अंतरंग हमसफ़र भाग 009

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फूफेरी बहन से प्रेम का इजहार.
2.1k words
4.11
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00

Part 9 of the 342 part series

Updated 03/31/2024
Created 09/13/2020
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अभी तक आपने , मेरे अंतरंग हमसफ़र 8 में पढ़ा;

"मार्च अप्रैल के मस्त महीने हमेशा से ही सेक्स के बारे में अपने कामुक प्रभाव के लिए प्रसिद्ध रहे हैं क्योंकि सर्दी ख़त्म हो रही होती हैl ज्यादा गर्मी भी नहीं हुई होती है और कुदरत भी इस समय अपने रंग बदल रही होती हैl पेड़ो पर नए पत्ते आ रहे होते हैं और तरह तरह के रंग बिरंगे फूल चारो तरफ खिले होते हैं जिन्हे देख कर मन प्रफुल्लित हो जाता है। "

दोस्तों मैं दीपक आपने मेरी कहानिया झट शादी पट सुहागरात-1-4 में पढ़ा कैसे मेरी सहयोगी प्रीती एक दिन मेरे रूम में आ गयी शादी का जोड़ा लेकर l मैंने उसके साथ सुहागरात मनाई और उसके बाद मेरी और मेरे घर की देखभाल करने वाली रोजी और रूबी मिलीl प्रीती मेरी पहली चुदाई के बारे में पूछने लगी, तो मैंने उसे बताया किस तरह मैं रोज़ी और रूबी से मिला और कैसे मेरी और रोजी की पहली चुदाई हुईl उसके बाद कैसे मैंने रूबी को चोदाl हमारे गाँव के प्रवास के आखिरी दिन जंगल में हमने ग्रुप सेक्स और प्रेमिकाओ की अदला बदली का कार्यक्रम बनायाl रोजी ने हमे अपनी सहेली टीना से मिलवाया और टीना की पहली चुदाई कैसे हुईl फिर छोटे योनि के छेद वाली मोना को मैंने चोदा रात में एकबार फिर सबका एक साथ ग्रुप सेक्स हुआ और रोजी मेरे साथ शहर आ गयीl उसके बाद मेरी बुआ और उनकी तीन बेटियों लंदन से दिल्ली हमारे घर आयेl

अब आगे

अगले दिन सुबह सुबह टीना रूबी और मोना भी आ गयी और उन्हें देख कर टॉम और बॉब काफी खुश हो गए। उन तीनो को बुआ उनकी बेटियों और मेरे फूफेरे भाइयो बाले भवन की देखभाल की जिम्मेदारी दी गयी।

उस दिन सुबह के नाश्ते के बाद, सफर की थकान के कारण फूफा और बुआ उनकी सभी लड़किया अपने कमरे में जा कर ऊँघने लगेl दोनों बेटे बॉब और टॉम भी जल्दी से अपने कमरे में चले गए ,तो मैं भी भांप गया की वह क्या करने वाले हैं, तो मैंने रूबी को सावधान रहने के लिए कहा क्योंकि यहाँ पर काफी और लोग भी थे। जिस पर रूबी ने भी अपनी सहमति जताई और उसने मोना और टीना को भी सावधान कर दिया।

उसके बाद मैंने एक बार पीछे के मैदान में चहलकदमी करने का निर्णय किया, तो रोजी ने कहा बादल हो रहे हैंl आप छाता ले कर जाए कभी भी बरसात आ सकती हैl मैंने छाता लिया और मैदान की और चल दियाl

वहां पर मुझे अलका दिखाई दी, उसने गुलाबी रंग की साड़ी पहनी हुई थी और बगीचे में फूल चुन रही थी। वह बहुत सुन्दर लग रही थी।

उसने काफी झीनी सी गुलाबी रंग की चोली पहन रखी थीl जिसमे से उसके बड़े बड़े उरोज दिख रहे थेl वह फूल चुन चुन कर अपने साडी की झोली में डाल रही थीl तभी उसके नज़र मुझ पर पड़ी और वह एक दम से हैरान हो कर खड़ी हो गयीl ऐसा करने ने उसके सारे फूल जो उसने चुने थे, नीचे गिर गए l

वह मुझ से बोली आप कैसे हो?

