जाने अनजाने - (भाग-2)

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अब मेरी पत्नी हमारे साथ मिलकर मजे लिए
2.9k words
3.4
115.2k
5

Part 2 of the 2 part series

Updated 10/24/2022
Created 01/27/2012
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उसके दो दिन बाद फिर नीताजी की फोन आया, कहने लगी-
"राज, कब आ रहे हो ?"

मैंने कहा-
"नीता जी, जब आप बुलाओ, मैं हाजिर हो जाऊंगा, बोलिए कब जाना है ।"

"राज, ऐसा नहीँ हो सकता ! तुम दोनोँ यहां आ जाओ, साथ मेँ मजे लेँगे ।"

सॉरी दस्तोँ, मैँने आप लगोँ को बताना भुल गया कि मैँ एक शादीशुदा आदमी हुं और एक सुन्दर सी सेक्सी पत्नी है मेरी । उसकी उम्र 32 साल होगी और मेरा 35 । मैँ दो बच्चोँ का बाप भी हुं ।

मेरी पत्नी का नाम सीमा है । बहुत गठीला और भरा हुआ बदन है उसका । उसकी सबसे सेक्सी अंग थी उसकी चौडी गांड जिसकी थिरक देख कर किसी भी मर्द के लंड खडा हो जाएंगे ।

खैर जब नीताजी की बात मैँने उसे बताई तो व एकदम से आश्चर्य-चकित रह गई और उससे मिलने का मन बना लिया ।

और हमने अगले दिन रात को ठीक आठ बजे नीता की घर पहुंच कर बैल बजाई । नीता ने दरवाज़ा खोला और मेरे गले लग कर कहने लगी-
"राज, इतना इन्तज़ार मत करवाया करो ! कहां हैँ तुम्हारे पत्नी कबसे बेताब हुं मिलने के लिए ।"

मैंने कहा-
"सीमा भी आपसे मिलने के लिए बैचेन है । आपको देखने के लिए बडी उत्सुक हुई जा रही है ।"

और फिर मैँने दोनोँ को मिला दिया । नीता ने सीमा को गले लगा कर चुम लिया और हमेँ अंदर ले गयी । अपनी दोनोँ बच्चोँ से हमेँ मिलाते हुए नीता बोली-
"बेटा, ये हैँ राज अंकल और ये हैँ सीमा आंटी । ये मेरे ही ऑफिस मेँ काम करते हैँ और आज रात यहीँ रहेंगे ।"

बच्चे हमसे मिल कर बहुत खुश हुए । एक घंटे मैँने बच्चोँ के साथ गप्पे लडाता रहा, इसी बिच नीता और सीमा ने मिल कर खाना तैयार कर लिया । फिर सबने एक साथ खाना खाया । खाना खत्म करके बच्चे अपने कमरे मेँ सोने चले गए । नीता ने नीचे गेस्ट रुम मेँ हमारा बिस्तर लगा दी । मुझे और बर्दास्त नहीँ हो रहा था । सीमा नीता के साथ काम निबटा रही थी । मैँने अकेले दोनोँ का इंतजार करने लगा । आधे घंटे बाद दोनोँ कमरे मेँ आ गए तो मैँने नीता से पुछा-
"नीताजी, बच्चे सो गए क्या ?"

नीता ने थोडी सी मुस्कराई और अलमारी से एक विस्की का बोतल निकालती हुई बोली-
"वे तो कब के से चुके हैँ, अब हम अपना काम आराम से कर सकते हैँ ।"

फिर नीता ने तीन पैग विस्की के बनाये, हम सबने आपस में चियर्स किया, अपने-अपने पैग खत्म किये, एक दूसरे के गले लगे । उसके बाद नीता ने तीन और पैग बनाये और पैग खत्म करने के बाद हम तीनों ने अपना चुदाई का कार्यक्रम शुरु किया । एक गहरी सांस लेकर हमने अपने-अपने मुंह ऐसे घुमाये कि सबके होंठ सट गए । हम एक दूसरे के होंठों को चुमने लगे । फिर नीता ने सीमा को अपनी बाहों मे कस लिया और उसकी होंठों को बेतहाशा चुसने में लग गई ।

मैँने खुद को दोनोँ से अलग कर दिया । मेरे बदन में सेक्स का नशा छाने लगा था । मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि एक औरत भी दुसरी औरत को इस तरह मज़ा दे सकती है ।

