Dono bahan Chudi, दो बहनों के साथ

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तो दीप्ति बोली- आज तो थोड़ा कम शोर हुआ... असली शोर तुझे फिर कभी सुनाएंगे।

इतने में वेटर लंच लेकर आ गया। मैंने अपना और दीप्ति का पेग बनाया। दो दो पेग लगाने के बाद हमने खाना खाया।

खाने के बाद मैं बेड पर लेट कर सिगरेट के कश लगाने लगा खाने के बर्तन साइड में रख कर दीप्ति मेरी बगल में आकर लेट गयी और वन्दना हमारे पाओं की तरफ बैठ कर सिगरेट पीने लगी।

दीप्ति मेरा लन्ड सहलाते हुए वन्दना से बोली- जल्दी से सिगरेट खत्म कर और मेरे सामने अपने जीजू के साथ मस्ती कर!

इससे पहले वन्दना कुछ कहती, मैं बोला- दीप्ति, क्यों ना अब हम तीनों एक साथ सेक्स करें?

दीप्ति - तुम्हारा मतलब हम थ्रीसम करें?

मैं- हां और इसमें हर्ज़ ही क्या है। जब वन्दना हमारे बारे में सब जानती है और तुम्हें भी पता है कि मैं अभी कुछ देर पहले वन्दना को चोद चुका हूं। मैं तुम दोनों को नंगी देख चुका हूं, तुम दोनों ने भी मुझे नंगा देखा है तो थ्रीसम करने में क्या दिक्कत है?

वन्दना अंदर से तो राजी थी पर दीप्ति को सुनाते हुए बोली- पर जीजू मुझे दीदी के सामने नंगी होते शर्म आएगी।

दीप्ति - जानू, शर्म तो मुझे भी आएगी अपनी छोटी बहन के सामने नंगी होते! और आप इकट्ठे सेक्स करने की बात कर रहे हो।

मैं- चलो पहले तुम्हारी दोनों की शर्म ही दूर कर दूं।

यह कहते हुए मैंने वन्दना से जूस और वोदका लाने को बोला।

वन्दना- फिर से पेग जीजू? अभी तो खाना खाया कुछ देर पहले।

दीप्ति - ले आ वन्दना... ये नहीं मानने वाले आज।

मैंने उन दोनों के थोड़े स्ट्रांग पेग बनाये और अपने लिए हल्का पेग बनाया। मैंने दोनों के पेग में जूस बहुत कम डाला था।

वन्दना- उम्म... बहुत कड़वा है, इसमें थोड़ा जूस डाल दो।

मैं- नहीं मेरी जान, ऐसे ही पियो, तभी तुम्हारी शर्म दूर होगी। दीप्ति तुम भी एक ही सांस में खींच जाओ पेग!

यह बोल कर मैं बिल्कुल नंगा हो गया।

मुझे नंगा देख कर दोनों ने एक ही घूंट में अपने गिलास खाली कर दिए।

मैंने उन्हें एक एक सिगरेट दी। कुछ देर बाद दोनों पर नशा हावी होने लगा। दोनों ने सिगरेट बुझाई।

वन्दना को कुछ ज्यादा नशा हो गया, वो मेरे पास आई और मेरे लन्ड से खेलते हुए बोली- हम्म... तो बोलो जीजू क्या करना है?

दीप्ति मेरी तरफ देख कर हँसने लगी और बोली- हाँ बोलो जानू, क्या करना है?

मैं- चलो अब तुम दोनों एक दूसरे को नंगी करो। सबसे पहले वन्दना, तुम दीप्ति की कमीज उतारो!

दीप्ति ने हल्के पीले रंग का कॉटन का सलवार सूट पहना था।

वन्दना- जो हुकुम मेरे आका!