मैंने कहा अच्छा हूँl में उसकी तारीफ करते हुए बोला इस साडी में तुम बेहद सुन्दर लग रही ही तो उसने शर्मा कर अपना सर नीचे झुका लियाl

वो नीचे बैठ कर गिरे हुए फूल दुबारा उठाने लगी तो मैं भी नीचे गिरे हुए फूल उठा कर उसके झोली में डालने लगा l ऐसे करते हुए मेरा ध्यान उसके वक्ष स्थल पर जा कर रुक गया, तो वह जब मुझे देखती थीl मैं भी झेंप कर दुबारा फूल उठाने लगता थाl ऐसा करते हुए हमारे हाथ टकरा जाते थेl हमने नीचे से सारे फूल उठाये ही थे की तभी हलकी सी बारिश शुरू हो गयीl तो मैंने कहा आप भीग जाओगी छतरी में आ जाओl वह छतरी के नीचे आ गयीl मेरे हाथ उसके स्तनों को हलके से छु रहे थेl तभी बारिश तेज हो गयीl मैंने कहा ठीक से पास आ जाओ नहीं तो भीग जाओगी और बीमार हो जाओगी, तो वह और नजदीक आ गयी और उसके उरोज मेरे हाथो से दब गए।

वह मुस्कुरा दी और मेरे हाथो की और देखने लगी मैंने भी देखा l न तो उसने पीछे हटने की कोशिस करि, न मैंने हाथ हटायाl वाह! क्या अनुभव था l क्या नरम मुलायम अहसास थाl

वह धीरे से बोली प्लीज ये छाता मुझे दे दीजिये मैं पकड़ लेती हूँl तो मैंने उसे छाता दे दिया और उसके हाथ पर अपना हाथ रखाl तभी एक जोर से बिजली कड़की और अलका डर कर मुझ से लिपट गयीl मैंने अपना दूसरा हाथ उसके कमर में डालते हुए दुसरे हाथ से अपने और खींचाl

मैं बोला जो कल आपने मुझे दिया था उसके बदले मुझे भी आपको कुछ देना है, और उसे अपनी और खींचते हुए उसे उसके ओंठो पर किश कर दियाl तभी दूर से एक आवाज आयी अलका आ जाओ, बारिश आ गयी है और अलका फूल सभालते हुए चुंबन तोड़ कर वहां से भाग गयी।

वहां हवा जोर जोर से चलने लगी मुझे बारिश पर बहुत गुस्सा आयाl ये अभी क्यों आ गयी, पर अलका के लिपटने का अहसास याद आते ही, बारिश अछि लगने लगी, क्योंकि बारिश के कारण ही अलका मेरे से लिपटी थीl मैं भी धीरे धीरे चलता हुआ बारिश के मजे लेता हुआ वापिस अपने कमरे में आ गया। वहां रोजी ने एक डायरी मुझे दी और बोली मुझे सफाई करते हुए कमरे में मुझे ये डायरी मिली है। मैंने डायरी को खोला तो मैं लिखाई से पहचान गया वो मेरे दादा जी की थी।

उसमे पहले पेज पर लिखा था ये डायरी मेरे पोते दीपक के लिए सन्देश हैl इसमें लिखा सन्देश दीपक के लिए है l अगर आप दीपक नहीं है तो ये डायरी आप दीपक को दे दे और दादा जी के हस्ताक्षर थे।

उसके अगले पन्नो पे क्या लिखा था मुझे समझ नहीं आ रही थी l मैंने कहा रोजी दादा जी ने कुछ कोड में लिखा है l मैं डायरी लेकर कमरे में घुमते हुए जहाँ खड़ा हुआ वहां एक शीशा था l रोजी बोली कुमार प्लीज वही रुकिए मैं शीशे में डायरी में जो लिखा है, उसमे से कुछ पढ़ पा रही हूँl तो मैंने भी डायरी को उल्टा कर दिया तो मुझे भी डायरी में जो लिखा है वह समझ आने लगा।

मैंने अगला पेज खोला तो उसमे मुझे आशीर्वाद के बाद लिखा था, ये डायरी दीपक तुम अकेले में पढ़ना । इसमें कुछ राज है। उसमे लिखा था दीपक ये वाला घर का हिस्सा जिसमे मेरे दादू रहते थेl उनके बाद वह मेरे अधीन होगा और गांव की भी सारी जमीं जायदाद कितनी है कहाँ है, सब का व्योरा था। इसके इलावा और भी सारी जमीन जायदाद प्रॉपर्टी बिज़नेस का व्योरा थाl दादू ने डायरी में लिखा था उनके मरने के बाद मुझे भी जा सारी जमीन जायदाद रुपए पैसे की जानकारी होनी चाहिए।