अब नीता का हाथ सीमा की ब्लाउज़ पर पहुंच चुका था और उसने एक सैकेंड में सारे हुक खोल डाले और चुचियोँ को सहलाने लगी । सीमा की स्तन काफी बड़े और दूध की तरह गोरे थे । फिर नीता अपनी जीभ से सीमा की चुचेँ चाटना शुरू कर दिया । साथ ही दुसरे स्तन को हाथ से मसलती जा रही थी ।

ये देख कर मेरी उत्तेजना लंड तक पहुंचने लगा था । फिर नीता ने अपना साडी और ब्रा उतार फैंके । उसके स्तन भी भरे पुरे थे और चुचियां तनी हुईं थीं । नीता ने अपनी चुचियां सीमा की छातियों से सटा दी और फिर अपने होंठ उसकी होंठों से सटा दिये । दोनोँ की चुचियां आपस मेँ टकरा रही थी और दोनोँ एक दूसरे से चिपक कर बेतहाशा किस करने लगे ।

दोनोँ औरतोँ की मस्ती देख कर मेरा सारा बदन मस्ती में डुबता जा रहा था । फिर नीता ने मेरी पत्नी का हाथ अपनी स्तन पर रख लिया और बोली-
"प्लीज़, दबाओ न इन्हेँ ।

सीमा उसके स्तनोँ को मसलने और दबाने लगी । नीता भी आंखे बंद करके मिंजवाने का मज़ा लेने लगी । फिर सीमा ने उसकी निप्पल अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगी ।

सच बताऊं, दोनोँ की चुमा-चाटी देख कर मुझे बहुत मज़ा आने लगा था और अपना लंड निकाल कर सहलाने लगा ।

काफी देर तक वे दोनों एक दुसरे के चुचियां चुसते रहे । कुछ देर बाद नीता ने सीमा को पलंग पर लिटा दिया और उसकी साडी, पेटिकोट खोल डाली और पैंटी भी खोल कर उसे पुरा नंगा कर दिया । मेरी पत्नी थोड़ी शरमा रही थी और अपने हाथ अपनी टांगों के बीच चूत पर रख लिये ।
नीता बोली-
"मत शर्माओ सीमा, मैं भी अपनी सारी कपड़े उतार देती हुं ।"

कहने के साथ उसने भी अपनी पेटीकोट, पैंटी नीचे करके उतार दी और बिल्कुल नंगी हो गई । पैँटी के निचे सरकाते ही नीता की 8 इंच का आधा तना लंड बाहर आ गया । सीमा बडी देर से इसी पल के इंतजार मेँ थी, कितना बडा लंड ! उसने लंड को मुठ्ठी मेँ भर ली और मेरी तरफ देख कर दोनोँ लंडोँ की तुलना करने लगी । महिलाओँ की भी लंड उगती है ? ये आज मेरी पत्नी पहली बार देख रही थी । मेरा लंड नीता की लंड से 3 इंच छोटा था । नीता की लंड लम्बा तो था ही साथ मेँ मोटा भी उतना ही था । सीमा नीता की लंड के साथ पुरे अंडकोष पर हाथ फिराते हुए उसकी तरफ देखी तो नीता मुस्करा दी और बोली-"कैसी लगी मेरी लंड ! अब चाटो इसे ।"

तभी मैँने भी अपना सारा कपडा उतार दिया और नीता की बगल मेँ लेट गया । उसकी एक तरफ मेरी पत्नी थी और दुसरी तरफ मैँ । सीमा ने नीता की लंड को मुठ्ठी मेँ लेकर उपर-निचे करने लगी और एक स्तन को चुमने लगी । मैँने भी नीता की बड-बडे अंडोँ को सहलाने लगा और दुसरी स्तन को मुंह मेँ लेकर चाटने लगा ।

नीता अब मस्ती मेँ आंखेँ बंद कर के हम दोनोँ के सर को चुचियोँ पर दबाते हुए अपनी भारी गांड उचकाने लगी । फिर सीमा ने स्तन छोडी और नीचे जाकर नीता की मोटी जांघोँ को फैला कर तनी हुई लंड को मुंह मेँ भर कर चुसने लगी । पुरी लंड को जड तक चाटते हुए चुसने लगी । फिर कुछ देर नीता की लंड चाटने के बाद सीमा ने लंड को मुठियाते हुए उसकी विशाल अंडकोष मुंह मेँ भर कर चुसने लगी तो उससे रहा नहीँ गया और उसने सीमा की बालोँ को पकड के सर को अपनी लंड पर दबाने लगी और गांड हवा मेँ उछालने लगी ।

