँ, और सोचती हूँ कि कैसे उसे अपने से दूर बंगलोर भेजूँ क्योंकि डर लगता है कि कहीं वो ग़लत रास्तों पर ना चल पड़े। मैं रवि से बहुत प्यार करती हूँ। एक दिन मैंने सोचा कि क्यूँ ना इस समस्या पर अपनी सहेलियों से इस बारे मैं बात करके उनसे कुछ सलाह लूँ। तो फिर मैंने अपनी सहेली को फोन लगाया और अपनी परेशानी बताई।

उसने कहा- इंटरनेट पर जाकर गूगल पर माँ-बेटे के सम्बन्ध को सर्च करने को कहा और बोली कि मुझे मेरे सारे सवालों का जवाब वहीं मिलेगा। शाम को मैंने ऐसा ही किया। खाना बनाने के बाद मैंने सर्च किया और मुझे मेरा जवाब मिल गया। फिर मैंने रवि को नोटिस करना चालू कर दिया और मैं उसकी सारी गतिविधियों पर नज़र रखने लगी और मैं देखने लगी कि रवि मेरे साथ कैसा व्यवहार करता है।

मैंने पाया कि उसका व्यवहार सामान्य नहीं है। मैंने उसके कमरे की तलाशी ली लेकिन मुझे कुछ नहीं मिला। फिर मैंने उसका मोबाइल देखा तो मुझे उसमें भी कुछ नहीं मिला। फिर मैंने उसकी पेन ड्राइव अपने लॅपटॉप पर लगा कर देखी। उसकी पेन ड्राइव मैंने जब देखा तो जो मुझे लग रहा था वो मुझे मालूम हो गया। मैंने देखा कि उसकी पेन ड्राइव में नंगी लड़कियों के फोटो थे और मैं समझ गई कि अब रवि बड़ा हो गया है।

फिर मैंने वही किया जो मुझे करना चाहिए था। मैंने सोचा कि कहीं बाहर यह कोई गलती न कर दे, जिससे इसकी लाइफ खराब हो जाए तो क्यूँ ना मैं ही उसे इन सब बातों के बारे में बताऊँ।

मैंने उससे एक दोस्त की तरह उन सब बातों को बारे में डिसकस किया, लेकिन वो सुनने के लिए तैयार ही नहीं था। शायद वो मुझसे शरमा रहा था। और जब ही मैं इस तरह की बात समझाती, तो वो मुझे अनदेखा कर देता।

मैंने अपने पति से इस बारे में बात की तो वो बोले कि वो अपने आप समझ जाएगा। लेकिन मेरा मन तो यही सोच रहा था कि कहीं रवि से कोई गलती ना हो जाए या वो अपने स्कूल के दोस्तों की तरह ना हो जाए।

मैंने फ़ैसला किया कि मुझे ही कुछ करना पड़ेगा क्योंकि एक माँ ही अपने बेटे की अच्छी दोस्त होती है। मैंने सोचा कि क्यूँ ना रवि को थ्योरी की जगह प्रॅक्टिकल नॉलेज दी जाए और यही आख़िरी रास्ता है और मैं इसे गलत भी नहीं समझती हूँ।
और मैंने वही किया जो मुझे करना चाहिए था। अब मैं रवि को अपनी और आकर्षित करने का प्रयास करने लगी।
रवि बड़ा तो हो ही गया था तो मुझे ज़्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ी।

मैं रवि को शुरू से ही नहलाती थी। अभी तक नहलाती हूँ, भले ही अब वो 18 साल का हो गया है, फिर भी मैं ही उसे नहलाती हूँ। आज से मेरा इरादा कुछ और होगा मैं हमेशा रवि को पहले नहलाती थी और फिर मैं नहाती थी। आज मैंने पहले नहाने का इरादा किया और मैं बाथरूम मैं नहाने चली गई और सोचा क्यूँ ना बेटे रवि को भी बुला लूँ। नहाने के लिए मैंने रवि को आवाज़ लगाई।