डायरी में कुछ गुप्त रास्तो का भी जिक्र था और दो तहखानों का जिक्र थाl गुप्त रास्तो कहाँ हैं, उनमे जाने का क्या रास्ता है और उनमे क्या छुपा है? इस बारे में डायरी में लिखा थाl यह उन तहखानों और गुप्त रास्तो को जब मैं खोज लूँगा तो वही पता चलेगा।

उस के बाद डायरी में कुछ और राज थे जिनका खुलासा मैं कहानी के अगले उपयुक्त भागो मे करूंगा।

तो मैं और रोजी दोनों उन दोनों तहखानों और रास्तो को खोजने में लग गए, पर वह नहीं मिले इतने में दोपहर के खाने का समय हो गयाl

रोजी बोली बाकी खोज का काम रात में करेंगे, अब आप दोपहर का भोजन कर लीजियेl तब तक हलकी हलकी बारिश हो रही थी ।

सब ने साथ में दोपहर का भोजन किया और चुकी बरसात जारी थी तो सब अपने कमरों में चले गए। हाल में केवल मैं, मेरी बुआ की लड़की जेन, लूसी और बॉब रह गए। हम कुछ देर बारिश को देखते रहे। बॉब पढ़ रहा था, तभी अचानक मौसम बदला और बारिश रुक गयी और धुप निकल आयी।

फिर हम लड़कों और लड़कियों ने मैदान में चहलकदमी की। मुझे विशेष रूप से मेरी फूफेरी बहन जेन जो की रूप में पूर्णतया सुन्दर विकसित गोरी , गहरी नीली आँखों के साथ, लाल होंठ, और एक पूर्ण विकसित बड़ी, गर्म छाती, जो मुझे इछाओ की की एक आदर्श ज्वालामुखी की तरह लग रही थी, ने अपनी और सबसे ज्यादा आकर्षित किया था। मैंने थोड़ा और घूमने का प्रस्ताव किया जिसे लूसी और बॉब ने अस्वीकार कर दिया।

मेरा फूफेरे भाई बॉब एक बहुत ही अशिष्ट साथी साबित हुआ। वह धूम्रपान करना चाहता था, इसलिए मुझे बोला आप जेन के साथ चले जाओ, तब तक मैं एक सिगरेट पी लेता हूँl लूसी बोली वह एक किताब जो उसने घर की लाइब्रेरी में देखि है उसे पढ़ना पसंद करेगी, वही जेन ने कहा वह तीन वर्षो बाद यहाँ आयी है और देखना चाहेगी यहाँ क्या क्या परिवर्तन हुए हैं।

जेन से मुझसे पहले मैदान में हुए बदलाव दिखाने के लिए अनुरोध कियाl मैंने फ्रैंक और लूसी से कहा "मुझे लगता है , साथियो आप दोनों बहुत आलसी हैं, आलस्य छोड़ दीजिये चलिए एक लम्बा चक्कर मार कर आते हैं। "

बॉब बोला इतने बढ़िया मौसम में मैं एक सिगरेट पीना चाहूंगाl सिगरेट का धुआँ आपकी निश्चित अच्छा नहीं लगेगाl इसके अलावा, मेरी बहन काफी अच्छी तरह से, या बेहतर योग्य है इसके लिए। मैं मैदान में बाहर निकलने के लिए बेहद उत्सुक नहीं हूंl मेरी बहन को इन सब में मुझ से ज्यादा शौक हैं। वैसे भी मैंने कभी भी कुछ भी नोटिस नहीं किया हैं।" और उसने एक दूसरी दिशा में जाकर अपनी सिगरेट सुलगा ली और लूसी वापिस हाल में चली गयी और कोई किताब पढ़ने लग गयी।

"आओ, जेन ," मैंने उसका हाथ लेते हुए कहा; " बॉब प्यार में है हम घूम कर आते हैं ।"

"नहीं, मुझे यकीन है कि वह अपनी बहनों को छोड़कर कभी किसी लड़की के बारे में नहीं सोचता," उसका जवाब था। तो मैंने कहा मुझे लगता है शायद उसे अपनी सिगरेट से प्यार है।