मस्ती मेँ नीता की मुंह से सिसकारीयां निकलने लगी । तभी मैँने नीता की उरोजोँ को छोड कर उसकी होँठोँ को चुसने लगा । सीमा अब नीता की गांड के छेद पर जीभ चलाने लगी और लंड को जोर-जोर से मुठियाने लगी । तभी मैंने नीता की लाल सुपाडी पर जीभ चलाना शुरु कर दिया । अब नीता की हालत और खराब हो गई और व उत्तेजना के मारे कांपने लगी ।

कुछ देर तक ये चटाई का सिलसिला चलता रहा और फिर नीता ने उठ कर मेरी पत्नी के जांघोँ को फैला कर बुर के सामने बैठ गई । सीमा की गोरेपन के कारण उसकी बुर बहुत सुंदर थी, हल्के-हल्के झांट उगे थे । उसकी बुर की दोनों फांकें उभरी पर सटी हुई थीं । नीता हल्के-हल्के मेरी पत्नी की चुत को सहलाने लगी और फिर उसने बुर की दोनों फांकों को हल्के से फैला दिया । अंदर से सीमा की चुत बिल्कुल गुलाबी थी ।
ऊपर बुर का दाना और नीचे टाइट छेद देख कर नीता बोली-
"हाय, क्या मस्त माल है तुम्हारी सीमा ! चोदने मेँ मजा आ जाएगा ।"

नीता ने मेरी पत्नी की बुर को चुम लिया फिर धीरे से अपनी जीभ से बुर के दाने को चाटने लगी । सीमा को तो करेंट जैसा लगा और आंखें बंद करके बुर में हो रही सिहरनों का आनन्द लेने लगी ।
कुछ देर तक नीता सीमा की बुर के छेद को चाटने के बाद जीभ को बुर मेँ थोड़ा अंदर घुसा दिया और अंदर-बाहर करने लगी । साथ ही साथ नीता अपनी लंड भी मुठिया रही थी और मैँ उसकी चुचियों को सहला रहा था ।

कुछ देर बाद नीता ने सीमा की गांड में उंगली डाल दी और धीरे धीरे अंदर-बाहर करते हुए उसकी बुर के गुलाबी छेद को चाटने लगी । सीमा ने भी अपनी गांड और बुर में हो रही फीलिंग का मज़ा लेने लगी ।

अब मैँने नीचे जाकर नीता की लंड को होठों मेँ भर के चुसने लगा और साथ ही अपनी दो उंगलियां उसकी गांड के छेद में घुसेड़ कर तेजी से अंदर-बाहर करने लगा । नीता अब अपने भारी चुतड़ उठा-उठा कर धक्का मारना शुरू कर दिया । नीता की लंड झनझनाने लगी और उसकी मुंह से आहें निकलने लगी । मेरी पत्नी के मुंह से सिसकियां निकल रही थी । सीमा बिल्कुल गरम हो चुकी थी और बोली-"अब बस नीताजी! इस बुर की आग बुझा दो ।

फिर नीता अपनी लंड को मेरे मुंह से निकाल कर मुझे अपने से अलग किया ओर सीमा की जांघोँ के बिच लंड पकड कर बैठ गई । मेरी पत्नी की बुर के लाल दरार पर लंड रगडते हुए नीता बोली-
"ले रंडी, चुदवा ले मुझसे ! आज तो मैँ तुम्हारी बुर फाड दुंगी ।"

नीता की मुंह से ऐसी गंदी बातेँ सुन कर मैँ वासना के रस मेँ डुब गया । अब हम तीनोँ पर शराब का नशा चढने लगा था ।

सीमा की बुर गीली हो चुकी थी, मैँने पिछे से जा कर नीता की भारी गांड के दरार पर हाथ फेरते हुए उसकी विशाल लंड को मेरी पत्नी की बुर के छेद मेँ भिडा दिया । नीता ने सर घुमा कर मुझे चुम लिया और गांड उछाल कर एक ऐसा धक्का मारी की एक ही बार मेँ उसकी 9 इंच की लंड पुरी अंदर पहुंच गई । सीमा दर्द से चीख पडी । फिर निता सीमा के उपर झुक गई और उसकी होँठोँ को चुमते हुए धीरे-धीरे उसकी बुर मेँ लंड पेलने लगी । सीमा दोनोँ पैर नीता की कमर मेँ लपेट ली । नीता अपनी गांड जोर-जोर से हिला कर आगे-पिछे होने लगी और सीमा को चोदने मेँ लग गई ।