सर्दी के दिन थे, मैंने बोला- रवि, ज़रा गरम पानी दे देना ! रवि गरम पानी लेकर बाथरूम मैं आ गया उसने मुझे जैसे ही देखा वो देखता ही रह गया। उसने पहली बार मुझे इस नज़र से देखा था। वो मेरे मुममे देख रहा था, जो ब्लाउज में से थोड़े बाहर निकल रहे थे।

मैंने अपनी साड़ी उतार रखी थी और मैं ब्लाउज और पेटीकोट में थी।

मैंने रवि से कहा- तू भी नहा ले।

उसने कहा- नहीं, पहले आप नहा लो। मैं बाद में नहा लूँगा।

मैंने कहा- तुझे स्कूल के देर हो जायेगी। मुझे नहाने में टाइम लगेगा। आजा, पहले तुझे नहला देती हूँ।

वो मान गया। मैं जैसे ही गरम पानी मिलाने के लिए नीचे झुकी, तो मेरे मुममे ब्लाउज में से और ज़्यादा बाहर आ गये थे और रवि मेरे मुममे ही देखे जा रहा था।

उसकी नज़र हट ही नहीं रही थी और फिर मैं भी तो यही चाहती थी। फिर मैंने रवि को अपने कपड़े उतारने के लिए कहा, उसने कपड़े उतार लिए।

वो सिर्फ़ अंडरविअर पहने हुए था। मैंने उसके ऊपर पानी डाला और उसे नहलाने लगी। वो भी आज बड़े मज़े से नहा रहा था।

नहाते हुए पानी भी उछाल रहा था जिससे मैं, और मेरे कपड़े भी गीले हो गए। मैंने कले रंग का ब्लाउज पहना हुआ था और सफ़ेद ब्रा जो कि भीगे हुए ब्लाउज में से साफ़ दिख रही थी।

भीगे हुए ब्लाउज में से मेरे मुममे भी नज़र आ रहे थे। जिसे रवि नज़र चुरा कर देख रहा था।

रवि अब नहा चुका था। मैंने उसे स्कूल जाने के लिए जल्दी से तैयार होने के लिए कहा, और वो बाथरूम से जाने को हुआ।
तभी मैंने उसे रोक लिया और कहा- रवि ज़रा रुक जा मेरे पीठ घिस देना, बहुत मैल जम गया है।

वो रुक गया। वो अभी भी भीगा हुआ था और सर्दी से काँप रहा था। उसने तौलिया से अपना बदन पौंछ लिया और मेरे पीछे खड़ा हो गया। मैंने भी सोचा कि रवि को और सताया जाए।

मैंने नहाने के लिए अपने ऊपर पानी डाला और साबुन लगाने लगी। मैंने अपना ब्लाउज भी उतार लिया और अपनी ब्रा भी, और फिर मैंने रवि को पीठ पर साबुन लगाने के लिए कहा।

वो मेरी पीठ पर साबुन लगाने लगा। वो मेरे पीछे खड़ा था। इसीलिए वो मेरे मुममे नहीं देख पा रहा था।
तो वो बाथरूम में लगे दर्पण में से मेरे मुममे देख रहा था और अब उसकी लंड खड़ी हो गई। जो साबुन लगाते समय मैं कभी-कभी अपने पीछे महसूस कर रही थी।

रवि को भी शायद अब मज़ा आने लगा था क्योंकि साबुन लगाते समय वो मेरे मुममे को बगल से छूने की कोशिश कर रहा था, मैं भी कुछ नहीं बोल रही थी। मेरे मुममे काफ़ी बड़े हैं और ऊपर से मेरा बदन भी गोरा है। मुझे देख कर हर कोई आहें भरता है। मैंने भी उसका साथ दिया और मैंने महसूस किया कि मेरे कुछ ना कहने पर उसे और भी मज़ा आने लगा। उसने इस बार अपनी लंड मेरे पीछे से स्पर्श की और मुझे महसूस कराया।

मैंने कहा- क्या कर रहा है?

