बरसात की एक रात

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“एकदम टाईट गाँड है तेरी... सबा राँड! लगता है किसी ने आज तक तेरी गाँड ली नहीं… तुझे पता है ना सबा... इसी लिये तू साली ऐसी टाईट साड़ी और यह उँची एड़ी के सैंडल पहनती है?”

“नहीं नहीं!!! यह सब गलत है... मुझे प्लीज़ जाने दो!” मैं काफी छटपटाई उसकी पकड़ से बाहर निकलने को लेकिन वो बहुत ताकतवर था। उसने मेरे मम्मों को दबाते हुए मुझे फिर अपनी और खींचा। इस बार मुझे महसूस हुआ कि उसका लंड अब मेरी कमर पे रेंग रहा था और उसके आँड मेरी गाँड को छू रहे थे।

“तेरे मर्द के पास ऐसा लंड ही नहीं है कि तेरी चूत को शाँत कर सके.. .है ना सबा?” उसकी गरम साँसों ने जो कि मेरे गले को छू रही थीं, मुझे भी अंदर से काफ़ी गरम कर दिया था... जो कि एक सीधा पैगाम मेरी चूत को दे रहा था कि “ले ले सबा ले ले!”

लेकिन मेरा दिमाग उसके लंबे और मोटे लंड को देख कर सहम गया था। एक बार फिर से मैंने उसकी गिरफ़्त से भागने की नाकाम कोशिश की और साथ ही मैंने अपनी टाँग चला कर अपने हाई हील सैंडल से उसके लंड पे वार करने की कोशिश की पर वो पहले ही संभल गया और मेरे सैंडल के हील की चोट सिर्फ़ उसकी जाँघ पे पड़ी। अपनी जाँघ पे मेरी हील से पड़ी खरोंच को देख कर वो बहुत गुस्से में आ गया और उसने मेरे सर को फिर से कार के हुड पे पटका और बोला, “सबा... अगर तूने हिलना बँद नहीं किया तो ऊपर वाले की कसम अबकी बार मैं अपना लंड तेरी इस कच्ची कुँवारी टाईट गाँड में घुसेड़ के उसका कचुम्बर बना दूँगा। अगर तू यह समझती है कि मैं झूठ बोलता हूँ तो अपने आप ही तस्सली कर ले!”

मैं बर्फ़ की तरह उस जगह पे ही जम गयी। “कहाँ चाहिये तुझे... चूत में या गाँड में?” उसका लंड मेरी गाँड के छेद को दस्तक दे रहा था।

“नहीं नहीं। प्लीज़ मेरी गाँड में मत डालो...!” मैं चिल्लाई।

“कहाँ चाहिए बोल ना रंडी चूत में य गाँड में?”

“नही…!” मैं रो पड़ी। मेरे आँसू मेरे गालों पे बहने लगे।

“मेरी चूत में... चूत में प्लीज़... मेरी चूत में… मेरी चूत में डालके उसे चोदो” मैं गिड़गिड़ाई। मेरे होंठ काँप गये उसे यह कहते हुए कि तुम मेरी चूत में अपना लंड डाल दो। वो अपना लंड मेरी गाँड से चूत के छेद तक नीचे-ऊपर ऊपर-नीचे कर रहा था। मैं घबरा गयी थी। उसने फिर से मेरा सर कस के पकड़ के कार के हुड से दबाके रखा था। एक बार फिर उसने अपने लंड के सुपाड़े को मेरी गाँड के छेद से दबाया।

मैं फिर चिल्लाई, “प्लीज़... मेरी गाँड नहीं… मेरी चूत में डालो!!!”

इस दौरान उसने मेरी चूचियों को कभी नहीं छोड़ा था और वो लगातर उन्हें दबाये जा रहा था। एक सेकँड रुकने के बाद उसने अपने लंड को मेरी चूत के मुँह पे सटा दिया और एक झटके के साथ उसके अंदर डाल दिया। उसके कुल्हों के झटके ने मेरे नीचे वाले हिस्से को कार के ऊपर उठा लिया था।

मैं जोर से चिल्ला उठी। उसने धीरे से फिर अपना लंड मेरी चूत से निकाला और फिर झटके से डाल दिया। उसने अब मेरे बाल छोड़ दिये थे और अपना हाथ मेरे कुल्हों पे रख दिया था। अब वो एक पागल हैवान की तरह मेरी चूत के अंदर बाहर अपना लंड पेल रहा था और मैं उसके हाथों में एक खिलौने की तरह खेली जा रही थी। उसकी आवाज़ें मुझे सुनाई दे रही थी। वो एक जंगली जानवर की तरह कराहा रहा था। वो ऐसे मेरी चूत का पूरा लुत्फ़ उठाये जा रहा था जैसे कि ज़िंदगी में पहले चूत चोदी ही ना हो।