मैँने नीता की उछलती हुई मस्त गांड को एक हाथ से सहला कर मेरी पत्नी की बुर चोदने मेँ उसकी उत्साह बढा रहा था । बडा मजा आ रहा था मुझे, अपनी पत्नी को एक दुसरी औरत की मूषल लंड से चुदवाते हुए देख कर ।

सीमा की मुंह के सामने नीता की दुध लटक रही थी जिनको व मुंह मेँ भर कर चुसने मेँ लग गई । नीता मस्ती मेँ तडप उठी और बहुत जोर-जोर धक्के लगाते हुए मेरी पत्नी को चोदने लगी ।

नीता एक माहिर खिलाड़ी लग रही थी । उसकी चोदाई देखते हुए मैँने अपना लंड मुठिया रहा था । वैसे तो नीता एक औरत ही थी, पर बिल्कुल मर्द की तरह मेरी पत्नी की बुर चोद रही थी । सीमा भी नीचे से अपनी गांड उछालती हुई नीता का पुरा साथ दे रही थी ।

काफी देर तक चुदाई के बाद मेरी पत्नी अपनी चरम सीमा पर पहुंच गई और उसकी मुंह से सिसकारीयां निकलने लगी । नीता भी एक हाथ से सीमा की सर को अपने दुध पर दबाते हुए पागलोँ की तरह उसे चोदे जा रही थी । पुरा कमरा दोनोँ के चुडियां और पायल से निकले आवाजोँ से गुंज रहा था ।

नीता गच-गच अपनी लंड सीमा की बुर मेँ अंदर-बाहर करते हुए चोद रही थी । अब तो नीता की मस्ती आसमान तक पहुंच चुकी थी ।
अचानक नीता ने अपनी रफ्तार बढा दी, उसने मस्ती मेँ बडबडाने लगी और जोर से-
"आआआ....ईईई.....इअआ आआई.... करते हुए अपनी भारी गांड हवा मेँ उपर किए और हिचकोले मारते हुए लंड को बुर मेँ जड तक पेल कर झडने लगी । सीमा भी कराहते के साथ झड गई ।

थकान के कारण दोनोँ एक दुसरे से लिपट कर पडे रहे । अभी तक नीता की लंड सीमा की बुर के अंदर ही था । मैँने नीता की गांड की तरफ आया, अभी भी सीमा ने दोनोँ पैर नीता के कमर पर लपेटे रखा था ।

मैँने नीता की उभरी चुतड को फैला कर भुरे रंग के छेद को चाटना चाहा तो उसने बुर से अपनी लंड निकाल ली । पुरा लंड वीर्य और बुर रस से तर गया था । फिर मैँने गांड को चुसते हुए नीता की लंड को पिछे से मुंह मेँ भर कर चाटने लगा । जब नीता ने देखा की सीमा की बुर से उसकी लंड से निकले गाढा वीर्य टपक रहा है, झट से उसने सीमा बुर को अपने मुंह के पास खींच लाई और बुर से टपक रहे रस को चाट-चाट कर खाने लगी । चटाई खत्म करके नीता एक और लेट गई ।

फिर मैँने अपना लंड सीमा की मुंह में डाल दिया, व उसे चुसने लगी । अब मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया । मैँने सीमा को लिटाया और उसकी बुर पे अपना लंड रख दिया, सीमा की मुंह से आवाज़ आ रही थी-
"ओह्ह.. राज तुम भी चोद दो अभी!"

मैँने अपना लंड पुरा का पुरा उसकी बुर में डाल दिया और जोर से चोदने लगा । अब नीता ने भी उठ कर अपना लंड मेरी पत्नी के मुंह में डाल दिया । अब सीमा दो-दो लंड खा रही थी । कुछ देर बाद नीता की लंड फिर से चोदाई के लिए तैयार हो गया । अब नीता ने मेरी पत्नी को ऊपर आने को बोली । अब सीमा मेरे ऊपर आ गई । उसने मेरी लंड पर अपनी बुर रखा और ऊपर से पुरा लंड अपनी बुर मेँ अंदर ले गई । मैँने उसके दूध को दबाने लगा । सीमा अपनी मांसल गांड हिला-हिला कर उपर से चुद रही थी ।