वो डर गया कि कहीं मम्मी मुझे डांटें ना।

लेकिन मैंने कहा- तेरा ध्यान किधर है? ठीक से साबुन क्यूँ नहीं लगाता?

वो बोला- हाँ, लगा तो रहा हूँ।

मैंने बोला- पीठ पर ही लगता रहेगा या थोड़ा छाती पर आगे भी लगाएगा !

उसने अपने हाथ आगे की तरफ बढ़ाये और अब वो मेरे वक्ष के उभारों पर साबुन लगाने लगा। तभी मुझे उसकी लंड पीछे से थोड़ी और महसूस हुई, लेकिन इस बार उसने अपनी लंड मेरे पीछे लगाए रखी।

और अब रवि ने साबुन लगाते हुए ही मेरे मुममे धीरे-धीरे दबाने लगा। जिससे मुझे भी अजीब सा नशा छाने लगा। मैं भी मज़ा ले रही और कुछ नहीं बोल रही थी क्योंकि मुझे ऐसा कभी भी महसूस नहीं हुआ था।

रवि के अंडरवियर पहने होने के कारण उसकी लंड ठीक से मुझे महसूस नहीं हो रही थी। तो रवि ने हिम्मत करके अपनी अंडरवियर में से लंड को बाहर निकाल कर मेरे पीछे की दरार में लगाया, जो मुझे काफ़ी हद तक महसूस हुआ।

रवि मेरे स्तनों पर साबुन लगाते हुए उनको मसलने लगा, लेकिन मैंने अभी भी कुछ नहीं कहा।
अब वो शायद बहुत उत्तेजित हो गया था लेकिन मैंने सोचा कि बस बहुत हुआ, रवि के लिए अभी के लिए इतना ही काफ़ी था।

मैंने उससे कहा- बस साबुन लग गया है।

तो वो बोला- मम्मी हाथ-पैरों पर भी साबुन लगा दूँ क्या?

“नहीं, मैं लगा लूँगी, मेरा हाथ पीठ पर नहीं जाता ना, इसलिए तुझे बुलाया था। बस अब मैं नहा लूंगी। तुम जाओ, तुम्हें स्कूल के लिए देर हो रही है।”

वो जाने लगा। मैंने देखा कि रवि की लंड काफ़ी बड़ी दिख रही थी जो अभी तक खड़ी हुई थी। मैंने सोचा कि क्यूँ ना अभी ही सारी प्रॅक्टिकल नॉलेज दे दूँ !

फिर मुझे याद आया कि उसे स्कूल भी तो जाना है, बाकी ज्ञान शाम को सोते समय दे दूँगी। और वैसे भी सब्र का फल मीठा होता है।

मैंने नहाने के बाद नाश्ता बनाया, रवि ने नाश्ता किया और उसके लिए मैंने लंच बॉक्स उसके बैग में रख दिया।
रवि स्कूल चला गया और फिर मैं घर के सारे काम करने में व्यस्त हो गई और पता भी नहीं चला कि कब दोपहर के दो बज गये। फिर मैंने थोड़ा आराम किया।

नींद खुली तो शाम के चार बज चुके थे, रवि भी घर आ चुका था, मैंने उसके लिए चाय बनाई और वो थोड़ी देर बाद कोचिंग के लिए निकल गया। तभी पायल क्लास से आ गई, मैंने उसको भी चाय दी।

वो अपने कमरे मैं चली गई। अब शाम के सात बज चुके थे। मेरे पति भी आ चुके थे। मैंने फिर चाय बनाई और अपने पति को दी। वे चाय पीने के बाद अपने कमरे में चले गये। थोड़ी देर आराम करने के बाद मेरे पति और मेरी बेटी दोनों ही साथ मैं गार्डन में घूमने चले गये।

मैं डिनर तैयार करने लगी और डिनर तैयार करते हुए मुझे पता ही नहीं चला कि कब 8:30 बज गये। पायल और मेरे पति दोनों गार्डन से घूम कर आ चुके थे।

पायल ने कहा- मम्मी खाना लगा दो।

मैंने अपने पति से पूछा- आपके लिए भी खाना लगा दूँ क्या?

