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Click hereबात कुछ ऐसी है जब एसी ट्रैन से सफर कर रहा था, मेरे वाले केबिन में दो महिलाये और भी थी, लगभग पैंतीस के आस पास की जोकि किसी मीटिंग के लिए जा रही थी।
मैं आकर अपनी सीट पर बैठ गया, ये उस ट्रैन का लास्ट स्टॉप था, अब सुबह होने पर ही अगल स्टॉप आना था। खाना हो चूका था तो मैं भी अपनी बर्थ पर लेट गया था।
नीचे दोनों महिलाये बात कर रही थी। उनके नाम रीमा और टीना थे।
रीमा - यार अब हम ऐसे साड़ी में कैसे आराम करेंगे?
टीना - अरे कपडे चेंज करके और कैसे, तू कपडे नहीं लायी है क्या?
रीमा - लायी हु लेकिन वाशरूम में नहीं चेंज करने जाने वाली मैं।
टीना - अरे पागल है क्या, वाशरूम में कौन जायेगा कपडे चेंज करने को।
फिर टीना नामक महिला मेरे से पूछने लगी - क्या हम यहाँ कपडे चेंज करले अगर तुम्हे परेशानी न हो तो।
मैंने कहा - आपत्ति मुझे क्यों होगी, आपको अगर मुझसे परेशानी है तो मैं बाहर चला जाता हु कुछ देर के लिए।
टीना - नहीं नहीं, तुम यही रह सकते हो, हम लाइट कम करके चेंज कर लेंगी।
मेरे मन में लड्डू फूट रहे थे की अब इन्हे निहारने का मौका मिलेगा मुझे, कुछ तो दिखाई देगा ही।
दोनों की अपने बैग से कपडे निकालने लगी, दोनों ने नाइटी निकाल ली और फिर डिम लाइट कर दी, उस डिम लाइट में बड़े अच्छे से आप बुक पड़ सकते थे।
दोनों ने अपने अपने कपडे यानि साड़ी को उतार कर एक तरफ रख दिया और फिर रीमा ने मेरी तरफ देखा तो मैंने झट से आँखे बंद कर ली, वो दोनों ये देख कर हंस दी।
मैंने चुपके से उन्हें देखे जा रहा था, साड़ी के बाद उन्होंने अपने पेटीकोट, फिर ब्लाउज और उसके बाद अपने ब्रा पैंटी तक उतार दिए थे। एकदम नंगी थी मेरे सामने वो दोनों, उनका गोरा बदन देख कर मेरा लण्ड खड़ा हो गया था। फिर दोनों ने अपने कपडे फोल्ड किये और सबसे आखिर में नाइटी पहनी।
रीमा ने मुझसे कहा की तू नहीं कपडे चेंज करेगा क्या? ऐसे ही टाइट जीन्स में सो जायेगा।
मैंने कहा - अरे हाँ, मैं टी भूल ही गया था।
मैंने अपने बैग से लोअर निकाला और वाशरूम जाने की उठा तो टीना ने कहा - अरे हमे शर्म नहीं आयी और तू तो ऐसे शर्मा रहा है जैसे कुंवारी लड़की शर्माती है।
मैंने कहा - अरे लेकिन मैंने जीन्स के निचे कुछ पहना नहीं है।
रीमा हँसते हुए बोली - अरे तो क्या हुआ, यही चेंज करले, तूने देखा तो हम नहीं देख सकती क्या?
मैंने जल्दी से पानी जीन्स उतार दी, मैंने सच में निचे कुछ नहीं पहना था, मेरा लण्ड अभी आधा टाइट था।
रीमा - देख तो टीना इसका लण्ड तो हमे देख कर कैसा हो गया है।
टीना ने मेरा लोअर ले लिया और कहा - अब कैसे लेगा अपना लोअर।
मैंने कहा - जरुरत किसे है, लोअर भी आपके वजह से पहन रहा था वर्ण मुझे तो नंगे सोने की आदत है आप कही तो टी शर्ट भी उतार दी।
टीना - देख तो रीमा लड़का बहुत तेज़ लग रहा है, क्या कहती है तू?