“आआघहह आहहहघहह कुत्तिया देख मेरा लंड कैसे जा रहा है तेरी चूत में… देख वो कैसे फाड़ रहा है तेरी इस चूत को... देख रंडी देख।”

मैंने बहुत कोशिश की कि उसको अपनी चुदाई में साथ ना दूँ पर मैंने ज़िंदगी में कभी खुद को इस कदर मुकम्मल महसूस नहीं किया था। मेरी चूत ने उसका तमाम लंड खा लिया था और फिर मुझे महसूस हुआ कि मेरी चूत ने मुझे धोखा देना शुरू कर दिया है और उसके लंड के आसपास एक दम सिकुड़ गयी है जैसे कि वो उसे पूरा चूस लेना चाहती हो। चुदाई की मस्ती का पूरा समँदर मेरे अंदर उमड़ पड़ा था। पता नहीं मेरे साथ ऐसा क्यों हो रहा था। अब उसने मुझे कार के बोनेट पे झुका के पूरी लिटा दिया और मेरी रसभरी चौड़ी चूत को तेजी से चोदने लगा। जब भी वो मेरे अंदर घुसता था तब मेरी चूत उसके लंड को गिरफ़्त में लेने की कोशिश करती थी और उसके आसपास टाईट हो जाती थी। हमारे भीगे जिस्मों के आपस में से टकराने ने मुझे बेहद चुदासी कर दिया था। उसकी आवाज़ अब एक घायल हुए भेड़िये जैसी हो गयी थी, जैसे उसे दर्द हो रहा हो।

“मममम..... आआआहहह..... बहुत मज़ा आ रहा है तुझे चोदने में...आहहह सबा कितनी ही पढ़ी-लिखी आधुनिक दिखने वाली औरतों को चोदा है... आहहह पर तेरे जैसी कोई नहींईंईंईं !!!”

वो बड़ी तेज़ रफ़्तार से अपना मोटा काला लंड मेरी चूत की गहराईयों में पेल रहा था। जब-जब वो अंदर पेलता था मेरा जिस्म कार के हुड पे ऊपर खिसक जाता था। उसके लंड का भार मेरी क्लिट को मसल रहा था। मेरी सूजी हुई क्लिट में अजीब सी चुभन और सेनसेशन थी।

“ओहहह नहींईंईंईं आहहहहह... ओहह... ओहहहह अल्लाहहहह...!” मैं झड़ने लगी थी और मेरी चूत थरथराने लगी थी। “आह हा हाह हाह हाहाह...!”

उसे पता चल गया था कि मैं झड़ चुकी हूँ और वो हँसने लगा।

“मुझे मालूम है तुझ जैसी चुदासी औरतों को बड़े और मोटे लंड बहुत पसँद होते हैं...! हर शहरी आधुनिक औरत को लंड अपनी चूत में लेके अपनी चूत का भोंसड़ा बनाना पसँद होता है.. तू उनसे कोई अलग नहीं है। तू भी सब मॉडर्न औरतों की तरह चुदासी है। साली अगर तुम औरतों को मेरे जैसे देहातियों के तँदुरुस्त लंड मिल जावें तो तुम हमारी राँडें बन के रहो। तुझे तो अपने आप पे शर्म आनी चाहिये रंडी कि मेरे इस लंड के सैलाब में तेरी चूत जो झड़ गयी”

मुझे खुद से घिन्न आने लगी और दिल ही दिल उसपे बहुत गुस्सा आया कि उसने मेरी चूत चोद के उसे झड़ने पे मजबूर कर दिया। उसने अपना लंड मेरी चूत में से निकाल के मेरी गाँड पे रख दिया। मैं तो जैसे नींद से जाग उठी और फिर काँप गयी जब मेरी गाँड के छेद पे धक्क लगा।

“यही तो सवाल था मेरी राँड... तुझे मेरा लंड अपनी चूत में पसँद है या फिर मैं उसका नमूना तेरी इस कसी हुई गाँड को भी दिखाऊँ... बोल कुत्तिया बोल!”