हम अब मैदान से आगे निकले। पेड़ो की एक छायादार सैर में, सबकी नज़र से दूर इसलिए मैं थोड़ा खुलते हुए बोला "लेकिन, अगर वह नहीं है तो निश्चित रूप से, आप, प्यार में हैं । मैं इसे आपकी आँखों से आपके लाल होते हुए सुन्दर गालो से और तेज चलती साँसों के कारण तेज धड़कती हुई बड़ी भारी छाती के ऊपर नीचे होने से बता सकता हूं ।"

अपनी बड़ी छाती के जिक्र से जेन का चेहरा एक दम से लाल हो गया पर निश्चित तौर पर उसकी विशेषताओं की प्रशंसा उसके लिए स्पष्ट रूप से मनभावन थी, और बिना नाराज हुए किसी भी आक्रामकता से दूर, वह शर्माते हुए चंचलता से बोली "ओह! आप थोड़ी , शरम कीजिये, दीपक!"

हम इस समय तक एक अच्छी दूरी पर आ गए थे और दूर दुर तक कोई नज़र नहीं आ रहा थाl एक सुविधाजनक स्थान पर एक पेड़ के नीचे खड़े होकर, तो शरमाई हुई जेन के चारों ओर मेरी बाहों को फेंक, मैंने उसके लाल ओंठो को चूमाl

उसे अपने पास खींचते हुए कहा, "अब, प्रिय जेन मैं तुम्हारा कजिन भाई हूँ और तुम्हारा पुराना मित्र और प्रशंसक हूँl तुम एक पूर्णतया सुन्दर युवती के रूप में विकसित हो चुकी होl मैं तुम्हारे इन सुन्दर ओंठो को किश करने से खुद को रोक नहीं सकाl मैं जब आप एक छोटी लड़की और मैं एक छोटा लड़का था तब से आप को पसंद करता हूँl अब यहाँ से जाने से पहले आप सब कबूल करिये और सच सच बताइये, तभी मैं आपको छोडूंगा "।

"लेकिन मेरे पास कबूल करने के लिए कुछ भी नहीं है दीपक।"

"क्या आपने कभी प्यार के बारे में नहीं सोचा हैं। जेन? आप मुझे देखिये. मेरे चेहरे को देखिए, क्या आप कह सकती हैं? कि यह आपके लिए अजनबी है," मैंने अपने बाए हाथ को उसकी गर्दन पर तब तक रखे रखा, जब तक कि मेरा दाहिने हाथ ने उसके हाँफते हुए उरोजों की गोलाइयों का माप नहीं लेने लगा।

मेरे ऐसा करने से वो मेरी तरफ घूमी और मेरी बातो का अर्थ समझने की एक निडर कोशिस करते हुए, उसके चेहरे का रंग सफ़ेद से पहले से कहीं ज्यादा गहरे सुर्ख लाल में बदल गयाl मेरी आँखे ने उसकी गहरे नीले रंग की आँखों से मुलाकात की तो उसमे एक मूक अपील नज़र आयी l लेकिन उसकी मूक अपील के जवाब मे मैंने बोलने की जगह उसे हर्षातिरेक से चूमा, और उसकी मीठी साँसों की खुशबू को में तब तक चूसता रहा, जब तक कि वह उत्तेजित हो कर कांपने नहीं लगी।

शाम होने लगी थी, मेरे हाथ उसकी खूबसूरत सुराहीदार गोरी चिकनी गर्दन को सहला रहे थे, और धीरे-धीरे नीचे की तरफ उसकी छाती की और बढ़ते हुए अपना काम कर रहे थेl आखिरकार मैंने फुसफुसाते हुए कहा, " जब मैंने आपके तीन साल पहले देखा था, उसके बाद से आप बहुत बहुत सुन्दर आकर्षक हो गयी हैं। आपके उरोज बहुत शानदार विकसित हुए हैं, डियर जेन, तुम अपने ममेरे भाई को बुरा तो नहीं मानोगी,? आपको मालूम नहीं मैं आपको कितना पसंद करता हूँ और उसके उरोजों को धीरे धीरे दबाने लगा और दुबारा उसको किस करने लगा। "

आगे क्या हुआ, ये कहानी जारी रहेगी l ।

आपका दीपक

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