बोल कर दीप्ति की कमीज निकाल दी, दीप्ति ने नीचे ब्रा नहीं पहनी थी।

ये देख कर वन्दना बोली- वाह दीदी, आपके सन्तरे तो बड़े ही गए।

दीप्ति - बड़े नहीं होंगे तो और क्या होंगे? तेरे ये जीजू इन्हें क्या कम मसलते और चूसते हैं।

मैं- दीप्ति, अब तुम वन्दना को बिल्कुल नंगी कर दो और खुद भी नंगी हो जाओ।

दीप्ति ने ऐसा ही किया।

अब मैंने दोनों को बेड पर बुलाया और वन्दना को दीप्ति की चूत चाटने को बोला तो उसने झट से दीप्ति की चूत को मुंह में भर लिया और उसकी चूत के दाने पर जीभ फेरने लगी।

ऐसा करने से दीप्ति एकदम मचल गयी। वो खड़ी हुई और मेरे बिना कहे दोनों बहनें 69 की पोजिशन में हो गयी। दोनों बहनें सिसकारियां ले ले कर एक दूसरे की चूत चाट रही थी क्योंकि दोनों ही पहली बार किसी औरत से चूत चटवा रही थी तो दोनों ही एक साथ झड़ गयी।

मैं सोफे पे बैठा दोनों को देख रहा था।

मैंने दीप्ति को अपने पास बुलाया। वो आकर मेरी जांघों के ऊपर बैठ गयी। मैं उसके होंठ, जिन पे वन्दना की चूत का पानी लगा था, चूसने लगा।

फिर मैंने वन्दना को भी बुलाया।

अब वो दोनों मेरे लन्ड से खेलने लगी।

मैं उठकर सोफे पे बैठ गया वो दोनों भी मेरे अगल बगल बैठ गयी। दीप्ति मेरा लन्ड पकड़ कर ऊपर नीचे करने लगी। मैं वन्दना के होंठों को चूमने लगा, हम दोनों की जीभ आपस में खेलने लगी।

थोड़ी देर बाद दीप्ति ने मुझे खिसका कर नीचे कर दिया और खुद सोफे पर घोड़ी बन कर मेरा लन्ड चूसने लगी। मैंने अपना हाथ पीछे घुमा कर उसकी चूत में उंगली दे दी और उंगली से उसकी चूत चोदने लगा।

दीप्ति पूरी शिद्दत से मेरा लन्ड चूस रही थी। उसने अपने थूक से मेरा पूरा लन्ड गीला कर दिया जिससे उसके थूक की तारें बनने लगी।

उधर वन्दना ने अपने दोनों पैर मोड़ कर अपनी गांड के नीचे रख लिए और अपने चुचों को मेरे मुंह में देने लगी। मैंने उसके चुचों को चूसते हुए उसके एक निप्पल पर हल्का सा काट दिया तो वो दर्द से उछल गयी और बोली- हाय जीजू, ऐसे मत काटो, निशान पड़ जायेगा।

फिर मैं सोफे पर लेट गया। दीप्ति के चूसने से मेरा लन्ड बिल्कुल तन गया था जिसे देख कर वन्दना के मुंह में पानी आ गया। वो बोली- बस करो दीदी, अब मुझे भी जीजू का लन्ड चूसने दो!

दीप्ति बोली- आ जा मेरी प्यारी बहना, तू भी चूस ले!

मेरा लन्ड दीप्ति के थूक से सना हुआ था जिसे वन्दना झट से मुंह में लेकर चूसने लगी।

मैंने दीप्ति को अपने मुंह पर बिठाया और उसकी चूत चाटने लगा। थोड़ी देर बाद दीप्ति पूरी मस्ती में आ गयी, उसके मुंह से कामुक सिसकारियां निकलने लगी। वो आह आह करने लगी और 'अंदर तक अपनी जीभ डालो... जानू खा जाओ मेरी चूत के दाने को!' ऐसा बोलने लगी।

मैं उसकी चूत की फांकों को हल्का हल्का काटने लगा।

मेरे ऐसे करने से वो आ आ आ आह करके झड़ गयी और उठ कर वन्दना के पीछे जाकर उसकी चूत चाटने लगी।

बहुत ही कामुक नजारा था।

अब मैंने दीप्ति को बेड पर लिटाया और उसकी गांड के नीचे तकिया रख कर उसकी टांगें हवा में फैला दी जिससे उसकी चूत बिल्कुल ऊपर को हो गयी। मैंने दीप्ति की चूत पर लन्ड सेट किया और एक जोरदार झटके से अंदर पेल दिया.