उन्होंने कहा- हाँ, लगा दो।

मैंने दोनों के लिए खाना लगाया तो मेरे पति ने कहा- तुम भी खाना खा लो।

मैंने कहा- नहीं आप दोनों खा लो, मुझे अभी भूख नहीं है।

पायल ख़ाना खाने के बाद अपने कमरे में चली गई और मेरे पति भी अपने कमरे में चले गए, टीवी देखने लगे।
अब रात के 9:20 बज चुके थे और मैं भी कमरे मैं जाकर उनके साथ टीवी देखने लगी, 10 मिनट बाद ही रवि आ गया। मैंने गेट खोला और पूछा- इतनी देर क्यूँ लगा दी?

तो बोला- मम्मी साइकल पंचर हो गई थी इसलिए देर हो गई।

“ठीक है, खाना लगा देती हूँ, हाथ मुँह धो लो।”

मैंने टेबल पर खाना लगाया रवि खाना खाने लगा। लेकिन और दिन की तरह आज उसका चेहरा चमक रहा था। वो बहुत खुश लग रहा था।

खाने खाते हुए मुझसे बोला- मम्मी आज मेरे टैस्ट में 10 में से 10 नंबर आए हैं।

मैं भी खुश हो गई। तभी रवि ने थोड़ी सब्जी माँगी और मैं सब्जी परोसने के लिए जैसे ही झुकी तो मेरे मुममे भी ब्लाउज में से थोड़े बाहर आ गये।
तभी रवि की नजर मेरे उरोजों पर पड़ी। वो उन्हें देख रहा था और मुझे पता भी नहीं था कि रवि मेरे मुममे देख रहा है।
मैंने जैसे ही रवि की तरफ देखा, तो मुझे पता चला कि रवि का ध्यान खाने पर नहीं बल्कि मेरे उभारों पर था। उसकी नज़रें छुप-छुप कर मेरे चूचों को निहार रही थीं। मैं भी उसे अपने स्तन दिखाने के लिए थोड़ी झुक कर खड़ी हो गई, दोनों हाथ मेज पर रख दिए, जिससे मेरे पपीते अब और भी अच्छे तरह से दिख रहे थे।

रवि खाना खाते-खाते उन्हें देख रहा था और मैं अपनी नज़र इधर-उधर कर रही थी, जिससे कि रवि को पता ना चले की मैं उसे देख रही हूँ।

रवि खाना खा लिया था, फिर भी वो वहीं बैठा हुआ था और खाना खाने का बहाना कर रहा था, मुझसे बातें भी कर रहा था, क्योंकि वो मेरे बूब्स को ज़ी भर कर देखना चाहता था।

लेकिन थोड़ी देर रवि बोला- मम्मी क्या आपने खाना खाया?

मैंने कहा- नहीं मैं खा लूँगी, तुम खाओ अभी।

रवि ने कहा- माँ आप भी जल्दी खाना खा लिया करो, कितना काम करती हो आप। चलो आप मेरे साथ ही खाना खा लो।
मैंने भी उसकी बात नहीं टाली और उसके बगल में जाकर बैठ गई और हम एक ही थाली में खाना खाने लगे। लेकिन अभी भी रवि की नज़र मेरी छाती पर ही थी।

मैंने भी जल्दी से खाना खाया और कहा- मैंने खाना खा लिया है, तुम्हें और खाना है?