“नहींईंईंईंईंईं... प्लीईईईईज़ नहीं मेरी गाँड नहीं...!” चिल्लायी।

“क्यों साली। टाईट साड़ी और ऊँची हील की सैंडल पहन के बहुत गाँड मटका-मटका के चलती है... ले ना एक बार मेरा मूसल अपनी गाँड में... तेरी गाँड को भी पता चले कि ऐसा मस्त लंड क्या होता है!” उसने गुर्रा के कहा।

मैं उसके सामने काफी गिड़गिड़ायी। वो बेशर्मी से हँसते हुए मेरे मम्मों को मसलता रहा। मेरी चूंचियाँ जैसे हिमालय की चोटियों की तरह तन गयी थी। उसने चूचियाँ गरम कर के ऐसी कठोर बना दी थीं कि अगर ब्लाऊज़ पहना होता तो शायद उसके सारे हुक टूट गये होते।

“प्लीईईई...ज़ज़ मेरी चूत में डालो अपना काला मोटा लंड… प्लीज़ उसे फाड़ दो… बना दो उसे भोंसड़ा प्लीज़... लेकिन मेरी गाँड मत मारो। मैं तुम्हारी राँड बनके रहुँगी। तुम कहोगे तो तुम्हारे दोस्तों से भी चुदवाऊँगी लेकिन मेरी गाँड को बख़्श दो... प्लीज़ मेरी चूत को चोदो। मुझे बहुत पसँद है की तुम्हारा लंड मेरी चूत में जाके उसका भोंसड़ा बना दे... प्लीज़ मुझे अपने लंड से चोदो... मेरी चूत को चोदो...!” मुझे पता नहीं एक औरत कैसे यह सब कह सकती है किसी अजनबी मर्द को कि वो अपने लंड से उसकी चूत का भोंसड़ा बन दे। पता नहीं मेरे मुँह से ये अल्फाज़ कैसे निकल आये... क्या यह मेरा डर था या फिर मेरी चूत ही थी जो अपील कर रही थी।

“बढ़िया मेरी राँड। मैं यही सुनना चाहता था!” और उसने एक ही झटके में अपने काले मोटे लंड को मेरी फुदकती हुई चूत में घुसा दिया। उसके ज़ोरदार झटके ने मेरी सारी हवा निकाल दी थी। ऐसा लगा कि उसका लंड सीधा मेरे गर्भाशय को छू रहा हो। वो अब ज़ोर-ज़ोर से मेरी चूत के अंदर-बाहर हो रहा था। उसके लंड ने मेरी चूत को एकदम चौड़ा कर दिया था और मेरी चूत उसके इर्द-गिर्द मियान के जैसे चिपक गयी। उसकी जोरदार चुदाई ने मेरी चूत को फलक पे पहुँचा दिया था। “पुच्च.. पुच.. पुच्च...” जैसी आवाज़ें आ रही थीं जब उसका लंड मेरी चूत से अंदर-बाहर हो रहा था।

“आहहहह आहहहह आहहह सबा मैं अब तेरी चूत को अपने लंड के गाढ़े रस से भरने वाला हूँ!” वो गुर्राया।

“प्लीईईईईईईज़ ऐसा मत करनाआआआआ मैं तुम्हारा सारा रस पी लूँगी प्लीज़ मेरी चूत में अपना रस मत डालना… मैं प्रेगनेंट होना नहीं चाहती हूँ!”

उसका लंड अब बिजली कि तरह मेरे अंदर-बाहर हो रहा था और जोर-जोर से अवाज़े निकालता था। मेरी चूत अपने चूत-रस से एक दम गीली हो गयी थी और क्लिट तो मानो सूज के लाल-लाल हो गयी थी। मेरा चूत-रस चू कर मेरी जाँघों पे बह रहा था और बारिश के पानी में मिल रहा था। अब उसने मुझे मेरे बालों से खींच के कार के हुड से नीचे उतारा और अपने सामने खड़ा कर दिया। मैं अपने आप ही उसके कुल्हों को अपनी और खींच रही थी और उसे झटके दे रही थी।

“आहहहह... आहहह और तेज... और तेज सबा... और तेज चोद मुझे... और तेज!”

मैं जैसा वो कह रहा था वैसा करने लगी और एक राँड की तरह झटके देने लगी। मुझे खुद पे बेहद शर्म आने लगी थी। मैं एक राँड बन गयी थी... उसकी राँड… मैं क्यों नहीं रूकी… मैं रुकना नहीं चाहती थी।

“मैं अब झड़ने वाला हूँउँउँ छिनाल मैं तेरी चूत में झड़ने वाला हूँ मेरे साथ तू भी झड़ जाआआआ...!”