नीता अपनी लंड मेरे पत्नी की गांड में रगड़ने लगी । सीमा की गांड बड़ी टाईट थी इसलिए नीता की लंड अन्दर नहीं जा रहा था । फिर नीता ने उठ कर टेबल से एक कंडोम और ऑलीव तेल ले आई । फिर नीता ने अपनी लंड पर कंडोम चढा कर तेल लगा ली । अब नीता अपनी लंड को गांड के छेद मेँ रगडने लगी, सीमा अपनी मस्त गांड को हिला-हिला कर उसका साथ दे रही थी और नीचे से मैँ उसे चोद रहा था । अब नीता ने फिर से अपनी लंड डालने की कोशिश की । अब उसकी आधी लंड मेरी पत्नी की गांड के अंदर चला गया । मेरी पत्नी सिसकियां ले रही थी । अब नीता अपनी लंड से उसकी गांड मार रही थी, उसे भी मज़ा आ रही थी, मस्त गांड जो मिली थी उसे !

नीता ने उपर से इतनी जोरोँ से धक्के लगाए जा रही थी कि मुझे लगने लगा, नीता औरत नहीं बल्कि कोई मर्द है जो अपनी लंड से मेरी पत्नी की गांड चोद रही है ।

हम तीनोँ पर अजीब सा जुनुन सवार था । नीता और मेँ एक ही साथ सीमा की बुर और गांड मेँ चोदाई कर रहे थे । सीमा भी मस्ती मेँ कराहने लगी थी । हम सीमा की दोनोँ छेद का आनन्द ले रहे थ ।

काफी देर इस तरह चोदाई के बाद नीता चरम सीमा पर पहुंच गई, उसकी मुंह से सिसकारीयां निकलने लगीं और व सीमा की गांड मेँ ही झड गाई । फिर नीता ने गांड से अपनी लंड निकाली और कंडोम निकाल कर लंड को मेरी पत्नी के मुंह में डाल दिया । कुछ ही देर में मैँने भी अपना सार वीर्य सीमा के बुर में डाल दिया और झड गया ।

रात के दो बज चुके थे । थकान के कारण हम नंगे ही साथ सो गए । सुबह को मैँ जल्दी उठ गया, देखा नीता और सीमा अभी तक सो रहीँ थी । मैँने दोनोँ औरतोँ के नंगे जिस्म को निहारने लगा । कितनी सेक्सी और भरी हुई थी दोनों की शरीर, किसी भी मर्द को पागल बना सकती हैं दोनों । पर एक औरत की बुर थी और दूसरी की एक विशाल लंड । बिल्कुल मर्द जैसा लंड । पुरी तरह से मर्द के लंड जैसा ही चोदने में सक्ष्यम ।

कितनी अजीब जिँदगी थी नीता की, स्त्री के शरीर पर लंड लिए जी रही है । मर्द के बराबर उसकी लंड चोदने मेँ माहिर था । मैँने अपने लंड पर नजर गडाया । कितना फर्क था, मेरा लंड अब 4 इंच का हो चुका था जबकी नीता की लंड नॉर्मल मेँ ही 7 इंच का था लम्बा और मोटा । मैँने धीरे से उसकी लंड को मुठ्ठी मेँ भरा, लाल सुपाडा अभी तक बाहर था । और मैँने लंड को थोडा निचोड कर सुपाडा अंदर करने लगा तो व जाग गई और बोली-
"क्या कर रहे हो राज ! अभी सुबह हो चुकी है ।"

फिर उसने घडी देखा तो उछरती हुई बिस्तर से उठ खडी हुई और बोली-
"अभी मुझे जाना चाहिए, नहीँ तो बच्चे उठ कर मुझे ढुंडते हुए यहां आ जाएंगे ।"

फिर उसने मुस्कराती हुई मेरी पत्नी की गांड को सहलायी और कपडे समेट कर नंगे ही अपने कमरे चली गई । जाती हुई नीता की लंड और चौडी गांड की थिरक देख कर मेरा लंड फिर से तनने लगा । उसके जाते ही सीमा ने दरवाज़ा बंद करके अपनी बुर सहलाई । व बड़ी खुश लग रही थी और हो भी क्यों नहीं, उसे दो-दो लंड से मजा जो मिले थे ।

सुबह के छे बजे हम लोग नीता और उसके बच्चोँ से विदा ली और घर के लिए रवाना हुए ।

समाप्त ।

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2 Comments
AnonymousAnonymousabout 4 years ago
Beautiful 😍 story

Nice story

shang40shang40almost 7 years ago

It's a solid fun to be with a she-male. I hope someday I will meet Neeta and will get her sexy cock first for me and then for my wife also.

More I would like to introduce her to my widow mom and sisters to get lesbian fucking.

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