वो बोला- नहीं।

मैंने वहाँ से सारे बर्तन उठाए और रवि अपने रूम में चला गया।

मैंने सारे बर्तन धोकर, दूध गर्म किया और पायल को दिया और फिर मैं रवि के कमरे में दूध देने गई और रवि को दूध दिया। वो अभी पढ़ाई कर रहा था, मैंने उसे कहा- दूध ध्यान से पी लेना।

तभी रवि ने कहा- दूध दो तो, मैं पी ही लूँगा।

उसने यह बात इस तरह से की, जो वो परोक्ष मुझसे जो कहना चाहता था, वो उसने कह दिया।

और मैं भी उसकी बात का मतलब समझ गई।

“ठीक है, लेकिन ध्यान से पी लेना, भूलना नहीं !" और फिर मैं वहाँ से आ गई।

मेरे पति रूम में अभी तक टीवी देख रहे थे और साथ में ड्रिंक भी ले रहे थे।

तभी मैंने उनसे कहा- मैं ड्रिंक बना दूँ?

तो उन्होंने कहा- क्या बात है, आज बड़ी खुश लग रही हो?

मैंने कहा- बस यूँ ही, और मैं ड्रिंक बना कर उन्हें देती जा रही थी, जिससे उन्हें काफ़ी नशा हो जाए और वो जल्दी से सो जाएं, और सुबह भी देर से उठें। वैसे भी कल तो सन्डे है।

उनको काफ़ी नशा हो चुका था और वो सो गए।

मैंने टीवी ऑफ किया। कमरे की लाइट भी ऑफ की, और फिर मैं पायल के कमरे में गई और देखा कि पायल सो चुकी है या नहीं। फिर मैंने रवि के रूम में जाकर देखा कि वो क्या कर रहा है? वो अभी तक जाग रहा था और बेड पर लेटा हुआ था।

मैंने बोला- सो जाओ रात हो चुकी है।

तो वो बोला- मम्मी नींद नहीं आ रही है।

मैंने कहा- आ जाएगी, सो जाओ।

मैं फिर अपने कमरे मैं आ गई और सोने लगी लेकिन मुझे भी नींद नहीं आ रही थी।

तभी रवि मेरे कमरे में आया और बोला- मम्मी सो गईं क्या?

मैं बोली- नहीं, क्यूँ क्या बात है? क्या चाहिए?

रवि बोला- मम्मी मुझे डर लग रहा है।

मैंने कहा- इतना बड़ा हो कर डरता है, चल मैं आती हूँ।

वो अपने रूम में चला गया। मुझे पता था कि डर तो सिर्फ़ एक बहाना था, क्योंकि वो मेरे साथ सोना चाहता था।
फिर मैं भी तो यही चाहती थी। मैंने झट से कपड़े चेंज किए, एक ऐसी नाईटी पहन ली, जिसका कपड़ा पतला था और फिर मैं रवि के रूम में गई।

रवि मुझे देख कर खुश हो गया। उसके कमरे की लाइट जल रही थी, जिससे मेरी नाईटी के अन्दर से मेरी ब्रा और पैन्टी नज़र आ रही थी।

उसने बड़े गौर से मुझे देखा। उसकी नज़र ऊपर से लेकर नीचे तक गई। फिर मैं उसके बेड पर बैठ गई। तभी मैंने देखा कि उसने अभी तक अपना दूध का गिलास खाली नहीं किया है।

मैंने उसे पूछा- अभी तक दूध क्यूँ नहीं पिया?

तो वो बोला- मैं भूल गया था अभी पीता हूँ। और फिर उसने गिलास का सारा दूध पी लिया।

वो बिस्तर में लेट गया, और मैं भी बिस्तर लेट गई। लेकिन दोनों में से किसी को नींद नहीं आ रही थी। रात के 12:00 बज चुके थे। मैंने सोचा कि काफ़ी समय हो गया है और शायद रवि सो गया होगा।

मैंने धीरे से आवाज़ दी, “रवि !”

