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Click hereदादा कोंडके शायरी:
मांगता हूँ तो देती नहीं हो,
जवाब मेरी बात का..!! 😛
और देती हो तो खड़ा हो जाता है,
रोम-रोम जज्बात का.. 😳
मूह में लेना तुम्हे पसंद नहीं,
एक भी कतरा शराब का..😛
फिर क्यूँ बोलती हो के धीरे से डालो,
बालों में फूल गुलाब का.....😛
वोह सोती रही में करता रहा,
इंतज़ार उसके जवाब का..😳
अभी उसके हाथ में रखा ही था
के उसने पकड़ लिया,
गुलदस्ता गुलाब का..😛
उसने कहा पीछे से नहीं आगे से करो,
दीदार मेरे हुस्न-ओ-शब्बाब का.. 😛
उसने कहा बड़ा मज़ा आता है जब अन्दर जाता है..
कानो में एक एक लफ्ज़ तेरे प्यार का..!! 😛💞