दीप्ति ने अपने होंठ दांतों में भींच लिए मैं धीरे धीरे झटके मार रहा था और वन्दना उसके चुचों को चूस रही थी।

अब दीप्ति फिर से चुदासी हो गयी और अपनी गांड को उठा उठा कर लन्ड को अंदर लेने लगी। उधर वन्दना अब उठ कर दीप्ति के मुंह पर बैठ कर चूत कटवाने लगी। थोड़ी देर बाद मैंने दीप्ति की चूत से लन्ड निकाल कर वन्दना के मुंह में दे दिया।

अब दीप्ति वन्दना की चूत चाट रही थी और वन्दना मेरा लन्ड चूस रही थी।

फिर मैंने वन्दना को घोड़ी बनाया और उसकी चूत में लन्ड पेल दिया और झटके मारने लगा। वन्दना के चुचे हवा में झूल रहे थे।

अब दीप्ति ने वन्दना का मुंह अपनी चूत पर दबा दिया। वन्दना सामने से दीप्ति की चूत चाट रही थी और पीछे से मेरा लन्ड ले रही थी।

इतनी देर की चुदाई के दौरान दोनों दो दो तीन तीन बार झड़ चुकी थी कुछ देर बाद वन्दना दोबारा से झड़ गयी। फिर मैंने उसकी चूत से लन्ड निकाला और बेड पर लेट गया। दीप्ति आकर मेरे लन्ड पर बैठ गई और कूदने लगी।

फिर वन्दना दीप्ति की तरफ मुंह करके मुझसे अपनी चूत चटवाने लगी और खुद ने अपने होंठ दीप्ति के होंठों पर रख दिये।

कुछ देर बाद दीप्ति का बदन भी अकड़ने लगा और वो जोर से झड़ गई।

अब मेरा पानी निकलने वाला था, मैंने दीप्ति को बताया तो वो दोनों मेरे ऊपर से उठ गई। मैं बेड पर खड़ा हो गया। दीप्ति और वन्दना दोनों एक साथ मेरा लन्ड चूसने लगी.

कुछ देर बाद मेरे लन्ड से जोर से वीर्य की पिचकारी निकली जिससे दोनों बहनों के मुंह और बालों को भर दिया। दोनों ने एक दूसरी को चाटा और फिर मेरे लन्ड को भी दोनों ने चाट कर साफ कर दिया।

अब हम तीनों थक कर बेड पर लेट गए।

थोड़ी देर बाद वन्दना उठी, हम तीनों के लिए पेग बनाये और मुझे एक सिगरेट जला कर दी। हमने नंगे ही पेग पी कर सिगरेट खत्म की और एक दूसरे को चूम कर नंगे ही सो गए।

शाम को मेरी आँख 6.30 बजे खुली। मैंने देखा कि वो दोनों नंगी बहनें गहरी नींद में सोई हुई थी। दोनों बहनों का नंगा बदन बहुत ही कयामत ढा रहा था। मैंने दोनों को जगाया फिर हम तीनों साथ में नहाये और तैयार होकर घूमने चले गए।

हमने बाहर ही खाना खाया और वापिस आ गए।

उसके बाद हमने रात को भी जोरदार चुदाई की, उसके बाद दीप्ति सो गई और मैंने वन्दना को अलग कमरे में चोदा।

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6 Comments
AnonymousAnonymous7 days ago

घटिया, बेकार, कॉपी पेस्ट, बिना दिमाग लगाए की हुई चोरी.

AnonymousAnonymous7 months ago

Kis pagalkhane se aaya hai? Jamnadevi

badnaambadnaam10 months ago

Agar kabhi kahani likhne ki 'abcd' seekh jao, tab koshish karna

AnonymousAnonymousabout 1 year ago

This is a very sexy story of 2 sisters Deepti and Vandana who became lesbians during a threesome

AnonymousAnonymousabout 1 year ago

Vandana's nick name is Pinki

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