वो बोला- हाँ मम्मी।

मतलब वो अभी तक जाग रहा था।

मैंने उसे पूछा- सोया नहीं, अभी तक?

तो बोला- नींद नहीं आ रही है।

और उसने मुझसे पूछा- आपको नींद क्यूँ नहीं आ रही है।

मैं समझ गई कि रवि क्या चाहता है। और अभी तक क्यूँ जाग रहा है।

मैंने उसे कहा- मुझे थोड़ी सर्दी लग रही है और आज काम भी कुछ थोड़ा ज़्यादा था ! ‘ओह !’ पूरा बदन दुख रहा है।

तभी रवि एकदम से बोला- मम्मी, मैं आपके हाथ-पैर दबा देता हूँ।

मैंने कहा- नहीं, क्यूँ परेशान होता है, तू सो जा।

तो बोला- इसमें परेशान होने की क्या बात है, लाओ मैं दबा देता हूँ।

मैं जानती थी कि वो मेरे बदन को महसूस करना चाहता है।

मैं उसे मना भी कैसे करती भला, क्योंकि जैसा मैंने सोचा था, ठीक वैसा ही हो रहा था।

जैसे ही उसने कहा- मम्मी मैं आपके पहले पैर दबा देता हूँ, मैंने कहा- ठीक है।

और वो मेरे पैर दबाने लगा।

मेरी नाईटी सिर्फ़ घुटनों तक ही लंबी थी और वो भी थोड़ी ऊपर तक खिसक गई थी। पहले कुछ मिनट रवि ने पैर ठीक से दबाए, लेकिन कुछ देर बाद उसके हाथ धीरे-धीरे ऊपर की ओर बढ़ने लगे।

मैंने रवि से कहा- ठीक से दबाओ पैर !

वो बोला- हाँ दबाता हूँ।

मैंने सोचा- क्यूँ ना रवि को और मज़ा दिया जाए।

तो मैं थोड़ा खाँसने लगी और तभी रवि ने पूछा- सर्दी हो गई है क्या?

मैंने कहा- हाँ सुबह से ही खाँसी हो रही है, रवि पैर बाद में दबा देना पहले एक काम कर दे। पापा के रूम में जो ड्रिंक्स की बॉटल रखी रहती है, उसमें से एक रम की बॉटल ले आ, जिससे ये खाँसी बंद हो जाएगी।

यह सुनते ही रवि जल्दी से गया और एक रम की बॉटल और गिलास भी ले आया।

उसने आधा गिलास रम का मुझे दे दिया और आधा गिलास रम वो खुद पी गया।

मैंने उससे पूछा- तुम क्यूँ पी रहे हो?

तो वो बोला- मुझे भी सर्दी लग रही है, इसलिए।

मैंने कुछ नहीं कहा और फिर मैं लेट गई और वो मेरे पैर दबाने लगा।

पैर दबाते-दबाते उसके हाथ मेरी जाँघों तक आ गये। वो अपने हाथ ऊपर बढ़ाते ही जा रहा था। और मुझे भी एक अज़ीब सा नशा आने लगा था। मैंने सोचा क्यूँ ना आज रवि को खुल कर मज़ा दिया जाए।

मैं रवि से बोली- रवि मुझे गर्मी लग रही है, तू रुक जा अभी।

मैं उठी और अपनी नाइटी भी उतार दी, अब मैं सिर्फ़ ब्रा और पैन्टी में रवि के शामने थी।

उसने मुझे इतना घूर कर देखा, जैसे उसने कभी शायद ऐसा नहीं देखा होगा।

मेरी उमर भले ही 37 की है लेकिन मैंने अपने आप को बहुत मेंटेन करके रखा था।

मेरा फिगर साइज़ 38DD-28-36 था, जिसे देख कर रवि के होश उड़ गये। उसके बाद मैं बेड पर लेट गई, रवि से बोली- अगर मुझे नींद आ जाए तो तुम भी सो जाना, पैर दबाते मत रहना क्योंकि मुझे तो जोरों से नींद आ रही है। ठीक है? और हाँ, कमरे की लाइट बंद कर दो।