रीमा - कहना क्या है, लड़का तेज़ है तो क्या हुआ, लण्ड तो मस्त लग रहा है इसका मुझे।
मैंने कहा - अरे चल क्या रहा है कुछ मुझे भी तो बता दो।
उसके बाद रीमा अपने बैग में कुछ ढूढ़ने लगी और एक गोली मुझे दी खाने के लिए।
मैंने खाने से साफ़ मना कर दिया तो उसने कहा की हम दोनों की आग वगैर गोली के कैसे झेल पायेगा तू। उनके बहकावे में आके मैंने गोली को खा लिया।
अब वह दोनों पूरी नंगी हो गयी। उनकी चिकनी चूते देख कर मेरा लण्ड बावला सा हो गया था। रीमा सीधे मेरे लण्ड को मुहं में लेकर चूसने लग गयी और टीना बर्थ पर चढ़कर मेरे मुहं पर अपनी चूत रगड़ने लगी।
रीमा की दी गोली अपना असर करने लगी थी, मुझे बस चुदाई दिख रही थी। रीमा की चुसाई से मेरा लण्ड तन्ना गया था। मुझे बहुत तेज़ पेशाब करने का मन भी हो रहा था।
मैंने कहा - छोड़ो मुझे, वरना पेशाब निकल जायेगा मेरा।
रीमा - तो करले ने किसने रोका है, लेकिन अब कोई बाहर नहीं जायेगा।
रोकते रोकते भी मैंने रीमा के हलक में पेशाब करना शुरू कर दिया और वो गजब तरीके से पूरा का पूरा का पेशाब पीती चली गयी। दूसरी तरफ टीना भी मेरे मुहं पर पेशाब करने लगी थी। गोली का असर, दो दो औरते और भी एकदम गोरी चिट्टी, ऐसे में मैंने टीना का पेशाब को मना करना सही नहीं समझा और मैंने अपना मुहं खोल लिया, उफ़ क्या मज़ेदार पेशाब था उसका, कुछ कुछ बियर जैसा।
उसके बाद रीमा सामने वाली बर्थ पर झुक गयी और टीना ने मेरे लण्ड पर कंडोम चढ़ाया तभी मैंने उसके पर्स में उसका आई डी कार्ड देख लिया था वो एक बैंक मैनेजर थी।
अब रीमा टीना की चूत चाट रही थी और मैं रीमा की चूत में बोरिंग कर रहा था। उसकी टाइट चूत मुझे जबरदस्त मज़ा दे रही थी। लगभग पन्दरह मिनट्स बाद टीना मेरे ऊपर आ गयी और मेरे लण्ड पर कूदने लगी। मेरा लण्ड फटने को तैयार था तो फटाफट से टीना ने मेरे लण्ड को अपने मुहं में ले लिया और चूसने लगी और पीछे से रीमा ने मेरी गांड में जीभ करनी शुरू कर दी।
कुछ देर बाद मेरे लण्ड से पिचकारी चलने और टीना जल्दी जल्दी सारा का सारा पी गयी।
वो दोनों एकदम एक्सपर्ट लग रही थी, कुछ ही देर में उन्होंने मेरे लण्ड को फिर से खड़ा कर लिया। रीमा मेरे ऊपर आयी और मेरे लण्ड को अपनी गांड में ले लिया।
उफ़ ये दोनों तो बहुत बड़ी चुदक्कड़ थी, वरना लड़को के अलावा कौन गांड मरवाता है।
रीमा तो कभी टीना, दोनों बार बार जगह बदल रही थी। बिना गोली के सच में मैं उन दोनों को नहीं चोद पाता। आधे पौन घंटे की चुदाई के बाद मैं काफी थक गया था। हम तीनो नंगे ही बर्थ पर लेट गए। कुछ देर उन्होंने स्कॉच निकाल कर पीना शुरू कर दिया और मैंने भी उनका खुल के साथ दिया। स्कॉच पीके जिस्म में दोबारा जान पड़ गयी थी। थकान दुम दबा कर भाग गयी थी।
एक बार फिर से मुझे पेशाब लगने लगा तो इस बार टीना ने मेरा लण्ड लेकर उसे पी लिया। फिर रीमा और टीना दोनों ने मुझे अपना पेशाब पिलाया और फिर से मुझे खड़ा करके मेरे लण्ड और गांड को चाटने चूसने लगी। रीमा की ऊँगली मेरी गांड में अंदर बाहर हो रही थी।
रात के लगभग दो बज चुके थे और ऐसे में मैं उन दोनों के बीच चुसाई का मज़ा ले रहा था। कुछ देर बाद रीमा उठ कर खड़ी हो गयी और सिगरेट जला ली। लाइट बंद थी तो उसने विंडो भी खोल ली थी। टीना भी उठ कर बैठ गयी और सिगरेट पीने लगी। रीमा ने अपनी टांगे चौड़ी कर रखी थी, मैं उसकी चूत के बीच में जाके बैठ गया और उसकी रसभरी चूत पर मुहं रख दिया। चूत से बहते उसके रस को पीते हुए उसे चाटने लगा। मुझे ऐसा लग रहा था की दोनों का काम मेरे अकेले से नहीं चल रहा था।
मेरे दो दोस्त पराग और चिराग भी इसी ट्रैन में थे और किसी और बोगी में थे। मैंने जब ये बात उन्हें बताई तो वो दोनों खुश हो गयी। फिर मैंने चिराग को कॉल किया और उन दोनों को अपने पास आने को बोला, लगभग बीस मिनट्स बाद दोनों हमारी बोगी में आ गए।
रीमा ने धीरे से गेट खोल कर उन्हें अंदर घुसने दिया। उस समय में मैं टीना की चूत की खुदाई कर रहा था। अंदर का सीन का देख कर दोनों के लण्ड तम्बू बन गए थे। रीमा ने उन्हें भी गोलिया दी और बर्थ पर लेट गयी, कुछ देर चिराग और पराग उसे चूसते और चाटते रहे फिर दोनों ने उसे पेलना शुरू कर दिया।
डबल चुदाई से रीमा को मज़ा आने आने लगा था इधर मैं भी टीना के मुहं में झड़ चूका था।
हम तीनो ने उन दोनों को करीब चार बजने तक चोदा और फिर चिराग और पराग अपनी बोगी में लौट गए क्यूंकि पांच बजे हमे उतरना था। टीना और रीमा ने भी कपडे पहन लिए थे।
समाप्त।।