उसने कस के अपना एक हाथ मेरी कमर में डाल के एक जोर का झटका दिया और उसका लंड जैसे कि मेरे गर्भाशय तक पहुँच गया।

“आआआहह... आआआहहह...!” वो चिल्लाया और मुझे थोड़ा सा पीछे ठेल के मेरी गाँड कार के बोनेट पे टिका दी।

जब उसने अपने रस की पहली धार मेरी चूत की गहराई में छोड़ दी तो उसकी पहली धार के साथ ही मैं भी झड़ गयी। “आआआहहहह.... आआआघहह..ओहहह... नहींईंईंईं...!” मेरी चूत उसके लंड के आसपास एकदम सिकुड़ गयी। उसके लंड-रस की दूसरी धार भी मुझे मेरे चूत के अंदर महसूस हुई।

जब उसका लंड अपने रस से मेरी भूखी चूत को भर रहा था, तब वो जोर-जोर से दहाड़ रहा था और चिल्ला रहा था। वो लगातार अपना रस मेरी चूत में डाल रहा था। मेरी टाँगों में ज़रा भी ताकत नहीं बची थी और मैं अब बोनेट पे टीकी हुई थी। मेरी टाँगें और बाहें हवा में झूला खा रही थीं और उसका मोटा काला लंड मेरी चूत में अपना रस भर रहा था। वो आखिरी बार दहाड़ा और मेरे ऊपर हाँफते हुए गिर गया। वो वहाँ बोनेट पे मेरे ऊपर उसी हालत में कुछ पल पड़ा रहा और उसका लंड धीरे-धीरे मेरी चूत में से अपने आप बाहर आने लगा। उसका गरम-गरम लंड-रस मेरी चूत में से बह कर बाहर टपक रहा था।

“मममम.... सच मुच साली तू सबसे चुदास निकली... तेरे जैसी कई औरतों को चोदा है लेकिन तेरे जितना मज़ा मुझे किसी ने नहीं दिया...!” वो हँसते हुए कहता गया और अपनी पैंट पहन के मुझे नंगी हालत में छोड़ के चल दिया।

मैंने तब अपने कपड़ों की खोज की। ब्लाऊज़ और पैंटी के तो उसने पहनने लायक ही नहीं छोड़ा था, फट कर चिथड़े ही हो गये थे। मैं अपना बरसात में भीग हुआ पेटीकोट पहना और फिर किसी तरह गीली साड़ी लपेटी। चूत तो अंदर नंगी ही रह गयी थी पैंटी के बिना। फिर अपना पल्ला सीने पे ले आयी। नीचे तो सिर्फ़ ब्रा थी। फिर कार मे बैठ के चल पड़ी। अच्छी बात यह थी कि उस दिन घर में कोई नहीं था। इसी लिए किसी ने मुझे उस हालत मे नहीं देखा और किसी को मेरे रेप के बारे में कुछ पता भी ना चला।

॥॥॥समाप्त॥॥॥

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ShaziyaMirzaShaziyaMirzaabout 1 year ago

bohat hi mazedaar kahani hai...

AnonymousAnonymousover 1 year ago

MAST

AnonymousAnonymousalmost 2 years ago

मैं भी एक बार एसे ही फंस गई थी पर वो चार ताकतवर मर्द थे

कोई बचाने वाला नहीं था, मेरी ही गाड़ी में मुझे दबोच लिया और गाड़ी को ले कर पता नहीं कहा सुनसान में ले गए

पूरी तरह फंसे जाने की वजह से मैंने विरोध बंद कर दिया और पिटने से बच गई

गाड़ी की पीछे वाली सीट पर मैं खुद अपने कपड़े उतार दी और वो एक एक करके मेरे ऊपर चढ़ने लगे, पर उनके साथ सेक्स पति के साथ सेक्स जैसा नहीं था

पहला round खत्म होते होते मेरा बुरा हाल हो गया और शरीर पर जगह जगह नील पड गये पर ये तो शुरुवात थी second round में उन्होंने मुझे उल्टा लिटा दिया तो मैं डर के मारे चिल्लाने लगी

गाड़ी के वाइपर में डालने वाला साबुन वाला लिक्विड का पाउच वो मेरी गुदा में खोल दिए और गुदा के छेद के अंदर उंगली करके घुसा दिए

गुदा में जब लंड घुसा तो मैं चिल्लाने लगी पर वो साले हंसते रहे और दो लोग देर तक मेरी बजाते रहे बाकी दो मेरे मुंह में डाल दिए और मैं चुपचाप चूस ली की कहीं ये भी गुदा में ना डाल दे

इसके बाद भी वो लगे रहे कभी मुंह में कभी गुदा में

जब उनलोगों मुझे छोड़ा तो मै बड़ी मुश्किल से घर पहुंची

घर पर पति चिंता में मेरी wait कर रहे थे और सुन कर बहुत गुस्सा हुए पर छटपटा कर रह गए क्योंकि वो कौन थे ये पता नहीं था और पुलिस में जाने में अपनी ही बदनामी

चार चार मर्द उनकी पत्नी को रात भर पेले ये मेरे पति को बर्दास्त नहीं हुआ और इसमे वो मेरी कमी निकालते रहे और आखिरकार हमारा तलाक ही हुआ

AnonymousAnonymousover 2 years ago

koi mera bhi aisa rape kr de

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