वो बोला- हाँ, आप सो जाओ, मैं बाद में सो जाऊँगा।

उसने कमरे की लाइट भी बंद कर ली और अपना मोबाइल भी ले लिया ताकि वो मोबाइल की लाइट से थोड़ा उजाला कर सके। वो भी बेड पर आ गया और पैर दबाने लगा। मैं नाटक करने लगी जिससे कि बात आगे बढ़े। मैं खर्राटे भरने लगी, जिससे रवि को लगे कि मैं अब सो गई हूँ।

फिर रवि उठा और उसने अपने कपड़े भी उतार दिए अब वो सिर्फ़ अंडरविअर में था और उसने अपने मोबाइल की लाइट ज़ला कर दूर रख दिया, जिससे रूम में थोड़ा उजाला होने लगा।
अब रवि की हिम्मत बढ़ गई क्योंकि वो सोच रहा था कि मैं सो चुकी हूँ, और मैं नशे मैं भी हूँ। वो कुछ भी करेगा तो मुझे पता नहीं चलेगा। लेकिन मुझे एक पैग ड्रिंक से क्या होने वाला था। अब रवि मेरी जाँघों को दबा नहीं रहा था, बल्कि वो अब मेरी जाँघों को सहला रहा था। जिससे मुझे भी मज़ा आने लगा।

उसकी हिम्मत अब बढ़ती जा रही थी। उसने अब मेरी जाँघों पर से हाथ फेरते हुए मेरी पैन्टी के ऊपर ले आया और हाथ फेरने लगा। दूसरा हाथ उसने और ऊपर बढ़ाते हुए मेरे वक्ष पर रख दिया और थोड़ी देर के लिए रुक गया और देखा कि मैं कुछ नहीं बोल रही हूँ। तो उसने मेरे स्तन दबाना चालू कर दिया।

थोड़ी देर बाद उसने मेरे उरोजों को और ज़ोर से दबाना चालू कर दिया। तभी मैं एकदम से उठी तो रवि घबरा गया उसका चेहरा देखने लायक था। वो बहुत डर गया था और मैंने नाटक किया कि जैसे मैं नींद में हूँ।

मैंने उससे बोला- रवि, देख ज़रा पानी है क्या? मुझे प्यास लगी है।

और वो बोला- हाँ पानी है।

लेकिन उसने सोचा कि मैं नींद में हूँ, उसने मुझे पानी की जगह आधा गिलास रम दे दी।

मैंने उससे नींद में बुदबुदाते हुए कहा- पानी का टेस्ट कैसा है?

तो वो बोला- आपने रम पी रखी है, इसलिए आपको ऐसा लग रहा है।

मैं भी झट से रम पी गई और फिर सोने का नाटक करने लगी, खर्राटे भरने लगी।

लेकिन रवि ने 10 मिनट बाद मुझे छुआ और मैं अभी भी जाग रही थी। उसने इस बार सीधा एक हाथ मेरे चूचे पर रखा और दूसरा मेरी पैन्टी पर और दबाने लगा। और इस बार हिम्मत करके उसने अपना हाथ पैन्टी के अन्दर धीरे से खिसकाया। मेरे पूरे बदन में एक बिजली सी दौड़ गई। मैंने भी उसको साथ दिया और अपने पैर थोड़े फैला लिए जिससे कि उसका हाथ ठीक से मेरी चूत पर जा सके।

जैसे ही मैंने अपने पैर फैलाए, रवि ने अपना पूरा हाथ मेरी चूत पर रख दिया। अब उसने अपनी उंगलियाँ मेरी चूत में अन्दर कर दीं। वो अपनी उंगलियों को मेरी चूत में अन्दर-बाहर करने लगा। फिर अचानक से उसने अपनी उंगली मेरी चूत में से बाहर निकाल ली। अब उसने अपनी अंडरवियर में से अपना लंड भी बाहर निकाल लिया।

मैंने अपनी थोड़ी से आँख खोल कर ये सब देख रही थी, उसका लौड़ा काफ़ी बड़ा लग रहा था। अब वो पूरा नंगा मेरे सामने था। उसे पता था कि मैंने ज़्यादा पी रखी है और मुझे कुछ पता नहीं चलेगा। उसने धीरे-धीरे मेरी पैन्टी उतार दी और मेरी ब्रा भी उसने उतार दी। अब वो एकदम निडर होकर अपने लंड को मेरी चूत में पेलने की कोशिश कर रहा था, तभी उसका लंड मेरी चूत में चला गया।

मेरे मुँह से ‘आह’ निकल गई लेकिन रवि इस बार नहीं रुका और उसने धीरे-धीरे झटके देना चालू कर दिया और मेरे चूचों को वो अपने हाथों से मसलने लगा। उसने अपने होंठ मेरे होंठ से मिला कर मुझे चूमने लगा। हम दोनों का बदन भी काफ़ी गर्म हो चुका था। जब मुझे लगा कि वो झड़ने वाला है तो मैंने धीरे से करवट ले ली, जिससे उसका लण्ड मेरी चूत में से बाहर आ गया।

वो झड़ भी नहीं पाया क्योंकि मैं नहीं चाहती थी कि वो इतनी जल्दी से झड़ जाए। लेकिन उसने मुझे किस करना नहीं छोड़ा और फिर से मेरी चूत में अपना लंड डालने लगा। इस बार मैंने भी उसका साथ दिया और अपने दोनों हाथों से उसे अपनी ओर इस तरह खींचा कि जैसे मैं अभी भी नींद में हूँ।

उसने फिर से अपना लंड मेरी चूत में घुसेड़ दिया। वो मेरे उभारों के निप्पलों को वो अपनी जीभ से सहला रहा था।
उसके धक्के लगतार मुझे गर्म कर रहे थे। कुछ देर बाद मैं झड़ गई और थोड़ी ही देर बाद रवि भी झड़ गया।

उसने मुझे बेड पर बैठाया लेकिन मैं अभी भी सोने का नाटक कर रही थी। उसने चादर से मेरी चूत और अपने लंड को साफ़ किया। फिर मुझे ब्रा पहनाई और लिटा दिया, फिर मुझे पैन्टी पहना दी। उसने मेरे होंठों पर एक चुम्बन भी किया और वो मुझे गले लगाया और वो सो गया। फिर मुझे भी नींद आ गई।

सुबह मैं जब उठी तो घड़ी में 7:30 का टाइम हो रहा था। मैं उठी और अपनी नाईटी पहनी और खिड़की का खोली जिससे बाहर से सूरज का उजाला आ रहा था। तभी रवि भी जाग गया। मैंने उससे उठने को कहा और वो बेड पर बैठ गया। उसे यह ध्यान नहीं था कि उसने अंडरवियर नहीं पहना है। तभी उसकी नज़र नीचे पड़ी और देखा कि उसने अंडरविअर नहीं पहना है तो उसने झट से चादर को लपेट लिया।

तभी मैं मन ही मन सोचने लगी कि जब रात में मुझे चोदते समय इसे शर्म नहीं आई जो अब यह शरमा रहा है। फिर मैंने उससे कहा- मुझसे शरमाता है? अरे पागल मैंने तो तुझे बचपन से ही ऐसा देखा है। उसे रात की सारी बात याद आ गई, उसने सोचा कि पता नहीं कि मम्मी को पता तो नहीं चल गया तो उसने मुझसे पूछा- मम्मी, आपको नींद कैसी आई?

raviram69
raviram69
236 Followers
12